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Stress Management in Hindi: जानिए तनाव क्या होता है और इसे दूर करने के बहुमूल्य उपाय

managing stress essay in hindi

  • Updated on  
  • फरवरी 19, 2024

Stress Management in Hindi

आजकल हर दूसरा व्यक्ति तनाव से पीड़ित हैं। लोग छोटी-छोटी बातों के बारे इतना सोचते हैं कि अन्य जरुरी बातों पर उनका ध्यान ही नहीं जाता है। तनाव की वजह से आप किसी भी कार्य में दक्ष नहीं बन सकते। बढ़ा हुआ तनाव हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक हानिकारक होता है। तनाव क्यों होता है यह जानना अति आवश्यक है। अगर वक्त रहते इस स्ट्रेस और चिंता को कम ना किया जाए तो इसका बुरा असर हमारी ऑफिशियल लाइफ के साथ पर्सनल लाइफ पर भी पड़ता है। आज के हमारे ब्लॉग में हम तनाव से जुड़े सभी पहलुओं के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि stress management in Hindi कैसे किया जा सकता है।

This Blog Includes:

तनाव क्या है  (stress management in hindi), तनाव क्यों होता है (stress management in hindi), तनाव कितने प्रकार का होता है (stress management in hindi), तनाव के लक्षण क्या होते हैं (stress management in hindi), टेंशन से पहले होने वाले सामान्य लक्षण क्या होते हैं (stress management in hindi), स्ट्रेस को दूर करने के उपाय (stress management in hindi), व्यायाम और योग करें , पूरी नींद लें , तनाव से होने वाले नुकसान क्या हैं (stress management in hindi), खूब व्यायाम करें, दिन का टाइम टेबल बनाएं (stress management in hindi), कुछ भी खाने से बचें (stress management in hindi), कमरे के तापमान का ध्यान रखें (stress management in hindi), स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए आवश्यक टिप्स (stress management in hindi).

तनाव मन की स्थिति से उपजा विकार है। मन की स्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असमंजस के कारण   तनाव उत्पन्न होता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है। सामान्य भाषा में समझें तो तनाव एक मानसिक बीमारी है।

जरूर पढ़ें : Stress ko kam krne ke liye padhe sandeep maheshawari ke best quotes

तनाव क्यों होता है यह जानना बेहद आवश्यक है क्योंकि यह मनुष्य को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने से रोकता है। तनाव, भय तथा डर के बीच का अंतर है अर्थात जब  हम दुनिया में उपस्थित प्रत्येक प्रकार के भय तथा उससे सुरक्षा के मध्य तालमेल स्थापित करने में असफल हो जाते हैं तो तनाव उत्पन्न होता है।

ऐसे में घबराया हुआ असुरक्षित मनुष्य सुरक्षित होने के लिए सदैव तत्पर रहता है, बेताब व बैचैन रहता है और यही मनोस्थिति तनाव (stress management in hindi) है और हमारा जटिल जीवन, सामाजिक, राजनीतिक तथा प्रशासनिक व्यवस्था संतुलन स्थापित करने में नाकामयाब रहती है वह स्थिति तनाव कहलाती है।

  • हमारे शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन हैं जो तनाव को बढ़ाते हैं जैसे एड्रेलिन और कॉर्टिसोल। तनाव की स्थिति में इन हार्मोन का उत्सर्जन बढ़ जाता है।  
  • स्ट्रेस या तनाव होना आजकल सामान्य बात है ये तब महसूस होता है जब हमारा किसी स्थिति से निपटना मुश्किल हो जाता है। 
  • टेंशन होने पर एड्रेनालाईन (Adrenaline) का उत्सर्जन हमारे शरीर में बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति में दिल की धड़कन और मानसिक और शारीरिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
  • अगर तनाव (stress management in hindi) लंबे वक्त तक रहे तो ये हमारे इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा बाहरी बीमारियों से निपटने की हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमता भी प्रभावित होती है। 

हैंस – शैले के अनुसार “तनाव शब्द शारीरिक तथा वैज्ञानिक आधार पर किसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए हार्मोन की प्रतिक्रिया है।” इन्होंने तनाव के दो प्रकार बताएं हैं:

  • यूस्ट्रेस जो इच्छित तनाव है तथा यह खतरनाक नहीं होता बल्कि आवश्यक होता है जो व्यक्ति को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रखता है।
  • दूसरा डिस्टेंस जो अनैच्छिक होता है तथा इस पर व्यक्ति नियंत्रण नहीं रख सकता और कई परेशानियां खड़ी करता है इसे नेगेटिव स्ट्रेस (stress management in hindi) भी कहा जा सकता है।

जरूर पढ़ें: stress dur karne ke liye padhe positive thinking ke bare me

थोड़ी देर के लिए जीवन में उतार-चढ़ाव आना बहुत आम बात है लेकिन अगर ये लंबे वक्त तक बना रहे तो यह जिंदगी से जुड़ी बाकी चीजों को भी खराब कर सकता है। आजकल होने वाले तनाव के कुछ सामान्य कारण/लक्षण निम्नलिखित हैं: 

  • अलगाव और कुछ अन्य कारणों से घर छोड़ना
  • पार्टनर से ब्रेकअप
  • नौकरी में बदलाव होना
  • बच्चों का घर छोड़ना 
  • आपका स्वास्थ्य और मूड
  • पार्टनर का निधन होना या करीब न होना
  • तलाक के कारण परिवार टूट जाना 
  • नशाखोरी और ड्रिंक करना 
  • बुरी आदतों का शिकार होना 
  • हिंसा या बुरे व्यवहार का शिकार होना

टेंशन से पहले होने वाले सामान्य लक्षणों की सूची नीचे दी गई है-

  • सामान्य से ज्यादा या कम भूख लगाना। 
  • तेजी से मूड बदलना। 
  • आत्मसम्मान में कमी आना। 
  • हर वक्त टेंशन या बेचैनी महसूस करना। 
  • ज्यादा या कम सोना। 
  • कमजोर याददाश्त या भूलने की समस्या। 
  • जरूरत से ज्यादा शराब या ड्रग्स लेना। 
  • जरूरत से ज्यादा थकान या ऊर्जा में कमी होना। 
  • परिवार और दोस्तों से दूर-दूर रहना। 
  • चरित्र से दूर हो जाना। 
  • ध्यान कें​द्रित न करना और काम में संघर्ष करना। 
  • उन चीजों में भी मन न लगना जो पहले आपको पसंद थीं। 
  • विचित्र अनुभव होना, उन चीजों का दिखना जो वहां हैं ही नहीं।
  • बात-बात पर क्रोधित होना।

Stress management in Hindi को दूर करने के कुछ समान्य उपाय नीचे दिए गए हैं-

  • तनाव होने पर हमेशा चीजों को सकारात्मक तरीके से देखने की कोशिश करनी चाहिए । 
  • कुछ मामलों में हो सकता है कि आपको फ्रेश स्टार्ट की भी जरूरत पड़े।
  • हर कार्य में अपना उत्साह बरकरार रखे। 
  • रोजाना किसी भी कार्य को करने पर उसे सर्वश्रेष्ट तरीके से करने का भाव रखे तथा स्वयं की सोच को भी सकारात्मक रखे तो कुछ हद तक उत्साहित रहा जा सकता है। 
  • पर्याप्त नींद व आराम मिलने से हमारा शरीर व मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। समय पर नींद लेने से व्यक्ति की कार्यक्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही तनाव में भी कमी लाने में मदद मिलती है। 
  • अपने मित्रों के साथ अच्छा व्यवहार करे तथा अच्छे लोगों के साथ दोस्ती रखना, तनाव को कम करने या समाप्त करने में सबसे अधिक मददगार हो सकता है।
  • योग का सहारा लें और ध्यान लगाएं।
  • रोज़ सुबह दौड़ें।
  • मन को स्थिर रखें।
  • घरवालों या किसी ख़ास परिचित से बात करें।
  • संयम से काम लें और बोलें।
  • किताबों का सहारा लें।
  • खुद पर काम करें और अपने में आत्मविश्वास लाएं।

तनाव से बचने के अन्य उपाय (stress management in Hindi)

यहाँ तनाव से बचने के अन्य उपाय बताए जा रहे हैं :

तनाव से दूर रहने के लिए आप व्यायाम का सहरा ले सकते हैं। इससे आपका दिमाग फ्रेश होगा और आपको तनाव से मुक्ति मिलेगी।  

  • जंक फ़ूड खाने से बचें 
  • पूरा और सम्पूर्ण आहार लें इससे आपके शरीर को बल मिलेगा और आपका दिमाग भी शांत रहेगा।  
  • तनाव का एक बड़ा कारण पूरी नींद न लेना भी है।  
  • पूरी नींद लें।  इससे आपका दिमाग फ्रेश होगा और आपकी शारीरिक थकावट भी दूर होगी। 

ज्यादा तनाव लेने से होने वाले नुकसान के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है-

  • तनाव से हमारे इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंच सकता है।
  • तनाव से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 
  • तनाव के कारण इंसान की उम्र कम हो जाती है। व्यक्ति के चेहरे पर उम्र से पहले ही झुर्रियां आदि दिखना शुरू हो जाता है।
  • परिवार में लड़ाई-झगड़े बढ़ जाते हैं। 
  • तनाव के कारण इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है जिसके कारण वह अपने रिश्तो में अनबन कर बैठता है और उसके रिश्ते बिगड़ते चले जाते हैं।
  • इंसान खुद से ही नज़रें नहीं मिला पाता।
  • काम या पढ़ाई की कीमत नहीं रहती।

मानसिक तनाव से मुक्ति के बहुमूल्य उपाय (stress management in Hindi)

मानसिक तनाव को दूर करने के कुछ कारणों के बारे में नीचे विस्तार बताया गया है-

जब भी आप मानिसक तनाव से जूझ रहे होते हैं तो हमेशा अपने आप को किसी ना किसी ऐसी एक्टिविटी में व्यस्त रखें ताकि आपको मानसिक तनाव के बारे में ध्यान ही ना जाएं। इसके लिए आप कई सारी एक्टिविटी से लेकर योगा तक का सहारा ले सकते हैं। कहा जाता है कि मानसिक तनाव से निजात पाने के लिए आप नियमित रूप से योगा कर सकते है। इसके अलावा कई सारी इनडोर और आउटडोर एक्टिविटी में भाग ले सकते हैं। योगा के साथ आप कई ऐसी मुद्रा का भी प्रयोग कर सकते है। जिनके द्वारा आपको मानसिक तनाव खत्म करने में काफी मदद मिलेगी।

अगर आप शरीर और मस्तिष्क को शांत रखना चाहते हैं, तो सोने से कम से कम एक घंटे पहले आराम करें। अपने स्मार्टफोन को ना ही चलाए। इसके अलावा आप गर्म पानी से ना सकते है गर्म पानी से नहाएं, किताब पढ़े, म्यूजिक सुने और ध्यान करें। मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ये सभी आदतें बहुत प्रभावी साबित हो सकती है।

आधी रात के बाद निकोटीन या कॉफी जैसे उत्तेजक पदार्थों के सेवन करने से बचें, खासकर अगर आपको अनिद्रा की परेशानी है। शराब का सेवन बिलकुल नहीं करें। शराब और कॉफी आपका स्ट्रेस दूर नहीं कर सकती, इसलिए इन चीजों का परहेज करें।

आपका बेड सोने के लिए आरामदायक होना चाहिए, खासकर आपका तकिया और बिस्तर नर्म हो, जिसपर आपको सुकून से नींद आ सके। इसके अलावा, कमरे का तापमान 60 और 67 डिग्री के बीच रखें। यह तापमान शरीर के लिए सबसे अच्छा है। अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग बहुत हल्का महसूस करें तो आप बेडरूम में टेलीविजन न देखें।

जरूर पढ़ें: stress ko kam krane ke liye dekhe best motivational movies

हर व्यक्ति तनाव मुक्त रहना चाहता है लेकिन पूर्ण रूप से तनाव मुक्त रहना न तो स्वाभाविक है और न ही संभव क्योंकि ऐसी स्थिति में व्यक्ति निष्क्रिय हो जाएगा। परंतु कुछ तनाव ऐसे होते हैं जिन से बचकर रहना व्यक्ति के लिए अति हितकारी सिद्ध हो सकता है। कुछ ऐसी तकनीक या विधियां या सरल शब्दों में तरीके जिनके द्वारा स्ट्रेस (Stress Management in Hindi) से बचा जा सकता है अथवा अगर तनाव ग्रस्त हैं तो उसे कम किया जा सकता है-

  • तनाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका अपने समय का बेहतर मैनेजमेंट करना है। इसके अंतर्गत अपने दैनिक दिनचर्या को व्यवस्थित करते हुए तनाव के लिए उत्तरदाई कार्यों को नजरअंदाज किया जा सकता है।
  • कार्यों की प्राथमिकता की सूची बनाएं। सभी कार्यों को एक ही दिन में पूरा करने का दबाव महसूस न करें। जो कार्य ज्यादा जरूरी न हो, उसे बेझिझक छोड़ दें।
  • किसी योग विशेषज्ञ से सीखकर कुछ नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
  • दूसरों की हर बात पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने की आदत से बचें अगर किसी की कोई बात आपको नापंसद हो तब भी उस पर ओवर रिएक्ट न करें।
  • ज्यादा परफेक्शन की आदत से बचें क्योंकि इसकी वजह से व्यक्ति को बहुत स्ट्रेस होता है।

तनाव प्रबंधन का अर्थ है मानसिक तनाव में कमी लाना और मानसिक स्थिति में सुधार करना।

तनाव के लक्षण सर में दर्द दांत और जबड़े पीसना शरीर में थरथराहट होना उदास रहना किसी काम में दिल ना लगना ज्यादा सोना या कम सोना ज्यादा खाना या कम खाना किसी बात पर ध्यान ना देना

बहुत अधिक सोचने से दिमाग अपने नियंत्रण को खोने लगता है, जिससे कि दिमाग की नसों पर दबाव पड़ता है। इसके कारण ही आपके सिर में दर्द होने की समस्या उतपन्न होती है। जब भी आपको किसी काम का ज्यादा स्ट्रेस होता है तो वहीं आप खुद के ऊपर काफी बर्डन जैसा महसूस करने लगते हैं।

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7 Stress Management Techniques In Hindi

