जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

आप इस पोस्ट में जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi पढेंगे। साथ ही पानी बचाने के आवश्यकताओं और उपायों के बारे में भी हमने विस्तार से बताया है। यह लेख हमें जल के महत्व को समझाता है। इसको हमने स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए 1500+ शब्दों मे लिखा है।

आईये शुरू करते हैं – जल संरक्षण पर निबंध हिन्दी में

Table of Contents

प्रस्तावना Introduction

ईश्वर ने हमें पांच महत्वपूर्ण तत्व दिए हैं जल, वायु, अग्नि, आकाश, और पृथ्वी। कभी कल्पना की है कि इन पांच तत्वों में से एक तत्व ना रहे तो क्या होगा? जी हाँ ! हर एक तत्व का एक अलग महत्व है जिसमे से जल का एक बहुत ही अनमोल महत्व है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जल ही जीवन है’।

जल संरक्षण क्या है? What is Conservation of Water in Hindi?

स्वच्छ और पेयजल का व्यर्थ बहाव ना करते हुए उसको सही तरीके से उपयोग में लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं। जल के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। 

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी है जिसका 96.5 प्रतिशत नमकीन या समुद्री पानी है और मात्र 3.5 प्रतिशत ही पीने लायक पानी है। इससे यह साफ़ पता चलता है कि आने वाले वक्त में मनुष्य के लिए जल का कितना बड़ा अभाव होने वाला हो। इसलिए हमें आज से ही जल संरक्षण का कार्य शुरू करना होगा।

जल संरक्षण का काम किसी नेता या सरकारी संस्थान का काम नहीं है। इसे हमें घर-घर से शुरू करना होगा। अगर हम शुरू करेंगे तो धीरे-धीरे हमें देख कर हमारे आसपास के लोग और आने वाली पीढ़ी भी सीखेंगे।

जल संरक्षण का महत्व Importance of Water Conservation in Hindi

हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पृथ्वी पूरे ब्रह्मांड में मात्र एक ऐसा ग्रह है जहां पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है।

पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़- पौधे, जीव- जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।

आईये एक-एक करके जानते हैं हमें जल संरक्षण की ज़रुरत क्यों है?

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? Why to Conserve Water in Hindi?

  • मनुष्य जल के बिना जीवित नहीं रह सकता है। यह पानी बचाने का सबसे बड़ा कारण है।
  • शहरी क्षेत्रों में लोगों को पानी की बहुत किल्लत होती है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है और बढती जनसंख्या है। परन्तु जिस प्रकार आज सरकार ने पानी का बिल लेना शुरू कर दिया है और बाजारों में पीने का पानी तेज़ी से बिक रहा है यह साफ़ पता चलता है की पेयजल में तेज़ी से कमी आ रही है।
  • पीने का पानी कम होने के कारण लोग अशुद्ध पानी का सेवन कर रहे हैं जिसके कारण मनुष्य को बड़ी-बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • बड़े-बड़े किसान अधिक लोभ के कारण ज्यादा-ज्यादा से बोरेवेल खुदवा रहे हैं जिससे वे भू-जल का ज्यादा भाग गर्मियों के महीने में कृषि के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसका सीधा असर पृथ्वी के जल स्तर पर पड़ रहा है और कुछ वर्षों की अच्छी खेती के बाद उनकी धरती बंजर होते जा रही है।
  • मनुष्य को पानी की आवश्यकता हर क्षेत्र में है जैसे पीने, भोजन बनाने, स्नान करने, कपड़े धोने, फसल उगाने, आदि के कार्य में।
  • जल की कमी से प्रकृति का संतुलन बुरी तरह से बिगड़ते जा रहा है जो पृथ्वी के हर जीव को संकट की और लेते जा रहा है।

जल संकट के कारण Reasons of Water Crisis in Hindi

  • हमारे देश में औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और खनिज संपदा का बड़ी मात्राओं में विद्रोहन तथा कल कारखानों के विषैले रासायनिक अवशिष्टओ का उत्सर्जन होने से जल संकट निरंतर बढ़ रहा है इससे ना तो खेती-बाड़ी के लिए पर्याप्त पानी मिल पा रहा है और ना ही पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है।

जल संकट के प्रभाव Effects of Water Crisis in Hindi

जल संकट के कारण तालाब सरोवर एवं कुएं सूख रहे हैं, नदियों का जलस्तर घट रहा है और जमीन का जलस्तर भी लगातार कम होते जा रही है, जिसके कारण अनेक प्रकार के जीव जंतु एवं पादपों का अस्तित्व मिट गया है, खेतों की उपज घट गई है और वन भूमि सूख रही है तथा धरती का तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। इस तरह से जल संकट का दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है।

जल संरक्षण के उपाय How to Conserve Water in Hindi?

  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित किया जाना चाहिए जिससे वह अशुद्ध पानी, शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिल जाये।
  • समरसेबल पंप से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है। हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना की हमें जरूरत है।
  • सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए पानी की टंकियों को ऑटोमेटिक करना चाहिए जिससे शुद्ध जल की बर्बादी ना हो सके।
  • हम सभी को जागरूक नागरिक की तरह जल संरक्षण का अभियान चलाते हुए बच्चों और महिलाओं में जागरूकता लानी होगी। स्नान करते समय हमें शावर टब का प्रयोग ना करके बाल्टी में पानी लेकर नहाना चाहिए जिससे हम बहुत जल बता सकते हैं।
  • रसोई में जल की बाल्टी या टब में बर्तन साफ करें तो पानी बहुत बचाया जा सकता है।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू किये जाने जाने चाहिए।
  • गांव कस्बों और नगरों में छोटे बड़े तालाब बनाकर वर्षा जल का संरक्षण किया जाए।
  • नगरों और महानगरों में घरों कि नालियों में पानी को गड्ढा बनाकर एकत्रित किया जाए और पेड़ पौधे की सिंचाई के काम में लाया जाए तो साफ पानी की बचत की जा सकती है।
  • यदि प्रत्येक घर के छत पर वर्षा जल का भंडार करने के लिए एक या दो टंकी बनाया जाए और उन्हें मजबूत जालिया फिल्टर कपड़े से ढक दिया जाए तोहर नगर में जल संरक्षण किया जा सकेगा।
  • घरों मुहल्लों और सार्वजनिक पार्कों स्कूलों अस्पतालों दुकानों मंदिरों आदि में नली की टोटियां खुली या  टूटी रहती है, तो अनजाने ही प्रतिदिन हजारों लीटर जल बेकार हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए नगर पालिका एक्ट में टोंटियों की चोरी को दंडात्मक अपराध बनाकर, जागरूकता भी बढ़ानी होगी।
  • विज्ञान की मदद से आज समुद्र के खारे जल को पीने लायक बनाया जा रहा है। गुजरात के आदि नगरों और प्रत्येक घर में पीने के जल के साथ-साथ घरेलू कार्यों के लिए खारे जल का प्रयोग करके शुद्ध जल का संरक्षण किया जा रहा है। इसे बढ़ावा देना चाहिए।
  • गंगा तथा यमुना जैसी बड़ी नदी की सफाई करना बहुत जरूरी है। बड़ी नदियों के जल का शोधन करके पेयजल के रूप में प्रयोग किया जा सके। शासन प्रशासन को लगातार सक्रिय रहना होगा।
  • जंगलों को काटने से हमें दोहरा नुकसान हो रहा है। पहला यह कि वाष्पीकरण ना होने से वर्षा नहीं हो पाती है तथा भूमिगत जल सूख जाता है। बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के कारण जंगल और वृक्षों के अंधाधुन काटने से भूमि की नामी लगातार कम होते जा रही है, इसीलिए वृक्षारोपण लगातार किया जाना चाहिए।
  • पानी का दुरुपयोग हर स्तर पर कानून के द्वारा प्रचार माध्यमों से प्रचार करके तथा विद्यालयों में पर्यावरण प्रदूषण की तरह जल संरक्षण विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाकर रोका जाना जरूरी है। अब समय आ गया है कि केंद्रीय और राज्यों की सरकारों जल संरक्षण को नए विषय बनाकर प्राथमिक से उच्च स्तर तक नई पीढ़ी को बताने का कानून बनाएं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Conservation of Water in Hindi

  • स्वच्छ  और पेयजल का व्यर्थ बहाव न करते हुए उसको सुनिश्चित तरीके से उपयोग मे लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं।
  • हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए।
  • धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है।
  • पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़ पौधे, जीव जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें।
  • हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
  • पेयजल की कमी होने से लोग इसका उपयोग कम से कम करें। शुद्ध जल कम होने के कारण लोगों को बड़ी बड़ी बीमारियां शुरू हो जाएगी।
  • धरती के अंदर जल का स्तर कम होने से धरती बंजर होने लगेगी और धीरे-धीरे करके चटकना शुरू कर देगी जो भूकंप जैसे हालातों को बढ़ावा देती है।
  • फैक्ट्री व कारखाने से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित कर दिया जाना चाहिए, जिससे साफ पानी गंदा ना हो।
  • समरसेबल पंपों से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है, हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना हमें जरूरत है।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में बस में कहूँगी –

जल है तो जीवन है और जीवन है तो पर्यावरण है पर्यावरण से धरती है और धरती से हम सब हैं

जल को जीवन का आधार मानकर समाज में नई जागृति लाने का प्रयास किया जाए। अमृत जल जैसा जनजागरण किये जाए। जल चेतना की जागृति लाने से जल संचय एवं जल संरक्षण की भावना का प्रयास होगा तथा इससे धरती का जिवन सुरक्षित रहेगा।

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi) आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से बताइये और हमारे साथ जुड़े रहें।

2 thoughts on “जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi”

Fantastic and very nice

Very very fantastic essay on conservation of water

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water conservation and management essay 1000 words in hindi

Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

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Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

Save Water Essay

Essay on Save Water in Hindi ( 200 words )

जल भगवान का दिया हुआ अमूल्य उपहार है और यह हमारी मूलभूत आवश्यकता है। इसकी जरूरत हमें विभिन्न क्रियकलापों के लिए होती है लेकिन मनुष्य इसे अंधाधुंध प्रयोग कर रहा है जिससे जल निरंतर कम होता जा रहा है। जल का सही तरीके से प्रयोग करना ही जल सरंक्षण है। वैसे तो हमारी पृथ्वी का दो तिहाई हिस्सा पानी है लेकिन सिर्फ 1 प्रतिशत जल ही स्वच्छ जल उपलब्ध है और यदि हम इसी तरह से जल को बर्बाद करके रहेंगे तो आने वाले समय में पानी नहीं मिलेगा जिसके अभाव में धरती पर जीवन खत्म हो जाऐगा।

जल सरंक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है जिसे हम सबको समधना चाहिए और हमें जल का प्रयोग सुनियोजित तरीके से करना चाहिए। हम वर्षा के जल को भी सरंक्षित कर सकते हैं और उसका प्रयोग कपड़े आदि धोने में कर सकते हैं। हमें नलों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। जल को दुषित होने से भी रोकना होगा। कारखानों को नदियों से दुर लगाना चाहिए। हम सबको मिलकर जल सरंक्षण को अपनाना होगा ताकि आने वाले समय में भी हमें पानी मिल सके और पृथ्वी पर वनस्पति और सभी जीव अच्छे से जीवन यापन कर सकें।

Read Also – 10 Lines on Save Water in Hindi

Save water Essay in Hindi 300 words

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता । जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इस की एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत जरूरी है । धरती पर वैसे तो जल का 70% प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सके उतना 1% प्रतिशत जल है । अत: में हमें जल को सोच समझ कर उपयोग करना चाहिए ।

हमें जल क्यों बचाना चाहिए

आपने यह स्लोगन तो सुना ही होगा कि “जल है तो कल है” यदि जल ही खत्म हो गया तो हमारा कल भी खत्म हो जाएगा। धरती पर अगर इंसानों को जिंदा रहना है, तो जल अवश्य बचाना होगा । पानी के लिए हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत सारे ग्रहों पर research किया, मगर सभी ग्रहों में से सिर्फ पृथ्वी में ही पानी है । भारत, अफ्रीका और एशिया के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वच्छ पानी के लिए लंबी दूरी (लगभग 4 किमी। से 5कि.मी.) तय करनी पड़ रही है। दुनिया में कई ऐसे देश है जहां पर पानी की कमी है, Example=दुबई । दुबई एक ऐसा देश है, जहां पर पानी प्रति लीटर 100 रुपए में बिकता है । ऐसी ही स्थिति आने वाले कुछ ही समय में भारत की भी हो सकती है ।

जल को कैसे बचाना है-

1. पानी का दुरुपयोग कम करना पड़ेगा, जितने पानी की जरूरत है, उतना ही पानी यूज करना है । बर्तन धोते समय या फिर ब्रश करते समय पानी का जितना हो सके उतना कम उपयोग करना है ।

2. गाड़ी, हौंडा या फिर कोई भी दूसरे साधन को पाइप लाइन के द्वारा धोते समय पानी का उपयोग कम करना है । इसके लिए पाइप की जगह बाल्टी का यूज कर सकते हैं ।

3. जहां पर भी आपको नल खुला हुआ दिखे, तुरंत ही उस समय नल को बंद कर दीजिए । या फिर आपको कोई भी व्यक्ति पानी का दुरुपयोग करता दिखे, तो उसे पानी का महत्व समझाइए‌‌।

4. वॉशिंग मशीन में रोज-रोज कपड़े धोने से अच्छा है, तीन-चार दिन के बाद कपड़े इकट्ठे होने पर वॉशिंग मशीन में साफ करें ।

5. नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें, क्योंकि इससे पानी की काफी बचत होगी ।

Jal Sanrakshan Par Nibandh ( 400 words )

जल प्रकृति द्वारा मानव को दिया गया एक अनमोल तोफहा है, जिसका मूल्य लगाना बहुत कठिन है| जल के बिना जीवन का कोई महत्त्व नहीं, न ही कोई अस्तित्व है, फिर चाहे वो जीवन पशुओ का हो या मनुष्यों का । किन्तु आधुनिक युग में आदमी की लापरवाही ने धरती पर जल की कमी जैसी समस्या को उत्पन्न कर दिया है, जिसके भयंकर परिणामस्वरूप आज कई इलाके सूखाग्रस्त है एवं पीने योग्य पानी के लिए तरस रहे है ।

पृथ्वी के तीन चौथाई भाग पर पानी है, किन्तु पीने योग्य पानी की मात्र बहुत कम है । मनुष्य अपनी नियमित गतिविधियों के चलते नहाने, धोने, भोजन बनाने आदि में इतना जल बर्बाद करता है, जिसका कोई हिसाब नहीं है ।

जल सरंक्षण का अर्थ ( Meaning of Jal Sanrakshan ):

जल सरंक्षण का साधारण अर्थ है, किसी भी भांति जल को बचाना । आप खुद ही सोचे कि धरा पर केवल ३% जल पीने लायक है, इससे ज्यादा चिंताजनक बात और क्या हो सकती है । विशेषज्ञों के अनुसार यदि जल सरंक्षण के उपाय नहीं किये गए एवं इसी प्रकार जल की बर्बादी चलती रही तो अगला विश्व युद्ध जो होगा वो जल के ऊपर एकाधिकार करने के लिए होगा, जिसमे मनुष्य का विनाश निश्चित है ।

जल सरंक्षण के उपाय:

पानी को बचाने के लिए सर्वप्रथम तो सभी लोगो के भीतर जागरूकता एवं जल की बढती कमी के प्रति चिंता का उत्पन्न होता अति आवश्यक है । मनुष्य ने अपनी भूलो के कारण प्रकृति को काफी नुकसान पहुचाया है, इसलिए यदि वह आने वाली पीढियों के अस्तित्व को बचाना चाहता है, तो उसे निम्न उपाय करने चहिये:-

• रोजमर्रा के कार्य जैसे कपडे धोना, बर्तन धोंना, खाना बनाना आदि में कम से कम जल की खपत करे । • शौच के लिए बरसात के पानी या खारे पानी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है । • पौधों को पानी देने के लिए पाइप के अलावा फुहारे वाली बाल्टी का इस्तेमाल करे । • पानी की रिसाव एवं टपकने की समस्या का भी शीघ्र समाधान हो एवं बरसात के पानी को इकठा करने के उपाय किये जाये ।

जल सरंक्षण हम सबका कर्तव्य है, ये केवल सरकार या एक संस्था का दायित्व नहीं । क्योकि:-

“ये जल है, अमृत है, ये जल ही जीवन है, इसकी बूंदों का मूल्य चुकाना कठिन है” ।

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Essay on Global Warming in Hindi

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water conservation and management essay 1000 words in hindi

जल संरक्षण: क्या करें,क्या न करें (Water Conservation: What to do,What not In Hindi)

water conservation and management essay 1000 words in hindi

आज समूची दुनिया के जल संसाधन गहरे संकट में हैं। भारत भी जल संकट का सामना कर रहा है। देश के बहुत बड़े भूभाग पर जल संकट की छाया मंडरा रही है। देश के जल स्रोत सिमटते जा रहे हैं। नदियों तथा झीलों में जल की मात्रा कम होती जा रही है। जो जल शेष है, वह भी प्रदूषण की चपेट में है। शहरों में भूजल स्तर लगातार नीचे को खिसकता जा रहा है। पारंपरिक जल संरक्षण के व्यावहारिक उपायों को हमने आधुनिकता के दबाव में त्याग दिया। लेकिन आज जल संरक्षण को एक राष्ट्रीय दायित्व के रूप में अपनाने का समय आ गया है। लेखक भारतीय संदर्भ में जल संसाधन के अनुभवी विशेषज्ञ है और प्रस्तुत लेख में उन्होंने भारत में जल के भौगोलिक वितरण, वर्षा के पैटर्न, पेयजल, तालाब संस्कृति और जल संरक्षण हेतु जल जागरूकता जैसे मुद्दों पर चर्चा की है।

कृषि तथा दैनिक जरूरतों के लिए भूजल पर हमारी निर्भरता दिनोंदिन बढ़ रही है। लेकिन अफसोस की बात है कि  भूजल का स्तर देश के अधिकांश भागों में तेजी से नीचे जा रहा है। कुएं तथा बावड़ी जैसे पारंपरिक जलस्रोत तेजी से सूखते जा रहे है। गांव देहात में पेयजल के अनिवार्य साधन हैंडपंप समय के साथ जवाब देते जा रहे हैं। अब बोरिंग के लिए बहुत गहराई में जाना पड़ रहा है। नलकूप तथा ट्यूबवेल भी अब ज्यादा गहराई से पानी खींच रहे हैं। देश के गांगेय क्षेत्रों में भूजल का स्तर करीब 40 सेंटीमीटर से 90. सेंटीमीटर प्रतिवर्ष नीचे जा रहा है ये तथ्य उस भयावह संकट की ओर संकेत कर रहे हैं जब लोगों को पानी के लिए विकट संघर्ष करना पड़ेगा।

