गोदान ( उपन्यास ) की समीक्षा | Godan Book Review In Hindi
Godan Book Review In Hindi – हेल्लो फ्रेंड्स , आज के इस लेख में हम मुंशी प्रेमचंद जी की सर्वोतम कृति माना जाने वाला उपन्यास गोदान की समीक्षा करेंगे ! यह एक कृषि और भारतीय संस्कृति पर आधारित महाकाव्य है जिसमे भारतीय गाँवो के समाज का सजीव चित्रण किया गया है ! इस उपन्यास में होरी और धनियाँ को मुख्य पात्र बनाया गया है ! आइये जानते है Godan Book Review In Hindi
Introduction
Name – Godan ( उपन्यास )
Author – Munshi Premchand
Subject – साहित्य
Pages – 328
लेखक के बारे में ( About Author )
मुंशी प्रेमचंद का जन्म वाराणसी , उत्तर प्रदेश में 31 जुलाई , 1880 को हुआ ! वह एक अध्यापक और लेखक के रूप में जाने जाते थे ! उन्होंने बहुत सी कहानी और उपन्यासों की रचना की है ! उन्होंने अपनी कहानी और उपन्यासों द्वारा समाज में एक अलग ही पहचान बनाई है ! उनके कहानी और उपन्यास आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितने पहले थे ! 56 वर्ष की उम्र में 8 अक्टूम्बर 1936 को उनका देहांत हो गया था !
Godan Book Review In Hindi
गोदान ( Godan ) मुंशी प्रेमचंद का एक हिंदी उपन्यास है जिसमे 20 सदी के रुढ़िवादी समाज का जिवंत चित्रण किया गया है ! Godan में भारतीय किसान का अद्भुत चित्रण किया गया है जिसमे दिखाया गया है कि वह कैसे अपने परिवार को पालने के लिए सेठ , साहुकारो , जमींदारो आदि के शोषण का शिकार होता है और अपनी पूरी जिंदगी भय और निराशा के साथ गुजारता है !
गोदान में बताया गया है कि कैसे एक भारतीय किसान अपनी छोटी – छोटी जरूरतों के लिए साहुकारो से ऋण लेता है और हमेशा उस कर्ज को चुकाने के लिए निराशा में अपनी सम्पूर्ण जिंदगी गुजार देता है ! इसमें बताया गया है कि कैसे जमीदार , मील के मालिक , पेशेवर वकील , राजनेता लोग आदि अनपढ़ और नासमझ किसानो का शोषण करते है !
गोदान में लेखक प्रेमचंद ने जो भी बाते कही है वे सब एक संदर्भ में कही है जो आज भी उतना ही महत्वपूर्ण रखती है जितना वो पहले रखती थी ! गोदान में लेखक ने महाजनों , साहुकारो आदि पर तीखे प्रहार किये है और बताया है कि एक किसान को पूरी जिंदगी इनके चक्कर लगाने में गुजारनी पड़ती है !
गोदान उपन्यास के मुख्य पात्र
होरी – मुख्य नायक
धनियाँ – होरी की पत्नी
गोबर , सोना , रूपा – होरी की संतान
हीरा और शोभा – होरी के भाई
झुनियाँ – गोबर की पत्नी
मुंशी प्रेमचंद जी एक बहुत बड़े कहानीकार और उपन्यासकार के रूप में जाने जाते है ! उनकी कहानियां और उपन्यास आज भी समाज को एक अच्छा सन्देश देती है ! गोदान प्रेमचंद जी का एक बहुत ही शानदार उपन्यास है ! गोदान ( Godan ) में लेखक ने हमारे समाज की कुंठा , निराशा , ऋणग्रस्तता आदि का बहुत ही सुन्दर चित्रण किया है ! प्रेमचंद जी ने गोदान के जरिये यह बताने का प्रयास किया है कि भारतीय किसान साहुकारो के चंगुल में फसकर कर्ज का शिकार रहा है और अपने परिवार का पेट पालने की चिंता में ही अपना जीवन गुजर देता है !
Related Post :
- गबन उपन्यास का सारांश
- निर्मला मुंशी प्रेमचंद उपन्यास समीक्षा
- प्रतिज्ञा मुंशी प्रेमचंद उपन्यास समीक्षा
- आत्मा के लिए अमृत बुक समरी
- स्वयं में विश्वास
- Rich Dad Poor Dad Book Summary In Hindi | रिच डैड पुअर डैड
हेल्लो फ्रेंड्स , मेरा नाम जगदीश कुमावत है और मै BooksMirror.Com का फाउंडर हूँ ! यह एक हिंदी बुक्स ब्लॉग है जिसमे हम Motivational और self – help बुक्स की समरी और रिव्यु शेयर करते है !
Leave a Comment Cancel reply
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
How to write book review in Hindi with example- पुस्तक समीक्षा कैसे लिखें
अगर आप कोई ऐसी वेबसाइट खोलने की सोच रहे हैं जो किताबों पर आधारित है या किसी भी freelancer वेबसाइट पर book reviewer बनना चाहते हैं तो यह वेबसाइट आपके लिए ही है । आप इस पोस्ट में विस्तारपूर्वक जानेंगे कि how to write book review in Hindi यानि कि हिंदी में पुस्तक समीक्षा कैसे करें ? इस पोस्ट के माध्यम से आप आसानी से किसी भी book का review Hindi में कर सकते हैं ।
प्राचीन समय से ही किताबों की महत्ता विश्व समाज में सर्वोपरि रही है । पहले लोग किताबों के बारे में लोगों से सुन सुन कर , फिर किताब को पढ़ते थे । परन्तु , आज के digital दुनिया में लोग इंटरनेट पर किताबों के reviews खोजते हैं । इसके अलावा कई ऐसे publishers हैं जो अपनी किताब का review कराते हैं ताकि उन्हें सही मूल्यांकन का पता चल सकें । यह freelancing के अंतर्गत आता है ।
ऐसे में अगर आप किसी भी वजह या profession के लिए पुस्तक समीक्षा सीखना चाहते हैं तो how to write book review in Hindi का यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही ज्यादा हेल्पफुल रहेगा । इसलिए इसे अंत तक पढ़ें और अगर आपको यह हेल्पफुल लगे तो शेयर जरुर करें । तो चलिए जानते हैं book review format in Hindi –
Book review क्या है ?
Book review एक पुस्तक का विश्लेषण है जिसमें इसके विषय, खूबियां, कमियां और संदर्भ शामिल हैं । इसमें किताब का संक्षिप्त सारांश, लेखक के पृष्ठभूमि की जानकारी, किताब का विषय और कंटेंट का evaluation किया जाता है ।
अपने विद्यार्थी दौर में आपने अपने हिंदी / इंगलिश शिक्षक से बुक रिव्यू करने का होमवर्क अवश्य पाया होगा या पा रहे होंगे । तो ऐसे में आप किताब के बारे में क्या राय रखते हैं या आपको किताब कैसी लगी , यही नहीं लिख सकते । सही मायनों में पुस्तक समीक्षा यह नहीं है । पुस्तक समीक्षा करते वक्त आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –
- किताब का short summary ( सारांश )
- लेखक की पृष्ठभूमि
- किताब का टॉपिक
- Content का critical evaluation
अगर आप ऊपर दिए इन 4 बिंदुओं को ध्यान में रखकर book review in Hindi करते हैं तो वह सही मायनों में पुस्तक समीक्षा होगी । आगे आप इस how to write book review in Hindi पोस्ट में उदाहरण के माध्यम से भी जानेंगे कि पुस्तक समीक्षा कैसे करें ?
How to write book review in Hindi
चलिए आपके प्रश्न book review kaise kare का उत्तर देते हैं । इसके पहले आप यह instagram infographic देख सकते हैं जिससे कि आपको इस पोस्ट के बारे में संक्षेप में idea हो जाएगा ।
अगर आप सच में एक expert book reviewer बनना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले ढेर सारी किताबें पढ़ना चाहिए । आप किसी भी भाषा की किताबें पढ़कर काफी कुछ सीख सकते हैं इसलिए सबसे पहले पढ़ें ।
How to write book review in Hindi के लिए यह helpful infographic –
1. किताब की short summary लिखें
किसी भी किताब की समीक्षा करते समय , शुरुआत में उसकी short summary अवश्य लिखें । इससे लेखकों को उस किताब के content के बारे में थोड़ा idea हो जाता है कि वे किताब में क्या पढ़ेंगे । परन्तु , ध्यान रखें कि आपको इस summary में अपने reviews चाहे वो positive हों या negative , नहीं लिखना है । इसके साथ ही इस short summary में spoilers लिखने से बचें ।
अगर आप किताब के असली climax और अंत को शुरुआत में ही उजागर कर देंगे , तो readers के गुस्से का सामना आपको करना पड़ सकता है । इसलिए पाठकों के किताब पढ़ने के मज़े को बिल्कुल भी खराब न करें । इसके अलावा एक expert book reviewer की तरह किताब की समीक्षा करें ।
2. किताब के plus points को बताएं
book review in Hindi को लिखने के लिए short summary से शुरुआत करें । इसके बाद आपको बुक के बारे में short introduction देते हुए plus points बताना है । यह हमेशा ध्यान रखें कि समीक्षा के शुरुआत में कभी भी negative points को लिखने से बचें । किताब की अच्छाइयों को बताते हुए आप इन बिंदुओं का उत्तर दे सकते हैं –
- किताब में आपका सबसे पसंदीदा किरदार कौन था ?
- क्या किताब के सभी किरदार जीवंत ( real ) लग रहे थे ?
- क्या कोई पुस्तक पढ़ते समय आगे की कहानी को guess कर सकता है ?
- क्या आपको कहानी बांधे रखती है ?
- किताब में कौनसा भाग आपको सबसे अच्छा लगा ?
- क्या किताब ने आपकी भावनाओं से खेलने की कोशिश की ? जैसे हसना , रोना या दुखी होना इत्यादि ।
- आपको कौनसा dialogue सबसे रोचक लगा ?
3. किताब के negative points को लिखें
किताब के Good points को लिखने के बाद आपको उन points को लिखना चाहिए , जो आपको किताब के बारे में अच्छा न लगा हो । इसमें आप सभी negative points को लिख सकते हैं । Book review करते समय हमेशा critical रहें और ईमानदारी दिखाएं । आपकी किताब समीक्षा किसी भी पुस्तक के sales को घटा या बढ़ा सकती है इसलिए plz be honest !
Negative points को लिखते समय भी आप निम्न बिंदुओं पर गौर करें –
- क्या कहानी का main character पाठकों को entertain कर पाएगा या वह अपनी भूमिका सही से निभा पाया ?
- क्या आपको कहानी का अंत उबाऊपन लगा ? अगर हां तो क्यों ?
- क्या यह किताब / कहानी अपने main theme या topic से न्याय कर पाई ?
इन बिंदुओं को आप विस्तार से अपने किताब के नकारात्मक समीक्षा वाले भाग में लिख सकते हैं । इस तरह आप आसानी से और बेहतरीन तरीके से किताब के नकारात्मक पक्ष को भी पाठकों के समक्ष रख सकते हैं ।
4. अपने समीक्षा को round up करें
जिस तरह से आपने पूरी कहानी या किताब के कंटेंट को शुरुआत में summarise किया था ठीक उसी तरह आपको अपने book reviews को भी round up करना है । इसमें आप overall experience के बारे में बात करते हुए book recommendation भी कर सकते हैं । उदाहरण के तौर पर – यह किताब किसे पसंद आएगी ? क्या यह teenage बच्चो के पढ़ने लायक है ?
इसकेे अलावा आप ऐसी ही किसी अन्य किताब से compare भी कर सकते हैं । पर ध्यान रखें कि आप जिस भी अन्य किताब से compare करें , कम ही लिखें । ऐसा न लगे कि आप साथ ही किसी अन्य किताब की भी marketing कर रहे हों ।
5. किताब को rate करें
अगर आप जिस भी किताब का book review कर रहे हैं , उसका rating भी कर दें तो यह bonus point साबित होगा और आपके रीडर्स भी यह decide कर सकेंगे कि उन्हें यह पुस्तक पढ़नी है या नहीं । आप चाहें तो किताब के overall experience को 5 या 10 में से star दे सकते हैं ।
इस तरह आप समझ गए होंगे कि पुस्तक समीक्षा कैसे लिखें । पुस्तक समीक्षा को लिखने के लिए यह जरूरी 5 बिंदुओं को ध्यान में अवश्य रखें और बुक रिव्यू लिखना शुरू करें ।
How to write book review in Hindi – Examples
अगर आप How to write book review in Hindi का एक बेहतरीन Example तलाश रहे हैं , तो Femina वेबसाइट पर छपे Animal farm Hindi book review की पुस्तक समीक्षा को पढ़ सकते हैं । इसे पढ़कर आप सही मायने में किसी पुस्तक की समीक्षा कर सकते हैं ।
इसके अलावा भी अगर आप विद्यार्थी हैं तो learncbse पर इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं जिसमें ढेरों पुस्तक समीक्षाएं मौजूद है । इसे आप पढ़कर अपने स्कूली परीक्षाओं में लिख भी सकते हैं ।
पुस्तक समीक्षा के लिए क्या Qualification हैं ?
पुस्तक समीक्षा करने के लिए कोई specific qualification की जरूरत तो नहीं है , फिर भी अगर आप एक expert book reviewer बनना चाहते हैं तो हिंदी / इंगलिश विषय में स्नातक या स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई कर सकते हैं । इससे आपकी हिंदी या अंग्रेजी भाषा पर काफी अच्छी पकड़ हो जाएगी , जो आपको पुस्तक समीक्षा में काफी मदद करेगा ।
इसके अलावा भी आप पुस्तक समीक्षा लिखने से पहले इन बिंदुओं पर ध्यान दें –
- ज्यादा से ज्यादा किताबों को पढ़ें
- किताबों का मुफ्त में रिव्यू करना शुरू करें
- ऊपर बताए गए guidelines को ध्यान में रखकर ही book review करें
- Book review करते समय ईमानदारी दिखाएं और हमेशा रीडर्स की भलाई के बारे में सोचें
- अपनी इंटरनेट पर online presence बनाएं और सभी बुक रिव्यूज को अपने ब्लॉग पर रखें
- किसी खास genre की पुस्तक समीक्षा करने के लिए specialist बनें
- अपने सबसे बेहतरीन समीक्षाओं को इकट्ठा करें और जरूरत पड़ने पर clients को दिखाएं
- किसी बेहतरीन book community का हिस्सा जरूर बनें
- किसी भी बुक लॉन्च के एक महीने पहले से ही उस पुस्तक की समीक्षा की तैयारी करें
अगर आप ऊपर बताए गए सभी बिंदुओं पर ध्यान देकर book review in Hindi करते हैं तो आप आसानी से इस फील्ड में expert बन सकते हैं ।
Book review करने के लिए websites
अगर आप पुस्तक समीक्षा करने के लिए तैयार और eligible हैं तो आप content writing के अंतर्गत नीचे दिए वेबसाइट्स पर आने लिए जॉब ढूंढ सकते हैं ।
- writer fulbooks
- Kirkus Media
- Online Book Club
How to write book review in Hindi – Conclusion
अगर आप किसी भी पुस्तक की समीक्षा लिखना चाहते हैं या कर रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए काफी लाभदायक साबित होगा । इसे आप पूरा पढ़ें और पोस्ट में लिखें बिंदुओं को पुस्तक समीक्षा करते समय अवश्य ध्यान में रखें । How to write book reviews in Hindi का यह पोस्ट अगर आपको पसंद आया हो तो शेयर अवश्य करें ताकि अन्य लोगों को भी फायदा हो ।
- Review meaning in Hindi
- Literature review meaning in Hindi
- Amish Tripathi Books in Hindi
- Motivational Books in Hindi
- Atomic Habits Book Summary in Hindi
- Best Osho Books in Hindi
- Human Psychology Books in Hindi
इसके साथ ही आप पोस्ट के बारे में नीचे कॉमेंट कर सकते हैं । हम इस वेबसाइट पर पुस्तक समीक्षा भी करते हैं , तो आपको किस पुस्तक की समीक्षा चाहिए उसे भी कमेंट के जरिए अवश्य बताएं ।
I have always had a passion for writing and hence I ventured into blogging. In addition to writing, I enjoy reading and watching movies. I am inactive on social media so if you like the content then share it as much as possible .
Related Posts
Escrow account meaning in hindi – एस्क्रो अकाउंट क्या है, personality development course free in hindi – पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, iso certificate क्या होता है आईएसओ सर्टिफिकेट के फायदे और उपयोग.
Women emporment and bharat in hindi review
We’ll review this one in near future.
Very nicely written article, lot to learn from this. Good job they are very helpful for hindi review of books.
very nice content . thank you sir
Thanks Pramod, keep visiting.
Leave A Reply Cancel Reply
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.
- Skip to main content
- Skip to primary sidebar
Writing Tips Oasis - A website dedicated to helping writers to write and publish books.
पुस्तक समीक्षा कैसे लिखें
By Smitha Abraham
उत्कट पाठक सामान्यतः इसमें रुचि लेते हैं कि जो पुस्तकें उन्होंने पढ़ी हैं उनके संबंध में अन्य पाठक क्या राय रखते हैं। ऐसे पाठक उन पुस्तक समीक्षाओं को पढ़ना पसंद करेंगे जो एक निष्पक्ष बोध उपलब्ध करेगी कि यह पुस्तक किस संबंध में है। यह निबंध आपको दर्शाएगा कि पुस्तक समीक्षा कैसे लिखते हैं।
पुस्तक के संबंध में कुछ वाक्य लिखिए
पहला नियम है पुस्तक की कहानी को कभी भी प्रकट नहीं करना। पाठकों की कल्पना के लिए कुछ छोड़ दीजिए। पुस्तक में होने वाली घटनाओं के विस्तृत विवरण से बचना अच्छा है। यदि पुस्तक त्रयी या किसी श्रृंखला का अंश है, तब आप इसका, और यदि आप सोचते हैं कि कि इसका आनंद लेने के लिए श्रृंखला की अन्य पुस्तकों को पढ़ना आवश्यक है, उल्लेख कर सकते हैं।
उस चीज की चर्चा कीजिए जिसने आपको इस पुस्तक में आकर्षित किया था
अपने-आप से पूछिए कि आपको इस पुस्तक में सबसे आकर्षक क्या लगा था। जो आपको आकर्षक लगा था वह पात्र, कथानक चा विषय-वस्तु में से कुछ भी या कोई और चीज हो सकती है। कहानी, और जिस तरह से इसे कहा गया है उस पर अपने अनुभव तथा सोच पर ध्यान केंद्रित कीजिए। आप स्वयं से निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकते हैं और तदनुसार अपने उत्तरों पर आधारित एक समीक्षा लिख सकते हैं:
- आपकी पसंद का पात्र कौन था और क्यों?