आपके सारे तनाव को दूर कर देंगी ये 7 टेक्निक्स | 7 Stress Management Techniques In Hindi

इस article में 7 Stress Management Techniques In Hindi के साथ-साथ Stress क्या होता है और उससे कैसे बचा जा सकता है? इन सब के बारे में बात करेंगे।

लोगों को अपने जीवन में स्ट्रेस के कारणों को पहचानने की अपेक्षा और उससे निपटने के तरीकों को समझना चाहिए। यह समझना बहुत जरूरी है कि स्ट्रेस क्या है?, आपकी Life में किन चीजों से Stress है?, यह कैसे उत्पन्न होता है? और वो क्या तरीके हैं, जिससे हम अपनी Life के Stress को कम या खत्म कर सकते हैं।

दोस्तों, कल्पना कीजिए किसी ऐसे व्यक्ति की जो आपको यह कहता है की मेरी Life में कोई Stress नहीं है, मैं बिल्कुल तनाव मुक्त हूं। शायद कोई व्यक्ति ऐसा नहीं मिलेगा और अगर मिल भी गया तो तीन संभावनाएं हैं – या तो वह व्यक्ति सच नहीं बोल रहा है या वह व्यक्ति अपनी जिंदगी में कुछ काम नहीं कर रहा है। या फिर वो किसी भ्रम की स्थिति में है। उसे समझ ही नहीं आ रहा है कि मेरी Life में किन-किन चीजों की वजह से क्या-क्या गड़बड़ हो रही है। तनाव (Stress) उसे कहते हैं जो कभी भी हमारी Life में आ सकता है और जिसकी हमें प्रतिक्रिया यानी रिस्पांस देना या रिएक्ट करना बहुत आवश्यक होता है।

स्ट्रेस क्या है? (What is Stress)

यह सभी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है कि स्ट्रेस क्या है और उससे कैसे निपटा जा सकता है। Stress एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें हम दबाव महसूस करते हैं और इसके कारण हम अलग-अलग प्रतिक्रियाएं करते हैं। इसके कारण हमारे जीवन में कई तरह के Stress हो सकते हैं, जैसे आर्थिक, पारिवारिक, कामकाज से सम्बंधित आदि।

7 Stress Management Techniques In Hindi

टेक्नोलॉजी भी एक महत्वपूर्ण कारक है जो हमारे जीवन में Stress को बढ़ा सकती है। आजकल हम अपने मोबाइल और इंटरनेट के साथ इतने व्यस्त हो गए हैं कि हम अपने शरीर के अंदर Stress उत्पन्न कर रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण fact है कि Stress हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। इसलिए, हमें अपने जीवन में Stress के कारणों को समझने के लिए जागरूक होना जरूरी है। हमें Stress कम करने या खत्म करने के लिए उपाय ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए। एक Positive Life जीने के लिए Stress को संभालना और उसके प्रति उचित Response देना जरूरी है।

कई लोग यह भी कहते हैं कि Stress उनके लिए Positive होता है और उन्हें मजा आता है। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि ज्यादा Stress हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, इसलिए हमें अपने जीवन में Stress को समझने के लिए और उसे नियंत्रित करने के उपाय ढूंढने की जरूरत है।

हम यहाँ पर ड्यूक जॉनसन द्वारा बताई गई 7 स्टेप्स प्रैक्टिकल टेक्निक के बारे में बताने जा रहे हैं जो Stress को खत्म करने में मदद कर सकती हैं। इनसे आप अपने जीवन के बहुत से अहम पहलूओं को समझ सकते हैं। इससे आपको यह भी पता चलेगा कि आपके जीवन में Stress का प्रमुख कारण कौन सा है।

स्ट्रेस को manage करने के लिए, आपको उन चीजों को दूर करने का प्रयास करने के साथ-साथ उन चीजों को भी maintain रखना होगा जो आपके जीवन में importance रखती हैं। इससे आपको यह भी पता चलेगा कि कौन-सी चीजें आपके लिए वास्तव में इम्पोर्टेंट नहीं हैं और उन्हें कम करने या छोड़ने में आपको कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी। आपको उसी के अनुसार अपने जीवन को चलाना चाहिए। इससे आप Stress को कम कर सकेंगे। Stress से निपटने के लिए आपको समय-समय पर इन टेक्निक्स को अपनाने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे आपका जीवन सुखी और समृद्ध हो।

तनाव कम करने की 7 टेक्निक्स (7 Stress Management Techniques In Hindi)

अब समय आता है उन Top 7 Stress Management Techniques In Hindi को समझने का जो हमारे Stress को release करने में हमारी help करेंगे।

1 न्यूट्रिशन या पोषण पर ध्यान देना (Focus on Nutritions)

न्यूट्रिशन या पोषण पर ध्यान देने के लिए सही समय पर सही खाना खाने और क्या खाएं और क्या न खाएं उसको समझना जरूरी है। इसके लिए आप किसी की सलाह ले सकते हैं, जो आपको अच्छे से Nutritional Guidence दे सके।

2 टाइम मैनेजमेंट (Time Management)

हम सभी ने Calender Planner और अन्य Planning tool के बारे में सुना है, लेकिन क्या हम आज तक उन्हें proper तरीके से follow कर पाएं हैं? जिन लोगों ने अपने पूरे दिन को व्यवस्थित Planning के हिसाब से चलाया है, वे बहुत सफल हुए हैं।

3 एक्सरसाइज या व्यायाम (Excercise)

अपनी शारीरिक बनावट और शरीर की जरूरतों के हिसाब से आपको किसी कोच की सहायता से यह समझना है कि कौन से व्यायाम सही रहेंगे। उसके बाद उन Excercise को और उन्हें करने का Routine Set करना है। जब-जब भी आप Excercise करेंगे, आपकी Body के अंदर Happy Hoemons रिलीज होंगे, जो Stress Release करने में help करेंगे और आपकी body के immune system को भी strong करेंगे।

4 पर्याप्त नींद लेना (Take Enough Slumber)

पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। यदि हम पर्याप्त नींद नहीं लेते है तो हमारी Lifestyle पर गहरा असर पड़ता है। Long Term में कई सारी मानसिक बीमारियां हो सकती हैं। Positive वातावरण में, नींद के द्वारा हम अपने शरीर को आराम देते हैं, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।

5 म्यूजिक सुनना (Listen Music)

एक ऐसा समय निकालें जब आप अपनी पसंद का music सुन रहे हों। जब भी आप Music सुनेंगे, आपको stress release होगा। खुद को stress free करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

6 सच बोलना (Speak Truly)

हमेशा सच बोले। सच बोलने से हममे confidence आता हैं और हम एक stress free life को enjoy कर सकते हैं। सिर्फ वो बोलिए जैसा आपको चाहिए, वो मत बोलिए जो आपको नहीं चाहिए। हो सकता है अभी आप उस स्थिति में नहीं हो कि जो आप चाहते हैं सब कुछ वैसा नहीं हो, लेकिन फिर भी सच बोले और वही बोले जो आपको चाहिए।

7 क्वालिटी फैमिली टाइम (Quality Family Time)

अपने परिवार को समय दीजिए। परिवार के लोगों के साथ बैठकर बात कीजिए। अगर जरूरत लगे तो planning से कोई vacation plan कीजिए। एक दिन, दो दिन, सात दिन, दस दिन, जितना भी आपको उचित लगता है, अपनी income के हिसाब से और priority के हिसाब से vacation plan कीजिए। परिवार के साथ समय बिताना सबसे बड़ा stress release करने का Factor हो सकता है।

7 Stress Management Techniques In Hindi

कई बार कुछ ऐसे लोग मिलते हैं जो कहते हैं “आज तो मैं बहुत परेशान हो गया, मैं तो सब कुछ छोड़-छाड़ के चला गया”। लेकिन जब आप वापस आएंगे, तो आपको वही चीज वैसी की वैसी मिलेगी, जैसे आप छोड़ के गए थे। आप जब planning से vacation plan करेंगे, तो आप बहुत अच्छे से enjoy कर पाएंगे और अपनी body में होने वाले Stress को बहुत हद तक release कर सकते हैं।

दोस्तों, यह article – 7 Stress Management Techniques In Hindi आपको अच्छा लगा, तो शेयर कीजिए उन लोगों तक पहुंचाइए, जिनके लिए यह बहुत impotant हो सकता है।

यह सभी 7 Stress Management Techniques In Hindi स्ट्रेस रिलीज करने में मदद करेंगी और आपके जीवन को बेहतर बना सकती हैं।

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My Name is H. Rathore. I am a passionate blogger and content creator with a keen interest in personal development. My dedication to personal development is evident in my thought-provoking articles on self-improvement and mindfulness.

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Types of stress and how to manage them

इन दिनों सभी को तनाव का सामना करना पड़ सकता है। फिर चाहे वह ऑफिस हो, घर हो या स्कूल, कॉलेज। कई बार छोटी-छोटी बातों की वजह से तनाव हो जाता है। जैसे कि किसी से छोटी सी नोंक झोंक, ऑफिस में बहुत ज्यादा काम, ट्रैफिक में बहुत देर तक फंस जाना खासकर जब कहीं जरूरी जाना हो तो। कभी-कभी थोड़ी देर के लिए तनाव होना इतना नुकसानदायक नहीं है, लेकिन क्रोनिक स्ट्रेस हमें अच्छा परफॉर्म करने से रोकता है। यह फिजिकल, मेंटल और इमोशनल हेल्थ को प्रभावित करता है। हालांकि बहुत ही कम लोगों की लाइफ स्ट्रेस फ्री होती है। इसीलिए जरूरी है कि स्ट्रेस मैनेज (Stress management) किया जाए।

तनाव के भावनात्मक लक्षण (Emotional Symptoms Of Stress)

  • आसानी से उत्तेजित, निराश और मूडी होना
  • अभिभूत महसूस करना, जैसे कि आप खुद पर नियंत्रण खो रहे हैं या नियंत्रण लेने की आवश्यकता है
  • अपने मन को आराम देने और शांत करने में मुश्किल महसूस होना
  • अपने बारे में बुरा महसूस करना (कम आत्मसम्मान) और अकेला, बेकार और उदास महसूस करना
  • दूसरों से बचना

तनाव के शारीरिक लक्षण (Physical Symptoms Of Stress)

  • दस्त, कब्ज और मतली सहित पेट खराब होना
  • दर्द, दर्द और तनावग्रस्त मांसपेशियां
  • सीने में दर्द और तेज दिल की धड़कन
  • नींद में कमी
  • बार-बार सर्दी और संक्रमण
  • घबराहट और कांपना, कानों में बजना, और ठंडे या पसीने से तर हाथ और पैर
  • शुष्क मुंह और निगलने में कठिनाई
  • जकड़ा हुआ जबड़ा और दांत पीसना

तनाव के संज्ञानात्मक लक्षण (Cognitive Symptoms Of Stress)

  • लगातार चिंता
  • विचारों का तेजी आना जाना
  • विस्मृति और अव्यवस्था
  • ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता
  • निर्णय लेने समर्थ महसूस नहीं करना
  • निराशावादी होना या केवल नकारात्मक पक्ष देखना

तनाव के व्यवहार संबंधी लक्षण (Behavioral symptoms of stress)

  • भूख में बदलाव - या तो ज्यादा खाना या ज्यादा खाना नहीं
  • विलंब करना और जिम्मेदारियों से बचना
  • शराब, ड्रग्स या सिगरेट का अधिक उपयोग
  • अधिक नर्वस व्यवहार करना, जैसे कि नाखून काटना, हिलना-डुलना और पेसिंग

1.पॉजिटिव सेल्फ टॉक (Positive Self-Talk)

हम सभी खुद से बात करते हैं। कई बार जोर से तो अक्सर अपने मन ही ये बातें चलती रहती हैं। खुद से सकारात्मक तरीके से भी बात की जा सकती है। जैसे स्थिति कभी ठीक नहीं होगी या मैं बहुत स्टूपिड हूं की जगह मैं ऐसा कर सकती हूं या सबकुछ ठीक हो जाएगा। जैसी बातें हम खुद से कह सकते हैं। निगेटिव सेल्फ टॉक स्ट्रेस को बढ़ाने का काम करती है। वहीं पॉजिटव टॉक आपको शांत रखने में मदद के साथ ही स्ट्रेस मैनेज करने में मदद करती है। निगेटिव टॉक को पॉजिटिव में बदलना आप सीख सकते हैं।

पॉजिटिव सेल्फ टॉक के उदाहरण

  • मैं इसे नहीं कर सकती कि जगह कहें कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी।
  • मैं इससे नफरत करती हूं के बजाय ऐसा कहे कि मैं जानता या जानती हूं कि इससे डील कैसे करना है मैं ऐसा पहले भी कर चुकी हूं।
  • मैं अकेली और मजबूर महसूस करती हूं कि जगह खुद से कहें कि अगर मुझे मदद की जरूरत होगी तो मैं मदद लूंगी।
  • मुझे यकीन नहीं होता मैंने इसे बर्बाद कर दिया है ऐसा कहने की बजाय कहें कि मैं एक इंसान हूं और हमसे गलतियां होती हैं। मैं इसे ठीक कर सकती हूं।

इस तरह रोज पॉजिटिव सेल्फ टॉक करने से आपको सुधार दिखाई देगा और स्ट्रेस मैनेज (Stress manage) होगा। इसकी प्रैक्टिस की जा सकती है। कार में बैठे हुए, अपने डेस्क पर, सोने से पहले या कहीं भी अगर आपको लगता है कि निगेटिव विचार आ रहे हैं तो आप इस प्रैक्टिस को दोहरा सकते हैं। बच्चों को भी इस प्रैक्टिस को सिखाया जा सकता है।

2. इमरजेंसी स्ट्रेस स्टॉपर्स (Emergency Stress-Stoppers)

इमरजेंसी स्ट्रेस स्टॉपर्स कुछ एक्शन्स हैं जो उस मूवमेंट पर स्ट्रेस मैनेज कम कर सकते हैं। आपको अलग सिचुएशन के लिए अलग स्ट्रेस स्टॉपर्स की जरूरत हो सकती है और कई बार इन्हें कंबाइन भी करना पड़ सकता है। जो निम्न प्रकार हैं।

