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Hindi Essay on “Hamare Tyohar”, “हमारे त्योहार” Complete Paragraph, Nibandh for Students
हमारे त्योहार, hamare tyohar, संकेत बिंदु – हर्ष और उल्लास के प्रतीक – उपयोगिता – लाभ और हानि.
“उत्सवप्रियाः मानवाः” अर्थात् मानव उत्सव प्रिय होते हैं। इसका कारण यह है कि उत्सवों अर्थात् पर्वो से हमारे जीवन में नीरसता दूर होती है तथा रोचकता एवं आनंद की वृद्धि होती है। पर्वो से हमें नई प्रेरणा प्राप्त होती है। कुछ पर्व विशेष जाति और धर्म को मानने वाले लोगों के होते हैं। जैसे होली, दीपावली, दशहरा, गुरूपर्व, ईद, क्रिसमस आदि। कुछ पर्व ऐसे होते हैं जिनका संबंध केवल एक जाति या धर्म के मानने वालों से न होकर समस्त राष्ट्र से होता है। ऐसे पर्व राष्ट्रीय पर्व कहलाते हैं। ये पर्व संपूर्ण राष्ट्र में सोत्साह मनाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस एवं महात्मा गाँधी का जन्म दिवस (गाँधी जयंती) ऐसे ही राष्ट्रीय पर्व हैं। हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस प्रति वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है। इसे स्वाधीनता दिवस भी कहा जाता है। इसी दिन 1947 में हमारा देश अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ था। इस स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए भारतवासियों को गाँधी जी के नेतृत्व में एक लंबा अहिंसात्मक आंदोलन करना पड़ा था। इसमें उन्हें जेल की कठोर यातनाएँ भी सहनी पड़ी थीं। इस दिन संपूर्ण देश में स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन हम शहीदों के अमर बलिदान को स्मरण करते हुए राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की प्रतिज्ञा लेते हैं। गणतंत्र दिवस प्रति वर्ष 26 जनवरी को सारे देश में मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। इस तिथि का एक अन्य और ऐतिहासिक महत्त्व भी है। 26 जनवरी, 1930 को रावी नदी के तट पर लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में पं. जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज्य’ का प्रस्ताव पारित किया गया। 26 जनवरी को सारे देश में विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं। राज्यों की राजधानियों में विशेष परेड होती है। देश की राजधानी दिल्ली में विशेष सजधज के साथ एक विशाल परेड निकाली जाती है। सामाजिक एवं धार्मिक पर्यों में होली दीपावली गुरुपर्व, क्रिसमस, ईद आदि का अपना-अपना महत्त्व है। ये सभी त्योहार जीवन में हर्षोल्लास एवं उत्साह का संचार करते हैं।
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wow!!!!!!!!! Actually, I like writing very much. This essay was angelic. I was filled with enthusiasm after reading that. So cool!
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त्योहारों का महत्व पर निबंध | Essay On Importance Festivals Of India In Hindi
आज का निबंध, त्योहारों का महत्व पर निबंध Essay On Importance Festivals Of India In Hindi पर दिया गया हैं.
जीवन में पर्व त्योंहार क्यों महत्वपूर्ण हैं क्यों मनाएं जाते हैं. भारत के प्रमुख त्यौहार कौन कौनसे हैं इन विषयों पर आसान भाषा में निबंध दिया गया हैं.
त्योहारों का महत्व पर निबंध Essay On Importance Festivals In Hindi
मानव आदिकाल से उत्सव प्रिय रहा है. मानव समाज में इस कारण उत्सव एवं त्योहार का बहुत ही महत्व है. असभ्य व आदिवासी जातियों से लेकर सभ्य एवं सुसंस्कृत लोगों तक सभी के जीवन में त्योहारों उत्सवों का आयोजन होता है.
ये उत्सव त्योहार हमारे दुखों को कम करते है तथा जीवन की कटुता में सरसता एवं माधुर्य लाते है. ये त्योहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जिनसे हम भावनात्मक रूप से जुड़े हुए है. ये समाज में आनंद-मंगल एवं एकात्मकता का वातावरण उत्पन्न करते है.
प्रमुख त्योंहार (national festivals of india in hindi)
हमारा देश त्योहारों उत्सवों का देश है, यहाँ कोई महिना ऐसा नही है, जिसमे कोई छोटा बड़ा त्योहार नही पड़ता है. हमारा कृषि कर्म मुख्य धंधा है.
उसका वर्ष आषाढ़ से प्रारम्भ होता है., क्योकि इसी माह में वर्षा आरम्भ होती है और खेतों में जुताई बुवाई करके कृषि कर्म का वर्ष प्रारम्भ होता है.
सर्वप्रथम आषाढ़ की पूर्णिमा को आषाढ़ी पर्व मनाया जाता है. वैसे हिन्दू धर्म में प्रमुख त्योहार ये है- दीपावली, होली, रक्षाबंधन, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, विजयादशमी, मकर सक्रांति, शिवरात्रि, गणेश चतुर्थी, श्रावणी तीज, दुर्गा अष्टमी, बसंत पंचमी.
दीपावली व होली ऋतू परिवर्तन के समारोह है तथा इनका सम्बन्ध धार्मिक आस्था से भी है. कृष्ण जन्माष्टमी, रामनवमी ये महान पर्व दो महान पुरुषों के जन्मदिन है.
इस प्रकार सभी त्योहार हमारी संस्कृति से जुड़े हुए है. भारतीय जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में धर्म की प्रधानता होने के कारण सभी त्योहारों का कुछ न कुछ धार्मिक महत्व है ही.
त्योहारों का महत्व एवं उद्देश्य (Importance and purpose of festivals)
भारतीय जीवन में त्योहारों का सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक, मनोवैज्ञानिक महत्व है. संस्कृति अर्थात उतम कृति जिसमे देह, इन्द्रिय, प्राण, मन, बुद्धि आदि की उत्तम चेष्टाएँ या हलचल के द्वारा इनमे लौकिक, पारलौकिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, आर्थिक, राजनैतिक सभी प्रकार के अभ्युदय उन्नति के अनुकूल चेष्टाएँ आ जाती है.
भारतीय संस्कृति में सब कर्मों को वर्णाश्रम धर्म के अनुसार विभाजित कर दिया गया है. वर्ण और आश्रमों के धर्म में विविधता एवं भिन्नता होते हुए भी उसमे एकरूपता है, जिसका प्राण प्रेम है.जहाँ वर्ण व्यवस्था के अनुसार धर्माचरण का विधान किया गया है. वहाँ वर्णानुसार त्योहारों की प्रतिष्ठा हुई है.
उदाहरणार्थ ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र इन चार वर्णों के अलग अलग त्योहार है.जो क्रमशः श्रावणी, विजयादशमी, दीपावली एवं होली के रूप में मनाये जाते है. परन्तु हमारी संस्कृति समन्वयपरक है, अतः प्रत्येक त्योहार को चारों वर्ण बड़े उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाते है.
श्रावण की पूर्णिमा (Full moon of shravan)
श्रावणी का पवित्र त्योहार श्रावण की पूर्णिमा को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. प्राचीन समय में जब आर्य लोग किसी पवित्र स्थान पर एकत्रित होते थे. वे वहां ऋषियों से धर्मोपदेश सुनते और मिलकर एक बड़ा यज्ञ करते थे.
आज भी हम श्रावणी के पवित्र अवसर पर पूर्वजों के सदनुष्ठान का अनुसरण करते हुए जीवन में उत्कर्ष की प्रेरणा लेते है.
विजयादशमी (VijayaDashami)
विजयादशमी आश्विन शुक्ल दशमी को मनाई जाती है. इस दिन परम प्रतापी रघुवंशी राजा श्री रामचन्द्र ने लंका नरेश रावण पर विजय प्राप्त की थी. यह दानवता पर मानवता की विजय का पुण्य दिवस है.
दीपावली का त्योहार (Diwali festival)
दीपावली का त्योहार कार्तिक अमावस्या के दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस, चतुर्दशी को रूप चौदस या बड़ी दीवाली, अमावस्या को लक्ष्मीपूजन, दूसरे दिन गोवर्धन पूजा तीसरे दिन भैयादूज या यमद्वितीया मनाई जाती है. इस प्रकार पांच दिनों तक यह त्योहार चलता है.
होली का त्योहार (Festival of holi)
होली का त्योहार फाल्गुन की पूर्णमासी को बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है. ऋतू परिवर्तन की दृष्टि से यह त्योहार महत्वपूर्ण है.
इस दिन लोग सालभर के भेदभाव एवं द्वेष को भूलकर परस्पर अबीर-गुलाल और रंग से खेलते है तथा बड़ो के चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करते है.
इसके अतिरिक्त अन्य अनेक छोटे छोटे त्योहार है, जिनमे हमारी संस्कृति प्रतिबिम्बित होकर हमे जीवन को उत्कृष्ट बनाने की प्रेरणा देती है.
हमारी संस्कृति की पूंजीभूत उत्कृष्टता त्योहारों के रूप में प्रस्फुटित होकर हमे उदार, महान और कर्तव्यपरायण बनाती है.
इससे हमारा पारिवारिक जीवन सदा शुद्ध, सरस व मधुर रहता है. हमे इनसे पग पग पर उपदेश और प्रेरणा मिलती है. हमारा सामाजिक जीवन पवित्र रहता है जिससे सुख शांति की उपलब्धि होती है. हमारे त्योहारों की महत्ता अवर्णनीय है.
त्योहारों से लाभ हानि (Profit loss from festivals)
समय के प्रवाह में इन त्योहारों में बहुत से दोष भी आ गये है, जिनसे समाज का सबसे बड़ा अकल्याण होता है. विजयादशमी पर देवी के आगे निरीह पशुओं की बलि चढ़ाई जाती है.
यह बर्बरता का परिचायक है. दीपावली में लोग जुआ सट्टा खेलते है तथा हजारों रूपये गवाते है. होली पर लोग शराब पीते है तथा भद्दी गालियाँ बकते है, कीचड़ उछाला जाता है.
रक्षाबंधन के दिन दान दक्षिणा लेकर भाई बहिन व यजमान ब्राह्मण में मनमुटाव होता है. हम लोगों को चाहिए कि त्योहारों में आई इन विसंगतियों और दोषों को दूर करने का प्रयास करे, ताकि त्योहारों का वास्तविक उद्देश्य प्राप्त हो सके.
त्यौहार हमारी संस्कृति के संजीव स्वरूप है, ये हमारी अखंडता और विशुद्धता स्थिर रखने में जागरूक रखते है और कर्तव्य कर्म में शिथिलता आने पर हममें स्फूर्तिमय चेतना भर देते है.
भारतीय संस्कृति में संसार को एक परिवार के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है एव सबके कल्याण और सम्रद्धि की उच्च भावना अभिव्यक्त की गई है. त्योहार जीवन में विश्रंखलता को दूर कर एकसूत्रता स्थापित करते हुए मंगल भावना का प्रसार करते है.
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जीवन में त्यौहारों का महत्व निबंध Essay on Importance of Festivals in Life (Hindi)
इस लेख में जीवन में त्यौहारों का महत्व निबंध Essay on Importance of Festivals in Life (Hindi) को सरल रूप में लिखा गया है। त्यौहारों के महत्व पर निबंध कक्षा 4 से 12 तक विविध रूपों में पूछा जाता है। इस लेख उत्सवों के महत्व पर निबंध से आवश्यक परीक्षाओं में लिखने के लिए मदद लिया जा सकता है।
Table of Content
त्यौहारों में समाज को जोड़े रखने की क्षमता होती है इसलिए त्यौहारों का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि दौड़ भाग भरी जिंदगी में लोग इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें वर्तमान की कोई खबर नहीं रहती।
क्यों जरूरी हैं जीवन में त्यौहार? Why Festivals and Events are Important in Life?
