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10+ मेरा परिचय निबंध – Myself Essay in Hindi

Myself Essay in Hindi : आज हम मेरा परिचय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 और 10 के विद्यार्थियों के लिए है. अक्सर विद्यार्थियों को परीक्षाओं में स्वयं पर निबंध या परिचय देने के लिए निबंध लिखने को कहा जाता है.

स्वयं पर निबंध लिखने में कठिनाई होती है और कई बार विद्यार्थी अपना परिचय देने में हिचकते है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए यह निबंध अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है.

Myself Essay in Hindi

Get Some Essay on Myself Essay in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 and 10 Students.

Best Myself Essay in Hindi 100 Words

मेरा नाम प्रवीण कुमार है मैं गाजियाबाद शहर का रहने वाला हूं. मैं कक्षा 5 में पढ़ता हूं मेरे स्कूल का नाम गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल है.

मेरे पिताजी का नाम श्री विलास राय है और माता जी का नाम रुकमणी देवी है हमारे घर में कुल 6 सदस्य है. मेरी दिनचर्या काफी सरल है.

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मैं सुबह 5:00 बजे उठकर कॉलोनी के पार्क में पिताजी के साथ घूमने चला जाता हूं. उसके बाद में स्कूल जाता हूं वहां पर मैं मन लगाकर पढ़ाई करता हूं सभी सहपाठी और शिक्षक गण मुझे बहुत पसंद करते है. मैं हर बार कक्षा में अव्वल आता हूं.

मुझे बैडमिंटन और क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है और स्कूल में होने वाली सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेता हूं. मैं हमेशा सत्य बोलता हूं और सदैव दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करता हूं.

Mera Parichay Essay in Hindi 250 words

मेरा नाम प्रिया जांगिड़ है मैं राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में रहती हूं जिसको गुलाबी नगरी भी कहा जाता है. मेरे पिताजी का नाम श्री शिवकुमार है और माता जी का नाम मीना देवी है. हमारे घर में कुल 4 सदस्य हैं जिसमें मैं मेरे पिताजी माताजी और मेरा एक छोटा भाई है.

मेरा घर आर्य कॉलोनी में स्थित है यहां पर रहने वाले सभी लोग बहुत ही अच्छे है. मैं कक्षा चार की छात्रा हूं मेरे स्कूल का नाम विवेकानंद पब्लिक स्कूल है. मैं सुबह सूर्य उदय से पहले उठ जाती हूं सभी जरूरी कार्य करने के पश्चात में मां के साथ मंदिर जाती हूं.

इसके बाद में स्कूल में पढ़ाई गए पाठ को फिर से पढ़ती हूं. मैं प्रतिदिन स्कूल में जाती हूं वहां की सभी अध्यापक – अध्यापिकाए बहुत अच्छे है, वे प्रतिदिन हमें नई शिक्षा देते है और कई बार तो रोचक और ज्ञानवर्धक कहानियां भी सुनाते है.

मेरे सहपाठी भी बहुत अच्छे है. हर बार में कक्षा में अव्वल आती हूं. मुझे चित्रकारी करना, गाना गाना, खाना बनाना, नृत्य करना बहुत पसंद है. मैं बहुत ज्यादा जिज्ञासु हूं इसलिए मुझे नई-नई चीजें सीखना बहुत पसंद है.

मैं हमेशा सच बोलती हूं और अपने सभी कार्य समय पर करती हूं. स्कूल से आने के बाद में खाना खाती हूं. कुछ समय बाद ट्यूशन टीचर आकर मुझे पढ़ाते है. इसके बाद स्कूल में दिया गया होमवर्क करती हूं.

शाम को कॉलोनी के बगीचे में मैं और मेरे दोस्त सभी मिलकर खेलते है. इसके बाद में जल्दी भोजन कर के सो जाती हूं क्योंकि जल्दी सोना और जल्दी उठना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है.

Myself Essay in Hindi 600 Words

मेरा नाम रवि कुमार है मेरे पिताजी का नाम रमेश अग्रवाल है और माता का नाम श्रीमती दुर्गा देवी है मैं कक्षा 8 का विद्यार्थी हूं और मेरे स्कूल का नाम विद्यासागर सीनियर सेकेंडरी स्कूल है.

हम दिल्ली शहर में रहते है लेकिन हमारा फैसला गांव उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित है. हमारे घर में कुल 7 सदस्य है. मैं मेरे माता-पिता, दादा-दादी और दो छोटे भाई बहन है. मेरे दादा-दादी हमारे साथ नहीं रहते हुए हमारे पैतृक गांव में ही रहते है.

मैं प्रातः सूर्योदय से पहले करीब 5:00 बजे उठ जाता हूं फिर मैं अपने नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर कॉलोनी के पास बनी पार्क में घूमने के लिए चला जाता हूं. वहां पर अन्य लोग भी कई प्रकार की क्रियाएं करते रहते हैं जैसे कुछ लोग योगा और एक्सरसाइज तो कुछ युवा लोग आर्मी की तैयारी के लिए तेज दौड़ लगाते है.

पार्क में कुछ बुजुर्ग लोग भी आते है जिनको मैं रोज प्रणाम करता हूं और वे भी मुझे बहुत ही स्नेह प्रदान करते है उनसे बहुत कुछ अच्छी बातें सीखने को मिलती है.

इसके पश्चात मन कर चला जाता हूं और नहाकर स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाता हूं मेरी माता जी मेरे लिए सुबह का नाश्ता तैयार कर देती है पिताजी और मैं साथ में नाश्ता करते हैं क्योंकि पिताजी को भी कार्यालय में जाना होता है.

कुछ समय बाद स्कूल बस मुझे लेने आती है और मैं उसने बैठकर चला जाता हूं. विद्यालय पहुंचने पर में सबसे पहले ही पहले के मंदिर जाकर मां सरस्वती को प्रणाम करता हूं फिर स्कूल की प्रार्थना होती है. मेरी कक्षा की सभी विद्यार्थी बहुत ही होनहार और अच्छे है.

सभी शिक्षक गण मुझे जानते है क्योंकि मैं हर बार कक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होता हूं और मैं वार्षिक उत्सव, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, वाद-विवाद प्रतियोगिता, खेलकूद इत्यादि सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेता हूं. कुछ दिनों पहले हुई निबंध प्रतियोगिता में मुझे प्रथम स्थान मिला था.

विद्यालय के सभी शिक्षक गण बहुत अच्छे है वह हमें अच्छी शिक्षा देते है और कभी कभी पढ़ाई का टेंशन कम करने के लिए हमें ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाते है और कभी खेलने के लिए भी ले जाते है.

विद्यालय से 1:00 बजे हमारी छुट्टी हो जाती है. घर आकर में मुंह हाथ धोकर खाना खाता हूं इसके बाद थोड़ी देर में टीवी देखता हूं. शाम 4:00 बजे में फिर से पढ़ाई करने के लिए बैठ जाता हूं इस समय मैं स्कूल मैं दिया गया हूं होमवर्क करता हूं.

करीब 5:00 बजे के लगभग मैं और मेरी दोस्त पास ही के मैदान में खेलने के लिए चले जाते है और खूब मस्ती करते है.

मुझे क्रिकेट, फुटबॉल और बैडमिंटन खेलना, संगीत सुनना बहुत पसंद है साथ ही मुझे लिखने का भी बहुत शौक है मैं छोटी कविताएं और चुटकुले लिखता हूं. मुझे डांस करना भी बहुत पसंद है इसलिए जब भी स्कूल की छुट्टियां पड़ती है तो मैं डांस सीखने के लिए भी जाता हूं.

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11 thoughts on “10+ मेरा परिचय निबंध – Myself Essay in Hindi”

Kffivdt bi ni kr rhi hu to write a popular dandia urd ki baat nhi hai na to write it to write it down for the secret thank god bless👼🙏❤ u still have done💯 it not a fan of our relationship💏

It’s nice but there are something that are not so much important . It can be better .

Thank for suggestion

I want my self in Hindi

The secret of success is hard work

Nice thought

No its not nice its very nice

Thank you AASTHA

This is too small I want little big of 5 pages please suggest 1 in hindi 5 pages

Dear Sairaj, We will try to write big essay soon thanks.

You can add more with your thoughts I guess 💭🤔

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मेरा परिचय पर निबंध 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे (Myself Essay in Hindi) 10 Lines

essay on myself in hindi for class 6

myself essay in Hindi – अपना परिचय देना अपने आप में दिलचस्प होने के साथ-साथ सबसे मुश्किल काम भी हो सकता है। हम सभी अद्वितीय हैं और अपने गुणों को अधिक मज़बूती से खोजने के लिए अपने बारे में लिखना एक अनिवार्य पहलू है। अपने गुणों की खोज करने से हमें अपने बारे में जानने में बहुत मदद मिलती है। यह किसी के व्यक्तित्व के निर्माण का एक अनिवार्य तत्व है। हालांकि, उन्हें दुनिया के साथ साझा करना क्षमता की बात है।

myself essay in Hindi – मनुष्य निंदक के लिए प्रवृत्त होते हैं, और बहुत बार हम अपने नकारात्मक गुणों को एक उच्च नोट पर प्रतिबिंबित करके खुद को नीचे खींचते हैं। हमें वास्‍तव में जो करने की आवश्‍यकता है, वह यह है कि हमने जिन चीजों के बारे में योजना बनाई है और जिन चीजों की हम आशा कर रहे हैं, उन पर अधिक चिंतन करें। कोई अपनी मेधावी क्षमताओं का पता लगाने का विकल्प चुन सकता है, जो शौक विकसित करने से लेकर पॉलिश की गई प्रतिभाओं तक हो सकती है। यह बदले में आपके द्वारा अपने लिए निर्धारित किसी भी लक्ष्य के प्रति आपकी प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए भी काम करेगा।

अपने बारे में 10 वाक्य लिखो (myself essay 10 lines in Hindi)

मेरा परिचय हिंदी में 10 लाइनें नीचे दी गई है

  • 1) मेरा नाम अमन रानाडे है, और मेरी उम्र 8 साल है।
  • 2) मैं चौथी कक्षा में बीएवी पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूं।
  • 3) मेरे पिता का नाम श्री रामू रानाडे और माता का नाम श्रीमती उमा रानाडे है।
  • 4) मेरी एक छोटी बहन है जो उसी स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ती है।
  • 5) मुझे कार्टून देखना पसंद है, और मेरा पसंदीदा कार्टून चरित्र डोरेमोन है।
  • 6) मुझे आउटडोर गेम खेलना भी पसंद है, और मुझे अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना पसंद है।
  • 7) मैं एक बहुत ही ईमानदार और आज्ञाकारी लड़का हूँ और अपने माता-पिता और शिक्षकों के सभी निर्देशों का पालन करता हूँ।
  • 8) मैं नियमित रूप से अपना गृहकार्य पूरा करता हूँ और मुझे कभी स्कूल नहीं जाने देता।
  • 9) मैं हमेशा अपने बड़ों का सम्मान करता हूं और उनकी सलाह का सख्ती से पालन करता हूं।
  • 10) मैं हमेशा अपने माता-पिता के साथ खेलने के बाद सभी खिलौनों को सही जगह पर रखकर उनकी मदद करने की कोशिश करता हूं।

अपने बारे में 20 वाक्य लिखो (myself essay 20 lines in Hindi)