  • बात करने या रिएक्ट करने से पहले 10 तक गिनें
  • जब भी लगे कि तनाव हावी हो रहा है धीमे-धीमे गहरी सांसें लें
  • वॉक पर जाएं। भले ही वह कमरे के अंदर चहलकदमी करना हो। इससे आपको अच्छी तरह सोचने का अवसर मिलेगा।
  • थोड़ी देर के लिए ध्यान करें या प्रार्थना करें या कोई भजन सुन लें।
  • स्ट्रेसफुल ईमेल का तुरंत जवाब देना जरूरी नहीं है। आप थोड़ी देर के बाद या एक दिन के बाद भी रिप्लाई कर सकते हैं।
  • कुछ देर के लिए ऐसी सिचुएशन से दूर चले जाए या बाद में उन्हें हैंडल करें जब ये पूरी तरह से शांत हो जाएं।
  • बड़ी समस्याओं को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़ दें। एक समय पर एक ही स्टेप लें।
  • तनाव से लड़ने के लिए आप म्यूजिक या कुछ इंस्पिरेशन पॉडकास्ट का भी सहारा ले सकते हैं।
  • अपने पालतू जानवर के साथ कुछ समय बिताएं। अपने किसी करीबी को गले लगाएं या किसी दूसरे की मदद करें। ये सभी तरीके स्ट्रेस मैनेज करने में मदद करते हैं।
  • वर्कआउट करें या कुछ अन्य फिजिकल एक्टिविटी। एक्सरसाइज स्ट्रेस के लिए अच्छा एंटीडोट है।

3.स्ट्रेस बस्टिंग एक्टिविटीज (Stress-Busting Activities)

ऐसी एक्टिविटीज करना जिन्हें आप एंजॉय करते हैं स्ट्रेस मैनेज (Stress Management) करने और इसे कम करने में प्राकृतिक रूप मदद करती हैं। यहां तक कि जब आप थोड़ा लो महसूस करते हैं तो उस समय पर छोटी-छोटी चीजें करना जैसे कि वॉक पर जाना या दोस्तों से बात करना या एक अच्छी बुक पढ़ना खुशी दे सकता है। जब तनाव की वजह से आप दुखी होते हैं तो कुछ ऐसा कीजिए (10-15 मिनट के लिए ही सही) जिससे अच्छा लगता है।

निम्न स्ट्रेस रिलीविंग एक्टिविटीज आपके लिए काम कर सकती हैं।

  • जैसे कि पसंदीदा मूवी देखना
  • किसी हरियाली वाली प्रकृति से भरपूर जगह पर वॉक करना
  • थोड़ी देर के लिए बाइक या कार राइड पर जाना
  • गार्डनिंग या फिर घर को सजाना
  • किसी दोस्त के साथ कॉफी या डिनर पर जाना

ये तीन तरीके स्ट्रेस मैनेज करने में मददगार हो सकते हैं। स्ट्रेस को मैनेज करना बेहद जरूरी है क्योंकि लंबे समय तक स्ट्रेस में रहना व्यक्ति की मेंटल के साथ ही फिजिकल हेल्थ को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

हम उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके काम आएगी। ऐसी ही स्टोरीज के लिए पढ़ते रहिये iDiva हिंदी।

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What is stress & Stress Management in Hindi: स्ट्रेस क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार

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How To Manage Stress In Hindi

What is stress & Stress Management in Hindi: हर रोज हम सभी अपनी जिंदगी में तमाम मुश्किलों का सामना करते हैं। कई बार ऐसे हालात आते हैं जिन्हें हम चाहकर भी संभाल नहीं पाते हैं। तो कई बार उनसे निपटते हुए हमें भारी टेंशन का सामना करना पड़ता है।

हम में से कई लोग कुछ किस्म के तनावों को झेलते हुए इतना आदी हो चुके होते हैं कि उन्‍हें महसूस ही नहीं कर पाते। ऐसे तनाव को यूस्ट्रेस (eustress) कहा जाता है। अगर देखा जाए तो ये तनाव आपकी परफॉरमेंस और काम करने की क्षमता पर निगेटिव असर डालता है।

इस आर्टिकल में मैं आपको तनाव/टेंशन क्या है, तनाव के लक्षण, ज्यादा टेंशन लेने से नुकसान, टेंशन से बचने के उपाय और कुछ सरल स्ट्रेस मैनेजमेंट टिप्स (tips for stress management in Hindi) के बारे में जानकारी दूंगा।

Table of Contents

टेंशन/स्ट्रेस क्या है? (What is stress?) :

स्ट्रेस या तनाव (Stress Or Tension) होना सामान्य बात है। ये तब महसूस होता है जब किसी स्थिति से निपटना मुश्किल हो जाता है। टेंशन होने पर एड्रेनालाईन (Adrenaline) हमारे पूरे शरीर में दौड़ने लगता है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है और मानसिक और शारीरिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हमें पसीना आता है, सनसनी महसूस होती है और कई बार पूरे शरीर के रोएं खड़े हो जाते हैं। 

कितना खतरनाक है तनाव?

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ऐसा नहीं है कि हमारे पूर्वजों की जिंदगी में तनाव नहीं होता था, लेकिन वो 'करो या मरो' की स्थिति को अपनाकर आसानी से इससे पार पा सकते थे। आज हमारे जीवन में तनाव की मात्रा और उनकी आवृत्ति भी कहीं ज्यादा है। लेकिन सबसे मुश्किल की बात यह है कि स्ट्रेस देने वाले हार्मोन जैसे एड्रेलिन और कॉर्टिसोल का उत्सर्जन उस वक्त और ज्यादा खतरनाक हो जाता है जब हमें उनकी जरूरत ना हो। 

अगर तनाव (stress in Hindi) लंबे वक्त तक रहे तो ये हमारे इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा बाहरी बीमारियों से निपटने की हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमता भी प्रभावित होती है। 

इसका मतलब साफ है कि तनाव उस वक्त और ज्यादा खतरनाक हो जाता है जब आपको हर पांच मिनट में करो या मरो की स्थिति में जाना पड़े। क्या इस स्थिति से निपटने का कोई आसान और स्वस्थ तरीका हो सकता है? ये काम हम कैसे कर सकते हैं? अगर हम ये पता लगा सकें कि जो हम महसूस कर रहे हैं उसका कारण क्या है? तो हम मुश्किलों से और अधिक स्मार्ट तरीके से निपट सकते हैं। 

ज्यादा तनाव लेने से होने वाले नुकसान:

  • हमारा इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंच सकता है।
  • गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 
  • उम्र कम हो जाती है। 
  • सेक्स लाइफ खराब हो सकती है।

तनाव को समझना क्यों जरूरी है? (Why does understanding stress matter?)

तनाव के कारण कई गंभीर मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। भारत में हर चार में से एक इंसान हर साल टेंशन की समस्या की चपेट में आ जाता है। यही वो कारण है जिसकी वजह से कई बार हम लोग काम करते हुए भी लंबे वक्त तक काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। 

अगर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लंबे वक्त तक अनदेखा किया जाए जो ये गंभीर समस्या में बदल सकता है। देश में टेंशन और डिप्रेशन का इलाज करवाने वाले मरीजों में से तीन चौथाई महिलाएं हैं। लेकिन जो तीन चौथाई लोग टेंशन और डिप्रेशन के कारण आत्महत्या कर लेते हैं वह पुरुष हैं। 

चूंकि डिप्रेशन और टेंशन ही सुसाइड के मामलों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं इसलिए इसके इलाज के महत्व की जरुरत को आसानी से समझा जा सकता है।  इसके अलावा टेंशन होने पर उसके बारे में बात करना किसी कमजोरी की निशानी नहीं है। उसके लिए हिम्मत चाहिए।

क्यों होता है तनाव? (What causes stress?)

आजकल होने वाले तनाव के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं। जैसे -

  • अलगाव और कुछ अन्य कारण जैसे घर छोड़ना
  • पार्टनर से ब्रेकअप
  • नौकरी में बदलाव होना
  • बच्चों का घर छोड़ना 
  • आपका स्वास्थ्य और मूड
  • पार्टनर का निधन होना या करीब न होना
  • तलाक के कारण परिवार टूट जाना 
  • सेक्स और सेक्स से जुड़ी समस्याएं
  • नशाखोरी और ड्रिंक करना 
  • बुरी आदतों का शिकार होना 
  • हिंसा या बुरे व्यवहार का शिकार होना 

थोड़ी देर के लिए जीवन में उतार-चढ़ाव आना बहुत आम बात है लेकिन अगर ये लंबे वक्त तक बनी रहे जो ये जिंदगी से जुड़ी बाकी चीजों को भी खराब कर सकती है। वैसे भी तनाव इसलिए कभी नहीं होता क्योंकि आप कमजोर हैं बल्कि हमेशा इसलिए होता है कि आप उसकी मौजूदगी होने के बाद भी टेंशन को रहने दे रहे हैं और उसका विरोध नहीं कर रहे हैं। 

तनाव होने पर हमेशा चीजों को सकारात्मक तरीके से देखने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ मामलों में हो सकता है कि आपको फ्रेश स्टार्ट की भी जरुरत पड़े। लेकिन अगर आप लगातार नौकरियां, पार्टनर या घर बदल रहे हैं तो ऐसे हालात में आपको हालात नहीं बल्कि खुद को बदलने की जरुरत है। 

क्या हैं चेतावनी देने वाले लक्षण (​What are the warning signs?)

अगर आपको इतना ज्यादा तनाव होता है कि संभलने का मौका तक नहीं मिलता है, तो ये आपके लिए खतरे की घंटी जैसा हो सकता है। इसलिए ये जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि तनाव होने से पहले के कौन से वो लक्षण हैं जिन्हें जानकर आप थोड़ी देर में होने वाले तनाव से पहले ही निपट सकते हैं। 

टेंशन से पहले होने वाले सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं। 

  • सामान्य से ज्यादा या कम भोजन करना। 
  • तेजी से मूड बदलना। 
  • आत्मसम्मान में कमी आना। 
  • हर वक्त टेंशन या बेचैनी महसूस करना। 
  • ज्यादा या कम सोना। 
  • कमजोर याददाश्त या भूलने की समस्या। 
  • जरुरत से ज्यादा शराब या ड्रग्स लेना। 
  • जरुरत से ज्यादा थकान या ऊर्जा में कमी होना। 
  • परिवार और दोस्तों से दूर-दूर रहना। 
  • चरित्र से दूर हो जाना। 
  • ध्यान कें​द्रित न करना और काम में संघर्ष करना। 
  • उन चीजों में भी मन न लगना जो पहले आपको पसंद थीं। 
  • विचित्र अनुभव होना, उन चीजों का दिखना जो वहां हैं ही नहीं। 

इसके अलावा टेंशन के कुछ शारीरिक लक्षण भी हो सकते हैं जिनमें सिरदर्द , कब्ज या किसी खास अंग या शरीर में दर्द होना शामिल है। 

अपने अनुभव के बारे में कैसे बताएं? (How do I talk about how I'm feeling?)

हम सभी जानते हैं कि जब हम किसी से जुड़ाव महसूस करते हैं तो उससे बात करना हमेशा अच्छा होता है। हम लोगों में से कुछ के लिए, सोशल मीडिया इसका सबसे अच्छा माध्यम है। लेकिन रिसर्च हमें बताती है कि सोशल मीडिया ही हम लोगों में से कई की जिंदगी की सबसे बड़ी मुसीबत बनकर उभरा है। 

ये कहावत काफी पुरानी है कि 'दर्द बांटने से कम होता है'। लेकिन यकीन मानिए ये बात सच है। ये लोगों को बताने के लिए नहीं है, ना ही ये साबित करने के लिए है कि आप जरुरत में हैं और किस दौर से गुजर रहे हैं। बल्कि ये उनसे समझने के लिए है कि अगर वह उस तकलीफ में होते तो क्या करते? 

यकीन मानिए कई बार जब हम टेंशन में होते हैं तो आसान से उपाय भी हमारे दिमाग में नहीं आते हैं। लेकिन दूसरे वही बात सुनकर हमें ऐसे रास्ते सुझा देते हैं जो हमारी हर मुश्किल को आसान बना देते हैं। इसलिए खुलकर संवाद करना भी बहुत जरूरी है। वैसे भी किसी से बात करना कौन सी बड़ी बात है। किसी से बात करना, कपड़े धोने, कार धोने या कंप्यूटर पर गेम खेलने जैसा ही छोटा सा काम है। इसलिए ईमानदारी से बात रखिए और दोस्तों को हर वो बात बता दीजिए जो आपको परेशान कर रही है।

घबराएं नहीं, डॉक्टर से सलाह लें 

क्या कभी आपको जुकाम, दस्त या फिर बुखार ​की समस्या हुई है? इन बीमारियों के इलाज के लिए आप जरूर ही डॉक्टर के पास भी गए होंगे। अगर हां, तो फिर टेंशन होने पर डॉक्टर के पास जाने में हिचक क्यों? 