- क्या पात्र आपको वास्तविक लगे थे?
- क्या कथानक में अनिश्चय/रोमांस या कोई ऐसी चीज थी जिसने आपको आकर्षित किया था?
- क्या पुस्तक ने आपको हँसाया या रुलाया था?
- दृश्य कैसे लिखे गए थे? वे किस प्रकार के दृश्य थे? उदाहरण के लिए आनंदपूर्ण दृश्य, रोमांटिक दृश्य, रहस्यात्मक दृश्य, इत्यादि।
- कथानक ने कैसा आकार लिया था? क्या कथानक ने आपके चित्त को आकर्षित किया था?
- क्या आपको संवाद पसंद आए थे? क्या कोई ऐसे संवाद थे जिनसे आप प्रेरित हुए थे?
- पुस्तक में समायोजन कैसा था? क्या यह ऊष्णतापूर्ण रोमांस था, या पागलपन भरे अभियान के लिए कोई विदेशी ठिकाना था? उदाहरण के लिए, कोई पर्वतीय क्षेत्र आसन्न संकट सूचित कर सकता है। वातावरण में व्याप्त गुलाबों की सुगंध रोमांस का सुझाव दे सकती है। किसी अस्पताल का प्रतीक्षा कक्ष विपदा सूचित करता है।
- किस तरह की शब्दावली का प्रयोग किया गया था? उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के ग्रामीण व्यक्तियों के द्वारा प्रयोग की गई भाषा इसी राज्य के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों से अलग सुनाई देगी।
पुस्तक के संबंध में किसी ऐसी चीज का उल्लेख कीजिए जो आपको पसंद नहीं आई थी
जहाँ आपको पुस्तक के अधिकांश अंश अच्छे लगे होंगे, कुछ ऐसा भी हो सकता है जो आपको पसंद नहीं आया हो। यह कहानी का अंत, जिस तरह से पात्रों से व्यवहार किया गया था, विषय-वस्तु, संवाद या समायोजन, कुछ भी हो सकता है। इसका वर्णन कीजिए।
अपनी पुस्तक समीक्षा का समापन कीजए
अपनी समीक्षा का सारांश यह उल्लेख करते हुए दीजिए कि किस प्रकार के पाठकों को यह पुस्तक आकर्षित करती है। यह युवा पाठक हो सकते हैं, वयस्क पाठक हो सकते हैं, नाटक, रोमांस, अनिश्चय, रहस्य या किसी अन्य विधा के कट्टर अनुगामी हो सकते हैं। यदि आप इस पुस्तक की आपके द्वारा पढ़ी गई किसी अन्य पुस्तक के साथ तुलना कर सकते हैं, तब उसे भी सम्मिलित कर लीजिए।
पुस्तक का मूल्यांकन कीजिए
पुस्तक का मूल्यंकन उपलब्ध कीजिए, उदाहरण के लिए, पाँच या दस में से स्कोर। यह पाठकों को एक अच्छी अवधारणा देगा कि पुस्तक को पढ़ा जाए या नहीं।
यहाँ पुस्तक समीक्षा की एक रूप रेखा दी गई है। इसे आप अपने विचारों तथा रुचि के अनुसार बना सकते हैं।
- एक रूपरेखा तैयार कीजिए
अपने नोट्स पढ़िए और अपनी समीक्षा का उद्देश्य लिखने के लिए उनके साथ मिलान कीजिए।
- प्रारूप लिखिए
अपने नोट्स मथिए और एक परिचय, मध्य तथा निष्कर्ष सम्मिलित कीजिए।
- प्रारूप का सुधार कीजिए
आपने जो लिखा है उसे फिर से पढ़िए, कछ समय व्यतीत होने दीजिए। तब वापस अपनी समीक्षा पर जा कर स्पष्टता, सामंजस्यता तथा व्याकरण, इत्यादि की जाँच कीजिए। [author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/10/Smitha-Abraham.jpg[/author_image] [author_info]I’m Smitha Abraham. I love traveling in my flights of imagination and use these flights to craft short stories and poetry. I am a budding writer from India. My passions are reading, creative writing, listening to music, learning new languages, meeting new people, getting acquainted with different cultures and traveling. Authors like Isabel Allende, Gabriel Garcia Marquez, Carlos Ruiz Zafón, genres like magic realism, historical romance, and writing styles that are imaginative and flow effortlessly fascinate me. I love to unwind with a book curled up on a sofa or by gazing at the stars by the sea shore. I am a nature lover and spending time admiring the sunset and sunrise is relaxing for me.[/author_info] [/author]
- ब्राइडल लुक
- बाल बढ़ाएं नैचुरली
- सेलेब स्टाइल
- ताज़ा ट्रेंड्स
- आपकी रसोई से
- घरेलू नुस्ख़े
- लव ऐंड सेक्स
- रिश्ते-नाते
- पैरेंटिंग टिप्स
- करियर ऐंड मनी
- चर्चित चेहरे
- विजुअल स्टोरीज
- Privacy Policy
- Terms of Use
पुस्तक समीक्षा: ज़िंदगी की गुल्लक
ePustakalay : Free Library | ई पुस्तकालय : मुफ्त पुस्तकालय
Hindi books, marathi books, sanskrit books, bangla books, सर्वाधिक लोकप्रिय पुस्तकें.
सम्पूर्ण महाभारत हिंदी {महाग्रंथ}
कामसूत्र (भाग 1, 2)
सम्भोग से समाधि की ओर
सुश्रुत संहिता
अष्टांग संग्रह
कोक शास्त्र भाग - 1
इतिहास संबंधी पुस्तकें.
राजस्थान का इतिहास
प्राचीन भारत का ऐतिहासिक भूगोल
अलबेरुनी का भारत
ह्वेनसांग की भारत यात्रा
सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यास.
त्याग - पत्र
तर्क संग्रह
वैशाली की नगरवधू
जायसी : व्यक्तित्व और कृतित्व
परीक्षा गुरु
सिन्दूर की होली
धार्मिक पुस्तकें.
देवी पुराण महाभागवत
अन्य पुस्तकें
हिंदी में प्रयुक्त संस्कृत शब्दों में अर्थ परिवर्तन
एक आदर्श महिला
अपभ्रंश मुक्तक काव्य और उसका हिंदी पर प्रभाव
सुख यहाँ भाग 1, 2
विविध ज्ञान विस्तार
मराठी माध्यमिक भौतिकी
ग्रामपाठशाला और निकृष्ट नौकरी नाटक
भारत की सम्पदा प्राकृतिक पदार्थ खंड 2
समर्थ रामदास स्वामी
तुलसी के राम
श्री मद्रविशेणाचार्यकृत पद्मचरितम भाग - 1
अथ पारसभागप्रारम्भ
दयानन्द महाकाव्य
स्वतंत्र भारत में प्रगति
प्राचीन भारतीय राजनीतिक विचारधारायें
विज्ञानं अनुशंधान पत्रिका
शीघ्र बोध भाग - 8
भीखा साहब की बानी और जीवन चरित्र
सीताराम सेकसरिया वाड्मय
भागवत शंकानिवारण मंजरी
घुमक्कड़ - शास्त्र
प्रसाद-साहित्य की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
राष्ट्रनिर्माता मु सो लि नी
परिओं का खेल
प्रश्नोपनिषत
नीति - विज्ञान
तुलसी के दल
प्रेम - द्वादशी
सौर ऊर्जा की कहानी
इकनोमिक डाटा अस कॉन्टैनेड इन अर्ली बुद्धिस्ट
श्रीषोडशकप्रकरणम्
भारतीय का सविधान
चीनी की जीवन गाथा
समकालीन विश्व इतिहास
भगवतीचरण वर्मा के उपन्यासों में कथाकला
सम्पूर्ण गांधी वांड्मय [खंड 33]
- India Today
- Business Today
- RajasthanTak
- ChhattisgarhTak
- Cosmopolitan
- Harper's Bazaar
- Aaj Tak Campus
- Brides Today
- Reader’s Digest
NOTIFICATIONS
बुक रिव्यू: चूड़ी बाजार में लड़की
आज की लड़कियों को कृष्ण कुमार की किताब 'चूड़ी बाजार में लड़की' जरूर पढ़नी चाहिए ताकि उन परिस्थितियों को समझने में उन्हें सहूलियत मिल सके जो अनावश्यक रूप से उनकी प्रगति की राह में बाधा हैं..
सुरेश कुमार
- नई दिल्ली,
- 05 मई 2014,
- (अपडेटेड 07 मई 2014, 4:28 PM IST)
किताब: चूड़ी बाज़ार में लड़की लेखक: कृष्ण कुमार प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन कीमत: 300 रुपये (हार्डबाउंड) स्त्री को लेकर प्रचलित मान्यताओं का घेरा 18 वर्ष की आयु की लड़की को जिस पूर्णता से कसता है, वह किसी अन्य आयु पर लागू नहीं होता. इस उम्र में परिवार, समाज, धर्म, नैतिकता यह सबकुछ एक साथ हावी होने लगते हैं. ऐसा लगने लगता है जैसे वह लड़की 18 की होकर गुनाह कर बैठी. एक अलग तरह के भय को साथ लेकर जीना उसकी आदत में शुमार हो जाता है. उसे तमाम हिदायतें दी जाने लगती हैं... ऐसे मत चलो, ऐसे मत रुको, ऐसे मत बोलो, ऐसे मत देखो... और फिर वह एक भय के साथ जीने लगती है. सच कहें तो वह भय नहीं आतंक होता है. भय तो उसे कहते हैं जो कभी-कभार लगे, जैसे अंधेरे से लगे तो उजाले में आकर दूर हो जाए, पिता से लगे तो उसके ऑफिस जाने पर हट जाए. परिवार, समाज, धर्म, नैतिकता का डर तो समूची चेतना में पसर जाता है, लड़कियां उसके साथ जीना सीखती हैं और इस तरह जीना उनके लड़की होने की परिभाषा बन जाता है.
भारत के संदर्भ में देखें तो नारी एक जटिल सामाजिक रचना है. मानव के रूप में वह पैदा भर होती है, पर जन्म के साथ ही उसकी पुनर्रचना का उपक्रम संस्कृति के कठोर औजारों के बल से आरंभ हो जाता है. संस्कृति के इसी कठोर औजारों पर जब एक सधे हुए शिक्षाविद् की नज़र पड़ती है तो उसके लिए समाज के इस सांस्कृतिक चेहरे की क्रूरता को देखना काफी कष्टदाई हो जाता है. वह बेचैन हो उठता है और फिर शुरू होती है उसकी अपनी यात्रा. उसे याद आ रही होती है बचपन की वह घटना जहां वो लड़कियों को अपनी मां एवं अन्य औरतों के साथ चूड़ी की दुकान में जाते देखा करता था. जहां कोई लड़की चूड़ी पहनने के लिए दुकानदार के सामने अपना हाथ बढ़ाती थी. अब उसे वह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक घटना जान पड़ती है. अब उसे समझ में आता है कि चूड़ी पहनाए जाने की इच्छा का जन्म और चूड़ी को अपनी सुंदरता का साधन मान लेने का भाव छोटी लड़की को पुरुष-प्रधान सभ्यता में ढालने के सहज चरण हैं.
'चूड़ी बाज़ार में लड़की' पांच अध्याय में सिमटी भारतीय स्त्री की सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक व्यवस्था पर गहन पड़ताल करती एक क्ला़सिक कृति है. इस पुस्तक में घर और परिवार में लड़कियों के प्रति होने वाले व्यवहार और इससे उसके जीवन में क्या बदलाव होता है, इसका काफी सूक्ष्म विश्लेषण किया गया है. तमाम तरह के साहित्यिक और सांस्कृातिक मिथकों पर गहन चिंतन के साथ ही एक बच्ची के बचपन से लेकर जवानी और फिर उसके कई रूपों में स्थापित होने तक अर्थात बच्ची से युवती और फिर औरत बनने की पूरी प्रकिया कैसे पुरुषवादी सोच के इर्द-गिर्द सामाजिक और सांस्कृतिक क्रिया-कलापों द्वारा संचालित हो रही है, लेखक कृष्ण कुमार ने इसका विश्लेलषण इस पुस्तक में काफी गहराई से किया है.
किसी पुरुष द्वारा सफल महिला को सशंकित होकर देखना उस पुरुष के सामाजिक और सांस्कृतिक संकट को दर्शता है. पहले मेरी समझ कुछ ऐसी ही थी लेकिन इस पुस्तक का अध्ययन करने के बाद यह समझ बनी कि वह पुरुष ही नहीं समाज में प्रचलित मान्यताओं, सांस्कृतिक मिथकों और नैतिकता के नाम पर एक घेरे में महिलाओं को बांधने का चलन एक प्रक्रिया है जिसका संचालन बड़े सुनियोजित ढंग से परिवार, समाज, शिक्षा और धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों के जरिए किया जा रहा है. वह पुरुष तो सिर्फ उसका एक अंग मात्र है. जरूरत है जहां भी और जिस स्वरूप में ऐसे मिथक सामने आएं उस पर खुलकर चर्चा हो. लड़के और लड़कियों के सामने चर्चा हो. इस पुस्तक के माध्यम से शिक्षाविद् कृष्ण कुमार ने एक बच्ची से औरत बनने की उन सारी सामाजिक और सांस्कृतिक प्रक्रियाओं को काफी संवेदनशीलता के साथ बयान किया है.
और एक बात यह भी कि मिथक का महत्व शाश्वत है, मगर व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में उसकी भूमिका इतिहास के पैमाने पर रखी जाकर बदली जानी चाहिए. भारत की स्त्रियों के जीवन में ऐसा क्यों नहीं हुआ, यह एक बड़ा प्रश्न है जिसके उत्तर की टोह में जाने पर हमें पितृसत्ता, संस्कृति और राज्य (शिक्षा को लेकर) के बीच गठबंधन का मजबूत ढांचा नज़र आएगा.
आधुनिक युग में जब लोकतांत्रिक राज्य ने व्यक्ति की गरिमा और व्यक्तियों के बीच समानता को कानूनी संरक्षण दिया है, भारतीय स्त्री के जीवन से उन मिथकों की छाया हटनी चाहिए जो उसे नारी की असहायता का संदेश देते हैं. ये मिथक कभी धर्म की आड़ में तो कभी परंपरा और प्रचलन की आड़ में लड़कियों के दिमाग पर अपनी पकड़ बनाते हैं और शिक्षा इस पकड़ को ढीला नहीं कर पाती. आज की लड़कियों को यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए ताकि उन परिस्थितियों को समझने में उन्हें सहूलियत मिल सके जो अनावश्यक रूप से उनकी प्रगति की राह में बाधा हैं.
सबसे तेज़ ख़बरों के लिए आजतक ऐप
- Choose your language
- मुख्य ख़बरें
- अंतरराष्ट्रीय
- उत्तर प्रदेश
- मोबाइल मेनिया
- श्री कृष्णा
- व्रत-त्योहार
- श्रीरामचरितमानस
- बॉलीवुड न्यूज़
- मूवी रिव्यू
- खुल जा सिम सिम
- आने वाली फिल्म
- बॉलीवुड फोकस
लाइफ स्टाइल
- वीमेन कॉर्नर
- नन्ही दुनिया
- दैनिक राशिफल
- आज का जन्मदिन
- आज का मुहूर्त
- वास्तु-फेंगशुई
- टैरो भविष्यवाणी
- पत्रिका मिलान
- रत्न विज्ञान
- धर्म संग्रह
- पुस्तक-समीक्षा
मालवी संस्कृति की मिठास : गेरी-गेरी छांव
ज्योति जैन की 2 नवप्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण और पुस्तक चर्चा
ये मध्यम वर्ग का जो आदमी दिखता है चमकीला, मुझे मालूम है, है कोट के पीछे नहीं अस्तर
The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर
रश्मि चौधरी की किताब संवेदनाओं का स्पर्श विमोचित
गांधी से मोदी तक : भारत पर पश्चिमी मीडिया के रवैये का पोस्टमार्टम है यह किताब
स्मृति आदित्य की किताब 'हथेलियों पर गुलाबी अक्षर' का विमोचन
जैसे ओस से भीगी भोर में चुपके से किसी ने हाथ पर हरसिंगार रख दिया हो
पुस्तक समीक्षा: सत्ता के दो दशक, किताब से जानिए, मनमोहन और मोदी सरकारों में बेहतर कौन
शिवाजी के किलों की कहानी बताती है हिन्दवी स्वराज्य दर्शन
धर्म और राजनीति के गिरोहों की शिनाख्त करता दस्तावेज है ज़हरखुरानी
पुस्तक भारतनामा- एक समीक्षा
प्रकृति से दूरी हमें कृत्रिमता की और ले जा रही है। डायरी लेखन विधा को पुनर्जीवित किया है इंदु पाराशर ने- डॉ. विकास दवे
पुस्तक समीक्षा : लोकहृदय के प्रतिष्ठापक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
संस्कृत दिवस कब है और क्यों मनाया जाता है?