जल है तो जीवन है

वैज्ञानिक कहते हैं कि इस सृष्टि की रचना जल से हुई है। पृथ्वी पर जीवन है क्योंकि यहां जल है जल को जीवन का आधार कहते हैं। वास्तव में जल के बिना जीवन की कल्पना भी असंभव है। इसीलिए अक्सर कहा जाता है कि जल ही जीवन है। भारतीय चिंतन परंपरा में जीवन के संघटनात्मक मूल तत्व के रूप में जो पंचतत्व गिनाये जाते हैं, जल उनमें एक प्रमुख तत्व है। गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस में लिखा ही है- 'क्षिति जल पावक गगन समीरा पंच रचित यह अधम सरीरा।।" मानवजाति का इतिहास जल से जुड़ा है। दुनिया की अधिकांश सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ है। धरती पर जीव आदि प्रजाति अमीबा से लेकर इंसान तक की जैव-विकास की यात्रा जल के साथ ही संपन्न हुई है।

जल के साथ-साथ जंगल और जमीन हमारी प्रकृति के अभिन्न अवयव हैं। सदियों से मनुष्य का इनसे गहरा आत्मिक सम्बन्ध रहा है। पहले के समय में मानव समाज का प्रकृति तथा पर्यावरण के साथ दातात्म्य था, समरसता थी। भौतिक विकास तथा आधुनिकता ने इसी सम्बन्ध पर निर्मम प्रहार किया है तथा उसे बिलकुल क्षत-विक्षत कर दिया है। फलस्वरूप जल, जंगल, जमीन, जीवन और जीविका के मध्य के जीवन्त सम्बन्ध टूटकर बिखर रहे हैं। भौतिक विकास की अंधी दौड़, प्रचंड उपभोक्तावाद, तथा बाजारवाद समूचे पर्यावरण को नष्ट कर रहा है। मनुष्य दिनोंदिन तथाकथित आधुनिकता के मोहक मकड़जाल में उलझता चला जा रहा है। कहां तो सोचा गया था कि भौतिक विकास के चलते मानव समाज को तमाम अभावों तथा असुविधाओं से मुक्ति मिलेगी। लेकिन आधुनिक भौतिक विकास के असंतुलित ढांचे ने प्रकृति के अवयवों के बीच के ताने-बाने को तहस-नहस कर दिया है।

  • घर के सामने खुली जगह को कच्चा रखें।
  • घर के बाहर सड़कों के किनारे कच्चा रखें।
  • पार्कों में रिचार्ज ट्रेंच बनाये जाये ।
  • फसलों की सिंचाई क्यारी बनाकर करें।
  • सिंचाई की नालियों को पक्का करें।
  • बागवानी की सिंचाई हेतु ड्रिप विधि व फसलों हेतु स्प्रिंकलर विधि अपनायें
  • बगीचों में पानी सुबह ही दें जिससे वाष्पीकरण से होने वाला नुकसान कम किया जा सके।
  • जल की कमी वाले क्षेत्रों में ऐसी फसलें बोयें जिसमें कम पानी की आवश्यकता हो
  • खेतों की मेड़ों को मजबूत व ऊँचा करके खेत का पानी खेत में रिचार्ज होने दें।
  • छतों पर गिरने वाले पानी को रिचार्ज के लिए प्रयोग करें।
  • उपलब्ध परम्परागत जल स्रोतों डिसिल्टिंग व मरम्मत समय-समय पर करायें।
  • सूखे कुओं को रिचार्ज के लिये उपयोग करें।
  • परती भूमि पर वृक्षारोपण करें।
  • पानी की बचत घर से समाज तक करें।

क्या न करें

  •  घर के सामने खुली जगह को पक्का न बनायें
  • घर के बाहर सड़क के किनारें पक्का न बनाये
  • पार्को में पानी भरने से रोका जाये 
  •  बिना क्यारी की फसलों की सिंचाई न करें।
  •  कच्ची नाली बनाने से बचें
  •  जहां भूमि ऊपर-नीचे हो वहां पर क्यारी सिंचाई न करें।
  •  फसलों को दोपहर में पानी डालने से बचें
  •  अधिक पानी वाली फसलों की बुवाई न करें
  •  मेड़ की ऊँचाई कम न रखें
  •  छतों पर गिरने वाले पानी को बर्बाद न करें।
  •  उपलब्ध परम्परागत जल स्रोतों में सिल्ट जमा न होने दें।
  •  सूखे कुओं को खरपतवार से न भरें।
  •  खेत परती न छोड़े ।
  • पानी बर्बाद न करें।

स्रोत - अटल भूजल योजना 

water conservation and management essay 1000 words in hindi

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Water Conservation Essay in Hindi Language: बेहतरीन ‘जल संरक्षण पर निबंध’

Water Conservation Essay in Hindi (जल संरक्षण पर निबंध): जल संरक्षण का शाब्दिक अर्थ जल के संरक्षण से है। पृथ्वी पर 2.5% जल ही मानव उपयोगी है। हमारे ग्रह पृथ्वी में पानी प्रचुर मात्रा में है लेकिन इसमें से बहुत कम पानी वास्तव में उपयोगी है। पृथ्वी की सतह का 70% भाग जल से ढका हुआ है। लेकिन केवल 2.5% मीठे पानी पीने के उद्देश्य और अन्य उपयोगों के लिए है।

इस हिंदी ब्लॉग के ” Essay in Hindi “ की श्रंखला में ” Water Conservation Essay in Hindi (जल संरक्षण पर निबंध)  “ को सम्मिलित किया गया है।

Water Conservation Essay in Hindi 1000 Words

जल संरक्षण पर निबंध (Jal Sanrakshan in Hindi )

पृथ्वी का सबसे कीमती रत्न है। जल से ही इस धरती पर जीवन संभव है। पानी के बिना मानव जल प्रकृति के माध्यम से जीवन के लिए एक अनमोल उपहार है, या इसके बजाय, यह पृथ्वी पर सभी जीवों और वनस्पतियों के जीवन का आधार है। इस प्रकार जल के महत्व की तुलना वायु के महत्व से की जा सकती है।

पानी रोजगार पैदा करने और आर्थिक, सामाजिक और मानव विकास को समर्थन देने के लिए महत्वपूर्ण है।

Essay on Importance of Water in Hindi

जल संरक्षण की आवश्यकता

हमें पता होना चाहिए कि हमारी पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों बताया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पृथ्वी का 70 प्रतिशत से अधिक बाहरी भाग पानी से ढका हुआ है। पृथ्वी में पानी की प्रचुरता है, लेकिन दुख की बात है कि केवल एक लघु प्रतिशत (लगभग 0.3%) ही मनुष्यों के लिए उपयुक्त है।

अन्य 99.7% महासागरों, हिमशैलियों, मिट्टी में है, और पर्यावरण में कब्जा कर लिया है। फिर भी, 0.3 प्रतिशत के लिए पर्याप्त है जो पहुंच से बाहर है।

Essay on Internet in Hindi

जल संरक्षण का महत्व

सभी जीव चाहे वह इंसान हों, जानवर हों या पौधे हों। हर एक पूरी तरह से शुद्ध और मीठे पानी पर निर्भर करता है। हम ताजे पानी का इस तरह से उपयोग करते हैं जैसे यह असीमित है। पानी के कुशल उपयोग के लिए इस अभ्यास को नियंत्रित और ट्यून किया जाना चाहिए। पानी शरीर के कार्यों को सही ढंग से करने में मदद करता है। यह पाचन में भी मदद करता है।

जल पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखता है। मीठे पानी ग्रह पर दुर्लभ है। कठोर जल को मीठे पानी में परिवर्तित करने के लिए बड़ी मात्रा में धन और यांत्रिक शक्ति खर्च होगी जिसे अन्य विकास परियोजनाओं में लगाया जा सकता है।

Essay on global warming in Hindi

जल संरक्षण के उपाय (Water Conservation Essay in Hindi)

जल आपूर्ति की देखभाल न करने का मनुष्य का इतिहास रहा है। हमने पानी को बर्बाद कर दिया है और हमारे पास मौजूद मूल्यवान पानी को दूषित कर दिया है। यहां जल संरक्षण के 6 तरीके दिए गए हैं जिनका उपयोग हम यह सुनिश्चित करने के लिए कर सकते हैं कि हम अभी से पानी का अधिक बुद्धिमानी से उपयोग करना शुरू कर दें।

Essay on Rudraksha in Hindi

  • प्रदूषण रोकना

वायु, भूमि और जल प्रदूषण सभी अंततः हमारे पानी को दूषित कर सकते हैं। यदि हम जीवाश्म ईंधन को जलाना बंद कर दें, इतने सारे उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग बंद कर दें, और अपने कचरे को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से निपटाएं, तो हम अपने पानी को ताजा और स्वस्थ रखने में मदद करेंगे।

  • पहली जगह में कम पानी का उपयोग करें

शॉवर को चालू न रखें, अपने बगीचे में नली का उपयोग न करें, और खाना बनाते समय आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले पानी की मात्रा पर विचार करें। 

  • पानी का ठीक से प्रबंधन करें

हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे नगरपालिका जल प्रणालियों को उन्नत करके और यह सुनिश्चित करके कि वे कुशलतापूर्वक चल सकें, हम सभी के पास पर्याप्त पानी है।

  • ग्रीनहाउस प्रभाव को रोकें

जलवायु परिवर्तन के कारण हमारी एक बार काफी स्थिर जल प्रणालियां अनियमित हो रही हैं। एक बार उपजाऊ जल स्रोत सूख जाते हैं, बांध फट जाते हैं, और खारे कुएं जो लगभग पीने योग्य थे, उपयोग के लिए बहुत नमकीन और अम्लीय हो जाते हैं। यदि हम जीवाश्म ईंधन को जलाना बंद कर दें, तो हम ग्रीनहाउस प्रभाव को इसके ट्रैक में रोक सकते हैं और उम्मीद है कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, इसे उलट दें।

  • बारिश के पानी को बचाएं

बारिश के पानी को गिरने पर पकड़ने के लिए वाटर-बट या इसी तरह के कंटेनर का इस्तेमाल करें। यद्यपि इसे पीने या पकाने के लिए तब तक उपयोग नहीं किया जा सकता जब तक कि इसे फ़िल्टर, निष्फल या मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं बनाया जाता है, इसका उपयोग कई अन्य उपयोगी चीजों के लिए किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, इसका उपयोग आपकी कार को धोने या आपके पौधों को पानी देने के लिए किया जा सकता है। इसका मतलब यह भी है कि आप नल को चालू नहीं करते हैं और व्यर्थ में कीमती स्वच्छ पेयजल का उपयोग उन उद्देश्यों के लिए करते हैं जिनके लिए वर्षा जल का उपयोग किया जा सकता है। 

Women Empowerment in Hindi

दैनिक जीवन में जल बचने के तरीके (Water Conservation Essay in Hindi)

  • अपने दाँत ब्रश करते समय, नल को बंद रखें!
  • शॉवर के स्थान पर बाथटब का उपयोग करना पसंद करें
  • पौधों को पानी देने के लिए पानी के बर्तन का प्रयोग करें
  • लॉन साफ ​​करने के लिए बाल्टी का प्रयोग करें
  • साबुन लगाते समय शॉवर बंद कर दें
  • वाशिंग मशीन की पूरी क्षमता का उपयोग करें
  • डिशवॉशर की पूरी क्षमता का उपयोग करें
  • अपनी कार को साफ करने के लिए स्पंज का प्रयोग करें
  • शौचालय पर पानी बचाने वाले बटन का प्रयोग करें
  • पानी को पीने के बाद नल को हमेशा बंद कर दें
  • बच्चों को सिखाएं कि पानी से ज्यादा न खेलें
  • पीने के लिए गिलास में केवल आवश्यक मात्रा में पानी लें
  • लीक के लिए नियमित रूप से जाँच करें और उन्हें ठीक करें
  • वर्षा जल संचयन जल बचाने की एक जल संरक्षण तकनीक है।
  • सब्जियों और फलों को धोने के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी का इस्तेमाल पौधों को पानी देने में करना चाहिए।

Importance of Wildlife Conservation Essay in Hindi

संक्षेप में, जल हमारी प्रकृति और हमारे जीवन का एक हिस्सा है। हमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए ताजे पानी की आवश्यकता है और हम वर्तमान स्थिति से अवगत हैं। इसलिए, पानी के महत्व को पहचानने का आह्वान किया गया है। हमें इसे गंदा होने से बचाने और इसके लिए ज्ञान फैलाने की जरूरत है। 

Water Conservation Essay in Hindi 500 Words

पानी हमारे लिए वरदान है, जो भगवान ने दिया है, इसलिए हमें इसका सही इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ क्षेत्रों में जहां पानी की कमी है, वे इसकी कीमत जानते हैं।

Essay on Diwali in Hindi

हमें जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?

वर्तमान में, कम वर्षा और भूजल की समय सीमा के कारण दुनिया के कई क्षेत्र अत्यधिक कमी का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में, भूजल दूषित है या इसका अत्यधिक उपयोग किया गया है।

इसलिए, इन प्रमुख तत्वों को सूखे की ओर ले जाना पड़ता है, और इन क्षेत्रों में, इसने पानी की कमी को जन्म दिया है। साथ ही, औद्योगीकरण और शहरीकरण ने उन मुद्दों को जोड़ा है जहाँ भूजल का अत्यधिक उपयोग किया गया है। यह आबादी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, बहुत कम लोगों के पास सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है। इसे देखते हुए भविष्य में जल संकट अपरिहार्य लगता है।

इसके अलावा, यह पानी के संरक्षण के लिए एक त्वरित कार्य योजना का आह्वान करता है ताकि कीमती संसाधनों को अभी और आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाया जा सके।

दैनिक जीवन में पानी कैसे बचाएं ?: (Water Conservation Essay in Hindi)

पृथ्वी की सतह का 70% भाग जल से ढका हुआ है। लेकिन केवल 2.5% मीठे पानी पीने के उद्देश्य और अन्य उपयोगों के लिए है। जैसा कि हम जानते हैं कि जल पृथ्वी पर असीमित संसाधन है लेकिन जल के अनावश्यक उपयोग के कारण यह शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा।

लेकिन अगर हम अपने दैनिक उपयोग में कपड़े धोने, नहाने, पौधों को पानी देने, कारों और बर्तनों की सफाई आदि के लिए अतिरिक्त मात्रा में पानी का उपयोग कम कर दें।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

साथ ही, यह पृथ्वी पर जीवन के अन्य रूपों जैसे पक्षियों, जानवरों और पौधों के लिए भी महत्वपूर्ण है। मीठे पानी की मात्रा केवल भूजल, झीलों और नदियों तक ही सीमित है। इसलिए, यह हमारा कर्तव्य बन जाता है कि हम अपने भविष्य के लिए इस बहुमूल्य संसाधन के अवशेषों की रक्षा करें।

साथ ही, लोगों को जल प्रदूषण की जांच के लिए कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है जो इसे उपयोग के लिए अनुपयुक्त बनाता है। जल मानव और पारिस्थितिकी तंत्र दोनों के लिए जीवन है। पानी की बचत हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है और हम कई उद्देश्यों के लिए इस पर निर्भर हैं।

About Tiger in Hindi

अंत में, आपने अब तक जो किया है वह पानी बचाने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, आपको अपने पर्यावरण और प्रकृति को प्राप्त करना और सहेजना होगा।

यदि हर कोई जल संरक्षण की आवश्यकता को समझे और जल संरक्षण को अपने जीवन का अंग बना ले तो वह स्वच्छ जल की कमी को पूरा कर सकता है।

ऐसा कचरा कि तालाब, नदी, तालाब और नल भी सूख गए हैं। उल्लेखनीय है कि जल कभी न खत्म होने वाला प्राकृतिक संसाधन है।

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  • Essays in Hindi /

Water Conservation Essay in Hindi : ऐसे लिखें जल संरक्षण पर निबंध

water conservation and management essay 1000 words in hindi

  • Updated on  
  • जून 25, 2024

जल संरक्षण पर निबंध

जल संरक्षण के महत्व को समझने से छात्रों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने में मदद मिलती है। वे जल संसाधनों की सीमित प्रकृति और जल की गुणवत्ता और उपलब्धता पर मानवीय गतिविधियों के प्रभाव के बारे में सीखते हैं। छात्रों को जल संरक्षण के बारे में पढ़ाने से उन्हें शुरू से ही स्थायी आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वे पानी का कुशलतापूर्वक और जिम्मेदारी से उपयोग करना सीखते हैं, जो पानी की बर्बादी को कम करने और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने में योगदान देता है। इसलिए इस ब्लाॅग में हम स्टूडेंट्स के लिए जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay in Hindi) दे रहे हैं जिससे आपको जल संरक्षण का महत्व समझ आएगा।

This Blog Includes:

जल संरक्षण पर 100 शब्दों में निबंध, जल संरक्षण पर 200 शब्दों में निबंध, वर्तमान में पानी की कमी- एक गंभीर मुद्दा, जल संरक्षण का क्या महत्व है, जल संरक्षण पर 10 लाइन्स .