अगर आप वाकई टेंशन से उबरने में मुश्किल महसूस कर रहे हों तो बेहतर है कि बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं। मनोचिकित्सक वाकई बहुत धैर्य से मरीज की बात सुनते हैं और वह आपकी समस्या को औरों से बेहतर समझते हैं। उनके सामने बात रखने से वह न सिर्फ आपका सही इलाज कर सकते हैं बल्कि आपकी जिंदगी को नई राह भी दिखा सकते हैं। 

टेंशन, डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी उतनी ही आम बीमारी है जितनी कि जुकाम या बुखार होना। अगर आप उनके इलाज के लिए डॉक्टर के पास जा सकते हैं तो फिर टेंशन के इलाज के लिए क्यों नहीं? संकोच छोड़ दीजिए और डॉक्टर से इस मामले में बात कीजिए। 

हमारा ये आर्टिकल आपको कैसा लगा? मेंटल हेल्थ से जुड़ी कोई भी समस्या, सलाह, सुझाव या राय आप हमसे कॉमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते हैं।

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तनाव और चिंता दूर करने के उपाय

तनाव एवं चिंता दूर करने के उपाय

चिंता एवं तनाव ने हर तरफ अपना साम्राज्य कायम कर लिया है। मैं तो उस वक्त दंग रह गई जब किंडरगार्टेन में पढ़ने वाली एक छोटी सी बच्ची ने बताया कि वह अगले दिन होने वाली अपनी परीक्षा की वजह से तनाव में है। हमारी जिंदगी में भागदौड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि आज हम छोटी से छोटी समस्या की वजह से तनावग्रस्त हो जाते हैं। आजकल हर गतिविधि को जल्दी से जल्दी पूरा करने की जद्दोजहद लगी रहती है जिसकी वजह से हमारा जीवन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहा है और तनाव एवं चिंता की समस्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि हम छोटी-से-छोटी असफलता की वजह से टूट जाते हैं।

तनाव एवं चिंता दूर करने के उपाय

हम यहां तनाव एवं चिंता के बेहतर प्रबंधन के लिए कुछ प्रभावी सुझाव प्रस्तुत कर रहे हैं:

तनाव एवं चिंता आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है

तनाव एवं चिंता का हमारे शरीर, मन और भावनाओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। हालांकि किसी भी गतिविधि में बेहतर प्रदर्शन के लिए कुछ हद तक तनाव का होना आवश्यक है, लेकिन तनाव एवं चिंता जैसे ही इस जरूरी स्तर से उपर बढ़ने लगता है तो इनका प्रतिकूल प्रभाव हमारे उपर दृषिटगोचर होना शुरू हो जाता है। लंबे समय तक चिंतित एवं तनावग्रस्त रहने से हमारा स्वास्थ्य खराब होने लगता है।

यही वजह है कि आजकल होने वाली ज्यादातर बीमारियों को मनोदैहिक बीमारियों की संज्ञा दी जाने लगी है। दूसरे शब्दों में कहें तो आजकल स्वास्थ्यविद, लोगों की शारीरिक बीमारियों को मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक एवं मानसिक स्तर से जोड़ कर भी देख रहे हैं और जो लोग इस तथ्य को जानते हैं वे तनाव एवं चिंता से दूर रहने में ही बुद्धिमानी समझते हैं।

तनाव सिर्फ एक मानसिक स्थिति है

असल में तनाव और कुछ नहीं सिर्फ एक मानसिक स्थिति है जो हमारे मन द्वारा बुने गए घटनाक्रमों की वजह से पैदा होता है। मन पर पड़ने वाले अनुचित दबाव की वजह से ही तनाव, चिंता एवं घबराहट की स्थितियां बनती है। किसी विशेष स्थिति का सामना करने की अगर हमने पहले से तैयारी ना कर रखी हो तो भी हमें तनाव का सामना करना पड़ता है। किसी समस्या विशेष से जुड़े हमारे पिछले अनुभवों की वजह से भी तनाव पैदा होता है।

अगर हम किसी विशेष समस्या की वजह से पहले कभी तनावग्रस्त हुए थे तो वैसी ही समस्या दोबारा पैदा होने पर हम फिर से तनावग्रस्त हो जाते हैं। धीरे-धीरे तनावग्रस्त एवं चिंतित रहना हमारी आदत बन जाती है। इस प्रकार हमारे जीवन में तनाव ग्रस्त रहने के विभिन कारण हैं और ये कारण व्यक्ति-विशेष के अनुरूप एवं समय के साथ बदलते रहते हैं।

चलिए हम यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि यदि हम तनाव के शिकार हैं तो तनाव को दूर रखने के लिए हम क्या-क्या कर सकते हैं। जैसा कि हम जानते हैं तनाव एक मानसिक स्थिति है तो मन को तनाव मुक्त कैसे करें इस विषय पर ध्यान केंद्रित किए जाने की आवश्यकता है।

अपने तनाव के कारणों का पता लगाईए

एक बार जब आप यह पता लगाने में कामयाब हो जाते हैं कि आपके तनाव का क्या कारण है तो आप अपने तनाव को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं। तनाव की वजह कोई विशेष घटना या कोई व्यक्ति विशेष भी हो सकता है। अपने तनाव का समाधान ढ़ूढ़ने के लिए आपको अभिनव तरीके अपनाने होंगे, क्योंकि यदि आप यह पता लगाने में कामयाब हो जाएं कि आपके तनाव का क्या कारण है तो आप अपने अभिनव तरीकों से इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। हो सकता है कि सिर्फ कुछ छोटे-छोटे कदम उठाने से ही आप तनावमुक्त हो जाएं।

नजरअंदाज करना सीखें

कुछ चीजों से हमारा भावनात्मक जुड़ाव इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि हम उनको लेकर तनावग्रस्त हो जाते है। आपको यह याद रखना चाहिए कि आप हमेशा सही हों ऐसा जरूरी नहीं है। हर व्यक्ति को अपना अलग नजरिया रखने का हक है और इस वजह से किसी भी व्यक्ति से उसके नजरिए को लेकर बहस करने की कोई जरूरत नहीं है।

सिर्फ इतना ही समझिए कि वह व्यक्ति अपने पक्षपातपूर्ण विचारों की वजह से किसी खास परिस्थिति को अपने अलग नजरिए से देख रहा है और आपका नजरिया कुछ अलग है। सिर्फ इतना सोचते ही आप तनाव की स्थिति से बहुत आसानी से बाहर निकल सकते हैं। किसी खास उद्देश्य को प्राप्त करने के कई अलग-अलग रास्ते हो सकते हैं और इसलिए अपने सोचे हुए रास्ते के अलावा अन्य सभी रास्तों पर भी विचार करें और सबसे उचित समाधान ढ़ूंढ़ने का प्रयास करें।

जो भी है बस अभी है

कोई भी स्थिति हमेशा एक जैसी नहीं रहती। जो आज यहां हैं वो कल कहीं और हो सकता है और इसलिए अपने आपको तनावग्रस्त करने से बचें। तनावग्रस्त होने के बजाए समस्याओं में भी अवसरों की तलाश करें। आपके अंदर कठिन से कठिन परिस्थितियों को अनुकूल बनाने की कला विकसित हो जाने का लाभ आपको भविष्य में मिलेगा।

याद रखिए आपके तनाव का असर तो आपके उपर बिल्कुल होगा लेकिन जिन स्थितियों की वजह से आप तनावग्रस्त हुए हैं वो स्थिति समय के साथ खुद ही बदल जाएगी। एक अल्पकालिक स्थिति भी आपको अनावश्यक रूप से तनाव दे सकती है जिसका आपके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।

आशावादी बनिए

अक्सर हम इस वजह से तनावग्रस्त रहते हैं क्योंकि हमारे मन में सबसे बुरा होने का अंदेशा होता है, हालांकि कोई बुरी परिस्थिति और बुरी हो जाए ऐसा वाकई में होता नहीं है। ये भी तो हो सकता है कि भविष्य में कुछ भी बुरा ना हो। जीवन के बारे में यह कहा जाता है कि हर जीवन की एक आत्म भविष्यवाणी होती है और इसलिए अच्छा सोचिए। अच्छा सोचेंगे तो आपके साथ अच्छा ही होगा।

खुद के बाहर देखने के साथ ही अपने चारो तरफ की दुनिया को भी देखिए

जब आप हर वक्त अपने जीवन और उससे जुड़े मुद्दों एवं परेशानियों पर अपना ध्यान केंद्रित किए रहेंगे तो आप निश्चित रूप से तनावग्रस्त ही रहेंगे। इसलिए अपनी समस्याओं के जंजाल से बाहर निकलकर अपने चारो तरफ की दुनिया को भी देखिए। दूसरे मनुष्यों एवं जीवन के विभिन्न रूपों का भी अवलोकन करें। अगर आप अपनी स्थिति को लेकर विलाप करते रहेंगे तो आपकी समस्याएं और विकराल रूप धारण कर लेंगी।

इसलिए यह जरूरी है कि आप अपनी समस्याओं से अपना ध्यान हटाकर दूसरों की परेशानियों को देखें और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास करें। दूसरों के जीवन की समस्याओं का समाधान करने के प्रयास आपको समय के साथ अधिक उदार बनाएंगे और आप अपने जीवन को दूसरों को खुशी देने में सपर्पित कर पाएंगे। आखिरकर आप जैसा कार्य करते हैं एवं जैसे विचारों का संचार करते हैं वैसे ही उनके परिणाम आपको वापिस मिलते हैं।

क्रोध ना करें

क्रोध आपका सबसे बड़ा दुश्मन है। क्रोध या गुस्सा कभी भी आसानी से फट पड़ता है और यदि क्रोध उग्र रूप धारण कर ले तो इसकी आग शांत करना मुश्किल हो जाता है। हमें यह याद रखना चाहिए कि क्रोध चले जाने के बाद अपनी बेवकूफी पर पछताने से कोई फायदा नहीं होता। कहते हैं यदि दूध फैल जाए तो उसके लिए रोने से क्या फायदा। गिरा दूध क्या वापिस पहले जैसा हो सकता है? कई अचानक होने वाली स्वास्थ्य समस्या का कारण भी क्रोध ही है और क्रोध की वजह से कई दीर्घकालिक बीमारियां भी हमें हो सकती है।

अपने आप से या दूसरे पर किया जा रहा क्रोध नकारात्मक परिणाम ही देता है, क्योंकि क्रोध से रिश्तों में तनाव बढ़ जाता है और कई बार तो रिश्ते टूट भी जाते हैं। क्रोध से दूर रहने के लिए दिमाग को शांत रखिए और समस्या के समाधान तलाशिए। कोई भी परिस्थिति ऐसी नहीं होती जिसे सुधारा नहीं जा सकता। जीवन में मतभेदों एवं स्थितियों का विश्लेषण करें एवं आपका जीवन जैसी परिस्थितियां या विशेषताएं प्रदान करता है उनको स्वीकार करें।

दूसरों की गलतियों को भूलें एवं क्षमा करें

तनाव को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका दूसरों की गलतियों को भूलना एवं उन्हें क्षमा करना है। यह कार्य आसान तो नहीं है लेकिन आप कोशिश तो कर ही सकते हैं। ऐसा करने से आपके गुस्से में निश्चित रूप से कमी आएगी अन्यथा क्रोध बढ़ाने वाली भावनाओं से तो केवल आपका तनाव ही बढ़ेगा, इसलिए इनसे बचें।

मैत्रीपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण बनें

क्रोधी या असंतोषी बनने के बजाय, मैत्रीपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण बनिये। हालांकि ये कहना तो आसान है लेकिन करना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन कम से कम आप प्रयास तो कर ही सकते हैं। यह आपके तनाव एवं चिंता दोनो को ही अद्भुत रूप से कम करेंगे। जब आपके परिवार में, कार्यालय में या आपके पड़ोस में कोई हठी व्यक्ति हो तो उससे निपटने में आपको अनावश्यक रूप से तनावग्रस्त होना पड़ सकता है।

ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए? इस तरह के तनाव को दूर करने का सिर्फ एक ही तरीका है कि हम अपनी भावनाओं एवं मानसिक स्थितियों को नियंत्रण में रखें न की उन व्यक्तियों की शिकायत करते रहें या दुनिया को कोसें। जरा मुस्कुराईए। मुस्कुराने के लिए पैसे खर्चने की जरूरत नहीं होती। यह अनुभव सिद्ध है कि सिर्फ एक मुस्कान द्वारा आप आसानी से अपने प्रतिद्वंदी को धराशायी या अपने विरोधी को काबू में कर सकते हैं।

अपनी चिंताओं और परेशानियों को हंसी में उड़ा दें

भारी-से-भारी विपरीत परिस्थिति में भी मुस्कुराना अत्यंत प्रभावी है। मुस्कुराने से आपकी परेशानियां एवं मुसीबतें आसानी से दूर हो जाती हैं। इन्हें हंसी में उड़ा दें और उसके बाद आप जिस किसी परिस्थिति से गुजर रहे हैं वह कम पीड़ादायक महसूस होगा।

धीरज के साथ शांत रहना सीखें

शांत रहने के कई तरीके हैं। निर्णय लें की आप शांत रहेंगे। इस विषय में सिर्फ आप ही निर्णय ले सकते हैं। किसी भी समस्या का समाधान तब तक नहीं किया जा सकता जबतक आप उसका उपाय शांत मन से नहीं निकालते। बिना शांत मन के आप समस्या को दूर नहीं कर सकते और इसलिए आपको शांत रहना चाहिए और शांत रहने के लिए आपको विभिन्न तरीके ढ़ूढ़ने होंगे।

  • थोड़ी देर के लिए ही सही अपना मोबाइल / स्मार्ट फोन बंद कर दें। हर वक्त अपने फोन के स्क्रीन पर देखते रहने के जूनून से बचिए।
  • अपने लिए कोई-ना-कोई शौक पालिए। यह डाक टिकट इकट्ठा करना, फोटोग्राफी, चित्रकला, संगीत, ट्रैकिंग, खाना बनाना या और भी कुछ हो सकता है।
  • किसी खेल में संलग्न होईए या टहलने के लिए जाया करें। खेलने एवं टहलने से शारीरिक व्यायाम होता है और इन गतिविधियों से आपका स्वास्थ्य भी सुधरता है और साथ ही आपके शरीर में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले कई हार्मोन भी विकसित होते हैं। इसलिए आप निश्चित रूप से इनमें से किसी एक गतिविधि का चुनाव जरूर करें।
  • तनाव को खत्म करना सीखिए। अपने परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए जाएं। ऐसा करने पर आपको अपने परिवार के सदस्यों की उन छोटी-छोटी गतिविधियां जिनकी वजह से आपका जीवन आसानी से चल रहा है उन्हें समझने में सहायता मिलेगी। बिना गौर किए इनके योगदानों को समझना आपके लिए मुश्किल है। अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा वक्त बिताने के लिए भी छुट्टी मनाना एक बेहतरीन तरीका है। साथ ही छुट्टियों के दौरान आप अपने परिवार के साथ आनंद मनाना सीखते हैं।

एक मानसिक छुट्टी लेना भी आवश्यक है

आपके मस्तिष्क में उमड़ रहे विचारों की लगातार भीड़ आपके मन को अशांत कर देते हैं। अपका दिमाग बेशक सोचने के लिए ही बना है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप उसमें विचारों को बेतरतीब रूप से लगातार ठूंसते रहें। जबतक आप जगे रहते हैं सोच-समझ कर ही अपने मन में विचारों को आने दें। कुछ वक्त शांत रहने कि लिए एवं मस्तिष्क को बेहतर विश्राम देने के लिए भी निकालें। इस कार्य के लिए किसी विशेषज्ञ से सीखकर ध्यान लगाने एवं विश्रांति के तकनीकों का प्रयोग किया जा सकता है।

चिंता एवं तनाव का असर अंततः आपके मन पर ही होता है। आपको किसी परिस्थिति से उपजे कठिनाइयों को महसूस करने एवं उनकी चिंता करने के बजाए यह सोचना चाहिए की आप इन समस्याओं से सफलतापूर्वक निपटने वाले हैं। सिर्फ चिंता करते रहने से हमारा मस्तिष्क बेकार हो जाता है।

इसी तरह अपने ऊपर दया करते रहने की प्रवृत्ति भी नकारात्मकता पैदा करती है। इसलिए ऐसा करने से बचें। आपकी स्थिति इतनी बुरी भी नहीं बल्कि कई खुशियां तो आपके अंदर ही हैं। आप उन खुशियों का पता लगाएं एवं उन्हें बढ़ानें का प्रयास करें। आप अपने लिए एक बेहतर सकारात्मक दुनिया का निर्माण कर सकते है।

इसी तरह, आत्म दया में लिप्त होने से नकारात्मकता उत्पन्न होती है। इससे दूर रहने की कोशिश करें। आपकी स्थिति इतनी बुरी नहीं है। आपके पास खुश रहने के लिए बहुत कारण है। इस बात का ध्यान रखे और इस पर टिके रहे। आप खुद के लिए एक अच्छी सकारात्मक दुनिया बना सकते हैं।

कई छोटी-छोटी चीजें हमें तनाव से दूर रखने या तनाव को संभालने में हमारी मदद कर सकती हैं। हो सकता है उन्हें एकदम से अमल में लाना आपको मुश्किल लगे लेकिन थोड़ी कोशिश करने से आप ऐसा करने में कामयाब हो सकते हैं और ये आपके लिए काफी फयदेमंद साबित होगें। तो, इसलिए अपने मन को हल्का करने एवं उसमें प्रसन्नता का संचार करने का प्रयास अवश्य करें!