कुछ तो लोग कहेंगे...लोगों का काम है कहना
पुस्तक समीक्षा : धूप का छोर, भाव-भीने दोहों का आकर्षक संग्रह
सुराज संकल्प का 'अमृतकाल' : मोदी सरकार के 9 वर्षों का मूल्यांकन करती एक किताब
महू अतीत एवं गौरव : महू का अपना रंग है, अपनी तासीर और कहने के लिए अपनी कई कहानियां भी
रूदादे-सफ़र- देहदान जैसे जटिल विषय का बखूबी चित्रण
- हमारे बारे में
- विज्ञापन दें
- हमसे संपर्क करें
- प्राइवेसी पालिसी
Copyright 2024, Webdunia.com
- My Result Plus
- Download App
- आज का काव्य
- आज का विचार
- सोशल मीडिया
- मेरे अल्फ़ाज़
- किताब समीक्षा
आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं
बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें
लोकप्रिय विषय
- विश्व काव्य
- शायरी संग्रह
- प्रेरणादायक
इस हफ्ते की किताब 567 Poems
‘क्या बिगाड़ के डर से न्याय की बात नहीं करोगे’ – प्रेमचंद का यह वाक्य आज बहुत प्रासंगिक
मार्टिन कार्टर की कविता 'तुम्हारे हाथों को देखते हुए'
Sarveshwar Dayal Saxena Poetry: आज रात वर्षा होगी, कहाँ हो तुम?
Bob Dylan Poetry: छिछला, निरुद्देश्य और लक्ष्यहीन जीवन हमें स्वीकार नहीं
शकील जैसे शायर की दास्तान उनकी पैदाईश से शुरू तो होती है लेकिन मौत पर खत्म नहीं होती...
जब अज्ञेय ने शिवमंगल सिंह से कहा "नाम 'सुमन' रख लेने से क्या होता है अगर सवेरे खिल भी न सकें"
Amar Ujala Kavya brings you a collection of news related to poetry and literary world with hindi poems, hindi shayari , urdu poetry. Read shayari and one line shayari in hindi of different flavors like love shayari, sad shayari, romantic shayari, life shayari and masterpieces of great poets
- Advertise with us
- Cookies Policy
- Terms and Conditions
- Products and Services
अमर उजाला एप इंस्टॉल कर रजिस्टर करें और 100 कॉइन्स पाएं
केवल नए रजिस्ट्रेशन पर, अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज आपके व्हाट्सएप पर.
सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप
45,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today
Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.
Verification Code
An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify
Thanks for your comment !
Our team will review it before it's shown to our readers.
ये हैं 10 Motivational Books जो देंगी आपको आत्मविश्वास
- Updated on
- मई 16, 2023
Motivational books in Hindi हमारे हृदय में उत्साह और प्रोत्साहन भरती हैं। Motivational books in Hindi के इस ब्लॉग में महान लोगों द्वारा लिखी गईं Motivational कविताएं, कहानियां, आदर्श जीवन परिचय आदि दिए गए हैं जो आपको अपने जीवन में हताश होने पर motivate करेंगी। महान लोगों की महत्वपूर्ण Motivational Books in Hindi आपको उत्साहित करेंगी और आपको सफलता की ओर अग्रसर करेगी। इस ब्लाॅग Motivational Books in Hindi में सफल लोगों के द्वारा लिखी गईं कुछ प्रेरणादायक किताबें नीचे बताई गई हैं, जो हमें जरूर पढ़नी चाहिए।
टॉप 10 मोटिवेशनल बुक्स इन हिंदी
नीचे टॉप 10 मोटिवेशनल बुक्स इन हिंदी, उनके अमेजन लिंक के साथ दी गई हैं, जहां से आप ऑनलाइन इन बुक्स को खरीद भी सकते हैं। नीचे हम जानेंगे Motivational Books in Hindi की सबसे बेहतरीन प्रेरणादायक किताबें।
सोचिये और अमीर बनिये
यह motivational book in Hindi सोच बदले अमीर बनें नेपोलियन हिल द्वारा लिखी गई है। प्रेरणादायक किताबें हमें अपने जीवन के बदलाव को समझने में मदद करती हैं। अगर आप अपनी जिंदगी को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो समझिए की यह किताब आपके लिए ही है। यह किताब आपकी सोच को प्रभावित कर, एक कारगर तरीके से आपको सफलता की उस सीढ़ी के करीब ले जाती है जहां से आपका बेशुमार दौलत और शौहरत कमाने की सपना साकार हो सकता है। हालांकि सुनने में यह बात थोड़ी अजीब ज़रूर लग सकती है कि एक किताब कैसे किसी को अमीर बनने में मदद कर सकती है लेकिन यही तो नेपोलियन हिल की इस किताब की खासियत है, यह आपको अपनी सोच में बदलाव मात्र से ही सफलता के उस जादुई फ़ॉर्मूले से अवगत करवाती है जिसने लाखों लोगों की जिंदगी बदली है।
यहां से खरीदें : Amazon link
यह भी पढ़ें : 50 Education Quotes हिंदी में
अनुभव से आत्मनिर्भर
प्रेरणादायक किताबें हमें जीवन के तमाम ऐसे पड़ावों से लड़ने में मदद करती हैं, जब हम हताश होते हैं। जैसा कि नाम से ही सिद्ध है अनुभव से आत्मनिर्भर कि अनुभव ही हमें आत्मनिर्भर बनाता है और जहां अनुभव होता है वहां जीवन में कई उतार-चढ़ाव सफलता को हासिल करने के लिए भी पैदा होते हैं। स्वयं को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए हमें आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है। अनुभव से आत्मनिर्भर किताब में कई ऐसी कविताओं का संग्रह है जो आप को आत्मनिर्भर बनने की ओर आगे प्रेरित करता है। यदि आप भी आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं तो इस किताब में मौजूद प्रेरणादायक कविताओं को जरूर ही पढ़े।
जीवन के उतार चढ़ावों के बीच सफलता की कहानी”यह इस किताब को दूसरा नाम दिया जाए तो गलत नहीं होगा। यदि आप भी आत्मनिर्भर बनने के लिए किसी सच्चे मार्गदर्शक की खोज में है तो आपके लिए यह किताब सच्चा मार्गदर्शक सिद्ध होगी।
यह भी पढ़ें :100 Motivational Quotes in Hindi
प्रेरणादायक किताबें जीवन में आत्मविश्वास लाने के साथ ही हमें और से मजबूत करती हैं। स्नेहा लेता द्वारा लिखित जीवन उजागर पुस्तक एक काव्य पुस्तक है जिसमें स्नेहा लता ने कई मुद्दों पर विचार किया है और बताया भी है। इन कविताओं के माध्यम से कई भाव उत्पन्न होते हैं। इन कविताओं में कई विषय जैसे सामाजिक मुद्दे, देशभक्ति कविताएं, प्रेरक कविताएं, अंधविश्वास, रूढ़ीवादी परंपरा इत्यादि जो आज भी कहीं न कहीं जिंदा है उन पर लिखी गई कविताएं इस पुस्तक में केंद्रित है इसी के साथ-साथ बच्चों की कविताएं भी इसमें देखने को मिलती है। स्नेहा लता ने इन मुद्दों पर कविताएं को बड़ी ही गहराई और सहजता से लिखा है कि मानव जैसे हम इन समस्याओं के भावों को अनुभव कर रहे हो। यदि आप भी एक सच्चे देशभक्त हैं और देश भक्ति तथा समाज से जुड़े मसलों पर विचार विमर्श करते हैं तो यह किताब आपके लिए बहुत अच्छी है।
यह भी पढ़ें : Motivational Poems in Hindi
अग्नि की उड़ान
प्रेरणादायक किताबें महान लोगों के द्वारा लिखी गई हैं। अग्नि की उड़ान पुस्तक में अब्दुल कलाम के जीवन चक्र के बारे में बताया गया है। अग्नि की उड़ान में अब्दुल कलाम के 32 साल का संस्मर्णो का वर्णन देखने को मिलता है। डॉक्टर कलाम के बचपन, शिक्षा और शुरुआती कार्य जीवन का वर्णन किया गया है। डॉ. कलाम का जीवन बहुत प्रेरणादायक तथा सफलता की चरम सीमा पर रहा है। यदि आप डॉक्टर कलाम के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो अग्नि की उड़ान आपके लिए सर्वश्रेष्ठ पुस्तक है।
यह भी पढ़ें : यदि कामयाब होना चाहते हैं तो जान ले सफलता के ये मंत्र
योगी कथामृत : एक योगी की आत्मकथा
योगी कथामृत परमहंस योगानन्द (5 जनवरी, 1893 – 7 मार्च, 1952) द्वारा रचित आत्मकथा है। प्रेरणादायक किताबें हमें जीवन में अनुशासित रहना सिखाती हैं। इस किताब में योगी के के बारे में वर्णन किया है। इसके साथ ही उनके माता-पिता के प्रति प्रेम तथा आदर भाव का भी वर्णन है। उनकी मां के देहांत की दुखद घटना भी इसमें पढ़ने को मिलती है। एक साधारण मानव से संत बनने के सफर का इसमें वर्णन किया गया है। संत बनने के सफर में जब वह हिमालय की ओर प्रस्थान कर रहे थे तो जो बाधाएं उत्पन्न हुई उसका वर्णन इसमें किया गया है। इतना ही नहीं कई सारे रोचक तथ्य इसमें केंद्रित हैं।
यहां से खरीदें : Amazon link
टाइम मैनेजमेंट
यह मोटिवेशनल बुक डॉ. सुधीर दिक्षित द्वारा लिखी गई है। यदि आप टाइम का सदुपयोग नहीं कर पा रहे हैं। समय सही से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं तो यह बुक आपके लिए ही है। टाइम मैनेजमेंट के लिए डॉ. सुधीर दीक्षित ने इसमें 30 सिद्धांत जैसे-समय की लॉग बुक रखें, आर्थिक लक्ष्य बनाएं, अपने प्राइम टाइम में कैसे काम करें, टाइम टेबल बनाएं, कर्म में जुट जाएं आदि ऐसे कई पॉइंट्स को बड़ी गहनता और सहज तरीके से समझाते हुए वर्णित किया है। प्रेरणादायक किताबें टाइम को मैनेज करने के लिए लाभकारी हैं।
यह भी पढ़ें : Personality Development Tips in Hindi
इसके लेखक हरिवंश राय बच्चन है जिनका जन्म 27 नवंबर 1907 में प्रयाग में हुआ था। प्रेरणादायक किताबें प्रकाशित होने में उनकी पुस्तक मधुशाला भी शामिल है। 1935 से मधुशाला प्रकाशित होती आ रही है। मधुशाला की कविताओं को कौन नहीं पड़ता और गुनगुनाता है। मधुशाला में कविताओं को इस तरह से पिरोया गया है मानो जैसे मोतियों की माला में मोतियों को पिरोया जाता है। और जो जैसे माला देखने में बहुत सुंदर और आकर्षक लगती है ठीक उसी प्रकार मधुशाला में कविताओं का वर्णन मन लुभावन है।
यहां से खऱीदें : Amazon link
यह भी पढ़ें : Exam Quotes in Hindi
हिंदी कविताओं का एक ऐसा संग्रह जिसमें जीवन के अलग-अलग रंग और उनकी उस अवस्था की पूरी जानकारी मौजूद है। यह किताब एक उद्देश्यपूर्ण कल्पना से जुड़ी है जो किसी व्यक्ति के जीवन के प्रति अपना अलग नजरिया और सकारात्मक पहलू को पेश करती है। जीवन रंग पुस्तक आपको हमेशा अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित करती है और अपने सपनों को पूरा करने की पूरी आजादी देती है। कभी-कभी हमारे पास सपने के बाद चलने के लिए अपने लिए कोई विकल्प नहीं बचता है लेकिन हमें खुद अपनी कठिनाईयों से लड़ते हुए अपने अदंर आत्मविश्वास पैदा करना चाहिए।
यहां से खऱीदें : Amazon link
ए टू जेड ऑफ लाइफ
ए टू जेड ऑफ लाइफ एक ऐसी मोटिवेशनल हिंदी की किताब है, जिसमें आपकी जिंदगी से जुड़े हर मुश्किल सवालों के जवाब बेहद आसानी से बताए गए हैं। इस किताब को शेखर जैन ने लिखा है। जिसमें उन्होंने \ ए से लेकर जेड तक यानी कुल 26 पत्रों की अहमियत बताई है। इस किताब के लेखक का दावा है कि अगर आप इस किताब में से हर एक दिन एक नया शब्द का अभ्यास करते हैं तो निश्चित रूप से आप हर दिन एक बेहतर व्यक्ति महसूस करेंगे। आपको बता दें कि इस किताब की सबसे ख़ास बात ये है कि इसका अभ्यास। हर दिन इसके अभ्यास के बाद इसमें व्यायाम दिया गया है और हर एक अभ्यास के बाद उस विशेष विषय से जुड़े 3 प्रश्न होंगे। इन तीन प्रश्न के उत्तर देने के बाद इस किताब को पढ़ने वाले किसी भी व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव जरूर आएगा।
सोच बड़ी कामयाबी बड़ी
अपने जमाने के मशहूर और लोकप्रिय पुस्तकों के लेखक डेल कार्नेगी की अधिकत्तर किताबें एक महत्वपूर्ण संदेश देती हैं। अगर हमको एक अच्छा संचारक बनना है और कई लोगों के सामने यदि आप जाएं तो आपको सभी लोगों के द्वारा पसंद किया जाए। वहीं अपनी रोजमर्रा की जिदंगी में सफल और खुशहाल जीवन जीना है तो आपको लेखक डेली कार्नेगी की किताब जरूर पढ़नी चाहिए। डेल कार्नेगी के लेखन को आधार के रूप में लेते हुए लाखों लोगों को अपने कॅरियर और जीवन को सकारात्मक रूप से आकार देने के लिए प्रेरित किया है। प्रत्येक आसान, प्रत्यक्ष सिद्धांत को कहानियों और उपाख्यानों द्वारा चित्रित किया गया है। आखिर में खुद डेल कार्नेगी एवं उनके द्वारा सबसे ज्यादा प्रशंसित उनके विचार और उपलब्धियाँ हासिल करने वाले लोगों को चयन भी इसमें शामिल है।
यहां से खरीदें : Amazon link
सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वालीं प्रेरणादायक किताबें (Hindi Motivational Books)
- 1. Rich Dad Poor Dad रिच डैड पुअर डैड लेखक: रोबर्ट टी. कियोसाकी (Robert T. Kiyosaki)
- 2. Rahasya (The Secret) रहस्य – दी सीक्रेट लेखक: रहोंदा ब्य्रने (Rhonda Byrne)
- 3. You Can Win जीत आपकी लेखक: शिव खेडा (Shiv Khera)
- 4. The Magic of Thinking Big बड़ी सोच का बड़ा जादू लेखक: डेविड जे श्वार्ट्ज (David J. Schwartz)
- 5. Body Language पहचानें शरीरी की भाषा लेखक: अलान, बारबरा पेयसे, (Allan, Barbara Pease)
- 6. Am I Making Myself Clear? संवाद का जादू लेखक: टेरी फेल्बर (Terry Felber)
- 7. Five point Someone फाइव पॉइंट समवन लेखक: चेतन भगत (Chetan Bhagat)
- 8. The Power of Positive Thinking सकारात्मक सोच की शक्ति लेखक: नार्मन विन्सेंट पाले (Norman Vincent Peale)
- 9. Chanakya Neeti चाणक्य निति लेखक: अश्विनी पराशर (Ashwini Parashar)
- 10. सन्यासी जिसने अपनी सम्पत्ति बेच दी लेखक: (रोबिन शर्मा)
दुनिया में बहुत सी मोटिवेशनल बुक्स लिखी गई हैं। उनमें से जीत आपकी, रिच डैड, पुअर डैड आदि बुक्स बेस्ट मोटिवेशनल बुक्स मानी जाती हैं।
प्रेरणादायक किताबें ऑनलाइन खरीदने के अलावा बुक्स शाॅप से भी खरीद सकते हैं।
जी हां, कुछ प्रेरणादायक किताबें पीडीएफ में उपलब्ध हैं।
स्टूडेंट्स को मोटिवेशन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपको अपने लक्ष्यों को पाने में मदद करती हैं।
उम्मीद है कि आपको यह Motivational Books in Hindi ब्लॉग अच्छा लगा होगा। आपको Motivational Book in hindi ब्लॉग पसंद आया हो तो लाइक करें और कमेंट सेक्शन में अपने रिव्यू हमें लिखकर बताएं तथा ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। इसी तरह के बहुत आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu पर बनें रहें।
रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।
प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें
अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।
Contact no. *
very nice books and how can purchase
विक्की जी, आप इन बुक्स को Amazon के माध्यम से खरीद सकते हैं।
Leaving already?
8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs
Grab this one-time opportunity to download this ebook
Connect With Us
45,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..
Resend OTP in
Need help with?
Study abroad.
UK, Canada, US & More
IELTS, GRE, GMAT & More
Scholarship, Loans & Forex
Country Preference
New Zealand
Which English test are you planning to take?
Which academic test are you planning to take.
Not Sure yet
When are you planning to take the exam?
Already booked my exam slot
Within 2 Months
Want to learn about the test
Which Degree do you wish to pursue?
When do you want to start studying abroad.
September 2024
January 2025
What is your budget to study abroad?
How would you describe this article ?
Please rate this article
We would like to hear more.
- BURDA LUXURY
- TRAVEL+LEISURE
- ARCHITECTURE+DESIGN
Exploring the literary treasures of India with these 12 Hindi novels
In the vast domain of literature, Hindi language fiction stands as a testament to the rich cultural landscape of India. Hindi literature has evolved over the years, offering readers a kaleidoscope of narratives that reflect the myriad facets of human experience. From timeless classics to contemporary masterpieces, these Hindi fiction books are the best you can get your hands on.
As we embark on a literary odyssey, we dig into the enchanting world of Hindi fiction books, celebrating the brilliance of storytellers who have crafted tales that transcend time and space. From the eloquence of Premchand’s poignant realism to the modern-day Hindi poetry by Harivansh Rai Bachchan , Hindi literature has continuously evolved, captivating readers with its ability to mirror society and articulate the complexities of the human soul. These best Hindi fiction books explore the intricacies of relationships, delve into societal nuances, and challenge conventional thinking.