  • 1) मेरा नाम अमन है और मेरी उम्र 13 साल है।
  • 2) मैं कुर्ला डिवीजन में उपनगरीय मुंबई में अपने परिवार के साथ रहता हूं।
  • 3) मेरे पिता एक बहुराष्ट्रीय फर्म में काम करते हैं, और मेरी माँ एक गृहिणी हैं।
  • 4) मेरे माता-पिता दोनों सप्ताह में पाँच दिन अपने कार्यक्रम में बहुत व्यस्त हैं।
  • 5) सप्ताहांत मनोरंजन के लिए हैं, और हम सप्ताहांत पर पिकनिक पर जाते हैं।
  • 6) मेरा शौक क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना है।
  • 7) मैं सुबह जल्दी उठता हूँ ताकि समय पर स्कूल पहुँच जाऊँ।
  • 8) सुबह मुझे ज्यादा ट्रैफिक का सामना नहीं करना पड़ता है, जबकि लौटने पर ट्रैफिक थोड़ा व्यस्त हो जाता है।
  • 9) जब मैं घर पर दोपहर का भोजन करता हूं, तो कुछ देर आराम करता हूं और अपनी पढ़ाई शुरू करता हूं।
  • 10) जब मेरे पिता अपने कार्यालय से लौटते हैं तो हम हमेशा साथ में खाना खाते हैं।
  • 11) मेरा नाम राहुल चिनप्पा है, और मेरी उम्र 15 साल है।
  • 12) मैं अपने माता-पिता और बड़ी बहन के साथ चेन्नई में रेलवे स्टेशन के पास रहता हूँ।
  • 13) मेरे पिता एक व्यवसायी हैं और परिवार चलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
  • 14) मेरी माँ घर और परिवार के सदस्यों की ज़रूरतों की देखभाल करती है।
  • 15) मेरे घर का अपना एक छोटा सा बगीचा है, जिसमें तरह-तरह के फूल हैं।
  • 16) छुट्टियों के दौरान, हम अपने दादा-दादी से मिलने जाते हैं, जो हमारे पैतृक गाँव में रहते हैं।
  • 17) चेन्नई की जलवायु गर्मियों में गर्म और आर्द्र हो जाती है।
  • 18) चेन्नई एक तटीय क्षेत्र है, इसलिए चेन्नई की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में समुद्र मुख्य भूमिका निभाता है।
  • 19) चेन्नई एक महानगरीय शहर है जहां विभिन्न जातीय और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोग रहते हैं।
  • 20) मैं अपने शहर और उसके लोगों से प्यार करता हूं क्योंकि वे मेरी पहचान और मेरा गौरव हैं।

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खुद पर निबंध 100 शब्द (myself essay 100 words in Hindi)

मेरा नाम ओल्विया है और मेरी उम्र 7 साल है। मेरा जन्मदिन 11 अप्रैल को है। मेरी 1 बड़ी बहन और 1 छोटा भाई है। मैं अपने माता-पिता, भाई-बहनों और अपने दादा-दादी के साथ बंगलौर में रहता हूँ। मैंने कैंडी नाम का एक पालतू कुत्ता पाला है जो 1 साल का है। हर सुबह उठने के बाद, मैं अपने पालतू जानवर को टहलने के लिए ले जाऊँगा। उसके बाद मैं फ्रेश हो जाऊंगा और अपने स्कूल के लिए तैयार हो जाऊंगा। स्कूल जाने से पहले मैं अपना बैग और टिफिन पैक कर लूंगा। स्कूल का समय समाप्त होने के बाद, मैं अपना समय अपने दोस्तों के साथ खेलने में बिताऊंगा। शाम को मैं अपना पसंदीदा कार्टून कुंग फू पांडा देखूंगा। उसके बाद, मैं अपना होमवर्क पूरा करूंगा और अपने परिवार के साथ डिनर करूंगा। रात के खाने के बाद, मैं अपनी दादी द्वारा सुनाई गई सोने की कहानियाँ सुनूँगा। मैं हमेशा खुश और शांतिपूर्ण माहौल में प्यार करता हूं।

मेरा परिचय निबंध 150 शब्द (myself essay 150 words in Hindi)

मेरा नाम रैंड है मैं एबीसी स्कूल, बैंगलोर में पढ़ रहा हूँ। मेरा जन्म और पालन-पोषण बैंगलोर में हुआ था और मुझे बैंगलोर शहर बहुत पसंद है। मैं अपने माता-पिता के साथ रहता हूं और मैं अपने माता-पिता से बहुत प्यार करता हूं। मेरी सबसे अच्छी दोस्त का नाम टीना है और हम दोनों एक ही स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं। 

मुझे उसके साथ समय बिताना अच्छा लगता है। मेरे पसंदीदा कार्टून चरित्र टॉम एंड जेरी हैं और मुझे शो देखना बहुत पसंद है। मुझे हरे पौधे बहुत पसंद हैं, इसलिए मेरा पसंदीदा रंग हरा रंग है। मैं अपना ज्यादातर समय शतरंज खेलने और किताबें पढ़ने में देता हूं। मेरा शौक नाचना और गाना है। मेरी महत्वाकांक्षा डॉक्टर बनने और गरीब लोगों की सेवा करने की है। मैं एक डॉक्टर बनने का सपना देखता हूं और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए एक बहुत बड़ा अस्पताल बनाना चाहता हूं। मुझे अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ, स्वस्थ और खुश रखना अच्छा लगता है।

खुद पर निबंध 200 शब्द (myself essay 200 words in Hindi)

हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और दादा-दादी से जुड़े हुए हैं। मेरे पास दोस्तों का एक समूह है लेकिन सनिका मेरी सबसे अच्छी और सच्ची दोस्त है।

मैं उसके साथ कुछ भी साझा कर सकता हूं और वह भी हम एक ही स्कूल में पढ़ते हैं लेकिन अलग-अलग कक्षाओं में। मुझे स्कूल के समय के बाद बस में अपने दोस्तों को चुटकुले सुनाना अच्छा लगता है।

मेरा एक अनोखा परिवार है। मेरे परिवार के सभी सदस्य व्यापक और खुले विचारों वाले हैं। वे हमेशा मुझे हर क्षेत्र में अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

वे मुझे कभी पीछे नहीं खींचते और हमेशा मुझे प्रेरित करते हैं। मैं इस परिवार में जन्म लेकर बहुत खुश हूं।

मेरा परिवार एक क्रॉस-सांस्कृतिक विस्तारित परिवार है जहाँ मेरे चाचा, चाची, दादा-दादी, चचेरे भाई आदि एक साथ रहते हैं।

मैं अपने परिवार के साथ बहुत अच्छा समय बिताता हूं क्योंकि हम हर त्योहार एक साथ मनाते हैं। मैं घर के अन्य बच्चों को हर दिन घर के काम करने में मदद करता हूं।

खुद पर निबंध 250 शब्द (myself essay 250 words in Hindi)

मेरा नाम रानी है लेकिन मेरे पालतू जानवर का नाम सारा है। मेरे माता-पिता और दादा-दादी आमतौर पर मुझे मेरे पालतू नाम से बुलाते हैं। मेरे माता-पिता मेरे स्वास्थ्य के प्रति बहुत सचेत हैं।

वे मुझे हर सुबह 5 बजे जगाते हैं और मुझसे सभी दैनिक दिनचर्या करने के लिए कहते हैं। मेरी माँ मुझे रोज सुबह एक सेब देती हैं और एक घंटे के बाद स्वस्थ नाश्ता करती हैं।

मैं स्कूल बस से सही समय पर स्कूल जाता हूँ। मुझे कभी देर नहीं होती है मेरा स्कूल सुबह 8 बजे शुरू होता है और दोपहर 2 बजे समाप्त होता है।

मेरी माँ मुझे नाश्ते के लिए स्वस्थ फल और दोपहर के भोजन के दौरान स्वस्थ भोजन देती हैं। मैं 8वीं कक्षा में पढ़ता हूं। मेरे स्कूल का नाम शिवाजी महाराजा जूनियर पब्लिक स्कूल है।

मैं 13 साल का हूं और अपने माता-पिता के साथ गाजियाबाद में रहता हूं। मैं नृत्य और पियानो कक्षाओं में शामिल हुआ क्योंकि मुझे नृत्य और पियानो सीखना पसंद है।

मैं अपने दोस्तों और अपने प्यारे माता-पिता और दादा-दादी के साथ घर पर अपने स्कूल के समय का पूरा आनंद लेता हूं। मेरे अच्छे पड़ोसी हैं, वे एक-दूसरे को समझते हैं और कभी झगड़ा नहीं करते।

मुझे पिकनिक बहुत पसंद है और हम सभी सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में पिकनिक की योजना बनाते हैं। मैं अपने स्कूल में बहुत अच्छा छात्र हूँ।

मैं स्कूलों की सभी पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेता हूं और अच्छा प्रदर्शन करता हूं। मैं अकादमिक और खेल गतिविधियों में बहुत अच्छा हूं।

मेरे स्कूल में एक बड़ा बगीचा है और एक बड़ा खेल का मैदान खेल के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करता है। मेरे विद्यालय में स्वस्थ, अच्छा और शांतिपूर्ण वातावरण है।

खुद पर निबंध 300 शब्द (myself essay 300 words in Hindi)

मेरा नाम सुनील है; मैं दिल्ली में 9वीं कक्षा में पढ़ता हूं। मैं एक स्व-प्रेरित छात्र हूं जो हमेशा अपने स्कूल के दोस्तों को प्रेरित करना और उनके कठिन समय में उनकी मदद करना पसंद करता है।

मैं अपने स्कूल में एक होनहार छात्र हूं और अकादमिक और खेल गतिविधियों में अच्छा करता हूं। मैं किसी भी तनावपूर्ण स्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हूं।

मैं अपने स्कूल में एक बहुत ही कुशल और ज्ञानी छात्र हूँ, बहुत मेहनत से लम्बे समय तक पढ़ाई करता हूँ। मैंने अपना गृहकार्य और कक्षा का काम कभी अधूरा नहीं छोड़ा और सोने से पहले खत्म करना पसंद किया।

मेरी अच्छाई और समय की पाबंदी के कारण मेरे शिक्षक मुझे बहुत पसंद करते हैं। मैं कभी नहीं थकता और कड़ी मेहनत करता हूं क्योंकि मेरे माता-पिता हमेशा मेरा ख्याल रखते हैं, वे हमेशा मेरे स्वास्थ्य और आहार के प्रति सचेत रहते हैं।

मेरे शैक्षणिक कार्यकाल के कारण, मुझे हमेशा अच्छे अंक और ग्रेड मिलते हैं। मैं अपने विद्यालय में एक योग्यता छात्रवृत्ति धारक हूँ।

मैं अपने स्कूल में कंप्यूटर बहुत अच्छी तरह से सीखता हूँ और कंप्यूटर के बारे में सब कुछ जानता हूँ। मैं सब कुछ अपने संगठित कार्य के अनुसार करता हूं।

मैं अपने किसी भी कार्य से कभी नहीं बचता, चाहे वह घर पर हो या स्कूल में। मैं हमेशा अपने माता-पिता का सम्मान करता हूं और अपनी मां को उनके घर के कामों में और अपने पिता को उनके ऑफिस प्रोजेक्ट्स में मदद करता हूं।

मैं अपनी मां की तारीफ और व्यंजनों को साझा करता हूं। मैं अपने कमरे को हमेशा साफ रखता हूं और हर रविवार को आकर्षक ढंग से सजाता हूं।