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स्ट्रेस को कैसे कम करें | Tips to relieve Stress

By  Mr. Ravi Nirwal

स्ट्रेस क्या है? What is stress?

वर्तमान समय में हर दूसरा व्यक्ति स्ट्रेस यानि तनाव से जूझ रहा है। तनाव को अगर शब्दों में परिभाषित किया जाए तो यह एक भावनात्मक या शारीरिक भावना है। यह किसी भी घटना या विचार से आ सकता है जो कि आपको निराश, क्रोधित या नर्वस महसूस करवा सकता है। लोग स्ट्रेस को हमेशा नकारात्मक तौर पर देखते हैं, लेकिन देखा जाए तो यह कई मामलों में सकारात्मक भी साबित हो सकता है। जैसे कि तनाव की मदद से आप आने वाले खतरे को कम करने या उससे छुटकारा पाने के लिए जरूरी कदम पहले ही उठा लेते हैं। लेकिन तनाव हर बार सकारात्मक नहीं होता, क्योंकि इसकी वजह से अक्सर नुकसान ही होता है। 

क्या स्ट्रेस कई प्रकार का होता है? Are there different types of stress?

हाँ, स्ट्रेस के दो प्रकार होते हैं जो कि निम्न वर्णित है :- 

तीव्र तनाव Acute stress – यह अल्पकालिक तनाव है जो जल्दी दूर हो जाता है। आप इसे तब महसूस करते हैं जब आप अपने साथी के साथ झगड़ा करते हैं, या एक खड़ी ढलान पर स्की करते हैं। यह आपको खतरनाक स्थितियों का प्रबंधन करने में मदद करता है। यह तब भी होता है जब आप कुछ नया या रोमांचक करते हैं। सभी लोगों को कभी न कभी तीव्र तनाव होता है।

चिर तनाव Chronic stress – चिर तनाव या क्रोनिक स्ट्रेस व्यक्ति के साथ लंबे समय तक साथ रहता है। आपको पैसों की समस्या, दुखी विवाह, या काम में परेशानी है तो आपको क्रोनिक स्ट्रेस हो सकता है। किसी भी प्रकार का तनाव जो हफ्तों या महीनों तक चलता है, वह क्रोनिक स्ट्रेस होता है। आप क्रोनिक स्ट्रेस के इतने अभ्यस्त हो सकते हैं कि आपको पता ही नहीं चलता कि यह एक समस्या है। यदि आप तनाव को प्रबंधित करने के तरीके नहीं खोजते हैं, तो इससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। 

तनाव होने पर इसकी पहचान कैसे करें? How to recognize when there is stress?

तनाव होने पर इसके कुछ खास लक्षण दिखाई देते हैं जिनकी पहचान कर आप यह जान सकते हैं कि आप या आपका कोई अपना तनाव से जूझ रहा है या नहीं। तनाव होने पर दिखाई देने वाले लक्षणों को दो हिस्सों में विभाजित किया जा सकता है, पहला है मानसिक और दूसरा है शारीरिक। तनाव होने पर जहाँ हमारी भावनाओं पर असर पड़ता है वहीं इसकी वजह से हमारे शरीर पर भी बुरा असर पड़ता है। चलिए जानते हैं तनाव होने पर दिखाई देने वाले लक्षणों के बारे में :- 

तनाव होने पर दिखाई देने वाले मानसिक लक्षण :- 

ऊर्जा और अनिद्रा में कमी

कामेच्छा में परिवर्तन

चीज़े भूल जाना 

आलस महसूस होना 

लगातार मूड में परिवर्तन होना 

तनाव होने पर दिखाई देने वाले शारीरिक लक्षण :- 

भूख में बदलाव 

लगातार दर्द बने रहना

बार-बार होने वाली बीमारी

रक्तचाप बढ़ना 

मधुमेह स्तर बढ़ना

पाचन संबंधी समस्याएं

सेक्स करने में समस्या

कब्ज या दस्त की समस्या 

बहुत ज्यादा नींद आना या बिलकुल भी नींद न आना 

वजन बढ़ना या एक दम कम होना

स्ट्रेस को कैसे कम करें? How to reduce stress?

तनाव यानि स्ट्रेस को बड़ी आसानी से कम किया जा सकता है, इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप सबसे पहले दृढ़ निश्चय करें कि आपको तनाव को हर कीमत पर खुद से दूर करना है। जब तक आप खुद यह संकल्प नहीं करेंगे तब तक आपको तनाव से बहार निकालना मुश्किल होता है। एक बार आप जब तनाव से निकलने का संकल्प ले लेते हैं तो आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं :- 

अधिक शारीरिक गतिविधि प्राप्त करें – यदि आप तनाव महसूस कर रहे हैं, तो अपने शरीर को लगातार शारीरिक गतिविधि से मदद मिल सकती है। अमेरिका के 185 विश्वविद्यालय के छात्रों में 6 सप्ताह के एक अध्ययन में पाया गया कि प्रति सप्ताह 2 दिन एरोबिक व्यायाम में भाग लेने से अनिश्चितता के कारण समग्र कथित तनाव और कथित तनाव में काफी कमी आई है। साथ ही, व्यायाम दिनचर्या ने स्व-रिपोर्ट किए गए अवसाद में काफी सुधार किया।

फ़ोन और कंप्यूटर का उपयोग कम से कम करें – स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टैबलेट कई लोगों के लिए रोजमर्रा की जिंदगी का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं। हालांकि यह उपकरण अक्सर आवश्यक होते हैं, लेकिन इनका बहुत अधिक उपयोग करने से तनाव का स्तर बढ़ सकता है। कई अध्ययनों ने अत्यधिक स्मार्टफोन के उपयोग को तनाव और मानसिक स्वास्थ्य विकारों के बढ़ते स्तर के साथ जोड़ा है। सामान्य रूप से स्क्रीन के सामने बहुत अधिक समय बिताना कम मनोवैज्ञानिक कल्याण और वयस्कों और बच्चों दोनों में तनाव के स्तर में वृद्धि के साथ जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, स्क्रीन टाइम नींद को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे तनाव का स्तर भी बढ़ सकता है।

सप्लीमेंट लें – कई विटामिन और खनिज आपके शरीर की तनाव प्रतिक्रिया और मनोदशा नियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जैसे, एक या अधिक पोषक तत्वों की कमी आपके मानसिक स्वास्थ्य और तनाव से निपटने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ डाइट सप्लीमेंट तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जब आप लंबे समय तक तनाव में रहते हैं, तो आपके मैग्नीशियम का स्तर कम हो सकता है। आप डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट ले सकते हैं। 

अपने ऊपर काम करें और अपना ध्यान रखें – आप अपनी खुद की देखभाल करके भी तनाव को दूर कर सकते हैं, इसके लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं :- 

बाहर टहलने जाएं 

एक अच्छी किताब पढ़ना

रोजाना व्यायाम करें 

अपने लिए भोजन तैयार करेन 

बिस्तर से जितना हो सके उतना दूर रहें 

मालिश करवाएं

अपनी होबी पर काम करें

परफ्यूम का इस्तेमाल करें

रोजाना योग करें 

खुद को व्यस्त रखें 

दोस्तों के साथ समय बिताएं 

अपनी समस्या के बारे में चर्चा करें 

अपनी समस्या का समाधान खोजे 

धार्मिक स्थल पर जाएं 

ध्यान लगाएं 

अपनी पसंद का संगीत सुने 

आप खाने की मदद से भी अपने तनाव को दूर कर सकते हैं। चलिए जानते हैं :- 

ग्रीन टी पियें – ग्रीन टी L-Theanine का एक स्रोत है, एक रसायन जो क्रोध को दूर करने में मदद करता है। तनाव होने पर आप अपनी पसंद की ग्रीन टी लें। 

च्यूइंग गम – च्यूइंग गम आपके तनाव को दूर करने का आश्चर्यजनक रूप से त्वरित और आसान तरीका है। केवल कुछ मिनट चबाने से वास्तव में चिंता कम हो सकती है और कोर्टिसोल का स्तर कम हो सकता है।

अंडे – अंडे की जर्दी विटामिन डी का एक और बड़ा स्रोत है। अंडे भी प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं। यह एक पूर्ण प्रोटीन है, जिसका अर्थ है कि इसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं जो शरीर को विकास और विकास के लिए आवश्यक होते हैं। अंडे में ट्रिप्टोफैन भी होता है, जो एक एमिनो एसिड है जो सेरोटोनिन बनाने में मदद करता है। सेरोटोनिन एक रासायनिक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मूड, नींद, स्मृति और व्यवहार को नियंत्रित करने में मदद करता है। सेरोटोनिन को मस्तिष्क के कार्य में सुधार और चिंता को दूर करने के लिए भी माना जाता है।

कद्दू के बीज – स्ट्रेस होने पर अक्सर उच्च रक्तचाप की समस्या हो जाती है तो ऐसे में कद्दू के बीज आपकी मदद कर सकते हैं। कद्दू के बीज पोटेशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं, जो इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को विनियमित करने और रक्तचाप को प्रबंधित करने में मदद करता है।

अपनी पसंद का खाना खाएं – खाने की मदद से हर किसी के मूड में बदलाव किया जा सकता है। इसलिए अपने तनाव को दूर करने के लिए हमेशा वो खाना खाए जिससे आपका मन अंदर से खुश होता है। 

इन सभी उपायों के इतर आप दवाओं की मदद से भी अपने तनाव से छुटकारा पा सकते हैं। साथ ही आप किसी मनोचिकित्सक से भी इस बारे में बात कर सकते हैं, जिससे आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।

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Mr. Ravi Nirwal

Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.

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Essay on Stress Management

500 words essay on stress management.

Stress is a very complex phenomenon that we can define in several ways. However, if you put them together, it is basically the wear and tear of daily life. Stress management refers to a wide spectrum of techniques and psychotherapies for controlling a person’s stress level, especially chronic stress . If there is effective stress management, we can help one another break the hold of stress on our lives. The essay on stress management will throw light on the very same thing.

essay on stress management

Identifying the Source of Stress

The first step of stress management is identifying the source of stress in your life. It is not as easy as that but it is essential. The true source of stress may not always be evident as we tend to overlook our own stress-inducing thoughts and feelings.

For instance, you might constantly worry about meeting your deadline. But, in reality, maybe your procrastination is what leads to this stress than the actual deadline. In order to identify the source of stress, we must look closely within ourselves.

If you explain away stress as temporary, then it may be a problem. Like if you yourself don’t take a breather from time to time, what is the point? On the other hand, is stress an integral part of your work and you acknowledging it like that?

If you make it a part of your personality, like you label things as crazy or nervous energy, you need to look further. Most importantly, do you blame the stress on people around you or the events surrounding you?

It is essential to take responsibility for the role one plays in creating or maintaining stress. Your stress will remain outside your control if you do not do it.

Strategies for Stress Management

It is obvious that we cannot avoid all kinds of stress but there are many stressors in your life which you can definitely eliminate. It is important to learn how to say no and stick to them.  Try to avoid people who stress you out.

Further, if you cannot avoid a stressful situation, try altering it. Express your feelings don’t bottle them up and manage your time better. Moreover, you can also adapt to the stressor if you can’t change it.

Reframe problems and look at the big picture. Similarly, adjust your standards and focus on the positive side. Never try to control the uncontrollable. Most importantly, make time for having fun and relaxing.

Spend some time with nature, go for a walk or call a friend, whatever pleases you.  You can also try working out, listening to music and more. As long as it makes you happy, never give up.

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Conclusion of the Essay on Stress Management

All in all, we can control our stress levels with relaxation techniques that evoke the relaxation response of our body. It is the state of restfulness that is the opposite of the stress response. Thus, when you practice these techniques regularly, you can build your resilience and heal yourself.

FAQ of Essay on Stress Management

Question 1: What is the importance of stress management?

Answer 1: Stress management is very efficient as it helps in breaking the hold which stress has on our lives. Moreover, you can also become happy, healthy and more productive because of it. The ultimate goal should be to live a balanced life and have the resilience to hold up under pressure.

Question 2: Give some stress management techniques.

Answer 2: There are many stress management techniques through which one can reduce stress in their lives. One can change their situation or their reaction to it. We can try by altering the situation. If not, we can change our attitudes towards it. Remember, accept things that you cannot change.