100 शब्दों में Water Conservation Essay in Hindi नीचे दिया गया है:

हर चीज़ के लिए पानी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम इसका उपयोग घर में खाना पकाने, नहाने, पीने और सफाई जैसे कई कामों के लिए करते हैं। पानी हमारे जीवन का सबसे बुनियादी और महत्वपूर्ण घटक है। जब हमें प्यास लगती है, तो हम पानी पीते हैं, कपड़े धोते हैं, नहाते हैं और पानी से खाना बनाते हैं। भले ही हम कई कामों के लिए पानी पर बहुत ज़्यादा निर्भर हैं, लेकिन हममें से ज़्यादातर लोगों को इसे पाने में कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता। समाज के कुछ तबके पानी की कमी का सामना करते हैं और वे पानी के बिना अपनी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पाते। जल संरक्षण और इसके महत्व को समझने के लिए हम हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाते हैं।

200 शब्दों में Water Conservation Essay in Hindi इस प्रकार है:

पानी पृथ्वी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सभी के लिए पर्याप्त नहीं है। 2022 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 2 अरब लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता है। इससे उनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक हो जाती है। जलवायु परिवर्तन बार-बार बाढ़ और सूखे का कारण बनकर हालात को बदतर बना रहा है, इसलिए हमें वास्तव में पानी बचाने की जरूरत है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, पानी बचाना महत्वपूर्ण है।

हम खेती, कारखानों और घरों के लिए बहुत सारा पानी उपयोग करते हैं। पानी बचाकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि चारों ओर घूमने के लिए बहुत कुछ है और इसके लिए झगड़ों से बचा जा सकता है। पानी बचाने से प्रकृति को संतुलित रहने में भी मदद मिलती है क्योंकि हर चीज़ को जीने के लिए पानी की ज़रूरत होती है। कम पानी का उपयोग करने का मतलब इसे हम तक पहुंचाने के लिए कम ऊर्जा का उपयोग करना भी है।

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचा सकते हैं, जैसे वर्षा जल एकत्र करना, पानी बचाने वाले उपकरणों का उपयोग करना और पानी बर्बाद न करना। यदि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अभी और भविष्य में सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, तो हमें आज से ही पानी बचाना शुरू करना होगा।

Water Conservation Essay in Hindi (1)

जल संरक्षण पर 500 शब्दों में निबंध

500 शब्दों में Water Conservation Essay in Hindi इस प्रकार है:

जल संरक्षण आज की दुनिया में पर्यावरण प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हमारा ग्रह पानी की कमी और प्रदूषण से संबंधित बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है, इसलिए व्यक्तियों, समुदायों और राष्ट्रों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण को प्राथमिकता देना अनिवार्य हो गया है। घरों से लेकर औद्योगिक संचालन तक, वर्तमान और भावी पीढ़ियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए पानी का सतत उपयोग आवश्यक है।

दुनिया भर में पानी की कमी एक बड़ी समस्या है, जब हर किसी के लिए पर्याप्त ताज़ा पानी उपलब्ध नहीं होता है। ऐसा तब होता है जब पानी की मांग उपलब्ध मात्रा से अधिक होती है। यह अलग-अलग तरीकों से दिखाई देता है, जैसे पीने के लिए साफ पानी न होना, खेती या कारखानों के लिए पर्याप्त पानी न होना और नदियों और झीलों का सूखना।

पानी की कमी होने के कई कारण हैं:

  • ग्लोबल वार्मिंग: यह चीजों को गर्म बना रहा है और पानी को बिगाड़ रहा है।
  • खराब जल प्रबंधन: कभी-कभी, लोग पानी का बुद्धिमानी से उपयोग नहीं करते हैं या बाद के लिए पर्याप्त बचत नहीं करते हैं।
  • जल प्रदूषण: गंदा पानी पीने या अन्य चीजों के लिए उपयोग करने के लिए सुरक्षित नहीं है।
  • बहुत अधिक मांग: हम अपने हर काम में अधिक पानी का उपयोग कर रहे हैं।
  • बाढ़: बहुत अधिक पानी भी एक समस्या हो सकता है, खासकर अगर यह फसलों या इमारतों को बहा ले जाए।
  • सूखा: पर्याप्त बारिश नहीं होने का मतलब पौधों, जानवरों और लोगों के लिए पर्याप्त पानी नहीं है।
  • खराब कृषि तकनीकें: कभी-कभी, किसान बहुत अधिक पानी का उपयोग करते हैं या इसका सही तरीके से उपयोग नहीं करते हैं।
  • पानी की बर्बादी: कभी-कभी, हम अपनी ज़रूरत से ज़्यादा पानी का उपयोग कर लेते हैं।

ये सभी चीजें मिलकर हर किसी के लिए पर्याप्त पानी प्राप्त करना वास्तव में कठिन बना सकती हैं, इसलिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि पानी का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी के लिए पर्याप्त पानी हो।

पानी की कमी से निपटने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि अभी और भविष्य में सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, पानी बचाना बेहद महत्वपूर्ण है। यहां तक कि आपके द्वारा किए जाने वाले छोटे-छोटे काम भी मदद कर सकते हैं, जैसे जब आप नल का उपयोग नहीं कर रहे हों तो उसे बंद कर देना। यहां कुछ अन्य तरीके दिए गए हैं जिनसे हम पानी बचा सकते हैं:

  • ड्रिप सिंचाई: यह तकनीक पानी को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाने में मदद करती है, जिससे बर्बादी कम होती है।
  • मृदा प्रबंधन: अच्छी मृदा पद्धतियाँ पानी को बनाए रखने और इसे पौधों के उपयोग के लिए उपलब्ध रखने में मदद करती हैं।
  • सूखा-सहिष्णु फसलें: कम पानी में जीवित रहने वाली फसलें लगाने से कृषि में पानी बचाने में मदद मिलती है।
  • मल्चिंग: मिट्टी में गीली घास की एक परत डालने से नमी बनाए रखने और वाष्पीकरण को कम करने में मदद मिलती है।
  • पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग: बगीचों में पानी देने या शौचालय में फ्लश करने जैसी चीजों के लिए उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने से ताजे पानी को बचाने में मदद मिलती है।
  • वर्षा जल संचयन: छतों से वर्षा जल एकत्र करना और बाद में उपयोग के लिए इसे संग्रहीत करना पानी बचाने का एक शानदार तरीका है।
  • अलवणीकरण: समुद्री जल को मीठे पानी में बदलने से तटीय क्षेत्रों में जल आपूर्ति को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
  • जागरूकता फैलाना: पानी बचाना क्यों महत्वपूर्ण है, इस बारे में दूसरों से बात करना अधिक लोगों को अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
  • जल सफाई अभियानों का समर्थन करना: प्रदूषित जल स्रोतों को साफ करने के अभियानों में दान देना या उनमें भाग लेना यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि हमारे पास उपयोग करने के लिए साफ पानी है।
  • उचित जल प्रबंधन: कृषि से लेकर उद्योग और घरों तक जीवन के सभी पहलुओं में पानी का बुद्धिमानी और कुशलता से उपयोग करने से इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण में मदद मिलती है।

ये कदम उठाकर और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करके, हम सभी पानी के संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में भूमिका निभा सकते हैं।

जल संरक्षण केवल एक जिम्मेदारी नहीं है बल्कि हमारे ग्रह और इसके निवासियों की भलाई के लिए एक आवश्यकता है। अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलावों को लागू करके और बड़ी पहलों का समर्थन करके, हम सामूहिक रूप से अपने जल संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। जिम्मेदार लोगों के रूप में, हमें जल की कमी के मुद्दे के बारे में जागरूक होना चाहिए और अपने बच्चों को पाइपों और नलों में लीक को ठीक करके, उपयोग न होने पर नल को बंद करके और कम समय तक स्नान करके जल संरक्षण करना सिखाना चाहिए।

Water Conservation Essay in Hindi पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः

  • वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए मीठे पानी की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल संरक्षण आवश्यक है।
  • जल संरक्षण से जल की कमी को कम करने में मदद मिलती है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर वैश्विक समस्या है।
  • घर पर जल-बचत अभियान को लागू करना, जैसे जल-कुशल उपकरणों का उपयोग करना, पानी की बर्बादी को काफी कम कर सकता है।
  • कृषि, उद्योग और घर सभी जिम्मेदार जल उपयोग और प्रबंधन के माध्यम से जल संरक्षण में भूमिका निभाते हैं।
  • वर्षा जल संचयन, बाद में उपयोग के लिए वर्षा जल को एकत्रित और संग्रहीत करके जल संरक्षण का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है।
  • कृषि में ड्रिप सिंचाई तकनीक सीधे पौधों की जड़ों तक पानी पहुंचाकर पानी की बर्बादी को कम करती है।
  • जल संरक्षण के महत्व के बारे में जन जागरूकता अभियान व्यक्तियों को जल-बचत की आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
  • बागवानी या सफाई जैसे गैर-पीने योग्य उद्देश्यों के लिए पानी का पुन: उपयोग करने से पानी की खपत कम हो सकती है।
  • उद्योगों में जल-कुशल प्रौद्योगिकियों और बुनियादी ढांचे को लागू करने से पानी के उपयोग को कम करने और दक्षता को अधिकतम करने में मदद मिल सकती है।
  • इस बहुमूल्य संसाधन की सुरक्षा के लिए प्रभावी जल संरक्षण रणनीतियों को विकसित करने और लागू करने में सरकारों, समुदायों और व्यवसायों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है।

संबंधित ब्लाॅग्स 

जल संरक्षण से तात्पर्य अपशिष्ट को कम करने और वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए मीठे पानी की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पानी का बुद्धिमानीपूर्वक और कुशलता से उपयोग करने के अभ्यास से है।

जल संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पानी की कमी को कम करने, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने और सभी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद करता है। यह जल उपचार और वितरण से जुड़ी ऊर्जा खपत को भी कम करता है।

आप लीकेज को ठीक करके, छोटे शॉवर लेकर, उपयोग में न होने पर नल बंद करके, जल-कुशल उपकरणों का उपयोग करके, बाहरी उपयोग के लिए वर्षा जल एकत्र करके, और पौधों को पानी देने या शौचालयों को फ्लश करने जैसे गैर-पीने योग्य उद्देश्यों के लिए गंदे पानी का पुन: उपयोग करके घर पर पानी का संरक्षण कर सकते हैं।

उम्मीद है कि आपको Water Conservation Essay in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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जल संरक्षण पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi

by Meenu Saini | Nov 23, 2023 | Hindi | 0 comments

Essay on Water Conservation in Hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Water Conservation (जल संरक्षण ) for classes 1 to 12

जल संरक्षण  पर निबंध – इस लेख में हम जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है, जल संरक्षण के क्या लाभ हैं, जल को बचाने के लिए हमें क्या करना चाहिए के बारे में जानेंगे। पृथ्वी का 70% भाग पानी से ढका हुआ है लेकिन इसका अधिकांश भाग समुद्र में मौजूद है, जो खारा है। इससे हमें ताजे पानी के लिए महासागरों के अलावा अन्य स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है।  जल की प्रत्येक बूँद हमारे लिए कीमती है। इसे बचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में जल संरक्षण पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में जल संरक्षण  पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • जल संरक्षण पर 10 लाइन  10 lines
  • जल संरक्षण पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • जल संरक्षण पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • जल संरक्षण पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • जल संरक्षण पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Water Conservation in Hindi

  • जल संरक्षण का अर्थ है – जल के प्रयोग को घटाना एवं सफाई, निर्माण एवं कृषि आदि के लिए अवशिष्ट जल का पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) करना।
  • हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें से केवल 1.6% जल ही मानव के प्रयोग करने लायक है। 
  • पृथ्वी के के सभी जीवित प्राणियों के लिए पानी बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे बचाना और संरक्षित करना अनिवार्य है। 
  • सूखा, कॉन्टेमिनेशन तथा प्रदूषण के कारण हर साल पीने योग्य पानी की कमी होती जा रही है।
  • भारत में कई ऐसे क्षेत्र है जहाँ पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है।
  • अगर आज हमने जल का संरक्षण नहीं किया तो आने वाली भावी पीढ़ियां स्वच्छ पानी के लिए तरस जायेंगी।
  • बरसात के पानी को जमा करके उसका उपयोग करने से स्वच्छ जल बचाने में मदद मिल सकती है।
  • प्रत्येक व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में कुछ परिवर्तन करके जल संरक्षण कर सकते है, जैसे अनावश्यक पानी का इस्तेमाल कम करके।
  • इसके अलावा, टूटे-फूटे नलों से बहते अनावश्यक पानी की बर्बादी को रोक कर पीने योग्य पानी बचाया जा सकता है।
  • पानी को दूषित होने से बचाने के लिए कारखानों से निकलने वाले हानिकारक तत्वों को नदियों में मिलने से रोक कर किया जा सकता है।

Short Essay on Water Conservation in Hindi जल संरक्षण  पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

जल संरक्षण पर निबंध – जल जीवन का आधार है। जल न हो तो हमारे जीवन का आधार ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए हमारे धरती पर जल की सीमित उपलब्धता को देखते हुए जल का संरक्षण करना अनिवार्य हो जाता है।

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के लिए जल बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए जल को बचाना और उसका संरक्षण करना बहुत जरूरी है। जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे वैसे पानी की माँग भी बढ़ रही है। पीने के लिए, नहाने के लिए,  खाना बनाने के लिए, साफ-सफाई के लिए तथा अन्य कामों के लिए पानी मनुष्य की सबसे प्राथमिक और प्रमुख आवश्यकता बन गई है। इसलिए, जल संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाना जरूरी है। जैसे अनावश्यक पानी की बर्बादी को रोक कर तथा वर्षा जल को जमा करके और उसके उपयोग के माध्यम से।

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए पानी बेहद जरूरी है, इसलिए पानी को बचाना और इसे संरक्षित करना अनिवार्य है। बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ पानी की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। पीने, नहाने, खाना पकाने, सफाई और अन्य विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी की आवश्यकता मनुष्य के लिए सर्वोपरि आवश्यकता बन गई है। नतीजतन, जल संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाना जरूरी है। हम घर पर पानी की खपत के बारे में जागरूक होकर पानी की कमी को रोक सकते हैं और इस मूल्यवान संसाधन का संरक्षण कर सकते हैं। इसमें कम देर तक नहाना, ब्रश या शेव करते समय नल बंद रखना और अनावश्यक पानी का उपयोग कम करना शामिल है। इसके अलावा, वर्षा जल को इकट्ठा करना और इस जल को पौधों को पानी देने या स्वच्छता जैसी गतिविधियों के लिए में शामिल करके जल संरक्षण प्रयासों में और योगदान दे सकते है। 

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

जल है तो कल है। यह कथन अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि पानी के बिना पृथ्वी पर किसी का भी जीवित रहना असंभव है। पानी व्यक्ति के जीवन के सभी पहलुओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इसके बिना कई गतिविधियाँ पूरी नहीं की जा सकतीं। यह सब बाते जानते हुए भी व्यक्ति इसे बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें से केवल 1.6% जल ही मानव के प्रयोग करने लायक है। और यह भी जल धीरे-धीरे घटता जा रहा है या दूषित होता जा रहा है। भारत के कई राज्यों में स्वच्छ जल की कमी है। लोगों को कई मील दूर जाकर अपने लिए पानी का इंतजाम करना पड़ता है। कई स्थानों पर प्रकृति के इस अमूल्य उपहार को खरीद कर प्रयोग किया जाता है। यह सब देखते हुए प्रकृति की इस धरोहर को बचाने और धरती पर जीवन कायम रखने के लिए कई देश जल संरक्षण पर काम भी कर रहे हैं। जीवन जीने के लिए जल और वह भी स्वच्छ जल बहुत ही आवश्यक है। इसलिए हमें जल का दुरुपयोग करने से बचना चाहिये। हमें जितनी आवश्यकता हो उतना ही पानी लेना चाहिए और पानी की एक-एक बूँद को बचाकर जल संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। 

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में

पृथ्वी पर सभी जीव के जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण करना बहुत जरूरी है, क्योंकि बिना जल के जीवन जीना संभव नहीं है। पूरे ब्रह्मांड में एक अपवाद के रूप में पृथ्वी पर जीवन चक्र को जारी रखने में पानी बहुत मदद करता है क्योंकि यह मनुष्यों द्वारा अपनी दैनिक दिनचर्या में उपयोग किया जाने वाला बहुमूल्य संसाधन है। इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण को प्राथमिकता देना और भावी पीढ़ियों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की गारंटी देना अनिवार्य है। हमारी पृथ्वी का तीन-चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है। फिर भी इतना जल होते हुए भी उनमें से केवल कुछ ही प्रतिशत प्रयोग करने लायक होता है। इस तीन-चौथाई जल का 97 प्रतिशत जल खारा होता है जो मनुष्यों द्वारा प्रयोग करने लायक नहीं है। सिर्फ 3 प्रतिशत जल उपयोग में लाने लायक है। इस 3 प्रतिशत में से 2 प्रतिशत जल तो धरती पर बर्फ और ग्लेशियर के रूप में है और बाकी का बचा हुआ एक प्रतिशत जल ही पीने लायक है। यह भी जल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है या प्रदूषित होता जा रहा है। हमें यह भी मालूम है कि देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो सूखे से ग्रस्त हैं अर्थात जहाँ बारिश कम होती है या होती ही नहीं अथवा जहाँ नदियों का अभाव है और ऐसे स्थानों पर लोग पानी के लिए तरसते हैं। लोगों को कई मील दूर जाकर अपने लिए पानी का इंतजाम करना पड़ता है तथा कई स्थानों पर लोग इसकी कमी के कारण या दूषित जल के प्रयोग के कारण ही मर जाते हैं। जल के बिना तो पेड़ पौधे, पशु-पक्षी सभी प्रभावित होते है। इसलिए, इन सब बातों को ध्यान में रखकर प्रत्येक व्यक्ति को पानी की कीमत को समझना चाहिए और इसे बचाने का हर संभव कोशिश करना चाहिए और साथ में जल का संरक्षण करने के लिए लोगों के बीच जागरूकता भी फैलाना चाहिए ताकि लोग पानी की एक-एक बूँद को बचाना सीख जाए।

Jal sanrakshan par Nibandh Hindi Essay 

 जल संरक्षण (water conservation)  par nibandh hindi mein.

जल संरक्षण पर निबंध   – जल मनुष्य की सबसे प्राथमिक और प्रमुख आवश्यकताओं में से एक है। हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें से केवल 1.6% जल ही मानव के प्रयोग करने लायक है। 

जल एक अनवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है, अर्थात इसको पुनः किसी भी तरह से बनाया नहीं जा सकता अब आपको यह पता ही चल गया होगा की हमारे पास केवल 1.6% ही जल है और दिन प्रतिदिन साल दर साल यह मात्रा कम ही हो रही है। 

मानव जल का बेहद ही लापरवाह तरीके से प्रयोग करता है वह यह तो जानता है कि पृथ्वी पर पीने योग्य पानी बेहद ही सीमित मात्रा में है लेकिन इसके बावजूद प्रयोग करने से ज्यादा इस पानी को बिना वजह बहा देता है और तो और बरसात के पानी को भी ऐसे ही बहने देता है। 

क्या आपको पता है कि अगर हम बरसात के पानी और प्रयोग करने वाले पानी का संरक्षण करें तो हम जल की इस सीमित मात्रा में वृद्धि कर सकते हैं तथा अपने आगे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं। 

इस जल संरक्षण के निबंध में हम आज की सबसे जटिल समस्याओं में से एक जल संरक्षण के विषय पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को साँझा करेंगे। 

जल संरक्षण एक ऐसा विषय है जिस पर आपको किसी भी कक्षा में निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है। अतः आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारियाँ आपके लिए सहायक सिद्ध होगी। 

  • जल संरक्षण की परिभाषा

जल संरक्षण की आवश्यकता

जल संरक्षण की विधियां, जल संरक्षण नहीं करने के परिणाम.