मानव जीवन में त्यौहारों का बहुत ही महत्व है, धरती पर विभिन्न जाति तथा धर्म के लोग रहते हैं और सभी के अपने-अपने त्यौहार भी हैं लेकिन उन सभी के त्यौहारों में एक ही समानता दिखाई देती है वह है “समाजिक जुड़ाव तथा प्रसन्नता का निर्माण।
मुस्लिम धर्म में ईद को बहुत हर्ष और उल्लास के साथ पूरी दुनियाँ के मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य भाईचारा और खुद के अंदर के पशुत्व को क़ुर्बान करना है। इस त्यौहार में पूरे एक महीने तक मुस्लिमों द्वारा रोजा रखा जाता है।
त्यौहारों के द्वारा मिलती सीख Learnings from the Festivals
इसी प्रकार दुर्गा पूजा, बाल दिवस , गांधी जयंती, महावीर जयंती , भगवान बुद्ध जयंती इत्यादि त्यौहारों का निर्माण किया गया था लेकिन अब लोगों का इन त्यौहारों के द्वारा दिए जा रहे सीखों के प्रति रूझान कम होता जा रहा है और उनकी सोच सिर्फ चिन्हों तक सिमित होकर रह गयी है।
त्यौहारों के समय बरती जाने वाली सावधानियाँ Precautions to be taken during festivals
त्यौहारों की सबसे बड़ी सावधानी के रूप सबसे जरुरी चीज़ है उनकी सही और सात्विक परिभाषा समझना साथ ही त्यौहारों को इस प्रकार मोड़ना जिससे प्रकृति को लाभ हो न की हानि। उदा. कुछ त्यौहारों में रोड पर लोगों का समूह एकत्रित हो जाता है जिससे सामान्य लोगों को तथा एम्बुलेंस जैसे जरूरी वाहनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है
कुछ भारतीय त्यौहार जिनका भारत मे बहुत महत्व है Some Indian festivals which are very important in India
त्यौहार शब्द सुनते ही मन में हर्ष और उल्लास जाग जाता है, मन अपने आप ही प्रफुल्लित हो उठता है। भारतीय अपने त्यौहारों को विशेष महत्त्व देते हैं। त्यौहारों को मनाने के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
निम्नलिखित भारतीय त्यौहारों का महत्व बहुत ही अधिक है –
विभिन्न तरह के पकवान इत्यादि बनाये जाते हैं। ‘गुजिया’ एक विशेष प्रकार का पकवान है जो ख़ास तौर पर होली के दौरान बनाई जाती है और सबको वितरित की जाती है।
गणेश उत्सव – यह त्यौहार महारष्ट्र में बड़े ही धूम – धाम के साथ मनाया जाता है। भगवान गणेश जी की मूर्ती को लोग अपने घरों, आस – पड़ोस में स्थापित करते हैं व सात दिनों के उपरान्त जल में विसर्जित करते हैं।
पढ़ें : दुर्गा पूजा पर निबंध
मकर संक्रांति – पूरा भारत इस पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब सूर्य पौष महीने में मकर राशि पर आता है तब इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन गंगा में स्नान करने का विशेष महत्त्व है। इस त्यौहार को काइट फेस्टिवल के रूप में भी मनाते हैं। गुजरात व अन्य क्षेत्रों में इस दिन पतंग उड़ाई जाती है।
क्रिश्मस – यह त्यौहार ईसाइयों का मुख्य त्यौहार है। जो न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन ईशा मसीह का जन्म हुआ था। इसीलिए ईशाई इस त्यौहार को प्रसन्नता पूर्वक मनाते हैं।
नवरोज़ त्यौहार नव वर्ष के रूप में पारसी समुदाय के लोग मनाते हैं। जैन लोगों के त्यौहार उनके गुरुओं को समर्पित हैं। जैसे – तीर्थंकर, जिनवाणी और महावीर जयंती आदि, जिसे वे प्रेम पूर्वक मनाते हैं।
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भारतीय त्योहारों पर निबंध
By विकास सिंह
भारत त्योहारों का देश है। यह विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों से मिलकर बना है और इस प्रकार कई धार्मिक त्योहार मनाता है। भारतीय तीन राष्ट्रीय त्योहार भी मनाते हैं।
भारत में त्योहारों का पूरे साल इंतजार किया जाता है और इसे बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। त्योहारी सीजन के दौरान पूरा माहौल खुशी और उत्साह से भरा होता है।
भारतीय त्योहारों पर निबंध, essay on indian festivals in hindi (200 शब्द)
भारतीय अपने त्योहारों को विशेष महत्व देते हैं। प्रत्येक वर्ष विभिन्न त्योहारों के उत्सव के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। गांव हों या बड़े शहर हों चारों तरफ खुशी है। त्यौहारों के मौसम के दौरान सभी स्थानों को अलंकृत किया जाता है। कुछ मुख्य भारतीय त्योहारों में दिवाली, होली, रक्षा बंधन, गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा, दशहरा, पोंगल और भाई दूज शामिल हैं।
हमारे देश में लोग त्योहारों को अपने नजदीकियों के साथ मनाना पसंद करते हैं। प्रत्येक भारतीय त्योहार का उत्सव मनाने का अपना अनूठा तरीका है और लोग उसी उत्सव को मनाते हुए परंपरा का पालन करते हैं। हालांकि, कुछ चीजें आम हैं, उदाहरण के लिए लोग त्योहारों के दौरान अपने घरों को फूलों और रोशनी से सजाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। वे एक दूसरे से मिलने जाते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। मेहमानों के इलाज के लिए घर पर विशेष मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं।
भारत के लोग भी देश के राष्ट्रीय त्योहारों के लिए बहुत सम्मान रखते हैं। गांधी जयंती, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस हमारे देश के तीन राष्ट्रीय त्योहार हैं। ये त्यौहार एकता और प्रगति का प्रतीक हैं। वे हमें हमारे देशभक्त नेताओं की याद दिलाते हैं जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की। राष्ट्रीय त्योहार समान उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इन त्योहारों के दौरान देशभक्ति की भावना से पूरा वातावरण भर जाता है।
सभी सभी, भारतीय धार्मिक और राष्ट्रीय त्योहारों को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी त्योहारों का इंतजार रहता है।
भारतीय त्योहारों पर निबंध, essay on indian festivals in hindi (300 शब्द)
प्रस्तावना :
भारत में त्यौहार का समय छात्रों द्वारा विशेष रूप से पूरे वर्ष भर इंतजार किया जाता है। वे विभिन्न कारणों से त्योहारों की प्रतीक्षा करते हैं। इसका एक मुख्य कारण यह है कि त्योहारों के दौरान स्कूल और कॉलेज बंद रहते हैं और यह सांसारिक दिनचर्या और सख्त अध्ययन कार्यक्रम से राहत प्रदान करता है।
छात्र त्योहारों को भी पसंद करते हैं क्योंकि यह अपने चचेरे भाई और रिश्तेदारों से मिलने का समय है जो उन्हें उपहार के साथ शुभकामनाएं देते हैं। इसके अलावा, उन्हें बहुत सारी स्वादिष्ट मिठाइयाँ खाने और नए कपड़े पहनने को मिलते हैं।
स्कूलों / कॉलेजों में समारोह:
भारत में त्योहारों को न केवल परिवार के साथ घर पर मनाया जाता है, बल्कि स्कूलों और कॉलेजों में भी मनाया जाता है। त्योहारों के दौरान शैक्षिक संस्थान फूलों, रोशनी, सुंदर पोस्टर और रंगीन पर्दे के साथ तैयार किए जाते हैं। छात्रों को त्योहारों के रंग में जोड़ने के लिए जातीय परिधान में आने के लिए कहा जाता है।
सामान्य कक्षा सत्रों को इन दिनों मजेदार गतिविधियों से बदल दिया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य दिलचस्प गतिविधियाँ स्कूलों और कॉलेजों में उत्सव के उत्सव का एक हिस्सा बनती हैं। छात्रों के साथ-साथ शिक्षक भी इन गतिविधियों में पूरे मनोयोग से भाग लेते हैं और पूरा वातावरण खुशी और हँसी से भर जाता है।
ये उत्सव आम तौर पर त्योहार से एक दिन पहले किया जाता है क्योंकि यह त्योहार के दिन छुट्टी होती है।
सांस्कृतिक मूल को समझना:
भारतीय त्योहार देश की संस्कृति का प्रतिबिंब हैं। त्योहारों पर आयोजित समारोह हमारे देश की संस्कृति और परंपरा से छात्रों को परिचित कराते हैं। प्रत्येक त्यौहार का एक धार्मिक अर्थ और उससे जुड़ी परंपरा है। त्योहार का समय छात्रों को हमारे देश की सांस्कृतिक जड़ों के बारे में समझने और उन्हें इससे जुड़ने में मदद करने का एक शानदार अवसर है।
निष्कर्ष:
इस प्रकार भारतीय त्योहार एक से अधिक तरीकों से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये निकट और प्रिय लोगों के साथ संबंध बनाने और देश के समृद्ध सांस्कृतिक अतीत के बारे में जानने का एक शानदार तरीका है।
भारतीय त्योहारों पर निबंध, indian festivals essay in hindi (400 शब्द)
भारतीय अपने त्योहारों को विशेष महत्व देते हैं। यह क्षेत्रीय त्यौहार हों या राष्ट्रीय त्यौहार – हमारे देश में सभी त्यौहार प्रेम और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। इनमें से अधिकांश त्योहारों पर स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में अवकाश होता है।
त्यौहारों के लिए धार्मिक धारणा का महत्त्व :
भारत में त्योहारों के महत्व को बहुत अच्छे तरीके से देखा जा सकता है। लोग न केवल घर पर त्यौहार मनाते हैं बल्कि अपने निकट और प्रिय लोगों के साथ उन्हें मनाने के लिए भी जाते हैं। उत्सव स्कूलों और कार्यस्थलों में भी किया जाता है। हमारी संस्कृति धार्मिक प्रथाओं के लिए उच्च सम्मान रखती है। भारत में लोग ज्यादातर भगवान से डरते हैं।
चूंकि, भारतीय त्यौहारों से जुड़ी कुछ धार्मिक धारणाएँ हैं, भारतीय अपने देवताओं को खुश करने और अपने जीवन में सकारात्मकता और खुशियाँ लाने के लिए पूरे मन से मनाते हैं। मिसाल के तौर पर, दिवाली भगवान राम के अपने गृह नगर अयोध्या में लौटने के लिए मनाई जाती है।
जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाती है, दुर्गा पूजा देवी दुर्गा को प्रार्थना करने के लिए मनाई जाती है और उनके विभिन्न अवतार और गणेश चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा करने के लिए मनाई जाती है।
त्योहार का समय शुभ माना जाता है:
त्योहार का समय हिंदू धर्म के अनुसार शुभ माना जाता है। यह एक और कारण है कि लोग इस समय को इतना महत्व क्यों देते हैं। वे जीवन में कुछ भी नया शुरू करने के लिए इस समय का इंतजार करते हैं ताकि एक अच्छे नोट पर शुरुआत कर सकें।
उदाहरण के लिए, लोगों का मानना है कि नवरात्रों के दौरान या दिवाली के अवसर पर नए घर में जाना सौभाग्य में लाता है, इसी तरह गणेश उत्सव के दौरान या मकर संक्रांति के दौरान नई नौकरी में शामिल होना उनके लिए अच्छा साबित हो सकता है।
इसी तरह, बैसाखी, गुरु पूर्णिमा, पोंगल, महा शिवरात्रि, राम नवमी, बसंत पंचमी और अक्षय तृतीया जैसे कई अन्य त्यौहारों को बहुत शुभ माना जाता है और विशेष रूप से कुछ नया शुरू करने के लिए इंतजार किया जाता है जैसे कि एक नई दुकान खरीदना, व्यवसाय शुरू करना, हस्ताक्षर करना। एक बड़ा व्यापारिक सौदा, शादी की तारीख तय करना, आदि।
राष्ट्रीय त्योहार भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं
हमारे राष्ट्रीय त्योहार विशेष रूप से स्वतंत्रता दिवस हमें उस संघर्ष और बलिदान की याद दिलाते हैं जो हमारे लोगों ने स्वतंत्रता हासिल करने के लिए किया था। भारत के सभी तीन राष्ट्रीय त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता है। पूरा देश इस दौरान देशभक्ति में डूब जाता है। ये त्यौहार पूरे देश में पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। ये हमारे बहादुर देशभक्त नेताओं का सम्मान करने का एक तरीका है।
इस प्रकार, त्यौहार भारतीयों के लिए उच्च महत्व रखते हैं। चाहे वे भारत में रहें या विदेश में, भारतीय अपने त्योहारों को विशेष महत्व देते हैं और उन्हें खुशी और खुशी के साथ मनाते हैं।
भारतीय त्योहारों पर निबंध, essay on indian festivals in hindi (500 शब्द)
भारत को अक्सर त्योहारों की भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां कई रंगीन और खुशी के त्योहार मनाए जाते हैं। हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न जातियों, संस्कृति और परंपरा से संबंधित लोग रहते हैं। प्रत्येक धर्म की अपनी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर त्योहारों का एक सेट है।
दक्षिण से संबंधित लोगों के अपने त्योहार हैं; उत्तर के लोग कुछ अन्य त्योहारों को महत्व देते हैं जबकि पूर्व में रहने वाले कुछ अन्य त्योहारों को मनाते हैं। हालांकि, कुछ त्यौहार हैं जो पूरे देश में समान उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। कुछ ऐसे त्योहारों में दीवाली, होली और रक्षा बंधन शामिल हैं।
भारत के मुख्य त्यौहार:
भारत के मुख्य त्यौहार हमारे देश में सभी धर्मों और क्षेत्रों से संबंधित लोग हैं जो बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं और मनाते हैं। यहाँ इन त्योहारों में से कुछ हैं:
दिवाली :
दिवाली हमारे देश के प्रमुख त्योहारों में से एक है। लोग इसे बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। इसके उत्सव की तैयारी त्योहार से लगभग एक महीने पहले शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को सजाने के लिए सजावटी वस्तुओं की सफाई करते हैं। घरों को रोशनी, मोमबत्तियों और दीयों से सजाया जाता है। लोग रंगोली बनाते हैं, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं और इस त्योहार को मनाने के लिए पटाखे जलाते हैं। पूरा देश इस दिन रोशनी करता है।
होली:
होली रंग का त्योहार है। यह सबसे मजेदार भारतीय त्योहारों में से एक है। हालांकि इसके लिए एक धार्मिक अर्थ है, इस दिन का पूरा उद्देश्य मौज-मस्ती करना और हारना है। लोग एक दूसरे पर रंग डालते हैं और मिठाई खाते हैं। यह त्योहार हाउसिंग सोसायटी और आवासीय कॉलोनियों में सामूहिक रूप से मनाया जाता है।
लोग एक-दूसरे को रंगने के लिए इकट्ठा होते हैं और होली के जश्न के हिस्से के रूप में एक दूसरे पर पानी फेंकते हैं। अधिकांश स्थानों पर लाउड संगीत बजाया जाता है और लोग इस गाने का आनंद लेते हुए पैरों के टेपिंग गानों की धुन पर थिरकते हैं। कुछ स्थानों पर, लोग एक दूसरे को लाठी से पीटते हैं और एक परंपरा के रूप में एक दूसरे पर कीचड़ फेंकते हैं।
रक्षाबंधन:
रक्षा बंधन एक और भारतीय त्योहार है जिसे पूरे देश में मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। बहनें इस दिन अपने भाइयों के पास जाती हैं और उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा करने और ज़रूरत के समय उनके लिए रहने का वादा करते हैं। इसके बाद मिठाइयों का आदान-प्रदान होता है। भाई इस दिन अपनी बहनों के लिए विशेष उपहार भी लाते हैं।
जो लोग एक दूसरे से मिलने नहीं जा सकते वे डाक के माध्यम से राखी और उपहार भेजते हैं। यह वास्तव में एक सुंदर परंपरा है जिसका पालन युगों से किया जा रहा है। रक्षा बंधन के उत्सव के पीछे कई पौराणिक कथाएँ हैं। यह न केवल भाइयों और बहनों के लिए बंधन का समय है, बल्कि पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने का भी समय है। यह उत्सव सुबह-सुबह होता है और इसके बाद पारिवारिक ब्रंच होता है।
गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी, नवरात्रि, ईद उल फितर, बैसाखी, ओणम, पोंगल, बिहू, गुरुपर्वब, नवरात्रि, गुरु पूर्णिमा, राम नवमी, वसंत नवमी, दुर्गा पूजा, छठ और दशहरा कुछ अन्य त्यौहार हैं, जो इन त्योहारों के साथ मनाए जाते हैं। इनमें से कुछ के साथ भारत के विभिन्न हिस्सों में उत्साह एक विशेष क्षेत्र के लिए विशिष्ट है। कोई आश्चर्य नहीं, हमारे देश को त्योहारों का देश कहा जाता है।
भारतीय त्योहारों पर निबंध, essay on indian festivals in hindi (600 शब्द)
भारतीय त्योहार धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। भारतीय विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और उनके द्वारा मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहार एक देवता या दूसरे को समर्पित होते हैं। ये त्यौहार देवताओं को प्रार्थना करने और सुख, समृद्धि और प्रेम लाने के लिए उनका आशीर्वाद पाने का एक तरीका है।
भारतीय त्योहार धार्मिक विश्वासों पर आधारित हैं:
यहां कुछ भारतीय त्योहार और उनसे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं हैं:
दशहरा:
ऐसा माना जाता है कि यह वह दिन था जब भगवान राम ने सीता को अपने चंगुल से मुक्त करने के लिए रावण का वध किया था। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन को मनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के विशाल पुतले जलाए जाते हैं।
दिवाली:
दीवाली या दीपावली वह दिन कहा जाता है जब भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत के लिए पूरे नगर को दीयों से जलाया गया था। इस अवसर को आज तक मनाया जाता है। हर साल, लोग अपने घरों को साफ करते हैं और भगवान राम की वापसी का जश्न मनाने के लिए उन्हें रोशनी, दीये और मोमबत्तियों से अलंकृत करते हैं।
इस दिन शाम के समय भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह समृद्धि और सौभाग्य लाता है।
नवरात्रि:
नवरात्रों के शुभ नौ दिन देवी दुर्गा को समर्पित हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा को भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया था और उन्हें शक्ति प्रदान करने के लिए इन सभी देवताओं द्वारा शक्ति प्रदान की गई थी। वह राक्षस महिषासुर को मारने के लिए बनाया गया था जो निर्दोष लोगों को मार रहा था। देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक उनके साथ युद्ध किया और दसवें दिन उनका सिर काट दिया। यह फिर से अच्छे और बुरे के बीच लड़ाई थी और यह अच्छा था जो विजयी हुआ।
लोग नवरात्रों के दौरान उपवास रखते हैं और हर दिन देवी दुर्गा के अलग-अलग अवतार की पूजा करते हैं।
गणेश चतुर्थी:
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म दिन को मनाने के लिए मनाई जाती है। उत्सव दस दिनों तक जारी रहता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश हर साल इन दिनों के दौरान पृथ्वी पर आते हैं और हर जगह खुशी फैलाते हैं। उनके भक्तों का मानना है कि जो भी इन दिनों भगवान गणेश की पूजा करता है उसे जीवन में आने वाली सभी समस्याओं और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।
भगवान गणेश की मूर्तियों को घर लाया जाता है और हर दिन उनकी स्तुति में प्रार्थना की जाती है। फिर इन मूर्तियों को पूजा के अंतिम दिन नदी में विसर्जित कर दिया जाता है।
मकर संक्रांति:
मकर संक्रांति एक अन्य प्रमुख हिंदू त्योहार है। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। असम में इसे बिहू नाम से जाना जाता है, तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है, गुजरात में इसे उत्तरायण कहा जाता है और बंगाल में इसे पौष पारबोन के नाम से जाना जाता है। हिंदुओं के लिए दिन बेहद शुभ है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी गंगा में पवित्र डुबकी लगाने से सभी बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है और लोगों की आभा साफ होती है।
करवा चौथ:
यह ज्यादातर उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन उपवास रखने से भगवान प्रसन्न होते हैं जो पतियों को अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन प्रदान करते हैं। महिलाएं दिन के दौरान कुछ भी नहीं खाती या पीती हैं। वे शाम के समय पारंपरिक रूप से तैयार होते हैं और पूजा करते हैं। रात में चांद देखने के बाद ही उनके पास भोजन और पानी होता है।
इसी तरह, कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मदिन को मनाने के लिए मनाई जाती है, महा शिवरात्रि भगवान शिव को प्रार्थना करने के लिए मनाई जाती है और गुरु नानक देव, पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव के जन्म की खुशी में मनाया जाता है।
भारत के राष्ट्रीय त्यौहारों के अलावा, अन्य सभी त्योहारों में कुछ धार्मिक मान्यताएँ जुड़ी होती हैं। इन त्योहारों पर, लोग अपने देवताओं के लिए प्रार्थना करते हैं, जातीय कपड़े पहनते हैं और अपने निकट और प्रियजनों के साथ यह त्यौहार मनाते हैं।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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हमारे राष्ट्रीय त्योहार पर निबंध
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१५ अगस्त हमारा स्वाधीनता दिवस है। २६ जनवरी हमारा गणतंत्र दिवस है। ये दोनों हमारे राष्ट्रीय त्योहार हैं।
राष्ट्रीय त्योहारों पर सार्वजनिक छुट्टी होती है। सुबह विद्यार्थी गणवेश पहन कर अपने-अपने विद्यालय में जाते हैं। वहाँ तिरंगा झंडा फहराया जाता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। बच्चों को मिठाई बाँटी जाती है। गाँवों में ग्रामपंचायत में तिरंगा फहराया जाता है। कहीं-कहीं प्रभातफेरी भी निकाली जाती है।
भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है। अगर आप पंचांग खोलकर देखेंगे, तो आपको हर दिन कोई न कोई त्यौहार तथा मेला ही नजर आएगा । इनमें प्रमुख पर्व चार हैं। विद्यालयों और कार्यालयों में छुट्टी रहती है। सुबह जगह-जगह झंडा-वंदन के कार्यक्रम होते हैं। राष्ट्रगान 'जन-गण-मन गाया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में अनेक कार्यक्रम होते हैं।
राष्ट्रीय त्योहार के पूर्व संध्या को हमारे राष्ट्रपति दूरदर्शन पर राष्ट्र के नाम अपना संदेश प्रसारित करते हैं। इस संदेश में वे देश से जुड़ी हुई समस्याओं की चर्चा करते हैं और देशवासियों तथा विदेशों में बसे भारतीयों का अभिनंदन करते हैं।
राजधानी दिल्ली में इस दिन भारतीय सेना की शानदार परेड होती है। परेड में विभिन्न प्रांतों की सुंदर झाँकियाँ भी होती हैं। भारत के राष्ट्रपति परेड की सलामी लेते हैं।
राष्ट्रीय त्योहार के दिन मकानों की खिड़कियों पर छोटे-छोटे तिरंगे झंडों की शोभा दर्शनीय होती है। जगह-जगह ध्वजवंदन के कार्यक्रमों की धूम मच जाती है।
हमें अपने राष्ट्रीय पर्व हर्ष और उल्लास से मनाने चाहिए।
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भारत के प्रमुख धार्मिक त्योहारों का महत्व | Religious Festival and their values in Hindi
भारत के प्रमुख त्योहारों का महत्व | Indian Religious Festival and their values in Hindi | Bharat Ke Pramukh Tyohar aur Unke Mahatw
भारत त्यौहारों की भूमि है. भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही उत्सव और त्यौहारों की परम्परा रही हैं. इसमें विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग रहते है और इस प्रकार यहाँ कई धार्मिक त्यौहार मनाये जाते हैं. उत्सव धर्म का एक अभिन्न अंग हैं. भारत में तीन राष्ट्रीय त्यौहार भी मनाए जाते है. उत्सव के मौसम के दौरान पूरा वातावरण खुशी और उत्साह से भरा हुआ होता है. दक्षिण से संबंधित लोगों के अपने त्यौहार होते हैं. उत्तर के लोग कुछ अन्य त्यौहारों को महत्व देते हैं जबकि पूर्व में रहने वाले कुछ अन्य त्यौहार मनाते हैं. हालांकि, कुछ त्यौहार हैं जो पूरे देश में समान उत्साह के साथ मनाए जाते हैं. ऐसे कुछ त्यौहारों में दीपावली, होली और रक्षा बंधन शामिल हैं.
सामाजिक महत्व (Socially Importance)
समाज ने धार्मिक त्यौहारों को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है. वे एकीकृत मूल्य के हैं. समाज में रहने वाले लोग त्यौहारों में निहित उद्देश्यों को जीवन में आत्मसात करते हैं.
भारत के मुख्य त्यौहार (Most Popular Religious Festival in India)
भारत के मुख्य त्यौहार वे हैं जो हमारे देश के सभी धर्मों और क्षेत्रों से संबंधित हैं जो उत्साह के साथ मनाएं जाते हैं. इन त्यौहारों में से कुछ यहां दिए गए हैं
दीपावाली (Deepawali)
दीपावली हमारे देश के मुख्य त्यौहारों में से एक है. लोग इसे बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं. त्यौहार से लगभग एक महीने पहले अपने उत्सव की तैयारी शुरू होती है. लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजावटी वस्तुओं के लिए खरीदारी करते हैं. घरों को रोशनी, मोमबत्तियां और दीपों से सजाया जाता हैं. लोग रंगोली बनाते हैं, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं और इस उत्सव का जश्न मनाने के लिए फटाके जलाते हैं. पूरे देश में इस दिन रोशनी होती हैं.
होली (Holi)
होली रंगों का त्यौहार है. यह सबसे मजेदार भारतीय त्यौहारों में से एक है. यद्यपि इसका धार्मिक अर्थ है, इस दिन का उद्देश्य मस्ती करना और आनंद लेना हैं. लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और मिठाई खाते हैं. होली के दिन लोग एक-दूसरे को रंगने के लिए इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे पर पानी फेंकते हैं. अधिकांश जगहों पर जोरदार संगीत बजाया जाता है और लोग इस त्यौहार का आनंद लेते हुए नाचते हैं. कुछ स्थानों पर, लोग एक-दूसरे को एक छड़ी से महिलाएँ पुरुषों को पीटती हैं और परंपरा के रूप में एक दूसरे पर मिट्टी फेंक देते हैं.
रक्षाबंधन (Rakhabandhan)
रक्षाबंधन एक और भारतीय त्यौहार है जो पूरे देश में मनाया जाता है. यह त्योहार भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन बहनों द्वारा अपने भाइयों की कलाई पर राखी को बांधती हैं. भाई बदले में अपनी बहनों की रक्षा करने और ज़रूरत के समय में उनके साथ रहने का वचन देते हैं. इसके बाद मिठाई का आदान-प्रदान होता है. भाई भी इस दिन अपनी बहनों के लिए विशेष उपहार लाते हैं. जो भाई-बहन एक-दूसरे से नहीं मिल पाते वे डाक के माध्यम से राखी और उपहार भेजते हैं.
यह वास्तव में एक सुंदर परंपरा है जिसका प्राचीन समय से पालन किया जा रहा है. रक्षा बंधन के उत्सव के पीछे कई पौराणिक कहानियां हैं. यह न केवल भाइयों और बहनों के बंधन के लिए बल्कि एक समय पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भी यह उत्सव मनाया जाता है.
राष्ट्रीय त्यौहार (National Holiday)
हमारे राष्ट्रीय त्यौहार स्वतंत्रता दिवस हमें संघर्ष और बलिदान की याद दिलाता है कि हमारे लोग आजादी पाने के लिए शहीद हो गए थे. भारत के सभी तीन राष्ट्रीय त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता है. ये त्यौहार पूरे देश में पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाए जाते हैं. ये हमारे बहादुर सैनिकों और शहीदों के सम्मान करने का एक तरीका है.
हमारे तीन राष्ट्रीय त्यौहार स्वतंत्रता दिवस , गणतंत्र दिवस और गाँधी जयंती हैं.