Top 12 Hindi fiction books to add to your reading list
Godaan by munshi premchand.
This is a classic novel written by the renowned Indian author Munshi Premchand. Published in 1936, the novel is set in rural India during the pre-independence era and revolves around the life of Hori, a poor farmer, and his family. The narrative skillfully captures the socio-economic challenges faced by the agrarian community, depicting the harsh realities of caste divisions, poverty, and the exploitation of peasants. Through this Hindi fiction book, Munshi Premchand provides a vivid and realistic portrayal of rural life, offering readers a glimpse into the intricate web of human emotions and societal structures in early 20th-century India. The novel stands as a timeless classic, exploring the themes of morality, sacrifice, and the quest for dignity amidst a backdrop of agrarian struggles.
Buy Godaan by Munshi Premchand
Chaurasi by Satya Vyas
A love story influenced by the Sikh riots of 1984, this Hindi fiction book is about its protagonist Rishi, who becomes a rioter himself while saving a Sikh family from riots. To understand how love survives and trumps most difficult situations, one has to function from love from the core of his being. The story starts with how Rishi, an orphan, and his landlord Mr. Chhabra’s daughter Manu. They are poles apart, Manu is headstrong but naive, and Rishi is disobedient and stubborn, but pretends to be an introvert in front of Manu. When the riots broke in their city, Rishi vowed to keep Manu and her family safe, but that came with a cost. He had to turn violent himself and become a part of the riots, leading to merciless killings, looting, robbing, and raiding. A document of the times that it was, this is a story about the victory of love in turbulent times.
Buy Chaurasi by Satya Vyas here
Gunaho Ka Devta by Dharamvir Bharati
A classic Hindi fiction book written by Dharamvir Bharati, it is set against the backdrop of post-independence India. The novel explores the complexities of human relationships, morality, and societal norms. The story revolves around the lives of its central characters, Chandar and Sudha, whose fates become intertwined in a web of love, sacrifice, and tragedy. Chandar, a brooding and complex young man, becomes the object of affection for Sudha, a simple and virtuous girl. The novel delves into the intricacies of their relationship , examining the societal expectations, moral dilemmas, and personal sacrifices they face. As the characters navigate the challenges posed by love, duty, and honour, the novel raises profound questions about the nature of good and evil. This Hindi fiction book is celebrated for its deep exploration of human emotions and the philosophical themes it addresses.
Buy Gunaho Ka Devta by Dharamvir Bharati here
Kitne Pakistan by Kamleshwar
This is a thought-provoking novel written by Kamleshwar, a renowned Indian author. Originally published in Hindi, the novel delves into the complex fabric of India’s social and political landscape during the tumultuous period of partition in 1947. Kamleshwar weaves a narrative that explores the impact of partition on the lives of ordinary people and the deep-rooted scars it left on the nation’s collective psyche. The story unfolds through the perspective of a protagonist who witnesses the horrors of partition and the subsequent challenges faced by individuals on both sides of the newly drawn border. Through vivid storytelling, this Hindi fiction book captures the human cost of partition, portraying the emotional turmoil, loss, and displacement experienced by the characters. Kitne Pakistan is not just a historical account but serves as a powerful commentary on the complexities of identity, belonging, and the consequences of political decisions on the lives of common people.
Buy Kitne Pakistan by Kamleshwar here
Kashi Ka Assi by Kashinath Singh
A novel written by Kashinath Singh, this Hindi fiction book was originally published in Hindi. Set in the spiritual and cultural hub of Varanasi, the novel provides a vivid portrayal of the city’s multifaceted life and its socio-cultural intricacies. Kashinath Singh explores the complexities of the city through the lens of its residents, capturing the essence of Varanasi’s ancient traditions, religious practices, and the clash between modernity and age-old customs. The narrative weaves together the lives of diverse characters, reflecting the unique tapestry of Varanasi, from the ghats along the Ganges to the narrow lanes pulsating with the city’s history. With a blend of humour , satire, and social commentary, Kashi Ka Assi is a compelling exploration of the cultural dichotomies and the evolving landscape of one of the oldest and most revered cities in India.
Buy Kashi Ka Assi by Kashinath Singh here
Sevasadan by Munshi Premchand
Originally published in 1919, this is one of Premchand’s early works and holds a significant place in Hindi literature. Sevasadan translates to “The House of Service” in English. The novel explores the societal norms and challenges faced by women in early 20th-century India. The story revolves around the protagonist, Suman, a young and idealistic woman who strives for independence and self-realisation in a conservative and patriarchal society. Suman’s journey takes her through various struggles and conflicts as she attempts to break free from the traditional roles assigned to women. The novel delves into themes such as gender inequality, social reform, and the quest for personal freedom. This Hindi fiction book is celebrated for its realistic portrayal of characters and its social commentary. The narrative skillfully addresses the complexities of Indian society, shedding light on the oppression faced by women and the need for social transformation.
Buy Sevasadan by Munshi Premchand here
Raag Darbari by Shrilal Shukla
This is a critically acclaimed satirical Hindi novel written by Shrilal Shukla and published in 1968. This Hindi fiction book offers a scathing critique of the socio-political landscape of rural India. Set in the fictional town of Shivpalganj, the narrative unfolds through the eyes of the protagonist, Ranganath, a young man who returns to his ancestral village to recover from an illness. As Ranganath navigates the complex web of village politics, corruption, and social hierarchies, the novel exposes the hypocrisy and moral decay prevalent in the rural Indian society of the time. The title “ Raag Darbari ” alludes to the classical music tradition, symbolising the intricate and harmonious yet often discordant rhythms of life in the village. Using sharp wit and humor to depict the absurdities of power dynamics, caste prejudices, and the clash between tradition and modernity, this novel remains a timeless classic.
Buy Raag Darbari by Shrilal Shukla here
Shekhar Ek Jeevani by Agyeya
Written by Agyeya, the pen name of Satchidananda Hirananda Vatsyayan, this Hindi fiction book was originally published in 1940. The novel is a pioneering work and is considered a landmark in Hindi literature. Agyeya, an influential figure in the Chhayavaad movement, brings to life the tumultuous journey of the protagonist, Shekhar, through various phases of his life. The novel explores Shekhar’s evolution from a carefree and idealistic youth to a mature individual grappling with the complexities of life. Agyeya skillfully weaves elements of philosophy, spirituality, and social commentary into the narrative, providing readers with a thought-provoking and introspective experience. Through Shekhar’s experiences, the novel delves into the deeper aspects of human existence, touching upon themes of love, loss, self-discovery, and the quest for meaning. This novel not only showcases Agyeya’s mastery of the Hindi language but also reflects his innovative approach to storytelling.
Buy Shekhar Ek Jeevani by Agyeya here
Aapka Bunti by Mannu Bhandari
This is one of those Hindi fiction books without which neither Hindi literature of the 20th century is complete, nor is any discussion on the role of women in the right capacity. Having been translated into several languages, this novel is relevant even today. Through this novel, Mannu Bhandari recognises and breaks down the world of adults through the eyes and consciousness of a child. In this novel, a young boy Bunti looks at the grown-up world of his family through his child eyes and wounded eyes. But whether this novel is about Bunti or his mother Shakun is a bone of contention. Shakun’s ambitions and self-importance for herself is a challenge for the family, ultimately leading to her separation from her husband. In this conflict between a husband a wife, it is Bunti who suffers the most. The novel is highly acclaimed and praised for its understanding of child psychology.
Buy Aapka Bunti by Mannu Bhandari here
Nirmala by Munshi Premchand
First published in 1927, this Hindi fiction book is a poignant exploration of social issues and human emotions in early 20th-century India. The story revolves around the protagonist, Nirmala, a young and innocent bride who becomes a victim of societal norms, customs, and the prevailing patriarchy. Premchand skillfully weaves a narrative that delves into the harsh realities faced by women in a conservative society. Nirmala’s journey is marked by tragedy, as she navigates through the complexities of a dysfunctional marriage, societal expectations, and the challenges of being a woman in that era. The novel touches upon themes of gender discrimination, dowry, and the struggles faced by women in a male-dominated society. Premchand’s writing is characterised by its deep understanding of human nature and the socio-cultural backdrop of his time. Through Nirmala, he sheds light on the injustices faced by women and raises important questions about morality, social conventions, and the need for societal reform.
Buy Nirmala by Munshi Premchand here
Volga Se Ganga by Rahul Sankrityayan
Originally published in 1943, the novel is an epic tale that spans several millennia, tracing the cultural and historical evolution of Indian civilisation. The narrative unfolds in a series of interconnected stories, following the lives of characters who represent different epochs, from the Vedic period to the modern era. The title “Volga Se Ganga” symbolically links two major rivers, the Volga in Russia and the Ganga in India, to highlight the interconnectedness of human civilisations across geographical boundaries. Through vivid storytelling and meticulous research, Rahul Sankrityayan weaves together a tale of Indian history, mythology, and philosophy. The novel explores the themes of social change, cultural continuity, and the cyclical nature of life. This Hindi fiction book is celebrated for its literary richness, historical depth, and the author’s ability to present complex ideas in an accessible manner.
Buy Volga Se Ganga by Rahul Sankrityayan here
Madhushala by Harivansh Rai Bachchan
Madhushala is a renowned Hindi poem written by the legendary Indian poet Harivansh Rai Bachchan. It translates to “The House of Wine,” and the poem is a metaphorical exploration of life’s journey through the allegory of a tavern. In this literary masterpiece, Bachchan uses the metaphor of a tavern to symbolise the various stages and experiences of life. The verses are rich in symbolism, touching upon themes of joy, sorrow, love, and the transient nature of existence. The poet employs a unique blend of philosophical insights, vivid imagery, and rhythmic verses to create a work that resonates with readers, making this a timeless and celebrated piece of Hindi literature. The poem has gained widespread acclaim for its depth, universal themes, and the lyrical beauty of its verses, establishing Harivansh Rai Bachchan as one of the most influential poets in Indian literature.
Buy Madhushala by Harivansh Rai Bachchan here
Hero and Featured Images: Courtesy Amazon
Sreetama Basu
Digital Writer - Entertainment, Food & Drinks
A journalism student who studied the subject only to meet SRK in person, she settled for the best way to meet him. Covering Entertainment throughout her career, and now Food, Health and Lifestyle as well, Sreetama is also a self-proclaimed plant mom. In love with all things slow and quiet, she can often be found hunting for quiet corners with a glass of wine in hand. Other loves include little, inconsequential things, like neatly tucked-in bedsheets and big, significant things, like whole cheesecakes. She dreams of being a baker and writing about food someday.
Yes, I agree to the Privacy Policy
Most Popular
Recommended for you
From ‘future faking’ to ‘love bombing’: How to recognise red flags in relationships
Can’t stop listening to ‘Big Dawgs’? Add these HanuMankind tracks to your playlist
A travelling exhibition celebrating the masterpieces of India’s Padma Shri and National Awardees
A sombre monsoon evening with Prateek Kuhad’s playlist to keep you company
Follow our daily snapshots at @lifestyleasiaindia
Subscribe to our newsletter to get the latest updates.
You’re all set
Thank you for your subscription.
मेरा पसंदीदा पुस्तक पर निबंध (My Favourite Book Essay in Hindi)