  • जल संरक्षण हेतु भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं  

वर्तमान में भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में जल संरक्षण एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है, इस बात की गवाही निम्नलिखित आंकड़े देते हैं; 

  • दुनिया भर में लगभग 900 मिलियन से 1.1 बिलियन लोगों के पास सुरक्षित पेयजल नहीं है, और 2.4 बिलियन लोगों के पास बुनियादी स्वच्छता तक पहुंच भी नहीं है।  
  • तेजी से बढ़ती जनसंख्या की तुलना में पानी की खपत तेजी से बढ़ रही है।  
  • पिछले 70 वर्षों में जहां दुनिया की आबादी तीन गुना हो गई है, वहीं पानी की खपत छह गुना बढ़ गई है।  
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2025 तक दुनिया के 8 अरब लोगों में से 5 अरब लोग पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रहेंगे। 
  • सुरक्षित पेयजल तक पहुंच न होना सभी वैश्विक मौतों में से 80% के लिए जिम्मेदार था।  
  • हेपेटाइटिस ए, पेचिश और गंभीर दस्त सहित जलजनित संक्रमणों से हर साल लगभग 5 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है।

इनमें से कई लोग अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी पाने के लिए संघर्ष करेंगे।

जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ी है, कृषि में प्रगति हुई है, आधुनिकीकरण विकसित हुआ है और आजीविका में सुधार हुआ है, इसके फलस्वरूप पानी की खपत भी बढ़ रही है।  

इसके अलावा अकाल, दुरुपयोग और प्रदूषण ने आपूर्ति कम कर दी है। झीलों, नदियों और आर्द्रभूमियों से अक्सर पानी निकाला जाता है, जिससे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय क्षति होती है।  

2003 की संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, “दुनिया भर में, मेगासिटीज और कृषि की मांग के कारण भूजल की निकासी हो रही है, जबकि उर्वरक अपवाह और प्रदूषण पानी की गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं।”

इन आंकड़ों को देखने के बाद अब चलिए जल संरक्षण की परिभाषा, आवश्यकता, प्रमुख विधियां और वर्तमान में भारत सरकार द्वारा इस दिशा में चलाई जा रही प्रमुख योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

जल संरक्षण की परिभाषा (Definition of water conservation)

जल की क्षति को बचाने की प्रक्रियाओं को जल संरक्षण कहते हैं। 

दूसरे शब्दों में – “जल संरक्षण का अर्थ है पानी का प्रभावी ढंग से उपयोग करना, पानी की बर्बादी को कम करने के लिए पानी के उपयोग को बनाए रखना, निगरानी करना और प्रबंधित करना। जल संरक्षण में ताजे पानी के प्राकृतिक संसाधनों को स्थायी रूप से प्रबंधित करने, जलमंडल की सुरक्षा करने और वर्तमान और संभावित मानव मांग को पूरा करने से जुड़ी सभी नीतियां, रणनीतियां और पहल शामिल हैं।”

एक वयस्क मनुष्य में पानी की मात्रा 60% होती है।  जैसा कि पृथ्वी पर शेष सभी जीवन के लिए है, पानी हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। जल पृथ्वी पर जीवन के लिए वनस्पति, जीवों और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। 

भोजन उत्पादन से लेकर स्वच्छता और अवकाश तक, मनुष्य विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी पर निर्भर हैं। 

दुनिया की प्रत्येक प्रजाति पानी पर बहुत अधिक निर्भर करती है, और जब यह संसाधन प्रभावित या कम हो जाता है, तो मानव और पशु जीवन दोनों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

कुछ लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि ताज़ा पानी कितना कीमती और सीमित है और इसके संरक्षण से कितनी मदद मिल सकती है।  

यदि हम संरक्षण प्रयासों को अपनाते हैं तो हमारे शहर में उपयोग के लिए पर्याप्त पानी होगा।

जल संरक्षण की आवश्यकता को हम निम्न बिंदुओं द्वारा समझ सकते हैं:

  • सूखा और पानी की कमी कम हो गई है, बढ़ते खर्च और नागरिक अशांति कम हो गई है, हमारा पर्यावरण सुरक्षित है, और मनोरंजक गतिविधियों के लिए पानी उपलब्ध है।
  • जल संरक्षण से ऊर्जा की बचत होती है। जल निस्पंदन, हीटिंग और पंपिंग के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए पानी की खपत कम करने से आपका कार्बन उत्सर्जन भी कम हो जाता है।
  • कम पानी का उपयोग करते हुए, हम अपने पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा कर सकते हैं और मछली, बगुले, ऊदबिलाव और अन्य प्रजातियों के लिए आर्द्रभूमि आवास बनाए रख सकते हैं।  शुष्क मौसम के दौरान यह अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है।
  • जल संरक्षण से आप पैसे बचा सकते हैं। यदि आपके पास पानी का मीटर है, तो आप जितना कम पानी का उपयोग करेंगे, आपकी जल कंपनी आपसे उतना ही कम शुल्क लेगी।
  • जल संरक्षण न केवल घरेलू ऊर्जा बिल बचाता है बल्कि पड़ोसी तालाबों, नालों और जलमार्गों में जल प्रदूषण की संभावना भी कम करता है।
  • जल प्रबंधन जल प्रसंस्करण और वितरण के माध्यम से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को भी कम करता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा कम होता है। 
  • जब सार्वजनिक सीवेज प्रणालियाँ चरमरा जाती हैं तो अनुपचारित अपशिष्ट जल भी नदियों और जलाशयों में रिस सकता है।
  • जल संरक्षण मिट्टी की नमी को कम करके और रिसाव से संबंधित विषाक्तता को कम करके हमारे सीवर टैंक के जीवनकाल को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

जल संरक्षण के उद्देश्य (Aim of water conservation)

जल संरक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं; 

  • यह सुनिश्चित करके भावी पीढ़ियों के लिए पानी को संरक्षित करना कि किसी पारिस्थितिकी तंत्र से मीठे पानी का निष्कासन उसकी प्राकृतिक प्रतिस्थापन दर से अधिक न हो।
  • ऊर्जा संरक्षण और उपयोग, क्योंकि जल पंपिंग, प्रसार और अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग सभी के लिए महत्वपूर्ण मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। 
  • जल प्रबंधन में दुनिया भर के विभिन्न देशों में कुल बिजली उपयोग का 15% से अधिक शामिल है।
  • पर्यावास संरक्षण, जिसमें मानव जल के उपयोग को कम करना, न केवल स्थानीय प्रजातियों और प्रवासी जलपक्षियों के लिए मीठे पानी के आवासों के संरक्षण में सहायता करता है, बल्कि पानी की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।

लोगों के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाना एक महत्वपूर्ण तरीका है। 

जल संरक्षण के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

1) घर पर जल संरक्षण की विधियां

घर पर ही आप निम्नलिखित तरीके से जल को संरक्षित कर सकते हैं। 

  • जब वॉशर में कपड़े बहुत सारे हों तो ही उनको धोएं।
  • पानी की बचत करने वाले शॉवरहेड्स, शॉवर टाइमर और कम से कम नल का इस्तेमाल करें।
  • कम या दोहरे फ्लश का उपयोग करें।
  • अपने टूथब्रश का उपयोग करते समय पानी बंद कर दें, अपने रेजर को सिंक में धो लें।
  • हाथ से बर्तन धोते समय बर्तन साफ करते समय पानी को बहने न दें।
  • जहां भी संभव हो, पानी का पुनर्चक्रण करें और  इसका उपयोग कम करें।
  • पेड़ों और पौधों पर गीली घास के एक टुकड़े का प्रयोग करें। 
  • स्प्रिंकलर सावधानी से लगाएं।
  • हाइड्रोलॉजिकल मीटर का प्रयोग करें.
  • कुशल जल प्रणाली का प्रयोग करें।
  • अपनी कार की सफाई करते समय पानी को बिना वजह न बहने दे। 
  • ड्राइववे और फुटपाथ धोने के लिए झाड़ू का उपयोग करें, न कि पानी की नली का।
  • वाष्पीकरण को कम करने के लिए स्विमिंग पूल को ढकें।
  • खरपतवारों को न बढने दे। 

2) खेत में जल संरक्षण

किसान लोग खेत में जल संरक्षण निम्नलिखित तरीके से कर सकते हैं। 

(i) वर्षा जल संचयन: किसान अतिरिक्त वर्षा को बाद में उपयोग के लिए बचा सकते हैं। भूजल को भारी गिरावट से बचाने के लिए, किसान पूरे उत्पादन के दौरान पानी की पर्याप्तता बनाए रखते हुए प्रभावी ढंग से भूजल स्तर की भरपाई कर सकते हैं।  

इस तकनीक का उपयोग देश के उन क्षेत्रों में भूजल संसाधनों की मदद के लिए किया जाता है जो सूखे के प्रति संवेदनशील हैं और जहां प्रचुर वर्षा होती है।

ii) जैविक खेती: कम उर्वरकों के उपयोग के विपरीत, जैविक खेती से उपज बढ़ती है। अधिक लोगों द्वारा जैविक कृषि पद्धतियों को अपनाने और कम पेट्रोकेमिकल उर्वरक का उपयोग करने के परिणामस्वरूप यूट्रोफिकेशन-संबंधी प्रक्रियाएं भी कम हो रही हैं। 

इसके अतिरिक्त, जलीय पर्यावरण की सुरक्षा से कृषि विस्तार की स्थिरता में सुधार होता है। 

(iii) कवर फसलें: कवर फसलें, जो जमीन की रक्षा के लिए बोई गई हैं जो अन्यथा उजागर हो जाती हैं, मिट्टी की गुणवत्ता और कार्बनिक यौगिकों को बढ़ाती हैं और कटाव और तनाव को कम करती हैं।  

यह पानी को बनाए रखने की मिट्टी की क्षमता को बढ़ाता है और मिट्टी में पानी के प्रवेश की प्रक्रिया को सरल बनाता है।

(iv) टपक सिंचाई विधि: सामान्य सिंचाई पद्धतियाँ टपक सिंचाई सुविधाओं की तुलना में अधिक अपव्यय का कारण बनती हैं जब वे सीधे पौधे के आधार पर पानी वितरित करती हैं।  

दिन के अधिक आरामदायक अंतराल (सुबह और शाम) के दौरान जब पानी का वाष्पीकरण कम होता है, तब सिंचाई करने से भी पानी की हानि को कम किया जा सकता है।

(v) खेत का समतलीकरण: ज्यादातर किसान जिन क्षेत्रों या बगीचों में आप खेती कर रहे हैं वे समतल नहीं होते हैं, कोई भी पानी जो मिट्टी में नहीं समाता वह जल्दी ही बह जाता है और अपशिष्ट जल के प्रमुख स्रोतों में से एक है। इसलिए फसल बोने से पहले जमीन को ठीक से समतल करने के लिए लेजर और अन्य उपकरणों का उपयोग करें, खेत का समतलीकरण करने से अतिप्रवाह की समस्या को कम करता है या शायद खत्म भी कर देता है, अपशिष्ट बर्बादी को कम करता है और संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।

  • मीठे पानी की कमी क्षेत्रीय के अलावा एक वैश्विक मुद्दा भी है। विश्व के कुछ क्षेत्रों में वर्षा दर में गिरावट के लिए ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव जिम्मेदार हो सकते हैं।  
  • खतरनाक अपशिष्टों, रासायनिक रिसाव, अनुपचारित अपशिष्टों के निर्वहन, अपर्याप्त सिंचाई सुविधाओं, निपटान और रिसाव आदि जैसे कारणों से प्रदूषण के प्रकाश में, स्वस्थ मीठे पानी के संसाधन गंभीर रूप से सीमित हैं और हर साल कम हो रहे हैं।  
  • इन सबके परिणामस्वरूप ग्रहीय पर्यावरण नष्ट हो रहा है।  दुनिया भर में कई जगहों पर साल के लगभग हर दिन बारिश होती है। 
  • इसके बावजूद, विभिन्न कारकों, जैसे निपटान, संरक्षण, वाष्पीकरण, स्वच्छता आदि के कारण गंभीर चुनौतियाँ अभी भी हैं। 
  • विभिन्न प्रक्रियाओं से होने वाली भारी जल हानि में वर्षा की मात्रा एक स्वीकृत कारक है। 
  • अधिकांश व्यक्ति अभी भी पानी का उपयोग गैर-जिम्मेदाराना ढंग से करते हैं और जल संरक्षण की आवश्यकता से अनभिज्ञ हैं। यह एक भयानक सच्चाई है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।  
  • घरों और व्यवसायों को पानी उपलब्ध कराने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण का खर्च तेजी से अस्थिर होता जा रहा है।  दुनिया में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां अत्यधिक शुष्कता है और पानी की कमी वांछनीय से कम है। 
  • परिणामस्वरूप, क्षेत्र शुष्क भूभाग या टीले बन जाते हैं क्योंकि उथले भूजल तालिकाओं को पर्याप्त रूप से पुनः नहीं भरा जाता है। 
  • यदि बेहतर सिंचाई विधियों का उपयोग नहीं किया जाता है, तो संभावित वाष्पीकरण-उत्सर्जन, वास्तव में, प्रकृति द्वारा उत्पादित वर्षा से अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है।
  • इस प्रकार इसके कारण मिट्टी शुष्क हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप शुष्क भूभाग बन जाता है। यदि स्वच्छ जल के संरक्षण के लिए प्रभावी हस्तक्षेपों को कुशलतापूर्वक व्यवहार में लाया जाए तो ही पर्यावरण और इसके निवासी जीवित रहने में सक्षम होंगे।
  • जल पुनर्चक्रण खाद्य आपूर्ति का समर्थन करने के लिए आवश्यक जलमार्गों को संरक्षित करने में योगदान देगा।  उचित मात्रा में वर्षा न होने से फसलें विकसित नहीं हो पातीं। 
  • इस प्रकार, यदि भूजल कम हो जाता है, तो भोजन की लागत बढ़ जाएगी और कई और लोगों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ेगा। घर और कार्यस्थल पर जल संरक्षण खाद्य फसलों को बढ़ाने के महत्वपूर्ण कर्तव्य के लिए और अधिक मुक्त कर देगा। 
  • पानी की कमी के कारण वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में है। मीठे पानी की कमी और ग्लोबल वार्मिंग के कारण, दुनिया के आधे से अधिक सबसे बड़े दलदल या तो सूख गए हैं या तबाह हो गए हैं। 
  • दलदलों में कई अलग-अलग प्रकार के जीवित जीव देखे जा सकते हैं। वे आम तौर पर समुद्री और पक्षी प्रजनक के रूप में काम करते हैं, इसलिए उनके विलुप्त होने से कई जानवरों और पोषक चक्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
  • जब वाणिज्यिक, कृषि और घरेलू उद्देश्यों के लिए ताजा पानी प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण होता है, तो इससे एक सफल अर्थव्यवस्था को संचालित करना कठिन हो जाता है।  
  • मीठे पानी की आपूर्ति की कमी से उन वस्तुओं के निर्माण में बाधा आ सकती है जिनमें ऑटोमोबाइल, ब्रेड और कपड़ा सहित बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है।

जल संरक्षण हेतु भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं

संविधान के अनुसार जल राज्य के अधिकार क्षेत्र में आता है इसीलिए प्रत्येक राज्य अपने अधिकार क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के नियम और योजनाएं लागू कर सकती हैं लेकिन केंद्र सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाओं में राज्यों को वित्तीय सहायता प्रधान करती है इसके अलावा केंद्र सरकार भी कुछ योजनाएं शुरू की है जो प्रत्येक राज्य में लागू होता है। 

जल संरक्षण हेतु भारत सरकार निम्नलिखित योजनाएं चला रही है। 

जल जीवन मिशन

जल जीवन मिशन के अंतर्गत भारत सरकार प्रत्येक राज्य के साथ हिस्सेदारी करके 2024 तक भारत के प्रत्येक घर में नल और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहती है। 

भारत सरकार ने इस योजना की शुरूआत 1 अक्टूबर 2021 को की थी, इसका उद्देश भारत के समस्त शहरों में जल की सार्वभौमिक उपस्थिति सुनिश्चित करना है। 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

इस योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी इसका उद्देश्य कृषि कार्य में जल का बुद्धिमत्ता पूर्वक उपयोग करना है। बाद में 2016 में इसके तहत बड़ी तथा माध्यम 90 सिंचाई परियोजनाओं को सम्मिलित किया गया। 

सही फसल अभियान

सही फसल अभियान की शुरुआत शुष्क क्षेत्रों में ऐसी फसलो के उपयोग हेतु हुई थी जिसमें बहुत ही कम जल का उपयोग होता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि ये फसलें आर्थिक रूप से लाभकारी तथा पर्यावरण के अनुकूल हो। 

अमृत सरोवर अभियान की शुरुआत 22 अप्रैल 2022 को आजादी के 75 में वर्ष पर आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में की गई थी इसका उद्देश्य देश के समस्त जलाशयों और जलकुंड का कायाकल्प करना है जिससे भविष्य के लिए जल का संरक्षण किया जा सके। 

कैच द रैन योजना

कैच द रैन योजना की शुरुआत 22 मार्च 2021 में हुई थी इसका उद्देश्य वर्षा जल का संरक्षण करना वनों का सघनीकरण, देश के सभी जिलों में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना करना और वर्षा जल का संचयन करना है। 

अटल भूजल योजना

अटल भूजल योजना के तहत देश में चिन्हित सभी 7 क्षेत्र जहां जल की अत्यंत कमी थी और भूजल का प्रबंधन करना अति आवश्यक था, ऐसे सभी क्षेत्रों में भूजल का प्रबंध करने के लिए सामुदायिक सहयोग पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत जल स्रोतों का विकास और प्रबंधन किया जा रहा है। 

नमामि गंगे योजना

इस योजना उद्देश्य गंगा तथा उसकी सहायक नदियों को साफ तथा स्वच्छ रखना है। इससे जल का प्रदूषण कम होगा और जल की उपयोगिता बढ़ेगी। 

जल हमारी प्राकृतिक आवश्यकता है तथा जल का कोई अन्य विकल्प नहीं है और यह बेहद ही सीमित मात्रा में उपस्थित है इसलिए इसका जितना ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी संरक्षण किया जाएगा आगे आने वाली पीढ़ी उतनी ही ज्यादा सुखी और सुरक्षित रहेगी। 

ग्रामीण क्षेत्रों में जल का बिना वजह ही खेतों में दुरुपयोग किया जाता है जबकि शहरी क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के उद्योगों घरेलू कामो में जल का बेहद ही ज्यादा मात्रा में दुरुपयोग किया जाता है। 

जल को संरक्षित करना बेहद ही आसान है आपको बस अतिरिक्त जल के बहाव को रोकना है, बुद्धिमत्ता पूर्वक जल का इस्तेमाल करना है, स्थिर जल को साफ रखना है तथा वर्षा के पानी का संचयन करना है।

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जल संरक्षण की चुनौती पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi

water conservation and management essay 1000 words in hindi

जल संरक्षण की चुनौती पर निबंध | Essay on The Challenge of Water Conservation in Hindi!