भारतीय त्योहार देश की संस्कृति का प्रतिबिंब हैं. ये निकट और प्रियजनों के साथ संबंध बनाने और देश के समृद्ध सांस्कृतिक अतीत के बारे में जानने के लिए एक अनूठा अवसर रहता है. इस प्रकार त्यौहार भारतीयों के लिए विशेष महत्व रखते हैं. चाहे वे भारत या विदेश में रहते हों. भारतीय अपने त्यौहारों को विशेष महत्व देते हैं और उन्हें खुशी के साथ मनाते हैं. भारत के राष्ट्रीय त्यौहारों के लिए भी भारत के लोगों के दिल और आत्मा में बहुत अधिक मूल्य है और वे उन्हें अपनी विशाल सांस्कृतिक और धार्मिक विविधताओं के बावजूद एकजुट रखते है. हम सभी को अपने राष्ट्रीय त्यौहारों में सक्रिय भूमिका निभानी होगी और वे जो संदेश व्यक्त करते हैं उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए और हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसी शिक्षाओं को भी लागू किया जाना चाहिए.
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- उपसर्ग की परिभाषा और उदाहरण
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त्योहारों के महत्व निबंध | importance of festivals hindi essay.
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जीवन में त्योहारों का महत्व पर निबंध | Essay on The Importance of Festivals in Our Life in Hindi
जीवन में त्योहारों का महत्व पर निबंध | Essay on The Importance of Festivals in Our Life in Hindi!
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मानव जीवन अनेक विविधताओं से भरा हुआ है । अपने जीवनकाल में उसे अनेक प्रकार के कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वाह करना पड़ता है । इनमें वह प्राय: इतना अधिक व्यस्त हो जाता है कि अपनी व्यस्त जिंदगी से स्वयं के मनोरंजन आदि के लिए समय निकालना भी कठिन हो जाता है ।
इन परिस्थितियों में त्योहार उसके जीवन में सुखद परिवर्तन लाते हैं तथा उसमें हर्षोंल्लास व नवीनता का संचार करते हैं । त्योहार अथवा पर्व सामाजिक मान्यताओं, परंपराओं व पूर्व संस्कारों पर आधारित होते हैं । जिस प्रकार प्रत्येक समुदाय, जाति व धर्म की मान्यताएँ होती हैं उसी प्रकार इन त्योहारों को मनाने की विधियों में भिन्नता होती है ।
सभी त्योहारों की अपनी परंपरा होती है जिससे संबंधित जन-समुदाय इनमें एक साथ भाग लेता है । सभी जन त्योहार के आगमन से प्रसन्नचित्त होते हैं व विधि-विधान से, पूर्ण हर्षोल्लास के साथ इन त्योहारों में भाग लेते हैं ।
प्रत्येक त्योहार में अपनी विधि व परंपरा के साथ समाज, देश व राष्ट्र के लिए कोई न कोई विशेष संदेश निहित होता है । भारत में विजयादशमी का पर्व जिस प्रकार असत्य पर सत्य की तथा अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देता है उसी प्रकार रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम और भाई का बहन की आजीवन रक्षा करने के संकल्प को याद कराता है । इसी प्रकार रंगों का त्योहार होली हमें संदेश देता है कि हम आपसी कटुता व वैमनस्य को भुलाकर अपने शत्रुओं से भी प्रेम करें ।
ईसाइयों का त्योहार क्रिसमस संसार से पाप के अंधकार को दूर करने का संदेश देता है तो मुसलमानों की ईद भाईचारे का संदेश देती है । इस प्रकार सभी त्योहारों के पीछे समाजोत्थान का कोई न कोई महान उद्देश्य अवश्य ही निहित होता है । लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं जिससे आपसी वैमनस्य घटता है । त्योहारों के अवसर पर दान देने, सत्कर्म करने की जो परंपरा है, उससे सामाजिक ताने-बाने को बनाए रखने में मदद मिलती है ।
ये त्योहार मनुष्य के जीवन को हर्षोल्लास से भर देते हैं । इन त्योहारों से उसके जीवन की नीरसता समाप्त होती है तथा उसमें एक नवीनता व सरसता का संचार होता है । त्योहारों के आगमन से पूर्व ही मनुष्य की उत्कंठा व उत्साह उसमें एक सकारात्मक व सुखद परिवर्तन लाना प्रारंभ कर देते हैं । वह संपूर्ण आलस्य व नीरसता को त्याग कर पूरे उत्साह के साथ त्योहारों की तैयारी व प्रतीक्षा करता है ।
त्योहारों के शुभ अवसर पर निर्धन से निर्धन व्यक्ति भी नए वस्त्र धारण करते हैं एवं समस्त दुख-अवसादों को भुलाकर त्योहार की खुशियाँ मनाते हैं । त्योहारों के अवसर पर पंडितों, गरीबों तथा अन्य लोगों को दान आदि देकर संतुष्ट करने की प्रथा का भी समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है । भूखे को भोजन, निर्धनों को वस्त्र आदि बाँटकर लोग सामाजिक समरसता लाने का प्रयास करते हैं ।
त्योहार पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्रीय एकता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं । त्योहारों का आनंद और भी अधिक होता है जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ त्योहारों में हिस्सा लेते हैं । परिवार के सदस्यों का त्योहार के शुभ अवसर पर एकत्र होने से कार्य की व्यस्तता के कारण जो संवादहीनता या परस्पर दुराव उत्पन्न होता है वह समाप्त हो जाता है । संवेदनाओं व परस्पर मेल आदि से मानवीय भावनाएँ पुनर्जीवित हो उठती हैं । इसके अतिरिक्त पारिवारिक संस्कार आदि का बच्चों पर उत्तम प्रभाव पड़ता है ।
त्योहारों को समाज के सभी वर्गों के साथ मनाने से सामाजिक एकता में प्रगाढ़ता आती है । इसी प्रकार हमारे कुछ राष्ट्रीय पर्व जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, बाल दिवस, शिक्षक दिवस व गाँधी जयंती को सभी धर्मों, जातियों व संप्रदायों के लोग मिल-जुल कर खुशी से मनाते हैं ।
इन अवसरों पर सारा राष्ट्र उन महापुरुषों व देशभक्तों को याद करता है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों को सहर्ष न्यौछावर कर दिया । इस प्रकार हमारे ये राष्ट्रीय पर्व देश को एक सूत्र में बाँधे रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं । दूसरे शब्दों में, हमारे त्योहार राष्ट्रीय एकता को मजबूत करते हैं । वे भारतीय नागरिकों के मन में देशप्रेम व बंधुत्व का भाव जगाते हैं ।
हमारे त्योहार हमारी भारतीय सांस्कृतिक परंपरा व भारतीय सभ्यता के प्रतीक हैं । ये त्योहार हमारी संस्कृति की धरोहर हैं । इन पर्वों व त्योहारों के माध्यम से हमारी संस्कृति की वास्तविक पहचान होती है । इस प्रकार हम देखते हैं कि त्योहारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है । ये त्योहार हमारी नीरसता को समाप्त कर उसमें नया उत्साह व खुशी का रस भरते हैं । इसके अतिरिक्त हमारी पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्रीय एकता को प्रगाढ़ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं ।
हम सभी भारतीय नागरिकों का यह पुनीत कर्तव्य है कि हम त्योहारों को सादगी व पवित्रता से मनाएं । अपने निजी स्वार्थों से उनकी छवि को धूमिल न करें । उन तत्वों का बहिष्कार करें जो इनकी गरिमा को धूमिल करने की चेष्टा करते हैं ।
त्योहारों को मनाने की विधियों में जो विकृतियाँ आ गई हैं, यथा – मदिरापान, जुआ खेलना, धार्मिक उन्माद उत्पन्न करना, ध्वनि प्रदूषण व वायु प्रदूषण को बढ़ावा देना, उन्हें शीघ्रातिशिघ्र समाप्त करना होगा । हम त्योहारों को उनकी मूल भावना के साथ मनाएँ ताकि सुख-शांति में वृद्धि हो सके ।
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मेरा प्रिय त्योहार पर निबंध- Essay on My Favourite Festival in Hindi Language
In this article, we are providing information about My Favourite Festival in Hindi. मेरा प्रिय त्योहार पर निबंध , Essay on My Favourite Festival in Hindi Language मेरा पसंदीदा त्योहार, Mera Priya Tyohar Par Nibandh.
मेरा प्रिय त्योहार पर निबंध- Essay on My Favourite Festival in Hindi Language
भारत त्योहारों का देश है जहाँ पर सभी त्योहार बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। इन अनगिनत त्योहारों में से मेरा पसंदीदा त्योहार होली है जिसे रंगो का त्योहार भी कहा जाता है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माग की पूर्णिमा को मनाया जाता है और यह आमतौर पर मार्च के महीने में ही आता है। यह दो दिन तक मनाया जाने वाला त्योहार है। इस त्योहार के पीछे प्रचलित कथा भी है जिसके अनुसार भगवान विष्णु के भग्त प्रह्लाद इस दिन अग्नि से जीवित बाहक निकल आए थे और उनकी बुआ होलिका जो प्रह्लाद को मारना चाहती थी आग में जल गई थी और यही कारण है कि हर साल होलिका दहन किया जाता है और प्रहलाद के जीवित बचने की खुशी में होली मनाई जाती है। होली के पहले दिन को होलिका दहन कहा जाता है और अगले दिन जब रंगों से खेला जाता है उसे धुलहंडी कहा जाता है।
होली के दिन लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते है। कई कई जगह पर फूलों की होली खेली जाती है। इस दिन लोग नफरत दूर कर प्यार का और दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाते हैं। होली के पर्व पर घर में तरह तरह की मिठाईयाँ बनती है।
आधुनिक समय में लोगों ने होली के त्योहार को दूषित करना शुरू कर दिया है। लोग इस दिन शराब पीते हैं और जुआ आदि भी खेलते हैं और कुछ असमाजिक तत्व रंग के स्थान पर कीचड़ आदि का प्रयोग करते हैं और पानी को भी बर्बाद करते हैं। मेरा मानना है कि यदि रंगों के इस त्योहार को अच्छे से और खुशी से मनाया जाए तो यह हमारे कपड़ों की तरह हमारी जिंदगी को भी रंगीन बना देता है। होली का पर्व हमारी जिंदगी में खुशियों के रंग भर जाता है।
# my favourite festival holi in hindi # मेरा प्रिय त्योहार होली
Essay on Festivals of India in Hindi- भारतीय त्योहार पर निबंध
Essay on Diwali in Hindi
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राष्ट्रीय पर्व उत्सव पर 10 वाक्य (10 Lines on National Festivals Celebration in Hindi)
भारत में राष्ट्रीय त्योहार होली, दिवाली, ईद और क्रिसमस आदि से अधिक महत्व रखते हैं। क्योंकि भारत के राष्ट्रीय अवसर भारत के सम्मान और गौरव के साथ-साथ देश में रहने वाले विभिन्न धर्मों के लोगों की एकता और भाईचारे को भी प्रदर्शित करते हैं। इस दिन लोग आपसी मतभेद भूलकर देश के तिरंगे को सलाम करते हैं और महान व्यक्तियों को नमन करते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय त्यौहार के उत्सव पर 10 लाइन (Ten Lines on National Festivals Celebration in Hindi)
प्रत्येक भारतवासी अपने राष्ट्रीय त्योहारों को मनाते वक्त गौरवशाली होने का अनुभव करता है। चलिए आज के लेख से जानते है कि हम भारतवासी किस प्रकार से अपने राष्ट्रीय उत्सव मनाते हैं।
Bhartiya Rashtriya Tyohar par 10 Vakya – Set 1
1) भारत के लोग गांधी जयंती, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं।
2) बच्चे इन दिनों पर सांस्कृतिक पोशाक पहनते हैं और लोकनृत्य का प्रदर्शन करते हैं।
3) स्वतंत्रता सेनानियों की याद में छात्र कई कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।
4) छात्र एवं छात्राएं देशभक्ति गीत गाते हैं और शहीदों के नारे लगाते हैं।
5) वे भारत की विभिन्न धार्मिक संस्कृतियों का चित्रण नाटक व गीत के द्वारा करते हैं।
6) गांधी जयंती पर छात्र स्कूल व समाज की सफाई में भाग लेते हैं।
7) राष्ट्रीय त्योहार के उत्सव बच्चों में राष्ट्रीयता को बढ़ावा देते हैं।
8) महान व्यक्तियों की शिक्षाएं लोगों को प्रेरणा देती हैं।
9) स्वतंत्रता क्रांतिकारियों और शहीदों को नमन करने के लिए ये उत्सव मनाते हैं।
10) अपने देश में सार्वजनिक रूप से ये उत्सव धूम-धाम से मनाये जाते हैं।
Bhartiya Rashtriya Tyohar par 10 Vakya – Set 2
1) राष्ट्रीय पर्व में भिन्न-भिन्न लोगों की भागीदारी भारत की एकता और अखंडता को प्रदर्शित करता है।
2) इस दिन लोग अपनी धार्मिक विविधताओं को भूलकर एकसाथ राष्ट्रीय पर्व को मनाते हैं।
3) अपनी देशभक्ति प्रकट करने के लिए लोग तिरंगे के रंग के वस्त्र पहनते हैं।
4) लोग अपने आस-पास से जनसहयोग प्राप्त करके स्वच्छता अभियान चलाते हैं।
5) गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर होने वाले परेड देश की रक्षा शक्ति, परंपरा और संस्कृति का परिचय देते हैं।
6) देशभर में शांति और सद्भावना के सन्देश को फ़ैलाने के लिए हम राष्ट्रीय त्योहारों को उच्चस्तर पर मनाते हैं।
7) भारत के सभी स्कूल और कॉलेज में राष्ट्रीय त्योहारों को उत्साह से मनाया जाता है।
8) राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इन अवसरों पर देशवासियों को संबोधित करते हैं और उन्हें भविष्य के योजनाओं के बारे में बताते हैं।
9) राष्ट्रीय अवसरों पर किये गये आयोजनों के द्वारा युवाओं को देश के स्वर्णिम इतिहास से अवगत कराया जाता है।
10) विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोग भी इन त्योहारों को बड़े ही उत्साह और गौरव के साथ मनाते हैं।
बड़े ही उत्साह और धूम-धाम से मनाए जाने वाले ये राष्ट्रीय त्योहार लोगों को और खासकर से युवाओं और बच्चों को हमारे देश के महान व्यक्तियों के मूल्यों और शहीदों के बलिदान की याद दिलाता रहता है। यह आवश्यक है कि हम उनके त्याग और बलिदान को याद रखें। ये राष्ट्रीय अवसर ही तो है जो हमें धर्म और जाति के बंधन से मुक्त कर एक-साथ कर देते हैं।
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Hindi Essay Writing – भारत के प्रमुख त्योहार Major Festivals of India
भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध – त्योहार कितने प्रकार के होते हैं? भारत का सबसे लोकप्रिय त्यौहार कौन सा है के बारे में जानेगे |
- पूर्वोत्तर भारत के त्यौहार
भारत त्योहारों का देश है। यहां हर वर्ष, हर माह, हर राज्य में तिथि अनुसार कई तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं। भारत में मनाए जाने वाले हर त्योहार के पीछे कोई ना कोई ऐतिहासिक कहानी होती है। जिसमें झलक होती है हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत की। जो पीढ़ियों से हमारे देश में मनाए जा रहे हैं । हर त्यौहार की अपनी एक खासियत है और एक धार्मिक महत्व। हमारे देश में विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग रहते हैं और उनके विविध कर्म संस्कार होते हैं। वह अपने कर्म और संस्कारों को समय-समय पर विशेष रूप से प्रकट करते रहते हैं, इन रूपों को हम आए दिन बड़े आयोजनों के रूप में देखा करते हैं। इस प्रकार हर धर्म में, कोई ना कोई उत्सव मनाए जाने की परंपरा है। जिन्हें हम बरसों से मनाते आ रहे हैं क्योंकि ये त्यौहार, हमारे देश की संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं के प्रतीक हैं। विश्व में सबसे ज्यादा त्यौहार हमारे देश में ही मनाया जाते हैं।