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Exam stress management | परीक्षा के तनाव से बचाव

हम सभी को अपने जीवन में परीक्षा का सामना अवश्य करना पड़ता है, तथा इससे उत्पन होने वाला तनाव भी हमको किसी न किसी प्रकार से डराता भी है। 

परीक्षा का तनाव एक हम सभी में उत्पन्न होने वाली आम एवं सामान्य भावना है, जो बहुत से लोग परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान अनुभव करते हैं।

यह तनाव अच्छा प्रदर्शन करने के दबाव एवं अपनी खुद की अपेक्षाओं या दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा न करने के डर का परिणाम होता है।

परीक्षा के तनाव को दूर ( Exam stress management ) करने के लिए आप कई रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं। ताकि आप इससे होने वाले दुष्प्रभाव को कम कर सकें। 

Table of Contents

Exam Stress Management

परीक्षा का तनाव शारीरिक लक्षणों में प्रकट हो सकता है, जैसे सोने में कठिनाई, भूख न लगना तथा ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का होना।

वहीं मनोवैज्ञानिक प्रभाव के रूप में यह तनाव हममें चिंता, चिड़चिड़ापन एवं लाचारी जैसे भावनात्मक लक्षण भी पैदा कर सकता है।

इनमें एक स्टडी शेड्यूल बनाना, ब्रेक लेना, एक्सरसाइज करना, पर्याप्त नींद लेना और रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करना शामिल है। 

अन्य उपायों के रूप में अच्छी तरह से भोजन करना, हाइड्रेटेड रहना और अपनी पसंद की गतिविधियों के लिए समय निकालकर अपना ख्याल रखना भी महत्वपूर्ण है। 

याद रखें कि परीक्षा के समय थोड़ा बहुत तनाव महसूस करना ठीक है तथा थोड़े शारीरिक एवं मानसिक उतार-चढ़ाव होना सामान्य होता है। 

अपना ख्याल रखकर और प्रभावी तरीकों इस तनाव का मुकाबला करने की रणनीतियों का उपयोग करके, आप परीक्षा के तनाव को नियंत्रित कर सकते हैं। साथ हीअपनी परीक्षाओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं। 

अपनी वार्षिक परीक्षाओ एवं सेमेस्टर्स के दौरान कई छात्रों के लिए परीक्षा का तनाव मूल रूप से ऐसा लगता है, जैसे आप भूखे भेड़ियों के झुण्ड से घिरे हैं और बचाव के लिए जंगल मे दौड़ लगा रहे हैं। 

किन्तु दोस्तों यह उतना निराशाजनक नहीं है, जितना लगता है। कुछ ऐसे टिप्स होते हैं, जिनका इस्तेमाल कोई भी परीक्षा के दौरान खुद को शांत एवं सकारात्मक  रखने के लिए कर सकता है।

Maintain your composure | खुद को शांत रखना 

परीक्षा से पहले एवं  परीक्षा के दौरान तनाव महसूस करना एक सामान्य बात है, लेकिन कुछ चीजें हैं जो आप शांत रहने और अपने तनाव को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने के लिए कर सकते हैं।

maintain-your-composure-exam-stress-management

ऐसे बहुत सारे कारगर उपाय हैं जिनकी सहायता से न केवल छात्र बल्कि बड़े भी अपने जॉब इंटरव्यू या प्रमोशन की तैयारियों के दौरान खुद को शांत बनाए रख सकते है। 

Hone your relaxing skills | विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें  

गहरी सांस लेना, ध्यान एवं योग आपके मस्तिष्क को आराम देने एवं शांत करने के प्रभावी तरीके होते  हैं। 

आप खुद चयन करें कि इनमे से आपके लिए सबसे अच्छा क्या है तथा इसे नियमित रूप से अभ्यास करने के लिए समय निकालें।

अन्य उपयोगी लेख

1 प्राणायाम (  Pranayama complete steps  )

2 योग संपूर्ण विवरण (  Yoga complete 101  )

3 स्वयं की देखभाल (  9 ways to self-care  )

4 पढ़ाई का स्थान ( Study Table Vastu )

Do some sort of physical activity | शारीरिक गतिविधि में व्यस्त रहें

व्यायाम तनाव को कम करने एवं आपके मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

शारीरिक गतिविधि के लिए समय निकालें, भले ही यह केवल कुछ मिनटों की स्ट्रेचिंग हो या ब्लॉक के चारों ओर तेज चलना ही क्यों न हो।

Having sufficient sleep | पर्याप्त नींद लेना

शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए उचित नींद पूरी करना जरूरी होता है। यदि आपकी नींद पूरी नहीं होती तो आप खुद को थका हुआ एवं बोझिल महसूस करते हैं। 

इसलिए परीक्षा से पहले एवं इसके दौरान सुनिश्चित करें कि आपको पर्याप्त आराम मिल रहा है, ताकि आप अपने आप में सर्वश्रेष्ठ महसूस कर सकें और शांत रह सकें ।

Take brief pauses | ब्रेक लेना

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आराम करने एवं खुद को दोबारा रिचार्ज करने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लेना महत्वपूर्ण होता है। कुछ मिनटों के लिए अपनी पढ़ाई से दूर रहें, टहलने जाएं या कुछ और काम करें जो आपको पसंद हो।

Solicit assistance | सहायता लेना

यदि आप किसी भी कारणवश अपनी परीक्षा से पूर्व या इसके दौरान अकेला एवं असहाय मह्सूस करें तो अपने करीबी या वरिष्ठों से बेझिझक सहायता लें। 

याद रखें, परीक्षा के दौरान तनाव महसूस करना सामान्य बात है।

प्रभावी तरीको का उपयोग करके आप अपने तनाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं और अपनी परीक्षाओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं।

Selecting nutritious food options | स्वस्थ भोजन विकल्प का चुनाव 

जब हम पढ़ रहे होते हैं, तब हम सब कुछ भूलकर पढ़ाई में खो जाते है। अपनी किताबों के चारों ओर चिप्स और चॉकलेट पैकेट  के साथ, हम अक्सर पूरे दिन या घंटों एक ही स्थान पर बैठे रहते हैं।

लगातार स्वास्थ्य को नुक्सान पहुँचाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से आप अपनी सेहत को ख़राब कर लेते है। साथ ही फ़ास्ट फ़ूड एवं पैकेट फ़ूड आपको तनावग्रस्त भी कर देता है। 

इसलिए अपनी परीक्षाओं के दौरान एवं पहले से ही स्वास्थ्य वर्धक भोज्य पदार्थो का सेवन आपको आगे चलकर तनाव से पीड़ित होने से बचा सकता है। 

Sleep for eight hours every night | रात्रि आठ घंटों की नींद लेना 

सही खाने एवं  पर्याप्त पढ़ाई होने के बाद, पर्याप्त नींद लेना परीक्षा के समय में खुद की देखभाल करने के सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है।

 ज्यादातर लोग सोचते हैं कि पूरी रात पढ़ाई करने से उन्हें परीक्षा में सफल होने का बेहतरीन मौका मिलने वाला है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह अच्छे से ज्यादा नुकसान कर रहा है।

आपको इसी तरह नींद की जरूरत है, जिस तरह आपके फोन को हर दिन के अंत में रिचार्ज करने की जरूरत होती है। 

इसके बिना, आपका मस्तिष्क तथ्यों को याद रखने या समस्याओं का विश्लेषण करने की क्षमता नहीं रख पाएगा। इसलिए आप अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाएंगे। अतः भरपूर 8 घंटे की रात्रि निद्रा लेना न भूलें। 

Conversing with your family | अपने प्रियजन से बात करना 

अपने परीक्षा तनाव के बारे में किसी से बात करना चिंता की भावनाओं को कम करने और आपके द्वारा महसूस किए जा रहे कुछ दबाव को कम करने का एक सहायक तरीका हो सकता है। 

एक भरोसेमंद दोस्त या परिवार का सदस्य या कभी-कभी किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना मददगार आपके तनाव को दूर करने के लिए अच्छा हो सकता है। 

कुछ मामलों के लिए मनोवैज्ञानिक आपको कुछ पेशेवर सलाह देने के लिए उपलब्ध रहते हैं। यदि अन्य लोगों के साथ अपने विचार साँझा करना आपके लिए कठिन है, तो इसके बारे में एक डायरी या ब्लॉग में लिखने का प्रयास करें। 

यकीन मानिये अपनी समस्याओं को दूसरों के साथ साझा करने या डायरी पर लिखने से काफी हद तक आप अपने परीक्षा के तनाव को कम कर सकते है। 

Not considering whether something is right or bad | क्या सही है क्या गलत न सोचना 

जीवन में कई बार हम खुद को अपने मार्ग से भ्रमित करने के लिए स्वयं ज़िम्मेदार होते है। क्योंकि हम अक्सर क्या सही है क्या गलत इसी को सोचने में अपना समय व्यतीत कर देते हैं। 

परीक्षा के पहले अधिकतर छात्रों का ध्यान इसी बात को लेकर व्यथित रहता है, कि क्या तयारी करना सही रहेगा और क्या गलत? जिसकी वजह से आप अक्सर तनावग्रस्त भी हो जाते है। 

इसलिए आपके लिए बेहतर रहेगा, कि आप बिना सही गलत के भरम में पड़े सिर्फ अपने विषय के आधार पर परीक्षा की तैयारी करें। 

At the conclusion | निष्कर्ष 

जब परीक्षा समाप्त हो गई है, और आप अपने दोस्तों के साथ प्रश्नों पर चर्चा कर रहे हैं, तो उनके कुछ उत्तर आपसे भिन्न हैं। 

आपको अपने कुछ उत्तरों पर पछतावा होने लगता है। वह एक खतरनाक रास्ता है, क्योंकि आप अपने उत्तरों को वापस नहीं बदल सकते,समय समाप्त हो गया है। 

परीक्षा समाप्त होने के बाद इसके बारे में बात करने से बचना सबसे अच्छा तरीका है तनाव से बचने का। परीक्षा कक्ष से बाहर जाओ और कुछ मजा करो। 

महीनों तक अपनी डेस्क के पीछे काम करने के बाद आप इसके लायक हैं, कि कुछ समय अपने को रिलैक्स करें एवं जीवन में आनंद लें 

उपरोक्त सभी उपाय आपको परीक्षा से पहले,उसके दौरान एवं समाप्ति के बाद होने वाले तनाव से बचाने में अवश्य सहायक सिद्ध हो सकते हैं। 

इस शब्द की उत्पत्ति कैसे हुयी ? आदि प्रश्नो के उत्तर जानने के लिये “गैस लाइटिंग क्या है ? ” ( What is Gaslighting ) अवश्य पढ़े।

इससे प्रभावित व्यक्ति के लक्षण एवं बचने के उपाय जानने के लिये  Gaslighting symptoms and precautions  और इससे होने वाले विस्तृत दुष्प्रभावों को जानने के लिये  Gaslighting side effects  पर जाये।

ताकि आप अपनी स्वास्थ्य सम्बन्धी काफी सारी समस्याओं से मुक्त हो सके। फैशन, संस्कृति, राशियों अथवा भविष्यफल से सम्बंधित वीडियो हिंदी में देखने के लिए आप  Hindirashifal  यूट्यूब चैनल पर जाये और सब्सक्राइब करे।

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तनाव प्रबंधन क्या है अर्थ उपाय व टिप्स | Stress Management In Hindi

तनाव प्रबंधन क्या है अर्थ उपाय टिप्स Stress Management In Hindi: नमस्कार दोस्तों तनाव प्रबंधन लेख के माध्यम  से हम जानेंगे तनाव प्रबंधन क्या है।

तनाव का अर्थ, परिभाषा ,कारण ,प्रकार तथा इसके परिणामों को जानने के साथ यह भी जानेंगे कि तनाव प्रबंधन की आवश्यकता क्यों हैं। तनाव का प्रबंधन कैसे करें अथवा  तनाव प्रबंधन की तकनीकों को जानेंगे ।

तनाव प्रबंधन क्या है अर्थ उपाय व टिप्स | Stress Management In Hindi

प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार से तनाव से ग्रसित रहता है इसे डिप्रेशन तथा अवसाद की स्थिति भी कहा जाता है वर्तमान के दौर में तनाव कोई बड़ी बात नहीं है।

क्योंकि हमारी जीवन शैली भागदौड़ वाली दुनिया में अंधाधुंध विकास के नाम पर येन केन प्रकारेण अचानक अमीर बनने तथा दुनिया को अपनी तरह से चलाने की प्रवृत्ति ने इसे आम बना दिया है।

इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के तनाव से ग्रसित है हालांकि इनके तनाव की वजह एकसमान नहीं है कोई अपने बिजनेस को लेकर परेशान हैं.

तो कोई फ्यूचर को लेकर किसी को दूसरों के व्यवहार से तो कोई अपने अनुसार सब कुछ ना होने की वजह से तो कोई अपने साथ हो रहे भेदभाव अथवा अत्याचार और इन सब के साथ भौतिकवादी जीवन व तकनीकी प्रगति ने तनावपूर्ण वातावरण बनाने में अपनी भूमिका निभाई है।

तनाव का अर्थ व परिभाषा (Stress Management Meaning In Hindi)

जीव के प्रमुख  लक्षणों में डर तथा सुरक्षा प्रमुख है तनाव भय तथा डर के बीच का विभेद है अर्थात हम दुनिया में उपस्थित प्रत्येक प्रकार के भय तथा उससे सुरक्षा के मध्य तालमेल स्थापित करने में विफल होते हैं तब तनाव उत्पन्न होता है.