आज पूरे भारत में पानी की कमी पिछले 30-40 साल की तुलना में तीन गुणा हो गयी है । देश की कई छोटी-छोटी नदियां सुख गयी हैं या सूखने की कगार पर हैं । बड़ी-बड़ी नदियों में पानी का प्रवाह धीमा होता जा रहा है ।

कुएं सूखते जा रहे हैं । 1960 में हमारे देश में 10 लाख कुएं थे, लेकिन आज इनकी संख्या 2 करोड़ 60 लाख से 3 करोड़ के बीच है । हमारे देश के 55 से 60 फीसदी लोगों को पानी की आवश्यकता की पूर्ति भूजल द्वारा होती है, लेकिन अब भूजल की उपलब्धता को लेकर भारी कमी महसूस की जा रही है । पूरे देश में भूजल का स्तर प्रत्येक साल औसतन एक मीटर नीचे सरकता जा रहा है । नीचे सरकता भूजल का स्तर देश के लिए गंभीर चुनौती है ।

ADVERTISEMENTS:

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आजादी के बाद कृषि उत्पादन बढ़ाने में भूजल की महत्वपूर्ण भूमिका थी । इससे हमारे अनाज उत्पादन की क्षमता 50 सालों में लगातार बढ़ती गयी, लेकिन आज अनाज उत्पादन की क्षमता में लगातार कमी आती जा रही । इसकी मुख्य वजह है कि बिना सोचे-समझे भूजल का अंधाधुंध दोहन ।

कई जगहों पर भूजल का इस कदर दोहन किया गया कि वहां आर्सेनिक और नमक तक निकल आया है पंजाब के कई इलाकों में भूजल और कूएं पूरी तरह सूख चुके हैं । 50 फीसदी परंपरागत कुएं और कई लाख टयूबवेल सुख चुके हैं । गुजरात में प्रत्येक वर्ष भूजल का स्तर 5 से 10 मीटर नीचे खिसक रहा है । तमिलनाडु में यह औसत 6 मीटर है ।

यह समस्या आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार में भी है । सरकार इन समस्याओं का समाधान नदियों को जोड़कर निकालना चाहती है । इस परियोजना के तहत गंगा और ब्रह्मपुत्र के अलावा उत्तर भारत की 14 और अन्य नदियों के बहाव को जोड़कर पानी को दक्षिण भारत तक पहुंचाया जायेगा, क्योंकि दक्षिण भारत की कई नदियां सूखती जा रही है ।

इस परियोजना को अंजाम तक ले जाने के लिए 100 अरब डॉलर से लेकर 200 अरब डॉलर तक की आवश्यकता होगी । परियोजना के तहत लगभग 350 डैम, वाटर रिजर्व और बैराज बनाने होंगे । 12000 से लेकर 13000 किलोमीटर लंबी नहरें होंगी जिसमें प्रति सेकंड 15 क्यूबिक मीटर की गति से पानी का प्रवाह हो सकेगा ।

हमनें लाखों साल से जमा भूजल की विरासत का अंधाधुंध दोहन कर कितने ही जगहों पर इसे पूरी तरह से सूखा दिया । हमें यह भी याद रखना चाहिए कि जिन जगहों पर नदी के पानी को रोककर डैम, वैराज और वाटर रिजर्व बनाया जाता है वहां से आगे नदी का प्रवाह सिकुड़ने लगता है ।

भारत का एक-तिहाई हिस्सा गंगा का बेसिन है । इसे दुनिया का सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र माना जाता है, लेकिन इस नदी के ऊपर डैम बनने से यह क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है । गंगा की लगभग 50 सहायक नदियों में पानी का प्रवाह कम हो गया है । भारत की तीन प्रमुख नदियां-गंगा, ब्रह्मपुत्र और यमुना लगातार सिकुड़ती जा रही है । दिल्ली में यमुना के पानी में 80 फीसदी हिस्सा दूसरे शहरों की गंदगी होती है । चंबल, बेतवा, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी जैसी अन्य नदियों में भी लगातार पानी कम होता जा रहा है ।

इससे निपटने के लिए नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना की चर्चा हो रही है लेकिन पर्यावरणविद् और वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा करने से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि हर नदी में लाखों तरह के जीव-जन्तु रहते हैं । हर नदी का अपना एक अलग महत्व और चरित्र होता है ।

अगर हम उसे आपस में जोड़ देंगे तो लाजमी है कि उन नदियों में जीवन व्यतीत कर रहे जीव-जंतु के जीवन पर विपरीत असर पड़ेगा । हम हिमालयी क्षेत्रों के पानी को दक्षिण भारत में पहुंचा देंगे तो क्या इससे पानी की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा?

जब इस पानी को दक्षिण भारत ले जाया जायेगा तो कितने ही जंगल डूब जायेंगे । नदी जोड़ योजना की सबसे पहले बात 1972 में हुई थी, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण इसे टाल दिया गया था । जानकारों का मानना है कि आर्थिक दृष्टि से यह योजना जायज है पर इस योजना में बहुत सोच-समझकर कदम उठाने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे कुदरत के चक्र को क्षति पहुंच सकती है । अगर हम अपने पूर्वजों के विरासत की ओर लौटें तो हम पानी की किल्लत को आसानी से पूरा कर सकते हैं ।

महाभारत में सरोवर की चर्चा है । उस जमाने में भी पानी को संचय करने की व्यवस्था थी । हमारे गांवों में तालाब-पोखर आज भी हैं । दिल्ली जैसे शहर में सैकड़ों तालाब थे । उसमें पानी जमा होता था और वहां से धीरे-धीरे रिस-रिस कर भूजल के स्सर को बनाए रखता था । हमने विकास की अंधी दौड़ में पोखरों को नष्ट कर मकान बना दिये, खेत बना दिये और उद्योग लगा दिये ।

दूसरी ओर भूजल का लगातार दोहन करते रहे । नतीजा आज हमारे सामने हैं । हम अपने पूर्वजों की जीवन शैली का अनुकरण जरूर करते हैं, लेकिन उनकी सोच को लेकर हम अनभिज्ञ है । हम सुबह- सुबह नहाकर सूर्य को जल जरूर चढ़ाते हैं, लेकिन इसके पीछे जो सोच है उसे समझने की कोशिश नहीं करते ।

विडंबना यह है कि आज हम हवा और पानी को लेकर संवेदनशील नहीं है । हमारी हवा और पानी प्रदूषित हो चुका है । हमें यह सोचना चाहिए कि हम कैसी प्रगति की ओर बढते जा रहे हैं? हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब हम नदियों को आपस में जोड़ेंगे तो एक नदी का जहरीला पानी दूसरी नदी में जाएगा । ऐसा भी हो सकता है कि कोई नदी सुख जाये ।

बेहतर हो कि इन्हीं पैसों को खर्च कर परंपरागत स्रोतों को फिर से जिंदा किया जाये । जल संरक्षण में पेड़ भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है । पेड़ों के कारण जमीन में नमी बरकरार रहती है । क्या यह सही नहीं होगा कि नदियों को आपस में जोड़ने के अलावा दूसरे विकल्प तलाशे जायें? जरूरत तो सिर्फ इच्छाशक्ति की है ।

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जल संरक्षण पर निबंध | Water conservation Essay in Hindi

by Editor January 19, 2019, 2:56 PM 26 Comments

जल का महत्व हम जितनी जल्दी समझ जाएँ हमारे लिए उतना अच्छा है और जल संरक्षण के प्रयास हमें अब शुरू करने की आवश्यकता है। धरती पर सीमित जल-भंडार को बचाने के लिए आज सभी को जल संरक्षण की ओर अपना ध्यान आकृष्ट करने की जरूरत है। 

जल संरक्षण पर निबंध ( 200 शब्द) 

एक तरफ धरती पर साफ पीने लायक पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ हम किसी ना किसी कारणवश धरती के अमूल्य जल को बर्बाद कर रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब धरती पर पीने लायक पानी बचेगा ही नहीं। हमारी धरती पर 70% भूभाग जल का है लेकिन मात्र 1 प्रतिशत जल ही ऐसा है जो मानव अपने उपयोग में ले सकता है, बाकी का अधिकांश जल समुद्र का खारा पानी है और बर्फ़ीला है।

जल संरक्षण आज बहुत जरूरी हो गया है। अपने रोजिंदा जीवन में जिस प्रकार हम जल का दुरुपयोग करते हैं उस पर रोक लगाने की जरूरत है। दुनिया के कई देश जल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। भारत के कई राज्यों में लोगों को पानी के लिए दूर–दूर तक जाना पड़ता है।

जल का हम सही उपयोग करें और जल के स्त्रोतों को बढ़ाएं तो पानी की समस्या से हम निजात पा सकते हैं। जल का संरक्षण करने के लिए हमें बरसात के पानी का संग्रह करना चाहिए, नदियों और अन्य पानी के स्त्रोत को प्रदूषित नहीं करना चाहिए और साथ ही साथ अपने रोजिंदा जीवन में जल का सदुपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण पर निबंध (3 00 शब्द) 

जल को जीवन कहा जाता है अतः इसके मूल्य को समझकर हमें जल संरक्षण पर अधिक ज़ोर देने की आवश्यकता है। धरती पर मनुष्य के उपयोग के लायक मात्र 1 प्रतिशत जल बचा है, यदि हमने सजग होकर पानी को बचाने के लिए उचित कदम नहीं उठाए तो हमारी आने वाली पीढ़ी को भारी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

जल संरक्षण के लिए हमें सबसे पहले अपने रोजिंदा जीवन में पानी की बचत करनी चाहिए। अपने रोजिंदा कार्यों को करने के लिए हम जरूरत से ज्यादा पानी इस्तेमाल करते हैं, यह एक तरह से पानी की बरबादी है अतः यह आदत हमें बदलनी चाहिए। जितने पानी की आवश्यकता हो हमें उतना ही पानी उपयोग में लेना चाहिए।

दूसरा कदम जल संरक्षण के लिए हम यह उठा सकते हैं की बरसात के जल का अधिक से अधिक संग्रह करना। बरसात के मौसम मे वर्षा का साफ जल यूं ही बर्बाद हो जाता है अतः इस जल का हमें संग्रह करना होगा। वर्षा के जल का संग्रह करने के लिए जगह-जगह छोटे-छोटे तालाब और जलाशय हम बना सकते हैं।

तीसरा काम हम ये कर सकते हैं वो यह की अपने नदी, तालाब, जलाशय को साफ रखना। जी हाँ, यदि हम नदी, तालाब आदि में प्रदूषण न करें और उन्हें शुद्ध रखें तो उनका आस्तित्व बना रहेगा। नदियों का जल हमारे लिए पानी का सबसे बड़ा स्त्रोत है अतः उनका संरक्षण हमें जरूर करना चाहिए।

इसके उपरांत वनों को कटाई पर भी रोक लगनी चाहिए क्यूंकी बरसात को लाने के पीछे वृक्षों का योगदान महत्वपूर्ण होता है अतः अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर जंगलों को बढ़ाना चाहिए।

धरती पर जल संरक्षण के लिए सभी लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है क्यूंकी सबसे अधिक पानी की बरबादी हम अपने घरों में अलग-अलग कार्यों को करने में करते हैं। जल अब सीमित मात्रा में ही बचा है अतः जितनी जल्दी हम जल संरक्षण की आदत को अपनाएं उतना हमारे लिए अच्छा है।

जल संरक्षण पर निबंध (5 00 शब्द) 

जल इस धरती की सबसे अमूल्य वस्तु है। जिस प्रकार हम हवा और भोजन के बिना जीवित नहीं रह सकते उसी प्रकार हम जल के बिना भी जीवित नहीं रह सकते। धरती पर समस्त जीवसृष्टि के लिए जल सबसे महत्वपूर्ण है। धरती पर जल का विशाल भंडार होने के बाद भी मात्र 1 प्रतिशत पानी ही हमारे उपयोग के लिए बचा है, क्यूंकी बाकी का पानी या तो खारा है या बर्फ के पहाड़ों के रूप में है।

आज सबसे अधिक आवश्यकता जल को बचाने की है क्यूंकी आने वाले समय में हमें भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। जिस प्रकार से हम अनमोल जल को बरबाद कर रहे हैं उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है की आने वाली पीढ़ी के लिए जल बचेगा ही नहीं।

आज सबसे ज्यादा ज़ोर जल संरक्षण पर देने की आवश्यकता है।

क्या है जल संरक्षण

जल संरक्षण में पीने लायक ताजे पानी के संसाधन का रक्षण करना और वर्तमान और भविष्य में जल की मांग को पूरा करने के लिए सभी नीतियों और गतिविधियों को शामिल किया गया है। जन संख्या वृद्धि, घरेलू उपयोग और अंधा धुंध विकास के कारण पानी का उपयोग जरूरत से ज्यादा बढ़ा है। जलवायु परिवर्तन के कारण भी जल की कमी की समस्या को बढ़ा दिया है।

आज ऐसी पहल की आवश्यकता है जो धरती पर जल को बचा सके और उसका भविष्य के लिए संरक्षण कर सके। विश्व के सभी देशों ने जल संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं। भारत में भी जल के संसाधनों जैसे की नदियों, तालाबों, जलाशयों आदि को बचाया जा रहा है, उन्हें साफ किया जा रहा है। पानी का संग्रह किया जा रहा है ताकि आपने वाली पीढ़ी को हम जल संकट से बचा सकें।

जल संरक्षण के उपाय

जल संरक्षण के लिए हमें कई कदम उठाने की जरूरत है क्यूंकी किसी ना किसी रूप में हम पानी का दुरुपयोग कर रहे हैं और उसे बचाने और संग्रहीत करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं, जल संरक्षण के लिए हम निम्न कदम उठा सकते हैं:

  • जल संरक्षण में एक रणनीति वर्षा जल संचयन है। तालाबों, झीलों, नहरों का निर्माण करना, पानी के जलाशय का विस्तार करना वर्षा जल संचयन के विभिन्न तरीके हैं। इससे भूगर्भ जल भी बढ़ेगा और जल संचय भो होगा।
  • भूगर्भ जल के संरक्षण पर उचित कदम उठाने की जरूरत है।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने की जरूरत है जिससे लोगों को पानी का महत्व समझ में आएगा और पानी का दुरुपयोग बंद होगा।
  • खेतों में सिंचाई के लिए टपक पद्धति और फुवारे का उपयोग करने से पानी को बचा सकते हैं।
  • घर में नहाने, बर्तन धोने, शौचालय आदि में ढेर सारा पानी इस्तेमाल किया जाता है अतः वहाँ हमें समझदारी से पानी का उपयोग करना चाहिए
  • वनों की कटाई के कारण वर्षा पर भी प्रभाव पड़ता है अतः वनों की कतयो रोककर उनका विस्तार बढ़ाना चाहिए

इस प्रकार के कई कदम हैं जो हम जल संरक्षण के लिए उठा सकते हैं। सबसे जरूरी है जागरूकता जिसका अभाव लोगों को जल का महत्व नहीं समझा पाता। अतः एक सामजिक जागरूकता भी जरूरी है।

जल संरक्षण पर विस्तृत निबंध (10 00 शब्द) 

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता। जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इसकी एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत कीमती है। धरती पर वैसे तो जल का 70 प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सकें उतना मात्र 1 प्रतिशत जल है। अतः हमें बड़ी सोच-समझ के साथ सीमित जल का उपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण क्या है?

जल संरक्षण, अनावश्यक रूप से पानी के उपयोग को कम करने के लिए कुशलतापूर्वक पानी का उपयोग करने का एक अभ्यास है। आज हमारे लिए जल संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि ताजा स्वच्छ जल एक सीमित संसाधन है, साथ ही बहुमूल्य भी है। जल सभी के जीवन के पोषण के लिए एक आवश्यक संपत्ति है और स्थानीय उपयोग से लेकर कृषि और उद्योग के लिए उपयुक्त सभी गतिविधियों की मूलभूत मांग है। अतः इस प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है।

मानव आबादी के नियमित रूप से बढ्ने से जल संसाधनों पर गंभीर दवाब पैदा हो गया है। नदी, तालाब, झील, जलाशय और भूजल के दुरुपयोग से जल की भीषण कमी का सामना आज हमें करना पड़ रहा है और शायद आने वाले वर्षों में यह संकट और अधिक बढ़ने वाला है।

आज हमें पानी को बचाने की कोशिशों में तेजी लाने की आवश्यकता है और जल संरक्षण पर गंभीर विचार करने की जरूरत है।

क्यूँ जरूरी है जल संरक्षण

आबादी और उद्योग की वृद्धि के कारण ताजे जल स्रोतों की हमारी जरूरत बढ़ रही है, लेकिन हमारे पास जल का सीमित संग्रह बचा है। ऐसी हालत में जल संरक्षण ही एक मात्र उपाय है जो हमें और आने वाली पीढ़ी को जल के संकट से बचा सकता है।

पानी के संरक्षण में असफल होने से पानी की पर्याप्त आपूर्ति की कमी हो सकती है, जिसके कठोर परिणाम हो सकते हैं। इनमें पानी की लागत बढ़ना, कम खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य संबंधी खतरे और राजनीतिक संघर्ष शामिल हैं।

जल की कमी के कारण पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा और वन, उपवन, वन्य जीव आदि पर संकट आ सकता है, अतः जल संरक्षण जरूरी है।

जल पूरी जीवसृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है और धरती पर इसका सीमित स्त्रोत हमें इस बात की ओर प्रेरित करता है की हम जल संरक्षण की ओर ध्यान दें, अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ी को पीने के लिए एक बूंद जल के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा।

जल संरक्षण कैसे करे?

ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनको अपनाकर हम जल का संरक्षण कर सकते हैं। यदि हम जल का सीमित उपयोग करें और उसे बचाने के लिए उचित कदम उठाएँ तो जल का सीमित भंडार लंबे समय तक बना रह सकता है।

वर्षा के पानी का संग्रह करना –  वर्षा के जल का संग्रह ना करना हमारी सबसे बड़ी भूल है। आज भी वर्षा का साफ पानी समुद्र, गटर, नालियों में बह जाता है और व्यर्थ हो जाता है। इस पानी का यदि हम संग्रह करें तो हर साल जो जल संकट हमें देखना पड़ता है उससे राहत मिल सकती है। बरसात के जल को हम नहर, तालाब, जलाशय, कुंड आदि बनाकर संग्रहीत कर सकते हैं। इस संग्रहीत किए जल का उपयोग हम घर के उपयोग, उद्योगों और कृषि कार्यों में कर सकते हैं। हम गावों, शहरों के आसपास तालाब बना सकते हैं, विशाल नहरों का निर्माण कर पानी के संकट वाले क्षेत्रों को राहत पहुंचा सकते हैं।

भूगर्भ जल का रक्षण – भूगर्भ जल अर्थात जमीन के अंदर स्थित जल जो की हम कुवों, हैंडपंप आदि से निकालते हैं। अधिक भूगर्भ जल निकालने के कारण और उसका दुरुपयोग होने के कारण भूगर्भ जल में भी कमी आती है। भूगर्भ जल का हमें रक्षण करना चाहिए। तालाब, जलाशय आदि बनाने से भूगर्भ जल का स्तर बढ़ता है। भूमि प्रदूषण भी रोकने की आवश्यकता है क्यूंकी उसके कारण भूगर्भ जल दूषित होता है।

दैनिक कार्यों में जल का सही उपयोग – सबसे अधिक पानी का उपयोग यदि कहीं किया जाता है तो वो है घरेलू कार्यों में। हम अपने रोजिंदा जीवन में बड़ी मात्रा में पानी का दुरुपयोग करते हैं, क्यूंकी हम इस बात से अंजान होते हैं की यह जल सीमित मात्रा में ही धरती पर उपलब्ध है।

नहाने में, कपड़े व बर्तन धोने में, वाहनों को धोने के लिए, त्योहारों के समय, घर की साफ-सफाई के समय आदि ऐसे बहुत से कार्य हैं जिनमें हम पानी को बर्बाद करते हैं। यदि हम अपनी जवाबदारी को समझकर पानी का सदुपयोग करें तो काफी हद तक जल संरक्षण में अपना योगदान हम दे सकते हैं।

  • हमेशा नल को कसकर बंद करें ताकि उनमें से पानी ना बर्बाद हो।
  • अपने नल के अंदर और आसपास किसी भी लीक की तुरंत मरम्मत करें। (एक रिसाव से प्रति वर्ष कई हजार लीटर पानी बर्बाद हो सकता है।)
  • अपने पानी के उपयोग को कम करने के लिए अपने नल पर एक जलवाहक या पानी के प्रवाह को कम करने वाले लगाव का उपयोग करें।
  • बर्तन धोते समय कभी भी लगातार पानी न चलाएं।
  • ब्रश करते समय, जब आप वास्तव में ब्रश कर रहे हों तो पानी बंद कर दें। (यह सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले पानी का लगभग 80% बचाता है।)
  • लो-फ्लश शौचालय स्थापित करके आप पानी के उपयोग को 40% से 50% तक कम कर सकते हैं
  • लॉन और उद्यानों को गर्म मौसम के दौरान प्रतिदिन केवल 5 मिलीमीटर पानी की आवश्यकता होती है। वसंत, पतझड़ या शांत मौसम के दौरान कम पानी की आवश्यकता होती है अतः उस समय पानी कम इस्तेमाल करें।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने से हम इस पानी के दुरुपयोग को रोक सकते हैं।

26 Comments

जल शक्ति अभियान पर निबन्ध बताओ

Ager hm water nhi save krenge to really aisa time ayega ki hm log ya hmari ane vali genration ko water milega nhi hoga

ji ha roli ji yesha possible ha

Hame rai dene se nahi hoga hame kuchh karna chahiye

Agar hum water ko save nahi kare to aaisa hi hoga

Nice nibandh

????thank you

जल क्या है इस पर परी जानकारी का एक आर्टिकल है आप अपने ब्लॉग में मेंशन कीजिए ना प्लीज प्लीज

Save water Save life

I am Anvesha. I am a student studying in class VI and I needed a 200 words essay on water conservation in Hindi. Thanks for the help.