त्यौहार का शाब्दिक अर्थ है प्रति वर्ष किसी निश्चित तिथि को मनाया जाने वाला कोई धार्मिक या सांस्कृतिक उत्सव। भारत में कई प्रकार के विभिन्न धर्मों के त्योहार मनाए जाते हैं जिन्हें हम तीन भागों में बांट सकते हैं –
- धार्मिक त्योहार
राष्ट्रीय त्योहार
- स्वतंत्रता दिवस
- गणतंत्र दिवस
- मौसमी त्यौहार
धार्मिक त्यौहार
धार्मिक त्योहारों के अंतर्गत किसी विशेष धर्म के त्योहार आते हैं। जिनमें देवी-देवताओं या किसी पौराणिक कहानी के मान्यता अनुसार ये त्यौहार मनाया जाते हैं। जैसे – दीपावली, होली, रक्षाबंधन, दशहरा, बसंत पंचमी, बुद्ध पूर्णिमा क्रिसमस, ईद आदि।
दीपावली
- दीपावली यानी दीपो का त्यौहार। यह भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार में सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे मनाए जाने के पीछे एक पौराणिक कहानी है। हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख ग्रंथ रामायण के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम, चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ, भक्त हनुमान को लेकर सकुशल अयोध्या वापस लौटे थे।
- माना जाता है कि राम जी के अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरी नगरी को साफ सुथरा कर फूलों से सजाया था और घी के दीपक जलाए थे।
- हिंदू कैलेंडर अनुसार दीपावली, हर वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है।
- यह कुल पांच दिनों का त्यौहार होता है जिसमे पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरा मुख्य दीपावली का दिन, चौथे दिन गोवर्धन पूजा ,और पांचवे दिन भाई दूज मानते है।
- इसकी तैयारियां 10 दिन पहले से शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों की रंगाई, पुताई और सफाई करने लगते है। माताएं, बहनें विभिन्न तरह के पकवान, मिष्ठान बनाती है और बच्चे पटाखे फोड़ते है। दिवाली की रात को मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और घर के बाहर दीपक जलाए जाते है।
- इस प्रकार दीपावली का यह त्यौहार हमें संदेश देता है कि आपस में प्रेम के साथ रहे, भाईचारे की भावना से मिलजुलकर कार्य करें और हमेशा सत्य का साथ दे क्योंकि अंत में विजय सत्य की ही होती है।
Top होली
- रंगों का त्योहार होली भारत का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए, राक्षसनी होलिका का दहन किया था।
- दरअसल होलीका को एक वरदान प्राप्त था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती। और इसी का गलत फायदा उठा कर वह भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद की हत्या के लिए, उन्हें गोद में लेकर अग्निकुंड में बैठ गई किंतु जब भगवान विष्णु के भक्त पर आन पड़ी तो होलिका का यह वरदान विफल हो गया और विष्णु भक्त प्रहलाद अग्नि की लपटों से बच गए जबकि होलिका उसमें दहन हो गई।
- इसी वजह से प्रतिवर्ष बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में होली का यह त्यौहार मनाया जाता है।
- हिंदू कैलेंडर अनुसार होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है।
- होली के 1 दिन पहले रात्रि के समय लोग, लकड़ियों को एकत्रित कर होलिका दहन करते हैं । उसकी पूजा करते हैं और सुबह रंग गुलाल खेलते हैं घरों में कई तरह के मिष्ठान विशेष रूप से गुजिया बनाये जाते है और बच्चे दिनभर रंगों की धूम मचाते हैं।
Top दशहरा
- यह भी भारत के प्रमुख बड़े त्योहारों में से एक है। हिंदू पौराणिक ग्रंथ रामायण के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था और सीता माता को उसकी कैद से आजाद कराया था।
- हिंदू कैलेंडर के अनुसार दशहरा अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को बनाया जाता है।
- इस दौरान जगह-जगह मेले का आयोजन होता है मैदानों में रावण के पुतले जलाए जाते हैं। कई जगह रामलीला का मंचन किया जाता है जिसमें पहले दिन मेघनाथ, दूसरे दिन रावण के भाई कुंभकरण, अंतिम विजयादशमी के दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है।
- यह त्यौहार हमें संदेश देता है कि बुराई चाहे कितने भी ताकतवर क्यों ना हो | अच्छाई के सामने टिक नहीं सकती | रावण बहुत शक्तिशाली, बुद्धिमान था, उसकी नाभि में अमृत भी था फिर भी उसके अभिमान की वजह से उसका अंत हुआ।
- दशहरे को बुराई पर अच्छाई की विजय के सबसे बड़े त्यौहार के रूप में मनाया जाता है इसीलिए दशहरे को विजयादशमी भी कहते हैं।
Top रक्षाबंधन
- श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह भाई बहनों का त्यौहार है।
- इस दिन बहनें, अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। इस दिन बहनें मिष्ठान बनाकर भाईयों को खिलाती हैं।
- भाई, अपनी बहनों के लिए तोहफे या पैसे उपहार में देते हैं। कई लड़कियां अपने पिता को या पेड़ को राखी बांधती है। तो कुछ किसी को अपना गुरु भाई बना लेती हैं।
- कुछ वर्षों से एक नया प्रचलन सामने आया है, महिलाएं भारतीय सेना के सैनिकों को राखी बनाकर कुरियर करती है जिससे कि सैनिकों का मनोबल बढ़े और वे दुगुने उत्साह के साथ देश की रक्षा के लिए तत्पर रहे |
Top क्रिसमस
- यह ईसाई धर्म का प्रमुख त्यौहार है। ईसाई धर्म के मसीहा के जन्मदिवस को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। जीजस को ही मसीहा कहा जाता हैं |
- जीजस की माँ का नाम मेरी और पिता का नाम जोसेफ था। इनके जन्म के समय गॉड ने इनके माता-पिता को इनके दिव्य होने का संदेशा एक परी के जरिये भिजवाया था और बहुत से ज्ञानी महात्मा लोगो को भी इस बात का पता था, कि ईश्वर का अंश जन्म लेने वाला हैं।
- जीजस के जन्म के समय इनके माता-पिता एक जंगली इलाके में फंस गये थे, वही कई जानवरों के बीच जीजस का जन्म हुआ था, जिसे देखने कई महान लोग आये थे ।
- कहा जाता हैं वही दिन क्रिसमस था।
- इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि जब जीजस का जन्म हुआ, तब ख़ुशी व्यक्त करने के लिए सभी देवताओं ने सदाबहार वृक्ष को सजाया तब ही से इस वृक्ष को क्रिसमस ट्री का प्रतीक समझा जाने लगा और यह परंपरा प्रचलित हो गई।
- इसीलिए इस दिन लोग घर में क्रिसमस ट्री सजाते हैं, तरह-तरह की मिठाइयां बनाते हैं। बच्चों को सैंटा क्लॉज, तोहफे देते हैं और गिरिजाघर में जाकर लोग जीजस से प्रार्थना करते हैं।
Top ईद
- रमज़ान का महिना इस्लामिक कैलेंडर का नवां और सबसे पवित्र महीना माना गया हैं | इस दौरान मुसलमान भाई अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजे रखते हैं | इस दौरान लोग कुछ भी खाते पीते नहीं हैं |
- दसवें महीने शव्वाल की पहली चाँद वाली रात ईद की रात होती है | इस चाँद को देखे जाने के बाद ईद-उल-फितर का ऐलान किया जाता हैं |
- पहली ईद उल फितर पैगम्बर मुहम्मद ने सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद मनाया थी| पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी उनके विजयी होने की ख़ुशी में यह त्यौहार मनाया जाता हैं |
- ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की नमाज अदा करने से पहले हर मुसलमान का फर्ज होता हैं कि वो दान या जकात दे |
- इस विशेष रूप से मीठी सेवई बनाई और खायी जाती हैं |
- कृष्ण जन्माष्टमी : पूरा भारत वर्ष में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है | श्री कृष्ण को माखन बहुत प्रिय था और बचपन में उन्होंने बहुत सी बाल लीलाएं की थी और इसी के उपलक्ष्य में जन्माष्टमी मनाई जाती है। श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर मटकी में माखन-मिश्री रखकर हांडी फोड़ने का आयोजन किया जाता है । इसमें एक खाली मैदान में ऊंचाई पर मटकी बांधी जाती है और युवा, बच्चे मिलकर पिरामिड बनाकर उस मटकी को तोड़ने की कोशिश करते हैं और नाच गाकर आनंद मनाते हैं।
- इनके अतिरिक्त भारत में कई सारे त्यौहार मनाया जाते हैं जैसे जनवरी में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है । हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता हैं। इस दिन तिल गुड़ के लड्डू बनाए जाते हैं और पतंग उड़ाने का भी रिवाज है। गुजरात में बड़े स्तर पर पतंग उड़ाने का आयोजन किया जाता है, जिसमें तरह-तरह की पतंगे आकार में बड़ी छोटी रंग बिरंगी पतंगे उड़ाई जाती है।
- माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। बंगाल में इसे सरस्वती पूजन के नाम से भी जाना जाता हैं।
- श्री राम के जन्म उत्सव को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। राम नवमी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मानते है।
- सिखों के प्रमुख गुरु, गुरुनानक देव के जन्मदिवस को गुरु नानक जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन जगह जगह पर लंगर का आयोजन होता है। गुरुद्वारों में गुरुवाणी होती है। गुरुनानक जयंती कार्तिक माह की पूर्णिमा को मानते है ।
- पारसियों का प्रमुख त्यौहार नवरोज मनाया जाता है । पारसियों में अग्नि पूजा का विधान है। पारंपरिक भोजन बनाकर यह त्यौहार मनाया जाता है।
- इसके अतिरिक्त गुजरात में नवरात्रि का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है | पूरे 9 दिन दुर्गा माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है और हर रात्रि गरबा आयोजन होता है।
- बंगाल में भी की दुर्गा पूजा का अपना महत्व है। बंगाल में अष्टमी के दिन मां दुर्गा की भव्य आरती होती हैं, जिसमें महिलाएं धुनुची नृत्य करती हैं और आखिरी दिन एक-दूसरे को सिंदूर लगाती है , इस परंपरा को सिंदूर खेला कहते हैं।
Top
राष्ट्रीय त्योहारों के अंतर्गत ऐसे विशेष दिन शामिल होते हैं जिनका गौरवशाली इतिहास होता है और देश के नागरिक होने के नाते सभी धर्म के लोग इन राष्ट्रीय पर्व को मनाते हैं ।
जैसे 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस, 14 नवंबर को बाल दिवस, 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस या गांधी जयंती, 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस आदि।
- स्वतंत्रता दिवस : 15 अगस्त सन 1947 की अर्धरात्रि को हमारा देश भारत, अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हुआ था इसी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता हैं | जगह-जगह देश भक्ति गीत गाए जाते हैं और झंडा फहराया जाता है ताकि लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत रहे।
- गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था। संविधान अर्थात नियमों और कानूनों का संकलित लेख। किसी भी देश को चलाने के लिए कुछ नियम और कानूनों की आवश्यकता होती है ताकि समाज में न्याय व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। इसी उद्देश्य से हमारे देश के बुद्धिजीवियों ने संविधान तैयार किया था | इस दिन प्रतिवर्ष नई दिल्ली में इंडिया गेट पर बीटिंग द रिट्रीट परेड का आयोजन होता है। तीनों सेना के जवान शौर्य प्रदर्शन करते हैं ।
इस प्रकार इन राष्ट्रीय त्योहारों को मनाने का एकमात्र उद्देश्य यही है कि हमारी आने वाली पीढ़ी इतिहास के वीर क्रांतिकारियों, महापुरुषों को याद रखें, उनसे सीख ले और उनमें देशभक्ति की भावना का विकास हो। Top
मौसमी त्यौहार
भारत एक कृषि प्रधान देश है । यहां की 70% से अधिक जनसंख्या खेती पर निर्भर है और इसी वजह से यहां के किसान धरती को अन्न की देवी, माता मानते हैं और हर मौसम में नई फसल आने पर उत्सव मनाते हैं | जैसे पंजाब में लोहड़ी, दक्षिण भारत में पोंगल, असम में बिहू।
- लोहड़ी मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर पंजाब में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है, यह पौष माह के अंतिम दिन मनाते है। इस उत्सव के दौरान रात में लकड़ियों का ढेर इकट्ठा कर उसे जलाया जाता है और पूजा की जाती है। महिलाओं और पुरुषों का समूह मिलकर गिद्दा और भांगड़ा करते हैं। यह त्यौहार कृषि की अच्छी उपज के लिए ईश्वर को धन्यवाद देने हेतु मनाया जाता है।
- पोंगल पोंगल तमिलनाडु के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दौरान लोग चावल दूध और गुड़ की खीर बनाते हैं जिसे पोंगल कहते हैं । भगवान को इसका भोग लगाया जाता है । गाय और बैलों की पूजा की जाती है। इसी दिन तमिल नववर्ष की शुरुआत भी होती है।
- ओणम केरल में खेतों में नई फसल की उपज के उत्सव के रूप में ओणम का पर्व मनाया जाता है। इस दौरान लोग घर के बाहर फूलों की रंगोली बनाते हैं और पारंपरिक नृत्य करते हैं।
- बिहू – असम का सर्वाधिक लोकप्रिय त्यौहार है | बिहू, असम के कृषक समुदाय द्वारा मनाया जाता है।
पूर्वोत्तर भारत के त्यौहार
भारत का पूर्वी क्षेत्र असम ,अरुणाचल प्रदेश , मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय को सात बहनों के रूप में जाना जाता है। इन क्षेत्रों में जनसंख्या बहुत कम है किंतु बहुत सी जनजातियां निवास करती हैं और अपनी मान्यता अनुसार हर वर्ष कई त्यौहार मनाते हैं, जो इस प्रकार है-
- लोसर – तिब्बत और हिमालय क्षेत्र में रहने वाले बौद्ध लोसर पर्व को नव वर्ष के शुभारंभ के रूप में मनाते हैं । यह लोसर पर्व लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में मनाया जाता है।
- हार्नबिल उत्सव – इसका आयोजन नागालैंड के स्थापना दिवस 1 दिसंबर को किया जाता है। पूरे सप्ताह तक नागालैंड की जनजातीय संस्कृति की रंगारंग प्रस्तुतियां पेश की जाती है।
- लोसांग – यह पर्व सिक्किम में निवास करने वाली भूटिया और लेप्चा जनजातियों द्वारा दिसंबर माह में सिक्किम में नव वर्ष के उपलक्ष्य में मनाया जाता है । यह पर्व अच्छी कृषि उपज के लिए प्रकृति का आभार व्यक्त करने के लिए भी मनाया जाता है ।
भारत विविधताओं से भरा देश है | यहां जितने धर्म है उतने ही त्यौहार और यहां हर त्यौहार की अपनी एक खासियत है, विशेषता है | और यही विशेषता भारत को विश्व में एक अलग पहचान दिलाती हैं | यहां हर व्यक्ति दूसरे धर्म के त्यौहार को भी उत्साह के साथ मनाता हैं | Top
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त्योहार के महत्व पर निबंध
भारत देश मे त्योहारों के महत्व पर निबंध importance of festivals in our country.