किताबें/पुस्तकें हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनके द्वारा ही हमारी मानसिक ज्ञान का विकास विस्तृत रूप से होता हैं। किसी वस्तु या विषय की सम्पूर्ण जानकारी हम किताबों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य रूप से यह विषयों से संबंधित विभिन्न सूचनाओं और तथ्यों का एक सम्पूर्ण संग्रह हैं। हममें से बहुत से लोगों को किताबें पढ़ने का शौक होता है, पर हर एक की अपनी एक अलग पसंद होती हैं। जिसे हम अपनी पसंदीदा पुस्तक कहते हैं। इस निबंध में मैंने अपनी पसंद की पुस्तक के बारे में चर्चा की है।
मेरा पसंदीदा पुस्तक पर छोटे व बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Favourite Book in Hindi, Mera Pasandida Pustak par Nibandh Hindi mein)
मेरा पसंदीदा पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
मैंने बहुत सी किताबों को पढ़ा है, जिनमें से कुछ मेरे पाठ्यक्रम की है जो मेरे बौद्धिक क्षमता को बढ़ाती है तो कुछ किताबें मेरा मनोरंजन भी करती है। बचपन में मेरे माता-पिता ने मुझे पढ़ने के लिए कहानियों की पुस्तकें देते थे, जिसे पढ़ना मेरे लिए बहुत आनंददायी और ज्ञानवर्धक सिद्ध होती थी।
मेरी पसंदीदा पुस्तक
पंचतंत्र की किताब में सारस और केकड़े की एक कहानी है। जिसमें हमें केकड़े की बुद्धि और विवेक का परिचय देखने को मिलता है। इस कहानी में एक बूढ़ा सारस होता है जो अपना भोजन या शिकार आसानी से नहीं ढूढ़पाता था। एक दिन वह तालाब के किनारे वाले पेड़ पर बैठा था और तालाब में ढ़ेर सारी मछलियां, मेढ़क औरकेकड़े को तालाब में देखा। गर्मियों का मौसम होने के कारण तालाब में पानी कम ही बचा था। इसलिए तालाब के सभी जीव बहुत दुखी थे। तब इस चालक सारस ने इन मछलियों, मेढकों और केकड़ों को खाने की एक योजना बनाई। सारस ने तालाब के पास जाकर सभी जलीय जंतुओं से उनके उदासी का कारण पूछा तो सबने तालाब के पानी कम होने का कारण बताया।
तब सारस ने सबसे झूठ कहा की पहाड़ी के उस पार एक बहुत बड़ा तालाब है जिसमें ढेर सारा पानी भी हैं। उसने कहा यदि सब चाहे तो मैं एक-एक करके सभी को अपनी चोंच में पकड़ कर उस तालाब में छोड़ सकताहूं। पर असल में वह सभी को खाना चाहता था। सभी ने आपस में निर्णय कर एक-एक कर उसके साथ उस तालाब में जाने का निर्णय लिया। पर केकड़े ने सारस की चालाकी को समझ गया और जब उसके साथ जाने लगा तो वह सारस के गर्दन में लटकने का फैसला किया। जाते समय उसने सारस को मार कर केकड़ा वहां से भाग निकला।
पंचतंत्र की किताब मेरी पसंदीदा किताब है। इसकी कहानियां पढ़कर मुझे बहुत खुशी और साहस मिलती है। यह किताब हमें जीवन की नैतिक मूल्यों से भी परिचित कराती है। पुस्तकें हमें सारी दुनिया की जानकारी और उनके बारे में ज्ञान देती हैं, इसलिए वो हमारी सबसे अच्छी मित्र कही जाती हैं। एक अच्छे मित्र की तरह यह हमारी मदद करती हैं। हमें ज्ञान प्रदान करती है और हमारा मनोरंजन भी करती हैं।
निबंध – 2 मेरा पसंददीदा पुस्तक – महाभारत (400 शब्द)
सैकड़ो ऐसी किताबें हैं जिन्हें हम अपने जीवन में पढ़ते हैं। इनको पढ़ने से ही हमें रोचकता और हमारे ज्ञान का विकास होता है। कुछ ऐसी किताबें होती हैं जो हमें जीवन में बहुत अधिक प्रेरित करती हैं, और यह हमारे जीवन की सबसे अच्छी किताब होती है।
मेरा पसंदीदा पुस्तक का वर्णन
महाभारत मेरा पसंदीदा किताबों में से एक है। इसे पढ़ने से पहले मुझे इस महाकाव्य के बारे में कुछ भी नहीं पता था। यह पुस्तक मेरे दादा-दादी ने मेरे जन्मदिवस पर उपहार के रूप में दीया था। शुरू में जब मैंने इस किताब को पढ़ना आरम्भ किया तो यह मुझे थोड़ा उबाऊ प्रतीत हुआ, इसलिए मैंने इसे अपने पुस्तकों के दराज़ में सुरक्षित रख दीया। बाद में जब टेलीविजन पर महाभारत का नाट्य रूपांतरण दिखाया गया तो वह मुझे काफी दिलचस्प लगी। वह नाट्य उस दिन थोड़ी ही दिखाई गई थी और मुझे जल्दी से इसकी पूरी कहानी को जानना था। इसलिए मैंने इस महाभारत की किताब पढ़नी शुरू कर दी।
महाभारत हिन्दू सांस्कृतिक की प्रमुख महाकाव्यों में से एक है। यह महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित महाकाव्य है। इस महाकाव्य में 10,000 श्लोक निहित हैं। यह महाकाव्य मुख्यतः पांडवों और कौरवों के बीच हस्तिनापुर के राज शासन को प्राप्त करने की लड़ाई पर आधारित है। इस महाकाव्य के अनुसार कुरुक्षेत्र में इसकी लड़ाई लड़ी गई थी।
महाभारत की कहानी संक्षेप में
यह महाकाव्य मुख्य रूप से कौरवों और पांडवों की कहानी पर आधारित है। धृतराष्ट्र और पाण्डु दो भाई थे। धृतराष्ट्र बड़े थे पर जन्म से ही वो अंधे थे, इसलिए शासन का सारा कार्यभार पाण्डु को सौप दिया गया। पाण्डु की अकस्मातिक मृत्यु के पश्चात् धृतराष्ट्र को शासन सौपा गया जब तक पाण्डु के बेटे शासन के काबिल न हो जाये। धृतराष्ट्र के सौ पुत्र थे जिनमें से दुर्योधन सबसे बड़ा पुत्र था। पाण्डु के पांच पुत्र थे, युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव। जिन्हे पांच पांडव के नाम से जाना गया। दुर्योधन ने पांडवों को चौसर खेलने के लिए आमंत्रित किया जिसे पांडवों ने स्वीकार कर लिया। इस खेल में पांडवों ने अपना सब कुछ खो दिया दौपदी को भी।
सब कुछ दुर्योधन के हाथों हारने के बाद इन्हें 13 वर्षों के लिए राज्य से निर्वासन की सजा मिली। निर्वासन की अवधी पूरी करने के बाद जब पांडव इन्द्रप्रस्थ लौटे तब दुर्योधन ने हस्तिनापुर पड़ावों को वापस देने से इंकार कर दिया। नतीजतन पांडवों को न्याय और धर्म की लड़ाई लड़नी पड़ी। बाद में पांडवों ने कौरवों और उनकी सेना को हराकर युद्ध को जीत लिया।
कौरवों और पांडवों के इस लड़ाई में अर्जुन अपने भाइयों और अपने रिश्तेदारों से लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार न थे। तब अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने समझाया और उन्हें जीवन के ज्ञान का बोध कराया। कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए इस ज्ञान को “भगवत गीता” के नाम से जाना गया। इस पुस्तक में जीवन के ज्ञान का भंडार है। यह महाकाव्य महाभारत का ही एक हिस्सा है।
इस महाकाव्य के अंतर्गत 18 अध्याय और 700 श्लोक शामिल हैं। यह हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठों के साथ जीवन का आध्यात्मिक पाठ भी सिखाता है।
भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हैं कि केवल शरीर का नाश होता है, आत्मा का नहीं। आत्मा एक शरीर को छोड़ती है तो दूसरे शरीर को धारण कर लेती है। आत्मा अजर और अमर है। गीता में समझाया गया है कि परिणामों की चिंता किये बिना हमें अपने कर्म करने की आवश्यकता है। अपनी मेहनत से किये गए कार्य का परिणाम हमें अवश्य ही प्राप्त होता है। इसमें कहा गया है की मनुष्य का जीवन संघर्षों से भरा है और उसे एक दृढ़ निश्चय के साथ अपने जीवन के संघर्षों का सामना करने की आवश्यकता है।
महाभारत में दिए उपदेश मुझे बेहद पसंद है। यही उपदेश हमारे जीवन में उपस्थित समस्याओं को हल करने में हमारी मदद करती है। महाभारत की कहानी में हर किरदार का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है और इससे हमें अलग-अलग जीवन जीने के उद्देश्यों को सीखने की आवश्यकता हे।
निबंध – 3 मेरा पसंददीदा पुस्तक – रामायण (600 शब्द)
किताबें पढ़ना जीवन में एक अच्छी आदत की तरह होती है। यह हमारे अंदर के ज्ञान और हमारे नैतिक मूल्यों को बढ़ाता है। जीवन में हर किसी को किताब पढ़ने की अच्छी आदत को अपनाना चाहिए। किताबें हमारे जीवन में एक सच्चे साथी की तरह होते हैं। ये सभी पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं और पढ़ने की एक अच्छी आदत को अपनाकर हम अपने जीवन में सभी ज्ञान को अर्जित कर सकते हैं।
अपने जीवन में मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। मुझे उपन्यास और कहानियों की किताबें पढ़ने का बहुत शौक है। मुझे रामायण की किताब बहुत ही पसंद है। ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखी रामायण, महाभारत के बाद दूसरी सबसे बड़ी महाकाव्य है। यह हिन्दुओं के लिए बहुत पवित्र पुस्तक के रूप में जानी जाती है।
रामायण की कहानी
महान महाकाव्य रामायण भगवान राम के जीवन चरित्र को दर्शाती है। राम अयोध्या नरेश दशरथ के पुत्र थे। राजा दशरथ की तीन रानियां थी और राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चार पुत्र थे। इन चारों भाइयों में आपस में बहुत प्रेम था।
सभी चारों भाइयों ने अपनी शिक्षा हासिल करने के लिए अयोध्या से बहार गए और अपनी शिक्षा पूरी की। बाद में सभी ने अपनी शिक्षा पूरी की और अयोध्या वापस आये। सभी का एक साथ ही विवाह संपन्न हुआ। राम का विवाह सीता के साथ हुआ। भगवन राम अपने पिता दशरथ द्वारा माता कैकेयी को दिए वचन का पालन करने के लिए 14 वर्षों के लिए वनवास जाना पड़ा। वनवास तो सिर्फ राम को मिला था पर सीता ने अपने पत्नी धर्म का पालन करते हुए उनके साथ गई और साथ में उनके छोटे भाई लक्ष्मण भी गए। सभी एक साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल गए।
वनवास के दौरान 13 वर्ष का समय शांतिपूर्वक बीत गया पर 14वें वर्ष के दौरान राक्षस राज रावण ने सीता का हरण कर लिया। रावण ने सीता का छल से अपहरण करके लंका ले गया। तब राम ने रावण से युद्ध कर सीता को उनके चंगुल से मुक्त कराया और अपने साथ अयोध्या ले आये। राम, सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटने के बाद राम को अयोध्या का राजा घोषित किया गया। उन्होंने अपने जीवन में कई राक्षसों को मारा और संतों की रक्षा की। राम अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श राजा थे। अपनी प्रजा के मन की बातों को जानने के लिए वो अक्सर भेष बदलकर प्रजा के बीच जाते थे और बाद में उनकी समस्या का समाधान करते थे।
रामायण के पात्रों से मिली सीख
वैसे तो रामायण के मुख्य रूप से कई पात्र है जिनसे हमें सीख लेने की आवश्यकता है। उनमें से कुछ मुख्य पात्रों का हमारे जीवन में बहुत गहरा असर छोड़ती हैं।
वे अपने माता-पिता और अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श पुत्र थे। जिन्होंने अपने पिता के वचनों का पालन करने के लिए राजसी सुख को त्याग कर 14 वर्षों के वनवास को अपनाया। सीता के लिए वो एक आदर्श पति, अपने भाइयों के लिए वो एक आदर्श भाई और अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श राजा थे।
सीता का विवाह भगवान राम के साथ हुआ था और वह एक आदर्श पत्नी थी। राम को वनवास मिलने पर अपने पत्नी धर्म का पालन करने के लिए वो राम के साथ गयी। उन्होंने कहा था की पति को निर्वासन मिलने के बाद वो राजसी सुख कैसे भोग सकती है। अपने पत्नी धर्म और वचनों का पालन करते हुए वो सदा ही राम के साथ रही।
लक्ष्मण एक आदर्श भाई का प्रतिक है। वो अपने बड़े भाई राम को सबसे ज्यादा प्रिय थे और छोटे होने के साथ ही वो हमेशा राम की सेवा में लगे रहते थे। सभी चारों भाइयों में बहुत ही प्रेम था।
भरत एक आदर्श भाई का प्रतिरूप है। राम को 14 वर्ष के वनवास और माता कैकेयी के वचनों के अनुसार भरत को राजा बनाया गया था पर वो कभी भी राजगद्दी पर नहीं बैठे। सिहासन पर उन्होंने राम की खड़ाऊ रखी थी और खुद एक झोपड़ी बनाकर उसमें एक वनवासी जैसा जीवन व्यतीत करते थे। ऐसे कई उदाहरण हैं जिससे उनके आदर्श भाई और बड़े भाई के सम्मान का प्रतिक उनमें देखने को मिलता है।
राम के भक्तों में शबरी का अपना एक महत्त्वपूर्ण चरित्र है। उन्होंने भगवान राम से मिलने की आस में रोज राहों में फूल बिछाती और जंगलो से चुनिंदा फल बेर लाती थी। अंत में उनकी ये इच्छा भी पूरी हुई और इस बात से हमें सन्देश मिलता है की हमें अपनी उम्मीद कभी नहीं खोनी चाहिए और अपना प्रयास को जारी रखना चाहिए।
रामायण के सभी पात्र का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान हैं – जैसे हनुमान राम के सबसे बड़े भक्त थे। इसके अलावा राम की सभी माताएं, चारों भाई और रावण इत्यादि सभी एक सन्देश देते हैं।
रामायण पढ़ने के बाद नैतिक मूल्यों का विकास
रामायण को पढ़ने के उपरांत पता चला की हमें अपने जीवन में उदार भावना के साथ-साथ साहसी और बहादुर होना चाहिए। जीवन में सुख और दुःख दोनों चरण होते हैं। इन दोनों को सहजता से हमें अपने जीवन में अपनाने की आवश्यकता है।
महाकाव्य के अनुसार हमें अपने से बड़ों की बातों को और शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान का सम्मान करना चाहिए। उनके द्वारा कही गई हर बात को सुनना और उसका पालन करने की आवश्यकता हैं।
यह महाकाव्य हमें सिखाती है कि गलत और बुरे काम का परिणाम हमेशा ही बुरा होता है। हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग करने की आवश्यकता है। राक्षस राज रावण बहुत ही विद्वान और बलशाली राजा था, पर उसने छल से सीता का हरण किया था। विद्वान होने के बावजूद उसने अपने विवेक और बुद्धि का उपयोग सही तरीके से नहीं किया। अंततः उसका हर्जाना उसे अपने मृत्यु से चुकाना पड़ा। इसलिए हमें हमेशा अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल कर किसी भी कार्य को करने की आवश्यकता है। तभी हम उस कार्य को आसानी से सफल बना सकते है।
महाकाव्य रामायण में अपार ज्ञान और जीवन जीने के सिद्धांत हैं। लगभग हर घरों में रामायण की किताब मिल जाती है। मुझे इस किताब को बार-बार पढ़कर उनके जीवन जीने के नैतिक मूल्यों को समझना और उसे जीवन में अपनाना बहुत ही पसंद है। जिनके घरों में यह पुस्तक नहीं है, उन्हें एक बार जरूर इस किताब को पढ़ने की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें जीवन की तमाम आध्यात्मिक और नैतिक बातें बताई गयी है।
संबंधित पोस्ट
मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)
धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)
समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)
शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)
बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)
Leave a comment.
Your email address will not be published. Required fields are marked *
- Motivational
- Personality
- __Biography
- __Fictional character
- _Thought of the day
- _Short Story
- Book Review
- _Inspirational-Movies
कर्मभूमि-प्रेमचंद -पुस्तक समीक्षा
K armabhumi pustak samiksha in hindi | कर्मभूमि-प्रेमचंद - पुस्तक समीक्षा |मुंशी प्रेमचंद -कर्मभूमि .
कर्मभूमि समीक्षा / Karmabhumi Samiksha
|
| |
/ |
| |
/ |
| |
/ |
| |
/ |
| |
/ |
| |
/price |
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
|
कर्मभूमि का प्रकाशन 1934 मे हुआ था | 1930 के दशक की शुरुआत में भारत के एक बड़े समूह में गरीब और अनपढ़ लोगों शामिल थे , इन गरीबों और मेहनतकश जनता के प्रति सहानुभूति और विदेशी अत्याचार के खिलाफ ही प्रेमचंद ने कर्मभूमि की पृष्ठभूमि लिखी।
गांधीजी के सत्याग्रह आंदोलन से बहुत प्रभावित होने के कारण, प्रेमचंद ने इस उपन्यास को गांधीजी द्वारा बनाए गए सामाजिक लक्ष्यों ( स्वच्छ सड़क , आवास,जल )के इर्द-गिर्द रचा ।
इस उपन्यास में मानव जीवन को एक ऐसे कर्म के क्षेत्र के रूप में दिखाया जाता है जिसमें व्यक्तियों के चरित्र और नियति उनके कार्यों के माध्यम से बनती और प्रकट होती है। प्रत्येक चरित्र नैतिक जागृति के एक बिंदु पर पहुचते हैं , जहां सभी पुरुष व स्त्री को अपने विश्वासों पर कार्य करना चाहिए।
मुंशी प्रेमचंद जी मानव स्वाभाव को बहुत ही बारीकी से देखते थे शायद उनकी इस शक्ति का कारण ही था कि जो वे बहुत ही उत्तम ढंग से "मन के भावों " को व्यक्त किया | उन्होंने इंसान को इंसानी व्यवहार में ही दिखाया, न ही उनमे पूरी अच्छाई ही भरी हैं और न ही पूरी बुराई ही, उसमे काम, क्रोध, लोभ, मोह,ईषया ,जलन भी हैं ,तो सत्य, त्याग, विनय, दया, करूणा ,सेवा भी और यह हर मनुष्य में हैं|
किसी व्यक्ति का गुण और अवगुण स्थान एवं काल पर निर्भर होता हैं एक व्यक्ति कही अच्छा ,तो वही व्यक्ति कही और बुरा भी हो सकता हैं बस इन भावों की चाभी अहंकार हैं उपन्यास के सभी पात्र कही न कही अंहकार को रखे है सही या त्यागी होने का अहंकार ,दुसरो का भला करने का अहंकार ,स्वयं के सत्यवान होने का अहंकार ,जो बहुत ही सरलता से प्रेमचंद्र देख लेते रहे होंगे, उनके रचे पात्र काल्पनिक तो है पर बिल्कुल वास्तविकता के साथ हैं|