मैं अपने और अपने परिवार के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझता हूं। मैं हमेशा अपने दिलचस्प चुटकुलों और अच्छी बातचीत के जरिए अपने दोस्तों और सहपाठियों को खुश करने की कोशिश करता हूं।

मैं उन्हें उनकी मुश्किलों से उबारने के लिए सलाह और सुझाव देने के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। मुझे लड़की से बहुत सहानुभूति है और मैं अपनी कॉलोनी में या रास्ते में बूढ़े लोगों और बच्चों का समर्थन करने की कोशिश करता हूं।

  • My Best Friend Essay
  • My School Essay
  • pollution Essay
  • Essay on Diwali
  • Global Warming Essay
  • Women Empowerment Essay
  • Independence Day Essay
  • My Hobby Essay
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  • Air Pollution Essay
  • Importance Of Education Essay
  • My Favourite Teacher Essay

खुद पर निबंध 500 शब्द (myself essay 500 words in Hindi)

इस धरती पर सात अरब लोग हैं, और हर कोई बाकियों से अलग है। इस दुनिया में बिना उद्देश्य के कुछ भी नहीं है। हर चीज का कोई न कोई मकसद होता है। मनुष्य सबसे अच्छी रचना है, और प्रत्येक व्यक्ति अनन्य है। इस प्रकार, अपने बारे में लिखते हुए, मैं यहां अपने आप को व्यक्त करने के लिए हूं कि मैं क्या देखता हूं, मैं क्या अनुभव करता हूं और मैं अपने जीवन के लिए क्या योजना बनाता हूं। मैं खुद को विनम्र, भावुक, समर्पित, मेहनती और ईमानदार बनने की कोशिश करता हूं।

मेरा परिवार और मेरा बचपन

मैं बिहार के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं, मैं नरेश शुक्ला हूं। इस दुनिया में कोई भी परिवार और दोस्तों के समर्थन के बिना नहीं आता है। दरअसल, आप जो कुछ भी होंगे वो सिर्फ आपके परिवार की वजह से है। मेरे पिता हमारे समुदाय में एक सम्मानित व्यवसायी हैं।

मेरी मां एक डॉक्टर है। वे दोनों अपने व्यवसाय से प्यार करते हैं। यही मैंने अपने माता-पिता से समय का मूल्य, ईमानदारी, कड़ी मेहनत और उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में सीखा है।

हम तीन भाई-बहन हैं। सबसे बड़ा होने के नाते मैं अपने भाइयों और बहनों में से सबसे अधिक उत्तरदायी हूं। मैं अपने अन्य भाई-बहनों का मार्गदर्शन और देखभाल करना चाहता हूं। हम सब एक ही स्कूल में हैं। पढ़ना मेरा जुनून है।

मैं उपन्यासों और इतिहास की किताबों का उत्सुक पाठक हूं क्योंकि मुझे भारतीय इतिहास और शास्त्रीय वास्तुकला में गहरी दिलचस्पी है। मुझे प्राचीन भारत के समृद्ध इतिहास और सभ्यता का उल्लेख करने वाली किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। बचपन से मैं अपनी दादी माँ की कहानियाँ सुनता था और इसका मुझ पर लंबे समय तक प्रभाव रहता है।

मेरी शिक्षा

मैं अपने शहर के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ रहा हूँ। मैं इस समय 10वीं कक्षा में हूँ। अच्छे दोस्तों, मददगार और प्यार करने वाले शिक्षक और अच्छे स्कूल प्रशासन के साथ इस महान स्कूल का हिस्सा बनकर मुझे खुशी हो रही है। मेरे पास कुछ विषयों में असाधारण कौशल है जबकि कुछ में मैं बहुत कमजोर हूं।

मेरी शक्तियां

पढ़ाई की तुलना में मैं खेलकूद में अच्छा हूं। इसलिए मैं अपनी कक्षा फुटबॉल टीम का कप्तान हूं। मैं अपने स्कूल का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ी हूं। इसके अलावा, मैं एक तेज धावक भी हूं और मुझे एथलेटिक्स पसंद है। मैं विशेषज्ञ तैराकी में हूं।

मेरे माता-पिता की सलाह का मेरी आदतों पर गहरा प्रभाव पड़ा। मैं सच बोलने में विश्वास रखता हूं और पूरी कोशिश करता हूं कि झूठ न बोलूं। मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे सलाह दी कि अगर मैं कोई गलती करता हूं, तो मुझे उसे स्वीकार करना चाहिए। मैं ऐसा करने की पूरी कोशिश करता हूं। मैं हर हाल में खुश रहना जानता हूं। क्योंकि मेरा मानना ​​है कि: “खुशी बाहर नहीं है; यह आप में है।”

मैं भी बहुत साहसी व्यक्ति हूं और जोखिम उठाना पसंद करता हूं। पुरानी चीजों को बार-बार करने के अलावा मुझे क्रिएटिव काम करना अच्छा लगता है। नई चीजें सीखना एक ऐसी चीज है जिसका मैं हमेशा आनंद लेता हूं। मैं हमेशा खुद को खबरों से अपडेट रखता हूं।

इसके साथ ही मुझे कुछ बाल पत्रिकाएं पढ़ने का भी शौक है जिनमें अलग-अलग प्रेरक कहानियां हैं। उन्होंने मुझे एक उच्च नैतिक पाठ पढ़ाया। मैं बहुत आत्मविश्वासी व्यक्ति हूं और बात करना जानता हूं। मैं हमेशा हर व्यक्ति से उसकी आवश्यकता के अनुसार बात करने की कोशिश करता हूं इसलिए मैं लोगों को समझता हूं।

मेरी कमजोरियां

जैसे हर आदमी में कमजोरियां होती हैं, वैसे ही उनमें भी कमजोरियां होती हैं। मैं कुछ जगहों पर थोड़ा आलसी हूं जो मुझे पसंद नहीं है। समय खेलने के दौरान मैं अपना काफी समय वहीं गुजारता हूं जो अच्छी आदत नहीं है, लेकिन मैं अपनी कमजोरियों को दूर करने की पूरी कोशिश करता हूं।

जीवन में मेरी महत्वाकांक्षाएं

जीवन में हर किसी की एक महत्वाकांक्षा होती है। लक्ष्य या महत्वाकांक्षा मनुष्य की आंतरिक अभीप्सा है। संसार में कोई भी मनुष्य बिना लक्ष्य के कुछ नहीं कर सकता। इसलिए, हम सभी को जीवन में अपने लक्ष्य के बारे में बहुत दृढ़ संकल्प होना चाहिए।

अच्छी करियर योजना के बिना, शुरुआत से ही, कोई भी सही रास्ते पर नहीं जा सकता है। व्यक्ति को अपने व्यापक करियर लक्ष्यों के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करने होते हैं।

मैंने जीव विज्ञान का अध्ययन किया है और मैं प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा में बैठूंगा। मैं एक अच्छा और ईमानदार छात्र बनने की कोशिश करूंगा। तब मैं एक योग्य चिकित्सक बनूंगा। मैं एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए वह सब कुछ करूंगा और इसके प्रति ईमानदार रहूंगा।

ये सभी चीजें हैं जो मुझे व्यक्त करती हैं। हालांकि वाक्यों के कुछ सेटों में किसी का वर्णन नहीं किया जा सकता है। अपने जीवन के बारे में कुछ भी लिखने से पहले व्यक्ति को स्वयं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है। जीवन अपने साथियों के लिए अच्छा करने के लिए उत्साह से और कल्पना के साथ जीने के लिए है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, मैंने हमेशा अपने लोगों की सेवा करने की इच्छा की है कि मैं जिस भी क्षमता से कर सकता हूं।

मेरा परिचय पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

निबंध ‘अबाउट माईसेल्फ’ में आप कौन सी चीजें लिख सकते हैं.

कुछ चीजें हैं जो आप निबंध लिखते समय अपने बारे में लिख सकते हैं। आप अपने शौक, प्रतिभा, शिक्षा और सपनों के करियर के बारे में लिख सकते हैं।

आप किसके बारे में लिख सकते हैं?

जब आप अपने बारे में लिख रहे होते हैं तो आप अपने परिवार के बारे में लिख सकते हैं क्योंकि परिवार आपको वह बनाता है जो आप आज हैं।

निबंध लिखना कैसे शुरू करें?

निबंध शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि लेख लिखना अपना परिचय देकर शुरू करना है।

आप अपने आप को बेहतर तरीके से कैसे व्यक्त कर सकते हैं?

अपने आप को व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका है अपने अनुभवों के बारे में लिखना।

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स्वयं पर निबंध (Myself Essay in Hindi)

स्वयं

प्रत्येक व्यक्ति अपने नज़र में हीरो होता है और संपूर्ण होता है। हर इंसान को ईश्वर ने खास बनाया है। लेकिन जब हम किसी से पहली बार मिलते हैं, तो वो हमें जानने के लिए हमसे हमारे बारे में ही पूछता है। अक्सर स्कूल-कॉलेज आदि में जब हमारा पहला दिन होता है, तो हमसे स्वयं के बारे में लिखने या बोलने को कहा जाता है। हर कोई अपने आप को अच्छी तरह जानता ही है, लेकिन उसे शब्दों और वाक्यों की शक्ल देना थोड़ा कठिन होता है। इसी कठिनाई को दूर करने का हमने प्रयास किया है।

खुद पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Myself in Hindi, Khud par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 – 300 शब्द).

मेरा नाम सारा है लेकिन मेरा निकनेम क्वीन है। आमतौर पर मेरे अभिभावक और दादा-दादी मुझे मेरे निकनेम से ही बुलाते हैं। मेरे माता-पिता मेरे स्वास्थ्य को लेकर बहुत फिक्रमंद रहते हैं। वो मुझे रोज सुबह 5 बजे उठा देते हैं और सभी रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने को कहते हैं।मेरा स्कूल सुबह 8 बजे शुरु होता है और दोपहर में 2 बजे खत्म होता है। मेरी माँ मुझे सुबह के समय फल और लंच ब्रेक के समय भोजन देती है।

मेरी जीवनचर्या

मैं छबिल दास जूनियर पब्लिक स्कूल के कक्षा 8 में पढ़ती हूँ। मैं 13 वर्ष की हूँ और अपने माता-पिता के साथ गाज़ियाबाद में रहती हूँ। मैंने डाँस और पियानो क्लासेज़ ज्वॉइन किया है क्योंकि मुझे डाँस और पियानो सीखना बहुत पसंद है। मुझे पिकनिक बहुत पसंद है और मैं सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में यात्रा पर जाती हूँ।

मेरा लक्ष्य

मैं स्कूल के सभी क्रियाकलापों में भाग लेती हूँ और अच्छा प्रदर्शन करती हूँ। मैं पढ़ाई और खेल क्रियाओं में बहुत अच्छी हूँ। मैं अपने स्कूल की बहुत अच्छी विद्यार्थी हूँ। मेरा लक्ष्य एक बेहतरीन डॉक्टर बनने का है और कुशलता से पीड़ितों की सेवा करना है।

मेरे स्कूल में एक बड़ाउद्यान है साथ ही एक बड़ा खेलने का मैदान भी है जिसमें खेल से जुड़ी सभी सुविधाएँ उपलब्ध है। मेरे स्कूल में प्यारा और शांतिपूर्ण माहौल है।

निबंध 2 (300 शब्द)