प्रस्तावना:- हमारा देश विभिन्नताओं के समूह का एक ऐसा देश है, जो अत्यंत दुर्लभ है और अद्भुत भी है। इस दुर्लभता ओर अदभुत स्वरूप में आनंद और उल्ल्लास कि छटा दिखाई देती है। हमारे देश मे जो भी त्योहार या पर्व मनाए जाते है, उनमे अनेकरूपता दिखाई पड़ती है। कुछ त्योहार ऋतू ओर मौसम के अनुसार मनाए जाते है, तो कुछ सांस्कृतिक या किसी घटना विशेष से सम्बंधित होकर सम्पन्न होते है।
हमारे देश में त्योहार का जाल बिछा हुआ है। यो कहा जाए, जो कोई बहुत बड़ी अत्युक्ति अथवा अनुचित बात नहीं होगी कि यहाँ आये दिन कोई-न-कोई त्योहार पड़ता ही रहता है। ऐसा इसलिए कि हमारे देश के ये त्यौहार किसी एक ही वर्ग, जाती या सम्प्रदाय से ही सम्बंधित नहे होते हैं अपितु ये विभिन्न्न वर्गों, जातियों और सम्प्रदायों के द्वारा सम्पन्न और आयोजित होते रहते है। इसलिए ये त्योहार धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक होते है। इन सभी प्रकार के त्योहार का कुछ न कुछ विशिष्ट अर्थ होता है। इस विशिष्ट अर्थ के साथ इनका कोई न कोई महत्व भी अवश्य होता है। इस महत्व में मानव की प्रकृति और दशा किसी-न-किसी रूप में अवश्य झलकती है।
त्यौहरो का महत्तव:- हमारे देश मे त्योहार का महत्व नःसंदेह है। इन त्योहार का महत्व समाज और राष्ट्र की एकता-समृधि, प्रेम-एकता, मेल-मिलाप के दृष्टि से है। साम्प्रदायिक -एकता, धार्मिक -समन्वय, सामाजिक-समानता को हमारे भारतीय त्योहार समय-समय पर घटित होकर हमारे अंदर उतपन्न करते चलते है। जातीय भेद-भावना और संकीर्णता के धुंध को ये त्योहार अपने अपार उल्लास और आनन्द के द्वारा छिन्न-भिन्न कर देते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह होती है कि ये त्योहार अपने जन्म-काल से लेकर अब तक उसी पवित्रता और सात्विकता की भावना को संजोए हुए हैं। युग-परिवर्तन और युग का पटाक्षेप ईन त्योहार के लिए कोई प्रभाव नहीं डाल सका। इन त्योहार का रूप चाहे बड़ा हो, चाहे छोटा, चाहे एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित हो, चाहे सम्पूर्ण समाज और राष्ट्र को प्रभावित करने वाला हो, अवश्यमेव श्रद्धा और विशवास; नेतिकता ओर विशुद्धता का परिचायक है। इससे कलुषता और हीनता की भावना समाप्त होती है और सच्चाई, निष्कपटता तथा आत्मविश्वास की उच्च ओर श्रेष्ट भावना का जन्म होता है।
हमारे देश के प्रमुख त्योहार:- मानवीय मूल्यों और मानवीय आदर्शो को स्थापित करने वाले हमारे देश के त्योहार तो श्रंखलाबद्ध है। एक त्योहार समाप्त हो रहा हो अथवा जैसे ही समाप्त हो गया, वैसे दूसरा त्योहार आ धमकता है। तातपर्य यह है कि पूरे वर्ष हम त्योहारो के मधुर मिलन से जुड़े रहते है। हमे कभी भी फुरसत नही मिलती है हमारे देश के प्रमुख त्योहार में नागपंचमी, रक्षाबंधन , जन्माष्टमी, दशहरा , दीपावली , होली , ईद मुहर्रम, बकरीद, क्रिसमस , ओणम, बैसाखी, रथयात्रा , 15 अगस्त , 2 अक्टूबर, 26 जनवरी, गुरुनानक जयंती, रविदास जयंती, 14 नवम्बर, महावीर जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, राम नवमी आदि है।
नाग-पंचमी का त्यहार सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पूजोत्सव के रूप में पूरे देश मे धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इससे हमारे मन मे नाग देवता (शेष नाग) के प्रति श्रद्धा-भावना व्यक्त होती है। लोगो का विशवास है कि इस दिन नाग देवता प्रसन्न होते है। इससे हमारे धार्मिम संस्कार जगते है। रक्षा-बंधन के त्योहार का महत्व प्राचीन पम्परा के अनुसार गुरु -महत्व को प्रतिपादित करने से है। लोंगो को यह मान्यता है कि इस दिन गुरु अपने शिष्य के हाथ मे रक्षा-सूत्र बांध करके उसे अभय रहने का वरदान देता है। गुरु को शिष्य यथाशक्ति दान-दक्षिणा देकर अपनी श्रद्धा -निष्ठा को प्रकट करता है। आज की परंपरा के अनुसार बहिने अपने भाइयों के हाथ मे राखी का बंधन बांधकर उससे परस्पर प्रेम के निर्वाह का वचन दान लेती है। भाद्र मास जन्माष्टमी का त्योहार श्रीकृष्ण के जन्मदिन की उपलक्ष में मनाया जाता है। दशहरा का त्योहार पूरे देश मे आशिवन मास में मनाया जाता है। यधपि इसके मनाने के विभिन्न तौर-तरीके है, जिनसे हमारी धार्मिक भावनाएं जुडी हुई है। यह त्योहार लगातार आशिवन मास के पूरे शुक्ल पक्ष तक परम् हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। देवो पर देत्वो से आये हुए संकट के निवारण परम् शक्ति दुर्गा का नवरात्रि-पूजन समारोह से जहाँ इस त्योहार का समापन करके हम सात्विक ओर आत्मिक शक्ति के महत्व को जुटाते है, वही दूसरी ओर धर्मसंथापक ओर मानवीय मूल्यों के रक्षक तथा इसके विरोधी तत्वों रावण, बाली आदि के विनाशकर्ता श्रीराम की रामलीला का चित्रांकन और छायांकन करके हम मानवता के पथ का निर्देश करते है। यधपि दक्षिण भारतीयों के लिए यह उत्सव हमारे उत्तर भारतीय की विचारधारा के ठीक विपरीत रूप में होता है। क्योंकि, वे राम के नही; अपितु रावण की बुद्धि के परिचायक और दमर्थक होते है । दिवली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस के अंधकार को पराजित करने के लिए प्रकाश का आयोजन करके सम्पन्न किया जाता है। यह अज्ञान को छिन्न-भिन्न करके ज्ञान की स्थापना के अर्थ में होता है।
लोगो की धारणा है कि इस दिन ही राम रावण कों पराजित करके अपनी राजधानी अयोध्या लौटे थे और उनके स्वागत में अगणित दीपमालाओं को पूरे धूम-धाम से सजाकर अयोध्यावासियों ने अपना अपार उत्साह प्रदशित किया था। होली के त्योहार का महत्व स्वतः प्रकट है। इस आनन्द और उमंग से हम अपनी कटुता और दुर्भावना को भूलकर एक हो जाते है। इसी तरह ईद, बकरीद, क्रिसमस आदि त्योहार का भी महत्व है।
उपसंहार:- कहां तक कहे, सभी प्रकार के त्योहार हमें परस्पर एकता, एकरसता , एकरूपता और एकात्मकता का पाठ पढ़ाते है। यही कारण है कि हम हिन्दू, मुसलमानो, ईसाइयों, सिखों आदि के त्योहार और पर्वो को अपना त्योहार, पर्व मान करके उसमें भाग लेते है और ह्रदय से लगाते हैं। इसी तरह से मुसलमान, सिक्ख, ईसाई भी हमारे हिन्दू त्योहार-पर्वों को तन-मन से अपना करके अपनी अभिन्न भावनाओं को प्रकट करते है। अतएव हमारे देश के त्योहारो का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत अधिक है। राष्टीय महत्व की दृष्टी से 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर, 14 नवम्बर का महत्व अधिक है। संक्षेप में हम कह सकते है कि हमारे देश के त्योहार विशुद्ध प्रेम, भेदभाव और सहानुभूति का महत्वाकांक्षी करते है।
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1 thought on “त्योहार के महत्व पर निबंध”
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Hindi Essay on “Tyoharo ka Jeevan me Mahatva ”, “त्योहारों का जीवन में महत्त्व”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.