Save Save Save water we can help to save the life

very gud info …. jal hi jivan hei …

Thanks sir/ma,am

Very good essay, that too in Hindi language

Thanks 👍 it’s very good essay

Ohhhhhh……….. Nooooooo…………. This eassy is good but………………..👍 I don’t like to complete projects………..😔 But thanks ….☺️

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वर्षा जल संरक्षण पर निबंध

water conservation and management essay 1000 words in hindi

By विकास सिंह

water conservation and management essay 1000 words in hindi

वर्षा जल संचयन सतही जल अपवाह को रोकने के लिए प्राकृतिक जलाशयों या कृत्रिम जलाशयों में वर्षा जल का संग्रहण और भंडारण शामिल है।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (100 शब्द)

वर्षा जल संचयन एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग भविष्य के उपयोग के उद्देश्य (जैसे खेती, आदि) के लिए विभिन्न संसाधनों में विभिन्न साधनों का उपयोग करके वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए किया जाता है। वर्षा जल को प्राकृतिक जलाशयों या कृत्रिम टैंकों में एकत्र किया जा सकता है।

सतह के अतिप्रवाह से खो जाने से पहले संग्रह की एक अन्य विधि उपसतह एक्वीफर्स में सतह के पानी की घुसपैठ है। छत की कटाई भी वर्षा जल को इकट्ठा करने की एक विधि है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए इसका बड़ा महत्व है। वे नियमित पानी की आपूर्ति की कमी में भी एकत्रित वर्षा जल का उपयोग करके मौसमी फसल कटाई जारी रख सकते हैं। जब भी बारिश होती है, बारिश का पानी मानव निर्मित तालाबों या टैंकों में एकत्रित हो जाता है।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (150 शब्द)

वर्षा जल संचयन मानव निर्मित संसाधनों या तालाब, झील आदि किसी भी प्राकृतिक संसाधन में वर्षा जल का संग्रहण उसी स्थान पर होता है जहाँ वह छतों या जमीन से गिरता है। वर्षा जल संचयन की दो मुख्य तकनीकें भविष्य में उपयोग और जमीन में पुनर्भरण के लिए भंडारण हैं। इसका उपयोग फसल की कटाई, बागवानी, शौचालय इत्यादि के लिए किया जा सकता है, व्यक्तिगत या शहर-स्तर पर वर्षा जल संचयन के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह विशेष रूप से संस्थानों को पानी की आपूर्ति के बिल को कम करने में मदद करता है।
  • जमीन पर रिचार्ज किया गया पानी, फ्लोराइड, नाइट्रेट और इसकी लवणता को कमजोर करके भूजल की गुणवत्ता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
  • इसमें लगभग तटस्थ पीएच और शून्य कठोरता शामिल है जो इसे घरों, उद्योगों, संस्थानों और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में उपयोग करने में अधिक सक्षम बनाता है।
  • यह सार्वजनिक जल आपूर्ति स्रोतों के तनाव को कम कर सकता है।
  • जमीन पर वर्षा जल का पुनर्भरण तटीय क्षेत्रों में समुद्र के पानी के विसर्जन को रोकता है।
  • यह शहरी बाढ़ को नियंत्रित करने में मदद करता है अगर लोग छतों से वर्षा जल संचयन करते हैं।
  • यह नगरपालिका के लोगों की पानी की मांग को कम कर देता है और इस तरह से शहर में पानी के वितरण में भी ऊर्जा की खपत कम हो जाती है।

वर्षा जल संचयन पर निबंध (200 शब्द)

वर्षा जल संचयन का अर्थ है वर्षा जल को प्राकृतिक जलाशयों या मानव निर्मित टैंकों में एकत्रित करना। यह भविष्य में विभिन्न उद्देश्यों के लिए वर्षा जल को इकट्ठा करने और संग्रहीत करने की तकनीक है। वर्षा जल संचयन का सबसे आम और आसान तरीका छत की कटाई है।

इस तकनीक का उपयोग करके हम बरसात के मौसम में बहुत से स्वच्छ वर्षा जल एकत्र कर सकते हैं। इसे घरेलू प्रयोजनों जैसे बागवानी, पशुधन और सिंचाई आदि के लिए लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है, वर्षा जल संचयन के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह जल आपूर्ति भार और नगरपालिका के बिजली के बिलों को कम करने में मदद करता है, ग्रामीण इलाकों में मुफ्त
  • पानी की आपूर्ति, फसल उत्पादन में सुधार करता है और इस तरह खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।
  • वर्षा जल संचयन प्रणाली ग्रामीण क्षेत्रों में घरों या व्यक्तियों की असुरक्षा को कम करने में मदद करती है।
  • यह जल क्षेत्रों की कमी में आसान और कम लागत वाली जल आपूर्ति प्रदान करता है जिससे खाद्य सुरक्षा और आय सृजन में मदद मिलती है।
  • तमिलनाडु भारत के राज्यों में से एक है और अब यह पहला भारतीय राज्य है जहाँ वर्षा जल संचयन अनिवार्य किया गया है।
  • तमिलनाडु राज्य सरकार ने चेन्नई में विभिन्न स्थानों पर लगभग 50,000 वर्षा जल संचयन संरचनाओं को स्थापित करने के लिए 30 मई 2014 को घोषित किया है। अब तक, तमिलनाडु के लगभग 4,000 मंदिरों में बारिश के पानी के टैंक हैं जो मंदिरों में विभिन्न अनुष्ठानों में सेवा करते हैं और भूजल को रिचार्ज करने में मदद करते हैं।

वर्षा जल संग्रहण पर निबंध (250 शब्द)

बारिश के पानी की हर बूंद धरती पर लोगों के लिए भगवान के आशीर्वाद की तरह है। ताजा वर्षा जल मोती की तरह जमीन पर गिरता है, इसलिए सभी को विशेष रूप से विकासशील क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक जल संसाधनों की कमी के कारण वर्षा जल के महत्व को समझना चाहिए।

हमें छतों के माध्यम से और सड़कों पर चलने वाले पानी को बर्बाद किए बिना बारिश का पानी इकट्ठा करने की कोशिश करनी चाहिए। हमें सभी क्षेत्रों में आसान पानी की आपूर्ति करने के लिए नई और प्रभावी तकनीकों का उपयोग करके अपनी पुरानी पारंपरिक कटाई प्रथाओं को लाना चाहिए। केवल हैंडपंप, कुओं और भूजल स्तर के अन्य संसाधनों के कारण सैकड़ों हजारों लोगों की पीने योग्य पानी की जरूरत पूरी नहीं हो सकती।

पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने के लिए कई वर्षों तक वर्षा जल संचयन सबसे टिकाऊ और प्रभावी तरीका है। वर्षा जल संचयन बहुत कम लागत पद्धति के साथ-साथ बहुत सारे लाभ देने में सक्षम हैं। यह घरेलू कार्यों, क्षेत्र सिंचाई, पशुधन, कृषि और पशुपालन जैसे विभिन्न उद्देश्यों में मदद करता है।

यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भूजल स्तर को फिर से जीवंत करने में मदद करता है। वर्षा जल संचयन विधियों को खाइयों, एनीकट, खोदा कुओं, समोच्च, आदि की वर्षा जल संचयन विधियों द्वारा बदला जा सकता है, जबकि अन्य वर्षा जल संचयन विधियाँ जैसे भूमिगत जल टैंक, तालाब आदि, कम से कम चार से छह महीने के लिए भूजल के उपयोग को कम करने में मदद करते हैं।

यह भारत और अन्य देशों के पहाड़ी क्षेत्रों और रेगिस्तानी क्षेत्रों में बहुत प्रभावी है। बड़े और स्वच्छ जल निकाय बनाकर बरसात के मौसम में अधिक और स्वच्छ वर्षा जल एकत्र किया जा सकता है।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (300 शब्द)

अब-दिनों में, लोगों को उनकी हर जरूरत के लिए पानी की आपूर्ति के लिए पानी की आपूर्ति की सरकारी प्रणाली पर निर्भर किया गया है। शहरों में जल प्रबंधन और वितरण के वर्तमान परिदृश्य को सरकार द्वारा केंद्रीकृत किया गया है जिसने जल प्रबंधन में सामुदायिक जिम्मेदारी का एक बड़ा अंतर लाया है। यह धीरे-धीरे लेकिन नियमित रूप से पुराने पारंपरिक जल संचयन प्रणाली को समाप्त कर चुका है।

भविष्य के उपयोग के उद्देश्य के लिए वर्षा के मौसम में वर्षा जल संग्रहण के लिए वर्षा जल संग्रहण फिर से एक नई लेकिन पुरानी और प्रभावी तकनीक है। पानी की कमी की समस्याओं को दूर करने के लिए भारत के विभिन्न स्थानों में इसका अक्सर उपयोग किया जा रहा है।

वर्षा जल संचयन प्राकृतिक तरीके से भूजल पुनर्भरण का अच्छा स्रोत है। हालांकि, तेजी से हो रहे शहरीकरण और बड़े स्तर पर शहरों के विकास के साथ-साथ बारिश के पानी की मात्रा में कमी के कारण भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है।

वर्षा जल संचयन भूजल के उपयोग को कम करने के साथ-साथ भविष्य में अपने स्तर को हमेशा बनाए रखने का तरीका है। भारत और अन्य देशों के सूखे क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी की मांग को पूरा करने के लिए इसका अधिक महत्व है। वर्षा जल की कटाई करने के तथ्य को साबित करने वाले निम्न बिंदुओं का उल्लेख किया गया है:

  • यह भूजल की गिरावट को रोकने और भूजल तालिका में सुधार करने में महान भूमिका निभाता है।
  • यह एक्वीफर्स में पानी की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
  • यह मानसून के दौरान अधिक पानी के संरक्षण और सतही जल अपवाह को रोकना है।
  • यह मृदा अपरदन को कम करने में मदद करता है।
  • यह लोगों में जल संरक्षण की पुरानी परंपरा को लाना है।
  • सतह अपवाह कटाई और छत के ऊपर वर्षा जल संचयन जैसे निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करके वर्षा जल को बेहतर तरीके से काटा जा सकता है। दो
  • नों बहुत प्रभावी तरीके भूजल के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं और आसान और लागत प्रभावी तरीके से पानी की आपूर्ति की आवश्यकता को पूरा करते हैं।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (400 शब्द)

वर्षा जल संचयन प्राकृतिक संसाधनों या कृत्रिम रूप से डिज़ाइन किए गए संसाधनों में वर्षा जल का संग्रहण और भंडारण है, ताकि जल अपवाह को रोका जा सके और भविष्य में पानी की कमी को पूरा किया जा सके। जल संचयन की मात्रा वर्षा की आवृत्ति, वर्षा की मात्रा, वर्षा जल एकत्र करने के तरीके और जल को एकत्रित करने के संसाधनों के आकार जैसे कारकों से प्रभावित होती है।

वनों की कटाई और पारिस्थितिक असंतुलन जैसे विभिन्न कारणों से भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का स्तर लगातार बढ़ने से विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की मांग बढ़ जाती है। यह भूजल के अति प्रयोग और इस प्रकार निम्न स्तर पर जा रहा है।

भविष्य में पानी की कमी के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा दिया गया है और कुछ प्रभावी समाधानों का पालन नहीं करने पर जीवन के लिए खतरा हो सकता है। जल संचयन बहुत मददगार है और भूजल स्तर को रिचार्ज करने जैसी विभिन्न जरूरतों को पूरा करता है, पानी की आपूर्ति में बिजली के बिल को कम करता है और आवश्यकतानुसार कभी भी पानी की आपूर्ति प्रदान करता है।

यह अनुमान है कि जल स्तर में 1 मीटर वृद्धि से लगभग 0.4 किलोवाट बिजली की बचत होती है।

वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है:

सभी क्षेत्रों में लोगों द्वारा वर्षा जल संचयन बहुत आवश्यक है। भविष्य में पानी की कमी के डर को कम करना अच्छा है। निम्नलिखित बिंदु इस तथ्य को साबित करते हैं कि वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है:

  • सतही जल विभिन्न प्रयोजनों के लिए पानी की मांग को पूरा नहीं कर सकता है।
  • हर कोई अपनी हर जरूरत के लिए भूजल पर निर्भर है।
  • वनों की कटाई, तेजी से शहरीकरण, उप-मिट्टी के लिए वर्षा जल घुसपैठ, आदि कारणों से भूजल के स्तर में लगातार कमी हो रही है।
  • वर्षा जल संरक्षण प्राकृतिक जल संसाधनों में पानी के स्तर को बनाए रखता है।
  • यह सड़कों पर पानी भरने की संभावना को कम करता है, मिट्टी के कटाव के जोखिम को कम करता है और पानी की गुणवत्ता में सुधार करता है।

वर्षा जल संचयन की मुख्य तकनीकें निम्नलिखित हैं:

  • भविष्य में उपयोग के लिए सतह पर वर्षा जल एकत्र करना।
  • भूजल का पुनर्भरण।
  • हालांकि, भूजल रिचार्जिंग तकनीक फसल कटाई की एक नई अवधारणा है। यह खोदा कुओं, गड्ढों, खाइयों, हैंडपंपों, रिचार्ज कुओं, रिचार्ज शाफ्टों का उपयोग करके किया जा सकता है, बोरवेलों के साथ पार्श्व शाफ्टों को रिचार्ज करना, फैलाने की तकनीक (धारा, नाला, आदि के लिए पानी के प्रसार का मतलब है)।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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जल पर निबंध 10 Lines (Essay On Water in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

water conservation and management essay 1000 words in hindi

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी, पृथ्वी पर जीवित प्राणियों के अस्तित्व का कारण, ग्रह का 70% से अधिक हिस्सा है। जल वह जादुई तरल है, जो जानवरों, पौधों, पेड़ों, जीवाणुओं और विषाणुओं को जीवन प्रदान करता है। जल ही वह कारण है जिसके कारण पृथ्वी जीवन का समर्थन कर सकती है और अन्य ग्रह नहीं कर सकते।

मानव शरीर का 60% तक पानी से बना है। जबकि ग्रह पर पानी की बहुतायत है, मनुष्य और जानवरों द्वारा हर चीज का सेवन नहीं किया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पृथ्वी पर केवल 3% पानी ही मीठा पानी है, जो पोर्टेबल और उपभोग करने के लिए सुरक्षित है।

जल निबंध पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Water Essay in Hindi)

  • जल ही वह कारण है जिसके कारण जीवन अस्तित्व में है और पृथ्वी पर फलता-फूलता है
  • पृथ्वी की सतह का 70% हिस्सा पानी से बना है जिसमें से केवल 3% मीठा पानी मानव उपभोग के लिए है
  • पानी ग्रह पर जीवन के सभी रूपों का समर्थन करता है
  • मनुष्य पानी का उपयोग पीने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि, उद्योगों और कारखानों में करता है
  • मानव शरीर का 60% से अधिक भाग पानी से बना है
  • जानवर पीने और नहाने के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • पौधे, पेड़ और अन्य विभिन्न जीव अपनी वृद्धि और अस्तित्व के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • यह भविष्यवाणी की जाती है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा यदि मनुष्य ने इसका विवेकपूर्ण उपयोग करना नहीं सीखा
  • मनुष्य को जिम्मेदारी से पानी का उपयोग करना सीखना होगा क्योंकि यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है
  • सभी देशों की सरकारों को मिलकर नीतियां और कानून बनाने चाहिए जो लोगों को अनावश्यक रूप से पानी बर्बाद करने से रोकें

जल पर निबंध 100 शब्द (Essay on Water 100 words in Hindi)

पानी पृथ्वी पर हर जीवन रूप की मूलभूत आवश्यकता है। यह पानी ही है जो हमें इस ग्रह पर आरामदायक जीवन जीने में मदद करता है। हमारा शरीर 70% पानी से बना है, इसलिए पानी हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण यौगिक है। जल का उपयोग हम अनेक कार्यों में करते हैं। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने और साफ-सफाई के लिए पानी की जरूरत होती है। जल के बिना, ग्रह पर जीवन असंभव होगा। जल पृथ्वी पर नदियों, महासागरों, समुद्रों, तालाबों, झीलों, नदियों और हिमनदों के रूप में पाया जाता है। जल की संरचना पूरी पृथ्वी पर एक समान रहती है।

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जल पर निबंध 150 शब्द (Essay on Water 150 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी सभी जीवित रूपों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरल है। यह न केवल हमारी जीवन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है बल्कि हमारे ग्रह के कामकाज के लिए भी आवश्यक है। पृथ्वी पर जल तीन अवस्थाओं में उपलब्ध है- ठोस, द्रव और गैसीय। सॉलिड-स्टेट में ग्लेशियर, स्नो कैप, आइस शीट और पोलर आइस रिजर्व शामिल हैं। तरल अवस्था में नदियाँ, समुद्र, झीलें, तालाब, नदियाँ, महासागर और गीज़र शामिल हैं। 

गैसीय अवस्था में वायुमंडल में पाए जाने वाले जलवाष्प शामिल हैं। जल चाहे किसी भी अवस्था में क्यों न हो, जल का संघटन सदैव एक समान रहता है। यह एक शक्तिशाली यौगिक है जो पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन का पोषण करता है। पौधों को प्रकाश संश्लेषण और श्वसन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्यों को परिसंचरण, पाचन, श्वसन और उत्सर्जन जैसी कई अलग-अलग जीवन प्रक्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है, पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव होगा। चूँकि यह इतना महत्वपूर्ण यौगिक है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इसे संरक्षित करें ताकि यह जल्द समाप्त न हो।

जल पर निबंध 200 शब्द (Essay on Water 200 words in Hindi)