मेरा नाम सुलेखा है; मै दिल्ली में कक्षा में 9 में पढ़ती हूँ। मैं एक स्व-चालित और स्व-प्रोत्साहित विद्यार्थी हूँ। मैं हमेशा अपने दोस्तों को प्रोत्साहित करना पसंद करती हूँ और उनके कठिन समय में उनकी मदद करती हूँ। मैं अपने स्कूल की एक होनहार छात्रा हूँ और अकादमिक और खेल की सभी क्रियाओं में अच्छा प्रदर्शन करती हूँ। मैं किसी भी तनावपूर्ण स्थिति में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम हूँ। मैं अपने स्कूल में कौशलपूर्ण और ज्ञानपूर्ण विद्यार्थी हूँ। मैं अपने घर पर लंबे समय तक पढ़ाई करती हूँ। मैं कभी-भी अपने गृहकार्य और क्लास-वर्क को अधूरा नहीं छोड़ती और सोने से पहले उन्हें पूरा कर लेती हूँ। मेरी अच्छाई और समयनिष्ठता की वजह से मेरे टीचर्स मुझे बहुत पसंद करते हैं। मैं कभी थकती नहीं और हमेशा कड़ी मेहनत करती हूँ क्योंकि मेरे माता-पिता मेरा बहुत ध्यान देते हैं। वो मेरे स्वास्थ्य और खान-पान को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं।

मेरे अकादमिक में मैंने हमेशा अच्छे मार्क और ग्रेड प्राप्त किये। मैं अपने स्कूल में मेरिट स्कॉलर प्राप्त छात्रा हूँ। मैं अपने स्कूल में अच्छे से कम्प्यूटर सीखती हूँ और उसके बारे में सब कुछ जानती हूँ। मैं अपने सारे कार्य तय कार्यक्रम के अनुसार ही करती हूँ। मैं अपने किसी भी कार्य को नहीं टालती चाहे वो घर पर हो या स्कूल में। मैं अपने माता-पिता का बहुत सम्मान करती हूँ और अपनी माँ का घर के कामों में और पिता के ऑफिस प्रोजेक्ट में उनकी मदद करती हूँ। मैं अपने माँ के साथ कपड़े और बर्तन धुलवाने के काम को साझा करती हूँ।

मैं हमेशा अपने कमरे को साफ करती हूँ और हर रविवार को उसे आकर्षक तरीके से सजाती हूँ। मैं अपने और अपने परिवार के प्रति सारी जिम्मेदारियों को अच्छे से समझती हूँ। मैं हमेशा अपनी प्यारी बातों और चुटकलों से अपने दोस्तों और सहपाठियों को खुश रखने की कोशिश करती हूँ। मैं हमेशा उन्हें सलाह देने के लिये तैयार रहती हूँ जिससे वो अपने कठिन समय से बाहर निकल सकें। मैं बहुत सहानुभूतिपूर्ण लड़की हूँ और अपने कालोनी या रास्ते के बूढ़े लोगों और बच्चों को मदद करने की कोशिश करती हूँ।

निबंध 3 (400 शब्द)

मैं अपने माता-पिता का एक प्यारा लड़का हूँ। मैं 14 वर्ष का हूँ और कक्षा 7 के वर्ग ‘ए’ में पढ़ता हूँ। मैं गाज़ियाबाद के रेयान पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूँ। मेरे दादा-दादी मुझे गुड्डु बुलाना पसंद करते हैं। वो हमेशा मुझे सुबह और शाम को बाहर ठहलाने के लिये ले जाते हैं। मैं गाज़ियाबाद के राजनगर कालोनी में रहता हूँ। मैं रोज सुबह अपने स्कूल बस से ठीक 7 बजे स्कूल जाता हूँ और दोपहर को 2 बजे वापस आता हूँ। मैं नहाने के बाद पूरे स्कूल यूनिफार्म में स्कूल जाना पसंद करता हूँ। जब मैं स्कूल पहुँचता हूँ तो अपने क्लास टीचर को गुड मार्निंग बोलता हूँ । मैं रोज अपने दोस्तों के साथ बस में और लंच के समय मस्ती करता हूँ। मैं हमेशा खेल क्रियाओं और दूसरे स्कूली क्रियाकलापों में भाग लेता हूँ।

मेरा स्कूल हर 6 महीने में अंतर-स्कूली प्रतियोगिता आयोजित करता है जिसमें मैं जरुर भाग लेता हूँ। मै हमेशा सभी प्रतियोंगिताओं में प्रथम स्थान पर आता हूँ। हमारे जागरुकता और ज्ञान को बढ़ाने के लिये मेरा स्कूल वर्ष के सभी महत्वपूर्ण उत्सवों को मनाता है जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, क्रिसमस, गांधी जयंती, मातृ दिवस आदि। हमें हमारे स्कूल शिक्षकों के द्वारा सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने की सलाह दी जाती है। मैं आमतौर पर भाषण या कविता पाठ में भाग लेता हूँ। मुझे नृत्य भी बहुत पसंद है लेकिन किसी कार्यक्रम मे नृत्य करने में मैं आरामदायक महसूस नहीं करता। हालांकि, मैं अपने वार्षिक उत्सव कार्यक्रम के नृत्य में भाग लेता हूँ जो हर वर्ष नवंबर में मनाया जाता है। मेरे अभिभावकों को भी स्कूल के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया।

मेरे हर सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में मेरे माता-पिता मुझे पिकनिक या लंबी यात्रा के लिये बाहर ले जाते हैं। मैं बहुत अच्छे समाज में रहता हूँ जहाँ सामाजिक मुद्दों के बारे में आम लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये समय दर समय कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये मेरे पिता हमेशा मुझे अपने साथ ले जाते हैं। भारत का एक अच्छा नागरिक बनने के लिये मेरी माँ हमेशा मुझे नैतिकता और सदाचार के बारे में सिखाती हैं। मैं हमेशा अपने पढ़ाई के कमरे और शयन कक्ष को साफ रखता हूँ। मैं हमेशा अपने साफ-सफाई का ध्यान रखता हूँ और खाने के पहले और बाद ठीक तरह से हाथ को साबुन से धोता हूँ। मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं और मेरी हर पसंद और नापसंद का ध्यान देते हैं। जब भी मेरे माता-पिता खाली होते हैं मैं उनके साथ कैरम और लूडो खेलना पसंद करता हूँ।

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essay on myself in hindi for class 6

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essay on myself in hindi

दूसरों का वर्णन करना बहुत आसान काम है क्योंकि आप उनमें बहुत सारी चीजों को नोटिस करते हैं हालांकि खुद का वर्णन करते समय बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। जब मुझे खुद का वर्णन करना होता है तो मुझे वास्तविक होने के साथ-साथ अहंकारी या अभिमानी होने के बजाय उदार भी होना पड़ता है।

यह भी इस तरह से होना चाहिए कि आप केवल उन चीजों का वर्णन करें जो दूसरों को अपने या अपने परिवार के बारे में बहुत अधिक खुलासा किए बिना महत्वपूर्ण लगती हैं। आप अपनी कुछ उपलब्धियों, शौक और उन चीजों को भी उजागर कर सकते हैं जो आपको रोमांचित करती हैं।

मेरा परिचय हिंदी में, short essay on myself in hindi (100 शब्द)

में रंजन त्यागी हूँ, नई पंचवटी कॉलोनी गाजियाबाद में रहता हूँ। मैं कक्षा 5 वीं में पढता हूं। मेरा स्कूल नया एरा गाजियाबाद में है। मैं समय का बहुत पाबंद हूं और अपने सभी कामों को सही समय पर पूरे दिन करना पसंद करता हूं। मुझे सादा और हेल्दी खाना खाना पसंद है।

मुझे अपने खाली समय में नाचना, किताबें पढ़ना, बैडमिंटन खेलना और खाना बनाना पसंद है। मैं अपनी कक्षाओं को कभी मिस नहीं करता और हर कक्षा में शामिल होता हूं। मैं उचित वर्दी में रोजाना स्कूल जाता हूं। मैं परीक्षा में अच्छा करता हूं चाहे मुख्य या कक्षा परीक्षण हो। मेरे कई दोस्त हैं लेकिन सरिता मेरी सबसे अच्छी दोस्त है।

मेरा परिचय पर निबंध, essay on myself in hindi (150 शब्द)

दुनिया में कई लोग रहते हैं जिनके पास अलग-अलग व्यक्तित्व होते हैं। यह वह व्यक्तित्व है जो सभी को विशिष्ट और दूसरों से अलग बनाता है। हम कभी भी एक ही व्यक्तित्व के दो लोगों को नहीं देख सकते हैं। यह कभी नहीं बदलता है और किसी व्यक्ति की गुणवत्ता का फैसला करता है। मैं इसका उदाहरण ले रहा हूं। मैं इस दुनिया में बहुत विशिष्ट हूं और दूसरों की तुलना में अद्वितीय व्यक्तित्व रखता हूं। मैं बहुत जिम्मेदार और सहानुभूति रखने वाला व्यक्ति हूं। मैं हमेशा दूसरों की मदद करता हूं और उनकी समस्याओं को हल करने की पूरी कोशिश करता हूं। मैं आत्मकेन्द्रित हूं इस संसार में कोई भी शत्रु नहीं है।

मैं हमेशा मुस्कुराते चेहरे के साथ बहुत खुशी से दूसरों से बात करता हूं। मैं अपने स्कूल में बहुत ही सरल छात्र हूं और प्रत्येक कक्षा में जाता हूं। मैं अपने होमवर्क को दैनिक आधार पर बहुत अच्छी तरह से करता हूं और हर दिन रात में 10 बजे तक और सुबह 4 बजे से अच्छी तरह से अध्ययन करता हूं। मैं हमेशा अपने अध्ययन पर ध्यान देता हूं और अपने दोस्तों को अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता हूं।

मेरा परिचय पर निबंध, essay on myself in hindi (200 शब्द)

मेरा नाम अर्चना मिश्रा है लेकिन आम तौर पर मुझे गुडिया के नाम से बुलाया जाता है। मेरी उम्र 12 साल है, कक्षा 7 वीं कक्षा में पढ़ता हूं। मैं अपने माता-पिता की दूसरी संतान हूं और एक बड़ा भाई है। मेरा संयुक्त परिवार है जिसमें मेरे चाचा, दादा-दादी और उसी बड़े घर में चचेरे भाई हैं। हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और दादा-दादी से जुड़े हैं। मेरे पास दोस्तों का एक समूह है लेकिन सीना मेरा सबसे अच्छा और सच्चा दोस्त है। मैं उससे कुछ भी साझा कर सकता हूं और वह भी। हम एक ही स्कूल में पढ़ते हैं लेकिन विभिन्न वर्गों में। मुझे स्कूल के समय के बाद बस में रहने के दौरान अपने दोस्तों को चुटकुले सुनाना बहुत पसंद है।

मेरा एक अनोखा परिवार है। मेरे परिवार के सभी सदस्य व्यापक और खुले विचारों वाले हैं। वे हमेशा मुझे हर क्षेत्र में अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वे मुझे प्रेरित करने के बजाय कभी पीछे नहीं खींचते। मैं इस परिवार में जन्म लेकर बहुत खुश हूं। मेरा परिवार क्रॉस-सांस्कृतिक विस्तारित परिवार है जहाँ मेरे चाचा, चाची, दादा-दादी, चचेरे भाई, आदि एक साथ रहते हैं। मेरे पास अपने परिवार के साथ बहुत अच्छा समय है क्योंकि हम प्रत्येक त्योहार को एक साथ मनाते हैं। मैं परिवार के अन्य बच्चों को उनके घर के कामों को दैनिक रूप से करने में मदद करता हूं।