त्योहारों का जीवन में महत्त्व
Tyoharo ka Jeevan me Mahatva
हमारे देश में हर साल जितने त्योहार मनाए जाते हैं, उतने त्योहार विश्व के भी देश में नहीं मनाये जाते ।
भारतवर्ष को ‘त्योहारों का देश’ कहा जाता है। यहाँ हर दिन एक उत्सव है, हर दिन एक त्योहार है। अंग्रेजी महीनों या भारतीय परम्परा के महीनों के हिसाब से ऐसा कोई भी मास नहीं होता, जिसमें कोई त्योहार न मनाया जाता हो।
वर्ष के प्रत्येक दिन में हमारे यहाँ कोई-न-कोई छोटा-बड़ा त्योहार या खुशी का दिन अवश्य मनाया जाता है, फिर चाहे वह होली-दीपावली जैसा बड़ा त्योहार हो या मूर्खदिवस, विश्व जनसँख्या दिवस, वन महोत्सव दिवस, मित्रता दिवस, सद्भावना दिवस, राष्ट्रीय खेल दिवस, शिक्षक दिवस, विश्व पर्यटन दिवस, क्षमा दिवस, राष्ट्रीय एकता दिवस, बाल दिवस, किसान दिवस, युवा दिवस, विज्ञान दिवस तथा विश्व पर्यावरण दिवस जैसे खुशी और उत्साह के दिन ही क्यों न हों।
भारत में मनाया जाने वाला प्रत्येक त्योहार मानव-जीवन से सम्बन्धित है। इन त्योहारों का सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक महत्त्व अपना अपना है।
विजयादशमी का दिन अपने शरीर की दस इन्द्रियों पर या काम, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार, ईष्र्या, द्वेष, घृणा, झूठ, छल आदि मनोविकारों या आसुरी वृत्तियों पर विजय पाने का प्रतीक है।
कहते हैं कि विजया दशमी या दशहरे के दिन दशरथ पुत्र श्री रामचन्द्रजी ने लंका के राजा रावण का वध किया था। रावण मनष्य की आसरी प्रवत्तियों का और श्रीराम मनुष्य की सद्प्रवृत्तियों अथवा अच्छाइयों के प्रतीक हैं। इस प्रकार विजया-दशमी का त्योहार अच्छाइयों की बुराइयों पर, सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक पर्व है।
विजया दशमी या दशहरा शरद ऋतु का त्योहार है। दशहरे के बाद दीपावली का त्योहार आता है। दीवाली आने की खुशी में लोग-बाग अपने घर-आँगन, साफ-सफाई करते हैं, रंग-रोगन और लिपाई-पुताई करते हैं। इस तरह स्वच्छ की दृष्टि से दीपावली त्योहार का अपना अलग महत्त्व है।
दीपावली खुशियों भरा त्योहार है। दीवाली पर लोग नए पकवान व्यंजन, खील-बतासे खाते हैं, नए वस्त्र पहनते हैं तथा फुलझड़ी पटाखे चलाते हैं। यह सब मानव के अन्तर्मन के उल्लास को प्रकट करता है।
भारतीय परम्परा के नए संवत्सर (संवत्) की शुरूआत चैत्र के महीने से होती है। इस दिन रंग और गुलाल की होली खेली जाती है। धुलण्डी से एक दिन पूर्व होलिका दहन होता है। किसान लोग अपने खेतों से लाए गए अन्न को सर्वप्रथम होली की आग में भूनकर खाते हैं। असल में घर में नए अन्न, सुख-समृद्धि आने की खुशी में ही होली का त्योहार मनाया जाता है।
‘होली’ शब्द के भी कई अर्थ हैं। सामाजिक दृष्टि से होली का अर्थ ‘होली’ अर्थात बीत गई बात से होता है। दुःख की बाते बीत गई, दुःख के दिन बीत गए। उन बीते हुए दुर्दिनों को हम याद न करें-यही होली है।
‘होली’ का आध्यात्मिक अर्थ ‘होली’ अर्थात् मनुष्य की साधक आत्मा ईश्वर की होली, हो गई । ईश्वर के प्रेम रंग में रंग गई। ‘होली’ (Holy) के अंग्रेजी अर्थ का मतलब सब प्रकार की बुराइयों या विषय विकारों से मुक्त होकर पावन जीवन (Holylife) जीना है।
इसी तरह महावीर जयन्ती, अम्बेडकर जयन्ती, महाराणा प्रताप जयन्ती, नेहाल जयन्ती, प्रताप
जयन्ती, रविदास जयन्ती, गुरूगोविद सिंह जयन्ती, मिजगालिब जयन्ती, विश्वकर्मा जयन्ती, गुरुनानक जयन्ती, शास्त्री जयन्ती, अग्रसेन जयन्ती, तुलसी जयन्ती, जयशंकर प्रसाद एवं प्रेमचन्द जयन्तियाँ भारत में पैदा हुए विभिन्न महापुरुषों के दिव्य जन्म एवं महान कर्तव्यों की याद दिलाती है।
जब सृष्टि में बसन्त ऋतु आती है तो प्रकृति नए सिरे से अपना रूप सजाती है, लाल, नीले और पीले फूलों से अपना शृंगार करती है। वसन्त ऋतु आने की खुशी में माघ शुक्ला पंचमी के दिन ‘बसन्त पंचमी के त्यौहार के रूप में बसंत उत्सव मनाया जाता है।
भारत में मनाये जाने वाले गणतंत्र दिवस तथा पन्द्रह अग्रस्त के त्यौहार 7 महत्त्व के त्यौहार हैं। ये त्यौहार भारतवर्ष की नई आजादी तथा नये संविधान जाट दिलाते हैं। प्रतिवर्ष 15 जनवरी को थल सेना दिवस मनाया जाता है। भारत की थल सेना के साहस एवं शौर्य की याद दिलाता है। एक जनवरी 7 दिन ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। जो युवाओं के नये उत्साह, नई लगन एवं कर्तव्यपरायणता की याद दिलाता है। गाँधी पुण्य तिथि (30 जनवरी) को हम सत्य अहिंसा के सेवक महात्मा गाँधीज़ी के बलिदान की याद करते हैं। इस दिन को कुष्ठ निवारण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो कुष्ठ रोगियों की सेवा और उपचार की याद दिलाता है।
पच्चीस जनवरी का दिन ‘अन्तर्राष्ट्रीय कस्टम्स एवं उत्पाद दिवस’ के रूप में सुरक्षित है। बारह फरवरी को ‘उत्पादकता दिवस’ पर विभिन्न प्रकार के उत्पादों की गुणवत्ता पर विचार-विमर्श किया जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (28 फरवरी) विज्ञान की सेवा और आविष्कारों की याद दिलाता है। विश्व महिला दिवस (8। मार्च) और अधिकारिता दिवस (15 मार्च) पर महिलाओं के विकास एवं उपभोक्ताओ के अधिकारों पर विचार-गोष्ठियाँ की जाती हैं।
इसी तरह ‘रंगमंच दिवस’ (27 मार्च) रंगमंच के योगदान की, विश्व वानिकी दिवस (15 मार्च) वन विभाग के दायित्वों की, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (4 मार्च) नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था की, विश्व स्वास्थ्य दिवस (7 अप्रैल) मानव जाति के स्वास्थ्य की, मानव एकता दिवस (24 अप्रैल) सभी मनुष्यों की पारस्परिक एकता की, विश्व मजदूर दिवस (1 मई) मजदूरों के अधिकारों की रक्षा भी, विश्व दूरसंचार दिवस (17 मई) दूर संचार सेवाओं की तथा विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) पर्यावरण सुरक्षा के प्रति हमारे दायित्वों की याद दिलाता है।
ये सभी दिवस हम आम दिनों की तरह साधारण रूप से नहीं मनाते बल्कि दिवस के महत्त्व को समझते हुए विशेष तौर से उमंग उत्साह के साथ मनाते हैं।
‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ (29 अगस्त) पर हमारे देश की केन्द्रीय एवं राज्यीय सरकार विभिन्न प्रकार के राज्यीय-राष्ट्रीय एवं अन्तरष्ट्रिीय खेलों का आयोजन कर खिलाड़ियों तथा खेल-जगत को प्रोत्साहन देती है। भारत क्रान्ति दिवस’ (9 अगस्त) हमें परस्पर मित्रभाव बरतने एवं शत्रुता के भाव को त्यागने का संकेत देता है। विश्व फोटोग्राफी दिवस’ (19 अगस्त) संसार के फोटोग्राफरों के समर्पित है। ‘सदभावना दिवस’ (2) अगस्त) एक-दूसरे के प्रति अथवा । मात्र के प्रति अच्छी कामनाएँ या शुभ भावनाएँ रखने का संकेत देता है।
‘शिक्षक दिवस’ (5 सितम्बर) पर शिक्षकों के दायित्व एवं कार्य-प्रणाली समीक्षा की जाती हैं। विश्व साक्षरता दिवस’ (8 सितम्बर) जन-जन में का प्रचार-प्रसार करने के दायित्व का महत्त्व बतलाता है। इसी प्रकार ‘हिन्द दिवस’ (14 सितम्बर) हिन्दी राष्ट्रभाषा को स्वीकारने व उपयोग में लाने, सामाजिक न्याय दिवस (25 सितम्बर) निष्पक्ष न्याय प्रक्रिया को, ‘विश्व पर्यटन दिवस’ (27 सितम्ल पर्यटन को बढ़ावा देने के महत्त्व को, ‘वायुसेना दिवस’ (8 अक्टूबर) भारतीय वायु के कर्तव्यों के महत्त्व को, राष्ट्रीय द्वखण्डता दिवस (31 अक्टूबर) भारत देश की एकता-अखण्डता के महत्त्व को बतलाता है।
ये सभी महत्त्वपूर्ण दिवस हमारे देश में किसी तीज-त्योहार से कम खुशी में नहीं मनाये जाते।
भारतीय त्योहारों को हम निम्न वर्गों में बाँट सकते हैं: –
- धार्मिक त्योहार – शिवरात्रि, जन्माष्टमी, रामनवमी, ईद, क्रिसमस डे. दीपावली, गोवर्धन पूजा, ताजिया (मुहर्रम) आदि।
- सांस्कृतिक त्योहार- बसन्त पंचमी, होली, वैसाखी, पोंगल, लोहिड़ी, रक्षाबंधन, भाईदूज आदि।
- राष्ट्रीय (राजनैतिक) त्योहार- गाँधी जयन्ती, क्रान्ति दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गणतन्त्र दिवस, एकता दिवस, संविधान दिवस, मानवाधिकार दिवस, थल सेना दिवस, वायुसेना दिवस आदि
(4) यादगार त्योहार – प्रताप जयन्ती, गाँधी पुष्यतिथि, नेहरू जयन्ती, वाल्मीकि जयन्ती, गुरुनानक जयन्ती, विश्वकर्मा जयन्ती, गुरुगोविन्द सिंह जयन्ती, मिर्जा गालिब जयन्ती, जयशंकर प्रसाद जयन्ती, रविदास जयन्ती, संत तुकाराम जयन्ती । बुद्ध पूर्णिमा, महावीर जयन्ती, गुरुअर्जुन देव जयन्ती, रामानुजाचार्य जयन्ती, । अम्बेडकर जयन्ती, विश्व मधुमेह दिवस, रथयात्रा तथा प्रेमचन्द जयन्ती आदि।
विभिन्न प्रकार के त्योहार, उत्सव, यादगार दिवस प्रतिवर्ष हमारे मन के अन्दर उमंग उत्साह जगा जाते हैं तथा हमें विभिन्न प्रकार के सामाजिक कर्तव्या की याद दिलाते हैं। प्राचीन काल से ही भारतवर्ष में त्योहारों का महत्त्व रहा है और आगे भी सदा रहेगा। भारत के तीज-त्योहार कभी न मिटने वाली परम्पराए हैं।
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Festivals in Hindi : जानिए भारत के प्रमुख त्योहार कौन से हैं और कब मनाए जाते हैं?
- Updated on
- जनवरी 12, 2024
विश्व में भारत ही ऐसा देश है जहां पूरे वर्ष पर्व एवं त्योहार मनाए जाते हैं। भारत में त्योहार अपने साथ उत्साह और खुशी की लहर लेकर आते हैं। भारत में लगभग हर छोटे-बड़े अवसर पर जश्न मनाया जाता है। चाहे वसंत का आगमन हो, या फसलों की कटाई या कुछ और, आपके पास जश्न मनाने के कारणों और मौसमों की कभी कमी नहीं होगी। राज्यों के हिसाब से भी विभिन्न प्रकार के त्योहार (Tyohar in Hindi) मनाए जाते हैं। हमारे त्योहारों की चमक पूरा विश्व देखता है और कई बार त्योहारों जुड़े प्रश्न परीक्षाओं और इंटरव्यू में पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग में हम Festivals in Hindi के बारे में विस्तार से जानेंगे।
This Blog Includes:
Festival in hindi 2024, टॉप 20 नेशनल फेस्टिवल्स कौन से हैं, कौन से फेस्टिवल कौन से महीने में आते हैं, कृष्ण जन्माष्टमी, गुरु नानक जयंती, मकर संक्रांति, दक्षिण भारत के प्रसिद्ध त्योहार कौन से हैं, भारत में त्योहारों का महत्व.
Festival in Hindi 2023 की लिस्ट इस प्रकार दी गई हैः
15 जनवरी | मकर संक्रंति/पोंगल |
14 फरवरी | बसंत पंचमी |
8 मार्च | महाशिवरात्रि |
25 मार्च | होली |
9 अप्रैल | चैत्र नवरात्रि |
17 अप्रैल | राम नवमी |
10 मई | अक्षय तृतीया |
09 अगस्त | नाग पंचमी |
19 अगस्त | रक्षा बंधन |
26 अगस्त | जन्माष्टमी |
07 सितंबर | गणेश चतुर्थी |
3 अक्टूबर | शरद नवरात्रि |
12 अक्टूबर | दशहरा |
20 अक्टूबर | करवा चौथ |
29 अक्टूबर | धनतेरस |
31 अक्टूबर | दीपावली |
5 नवंबर | छठ पूजा |
25 दिसंबर | क्रिसमस। |
यह भी पढ़ें- Diwali Kab Hai : 2023 में दिवाली कब है ?