पानी किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल हमारे अपने अस्तित्व के लिए बल्कि हमारे ग्रह के समुचित कार्य के लिए भी आवश्यक है। सभी फलों और सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पानी होता है। स्वस्थ रहने के लिए भरपूर मात्रा में पानी की जरूरत होती है, यानी लगभग 3-4 लीटर पानी प्रतिदिन। मानव शरीर को पानी की आवश्यकता होती है, और इसकी कमी से बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अपर्याप्त पानी की खपत के कारण गुर्दे की पथरी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। पानी में चंगा करने की क्षमता है और जीवन के अस्तित्व के लिए जरूरी है। हमारा ग्रह ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां जीवन की कल्पना की जा सकती है क्योंकि पानी और जीवन के लिए अन्य सभी आवश्यक तत्व मौजूद हैं। मंगल, बुध और शुक्र जैसे ग्रह निर्जन हैं। पानी न होने के कारण वे एक उजाड़ रेगिस्तान के समान हैं। जल जीवन के लिए आवश्यक है, और यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करता है।

जल पर निबंध 250 शब्द (Essay on Water 250 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी एक अनमोल संसाधन है। पानी की कमी मध्य पूर्व और यहां तक ​​कि भारत के कुछ हिस्सों में सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। पीने के पानी की किल्लत है। जल प्रदूषण ने पृथ्वी की सतह पर सुलभ पीने के पानी की मात्रा को कम कर दिया है, साथ ही पानी की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुँचाया है। यह न केवल इंसानों बल्कि जानवरों, पक्षियों और पौधों को भी प्रभावित करता है।

जल की प्रासंगिकता को वर्तमान जल संकट के संदर्भ में देखा जा सकता है। सूखा उन दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में से एक है जो किसी स्थान पर हो सकती है। क्षेत्र की आर्थिक और वित्तीय स्थिति बुरी तरह प्रभावित होगी। दूसरी ओर, अत्यधिक बारिश लोगों, जानवरों और यहां तक ​​कि किसानों और निर्माताओं के लिए भी चिंता का विषय है। जल को वरदान माना जाता है, लेकिन यह अभिशाप भी हो सकता है।

इसलिए जल के महत्व को समझना जरूरी है। बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, जनसंख्या और वनों की कटाई के साथ, ताजा पानी प्रदूषित हो रहा है, और हमारे लिए उपलब्ध मात्रा कम हो रही है। अधिक जनसंख्या के कारण पानी का दुरूपयोग हो रहा है। पानी कई रूपों में दुनिया के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है। पानी प्रकृति की सुंदरता को भी बिखेरता है।

जल पर निबंध 300 शब्द (Essay on Water 300 words in Hindi)

जल जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है और इसके बिना जीवित रहना असंभव है। पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक जीव को अपने शरीर के समुचित कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह न केवल हमें जीवित रहने में मदद करता है बल्कि हमारे दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी स्वयं 70% जल से बनी है, तथापि, सारा जल उपभोग के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए, हमें इसके महत्व को समझने और इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने की आवश्यकता है। जैसा कि हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी को देख सकते हैं, इसलिए समय आ गया है कि हम पानी का संरक्षण करना शुरू कर दें।

पानी के कई उपयोग हैं और यह कृषि में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है क्योंकि यह भारत का मुख्य व्यवसाय है। सिंचाई और मवेशियों को पालने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए, किसान पानी का अधिक उपयोग करते हैं और काफी हद तक इस पर निर्भर रहते हैं।

दूसरी ओर, उद्योगों को विभिन्न उद्देश्यों जैसे कुछ वस्तुओं को संसाधित करने, ठंडा करने और निर्माण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, थर्मल पावर प्लांट बड़े पैमाने पर पानी का उपयोग करते हैं। इन सबके अतिरिक्त जल का उपयोग घरेलू कार्यों जैसे पीने, कपड़े धोने, साफ-सफाई, बागवानी आदि में भी किया जाता है। इस प्रकार हमें जीवन के कुछ मूलभूत कार्यों को चलाने के लिए जल की आवश्यकता होती है।

पौधों और जानवरों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी जीवन का एक अनिवार्य घटक है जो किसी को जीवित रहने और ठीक से काम करने में मदद करता है। हालाँकि, लोग पानी की कमी से अनभिज्ञ हैं और इस प्रकार इसके परिणामों के बारे में सोचे बिना इस प्राकृतिक संसाधन का दोहन करते रहते हैं।

इसलिए सरकार के साथ एकजुट होने और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी के संरक्षण के लिए उपचारात्मक उपाय करने और बहुत देर होने से पहले इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए एक घंटे की आवश्यकता है। पानी बचाने के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और जिनमें से एक वर्षा जल संचयन है- पानी बचाने और विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने का एक शानदार तरीका।

जल पर निबंध 500 शब्द (Essay on Water 500 words in Hindi)

जल (रासायनिक सूत्र H2O) एक पारदर्शी रासायनिक पदार्थ है। यह हर जीवित प्राणी के लिए मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है चाहे वह पौधे हों या जानवर। जिस प्रकार पृथ्वी पर जीवन के समुचित विकास और विकास के लिए हवा, सूर्य का प्रकाश और भोजन, पानी की आवश्यकता होती है। हमारी प्यास बुझाने के अलावा, पानी का उपयोग कई अन्य गतिविधियों जैसे सफाई, कपड़े धोने और खाना पकाने के लिए किया जाता है।

पानी मुख्य रूप से अपने पांच गुणों के लिए जाना जाता है। यहाँ इन संपत्तियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

  • सामंजस्य और आसंजन

संसंजन, जिसे अन्य जल अणुओं के लिए जल के आकर्षण के रूप में भी जाना जाता है, जल के मुख्य गुणों में से एक है। यह पानी की ध्रुवता है जिसके कारण यह पानी के अन्य अणुओं की ओर आकर्षित होता है। पानी में मौजूद हाइड्रोजन बांड पानी के अणुओं को एक साथ बांधे रखते हैं।

आसंजन मूल रूप से विभिन्न पदार्थों के अणुओं के बीच पानी का आकर्षण है। यह पदार्थ किसी भी अणु के साथ बंध जाता है जिसके साथ यह हाइड्रोजन बांड बना सकता है।

  • बर्फ का कम घनत्व

पानी के हाइड्रोजन बंध ठंडे होने पर बर्फ में बदल जाते हैं। हाइड्रोजन बांड स्थिर होते हैं और अपने क्रिस्टल जैसे आकार को बनाए रखते हैं। पानी का ठोस रूप जो बर्फ है तुलनात्मक रूप से कम घना होता है क्योंकि इसके हाइड्रोजन बांड बाहर की ओर होते हैं।

  • पानी की उच्च ध्रुवीयता

पानी में उच्च स्तर की ध्रुवीयता होती है। यह एक ध्रुवीय अणु के रूप में जाना जाता है। यह अन्य ध्रुवीय अणुओं और आयनों की ओर आकर्षित होता है। यह हाइड्रोजन बंध बना सकता है और इस प्रकार एक शक्तिशाली विलायक है।

  • जल की उच्च विशिष्ट ऊष्मा

पानी अपनी उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण तापमान को मध्यम कर सकता है। जब गर्म होने की बात आती है तो इसमें काफी समय लगता है। गर्मी लागू नहीं होने पर यह लंबे समय तक अपना तापमान बनाए रखता है।

  • पानी की वाष्पीकरण की उच्च ऊष्मा

यह पानी का एक और गुण है जो इसे तापमान को सामान्य करने की क्षमता प्रदान करता है। जैसे ही पानी एक सतह से वाष्पित होता है, यह उसी पर शीतलन प्रभाव छोड़ता है।

पानी की बर्बादी से बचें

हमारे दैनिक जीवन में जिन गतिविधियों में हम शामिल होते हैं उनमें से अधिकांश के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमें इसका संरक्षण करना आवश्यक है अन्यथा आने वाले वर्षों में हमारा ग्रह ताजे पानी से रहित हो जाएगा। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे पानी को संरक्षित किया जा सकता है:

  • पानी की बर्बादी रोकने के लिए टपकते नलों को तुरंत ठीक करें।
  • नहाते समय शावर के प्रयोग से बचें।
  • अपने दांतों को ब्रश करते समय अपना नल बंद रखें। जरूरत पड़ने पर ही इसे चालू करें।
  • आधे कपड़े धोने के बजाय पूरे कपड़े धोएं। इससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि बिजली की भी काफी बचत होगी।
  • बर्तन धोते समय पानी को बहता हुआ न छोड़ें।
  • वर्षा जल संचयन प्रणाली का प्रयोग करें।
  • गटर की सफाई के लिए पानी की नली का उपयोग करने से बचें। आप इसके बजाय झाडू या अन्य तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • खाना बनाते और खाते समय सही आकार के बर्तनों और अन्य बर्तनों का उपयोग करें। अपनी आवश्यकता से बड़े का उपयोग करने से बचें।
  • स्प्रिंकलर के बजाय अपने पौधों को हाथ से पानी देने की कोशिश करें।
  • तालों को ढक दें ताकि वाष्पीकरण के कारण पानी की कमी से बचा जा सके।

हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए और इसके संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। हमें उन गतिविधियों और योजनाओं का अभ्यास और प्रचार करना चाहिए जो जीवित प्राणियों की वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए जल संरक्षण और इसके स्रोतों की रक्षा करने में मदद करती हैं।

जल पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पृथ्वी की सतह का कितना भाग जल से बना है .

पृथ्वी की सतह का 70% से अधिक भाग पानी से बना है जिसमें से केवल 3% पीने योग्य मीठा पानी है

क्या पानी बनाया जा सकता है?

अभी तक, यह संभव नहीं है, लेकिन उचित रासायनिक उपचार के बाद पानी को रिसाइकल और पुन: उपयोग किया जा सकता है

जल के स्रोत क्या हैं?

नदियाँ, झीलें, ग्लेशियर और भूजल तालिका पृथ्वी पर पानी के कुछ स्रोत हैं

विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय कौन सा है?

प्रशांत महासागर विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय है। साथ ही, नील नदी दुनिया में ताजे पानी का सबसे बड़ा स्रोत है।

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वर्षा जल संचयन पर निबंध (Rain Water Harvesting Essay in Hindi)

वर्षा जल संचयन

वर्षा जल संचयन एक तकनीक है जिसका उपयोग भविष्य में इस्तेमाल करने के उद्देश्य (जैसे कृषि आदि) के लिये अलग-अलग संसाधनों के विभिन्न माध्यमों के इस्तेमाल के द्वारा बारिश के पानी को बचाकर रखने और इकट्ठा करने की एक प्रक्रिया है। बारिश के पानी को प्राकृतिक जलाशय या कृत्रिम टैंको में एकत्रित किया जा सकता है। सतह के लबालब भर जाने के द्वारा खत्म होने से पहले अधस्तल जलदायी चट्टानी पर्त में से सतह के जल का अंत:स्पदंन इकट्ठा करने का दूसरा तरीका है।

वर्षा जल संचयन पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Rain Water Harvesting in Hindi, Varsha Jal Sanchayan par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द) – वर्षा जल संचयन के तरीके व फायदे.

धरती पर बारिश की हर बूंद लोगों के लिये भगवान के आर्शीवाद के समान है। ताजे बारिश का पानी जमीन पर मोती के समान गिरता है, इसलिये विकासशील क्षेत्रों और प्राकृतिक जल संसाधनों की कमी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में खासतौर से बारिश के पानी के महत्व को हर एक को समझना चाहिये। छतों पर और सड़कों के किनारे बह रहे वर्षा के जल को बिना बर्बाद किये इकट्ठा करने की कोशिश करनी चाहिये।

वर्षा जल संचयन के तरीके व फायदे

सभी क्षेत्रों में जल आपूर्ति को आसान बनाने के लिये नयी और असरदार तकनीकों को इस्तेमाल करते हुए हमें अपनी जल इकट्ठा करने की पुरानी परंपरा को लाना चाहिये। क्योंकि केवल हैंड पम्प, कुएँ तथा भौम जलस्तर के दूसरे संसाधन लाखों लोगों की पाने योग्य पानी की जरुरत को पूरा नहीं कर सकते हैं।

जल की कमी वाले क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने के लिये बहुत सालों से सबसे चिरस्थायी और असरदार तरीका बारिश के पानी को एकत्रित करना है। बहुत सारे फायदों के साथ बारिश के पानी को इकट्ठा करना बहुत ही सस्ता तरीका है। ये बहुत सारे उद्देश्यों के लिये मददगार है जैसे घरेलू कार्यों, मैदानी सिंचाई, पशुधन, कृषि और पशु-पालन आदि।

छत के पानी का संचयन बारिश के पानी को इकट्ठा करने का एक तरीका है। कम बारिश वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिये ये विधियाँ बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। नियमित जल की आपूर्ति की कमी में भी वो बारिश के पानी से मौसमी फसल की खेती को जारी रख सकते हैं। जब कभी भी बारिश हो, बारिश के पानी को मानव निर्मित तालाब या टैंक में जमा किया जा सकता है। खाई, कुएँ खोद कर, विभिन्न आकार आदि के तरीकों से बारिश के पानी को इकट्ठा करने के द्वारा भूमि जलस्तर को पुन: भरा जा सकता है। वर्षा जल संचयन के दूसरे तरीके जैसे पानी की टंकी, तालाब आदि कम से कम 4 से 6 महीने के लिये भूमि जलस्तर के उपयोग को घटाने में मदद करता है। बड़े और स्वच्छ जल के आकारों को बनाने के द्वारा बरसात मौसम में अधिक स्वच्छ बारिश के पानी को इकट्ठा किया जा सकता है।

वर्षा जल संचयन प्रयत्क्ष और अप्रयत्क्ष दोनों तरीकों से भूमि के जलस्तर को फिर से बनाने में मदद करता है। ये भारत और दूसरे देशों के पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में बहुत असरकारी होता है।

निबंध 2 (400 शब्द) – बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लाभ

आज के दिनों में, लोग पानी की अपनी सभी जरुरतों के लिये जल आपूर्ति की सरकारी व्यवस्था पर निर्भर रहते हैं। सरकार के द्वारा जल प्रबंधन और वितरण का वर्तमान परिदृश्य शहरों में केन्द्रीकृत हो गया है जो जल प्रबंधन में सामुदायिक जिम्मेदारी के एक बड़े अंतर को ले आयी है। ये धीरे किन्तु नियमित तौर पर जल इकट्ठा करने की पुरानी पद्धति को समाप्त कर रही है।

बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लाभ

भविष्य में विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिये वर्षा ऋतु के दौरान बारिश के पानी को इकट्ठा करने की एक पुरानी लेकिन प्रभावकारी तकनीक वर्षा जल संचयन हैं। पानी की कमी की समस्या से उभरने के लिये भारत के विभिन्न जगहों में इसे बारंबार इस्तेमाल किया जाता है। प्राकृतिक तरीके से भूमि जलस्तर को पुन: चार्ज करने का अच्छा साधन है बारिश के पानी का संचयन।

हालांकि, जमीन से बारिश का जल का अन्त:स्रवण में कमी के साथ ही बड़े स्तर पर तेजी से फैलता शहरीकरण और शहरों के विकास के कारण दिनों-दिन भूमि जलस्तर घट रहा है। बारिश के पानी का संचयन भूमिगत जल के इस्तेमाल को घटाने के साथ ही भविष्य में हमेशा के लिये इसके स्तर को बनाए रखने का तरीका है। विभिन्न उद्देश्यों के लिये जल की मांग की आपूर्ति करने के लिये ये भारत और दूसरे देशों के सूखाग्रस्त इलाकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। निम्न बिन्दुओं से ये स्पष्ट हो जायेगा कि क्यों बारिश के पानी को संग्रहित करें:

  • ये भूमि जलस्तर को गिरने से बचाने में बड़ी भूमिका निभाता है और उसे सुधारने में मदद करता है।
  • जलवाही स्तर में जल की गुणवत्ता को सुधारने में ये मदद करता है।
  • ये मानसून के दौरान सतह के जल को बहने से बचाता है और अधिक जल को संरक्षित करने के लिये है।
  • ये मिट्टी के कटाव में कमी लाने में मदद करता है।
  • ये लोगों के बीच में जल संरक्षण की पुरानी परंपरा को लाने के लिये है।

निम्न तरीकों का इस्तेमाल कर बेहतर तरीके से बारिश का पानी को इकट्ठा किया जा सकता है जैसे सतह और छतों के पानी बहने या बर्बादी से बचा कर रखना। दोनों ही तरीकों से भूमि जलस्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है साथ ही विभिन्न जरुरतों को पूरा करने के लिये जल आपूर्ति की एक सस्ती और आसान तकनीक है।

  • नगरपालिका के जल आपूर्ति भार और बिजली बिल को घटाने में, मुफ्त जल आपूर्ति को सुधारने में, ग्रामीण क्षेत्रों में फसल उत्पादन में ये मदद करता है, जो खाद्य सुरक्षा की ओर ले जाता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू या व्यक्तिगत असुरक्षा को घटाने में वर्षा जल संचयन व्यवस्था मदद करती है।
  • ये कम पानी वाले क्षेत्रों में आसान और कम कीमत की जल आपूर्ति उपलब्ध कराता है जो खाद्य सुरक्षा और आय उत्पन्न करने में मदद करता है।

तमिलनाडु भारत का एकमात्र राज्य है और अब पहला भारतीय राज्य होगा जहाँ बारिश के पानी को इकट्ठा करना जरुरी होगा। तमिलनाडु राज्य सरकार ने 30 मई 2014 को ये घोषणा कि है कि चेन्नई में विभिन्न स्थानों पर बारिश के जल को इकट्ठा करने के लिये लगभग 50,000 ढांचों की स्थापना करनी है। अब तक, तमिलनाडु में लगभग 4000 मंदिरों में वर्षा जल संग्रहण के लिये टैंक हैं जो जमीन के पानी को पुनर्भरण में भी मदद कर रहें हैं।

निबंध 3 (500 शब्द) – वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है

भविष्य में पानी की कमी को पूरा करने और जल को बहने से बचाने के लिये प्राकृतिक संसाधनों और कृत्रिम डिजाइन संसाधनों के माध्यम से बारिश के पानी को इकट्ठा और संग्रहित करना वर्षा जल संचयन है। कई सारे कारणों के द्वारा जल संचयन की मात्रा प्रभावित होती है जैसे बारिश की प्रायिकता, बारिश की मात्रा, बारिश के पानी को इकट्ठा करने का तरीका और पानी को इकट्ठा करने के लिये संसाधनों का आकार। कई सारी वजहों जैसे वनों की कटाई और पारिस्थितिकी असंतुलन से भूमि जलस्तर घटता जा रहा है।

Essay on Rain Water Harvesting in Hindi

बारिश के पानी का संचयन क्यों आवश्यक है:

खासतौर से शहरी क्षेत्रों में लगातार बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण जल आपूर्ति की मांग बढ़ रही है। इसका कारण अत्यधिक भूमिगत जल का इस्तेमाल है जिससे ये नीचे की ओर जा रहा है। है अगर तुरंत कुछ प्रभावशाली कदम नहीं उठाये गये तो भविष्य में पानी के कमी का खतरा बड़े पैमाने पर बढ़ेगा और ये जीवन के लिये भी खतरा साबित हो सकता हैं।