क र्मभूमि, वह भूमि जहाँ सभी को अपना- अपना कर्म करना होता हैं | जो भी यहाँ हैं वह कर्म करेगा, चाहे काम कितना छोटा-सा ही क्यों न हो, पर मनुष्य अपने स्वभाव के वशीभूत हैं " तुलना करने का स्वभाव " !, उसे समझ ही नहीं आता की कर्म की श्रेष्ठता नापी ही नहीं जा सकती हैं स्वयं को कर्मयोगी और दूसरे को अकर्मी मानता हैं, और करे भी क्यों न ,उसके पास दो आंखे जो हैं और उससे वह अपने और दूसरे में अंतर करता हैं | अंतर करने की आदत में उसे अपने कर्म दूसरे से अपेक्षा सदैव ऊंचे,श्रेष्ठ और सही भी लगते है,
यह दोष उसके अहंम् में ही विद्यमान हैं उसे संसार के सारे सही कर्म का पता हैं अपने अल्प ज्ञान से ही वह सही गलत का निर्णय करता हैं बिना असल सत्य को जाने ,पर जब उसको सत्य का भान होता हैं, कि औरों (दूसरों )का कर्म उसके कर्म से कही ज्यादा ऊंचा हैं तब उसे आत्मबोध होता है
ये " आत्मबोध या नैतिक जागृति " की कहानी हैं , एक लोभी अपना सब कुछ त्याग करता है|,तो अपनों का सुख चाहने वाली, सभी के सुख के लिए कष्ट सहती हैं ,उसे अपने प्राणों का भी लोभ नहीं रहता हैं और जो त्याग के अहंकार में था उसे आत्मबोध होता हैं हर व्यक्ति अपने अपने तल पर बहुत ही कर्मठ हैं बस सही वक्त ही उसका रूप दिखा सकता हैं |
और अंत ,गरीबों की एक सभा में होता है जहां वे जमीन की मांग करते हैं। बोलने वालों में सबसे कम उम्र का व्यक्ति , एक पुलिसकर्मी की गोली से मार दिया जाता है, और इस घटना के बाद आखिरकार गरीबों के लिए जमीन की जीत होती है।
कर्मभूमि - पुस्तक समीक्षा | K armabhumi Pustak Samiksha in Hindi
- पुस्तक समीक्षा - 3000 टांके कृति "सुधा मूर्ति"|
- पुस्तक समीक्षा - गोदान कृति "प्रेमचंद्र "|
कर्मभूमि उपन्यास के पात्र / Karmabhumi novel patr
क र्मभूमि उपन्यास में अमरकांत मुख्य पात्र में हैं साथ ही अमरकांत के पिता लाला समरकांत,उसकी पत्नी सुखदा ,बहन नैना ,दोस्त सलीम ,सकीना ,डॉ. शांतिकुमार ,मुन्नी ,सलोनी और भी सहायक पात्र हैं |इस कहानी में मे महिला परत ने भी देश के लिए और अन्याय के खिलाफ बढ़ चढ़ कर भाग लिया हैं |
- पुस्तक समीक्षा - नीम का पेड़ कृति " राही मासूम रज़ा" |
- पुस्तक समीक्षा - चन्द्रकान्ता कृति देवकीनंदन खत्री
कर्मभूमि सारांश / Karmabhumi Saransh
कर्मभूमि 1930 के दशक के उत्तर प्रदेश की है। कहानी का मुख्य पात्र अमरकांत अपने बचपन से ही पिता समरकांत और उनके धनी स्वभाव को पसंद नहीं करता ,वह अपनी बहन नैना के कारण ही अपने घर से कुछ मोह रखता था |उसे उनके दुकान में काम करना भी पसंद नहीं करता , और अपने कुछ मित्रों के साथ आजादी की लड़ाई मे लग जाते हैं और पश्चिमी सभ्यता के विरोधी होते हैं
अमरकांत एक बुद्धिमान और आदर्शवादी हैं, यदपि कमजोर भी , वह युवा जो अपने पिता के व्यवसाय से घृणा करने और हिंदू धर्म की औपचारिकताओं का पालन करने के लिए बड़ा हुआ है।
उन्होंने सुखदा से शादी की जो सुंदर और बुद्धिमान हैं लेकिन जीवन के लिए अपने तार्किक और डाउन-टू-अर्थ दृष्टिकोण के माध्यम से उन पर हावी हैं। अमरकांत अपनी पत्नी को भी धन चाहने वाली सुख सुविधा कहने वाली विलासनी औरत मानता हैं |
घर में प्यार से वंचित तथा अपनी पत्नी से तंग आकर, अमरकांत ने अपने बूढ़े सेविका की पोती, विनम्र सकीना की ओर आकर्षित होता हैं । जब उसके पिता सकीना को स्वीकार करने से मना कर देते हैं, तो अमरकांत घर छोड़ देता है और गांव- गांव भटकने लगता हैं |
अंत में अछूतों के एक गांव में बसने के बाद, वह बच्चों को पढ़ाता हैं और ग्रामीणों को भूमि कर के खिलाफ राहत के लिए उनकी लड़ाई में मदद करता हैं।
शुरू में गरीबों के लिए अपने पति की सहानुभूति को समझने में असमर्थ, सुखदा आखिरकार आंदोलन में शामिल हो जाती हैं , जब उसने सुखदा पुलिस को मंदिरों के अंदर अछूतों की स्वीकृति के लिए अहिंसक प्रदर्शन पर गोलीबारी करते देखा। तब वह शहर के गरीब और दलित नेता के रूप में तुरंत पहचान और स्वीकृति प्राप्त करता है।
वही दूसरी ओर इसी तरह की मान्यता पहचान प्राप्त करने की इच्छा से प्रभावित, अमरकांत सीधे टकराव (हिंसा) के पक्ष में अहिंसा के मार्ग से भटक गए, जिससे किसानों में कई लोग हताहत हुए। और अंत में आखिरकार महसूस करता है कि गांधीवादी रास्ता बेहतर था और इसकी ओर लौटता हैं ।
- पुस्तक समीक्षा - 3000 टांके कृति "सुधा मूर्ति"|
- पुस्तक समीक्षा - गोदान कृति "प्रेमचंद्र "|
- पुस्तक समीक्षा - नीम का पेड़ कृति " राही मासूम रज़ा" |
- पुस्तक समीक्षा - चन्द्रकान्ता कृति देवकीनंदन खत्री
- पुस्तक समीक्षा - हैरी पॉटर और पारस पत्थर
संपर्क फ़ॉर्म
Godan Book Review in Hindi
आज की पोस्ट में हम गोदान उपन्यास के सारांश को पढ़ेंगे और गोदान उपन्यास की समीक्षा व प्रश्नोत्तर (godan book review in hindi )तैयार करेंगे
गोदान उपन्यास सारांश – Godan Summary in Hindi
Table of Contents
अवध प्रांत में पांच मील के फासले पर दो गाँव हैं: सेमरी और बेलारी । होरी बेलारी में रहता है और राय साहब अमर पाल सिंह सेमरी में रहते हैं। खन्ना, मालती और डाॅ.मेहता लखनऊ में रहते हैं। गोदान का आरंभ ग्रामीण परिवेश से होता है। धनिया के मना करने पर भी होरी रायसाहब से मिलने बेलारी से सेमरी जाता है। उसे लगता है कि रायसाहब से मिलते रहने से कुछ सामाजिक मर्यादा बढ़ जाती है। वह कहता है, ’’यह इसी मिलते-जुलते रहने का परसाद है कि अब तब जान जान बची हुई है।’’ वह समझता है कि इनके पाँवों तले अपनी गर्दन दबी हुई है। इसलिए उन पाँवों के सहलाने में ही कुशल है।
रास्ते में उसे पङोस के गाँव का ग्वाला भोला मिलता है। उसकी गायों को देखकर होरी के मन में एक गाय रखने की लालसा उत्पन्न होती है। वह विधुर भोला के मन में फिर से सगाई करा देने का लालच देता है। भोला उसे अस्सी रुपये की गाय उधार पर ले जाने का आग्रह करता है और अपने पास भूसे की कमी बात करता है। होरी अभाव में पङे आदमी से गाय ले लेने को उचित न मानकर फिर ले लूंगा। कहकर गाय लेने से मना कर देता है, पर भूसा देने का वायदा कर सेमरी में पहुँचता है।
रायसाहब अपनी असुविधाओं को बता कर चाहते हैं कि टैक्स की वसूली में होरी उनकी सहायता करे। होरी उनकी बातों आ जाता है। इस समय एक आदमी आकर राय साहब को बताता है कि मजदूर बेगार करने से मना कर रहे है। यह सुनकर राय साहब आग बबूला हो जाते हैं और उन्हें हंटर से ठीक करने की कह उठकर चले जाते हैं।
घर पर पहुँचर होरी राय साहब भी तारीफ करता है बेटा गोबर उन्हें ’रंगा सियार’ कहकर उनसे अपनी नफरत जाहिर करता है। होरी बताता है कि उसने भोला को भूसा देने का वचन दिया है। यह सुनकर गोबर और धनिया उस पर बिगङते है। होरी जब बताता है कि भेाला धनिया की प्रशंसा कर रहा था, तब धनिया कुछ नरम पङ जाती है। भोला भूसा लेने आता है। धनिया तीन खोंचे भूसा भरवाकर पति और बेटे को उसके घर तक भूसा पहुँचाने को कहती है। भोला के घर पर उसकी विधवा बेटी झुनिया है। उससे गोबर की मुलाकात होती है। दोनों परस्पर के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। भोला होरी से दूसरे दिन गाय ले लेने को कहता है।
दूसरे दिन गोबर भोला के घर से गाय लाता है। झुनिया उसे छोङने बेलारी के निकट तक आती है। फिर मिलने का वायदा करके लौट जाती है।
गाय के आते ही होरी के घर में आनन्द की लहर उमङती है। गाय का भव्य स्वागत किया जाता है। गाय के लिए आँगन में नाँद गाङी जाती है। गाँववाले आकर गाय के लक्षण भी और होरी की खुशकिस्मती की तारीफ करते है। केवल अलग्योझा हो गए उसके दो भाई हीरा और शोभा नहीं आते। हीरा होरी की निंदा कर रहा था। होरी धनिया को यह बताता है। धनिया यह सुनकर उससे झगङती है।
सेमरी में राय साहब के घर पर उत्सव है। उसमें धनुषयज्ञ नाटक में होरी जनक के माली का अभिनय करता है। उत्सव के लिए होरी को पांच रुपये नजराना देना है। राय साबह के मेहमानों में गाँव और शहर के लोग हैं। शहर के मेहमान हैं – बिजली पत्र के संपादक पं. ओंकारनाथ, वकील तथा दलाल मि. तंखा, दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर डाॅ. मेहता, मिल मालिक मि. खन्ना, उनकी धर्मपत्नी कामिनी (गोविन्दी), डाॅक्टर मिस मालती और मिर्जा खुशींद। वहाँ बातचीत में रायसाहब जमींदारी प्रथा के शोषण की निंदा करते हैं।
डाॅ. मेहता और रायसाहब की कथनी और करनी के अंतर में प्रति व्यंग्य करते हैं। भोजन के समय मालती मांस-मदिरा का स्थान छोङकर ओंकारनाथ को भुलावे में डालकर शराब पिलवा देती है और वायदे के मुताबिक एक हजार रुपये इनाम लेती है। उसी समय पठान के वेश में डाॅ. मेहता आकर रुपये मांगते हैं और धमकी देते हैं कि रुपए न मिले तो वे गोली चला देंगे। अंत में होरी वहाँ प्रवेश करके पठान को गिराकर उसकी मूँछें उखाङ लेता है। पठान के वेश में आए मेहता की नाटकबाजी वहीं खत्म हो जाती है।
उसी समय सब शिकार खेलने जाने का कार्यक्रम बनाते हैं। तीन टोलियाँ बनती हैं। पहली टोली में मेहता और मालती जाते हैं। मालती मेहता के प्रति आकर्षित है, पर मेहता को इस ओर कोई आकर्षण नहीं है। मेहता को शिकार की चिङिया पानी से लाकर एक जंगली लङकी देती है और दोनों को अपने घर तक ले जाकर मधुर व्यवहार से खुश कर देती है।
इससे मालती ईर्ष्या करती है तो वह मेहता की नजर में गिर जाती है। दूसरी टोली के रायसाहब और खन्ना के बीच मिल के शेयर के बारे में बातचीत होती है। रायसाहब शेयर खरीदने की बात टाल देते हैं। तीसरी टोली में तंखा और मिर्जा हैं। मिर्जा एक हिरन का शिकार करते हैं। हिरन को एक ग्रामीण युवक को देते हैं। सब मिलकर उस युवक के गाँव में जाते हैं। खा-पीकर खुशी से सारा दिन वहाँ बताकर शाम को लौट आते हैं।
Godan premchand
होरी के घर पर गाय आ जाने से सब खुश थे। इतने में रायसाहब को कारिंदा कहता है कि नोखेराम बाकी लगान न चुकाने वाले खेत में हल नहीं जोत सकेंगे। होरी पैसे का इंतजाम करने के लिए साहूकार झींगुरीसिंह के पास पहुँचता है। झींगुरी सिंह की आँख गाय पर थी। उसने गाय ले लेने का चक्कर चलाया और कर्ज न लेकर लाचार होकर गाय बेचकर लगान चुकाने के लिए वह राजी हो जाता है और धनिया को भी राजी कर लेता है। रात को घर के भीतर उमस होने के कारण वह गाय को बाहर लाकर बांधता है और बीमार शोभा को देखकर लौटते समय गाय के पास हीरा को देखकर ठिठक जाता है।
उसी रात को विष दिए जाने से गाय मर जाती है तो होरी धनिया को हीरा पर शक होेने की बात बता देता है तो धनिया हीरा को गालियाँ देती है और सारे गाँव में कोहरराम मचा देती है। होरी भाई को बचाने के लिए सच को छिपाकर गोबर की झूठी कसम खा लेता है। जाँच पङताल करने दारोगा गाँव में आता है। गाँव के मुखिया लोग इस विपत्ति का फायदा उठाने के लिए हीरा पर जुर्माना लगाते हैं।
कुर्की से बचने तथा परिवार की इज्जत बचाने होरी झिंगुरी सिंह से कर्ज लेकर रिश्वत के पैसे लाता है, पर धनिया के कारण वह दारोगा को मिल नहीं पाता। दारोगा मुखिया लोगों के घर की तलाशी लेने की धमकी देकर उनसे भी रिश्वत के पैसे वसूल करके चला जाता है।
गोहत्या करके पाप के डर से हीरा घर से भाग जाता है। होरी हीरा की पत्नी पुनिया को खेत संभालता है। बीच में एक महीने तक बीमार भी पङ जाता है। एक रात होरी कङकती सर्दी में खेत की रखवाली कर रहा था कि धनिया वहाँ पहुँच जाती है और बताती है कि पांच महीने का गर्भ लेकर झुनिया घर में आ गई है। होरी पहले उसे निकाल देने की बात तो करता है, बाद में धनिया के समझाने पर उसे अपने घर में रहने का आश्वासन देता है।
Godan novel
अब फिर से पंचायत को होरी का गला दबाने का मौका मिल जाता है। झुनिया के एक लङका होता है। बिरादरी में ऐसे पाप के लिए गाँव की पंचायत होरी पर सौ रुपए नकद और तीस मन अनाज का डाँड लगाती है। धनिया पंचायत पर बहुत फुफकारती है। पर होरी झिंगुरी सिंह के पास मकान रेहन पर रखकर अस्सी रुपये लाता है और डाँड चुकाता है।
गोबर-झुनिया को चुपके से अपने घर में छोङकर लोकलज्जा के भय से लखनऊ शहर भाग जाता है। वह मिर्जा खुर्शीद के यहाँ महीन के पंद्रह रुपये वेतन पर नौकरी करता है। उनकी दी हुई कोठरी में रहता है।
डाँड में सारा अनाज दे देने के बाद होरी के पास कुछ नहीं बचता। इसी समय पुनिया उसकी सहायता करती है। वर्षा के अभाव से उसकी ईख सूख जाती है। भोला गाय के रुपये लेना चाहता है। होरी रुपये दे नहीं पाता। भोला होरी के बैल खोलकर ले जाता है। गाँववाले इसका विरोध करते हैं, पर धर्म के भय से मर्यादावादी और ईमानदार होरी विवश होकर इसकी अनुमति दे देता है।
मालती राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में व्यस्त रहने वाली महिला है। उसके प्रयत्न से मेहता वीमेन्स लीग में भाषण देने के दौरान महिलाओं को समान अधिकार की मांग छोङकर त्याग, दया, क्षमा अपनाने सुझाव देते हैं, जो गृहस्थ जीवन के लिए निहायत जरूरी है।
मालती मेहता से सहमत होती है। वह मेहता को अपने घर पर खाने बुलाती है। उसी समय मेहता आरोप लगाते हैं कि उसी के कारण मि. खन्ना, मिसेज खन्ना से अच्छा बर्ताव नहीं करते। यह सुनकर मालती बिगाङ जाती है और अपने घर चली जाती है।
रायसाहब को पता चल जाता है कि होरी से वसूल किए गए डाँड के सारे पैसे गाँव के मुखिया लोग खा गए। वे नोखेराम से रुपये देने को कहते हैं तो चारों महाजन ’बिजली’ के संपादक ओंकारनाथ को सूचना दे देते हैं कि वे अपनी पत्रिका में ऐसी सनसनीखेज खबर छापने जा रहे हैं। रायसाहब सौ ग्राहकों का चंदा रिश्वत के रूप में भरकर किसी तरह इसे छापने से रोक लेते हैं।
Godan novel in hindi
जब गाँव में बुवाई शुरू हो जाती है तब होरी के पास बैल नहीं है। होरी की लाचारी का फायदा उठाकर दातादीन होरी से साझे में बुवाई करने का प्रस्ताव देकर होरी को मजदूर के स्तर तक ले जाता है।
उधर दातादीन का बेटा मातादीन झुनिया को प्रेम-पाश में फँसाने के लिए प्रयास करता है। लेकिन बीच में सोना पहुँच जाने से मामला गङबङ होने से बच जाता है।
होरी ईख बेचने जाता है तो मिल मालिक से मिलकर महाजन सारा रुपया कर्ज के लिए वसूल कर लेते हैं। मि. खन्ना और उसकी पत्नी गोविंदी के स्वभाव में आकाश – पाताल का अंतर है।
गोविंदी सादा जीवन पसन्द करती है तो मि. खन्ना विलासमय जीवन। एक बार पति-पत्नी में बेटे के इलाज के लिए भिन्न-भिन्न डाॅक्टरों को बुलाने के मतांतर मेहता से होती है। मेहता उसकी प्रशंसा कर के उसे समझाबुझा कर घर लौटा लाते हैं। होरी दातादीन की मजूरी करने लगता है।
होरी दातादीन की मजदूरी करने लगता है। ऊख काटते समय कङी मेहनत करने के कारण वह बेहोश हो जाता है। उधर गोबर अब नौकरी छोङकर खोंचा लगाने के काम में लग जाता है। उसके पास दो पैसे हो जाते हैं। वह एक दिन गाँव में पहुँचता है। वह सभी के लिए सामान लाता है। गाँव में गोबर महाजनों की बङी बेइज्जती करता है।
होली के अवसर पर गाँव के मुखिया लोगों की नकल करके अभिनय किया जाता है। फलस्वरूप गोबर सभी महाजनों के क्रोध का शिकार बन जाता है। जंगी को शहर में नौकरी कराने का लोभ दिखाकर उसे प्रभावित कर देते हैं। वह भोला को मना कर नोखेराम को लगान वसूल करके रसीद न देने पर उसे अदालत की धमकी देता है। झुनिया को फुसलाकर शहर जाते समय माँ से झगङा हो जाता है।
माँ के पांव में सिर न झुकाकर बिलकुल उद्दंड और स्वार्थी बनकर बालबच्चों को लेकर शहर चला जाता है। राय साहब की कई समस्याएँ थीं। उनको कन्या का विवाह करना था, अदालत में एक मुकदमा करना था और सिर पर चुनाव भी थे। कुंवर दिग्विजय सिंह के साथ शादी तय हुई थी। राजा साहब के साथ चुनाव लङना था। पैसों की कमी थी इसीलिए वे तंखा के पास उधार मांगने के लिए जाते हैं। वे मना करते हैं तो वे खन्ना के पास जाते हैं।
Godan Summary in Hindi
खन्ना पहले आनाकानी करके बाद में कमीशन लेकर पैसों का इंतजाम कर सकने की बात बताते हैं। बातचीत के दौरान मेहता महिलाओं की व्यायामशाला की नींव रखने के लिए मना करते हैं।
रायसाहब पांच हजार लिख देते हैं। फिर मालती पहुँचती है तो खन्ना से एक हजार का चैक लिखवा लेती है। मातादीन की रखैल सिलिया अनाज के ढेर से कोई सेर भर अनाज दुलारी सहुआइन को दे देती है तो मातादीन उसे धिक्कारता है। निकल जाने को कहता है। सिलिया दुःखी होती है। सिलिया के बाप हरखू के कहने पर उसके साथी मातादीन के मुँह पर हड्डी डालकर उसे जातिभ्रष्ट कर देते हैं। धनिया सिलिया को अपने घर पर रख लेती है। सिलिया मजदूरी करके गुजरबसर करती है।