मेरा परिचय पर निबंध, essay on myself in hindi (250 शब्द)

मेरा नाम रानी है लेकिन मेरा निक नेम है सारा है। मेरे माता-पिता और दादा-दादी आम तौर पर मुझे मेरे निक नेम से बुलाते हैं। मेरे माता-पिता मेरे स्वास्थ्य के प्रति बहुत सचेत हैं। वे मुझे रोजाना सुबह 5 बजे जगाते हैं और मुझे सभी दैनिक दिनचर्या करने के लिए कहते हैं। मेरी माँ मुझे रोजाना सुबह एक सेब देती हैं और एक घंटे के बाद स्वस्थ नाश्ता करती हैं।

मैं स्कूल बस के माध्यम से सही समय पर स्कूल जाती हूं। मुझे कभी देर नहीं होती। मेरा स्कूल सुबह 8 बजे शुरू होता है और दोपहर 2 बजे समाप्त होता है। मेरी माँ मुझे फलों को तोड़ने के लिए और दोपहर के भोजन के लिए स्वस्थ दोपहर के भोजन के लिए स्वस्थ फल देती हैं।

मैं स्कूल में 8 वीं कक्षा में पढ़ती हूं, चौ. छबील दास जूनियर पब्लिक स्कूल मेरी स्कूल का नाम है। मैं 13 साल का हूं और अपने माता-पिता के साथ गाजियाबाद में रहता हूं। मैंने डांस और पियानो क्लास को भी स्कूल से बाहर कर दिया है क्योंकि मुझे डांस और पियानो सीखना बहुत पसंद है। मैं अपने स्कूल के समय का अपने दोस्तों और घर के अपने प्यारे माता-पिता और दादा-दादी के साथ पूरी तरह से आनंद लेता हूं। मेरे अच्छे पड़ोसी हैं; वे एक दूसरे को समझते हैं और कभी झगड़ा नहीं करते हैं।

मुझे पिकनिक बहुत पसंद है और मैं अपनी सर्दियों और गर्मियों की छुट्टियों में घूमने जाता हूं। मैं अपने स्कूल में बहुत अच्छा छात्र हूँ। मैं स्कूलों की सभी असाधारण गतिविधियों में भाग लेता हूं और अच्छा प्रदर्शन करता हूं। मैं अकादमिक और खेल गतिविधियों में बहुत अच्छा हूं। मेरे स्कूल में एक बड़ा बगीचा है और बड़ा खेल का मैदान खेल की सभी सुविधाएँ प्रदान करता है। मेरे स्कूल में स्वस्थ, अच्छा और शांतिपूर्ण वातावरण है।

मेरा परिचय पर निबंध, 300 शब्द:

मेरा नाम सुनील है; मैं दिल्ली में कक्षा 9 वीं में पढ़ता हूँ। मैं एक आत्म-प्रेरित छात्र हूं। मुझे स्कूल के अपने दोस्तों को हमेशा प्रेरित करना और उनके कठिन समय में उनकी मदद करना पसंद है। मैं अपने स्कूल का एक उज्ज्वल छात्र हूं और शैक्षणिक और खेल गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करता हूं। मैं किसी भी तनावपूर्ण स्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हूं। मैं अपने विद्यालय में बहुत कुशल और ज्ञानवान छात्र हूँ।

मैं घर पर घड़ी के आसपास लंबे समय तक बहुत कठिन अध्ययन करता हूं। मैंने अपने घर के कामों और क्लास के कामों को कभी अधूरा नहीं छोड़ा और बिस्तर समय से पहले पूरा करना पसंद किया। मेरी अच्छाई और समय की पाबंदी के कारण मेरे शिक्षक मुझे बहुत पसंद करते हैं। मैं कभी थका नहीं होता और लगातार कड़ी मेहनत करता हूं क्योंकि मेरे माता-पिता हमेशा मेरा ख्याल रखते हैं। वे हमेशा मेरे स्वास्थ्य और आहार के लिए सचेत रहते हैं।

मेरे शैक्षणिक कार्यकाल के कारण, मुझे हमेशा अच्छे अंक और ग्रेड मिलते हैं। मैं अपने स्कूल में मेरिट स्कॉलरशिप धारक हूं। मैं अपने स्कूल में बहुत अच्छी तरह से कंप्यूटर सीखता हूं और कंप्यूटर के बारे में सब कुछ जानता हूं। मैं अपने संगठित कार्य के अनुसार सब कुछ करता हूं। मैं अपने किसी भी काम से कभी नहीं बचता चाहे वह घर पर हो या स्कूल में। मैं हमेशा अपने माता-पिता का सम्मान करता हूं और अपने घर के कामों में मेरी माँ की मदद करता हूं और मेरे पिता अपने ऑफिस के प्रोजेक्ट्स में।

मैं अपनी माँ की प्रशंसा और बर्तन धोने के कामों को साझा करता हूँ। मैं हमेशा अपने कमरे को साफ रखता हूं और हर रविवार को आकर्षक रूप से सजाता हूं। मैं अपने और अपने परिवार के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझता हूं। मैं हमेशा अपने दोस्तों और सहपाठियों को अपने दिलचस्प चुटकुलों और अच्छी बातचीत के माध्यम से खुश करने की कोशिश करता हूं। मैं उन्हें अपनी कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए सलाह और सुझाव देने के लिए हमेशा तैयार हूं। मैं बहुत सहानुभूतिपूर्ण लड़की हूं और अपनी कॉलोनी या रास्ते में बूढ़े लोगों और बच्चों का समर्थन करने की कोशिश करती हूं।

मेरा परिचय पर निबंध, long essay on myself in hindi (400 शब्द)

मैं अपने प्यारे माता-पिता का प्यारा लड़का हूं। मैं 14 साल का लड़का हूँ और कक्षा 4 में पढ़ता हूँ। मेरा नाम सुरेश रैना है। मैं गाज़ियाबाद के रायन पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूँ। मेरे दादा मुझे गुड्डू कहना पसंद करते हैं। वह हमेशा टहलने के लिए मुझे सुबह और शाम अपने साथ बाहर ले जाता है। मैं अपने परिवार के साथ गाजियाबाद में राजनगर कॉलोनी में रहता हूँ।

मैं अपने स्कूल बस से रोजाना सुबह 7 बजे सही समय पर स्कूल जाता हूं और दोपहर में 2 बजे घर आता हूं। मैं नए बनने के बाद उचित यूनिफॉर्म में स्कूल जाना पसंद करता हूं। जब मैं अपनी कक्षा में पहुँचता हूँ तो मैं अपने कक्षा शिक्षक को सुप्रभात कहता हूँ। मैं अपने स्कूल के दोस्तों के साथ बस और दोपहर के भोजन के समय का आनंद लेता हूं। मैं हमेशा खेल गतिविधियों और अन्य पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेता हूं।

मेरा स्कूल हर छह महीने में अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है, जिसमें मुझे भाग लेना चाहिए। मैं हमेशा हर प्रतियोगिता में प्रथम आता हूं। मेरी जागरूकता और ज्ञान बढ़ाने के लिए मेरा स्कूल वर्ष की सभी महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, क्रिसमस, 2 अक्टूबर, मातृ दिवस, शिक्षक दिवस आदि को मनाता है।

हमारी कक्षा के शिक्षक द्वारा हमें सलाह दी जाती है कि किसी भी कार्यक्रम को मनाते समय सांस्कृतिक गतिविधियों में अवश्य भाग लें। मैं आम तौर पर कविता पाठ या भाषण पाठ में भाग लेता हूं। मुझे डांस भी पसंद है लेकिन इवेंट सेलिब्रेशन में डांस करने में इतना सहज महसूस नहीं होता। हालांकि, मैं अपने वार्षिक समारोह में नृत्य में भाग लेता हूं जो हर साल नवंबर के महीने में मनाया जाता है। मेरे माता-पिता को स्कूल के वार्षिक समारोह में भी आमंत्रित किया जाता है।

मेरे माता-पिता मुझे सर्दियों या गर्मियों के मौसम में अपने हर अवकाश में पिकनिक या लंबे दौरे पर ले जाते हैं। मैं बहुत अच्छे समाज में रहता हूं जहां सामाजिक मुद्दों के बारे में आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए समय-समय पर कुछ कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मेरे पिता हमेशा मुझे ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अपने साथ ले जाते हैं।

मेरी माँ हमेशा मुझे भारत का एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए नैतिकता और शिष्टाचार के बारे में सिखाती हैं। मैं अपने अध्ययन कक्ष और शयन कक्ष को हमेशा साफ और स्वच्छ रखता हूं। मैं हमेशा अपनी स्वच्छता का ध्यान रखता हूं और खाना खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ अच्छी तरह धोता हूं। मेरे मम्मी और पापा मुझे बहुत प्यार करते हैं और मेरी हर पसंद और नापसंद का ख्याल रखते हैं। मुझे अपने माता-पिता के साथ लूडो या कैरम खेलना पसंद है जब भी वे फ्री हो जाते हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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खुद पर निबंध | Essay On Myself In Hindi 500 Words | PDF

Myself essay in hindi & paragraph.

Essay On Myself In Hindi (Download PDF) खुद पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे अपने बारे में एक अच्छा निबंध कैसे लिखे तो शुरू करते है।

मैं 15 साल का लड़का हूं। मेरा नाम आकाश है। मेरे दादा ने मुझे यह नाम दिया था। मुझे अपना नाम बहुत पसंद है। मैं एक पब्लिक स्कूल में 9 वीं कक्षा में पढ़ता हूं। हमारा स्कूल सहशिक्षा है। मेरी कक्षा में कई लड़के और लड़कियाँ हैं। वे सभी अच्छे हैं और सभी मेरे दोस्त हैं। लेकिन दीपा मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। मैं रोज सुबह स्कूल बस से स्कूल जाता हूं। मैं अपनी उम्र से ज्यादा स्वस्थ और लंबा हूं।

मैं उत्तरी दिल्ली में एक किराए के फ्लैट में रहता हूँ। उत्तरी दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय का एक प्रसिद्ध क्षेत्र है। यह सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ एक सुंदर और साफ जगह है।

मुझे कई खेल पसंद हैं, लेकिन मुझे क्रिकेट खेलना सबसे ज्यादा पसंद है। हम आमतौर पर कक्षाओं के बाद अपने स्कूल के खेल के मैदान में खेलते हैं। एक गेम कोच है और वह बहुत अच्छा इंसान है। उन्होंने कहा कि वह कम उम्र में क्रिकेट में एक राष्ट्रीय चैंपियन थे और कई पुरस्कार जीते। मेरे दोस्त अक्सर मेरे घर आते हैं। और बदले में मैं भी उनके घर जाता हूँ।

मेरा परिवार

मेरे पिता एक सरकारी नौकरी में हैं। वह एक अधिकारी हैं। उन्हें सरकार से घर मिल गया है। मेरा घर बहुत सुंदर है। इसमें मैं अपनी मां, पिता, बहन और भाई के साथ रहता हूं। मेरी मम्मी बहुत अच्छी हे। वह हमारे सभी भाइयों और बहनों को पढ़ाती है और हम सभी के लिए खाना बनाती है। उनका भोजन बहुत स्वादिष्ट होता है। मेरी मां भी अच्छी तरह से शिक्षित हैं, हालांकि वह एक गृहिणी हैं। मैं अपने माता-पिता दोनों को अपने दिल से प्यार करता हूं। मेरी माँ मुझे मनोरंजन कहानियाँ सुनाती हैं।