भारत में टाॅप 20 राष्ट्रीय त्योहारों की लिस्ट इस प्रकार हैः
- दुर्गा पूजा
- गणेश चतुर्थी
- महाशिवरात्रि
महीनों के अनुसार त्योहारों की सूची इस प्रकार दी जा रही है:
January Festivals in Hindi
- गणतंत्र दिवस
February Festivals in Hindi
- विश्वकर्मा जयंती।
March Festivals in Hindi / April Festivals in Hindi
- गुड़ी पड़वा
- गणगौर
- महावीर जयंती
- हनुमान जयंती
May Festivals in Hindi / June Festivals in Hindi
- बुद्ध पूर्णिमा
- गुरु पूर्णिमा
- बैसाखी।
July Festivals in Hindi / August Festivals in Hindi
- नाग पंचमी
- जन्माष्टमी।
September Festivals in Hindi / October Festivals in Hindi
- स्वतंत्रता दिवस
- गणेश चतुर्थी
- रक्षाबंधन
- दुर्गा पूजा
- शरद पूर्णिमा
- करवाचौथ
- धनतेरस
- दीपावली
- गोवर्धन पूजा।
November Festivals in Hindi / December Festivals in Hindi
- गुरु पर्व
Festivals in Hindi
- बारावफात
- ईद उल फितर
- ईद-उल-जुहा
- शबे बारात
- मिलादुन्नबी
- जमात अलविदा।
यह भी पढ़े- Dussehra in Hindi : दशहरा क्यों मनाया जाता है और क्या है इसकी कहानी?
भारत के प्रमुख त्योहार
भारत में मनाए जाने वाले सभी प्रमुख त्योहारों के बारे में यहां जानेंगे, जिन्हें लगभग सभी राज्यों में मनाया जाता हैः
कार्तिक मास की अमावस्या को यह त्योहार अक्टूबर/नवंबर में मनाया जाता है। यह धन वैभव की देवी लक्ष्मी के पूजन का त्यौहार होता है। दीपावली अथवा दिवाली प्रकाश का उत्सव है जो सत्य की जीत व अज्ञान को दूर करने का प्रतीक माना जाता है। दीपावली शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘दीपों की पंक्तियां’ होता है। यह त्योहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अपने राज्य वापस लौटने की स्मृति में मनाया जाता है।भारत में सभी त्योहारों में सबसे सुंदर त्योहार दीपावली का है क्योंकि इस त्योहार में गालियां, घर, सड़के,दुकाने आदि सभी जगह दियों व लाईटो से सजाया जाता है। इस त्योहार पर विभिन्न प्रकार कि मिठाइयां, नए वस्त्र, आतिशबाजी आदि इस त्योहार को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।
होली भी हिंदुओं का एक प्रसिद्ध त्योहार है इसको रंगो के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और अगले दिन रंग-बिरंगे रंगों की होली खेली जाती है। यह त्योहार (Festivals in Hindi) सामाजिक भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्यौहार होता है।यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत और बसंत के आगमन का प्रतीक होता है।
दशहरा भारत के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है इसे विजयादशमी या आयुध पूजा के रूप में भी जाना जाता है। इसे भी हिंदुओं के प्रसिद्ध त्योहारों (Festivals in Hindi) के रूप में जाना जाता है। यह त्योहार क्वार मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इसमें मुख्य रूप से क्षत्रियों का त्योहार माना जाता है, दशहरा वाले दिन क्षत्रिय शस्त्रों की पूजा करते हैं। इस दिन (Festivals in Hindi) भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण को मारकर विजय प्राप्त की थी इसलिए इसे असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है।इस त्यौहार(Festivals in Hindi) के उपलक्ष पर देश में कई स्थानों पर रामलीला का आयोजन किया जाता है जिसके बाद दशहरे के दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं। कोटा में दशहरे को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
रक्षाबंधन जिसे राखी का त्यौहार भी कहा जाता है यह त्योहार (Festivals in Hindi) हिंदी कैलेंडर के सावन मास की पूर्णिमा को मनाये जाने वाला यह त्यौहार भाई-बहन के स्नेह बंधन को मजबूती प्रदान करता है। राखी का त्यौहार (Festivals in Hindi) संपूर्ण भारत वर्ष में अत्यंत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।यह सिर्फ एक त्यौहार (Festivals in Hindi) नहीं बल्कि हमारी परंपराओं का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की आरती उतारती है, उन्हें तिलक लगाती है, कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है जिसके बदले में भाई अपनी बहन को उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार(Festivals in Hindi) भगवान विष्णु के, श्री कृष्ण के रूप में मनाया जाता है हिंदुओं का यह त्यौहार(Festivals in Hindi) जुलाई-अगस्त के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन मनाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार कृष्ण का जन्म मथुरा के असुर राजा कंस का अंत करने के लिए हुआ था। जन्माष्टमी के अवसर पर महिला व पुरुष दोनों ही उपवास रखकर प्रार्थना करते हैं। उत्तर प्रदेश के वृंदावन के मंदिरों में इस अवसर पर खर्चीले व रंगारंग समारोह आयोजित किए जाते हैं इस त्यौहार (Festivals in Hindi) को कृष्णअष्टमी व गोकुलाष्टामि के नाम से भी जाना जाता है।
लोहड़ी पंजाबी लोगों का एक प्रसिद्ध त्योहार (Festivals in Hindi) है। यह त्योहार मकर सक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है वैसे तो यह त्योहार (Festivals in Hindi) संपूर्ण भारत में मनाया जाता है लेकिन विशेष रूप से इसे उत्तर भारत में पंजाब हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली उत्तर प्रदेश, जम्मू और उत्तराखंड जैसे राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन परिवार और आस पड़ोस के लोग रात्रि में खुले स्थान पर जमा होकर आग के किनारे गोला बनाकर नाचते हैं और आग में रेवड़ी,मूंगफली आदि मिठाइयां सेक कर खाते हैं।
क्रिसमस ईसाइयों का सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है। इसे ईसाई धर्म के अलावा दूसरे धर्म के लोग भी उत्साह के साथ मनाते हैं। इस त्योहार को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, इस दिन को बड़ा दिन भी कहा जाता है। यह त्योहार हर साल 25 दिसंबर को संपूर्ण विश्व में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस (Festivals in Hindi) के दिन चर्च को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है और शाम को प्रार्थनाएं करके केक काटा जाता है।
ईद-उल-फितर, ईद-उल-जुहा, सब-ए-बारात, मोहरम, बरबाफत आदि मुसलमानों के प्रमुख त्योहार (Festivals in Hindi) हैं। ईद का मतलब ही खुशी है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार रमजान के पाक महीने के बाद चांद दिखाई देने पर ईद मनाई जाती है। ईद उल फितर पूरी दुनिया में सामूहिक रूप से मनाया जाता है। इस दिन मस्जिदों में विशेष नमाज होती है।
सिख धर्म के अनुयायियों के लिए, गुरु नानक जयंती सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह सिख समुदाय को आकार देने और मजबूत करने के लिए है। गुरु नानक जयंती सबसे प्रमुख सिख त्योहारों में से एक है जिसे उनके पहले गुरु, गुरु नानक के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक ने सिख समुदाय को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसलिए इस दिन उन्हें याद किया जाता है। कुछ सिख समुदायों का मानना है कि गुरु नानक का जन्म कार्तिक की पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी जयंती मनाई जाती है।
रामनवमी भगवान श्रीराम की स्मृति को समर्पित है। रामनवमी के दिन श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिरों में जाते हैं और श्रीराम की प्रशंसा में भक्ति पूर्ण भजन गाते हैं तथा उनके जन्मोत्सव को मनाने के लिए मूर्तियों को पालने में भी झुलाते हैं। इस महान राजा की कहानी का वर्णन करने के लिए काव्य तुलसी रामायण से पाठ किया जाता है। भगवान राम का जन्म स्थान अयोध्या,रामनवमी त्योहार (Festivals in Hindi) के महान अनुष्ठान का केंद्र बिंदु होता है। भगवान राम, सीता, लक्ष्मण व भक्त हनुमान की रथयात्रा बहुत से मंदिरों से निकाली जाती है और सभी हिंदू घरों में भी रामनवमी की पूजा की जाती है।
ओणम केरल का त्योहार है। आमतौर पर हर साल अगस्त और सितंबर के महीने में आता है। ओणम को थिरुवोणम का त्योहार भी कहा जाता है । यह एक फसल उत्सव भी है और मलयालम कैलेंडर के अनुसार 22 वें नक्षत्र पर आता है। ओणम त्यौहार मलयालम लोगों का प्रसिद्ध त्यौहार है। ओणम का उत्सव केरल की परंपराओं और संस्कृति को सबसे अनोखे तरीके से दर्शाता है। केरल में ओणम त्योहार हिंदुओं के लिए एक बहुत महत्व रखता है, लेकिन इस अवसर का हर धर्म द्वारा आनंद लिया जाता है।
भारत अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। भारत के उत्तर से दक्षिण की ओर और पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए, आप विभिन्न और अनूठी संस्कृतियों और परंपराओं से रूबरू होंगे। मकर संक्रांति का उत्सव, जिसे भारतीय राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, लेकिन संक्षेप में, एक ही विचारों का उत्सव है। मकर संक्रांति एक हिंदू हार्वेस्ट फेस्टिवल है जो सूर्य देव यानी सूर्य देव को समर्पित है। मकर संक्रांति का त्योहार भी सर्दियों के महीनों के बाद वसंत का स्वागत करने का एक तरीका है। यह आमतौर पर 14/15 जनवरी को हिंदू महीने मकर की शुरुआत के साथ मनाया जाता है और उत्सव में पतंगबाजी, अलाव, मेले, नदी में सूर्य पूजा आदि शामिल है।
- मकर संक्रांति का उत्सव सूर्य भगवान को समर्पित है ताकि उन्हें कृषि के लिए धन्यवाद दिया जा सके जिससे उन्होंने दुनिया को समृद्ध किया है। इसके अलावा, सूर्य दुनिया में मौजूद अच्छाई को गले लगाने और अंधेरे या बुराई को दूर करने का प्रतीक है।
- मकर संक्रांति एक शुभ अवधि यानी वसंत की शुरुआत का प्रतीक है।
- यह भी माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन दुनिया दिव्य चेतना से भरी होती है और एकता और भलाई सुनिश्चित करने के लिए इस पक्ष को अपनाया जा सकता है।
- मकर संक्रांति पर पतंगबाजी साल भर की सबसे लोकप्रिय गतिविधियों में से एक है, जहां लोग अपने घरों की छतों पर या विस्तृत खेल के मैदानों पर रंगीन और विशिष्ट रूप से डिजाइन की गई पतंग उड़ाते हैं।
- मकर संक्रांति पर, लोग अपने पिछले कार्यों के लिए क्षमा मांगने के लिए पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं।
- तिल की मिठाई जो मकर संक्रांति पर खाई जाती है, एकता, आनंद और आंतरिक आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है।
भाई दूज का शाब्दिक अर्थ दो शब्दों भाई और दूज से मिलकर बना है। ‘भाई’ का अर्थ है भाई और ‘दूज’ अमावस्या के निकलने का दूसरा दिन है। यह दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है। इसे भाई दूज (उत्तरी भारत), भाऊ बीज (महाराष्ट्र और गुजरात में) या भाई फोंटा (बंगाल) भी कहा जाता है। इस दिन भारतीय महिलाएं अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशियों के लिए प्रार्थना करती हैं। बहनें अपने भाइयों की सलामती की प्रार्थना करते हुए उनके माथे पर तिलक लगाती हैं। बदले में पुरुष अपनी बहनों को उपहार देते हैं।
ओणम और पोंगल दक्षिण भारत के प्रमुख फसल उत्सव हैं जो क्रमशः अगस्त-सितंबर और जनवरी में मनाए जाते हैं। इसके अलावा, केरल में नेहरू ट्रॉफी रेस एक लोकप्रिय त्योहार है जिसमें प्रतियोगिता देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक आते हैं। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक हम्पी महोत्सव है। भारत में ये उत्सव कर्नाटक में आयोजित किए जाते हैं और संगीत, नृत्य, नाटक और कला के माध्यम से संस्कृति और इतिहास का सार प्रदर्शित करते हैं।
Festivals in Hindi जानने के साथ ही भारतीय त्योहारों का महत्व समझना जरूरी है। भारतीय त्योहारों को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है और हर एक त्योहार खास महत्व के साथ मनाया जाता है। हमारे देश में आएदिन कोई-न-कोई त्योहार पड़ता ही रहता है। ये त्योहार धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक होते हैं। इन सभी प्रकार के त्योहार का कुछ न कुछ विशिष्ट अर्थ और महत्त्व होता है।
इन त्योहार का महत्व समाज और राष्ट्र की एकता, प्रेम-एकता, मेल-मिलाप के दृष्टि से है। भारतीय त्योहार (Festivals in Hindi) समय-समय पर हमारे अंदर सामाजिक-समानता लाते हैं।
त्योहार का रूप बड़ा हो या छोटा या किसी एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित हो, चाहे सम्पूर्ण समाज और राष्ट्र को प्रभावित करने वाला हो, यह देश के सभी संप्रदाय को एक साथ जोड़ देता है जैसे विभिन्न रंगों के फूलों को एक माला में पिरो दिया गया हो।
धार्मिक एवं सामाजिक पर्वों के अतिरिक्त भी हमारे राष्ट्रीय पर्व जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस , गांधी जयंती आदि पूरे भारतवर्ष में हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
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हिंदू लोग होली, दीपावली, रक्षाबंधन तथा दशहरा के त्योहार मनाते हैं । भारत में असम में बिहू, तमिलनाडु में पोंगल, केरल में ओणम, उत्तर भारत, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में बैसाखी आदि का त्योहार फसलों की कटाई के समय मनाए जाते हैं ।
हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दीवाली (Deepawali) है। इसे रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है क्योंकि ‘दीपावली’ का अर्थ होता है ‘दीपों की माला’।
गणतंत्र दिवस, स्वतंत्र दिवस और गांधी जयंती राष्ट्रीय त्योहार हैं।
भारत का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली माना जाता है।
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