सोना सत्रह साल की हो गई थी। उसके विवाह के लिए पैसों की जरूरत थी। सोना को मालूम हुआ कि पिता विवाह के लिए दुलारी से दो सौ रुपये लाएँगे। सोना सिलिया को भावी पति मथुरा के पास भेजती है। ससुरालवाले बिना दहेज के बहू लेने को तैयार हो गए। लेकिन धनिया अपनी मर्यादा बचाने के लिए दहेज देना चाहती है। भोला एक जवान विधवा नोहरी से विवाह करता है। नोहरी के साथ बहुओं से नहीं पटती। पुत्री कामना भोला को घर से भगा देती है। नोखेराम नोहरी की लालसा से भोला को नौकर रख लेता है। नोहरी गाँव की रानी की जाती का है। लाला पटेश्वरी साहूकार मंगरू शाह को मंगरू शाह को भङकाकर होरी की सारी नोहरी गाँव की रानी की जाती का है।
लाला पटेश्वरी साहूकार मंगरू शाह को भङकाकर होरी की सारी ईख नीलाम कर देता है। इससे उगाही की उम्मीद न होने से दुलारी होरी को शादी के लिए दो सौ रुपये नहीं देती है। इतने में सहानुभूति दिखाकर नोहरी होरी को दो सौ रुपये देकर अपनी दयाशीलता का परिचय देती है।
शहर में परिवार लाकर गोबर देखता है कि जहाँ वह खोंचा लगाता था, वहीं दूसरा बैठने लगा है। उसको कारोबार में घाटा हुआ तो वह मिल में नौकरी कर लेता है। झुनिया को गोबर की कामुकता पसंद नहीं आती। गोबर को बेटा मर जाता है। झुनिया गर्भवती है। गोबर नशा करने लगा है। झुनिया को पीटता है, गालियाँ देता है।
Godan Summary in hindi
चुहिया की सहायता से झुनिया एक बेटे को जन्म देती है। मिल में झगङा हो जाने से गोबर घायल हो जाता है। मिल गोबर की सेवा करने के दौरान पति पत्नी में फिर संबंध स्वाभाविक हो जाता है।
मातादीन नोहरी के प्रति फिर से आकर्षित होता है। वह सिलिया के लिए छोटी को दो रुपये देता है। रुपये पाकर सिलिया खुश होती है। यह समाचार देने सोना के ससुराल पहुँचती है। मथुरा नोहरी से प्रेम-निवेदन करता है। दोनों पास-पास आ जाते हैं तो सोना की आवाज से पीछे हट जाते हैं। सोना सिलिया को बहुत फटकारती है।
मिल में आग लग गई थी। मिल में नए मजदूर ठीक से काम नहीं कर पा रहे थे। इसलिए पुराने मजदूर ले लिए जाते हैं। खन्ना-गोविंदी का मनमुटाव मिट जाता है। मेहता से प्रेरित होकर मालती सेवा-व्रत में लगी रहती है। एक दिन मेहता और मालती होरी के गाँव में पहुँचकर लोगों से मिलते हैं। सहायता करते हैं। राय साहब की लङकी की शादी हो जाती है।
मुकदमे और चुनाव में भी जीत होती है। वे लोग होम मेंबर भी बन जाते हैं। राजा साहब रायसाहब के पुत्र रुद्रप्रताप मालती की बहन सरोज से विवाह करके इंग्लैण्ड चला जाता है। फिर रायसाहब की बेटी और दामाद में विवाह विच्छेद हो जाता है। मालती देखती है कि दूसरों की सेवा करने के कारण ऊँची वेतन के बावजूद उन पर कर्ज है। कुर्की भी आई है।
तब मालती मेहता को अपने घर पर ले आती है। उनकी सहायता करती है। मालती गोबर को माली रख लेती है। उसके बेटे की चिकित्सा और सेवा भी करती हैं। मालती मेहता से विवाह करना अस्वीकार करके मित्र बनकर रहने को पसंद करती है।
मातादीन सिलिया के बालक को प्यार करता है। वह निमोनिया में कर जाता है। मातादीन सिलिया के प्रति आकर्षित होता है। सारा जाति-बंधन तोङकर उसके साथ रहता है।
होरी की आर्थिक दशा दिनोंदिन गिरती जाती है। तीन साल तक लगान न चुकाने से नोखेराम बेदखली का दावा करता है। मातादीन होरी को सुझाव देता है कि अधेङ रामसेवक मेहता से रूपा की शादी करके बदले में कुछ रुपए ले लें और खेती करे। होरी यह सुनकर बङा दुःखी होता है। पर अंत में होरी और धनिया राजी हो जाते हैं। गोबर को शादी में आने की खबर दी जाती है।
गोबर झुनिया को लेकर गाँव में पहुँचता है। रूपा की शादी होती है। मालती भी शादी में शरीक होती है। गोबर गाँव में झुनिया को छोङकर लखनऊ चला जाता है। रूपा ससुराल में समृद्धि देखकर पिता की गाय की लालसा की बात सोचकर दुःखी होती है। मैक जाते समय वह एक गाय ले जाने की बात सोचती है। होरी पोते मंगल के लिए गाय लेना चाहता था।
godan summary in hindi
इसलिए वह कंकङ खोदने की मजदूरी करता है। रात को बैठकर धनिया के साथ सुतली कातता है। एक दिन हीरा आकर पहुँचता है और होरी से माफी मांगता है। होरी खुश हो जाता है। होरी कंकङ खोदते समय दोपहर की छुट्टी के समय लेट जाता है। उसको कै (उल्टी) होती है। उसे लू लग जाती है। धनिया भाग कर आती है। सब इकट्ठे हो जाते हैं। शोभा और हीरा को घर पर ले गए।
होरी की जबान बंद हो गई। धनिया घरेलू उपचार करती है। सब बेकार जाता है। हीरा गो-दान करने को कहता है। दूसरे लोग भी यही कहते हैं। धनिया सुतली बेचकर रखे बीस आने पैसे पति के ठंडे हाथ में रखकर ब्राह्मण दातादीन से बोलती है – महाराज घर में न गाय है न बछिया, न पैसा। यही इनका गोदान है। विशेष – ‘गोदान’ केवल वर्तमान का एक निष्पक्ष चित्र है। उसमें आगत भविष्य की सम्भावनाओं झाँकी नहीं कराई गयी है। इसमें तो एक चरित्र को लेकर उसे अनेक परिस्थितियों में डालकर तथा बहुत से पात्रों और चरित्रों को संसर्ग में लाकर समाज का एक जीवित चित्र निर्माण किया गया है। इसमें भी ‘गबन’ की भाँति कथावस्तु और चरित्र में भेद नहीं रह गया है।
‘होरी’ के चरित्र की थोङी सी विशेषता दिखलाकर और उसे एक विशेष वातावरण में रखकर लेखक तटस्थ होकर स्वयं द्रष्टा बन जाता है। होरी अपने जातिगत स्वभाव से ही नवीन परिस्थितियाँ उत्पन्न करता है और फिर विवश होकर उनके अनुसार ही ढल जाता है।
इस परिस्थितियों की तरंगों में डूबता-उतरता नियति के हाथों का खिलौना वह कृषक जीवन-यात्रा के अंतिम छोर तक चला जाता है, परन्तु नगर वाले कथानक में यह बात इतनी स्पष्ट नहीं है। वहाँ पर परिस्थितियों की प्रतिक्रिया व्यक्ति पर इतनी सरलता से नहीं होती। रायसाहब, मिर्जा खुर्शेद तथा मेहता आदि प्रायः सभी में वैयक्तिकता है, परन्तु यह वैयक्तिकता इतनी सबल भी नहीं है कि वह परिस्थितियों को तोङ-मरोङ सके।
वास्तव में ‘गोदान‘ में साहूकारों द्वारा किसान के शोषण की ही कहानी है। ये साहूकार कई प्रकार के है, जिनमें झिंगुरीसिंह, पंडित दातादीन, लाला पटेश्वरी, दुलारी सहुआइन आदि। साहूकार के अतिरिक्त जमींदार और सरकार के अत्याचार का भी गोदान में साधारण दिग्दर्शन कराया गया है, किन्तु साहूकार, जमींदार और सरकार सबसे बढकर किसानों के सिर पर बिरादरी का भूत होता है।
बिरादरी से अलग जीवन की वह कोई कल्पना ही नहीं कर सकता है। शादी-ब्याह, मुंडन-छेदन, जन्म-मरण सब कुछ बिरादरी के हाथ में है। आप बङे से बङे पाप कर्म करते जाए, किन्तु बिरादरी तब तक सिर न उठाएगी जब आप उसके द्वारा निर्धारित कृत्रिम मर्यादा का पालन करते जा रहे है। जो इन कृत्रिम सामाजिक बन्धनों के निर्वाह में चुका है उसके लिए वह ग्रामीण समाज कठोर से कठोर दण्ड-व्यवस्था अपनाता है।
हमारे किसानों ने धर्म का एक बङा ही विकृत रूप अपनाया है, किन्तु धीरे-धीरे गाँवों में भी उष्ण रक्त इन कृत्रिमताओं का विरोध करने लगा है। ‘गोदान’ में गोबर, मातादीन, सिलिया, झुनिया आदि इसके उदाहरण हैं।
प्रेमचन्द का स्पष्ट कथन है कि ‘मेरे उपन्यास का उद्देश्य है धन के आधार पर दुश्मनी’। प्रेमचन्द ने अपनी सहानुभूति का बहुत बङा भाग शोषित वर्ग को समर्पित किया है। उन्होंने जमीदारों, पूँजीपतियों, महाजनों, धार्मिक पाखण्डियों के दोषों पर तीखे प्रहार किए हैं।
उन्होंने उपन्यास में प्रतिपादित किया है कि किसान को सबसे अधिक महाजनी सभ्यता से गुजरना पङता है। महाजनी सभ्यता क्रूरता तथा शोषण पर आधारित है।
गोदान उपन्यास पात्र-परिचयः
होरी- (मुख्य नायक) धनिया- होरी की पत्नी होरी की संतान- गोबर, सोना, रूपा झुनिया- गोबर की पत्नी (भोला की विधवा बेटी) होरी के भाई- हीरा और शोभा मालती मेहता साहूकार- झिंगुरी सिंह, पंडित दातादीन, लाला पटेश्वरी, दुलारी सहुआइन
गोदान उपन्यास के महत्वपूर्ण तथ्य
⇒ होरी की इच्छा पछाई गाय लेने की थी। ⇔ होरी भोला (ग्वाला) से गाय लाया था। ⇒ होरी के गाँव का नाम- बेलारी। ⇔ ‘‘गाँव क्या था, पुरवा था, दस-बारह घरों का, जिसमें आधे खपरैल के थे, आधे फूस के।’’-कोदई गाँव का वर्णन। ⇒ गोबर का वास्तविक नाम-गोवर्धन। ⇔ ‘बाहर से तितली है और भीतरी से मधुमक्खी’ यह कथन ‘गोदान‘ उपन्यास में-मालती के लिए। ⇒ ‘गोदान’ उपन्यास यथार्थवाद उपन्यास है, न कि आदर्शवाद। ⇔ ‘‘पहना दो मेरे हाथ में हथकङियाँ, देख लिया तुम्हारा न्याय और अक्ल की दौङ’’ कथन है-धनिया का। ⇒ उपन्यास में महाजनी सभ्यता का विरोध हुआ है। ⇔ कृषक की आर्थिक समस्या का चित्रण हुआ है। ⇒ यह उपन्यास समस्या प्रधान है। ⇔ ‘गोदान में गाँधी और मार्क्स को प्रेमचन्द ने घुला- मिला दिया है।’- कथन है बच्चन सिंह का। ⇒ प्रेमचन्द का सबसे विख्यात और अंतिम उपन्यास-गोदान (1936 ई.)। ⇔ गोदान की कथावस्तु-कृषक की समस्या। ⇒ होरी के पास पाँच बीघा जमीन थी। ⇔ गाँव की कथा और शहर की कथा साथ-साथ चलती है फिर दोनों कथाओं में संबंद्धता और संतुलन पाया जाता है। ⇒ गोदान एक राष्ट्रीय प्रतिनिधि उपन्यास है। ⇔ उपन्यास में शोषण व अन्याय के विरूद्ध भरती हुई नई पीढी की विद्रोह और असंतोष का प्रतीक है- गोबर। ⇒ मालती व मेहता लखनऊ में रहते है। ⇔ रायसाहब सेमरी गाँव में रहते है। ⇒ प्रेमचन्द ने गोदान को संक्रमण की पीङा का दस्तावेज बताया है। ⇔ पंडित दातादीन के पुत्र का नाम मातादीन था।
अगर हमारा ये प्रयास अच्छा लगा तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें
godan in hindi pdf यहाँ क्लिक करें
ये भी अच्छे से जानें ⇓⇓
समास क्या होता है ?
परीक्षा में आने वाले मुहावरे
सर्वनाम व उसके भेद
महत्वपूर्ण विलोम शब्द देखें
विराम चिन्ह क्या है ?
परीक्षा में आने वाले ही शब्द युग्म ही पढ़ें
साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें
- godan upanyas,godan in hindi
- godan upanyas,godan premchand,
- godan novel in hindi,
- godan book,
- godan in hindi,
- godan novel,
- godan premchand in hindi,
- munshi premchand godan in hindi,
- godaan by premchand,
- godan munshi premchand,
- godan book in hindi,
- premchand novel godan summary in hindi,
- book review in hindi,godan summary in hindi,
- godan novel summary in hindi,
- story of godan bypremchand in hindi,
- premchand novel godan in hindi,
- godan novel in hindi pdf,
- premchand novel godan,
- munshi premchand books in hindi,
- godan story,
- munshi premchand stories in hindi godan,
- premchand godan summary,
- theme of godan by premchand,
- godan story in hindi,
- premchand novels,
- godan premchand in hindi pdf,
- munshi premchand upanyas godan in hindi,
- munshi premchand novels in hindi godan,
- premchand novel godan summary,
- premchand novel in hindi,
- premchand ki kahani godan,
- godan author,
- godan novel summary,
- story of premchand godan in hindi,
- godan online reading,
- munshi premchand ki kahani godan in hindi
- characters of godan by premchand in hindi,
- munshi premchand godan story,
- munshi premchand godan summary in hindi,godan read online,
- munshi premchand godan in hindi pdf,
- godan in hindi pdf,
- story of godan by munshi premchand,
- premchand story godan summary in hindi,
- godan premchand pdf,
- godan writer,
- short story of godan in hindi,
- premchand in hindi,
- godan story in short,
- godan novel written by premchand,
- hindi upanyas online,
- munshi premchand,
- munshi premchand very short stories in hindi,
- munshi premchand in hindi,
- godan written by premchand,
- godan munshi premchand summary in hindi,
- godan book in hindi pdf,
- godan story summary,
- godan novel pdf,
- premchand ki godan,
- godan story in short in hindi,
- godan story summary in hindi,
- godan upanyas ka saransh,
- read godan premchand online,
- munshi premchand novel godan summary in hindi,
- munshi premchand ki kahani godan,
- godan book review in hindi,
- godan premchand analysis,
- munshi premchand godan summary,
- pustak samiksha of godan in hindi
- premchand godan short summary in hindi,
- munshi premchand novels,
- munshi premchand novels in hindi,
- godan munshi premchand pdf in hindi,
- godan full story in hindi,
- premchand ki godan ka saransh in hindi,
- book review in hindi premchand,
- summary of godan by munshi premchand,
- godan kahani,
- godan ebook,
- godan summary by premchand,
- short summary of godan by premchand in hindi,
- story of godan by premchand,
- book review of godan in hindi language,
- godan by premchand in hindi summary,
- munshi premchand short stories in hindi pdf free download,
- premchand upanyas in hindi,
- book review of premchand stories in hindi,
- book review of godan by premchand in hindi language,
- summary of stories written by munshi premchand in hindi,
- premchand ke upanyas,
- godan novel in hindi pdf free download,
- godan upanyas summary,
- godan ki samiksha in hindi,
- hindi upanyas premchand,
- any hindi story book review,
- premchand information in hindi,
- munshi premchand novels in hindi pdf,
- author of godan,
- godan online,
- premchand godan book review in hindi,
- premchand novels in hindi pdf,
- theme of novel godan,
- character sketch of hori in godan in hindi,
- book review on godan in hindi,
- munsi premchand godan in hindi,
- premchand prasad godan summary in hindi,
- short summary of godan in hindi,
- premchand ki godan ki samiksha
- godan book pdf,
- famous hindi novels by premchand,
- who wrote godan,
- premchand in hindi pdf,
- the gift of cow,
- short summary of godan in hindi by munshi,
- characters in godan,
- review of premchand’s novel godan,
- godan by premchand book review,
- godan book summary,
- short summary of the book godan by premchand in hindi,
- premchands godan,
- godan ka saar in hindi,
- premchand godan characters,
- godan book review hindi,
- godan in hindi in short summary,
- summary of premchand story godan in hindi,
- summary of novel godan by premchand,
- premchand ki godan ka saransh,
- godaan the gift of a cow,
- book review godan hindi,
- moral of godan by premchand,
- summary of godan written by munshi premchand,
- premchand godan hindi,
- summary of godan premchand,
- godan ka saar,
- summary of hindi novel godan,
- godan summary hindi,
- godan ki summary,
- premchand ki godan ki summary,
- godan book review in hindi
Related Posts
महिला उपन्यासकार टेस्ट सीरीज – Hindi Sahitya
प्रेमचन्द पूर्व हिन्दी उपन्यास यात्रा – Hindi upanyas
इलाचन्द्र जोशी के उपन्यास
Leave a comment cancel reply.
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Notify me of follow-up comments by email.
Notify me of new posts by email.
Top 4 Book Recommendations See All
Top 5 Extracts See All
Top 5 Interviews See All
Top 4 Childrens Books See All
Top 4 Quizzes See All
Top 4 Asides See All
Top 4 Press Room See All
- Editors Recommend
32 Must-Read Books in Hindi
A good story should always be shared – even if it’s in a language different from ours. We’ve brought together a list of 30 of our best-loved books and novels in Hindi that you are sure to enjoy. So, start reading!
- Or buy from your local bookseller.
Download and read a eBook sample
Read with adobe digital editions.