मेरी एक छोटी बहन है जिसका नाम सीता है। यह बहुत ही शरारती और बातूनी है। सबकी आँखों का तारा। यह अभी भी छोटी है, स्कूल नहीं जाती है। अगले साल जाना शुरू करेगी । मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ। मैं उसे कैंडीज, चॉकलेट्स, खिलौने आदि लाता हूँ। मेरा भाई मुझसे बड़ा है, वह दसवीं कक्षा का छात्र है। वह मेरे ही स्कूल में पढ़ता है। वह हमेशा खेल और पढ़ाई में प्रथम आते हैं, उन्हें आदर्श छात्र का पुरस्कार भी मिला है।

ये भी देखें – Essay on women empowerments in Hindi

मेरी शक्तियां

पढ़ाई की तुलना में मैं खेल में अच्छा हूं। यही कारण है कि मैं अपने वर्ग की क्रिकेट टीम का कप्तान हूं। मैं अपने स्कूल का सबसे अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी हूं। इसके अलावा, मुझे एथलेटिक्स बहुत पसंद है। मैं तैराकी का विशेषज्ञ हूं।

मैं बहुत साहसी लड़का हूं और जोखिम लेना पसंद करता हूं। मुझे बार-बार क्रिएटिव चीजें करना पसंद है। नई चीजें सीखना मेरा जुनून है जिसे मैं हमेशा एन्जॉय करता हूं। मैं हमेशा ख़बरों से खुद को अपडेट करता हूं। इसके साथ ही, मुझे कुछ बच्चों की किताबें पढ़ने का शौक है, जिनमें कई प्रेरक कहानियां हैं। उन्होंने मुझे एक उच्च नैतिक शिख दिया । मैं बहुत आत्मविश्वासी व्यक्ति हूं और किसी के साथ बात करना जानता हूं। मैं हमेशा आवश्यकता के अनुसार हर व्यक्ति से बात करने की कोशिश करता हूं ताकि मैं लोगों को समझ सकूं।

मेरी कमजोरियाँ

जैसा कि हर आदमी में कमजोरी होती है, वैसे ही। मैं कुछ स्थानों पर कुछ समय के लिए आलसी हूं जो मुझे पसंद नहीं है। खेलते समय, मैं अपना बहुत समय वहाँ बिताता हूँ जो अच्छी आदत नहीं है, लेकिन मैं अपनी कमजोरियों को दूर करने की पूरी कोशिश करता हूँ।

मेरी महत्वाकांक्षाएँ

जीवन में सभी की महत्वाकांक्षा होती है। उद्देश्य व्यक्ति की आंतरिक आकांक्षा है। कोई भी आदमी दुनिया में बिना लक्ष्य के कुछ नहीं कर सकता। इसलिए, हम सभी को जीवन में अपने उद्देश्य के बारे में दृढ़ रहना चाहिए। एक अच्छी करियर योजना के बिना, कोई शुरुआत से ही सही रास्ते पर नहीं चल सकता है। व्यक्ति को अपने व्यापक कैरियर के लक्ष्यों के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। मैंने गहराई से अध्ययन किया है और मैं सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षा में बैठूंगा। मैं एक अच्छा और ईमानदार कर्मचारी बनने की कोशिश करूंगा।

ये भी देखें – Essay on my hobby in Hindi

ये सभी चीजें हैं जो मुझे व्यक्त करती हैं। हालाँकि, वाक्यों के कुछ सेटों में, किसी का वर्णन नहीं किया जा सकता है। उनके जीवन के बारे में कुछ भी लिखने से पहले, खुद को जानने की जरूरत है। जीवन का अर्थ है अपने साथी के लिए अच्छा करना। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, मैं हमेशा अपने लोगों की सेवा करने की आकांक्षा रखता हूं।

Download PDF – Click Here

FAQs. on Mys elf in Hindi

स्वयं पर निबंध की क्या आवश्यकता है.

उत्तर – आमतौर पर अगर हम किसी भी स्थान पर जाते हैं तो हमसे हमारे बारे में पूछा जाता है चाहे वो स्कूल हो या नौकरी के लिए इंटरव्यू, हमें पता होना चाहिए कि हम अपने आप को सही तरीके से कैसे व्यक्त कर सकते हैं, जिसे हमने आपको अच्छे तरीके से प्रदान करने की कोशिश की है।

आपको खुद को कैसे व्यक्त करना चाहिए?

उत्तर – खुद को व्यक्त करने के लिए, सबसे पहले, आपको अपने आप से शुरू करना चाहिए और अपने परिवार के बारे में व्यक्त करना चाहिए, अंत में, आपको अपनी ताकत और कमजोरी, आदि को व्यक्त करना चाहिए।

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essay on myself in hindi for class 6

स्वयं पर निबंध – Essay on Myself in Hindi

Essay on Myself in Hindi

कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब छात्रों को खुद का परिचय बताने के बारे में कहा जाता है। इसलिए हम आपको अपने इस पोस्ट में अलग-अलग शब्द सीमा में स्वयं पर निबंध के विषय पर लेख उपलब्ध करवा रहे हैं, जिससे विद्यार्थी अपने बारे में बताने में हिचकेंगे नहीं औऱ बिना निडर होकर अपने बारे में बता सकेंगे।

इस निबंध का इस्तेमाल छात्र अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Essay on Myself in Hindi

मेरा नाम नेहा वर्मा है, मै देहरादून के लक्ष्मीविहार कॉलोनी में रहती हूं। मै देहरादून पब्लिक स्कूल की क्लास 5th की छात्रा हूं। मेरे पिता का नाम राजीव वर्मा है, जो कि एक सफल बिजनेस मैन है और मेरी माता का नाम मंजू वर्मा है, जो कि एक घरेलू गृहिणी, मेरे माता-पिता मुझसे बेहद प्यार करते हैं और मै भी उनका मान-सम्मान करती हूं।

मैं अपने पापा की तरह एक पंचुअल लड़की है, मुझे अपने सारे काम समय पर करने पसंद है। मै अनुशासन और सिद्धान्तों पर चलने वाली लड़की हूं। मै सुबह उठना और स्कूल के टाइम से 15 मिनट पहले तैयार होना पसंद करती हूं।

मै अपने दादा-दादी और मम्मी-पापा सभी का आशीर्वाद लेकर रोज अपने स्कूल जाती हूं। मै स्कूल में मन लगाकर पढ़ाई करती हूं, जिसकी वजह से मेरा प्रदर्शन क्लास में अच्छा रहता है, जिससे मेरे टीचर्स और मेरे-माता-पिता मुझे पसंद करते हैं।

मुझे अच्छी-अच्छी नई-नई डिश खाना बेहद पसंद है। मै खाने की बहुत शौकीन हूं। मुझे मेरी मम्मी के हाथों के राजमा-चावल बेहद पसंद है। इसके अलावा मुझे खाली समय में स्टोरी बुक्स पढ़ना, पेंटिंग करना, बेडमिंटन खेलना एवं डांस करना और म्यूजिक सुनना भी बहुत पसंद हैं।

मै एक जिम्मेदार लड़की हूं, जो हर काम को बेहद जिम्मेदारी पूर्वक निभाती हूं। मै, समाज के विकास में भी अपना पूर्ण योगदान देना चाहती हूं।

खुद पर निबंध – Myself Essay in Hindi

इस दुनिया में हर किसी का अपना अलग-अलग स्वभाव और व्यक्तित्व होता है, जिससे उसकी पहचान होती है और जो लोगों को एक-दूसरे से अलग बनाती है। मै भी एक अलग पहचान रखने वाली लड़की हूं, मै अपने बारे में इस निबंध में बता रही हूं –

मेरा नाम ऋतुजा चौधरी है, मुझे मेरे परिवार वाले और मेरी करीबी दोस्त परी कहकर बुलाते है। मै नैनीताल के सस्वती विद्या मंदिर स्कूल की क्लास 7th की छात्रा हूं।

मै एक मिडिल क्लास परिवार से हूं। मेरे अंदर शुरु से ही मेरे परिवार वालों ने अच्छे संस्कार विकसित किए हैं – जैसे की बड़ों का आदर करना, बुजर्गों और असहायों की मद्द करना, सभी के साथ प्रेम भाव से मिलजुल कर रहना आदि।

मैं एक सिद्धान्तों और आदर्शों पर चलने वाली लड़की हूं, मुझे अपने कामों के लिए किसी अन्य पर आश्रित रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं है।

मेरे परिवार में कुल 6 सदस्य हैं। जिनमें मेरे मम्मी-पापा, दादा-दादी और हम दो भाई-बहन मिलजुल प्रेम भाव के साथ रहते हैं। मेरे पिता जी टैक्स डिपार्टमेंट में एक गर्वनेंट ऑफिसर हैं, जो कि बेहद अनुशासन में रहने वाले व्यक्ति हैं, और वे मेरे आदर्श भी हैं।

मेरी मां एक सरकारी स्कूल की टीचर हैं, जो अपने काम के साथ-साथ हम सभी का घर में बेहद अच्छे तरीके से ख्याल रखती हैं। मेरा एक छोटा भाई है, जो कि मेरे ही स्कूल में क्लास 3rd में पढ़ता है, और जिससे मै बहुत अधिक प्यार करती हूं।

इसके अलावा घर में दादी-दादा हैं, जिनसे मेरा एक बेहद खास जुड़ाव है, मै अपना खाली समय उनके साथ ही बिताना पसंद करती हूं, वे मुझे ज्ञानवर्धक बातें बताते हैं और अपने जीवन के अनुभवों को सांझा कर अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं, जिससे मेरा मनोबल बढ़ता और मेरे अंदर सकारात्मक भाव पैदा होते हैं।

मेरा व्यक्तित्व

मै एक सरल, शांत एवं सौम्य स्वभाव की लड़की हूं। मै सभी का सम्मान करने वाली और संस्कारी लड़की हूं। मुझे गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना अच्छा लगता है।

मै हमेशा इस बात का ध्यान रखती हूं कि मेरे द्धारा किए गए किसी भी काम से किसी दूसरे व्यक्ति की भावना को ठेस न पहुंचे। मै सभी को खुश देखना चाहती हूं।

मेरी सबसे अच्छी आदत यह है कि मै समय से पहले अपने सभी कामों को कर लेती हूं। मुझे पेड़-पौधों की सेवा करना और अनुशासन में रहना पसंद है। मुझे एक नियमित दिनचर्या को फॉलो करना अच्छा लगता है।

मेरा लक्ष्य

मै, एक सफल डॉक्टर बनकर गरीबों, पीड़ित और असहाय व्यक्तियों का इलाज करना चाहती हूं, जिससे ऐसे लोगों को एक नई जिंदगी मिल सके और वे सुखीपूर्वक अपनी जिंदगी जी सकें।

मुझे खाली वक्त में किताबें पढ़ना, म्यूजिक सुनना, टीवी देखना और घूमना बहुत पसंद है।

मेरी पसंदीदा चीजें

मुझे डोसा और आइसक्रीम खाना बेहद पसंद है, अक्सर रविवार को मेरे पापा मुझे डोसा और आइस्क्रीम खिलाने के लिए बाहर ले जाते हैं, जिसे मैं बेहद चाव के साथ खाती हूं।