जल संचयन बहुत ही मददगार है विभिन्न जरुरतों को पूरा करता है जैसे भूमि जलस्तर का पुनर्भरण, जल आपूर्ति में खर्च होने वाली बिजली के बिल को घटाएगा और किसी भी समय सरल जल आपूर्ति उपलब्ध करायेगा जब भी इसकी जरुरत होगी। ये आकलन किया गया है कि जलस्तर में 1 मीटर की बढ़ौतरी लगभग 0.4KWH बिजली को बचायेगा। बारिश के पानी का संग्रहण सभी क्षेत्रों के लोगों के लिये बहुत जरुरी है। भविष्य में जल की कमी का डर खत्म करना बहुत अच्छा है। निम्न बिन्दु ये समझने में मदद करेंगे कि क्यों वर्षा जल संग्रहण की आवश्यकता है:

  • विभिन्न उद्देश्यों के लिये पानी की मांग को सतह का जल पूरा नहीं कर सकता है।
  • अपनी सभी जरुरतों के लिये भूमि जल पर सभी निर्भर हैं।
  • वनों की कटाई, तेजी से बढ़ता शहरीकरण, नीचे की मिट्टी से बारिश का पानी रिसना आदि के कारण लगातार भूमि जलस्तर घट रहा है।
  • प्राकृतिक जल संसाधनों में जल के स्तर को बारिश के पानी का संग्रहण बनाये रखता है।
  • ये सड़कों पर बाढ़ का खतरा और मिट्टी के घिसावट के खतरे को कम करता है साथ ही जल की गुणवत्ता को सुधारता है।

बारिश के पानी के संग्रहण की मुख्य तकनीक

बारिश के पानी के संग्रहण की मुख्य तकनीक निम्न है:

  • भविष्य में उपयोग के लिये सतह के जल को इकट्ठा करना।
  • भूमि जल का पुनर्भरण करना।

बारिश के पानी का संचय से लाभ

व्यक्तिगत या शहर के स्तर पर बारिश के पानी का संचय से निम्न लाभ इस प्रकार हैं:

  • ये पानी की आपूर्ति बिल खासतौर से संस्थानों के बिलों में कमी लाता है ।
  • फ्लोराईड, नाइट्रेट्स और इसकी लवणता को कम करने के द्वारा जमीन के पानी की गुणवत्ता को सकारात्मक रुप से प्रभावित करके बारिश का पानी जमीन में दुबारा चार्ज हो जाता है।
  • इसके पास लगभग निष्पक्ष pH और शून्य कठोरता होती है जो इसे घरों, उद्योगों, संस्थानों और दूसरे वाणिज्यिक अधिष्ठानों में अधिक इस्तेमाल करने के लायक बनाता है।
  • ये सार्वजनिक जल आपूर्ति स्रोतों की चिंता को कम कर सकता है।
  • जमीन से बारिश के पानी के पुनर्भरण से तटीय क्षेत्रों में ताजे पानी के स्रोतों में सागरीय जल निमज्जन से बचाता है।
  • शहरी बाढ़ नियंत्रण में ये मदद करता है अगर लोग छतों से बारिश के पानी को इकट्ठा करते हैं।
  • ये नगरपालिका से लोगों की जल की मांग को घटाएगा जिससे पूरे शहर में जल वितरण में भी कम ऊर्जा खर्च होगी।

सतह से बारिश के पानी को इकट्ठा करना बहुत ही असरदार और पारंपरिक तकनीक है। इसे छोटे तालाबों, भूमिगत टैंकों, डैम, बांध आदि के इस्तेमाल से किया जा सकता है। हालांकि, भूमिजल का पुनर्भरण तकनीक संग्रहण का एक नया तरीका है। इसे कुआँ खोद कर, गड्ढा, खाई, हैंड पम्प, कुओं को पुन: चार्ज करके किया जा सकता है।

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इस लेख में आप जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे (Short essay on importance of water in Hindi) पढ़ सकते हैं। पानी का महत्व हमारे जीवन मे कितना है इस लेख को पढ़ कर आप जान सकते हैं। यह निबंध 1000 शब्दों मे स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए लिखा गया है। छोटे बच्चे भी इससे एक लघु निबंध बना कर लिख सकते हैं। आई जानते हैं जल ही जीवन क्यों है ?

प्रस्तावना Introduction (जल के महत्व पर निबंध – 1000 Words)

मनुष्य जीवन में जल का बहुत बड़ा महत्व है। जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जल के बिना मनुष्य के जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। पृथ्वी पर जल पाया जाता है इसलिए इसे ब्रह्मांड का एक अनोखा ग्रह कहा जाता है। जल के कारण ही आज मनुष्य जाति पृथ्वी पर विकसित हो सकी है। मनुष्य, पशुओं, पेड़-पौधों सभी को जल की जरूरत है।

यदि पृथ्वी से जल समाप्त हो जाए तो कोई भी जीव जंतु जीवित नहीं रह पाएंगे क्योंकि सभी जीव जंतु जल का उपयोग करते हैं। यह चिंता का विषय है कि मनुष्य ने अपनी व्यवसायिक गतिविधियों के द्वारा पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल को संकट में डाल दिया है।

पढ़ें: जल है तो कल है पर निबंध

मनुष्य जीवन मे जल का महत्व Importance of water in human life

मनुष्य के लिए जल बहुत महत्वपूर्ण है। बिना भोजन किए मनुष्य 7 दिनों तक जीवित रह सकता है पर बिना जल पिए वह 3 दिन में ही मर जाएगा। हम सभी लोगों को प्यास लगती हैं और प्यास बुझाने के लिए जल का प्रयोग करते हैं।

रासायनिक कचरे को नदियों झीलों तालाबों में बहाया जा रहा है जिससे जल दूषित हो रहा है। हमें इसे रोकने के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे।

स्वस्थ रहने के लिए जल का महत्व Importance of water to stay healthy

मनुष्य के शरीर में 65 से 80% तक जल पाया जाता है। रक्त में 7% जल होता है। स्वस्थ रहने के लिए हमें साफ और शुद्ध जल का सेवन करना चाहिए। दूषित जल पीने से पीलिया, गैस, संक्रामक रोग, चेचक , पेचिश, दस्त जैसी बीमारियां हो जाती हैं। दस्त के रोग में शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए ओआरएस (ORS) का घोल रोगी को दिया जाता है।

पेड़-पौधों के लिए जल का महत्व Importance of water for plants

हम जितनी प्रकार की सब्जियां फल खाते हैं वह सभी पेड़ पौधों से प्राप्त होते हैं। मनुष्य के जीवित रहने के लिए पेड़ पौधों का जीवित रहना बहुत आवश्यक है। बिना पानी के सभी पेड़ पौधे सूख जाएंगे और कोई फसल नहीं होगी।

पशु पक्षी और अन्य जीवो के लिए जल का महत्व Importance of water for animals and birds

जल संरक्षण के उपाय how to conserve water.

जल एक कीमती संसाधन है। इसे व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। सभी टंकियों को ठीक कराना चाहिए जिनसे लगातार पानी गिरता रहता है। नहाते समय बहुत अधिक पानी नष्ट नहीं करना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार पानी इस्तेमाल करना चाहिए।

वर्षा के पानी को हार्वेस्ट करना चाहिए और उसे किसी टैंक या तालाब में एकत्रित करना चाहिए। वाहनों गाड़ियों और घर की सफाई करते समय जल बहुत अधिक नष्ट नहीं करना चाहिए। दूषित पानी को नदियों तालाबों जिलों में नहीं छोड़ना चाहिए। इससे जल दूषित होता है और उसके अंदर के मछलियाँ और दूसरे जीव जंतु मर जाते हैं।

जल के महत्व पर 10 पंक्तियां 10 Lines on importance of water इन importance of water in Hindi

निष्कर्ष conclusion.

इस लेख के अंत मे हम यही कह सकते हैं की जल का हमारे जीवन मे बहुत बड़ा महत्व है। इसे जितना हो सके हमें बचाना होगा। जल संरक्षण के नए तकनीक निकालने होंगे जिससे मनुष्य भुजल को संरक्षित कर सकें। हमें स्वयं ही जल के महत्व को समझ कर अपने घर से इस मुहिम का शुरुआत करना होगा जिससे हम अपने अमोल पानी को बच सकें।

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जल संरक्षण पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi

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Water Conservation Essay

500+ words essay on water conservation.

Water makes up 70% of the earth as well as the human body. There are millions of marine species present in today’s world that reside in water. Similarly, humankind also depends on water. All the major industries require water in some form or the other. However, this precious resource is depleting day by day. The majority of the reasons behind it are man-made only. Thus, the need for water conservation is more than ever now. Through this water conservation essay, you will realize how important it is to conserve water and how scarce it has become.

water conservation essay

Water Scarcity- A Dangerous Issue

Out of all the water available, only three per cent is freshwater. Therefore, it is essential to use this water wisely and carefully. However, we have been doing the opposite of this till now.

Every day, we keep exploiting water for a variety of purposes. In addition to that, we also keep polluting it day in and day out. The effluents from industries and sewage discharges are dispersed into our water bodies directly.

Moreover, there are little or no facilities left for storing rainwater. Thus, floods have become a common phenomenon. Similarly, there is careless use of fertile soil from riverbeds. It results in flooding as well.

Therefore, you see how humans play a big role in water scarcity. Living in concrete jungles have anyway diminished the green cover. On top of that, we keep on cutting down forests that are a great source of conserving water.

Nowadays, a lot of countries even lack access to clean water. Therefore, water scarcity is a real thing. We must deal with it right away to change the world for our future generations. Water conservation essay will teach you how.

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Water Conservation Essay – Conserving Water

Life without water is not possible. We need it for many things including cleaning, cooking, using the washroom, and more. Moreover, we need clean water to lead a healthy life.

We can take many steps to conserve water on a national level as well as an individual level. Firstly, our governments must implement efficient strategies to conserve water. The scientific community must work on advanced agricultural reforms to save water.

Similarly, proper planning of cities and promotion of water conservation through advertisements must be done. On an individual level, we can start by opting for buckets instead of showers or tubs.

Also, we must not use too much electricity. We must start planting more trees and plants. Rainwater harvesting must be made compulsory so we can benefit from the rain as well.

Further, we can also save water by turning off the tap when we brush our teeth or wash our utensils. Use a washing machine when it is fully loaded. Do not waste the water when you wash vegetables or fruit, instead, use it to water plants.

All in all, we must identify water scarcity as a real issue as it is very dangerous. Further, after identifying it, we must make sure to take steps to conserve it. There are many things that we can do on a national level as well as an individual level. So, we must come together now and conserve water.

FAQ of Water Conservation Essay

Question 1: Why has water become scarce?

Answer 1: Water has become scarce due to a lot of reasons most of which are human-made. We exploit water on a daily basis. Industries keep discharging their waste directly into water bodies. Further, sewage keeps polluting the water as well.

Question 2: How can we conserve water?

Answer 2: The government must plan cities properly so our water bodies stay clean. Similarly, water conservation must be promoted through advertisements. On an individual level, we can start by fixing all our leaky taps. Further, we must avoid showers and use buckets instead to save more water.

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water conservation and management essay 1000 words in hindi

Essay on Water

essay on save water

Here we have shared the Essay on Water in detail so you can use it in your exam or assignment of 150, 250, 400, 500, or 1000 words.

You can use this Essay on Water in any assignment or project whether you are in school (class 10th or 12th), college, or preparing for answer writing in competitive exams. 

Topics covered in this article.

Essay on Water in 150-250 words

Essay on water in 300-400 words, essay on water in 500-1000 words.

Water is a vital resource that sustains all forms of life on Earth. It covers about 70% of the planet’s surface, and its availability is essential for various human activities, ecosystems, and agriculture.

Water plays a crucial role in maintaining the balance of nature. It supports biodiversity, provides habitat for aquatic species, and ensures the survival of ecosystems. Additionally, water is essential for agriculture, enabling the growth of crops and the sustenance of livestock.

However, water scarcity and pollution have become significant challenges. Rapid population growth, industrialization, and climate change have put immense pressure on water resources. Many regions face water shortages, leading to social, economic, and environmental consequences.

Water pollution is another critical issue. Industrial discharge, agricultural runoff, and improper waste disposal contaminate water bodies, affecting both human health and aquatic life. It is crucial to implement sustainable water management practices, promote conservation efforts, and invest in water treatment infrastructure.

Education and awareness are key in fostering responsible water use. Individuals can contribute by conserving water, practicing efficient irrigation methods, and avoiding the contamination of water sources.

In conclusion, water is a precious resource that sustains life and ecosystems. The challenges of water scarcity and pollution require collective action to ensure its availability and quality. By implementing sustainable practices, promoting conservation, and raising awareness, we can protect and preserve this invaluable resource for future generations.

Water is a fundamental resource that is essential for all forms of life on Earth. It covers approximately 70% of the planet’s surface, playing a crucial role in supporting ecosystems, agriculture, and human activities.

Water is vital for the survival of living organisms and the maintenance of ecological balance. It provides habitat for a wide range of plants and animals, supporting biodiversity and contributing to the overall health of ecosystems. Water bodies, such as rivers, lakes, and oceans, serve as crucial habitats and breeding grounds for numerous species.

In agriculture, water is essential for crop irrigation and livestock sustenance. Farmers rely on water to nourish their crops and ensure food production. Additionally, water plays a critical role in the transport of nutrients within plants, enabling their growth and development.

Water is also crucial for human activities and economic development. It is used in households for drinking, cooking, and sanitation purposes. Industries depend on water for manufacturing processes, cooling systems, and energy production. Furthermore, water serves as a transportation medium for goods and people, facilitating trade and commerce.

However, the availability and quality of water face significant challenges. Rapid population growth, urbanization, and climate change exert pressure on water resources. Many regions around the world experience water scarcity, leading to social, economic, and environmental implications. The unequal distribution of water resources exacerbates these challenges, with some areas facing severe water shortages.

Water pollution is another pressing issue. Industrial discharge, agricultural runoff, and improper waste disposal contaminate water bodies, negatively impacting aquatic ecosystems and human health. Waterborne diseases and the degradation of aquatic habitats are direct consequences of water pollution.

Addressing these challenges requires sustainable water management practices. Conservation efforts, such as rainwater harvesting and efficient irrigation techniques, can help preserve water resources. Investment in water treatment infrastructure is crucial to ensure the provision of clean and safe drinking water to communities. Moreover, raising awareness about water conservation and pollution prevention is vital in fostering responsible water use among individuals and industries.

In conclusion, water is a precious resource that sustains life, ecosystems, and human activities. The challenges of water scarcity and pollution necessitate collective action and sustainable water management practices. By valuing water, implementing conservation measures, and raising awareness about responsible water use, we can ensure the availability and quality of water for future generations.

Title: Water – The Essence of Life

Introduction :

Water is the elixir of life, a precious resource that is vital for the existence of all living organisms on Earth. Covering about 70% of the planet’s surface, water is found in oceans, rivers, lakes, and underground reservoirs. It plays a fundamental role in sustaining ecosystems, supporting agriculture, meeting human needs, and shaping the landscape. This essay explores the significance of water, its diverse uses, the challenges it faces, and the importance of responsible water management for the well-being of our planet and future generations.

Importance of Water

Water is essential for the survival and well-being of all living organisms. It serves as a universal solvent, enabling chemical reactions that are crucial for life processes. Water is involved in cellular functions, temperature regulation, nutrient transportation, and waste removal in living systems. In addition to its biological importance, water also plays a critical role in maintaining ecological balance. It provides habitats for countless species, supports biodiversity, and influences the functioning of ecosystems.

Water for Agriculture

Agriculture is heavily dependent on water for crop cultivation and livestock sustenance. Irrigation systems deliver water to fields, ensuring the growth and productivity of crops. Water is essential for germination, photosynthesis, and the transport of nutrients within plants. Livestock farming relies on water for drinking, cleaning, and maintaining proper hygiene conditions. Adequate water supplies are essential for the health and well-being of both plants and animals in agriculture.

Water for Human Needs

Water plays a vital role in meeting various human needs. Access to clean and safe drinking water is crucial for maintaining human health and preventing waterborne diseases. Water is used for cooking, food preparation, and sanitation, ensuring proper nutrition and hygiene. Adequate sanitation facilities, including toilets and wastewater treatment systems, rely on water to prevent the spread of diseases and maintain public health. Moreover, water is used in industries for manufacturing processes, cooling systems, and energy production.

Challenges of Water Scarcity

Water scarcity is a pressing global challenge, particularly in regions facing population growth, urbanization, and climate change. Unequal distribution, overexploitation of water resources, and inefficient water management contribute to the scarcity of water. This scarcity can lead to social, economic, and environmental consequences. Reduced water availability hampers agricultural productivity, jeopardizes livelihoods, and triggers conflicts over water rights. Addressing water scarcity requires sustainable water management practices, water conservation efforts, and investments in water infrastructure.

Water Pollution and Conservation

Water pollution poses a significant threat to water resources and ecosystems. Industrial discharge, agricultural runoff, improper waste disposal, and the use of chemicals contaminate water bodies, compromising water quality. This pollution has detrimental effects on aquatic life, threatens biodiversity, and poses health risks to humans. Waterborne diseases, such as cholera and dysentery, are direct consequences of water pollution. To combat water pollution, stringent regulations must be implemented to control industrial and agricultural activities that contribute to pollution. Proper wastewater treatment systems and waste management practices are essential to preserve water quality.

Water conservation plays a pivotal role in ensuring sustainable water use. Rainwater harvesting, efficient irrigation techniques, and public awareness campaigns promote responsible water consumption. Governments, communities, and individuals must work together to reduce water wastage, encourage water reuse, and protect water sources from pollution.

Conclusion :

Water is a precious and finite resource that is vital for all forms of life on Earth. Its significance extends beyond meeting basic needs and supporting ecosystems; water plays a critical role in shaping our planet. The challenges of water scarcity and pollution necessitate collective action and responsible water management practices. By valuing water, promoting conservation efforts, and raising awareness about responsible water use, we can ensure the availability and quality of water for future generations. It is our collective responsibility to protect and preserve this invaluable resource, safeguarding the well-being of our planet and all its inhabitants.

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जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay In Hindi)

जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay In Hindi)

रोज़ाना प्रदूषण और मनुष्य की नादानी और निरंतर दुरूपयोग के कारण, पृथ्वी पर स्वच्छ जल की गिरावट देखी जा रही है। जिस प्रकार मनुष्य जल का महत्व समझकर भी जल का दुरूपयोग कर रहे है, वह दिन दूर नहीं कि बिना साफ़ पानी के समस्त जीव जंतु ख़त्म हो जाएंगे।

लोगो को समझना होगा कि वह जल का दुरूपयोग नही करना चाहिए और सही उपयोग करने से सभी को जल प्राप्त होगा यह समजना चाहिए। यह सिर्फ एक के कोशिश करने से नहीं होगा। अगर हम सतर्क होकर सही कदम उठाएंगे तो जल जैसे प्राकृतिक संसाधन को बचा सकते है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण जल की समस्या

भूमिगत जल संरक्षण के विषय में आवश्यक कदम उठाने होंगे। सभी छोटे और बड़े घरो में बिजली की तरह पानी के मीटर लगाने होंगे। तब पानी खर्च करने से पहले लोग दस बार सोचेंगे। अगर ज़्यादा पानी का उपयोग वह करेंगे तब जल विभाग को उन्हें ज़्यादा पैसे देने होंगे।

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