March, Ma Aur Sakura, Harper Hindi's first original Hindi title is a mixed bag of old and new stories from the author of Mai, Tirohit and Hamara Sheher Us Baras. It deals with ordinary everyday realities such as the routine…
'Every thoughtful person, concerned for the future of this country, needs to read this book.' - Prof. Irfan HabibYaadon ke Bikhre Moti, the Hindi translation of the bestselling Remnants of a Separation, is a unique attempt to revisit the Partition…
We work hard to earn our money. But regardless of how much we earn, the money worry never goes away. Wouldn't it be wonderful if our money worked for us just as we work hard for it? What if we…
Just after midnight, a snowdrift stops the Orient Express in its tracks. The luxurious train is surprisingly full for the time of the year, but by the morning it is one passenger fewer. An American tycoon lies dead in his…
Poirot had been present when Jane bragged of her plan to ‘get rid of’ her estranged husband. Now the monstrous man was dead. And yet the great Belgian detective couldn’t help feeling that he was being taken for a ride.…
Hercule Poirot's quiet supper in a London coffee house is interrupted when a young woman confides to him that she is about to be murdered. She is terrified, but begs Poirot not to find and punish her killer. Once she…
A Miss Marple mystery.One minute, silly Heather Badcock had been gabbling on at her movie idol, Marina Gregg. The next, Heather suffered a massive seizure. But for whom was the deadly poison intended?While others searched for material evidence, Miss Marple…
Recently, there had been some strange goings at the Styles at St. Mary. Evelyn, constant companion to old Mrs. Inglethorp, has stormed out of the house muttering something about a lot of sharks. And with her, something indefinable had gone…
The last one-and-a-half years in India have been defined by the anti-graft agitation led by Anna Hazare. His key lieutenant, Arvind Kejriwal, has played a central role in the movement. In 2012, as it became clear that the political establishment was…
A gripping biography of India' first superstar Like a shooting star doomed to darkness after a glorious run, Rajesh Khanna spent the better half of his career in the shadow of his own stardom. Yet, forty years after his last…
Bharat Vikhandan is a book that speaks in favour of the latent potential within India and its diverse culture. It argues that the country's integrity is being diluted by three prominent Western cultures and discusses the resulting effects of the…
We bring out the best of Surender Mohan Pathak in a five-book box set for the fans of the undisputed king of crime fiction. Painsath Laakh Ki Dakaiti, 6 Crore Ka Murda, Jauhar Jwala, Hazaar Haath and Daman Chakra are…
A new novel from the King of Hindi crime fictionJeet Singh's ex-girlfriend Sushmita's rich industrialist husband is brutally stabbed to death. Her stepchildren destroy all evidence of Sushmita's marriage to their slain father, and implicate her in the case along…
Revised and updated. Zero Line Par Gulzar is much more than just another book on Gulzar. The author, who has known Gulzar for over two decades now, looks at Gulzar's non-film writings from the perspective of an artist, a painter,…
An astounding collection of personal and political stories set in varied locales and cultures. In this collection of sixteen stories, Gordimer brings unforgettable characters from every corner of society to life: a child refugee fleeing civil war in Mozambique; a…
Raghuram G. Rajan's commentary and speeches in I Do What I Do convey what it was like to be at the helm of the central bank in those turbulent but exciting times. Whether on dosanomics or on debt relief, Rajan…
Diler Mujrim is the story of lust for money and taking the route of crime to fulfill the craving for the currency. How a close relative of an ailing Nawab, Salim, goes on to murder to grab the booty. The…
One after another dead bodies are found in the jungle which sends everyone in a tizzy. A question of whodunit arises on the face of everyone. Read the fast paced book to know how the serial murder mystery is solved.
Excellent murder mystery! First an evening of celebrations at a hotel by two police officers, gunshot which claims one life which is first said to be a suicide and then turns out to be a murder. The man killed was…
Leonard is a blackmailer of the first order, he can stoop to any levels and is not restricted to blackmail. He commits other crimes including murder. The fast paced read offers you a very interesting story of how Leonard goes…
In Netaji Jehangir Contractor's Khandala house, Rajaram Lokhande shoots dead his cook Fazal Haque who has turned an informer. Jeet Singh kills Rajaram in his hotel room and escapes with his seventy-five lakh rupees to Goa. Amidst multiple high-profile intrigues…
As a child, all Aatish Taseer ever had of his father was his photograph in a browning silver frame. Raised by his Sikh mother in Delhi, his father, a Pakistani Muslim, remained a distant figure. It was a fractured upbringing…
Raising a demand for a Jan Lokpal, Anna Hazare and his team gave birth to a movement against corruption which gripped the nation. Anna Hazare's fast at Jantar Mantar shook the social as well as the political system of the…
There is a pilgrim soul in all of us, an inner searching that continues throughout our lives For lack of a purpose, millions in despair seek refuge in unbridled consumerism, drugs, alcohol, crime or antisocial behaviour. From times immemorial, man…
'Fresh, attractive, humorous and witty, Tiya is easy to read because it wears its learning lightly.'-Upamanyu Chatterjee The perky parrot Tiya's secure world is shattered when he hears an unknown voice urging him to leave his home, the old…
Brida has long been interested in various aspects of magic, but is searching for something more. In a forest, she meets a wise man who helps her overcome her fears and trust in the goodness of the world. She also…
Amma Bi is an elderly widow who lives alone in her deserted Lucknow haveli. Every afternoon, at precisely 3 o'clock, she hears the sound of unknown footsteps. Every afternoon, she peeks out ... but no one is there. In a…
In 2015, a historic panel discussion took place at the global Festival of Theology held in Sweden. Its objective was to examine what the sacred texts of the Abrahamic faiths - Judaism, Christianity and Islam - had to say about…
This book is meant for married, about-to-be-married and live-in couples. What do they expect from a relationship? Why does a marriage succeed or fail? How does one deal with unreasonable orthodox traditions? How can you understand your partner better? What…
There are no comments.
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
Please enter an answer in digits: 14 − 1 =
Your favourite literary newsletter just got a makeover!
New Releases • Author Speak • Events & Festivals Recommendations • First Look • After School Tales Press Room • Pre Orders • Coming Soon • Special Offers Trending • Just In • Also Read • And much more...
Privacy Overview
- TN Navbharat
- Times Drive
- Health and Me
- ET Now Swadesh
15 Underrated Hindi Novels You Must Read
Updated Feb 19, 2024, 17:00 IST
1. Raag Darbari by Shrilal Shukla
2. kamayani by jaishankar prasad, 3. tamas by bhisham sahni, 4. kashi ka assi by kashinath singh, 7. chitralekha by bhagwati charan verma, 9. maila aanchal by phanishwar nath 'renu', 10. aadha gaon by rahi masoom raza, 11. suraj ka satvan ghoda by dharamvir bharati, 12. mitro marjani by krishna sobti, 13. vishkanya by shivani, 14. ek gadhe ki atmakatha by krishan chander, 15. bisrampur ka sant by shrilal shukla.
Jay Hefner Killed In Lincoln Shooting, GoFundMe Launched
Kyle Larson, Chase Briscoe Involved In Crash During NASCAR Cup Series Play Offs In Atlanta| Video
7 Cosy Fall Decor Ideas for This Autumn
Watch: First Single Vaanara Lokam From Asif Ali's Kishkindha Kaandam Released
Mahesh Babu And Balakrishna To Share Screen Space In A Multistarrer?
Meet Charles Coristine, Lesserevil CEO Who Transformed Failing Snack Company Into Success Story
NASA Tracking 'God Of Chaos' Asteroid Via Live Feed? Fact-Checking Reports
Police Presence At Northtown Mall In Blaine After Reports Of Shooting Near Sky Zone
Professionals & enthusiasts who write about lifestyle and health in all their vibrancy. View More
10 Tips To Positively Discipline Your Teenagers
Important Questions Men Should Ask Women Before Getting Married
Ganesh Chaturthi 2024- Chef Hina Gujral Shares Exclusive Vegan Modak Recipe For The Festival
How To Be A Calmer Parent
Trending Novels
Popular Novels
New Originals - Premium Authors
Writers Contest - New Arrivals
New Arrivals
More Novels
‘The Waiting Room’ by Choo Yi Feng, Reviewed
Alfonse Chiu Book Reviews 06 September 2024 ArtReview
These stories highlight both Choo’s meticulous world-building capacity and the limitations (of language) when it comes to making the alien legible
Purgatories abound in Choo Yi Feng’s distinctively fantastic take on Singapore and Southeast Asia, in which humans and nonhumans alike yearn for love in worlds that are as unbearably polluted (to apocalyptic levels) as they are banal. From a gay man’s crisis of faith when he begins to be haunted by the ghost of his hell-bound mother, to a sea witch seeking to assemble and birth a new incarnation from the dying body of an unfortunate soldier, to the struggles of a sex worker in Bangkok as she weighs the benefits of taking up with a smitten Australian suitor, the earthy tales of Choo’s short-story collection offer a cohesive, though occasionally bloated, vision of how society and the ecologies with which it is entangled are necessarily queer. Finding a certain resonance with weird fiction, the somewhat loosely defined literary genre that often crosses transgressive materials with the registers of speculative and horror fiction, Choo’s stories swap sex for scares with a surprisingly delicate touch that highlights the corporeality of desire without being vulgar or maudlin.
Two main modes structure the collection’s 13 stories: character studies set within parallel but not radically different versions of Singapore and Southeast Asia, in which the same general social conservatism and liberal economic context remain; and more experimental explorations of places and entities set after unspecified crises have altered the environment beyond recognition. In stories such as ‘Spider Hunters’, ‘The Waiting Room’ and ‘Paper Beats Stone’, regular Janes and Joes wrestle with the forces of society and crushing existentialist realisations in fantastic encounters that may be magical or mundane. In ‘Spider Hunters’, the brutal interruption of a young lesbian’s romantic and sexual encounter with her neighbour and childhood friend by her partner’s parent triggers the appearance of a mysterious, eldritch spider-figure that offers her a Faustian bargain for love; in the title story, a young man’s ghost lingers after his suicide, in order to accompany his half-brother, who is awaiting sentencing after murdering his ex-girlfriend’s current beau, and begins a journey of self-discovery and meditation on grief from beyond the grave. In ‘Paper Beats Stone’, a poignant study of the pathology of guilt and shame in the formation of queer self-identities, the relationship between two men slowly deteriorates when one of them suddenly develops a severe skin illness.
Meanwhile, stories such as ‘Sentosa Forever’, ‘An Investor’s Guide to Abyssal Burial’ and ‘Plastic Bag Girl’ wade into stranger territories, with characters less recognisably human or even organic. In the first, the mutated survivor of a viruslike pollutant hungers to escape the quarantined police-state of Singapore island to the nearby island of Sentosa after rising sea levels and the spread of mutagens have rendered most places inhospitable; in the second, the lingering memories of errant souls who have been buried in the deep sea are interwoven with corporate sales-copy for the same burial service to create a contrasting study of what biological death and the end of consciousness could entail in the larger ecosystem; in the third, a mysterious mute busker who can manipulate and animate plastic seeks to become a fully petro-chemical being. Serving as parables of the sort that challenge the primacy of human subjectivity and offer different possibilities of being, these stories highlight both Choo’s meticulous world-building capacity and the limitations (of language) when it comes to making the alien legible.
A promising entry in an emergent local and regional literary landscape of strange, speculative visions that challenge traditional structures and subject matters, Choo’s debut astutely excavates the undercurrents of our collective subconscious in order to ask the simple question of what it means to be human in a world in which the boundary between what is and what is not human is dissolving more rapidly and subtly than we realise.
The Waiting Room by Choo Yi Feng. Epigram Books , SGD20.90 (softcover)
Most recent
Sophia giovannitti: be the cowboy.
Alana Pockros Reviews ArtReview 06 September 2024
The artist methodically catalogues how her faith – in humanity and in God – unravelled after her stint at a tech company
Nicolas Bourriaud Animates the Gwangju Biennale
ArtReview Partnership with Korea Arts Management Service ArtReview 06 September 2024
The curator of this year’s edition talks to ArtReview about the realities of largescale exhibitions in the postglobal age
Alfonse Chiu Book Reviews ArtReview 06 September 2024
Uzbekistan gets first Biennial
ArtReview News 05 September 2024
Bukhara Biennial is slated to open in September 2025
Otobong Nkanga: What Are You Going to Do?
Tom Morton Reviews ArtReview 05 September 2024
Nkanga’s first show at Lisson entreats us to consider different models of knowing, and valuing, the natural world
Minoru Nomata’s Guide to Nowhere
J.J. Charlesworth Reviews ArtReview 05 September 2024
Are his paintings allegories for psychological inner-states? Or reflections on societies that aspired to a future that never was?
The ArtReview Korea Supplement Out Now
ArtReview Partnership with Korea Arts Management Service ArtReview 04 September 2024
This celebration of contemporary Korean art, supported by Korea Arts Management Service, is available for free with ArtReview September 2024
The Interview: Do Ho Suh
Mark Rappolt Features ArtReview Asia 04 September 2024
“We constantly change our built environments. We’re not just passively living in a space”
Artist Gao Zhen detained in Beijing for works critical of Mao Zedong
ArtReview News artreview.com 03 September 2024
The artist has been charged under the Heroes and Martyrs Protection Law
10 Exhibitions to See in September 2024
ArtReview Previews artreview.com 03 September 2024
Our editors on the exhibitions they're looking forward to this month, from the 15th Gwangju Biennale to Manifesta's arrival in Barcelona
- entertainment
Khel Khel Mein box office collection: Akshay Kumar starrer inches closer to Rs 30 crore mark
Bae Was Googling 'NALASOPARA': Ananya Panday Most Fun Chat On Her Upcoming Comedy Drama | ETimes
About the Author
The TOI Entertainment Desk is a dynamic and dedicated team of journalists, working tirelessly to bring the pulse of the entertainment world straight to the readers of The Times of India. No red carpet goes unrolled, no stage goes dark - our team spans the globe, bringing you the latest scoops and insider insights from Bollywood to Hollywood, and every entertainment hotspot in between. We don't just report; we tell tales of stardom and stories untold. Whether it's the rise of a new sensation or the seasoned journey of an industry veteran, the TOI Entertainment Desk is your front-row seat to the fascinating narratives that shape the entertainment landscape. Beyond the breaking news, we present a celebration of culture. We explore the intersections of entertainment with society, politics, and everyday life. Read More
IMAGES
VIDEO
COMMENTS
Godan Book Review In Hindi गोदान ( Godan ) मुंशी प्रेमचंद का एक हिंदी उपन्यास है जिसमे 20 सदी के रुढ़िवादी समाज का जिवंत चित्रण किया गया है !
How to write book review in Hindi के लिए यह helpful infographic -. 1. किताब की short summary लिखें. किसी भी किताब की समीक्षा करते समय , शुरुआत में उसकी short summary अवश्य लिखें । इससे ...
Authors like Isabel Allende, Gabriel Garcia Marquez, Carlos Ruiz Zafón, genres like magic realism, historical romance, and writing styles that are imaginative and flow effortlessly fascinate me. I love to unwind with a book curled up on a sofa or by gazing at the stars by the sea shore.
हिंदी किताबें, हिंदी बुक रिव्यू, पुस्तक समीक्षा, Hindi Book Reviews
लेखिका: मनीषा श्री मूल्य: `150 (पेपरबैक) प्रकाशक: एपीएन प्रकाशन, डब्ल्यू ज़ेड-87 ए, गली नंबर-4, हस्तसाल रोड, उत्तम नगर, नई दिल्ली-110059 ज़िंदगी की गुल्लक (क़िस्से ...
ई पुस्तकालय : मुफ्त हिंदी पुस्तकालय | E Pustakalaya | Free ...
05 मई 2014, (अपडेटेड 07 मई 2014, 4:28 PM IST) किताब: चूड़ी बाज़ार में लड़की. लेखक: कृष्ण कुमार. प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन. कीमत: 300 रुपये (हार्डबाउंड) स्त्री ...
Books Review India, Hindi Literature Review, Hindi Authors, Hindi Poets, Hindi Poem, Hindi Books, Hindi Writers, Hindi Poetry, पुस्तक ...
Read more about ruskin bond, ruskin bond book review in hindi, book review in hindi on amar ujala kavya. रस्किन बॉन्ड जब भी कोई किस्सा या कहानी सुनाते हैं, तो वह खास हो जाती है। उनके पास कहानी कहने ...
विशेष. Amar Ujala Kavya brings you a collection of news related to poetry and literary world with hindi poems, hindi shayari, urdu poetry. Read shayari and one line shayari in hindi of different flavors like love shayari, sad shayari, romantic shayari, life shayari and masterpieces of great poets. Read latest Book Review ...
ये हैं 10 Motivational Books जो देंगी आपको आत्मविश्वास
12 best Hindi fiction books to add to your reading list
Mera Pasandida Pustak par Nibandh Hindi mein. ... (Short and Long Essay on My Favourite Book in Hindi, Mera Pasandida Pustak par Nibandh Hindi mein) मेरा पसंदीदा पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध - 1 (250 - 300 शब्द)
कर्मभूमि - पुस्तक समीक्षा | K armabhumi Pustak Samiksha in Hindi उम्मीद हैं आपको यह कर्मभूमि पुस्तक समीक्षा अच्छी लगी होगी हमे कमेन्ट कर जरूर बताए, धन्यवाद !
godan book review in hindi अवध प्रांत में पांच मिल के फासले पर दो गाँव हैं: सेमरी और बेलारी। होरी बेलारी में रहता है और राय साहब अमर पाल सिंह सेमरी में रहते
32 Must-Read Books in Hindi
Here's a look at 15 underrated Hindi novels that you must read to delve deeper into the heart of India's literary heritage. Read More: 20 Underrated Books You've Probably Never Heard Of. 1. Raag Darbari by Shrilal Shukla. 'Raag Darbari' offers a satirical glimpse into the socio-political fabric of a post-independence Indian village ...
4,216 ratings269 reviews. Premchand's novella Nirmala , first published in 1928, is one of the most poignant novels in Hindi on the theme of the young adolescent yoked to an elderly husband. Clearly reformist in its agenda, this novel succeeds in exploring sensitive and even dangerous terrain. Alok Rai's English.
Trading In The Zone Book Review (Hindi): Most Valuable Trading LessonsFor educational videos on trading, please subscribe to the Trading with Groww channel: ...
HINDI - Pocket Novel ... HINDI
Mark Rappolt Book Reviews. The Art Forensics of 'The Unruly Archive' Varun Nayar Book Reviews. The Golden Era of Hindi Cinema. Deepa Bhasthi Book Reviews 'The Book of Elsewhere' by Keanu Reeves and China Miéville, Reviewed. J.J. Charlesworth Book Reviews 'George Sand: True Genius, True Woman', Reviewed. Nirmala Devi Book Reviews
Khel Khel Mein (2024), Comedy Drama released in Hindi language in theatre near you in khajuraho. Know about Film reviews, lead cast & crew, photos & video gallery on BookMyShow.
Akshay Kumar's latest film Khel Khel Mein earned Rs 29.75 crore but faces stiff competition from Stree 2. The film is expected to cross Rs 35 crore with the postponement of Kangana Ranaut's ...
Khel Khel Mein (transl. All in fun and games) is a 2024 Indian Hindi-language comedy drama film [5] written and directed by Mudassar Aziz.Based on the 2016 Italian film Perfect Strangers, the film stars Akshay Kumar, Fardeen Khan, Vaani Kapoor, Ammy Virk, Taapsee Pannu, Aditya Seal and Pragya Jaiswal.. Filming was held in Udaipur and London, between October 2023 to March 2024.