इस प्रकार असुरक्षित मनुष्य सुरक्षित होने के लिए सदैव तत्पर रहता है, बेताब रहता है और यही मनोस्थिति तनाव है और  हमारा जटिल जीवन, सामाजिक ,राजनीतिक तथा प्रशासनिक व्यवस्था संतुलन स्थापित करने में नाकामयाब रहती है वह स्थिति तनाव कहलाती है।

हेंस-शैले ” तनाव शब्द शारीरिक तथा वैज्ञानिक आधार पर किसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए हार्मोन की प्रतिक्रिया है इन्होंने तनाव के दो प्रकार बताएं।

यूस्ट्रेस जो इच्छित तनाव है तथा यह खतरनाक नहीं होता बल्कि आवश्यक होता है।  जो व्यक्ति को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रखता है। दूसरा डिस्ट्रेस जो अनैच्छिक  होता है। तथा इस पर व्यक्ति नियंत्रण नहीं रख सकता और कई परेशानियां खड़ी करता है इसे नेगेटिव स्ट्रेस भी कहा जा सकता है।

बीहर व न्यूमैन -” व्यक्ति तथा उसके कार्यों के पारस्परिक  असामंजस्य तथा कार्य के वातावरण से  उत्पन्न होता है। इस प्रकार तनाव किसी व्यक्ति की मानसिक व शारीरिक दशा है जो उसके वातावरण से तैयार होती है।

तनाव की विशेषताएं (Characteristics Of Stress In Hindi)

  • तनाव व्यक्ति की मानसिक स्थिति का प्रकटीकरण है।
  • तनाव बाह्य वातावरण का प्रत्युत्तर है।
  • तनाव सदैव हानिकारक नहीं होता।
  • तनाव का प्रभाव स्वयं  के साथ व्यक्तियों पर ही पड़ता है।
  • यह चिंता से अलग है क्योंकि यह गहरी चिंता को दर्शाता है तनाव पहले  मानसिक होता है परंतु समय के साथ शारीरिक तनाव भी उत्पन्न होता  है।

तनाव के लक्षण (Symptoms Of Stress In Hindi)

तनाव से ग्रसित व्यक्ति के शारीरिक लक्षणों में हृदय गति का सामान्य से अधिक रहना तथा  पाचन संबंधी क्रियाओं का नियमित ना होना इसके साथ ही लंबे समय तक तनाव का बना रहना कैंसर जैसी घातक बीमारियों का कारण भी बन सकता है । मनोवैज्ञानिक लक्षणों में मन का और संतुष्ट होना तथा कार्य से मुखर जाना प्रमुख है।

तनाव से ग्रसित व्यक्ति का प्रमुख लक्षण उसके व्यवहार में दिखाई देता है। जब व्यक्ति तनाव में होता है तब वह अपने कार्य को नियमित तथा सामान्य तरीकों से नहीं कर पाता उसकी उत्पादकता में कमी आती है। तथा नशा वृत्ति की ओर बढ़ता है। इसके साथ-साथ ऐसे लोगों की आवाज भारी होने लगती हैं।

जो कहना चाहते हैं वह कभी कह नहीं पाते धैर्य जल्दी खो देते हैं तथा सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में  कम ही दिखते हैं, और हमेशा बेचैन रहते हैं।

अब बात करते हैं कि तनाव की मूल जड़ क्या है प्रत्येक व्यक्ति अपने अपने कार्य में संलग्न रहता है जब उसके कार्य तथा विचारों या भावों में रुकावटें पैदा होती है। तो ये रुकावटें व्यक्ति को लगातार असंतुष्ट करती है। तथा जब असंतुष्टता चरमसीमा पर पहुंच जाती है। तब तनाव का आगमन होता है।

तथा यह धीरे-धीरे समय के साथ बढ़ता जाता है। उस समय तीन प्रकार के मानसिक द्वंद्व की उत्पत्ति होती है। जिसमें प्रस्ताव प्रस्ताव द्वंद दूसरा प्रस्ताव परिहास द्वंद तथा तीसरा परिहार प्रस्ताव द्वंद है।

तनाव के प्रकार (Types Of Stress In Hindi)

तनाव की प्रभावशीलता के आधार पर तनाव को तीन भागों में बांटा जा सकता है पहले प्रकार के तनाव को अल्प तनाव कहा जाता है इसमें तनाव व्यक्ति के आसपास के वातावरण में अचानक हुए छोटे-छोटे परिवर्तनों से उत्पन्न होता है।

दूसरे प्रकार को दागी तनाव कहा जा सकता है। जो व्यक्ति के शरीर तथा मस्तिष्क को चोटें पहुंचाता है। इस प्रकार का तनाव व्यक्ति को अपने कैरियर में मिली असफलता के कारण उत्पन्न हो सकता है।

तीसरा तथा सबसे खतरनाक तनाव का प्रकार आघात तनाव होता है। इसमें व्यक्ति को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। तथा धैर्य के साथ ही जिजीविषा को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण रहता है।

इस तनाव की वजह में किसी अप्रिय घटना का घटित होना या भावनात्मक रूप से चोटे खाना शामिल है। यह तनाव व्यक्ति की मृत्यु की वजह भी बन सकता है।

तनाव के कारण (Reasons For Tension In Hindi)

जितने प्रकार के तनाव है उतने ही कारण हो सकते हैं या इससे अधिक भी꫰ तनाव पैदा करने  मे व्यक्ति स्वयं या  व्यक्ति के संबंध अथवा किसी संस्था की भूमिका हो सकती है।

वर्तमान समय में तनाव का प्रमुख कारण हमारी जीवन शैली है। तड़क-भड़क की संस्कृति दिखावे की संस्कृति बढ़ता हुआ शहरीकरण पाश्चात्य संस्कृति का अंधाधुंध करण करने के चक्कर में हम अपने भारतीय संस्कृति के नॉर्मल रहन सहन खानपान वसुदेव कुटुंबकम को भूल रहे हैं।

बढ़ती हुई तकनीकी ने भी तनाव में यकायक वृद्धि की है तकनीकी ने कार्य को आसान तो बनाया है। साथ ही साथ एक ऐसे प्रतिस्पर्धी माहौल को भी तैयार किया जिसमें व्यक्ति सुकून की सांस नहीं ले पा रहा।

संयुक्त परिवारों का पतन भी प्रमुख कारण है। क्योंकि व्यक्ति के प्रारंभिक मानवीय मूल्यों के विकास में परिवार का योगदान लगातार कम होता जा रहा है। पारिवारिक सदस्यों के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में सहायता करना ना के बराबर देखा जा रहा है।

तनाव का सबसे प्रमुख कारण आर्थिक तत्वों में खोजा जा सकता है। लगातार कम हो रहे आर्थिक संसाधन व्यक्ति की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में असमर्थ हैं।

आज प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि वह भी दूसरे लोगों की तरह सुखी और संपन्न जीवन जिए तथा इसके लिए वह अपने आप की आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने में तनाव का शिकार होता जा रहा है।

सामाजिक  कारको में कम होते सामाजिक कार्यक्रम तथा विभिन्न आधारों पर किए जा रहे भेदभाव ने साथ ही सामाजिक कुरीतियां बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य के साथ सामंजस्य बैठाने में और सफल हो रही है। परिणाम स्वरूप तनाव जैसी अनेकों समस्याएं सामने आ रही है।

तनाव के संगठनात्मक कारणों पर नजर डालें तो इसमें प्रमुखता किसी संस्था के द्वारा किए गए नीतिगत बदलाव ,संगठन की संरचना का औपचारिकता पर बल देना, कार्य करने के लिए वातावरण का अशुद्ध होना तथा संगठन के द्वारा विभिन्न आधारों अथवा समय अंतराल में किए जा रहे बदलावों से  प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को तनाव में देखा जाता है। कर्मचारियों के तनाव का प्रभाव उसके अपने परिवार पर भी पड़ता है।

तनाव प्रबंधन सुझाव उपाय, (Stress Management Tips In Hindi)

तनाव हर परिस्थिति में हानिकारक नहीं होता और यह भी सत्य है। कि प्रत्येक व्यक्ति तनाव मुक्त रहना चाहता है। पूर्ण रूप से तनाव से मुक्त रहना ना तो स्वाभाविक है। और ना ही संभव क्योंकि ऐसी स्थिति में व्यक्ति निष्क्रिय हो जाएगा।

परंतु कुछ तनाव ऐसे होते हैं जिन से बचकर रहना व्यक्ति के लिए अति लाभकारी सिद्ध होता है। कुछ ऐसी तकनीक या  विधियां या सरल शब्दों में तरीके हैं। जिनके द्वारा तनाव से बचा जा सकता है। अथवा अगर तनाव ग्रसित हैं। तो उसे कम किया जा सकता है।

तनाव को कम करने का मुख्य तरीका अपने समय का बेहतर प्रबंध करना है इसके अंतर्गत अपने दैनिक जीवनचर्या को सुव्यवस्थित करते हुए तनाव के लिए प्रमुख उत्तरदाई कार्यों को नजरअंदाज किया जा सकता है।

नियमित व्यायाम तथा योग के द्वारा सोचने की क्षमता तो बढ़ती ही है। साथ ही व्यक्ति उच्च स्तर पर पहुंच जाता है जहां से वह स्वयं अपने तनाव के कारणों का पता लगाने के साथ ही उसे दूर करने के रास्ते भी खोज सकता है।

इसके अंतर्गत ही चिंतन तथा ध्यान लगाना भी शामिल है जिसके द्वारा व्यक्ति खुद को तथा औरों को अच्छी तरह से समझने में सफल हो सकता है। अपने कार्यों की प्राथमिकता का निर्धारण करें तथा उसका अनुसरण करें।

अपनी आवश्यकताओं को पहचाने तथा सामाजिक सरोकारों को शामिल करते हुए इन्हें प्राप्त करने हेतु व्यस्त रहें।

खुद का  आत्म निरीक्षण करते रहें तनाव के प्रमुख कारणों को चिन्हित करें तथा तनाव उत्पन्न करने वाली गतिविधियों का परहेज करें।

सामाजिक सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ाएं विचारों में खुलापन लाएं तथा अपनी परेशानियों को अपने दोस्तों के साथ शेयर करते रहें।

तनाव दूर करने का सबसे आसान तरीका यह भी हो सकता है। कि अपनी सोच को बदलें स्वयं को खुदा समझने से बचें अर्थात स्वयं को पहचाने अपनी कमजोरियों का पता लगाएं तथा इन्हें दूर करने का प्रयास करें।

संगठनात्मक स्तर पर तनाव को दूर करने के लिए उचित वातावरण प्रदान किया जा सकता है। साथ ही अनौपचारिक संप्रेक्षण को बढ़ाकर तथा सहभागी निर्णय प्रक्रिया के द्वारा कर्मचारियों के उत्साह को बढ़ाया जा सकता है। संगठन के प्रमुख स्तरों पर समूह भावना का विकास कर।

इनके अलावा कर्मचारियों को उचित प्रोत्साहन तथा उनके कार्यों का निष्पक्ष मूल्यांकन करके भेदभाव रहित वातावरण तैयार किया जा सकता है। जो तनाव को दूर करने में सहायक होगा।

योग तनाव को दूर करने में इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि  शरीर तथा मन दोनों को स्वस्थ रखता है।  मन से भावना उत्पन्न होती है।

और प्रत्येक तनाव  का बीजारोपण कहीं ना कहीं भावना से ही होता है। कलात्मक अभिव्यक्ति को निखारे तथा अपने शौक पर ध्यान दें पर्याप्त नींद लें।

तनाव कैसे दूर करे आसन टिप्स | How To Remove Stress

अधिक व्यस्त जिन्दगी में तनाव (Stress) की स्थति स्वाभाविक है. बहुत से लोग  तनाव कैसे दूर करे की युक्तियों की खोज करते है. मगर क्या आप जानते है, तनाव फायदेमंद भी होता है.

किन्तु एक सीमा तक. अधिक चिंतित या तनाव में रहने के कारण डिप्रेशन, मानसिक रोग और इससे बढ़कर आत्महत्या जैसे जधन्य अपराधों की तरफ लोगों की प्रवृति बढ़ जाती है.

तनाव जिसे प्रेशर भी कहा जाता है. अमूमन लोग इसके नेगेटिव रूप को ही देखते है. मगर सच्चाई यह भी है कि कुछ सफल इंसान जिन्होंने अपने जीवन में कुछ अभूतपूर्व कर दिखाया है उनके अनुसार तनाव एक सीमा तक अच्छी चीज है. और व्यक्ति के सपने को पूरा करने में इसकी आवश्यकता होती है.

एक फुटबालर जिनका नाम नेमार है वो तनाव यानि प्रेशर के बारे में अपनी राय रखते हुए कहते है. कि तनाव ही वो चीज या दवाब है जिसके कारण मेरा प्रदर्शन सुधरता है. अथवा इसकी उपस्थिति में ही मै अच्छा प्रदर्शन कर पाता हु. दूसरा उदाहरण आप लोगों से छिपा नही है. नाम है विराट कोहली,

अमूमन सभी लोग इस शख्सियत को जानते होंगे. कोहली का मानना है कि तनाव के कारण ही मेरा खेल निखरता है. इसका उदाहरण हम कई बड़े अंतर्राष्ट्रीय मैचों में विराट के प्रदर्शन को देखकर अंदाजा लगा सकते है.

तनाव से मुक्ति के उपाय क्या जरुरी है (What is the necessity of relieving stress?)

अब सवाल यह उठता है. हमारे लिए तनाव जरुरी है या नही. अगर जरुरी है तो कितना और किस प्रकार का प्रेशर किसी हद तक ठीक कहा जा सकता है.

यदि साइक्लोजी की माने तो व्यक्ति के जीवन में सफलता, अच्छे ढंग से काम करने के लिए प्रेशर (तनाव) का होना जरुरी है.

मगर दूसरी तरफ इस सत्य को भी नकारा नही जा सकता कि अति अंत की जड़ है. यदि किसी चीज की मात्रा एक सीमा से अधिक हो तो इसके नकारात्मक परिणाम सामने आने लगते है.

यह तनाव पर भी लागू होता है. तनाव की अधिकता के चलते हमारे जीवन में ख़ुशी का अंत और चिंता घर कर जाती है.

जीवन में तनाव क्यों जरुरी है. (Why stress is essential in life.)

उदाहरण के जरिये समझने की कोशिश की जाए तो मान के चलिए चार महीने के बाद मुझे आईएएस का मैंन पेपर देना है. अब इस परीक्षा को लेकर मुझ पर तनाव का आना स्वाभाविक है.

तनाव के कारण में ऐशो आराम और सारे कामों को छोड़ कर पढाई शुरू कर देता हु. मगर यदि मै विवेक के साथ सही समय सारणी के अनुसार अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए पढाई करता हु तो यही परीक्षा का तनाव मेरे लिए फायदेमंद साबित होगा.

दूसरी तरफ सिर्फ पढ़ाई और पढ़ाई खाने पीने या किसी अन्य चीज पर ध्यान नही देता हु तो इस प्रेशर के कारण मेरी मनोस्थति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इस अत्यधिक तनाव के चलते यह भी संभव है मै परीक्षा में रोल नंबर ही गलत लिख आऊ.

चलिए जानते है तनाव के फायदों (Benefits of stress) के बारे में.