मेरी हमेशा एक सफल और आदर्श इंसान बनने की कोशिश रहती है। मै अक्सर अपने व्यक्तित्व को निखारने के बारे में सोचती रहती हूं और अपनी कमियों को दूर करने के लिए प्रयासरत रहती हूं।

इसके साथ ही मै दूसरों की मद्द के लिए हमेशा तत्पर रहती हूं।

स्वयं पर निबंध – Mera Parichay Essay in Hindi

इस दुनिया के सभी लोग बेहद खास होते हैं, सभी के अंदर कुछ अच्छाई और बुराइयां होती है। मै भी इस दुनिया में बेहद खास हूं और मेरा व्यक्तित्व भी दूसरे व्यक्तियों से एकदम अलग है, मै एक बेहद जिम्मेदार और दूसरों की मद्द करने वाला व्यक्ति हूं।

मेरा और मेरे परिवार का संक्षिप्त परिचय

मेरा नाम अमित शर्मा हैं, मैं दिल्ली पब्लिक स्कूल के कक्षा 8 का छात्र हूं। मेरे पिता जी एक सरकारी अधिकारी हैं और मेरी मां एक सफल घरेलू गृहिणी हैं। मेरे दो छोटे भाई-बहन हैं। हम सब आपस में मिलजुल कर रहते हैं।

मेरे जीवन में अनुशासन का महत्व

मुझे अनुशासन में रहना बेहद पसंद है। मै एक सख्त दिनचर्या को फॉलो करना वाला लड़का हूं। मै सुबह रोजना 6 बजे उठता हूं, रोजाना व्यायाम करता हूं, भगवान को नमन करता हूं, स्कूल समय से जाता हूं, अपना डेली होमवर्क पूरा करता हूं, शिष्टाचार में रहता हूं और अपनी सभी कामों को समय से करता हूं।

मेरे लिए समय का महत्व

मै एक समयनिष्ठ लड़का हूं, अपने सारे कामों को मुझे समय पर करना अच्छा लगता है। मुझे समय से उठना, समय से खाना, समय से अपना गृहकार्य करना और समय से स्कूल पहुंचना पसंद है। लेटलतीफी मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है।

पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों में मेरी सक्रियता

पढ़ाई के साथ-साथ मैं अपने स्कूल में होने वाली सभी खेलकूद, निबंध, जीके प्रतियोगिता एवं गणतंत्र और स्वतंत्रता के दिवस समेत महत्वपूर्ण उत्सवों पर होने वाले सभी सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेता हूं।

मेरा सरल स्वभाव

मेरा बेहद सरल और शांत स्वभाव है। मुझे लड़ाई-झगड़े करना बिल्कुल भी पसंद नहीं है। मै अपने दोस्तों को भी प्रेम भाव के साथ रहने की सलाह देता हूं।

मेरे अंदर चीजों को सीखने की उत्सुकता

मै हमेशा नई चीजों को सीखने के लिए तैयार रहता हूं, मै हर क्षेत्र में अव्वल रहना चाहता हूं। यही वजह है कि मै पढ़ाई के साथ-साथ गिटार भी सीखता हूं और स्वीमिंग क्लासेस भी लेता हूं।

मै, हर दिन खुद में सुधार लाने का प्रयास करता रहता हूं, ताकि मै अपने व्यक्तित्व को और ज्यादा निखार कर अपने चरित्र को गुणवान बना सकूं और समाज में एक आदर्श व्यक्ति के रुप में अपनी छवि बना सकूं।

  • My Family Essay
  • Essay on Mother

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NCERT Solutions for Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

CBSE Class 6 Hindi निबंध-लेखन

August 28, 2019 by Rama Krishna

CBSE Class 6 Hindi निबंध-लेखन  Pdf free download is part of NCERT Solutions for Class 6 Hindi . Here we have given NCERT Class 6 Hindi Unseen Passages निबंध-लेखन Nibandh Lekhan .

निबंध का अर्थ है-बँधा हुआ यानी एक सूत्र में बँधी हुई रचना। जब किसी विषय पर क्रमबद्धता के साथ विचारों को प्रकट किया जाता है, तो ऐसा लेख निबंध कहलाता है। निबंध किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है। साधारण रूप से निबंध के विषय परिचित होते हैं यानी जिनके बारे में हम सुनते, देखते व पढ़ते रहते हैं, जैसे धार्मिक त्योहार, विभिन्न प्रकार की समस्याएँ राष्ट्रीय त्योहार, मौसम आदि। निबंध लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक होता है।

  • निबंध निर्धारित शब्द सीमा के अंतर्गत ही लिखा गया हो।
  • निबंध के वाक्य क्रमबद्ध और सुसंबद्ध होने चाहिए तथा विचार मौलिक हों।
  • निबंध की भाषा सरल, स्पष्ट व प्रभावशाली होनी चाहिए।
  • सभी अनुच्छेद एक-दूसरे से जुड़े हों।
  • निबंध में लिखे वाक्य छोटे और प्रभावशाली होने चाहिए।
  • निबंध लिखने के बाद उसे एक बार अवश्य पढ़ लें, ताकि यदि लिखते समय कोई बात छूट गई हो तो वह फिर से लिखी जा सके।

निबंधों की शब्द सीमा कक्षा 6 – 150 से 175 शब्द कक्षा 7 – 175 से 200 शब्द कक्षा 8 – 200 से 250 शब्द निबंध कई प्रकार के हो सकते हैं; जैसे वर्णनात्मक, विचारात्मक तथा भावात्मक। मुख्य रूप से निबंध के निम्नलिखित तीन अंग होते हैं।

भूमिका – भूमिका ऐसी होनी चाहिए जो निबंध के प्रति पढ़ने वाले की उत्सुकता को बढ़ाए। विषय विस्तार – इसमें तीन से चार अनुच्छेदों में विषय के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रकट किए जाते हैं। इसमें मुख्य भाषा विषय से संबंधित तथा विस्तृत होता है। उपसंहार – यह निबंध के अंत में लिखा जाता है। इस अंग में निबंध में लिखी गई बातों के सार के रूप में एक अनुच्छेद में लिखा जाता है। आगे कुछ छात्रोपयोगी निबंध नमूने के तौर पर दिए जा रहे हैं।

निबंध लेखन का अभ्याम

1. विद्यार्थी जीवन विद्यार्थी का जीवन समाज व देश की अमूल्य निधि होता है। विद्यार्थी समाज की रीढ़ है, क्योंकि समाज तथा देश की प्रगति इन्हीं पर निर्भर करती है? अतः विद्यार्थी जीवन पूर्णतया अनुशासित होना चाहिए। वे जितने अनुशासित बनेंगे उतना ही अच्छा समाज व देश बनेगा।

विद्यार्थी जीवन को स्वर्णिम काले है। इसी काल में भावी जीवन की तैयारी की जाती है तथा शक्तियों का विकास किया जाता है। इस काल में बालक के मस्तिष्क रूपी स्लेट पर कुछ अंकित हो जाता है। इसी काल में भावी जीवन की भव्य इमारत की आधारशिला का निर्माण होता है। यह आधारशिला जितनी मजबूत होगी, भावी जीवन उतना ही सुदृढ़ होगा। इस काल में विद्याध्ययन तथा ज्ञान प्राप्ति पर ध्यान न देने वाले विद्यार्थी जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो पाते।

विद्यार्थी जीवन की महत्ता को जानते हुए प्राचीन काल में विद्यार्थी को घरों से दूर गुरुकुल में रहकर विद्याध्ययन करना पड़ता था, गुरु के कठोर अनुशासन को उसे पालन करना पड़ता था। गुरु अपने शिष्यों को तपा-तपाकर स्वर्ण बना देता था।

लेकिन आधुनिक युग में विद्यार्थी विद्यालयों में विद्याध्ययन करता है। आज गुरु ओं के कठोर अनुशासन का अभाव है। आज शिक्षा का संबंध धन से जोड़ा जाता है। विद्यार्थी यह समझता है कि वह धन देकर विद्या प्राप्त कर रहा है। उसमें गुरुओं के प्रति सम्मान के भाव की कमी पाई जाती है। शिक्षा में नैतिक मूल्यों का कोई स्थान नहीं है। इन्हीं कारणों से आज विद्यार्थी अनुशासनहीन पश्चिमी सभ्यता का अनुयायी तथा भारतीय संस्कृति से दूर हो गया है। आदर्श विद्यार्थी के गुणों की चर्चा करते हुए कहा गया है काक चेष्टा बको ध्यानं श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी गृहत्यागी विद्यार्थिन पंचलक्षणं ॥

अर्थात विद्यार्थी को कौए के समान चेष्ठावान, बगुले के समान एकाग्रचित्त, कुत्ते के समान कम सोने वाला, कम खाने वाला तथा विद्याध्ययन के लिए त्याग करने वाला होना चाहिए। दुर्भाग्य का विषय है कि आधुनिक विद्यार्थी में इन गुणों का अभाव पाया जाता है। विद्यार्थी ही देश के भविष्य होते हैं। इसलिए विद्यार्थियों में विनयशीलता, संयम आज्ञाकारिता जैसे गुणों का विकास किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्हें कुसंगति से बचना चाहिए तथा आलस्य का परित्याग करके विद्यार्थी जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए।

आज के विद्यार्थी वर्ग के पतन के लिए वर्तमान शिक्षा पद्धति भी जिम्मेदार है। अतः उसमें परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। शिक्षाविदों का यह दायित्व है कि वे देश की भावी पीढ़ी को अच्छे संस्कार देकर उन्हें प्रबुद्ध तथा कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाएँ तो साथ ही विद्यार्थियों को भी कर्तव्य है कि वे भारतीय संस्कृति के उच्चादर्शों को अपने जीवन में उतारने के लिए कृतसंकल्प हों।

2. स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्र रहने की इच्छा केवल मनुष्य में ही नहीं पशु, पक्षियों में भी पाई जाती है। हमारे देश को स्वतंत्र कराने के लिए हमारे देश के अनेक नेताओं ने अपना बलिदान दिया था उन्हीं के बलिदान के परिणामस्वरूप 15 अगस्त 1947 में हमें अंग्रेजी शासन से मुक्ति मिली। थी। इसी दिन से भारत एक स्वतंत्र देश गिना जाने लगा। तब से लेकर हर वर्ष 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में आयोजित किया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में अनेक प्रकार के कार्यक्रम होते हैं जिनमें देशभक्तों को याद किया जाता है तथा राष्ट्रीय ध्वज फ हराया जाता है। दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री प्रातः ध्वजारोहण करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज को तोपों की सलामी दी जाती है। ध्वजारोहण के पश्चात प्रधानमंत्री देशवासियों के नाम अपना संदेश देते हैं। इस कार्यक्रम को दूरदर्शन पर सीधा प्रसारित किया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय पर्व हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद दिलाता है। हमारा कर्तव्य है कि उन देश भक्तों की कुरबानी को न भूलें जिन्होंने अपने मस्तक देकर हमें स्वतंत्रता का उपहार प्रदान किया। इस दिन हमें देश की एकता और अखंडता की रक्षा । का प्रण लेना चाहिए।