  • हमारे ध्यान को लक्ष्य की तरफ फोकस करने में मदद करता है.
  • इससे हमारे प्रयासों को पूर्णता मिलती है, तेजी आती है.
  • साथ की कार्य की गुणवत्ता व शुद्धता में वृद्धि होती है.
  • और अच्छा करने की प्रेरणा जाग्रत होती है.
  • लक्ष्य को प्राप्त करने की सम्भावना कई गुना तक बढ़ जाती है.
  • हमारी लक्ष्य की दिशा में विकास प्रक्रिया जारी रहती है.

तनाव कैसे दूर करे (How To Remove Stress)

तनाव कुछ कार्यो में हमारे लिए लाभदायक है लेकिन अधिकतर मामलों में अधिक मात्रा में तनाव एकस्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है. आप इन आसन तरीकों को अपनी जीवनशैली में अपना कर तनाव को दूर कर सकते है.

  • उत्साहित रहे- हर कार्य में अपना उत्साह बरकरार रखे. रोजाना किसी भी कार्य को करने पर उसे सर्वश्रेष्ट तरीके से करने का भाव रखे तथा स्वयं की सोच में सकारात्मक नजरिया रखा जाए तो कुछ हद तक उत्साहित रहा जा सकता है. इसके अतिरिक्त रोजाना कम से कम एक घंटा व्यायाम के लिए जरुर निकाले, क्युकि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन निवास करता है.
  • समय पर नीद ले- कई बार देर रात तक नही सोने से भी पूरा दिन तनावग्रस्त रहता है. एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए कम से कम 6 घंटे तक सोना जरुरी हो जाता है. पर्याप्त नीद व आराम मिलने से हमारा शरीर व मन दोनों स्वस्थ रहते है. समय पर नीद लेने से व्यक्ति की कार्यक्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही तनाव में भी कमी लाने में मदद मिलती है.\
  • कार्यो का लेखा जोखा रखे-  सक्षिप्त में कहे तो डायरी लिखना. कई बार ऐसा होता है व्यक्ति दिन भर कार्य में उलझा रहने के कारण उन्हे पता ही नही चलता है. वह कहाँ पर है. उसे क्या करना चाहिए कब करना चाहिए. पूरा दिन और उसकी दिनचर्या उलझन के बिच ही गुजरती है. जो तनाव को बढ़ाने में सहायक है. इसलिए डायरी लिखने से वास्तविक कार्यो और मन स्थति की जानकारी प्राप्त होती है.
  • परनिन्दा से बचे- कुछ लोग यह जानते हुए भी कि दूसरे की निंदा करने से कुछ भी हासिल नही होने वाला है. न ही सामने वाले पर इसका कोई प्रभाव पड़ता है. निंदा करना सबसे बुरी आदत समझी जाती है. व्यक्ति अकसर दूसरों की कमिया देखते देखते खुद की स्थति का आकलन करना भूल ही जाता है. अचानक जब कभी उन्हें स्वयं के स्तर का पता चलता है तो कार्य की अधिकता के चलते उनमे तनाव (प्रेशर) की अधिकता हो जाती है.
  • अपने मित्रों के साथ अच्छा व्यवहार करे. अच्छे लोगों के साथ दोस्ती रखना, तनाव को कम करने या समाप्त करने में सबसे अधिक मददगार हो सकता है. अकसर व्यक्ति मुश्किलों में पड़ने के कारण ही प्रेशर में रहता है. इसलिए अच्छे मित्र रखे जो किसी विकट स्थति में आपकी मदद कर सके.
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स्ट्रेस मैनेजमेंट के बेहतरीन टिप्स

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तनाव से छुटकारा पाने के 5 सरल उपाय

Stress Management | स्ट्रेस मैनेजमेंट के बेहतरीन टिप्स

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How to overcome exam stress in hindi ऐसे रहे एक्जाम टाइम पे टेंशन फ्री.

हर स्टूडेंट की ज़िंदगी मे Exams का महत्व काफी ज्यादा होता है चाहे वह स्कूल के Exam हो या कॉलेज के. परीक्षा लेने का लक्ष्य यह होता है कि साल भर हम जो भी पढ़ते है उससे हमने क्या समझा और कितना याद रहा. हालांकि हमारा education system और मार्क्स पाने की रेस अपने आप मे एक debatable issue है.

इस बात मे कोई संदेह नहीं है की हर छात्र का पढने का तरीका अलग अलग होता है और वैसे ही रूटीन भी अलग-अलग अलग होता है। कई लोग सेशन शुरू होते ही पढाई में लग जाते है तो कुछ लोग थोडा समय रुक कर पड़ना शुरू करते है और परीक्षा आने तक कवर कर लेते है लेकिन कई स्टूडेंट ऐसे होते है जो पूरा साल पढाई नही करते और अंत में चीजों को रटते है। ऐसे मे कई छात्र Exam से पहले काफी stress ले लेते है और घबरा जाते है। दोस्तो इस आर्टिक्ल में हम उन समस्याओ पर बात करेंगे जिनका सामना बच्चे परीक्षा के समय करते है।

Causes of examination stress in students – छात्रों में Exam के समय तनाव के कारण

स्ट्रेस को पैदा करने के कुछ stressoss होते है तो सबसे पहले हम stressoss को जान लेते है;-

तैयारी में कमी – Lack of preparation

सबसे पहले हम यह बात करेगे कि कई बार बच्चे पढाई को हल्के में लेकर बाकि चीजों पर ध्यान लगाते है, खेल-कूद जरूरी है लेकिन पढाई भी उतनी ही जरूरी है। इस बात को बच्चे गंभीरता से न लेकर अपना टाइम खराब करते है और फिर परीक्षा के समय आने पर किताबो को कंप्यूटर की तरह दिमाग में भरने की कोशिश करते है जो की संभव नही होता और फिर इसके बाद शुरू होती है Anxiety और घबराहट जिसके कारण बच्चे किताबो में ध्यान नही लगा पाते.

माँ-बाप और टीचर की बच्चो से उम्मीद – Expectation of parents and teachers

Exam का समय आते ही न सिर्फ बच्चो को बल्कि उनके माँ-बाप और टीचर को भी टेंशन शुरू हो जाती है. वो सोचते है कि उनके बच्चे आस-पड़ोस के या उनके रिश्तेदारों के बच्चो से ज्यादा नंबर लेकर आये, इसके लिए वह अपने बच्चो की तुलना दुसरे बच्चो से करने लगते है, खासकर ऐसा दसवीं और बाहरवी की परीक्षा में देखा जा सकता है हालाकि यह एक हद तक एक उदहारण देने या अपने बच्चो को उत्साहित करने के लिए सही है लेकिन बार बार अपने बच्चो की तुलना दुसरो से करना उनपर दबाव बनाने जैसा है.

इसके अलावा जो टीचर उन्हें पढ़ाते है वो पूरे साल की मेहनत का फल चाहते है. सभी टीचर्स चाहते है कि हमारा पढाया हुआ हर बच्चा अच्छे नंबर लेकर आये. तो Exam का समय छात्र ही नही बल्कि टीचर्स के लिए भी तनाव से भरा रहता है, टीचर उम्मीद करते है कि हर बच्चा अच्छे नंबर लाकर अगली क्लास में पहुंचें इसके लिए टीचर किसी एक विषय पर बहुत ज्यादा फोकस करते है जिससे बच्चा दुसरे विषय पर ध्यान नही दे पाता. वो भी कई बार तनाव का कारण बनता है.

छात्रों की आशाएं – Expectations of students

ऐसा जरूरी नही है की दबाव सिर्फ दुसरो से ही आता है, कई बार दुसरो से खुद की तुलना करने और उनसे अच्छा करने के चक्कर में स्ट्रैस में आ जाते है. खुद को दुसरो से बेहतर बनाने के अलावा जो बाते ज्यादा तनाव पैदा करती है वो है कि question paper  कितना आसान या मुश्किल आएगा. कई बार बच्चे इस टेंशन में भी पढ़ नही पाते.

एकदम से रूटीन में बदलाव आना – change in routine

Exam का समय आते ही बच्चे अपना रोजमर्रा का टाइम-टेबल बदलते है और अधिकतर समय पढाई को ही देना चाहते है लेकिन कई बार बच्चे इसे पूरा नही कर पाते सामान्यत: बच्चे पढाई के साथ साथ खेल-कूद, गेम्स और दोस्तों के साथ घुमने का शोक रखते है और अचानक से रूटीन में बदलाव, समस्या पैदा करता है जो की Anxiety और Low mood को जन्म देता है.

तो यह थे कुछ सामान्य बिंदु जिनकी वजह से बच्चो को Exams के समय तनाव महसूस होता है। इसके अलावा stress की वजह से बच्चे की तबियत खराब हो जाती है, शारीरिक काम बहुत कम हो जाता है, ज्यादा से ज्यादा पढने की कोशिश की जाती है जिससे कई चीज़े समझ नही आती या तो आपस में मिक्स हो जाती है इसलिए कई बार बच्चे परीक्षा में पूछे गए सवालों के जवाब भूल जाते है या फिर वे कुछ और जवाब लिख कर आ जाते है.

How to deal with Exam stress in hindi – एग्जाम स्ट्रेस को कैसे करे दूर

परीक्षा के समय होने वाले तनाव से बचने के लिए हमे कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहियें

बहुत ज्यादा नया समझने की कोशिश न करे

परीक्षा समय नजदीक आते ही जो कुछ भी आपने पूरे साल पढाई की है उसी पर या उससे सम्बंधित सवालों पर ही फोकस करना एक सही रास्ता है बजाय इसके की आप किताब लेकर बैठ जाए और उन्हें रटना शुरू कर दे जिसे अपने पूरे साल नही पढ़ा.

बार-बार ब्रेक लें

मनोविज्ञान के अध्ययनों के अनुसार, औसत मानव मस्तिष्क केवल एक कार्य पर लगभग 45 मिनट तक प्रभावी ढंग से ध्यान केंद्रित कर सकता है। इसके अलावा, तंत्रिका विज्ञान में शोध से पता चलता है कि बहुत लंबे समय तक एक ही चीज पर ध्यान केंद्रित करने से मस्तिष्क की सही प्रक्रिया करने की क्षमता कम हो जाती है।

कैफीन का सेवन

एक्जाम के दौरान कई स्टूडेंट्स ज्यादा कॉफी पीते है। कैफीन आपकी बॉडी में एड्रेनालाईन हार्मोन बड़ाता है, जिससे अस्थायी रूप से आपका मूड अच्छा हो जाता है, लेकिन इसे ज्यादा लेने से यह आपको बाद में थका हुआ और depressed बना देता है। यह शरीर मे कोर्टिसोल के स्तर को भी बढ़ाता है जो “stress hormone” है।

सीमित मात्रा में कैफीन आपकी याददाश्त पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इसलिए यदि आप आमतौर दिन मे एक कप कॉफी लेते हैं, तो कोई समस्या नहीं है।

अपनी सेहत का ख्याल रखे

Exams के समय भोजन और नींद का ध्यान रखे. संतुलित भोजन ले जिससे शरीर ठीक रहे और पूरी नींद ले जिससे पढ़ते समय आपको नींद न आये और आप आराम से फोकस कर पायें। और दिन मे कम से कम 10 ग्लास पानी जरूर पिये। पर्याप्त पानी न पीने से आप सुस्त और तनाव महसूस कर सकते हैं।

खुद को खुश और माहोल को सकारात्मक रखे

परीक्षा के समय खुश रहने और माहोल सकारात्मक होने से हमारी रूचि और ध्यान बना रहता है जो चीजों को याद रखने और समझने में हमारी मदद करता है. इसलिए जब जब पड़ते समय आपको लगे की आप पर टेंशन हावी हो रही है तो अपना पसंदीता काम करे. उदाहरण के तौर पर आप अपने पसंदीता गाने सुन सकते है या विडियो गेम खेल सकते है।

खुद का comparision दूसरों से न करे 

कई स्टूडेंट्स यह सोच सोचकर परेशान हो जाते है की उनके दोस्तो ने उनसे ज्यादा पढ़ लिया है।  ऐसे मे उनके नंबर मुझसे ज्यादा आने वाले है। इस तरह की सोच आपमे डर पैदा कर सकती है इसलिए दूसरों के बारे मे सोचने से बचे और अपनी तुलना दूसरों से बिलकुल भी न करे।

Exam वाले दिन ये करें

Exam से एक रात पहले टेंशन फ्री होकर जल्दी सो जाए और मन में सकारात्मक विचार लेकर समय से तैयार हो जाए. लम्बी सांसे ले, इससे मन में शांति आती है और चीज़े याद रहती है

एक्जाम को सीखने के अनुभव के रूप में ले 

याद रखे कोई भी Exam ज़िंदगी का आखिरी एक्जाम नहीं होता इसलिए हिम्मत बिलकुल भी न हारे और नंबर पर फोकस न करते हुए बेहतर करने पर ध्यान दे। इससे आप टेंशन फ्री होकर अपना best effort दे सकते है।

परीक्षा का लक्ष्य किसी विषय पर आपके ज्ञान के स्तर का आकलन करना है। इससे आपको अपनी पाठ्यक्रम सामग्री के बारे में अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानने में मदद मिलती है। आप अपनी गलतियों से सीख सकते हैं। परीक्षा में खराब प्रदर्शन खराब हो जाने का मतलब यह बिलकुल भी नहीं है की आपमे काबिलियत नहीं है। इसलिए बिलकुल भी न घबराए और अच्छे से एक्जाम दें।

उम्मीद करते है इस आर्टिक्ल से आपको कुछ लाभ होगा। अगर आपके कोई सवाल या सुझाव है तो कृपया कमेंट के माध्यम से अपनी बात रखे और हमारे आने वाले आर्टिक्ल की नोटिफ़िकेशन पाने के लिए हमे फ्री subscribe करना न भूले।

लेखक के बारे मे 

शुभम प्रजापति एक स्कूल काउन्सलर है जो मनोविज्ञान से संबंधित विषयो पर लिखने का शोक रखते है। ये छात्रों और अभिभावकों के साथ मिलकर उनके शैक्षणिक, व्यवहारिक और सामाजिक विकास में मार्गदर्शन करते है

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  17. How to overcome Exam stress in hindi ऐसे रहे एक्जाम टाइम पे टेंशन फ्री

    How to deal with Exam stress in hindi - एग्जाम स्ट्रेस को कैसे करे दूर. परीक्षा के समय होने वाले तनाव से बचने के लिए हमे कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में ...

  18. BPCS-186 तनाव प्रबंधन in Hindi Study Material Download

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