3. मेरा जीवन लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का कुछ न कुछ लक्ष्य अवश्य होता है। वह अपने भविष्य के बारे में तरह-तरह के सपने संजोता है तथा उस लक्ष्य को पाने के लिए कोशिश भी करता है; जैसे-कुछ युवक डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक आदि बनना चाहते हैं। मैंने भी अपने जीवनकाल के बारे में एक स्वप्न देखा है। मैं बड़ा होकर एक चिकित्सक बनना चाहता हूँ परंतु मेरे माता-पिता मुझे इंजीनियर बनाना चाहते हैं लेकिन मैंने प्रण लिया है कि मैं बड़ा होकर एक चिकित्सक ही बनूंगा।

सब लोग समझते हैं कि चिकित्सक के व्यवसाय में खूब आय होती है तथा आज के समय में लोग धनी व्यक्ति को ही सम्मान देते हैं, लेकिन मैंने चिकित्सक बनने का लक्ष्य धन की कमाई को ध्यान में रखकर निर्धारित नहीं किया है। मैंने यह लक्ष्य इसलिए निर्धारित किया है क्योंकि में आज देखता हूँ कि अधिकांश गरीब लोगों को चिकित्सा की सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हो पाती जिसके कारण उन्हें अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तथा कभी-कभी तो उनके परिवार के सदस्य की बिना उपचार के असमय ही मृत्यु हो जाती है या जीवन भर रोगों से घिरे रहते हैं। मैं एक चिकित्सक बनकर इन गरीब दीन-दुखियों की सेवा में भी कुछ समय लगाना चाहता हूँ। इसका अर्थ यह नहीं कि मैं अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कमाऊँगा। धनी व्यक्तियों से पूरी फीस लँगा, पर अपनी कमाई का कुछ भाग गरीबों के लिए खर्च करूंगा। मैं कमाई के साथ-साथ समाज सेवा करके मनुष्य के कर्तव्य को पूरा करने का प्रयास करूंगा। इससे मैं समाज सेवकों एवं उनकी संस्थाओं से संपर्क करूंगा।

मैंने पढ़ा था- यही पशु प्रवृत्ति है कि आप-आप ही चरे वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे। मैंने इसी कथन को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है तथा इसे पढ़ाई में चुने जाने के लिए अभी से प्रयासरत रहूँगा।

4. पर्यावरण प्रदूषण पर्यावरण दो शब्दों के मेल से बनता है। परि + आवरण, यानी वह आवरण जो हमें चारों तरफ से घेरे हुए है। नदी, पहाड़, वायु, आकाश, धरती आदि पदार्थ जो हमारे चारों ओर उपस्थित हैं, उसी का नाम पर्यावरण है। ‘प्रदूषण’ शब्द का अर्थ है-हमारे आसपास का वातावरण गंदा होना। आज प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदूषण चार प्रकार के होते हैं-ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और भूमि प्रदूषण।।

भूमि पर जनसंख्या के बढ़ते दबाव तथा उद्योग धंधों के लिए भूमि की कमी को पूरा करने के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। इसी प्रकार कल-कारखानों की चिमनियों से निकलते धुएँ ने वायु को प्रदूषित कर दिया है। औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला अवशिष्ट पदार्थ जब नदी आदि के पानी में बहा दिया जाता है, तो इस कारण से नदी का पानी प्रदूषित होता है और नगरों में मशीनों, वाहनों आदि के शोर से ध्वनि प्रदूषण होता है।

प्रदूषण के कारण अनेक प्रकार के रोगों का जन्म होता है। वायु प्रदूषण के कारण साँस और आँखों के रोग, खाँसी, दमा आदि होते हैं। प्रदूषित जल के सेवन करने से पेट के रोग हो सकते हैं। ध्वनि प्रदूषण से मानसिक तनाव बढ़ता है। यही नहीं प्रदूषण से उच्च रक्त चाप, हृदय रोग, एलर्जी, चर्म रोग भी हो जाते हैं।

प्रदूषण की रोकथाम के लिए यह आवश्यक है कि वनों की कटाई बंद हो, कारखाने शहरों से दूर स्थापित किए जाएँ। ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाने होंगे तथा अपने आसपास साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना होगा।

5. समय का सदुपयोग समय अमूल्य धन है। व्यक्ति के निर्माण में समय का महत्त्व असंदिग्ध है। बीता हुआ समय कभी नहीं लौटता। अतः जो व्यक्ति समय की उपेक्षा करता है समय उसका साथ छोड़कर आगे बढ़ जाता है। इसलिए यह जरूरी है कि समय के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग किया जाय।

सुख और दुख भी समय की देन हैं। समय केवल उसका मित्र है जिसका जीवन का एक-एक पल बहुमूल्य है। उन्नति करने वाला व्यक्ति बेकार की बातों में अपना सयम नष्ट नहीं करता। समय का दुरुपयोग मनुष्य के लिए घातक, उन्नति में बाधक तथा पश्चाताप का कारण बनता है।

प्रत्येक कार्य को करने की एक निश्चित एवं सुदृढ़ योजना बना लेनी चाहिए, फिर उसके अनुरूप कार्य संपन्न करना चाहिए। सूर्य और चंद्रमा निर्धारित समय पर उदय-अस्त होते हैं, पूरी प्रकृति समय के अनुशासन में बँधी हुई है। संसार में जितने भी महापुरु ष हुए हैं, उन्होंने अपने जीवन के एक-एक पल का उपयोग किया है। बड़े-बड़े वैज्ञानिक, संगीतकार, साहित्यकार समय का सम्मान करके ही बड़े बने हैं। समय का सम्मान करना ही सच्ची पूजा है। जो व्यक्ति अपने जीवन के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करता है, वही जीवन में सदैव प्रसन्न, संतुष्ट और संपन्न रहता है। अतः समय का यह महत्त्व समझकर जो व्यक्ति अपने जीवन में आचरण करते हैं, वही समाज की अगुवाई करते हैं। पूज्य एवं पथ प्रदर्शक बनते हैं।

6. प्रकाश पर्व दीपावली त्योहारों के देश भारत में समय-समय पर अनेक त्योहार मनाए जाते हैं, जो व्यक्ति को अपनी संस्कृति से जोड़े रखते हैं तथा जीवन में उल्लास एवं उत्साह भर देते हैं। दीपावली भी भारतीयों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है। दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है-दीप + अवली अर्थात दीपों की पंक्ति। इस दिन दीप जलाने का विशेष महत्त्व है इसलिए इस दिन रात को दीपक जलाकर प्रकाश किया जाता है। अतः दीपावली प्रकाश पर्व है।

दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दीपावली मनाने के विषय में अनेक मत हैं। कुछ लोगों का विचार है कि जब श्री रामचंद्र जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे तब उनके स्वागत की खुशी में लोगों ने घी के दीए जलाए थे, तभी से यह त्योहार मनाया जाता है। आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी दयानंद और जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी को दीपावली के दिन ही मोक्ष प्राप्त हुआ था। सिक्खों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह इसी दिन मुगलों के कारागार से मुक्त हुए थे। दीपावली सफ़ाई और स्वच्छता का संदेश लेकर आती है। कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों की सफ़ाई करने में जुट जाते हैं। उस दिन बाजार में दुकानें मिठाइयों, पटाखों और सजावट के सामान से विशेष रूप से सजी रहती है।

दीपावली के साथ पाँच त्योहार जुड़े हैं–धनतेरस, नरक चतुर्दशी, गोवर्धन पूजा और भैयादूज।

धनतेरस के दिन सोने-चाँदी के आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है। छोटी दीपावली के दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। दीपावली । के दिन रात में लोग अपने-अपने घरों पर दीपकों तथा मोमबत्तियों का प्रकाश किया करते हैं। लक्ष्मीपूजन किया जाता है। बच्चे आतिशबाजी करते हैं। लोग अपने मित्रों एवं संबंधियों के घर मिठाई के साथ शुभकामनाओं तथा उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और उसके अगले दिन भैया-दूजे का त्योहार मनाया जाता है। हमें इस दिन जुआ। खेलने तथा शराब से दूर रहना चाहिए। दीपावली हमें आनंद एवं प्रकाश देती है, इसलिए हमें यह त्योहार सदैव मिल-जुलकर एवं सद्भावना से मनाना चाहिए।

7. खेलों का महत्त्व खेल हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। चाहे वह बच्चा हो या जवान या बुजुर्ग सभी को खेलना अच्छा लगता है। खेलों से स्वस्थ शरीर एवं मन स्वथ्य रहता है। खेलने से हमारे शरीर में स्फूर्ति और ताजगी आती है। यह एक प्रकार का व्यायाम भी है, जो हमारे शरीर को मजबूत और सुगठित बनाता है।

खेल दो प्रकार के होते हैं-बाहरी और भीतरी। अर्थात घर के बाहर खुले मैदान में खेले जाने वाले खेल तथा घर के अंदर खेले जाने वाले खेल। घर के अंदर खेले जाने वाले खेलों में शतरंज, कैरमबोर्ड, लूडो, साँप-सीढी आदि कई प्रकार के खेल आते हैं। कैरमबोर्ड, शतरंज, लूडो जैसे खेलों से हमारा मानसिक विकास होता है।

घर के बाहर खुले मैदान में खेले जाने वाले खेलों से हमारा मानसिक विकास होता है; जैसे फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस, कबड्डी, हॉकी, बास्केटबॉल, गोल्फ आदि। ये खेल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले जा रहे हैं।

खेलने वाला व्यक्ति कुछ देर के लिए संसार के सारे झंझटों को भूल जाता है, वह निश्चित हो जाता है। इससे काम करने की शक्ति बढ़ती है तथा हमें समूह में काम करने की आदत पड़ती है। खेलों से हमारे अंदर आत्मविश्वास, सहयोग, अनुशासन, साहस, एकता आदि मानवीय गुणों का भी विकास होता है। हमें नए-नए लोगों से मिलने और समझने का अवसर मिलता है।

आज खेल-जगत में प्रसिद्धि के साथ-साथ धन भी खूब कमाया जा रहा है। इसलिए शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हमारे जीवन में खेलों का बहुत अधिक महत्त्व है।

8. ऋतुओं का राजा वसंत भारत में छह ऋतुओं में वसंत को ऋतुराज कहकर संबोधित किया जाता है, क्योंकि यही ऋतु सबसे अधिक सौंदर्यमयी तथा मादक होती है। इस ऋतु में पृथ्वी का कण-कण रोमांचित हो जाता है। वसंत ऋतु भी दो महीने के लिए आती है। चैत और बैशाख वसंत ऋतु के मास है। इस समय प्रकृति मानो रंग-बिरंगे फूलों की चादर ओढ़े हुए इठलाती दिखाई देती है, इस समय न तो अधिक गरमी होती है और न सरदी। पक्षियों की चहचहाहट, भंवरों की गुन-गुन आदि मधुर संगीत के समान सुनाई पढ़ते हैं। शीतल-मंद-सुगंधित पवन बहने लगती है, सरसों के फूलों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो धरती ने पीली चुनरिया ओढ़ ली हो। आम वृक्षों पर बौर छा जाता है तथा कोयल का मधुर संगीत सुनाई पड़ता है।

वसंत ऋतु उल्लास, उमंग, माधुर्य, मादकता, उत्साह तथा सौंदर्य की ऋतु है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह ऋतु अत्यंत उपयोगी है। भारतीय परंपरा के अनुरूप इसी काल में नए संवत वर्ष का चक्र भी प्रारंभ होता है। यह ऋतु कवियों को बहुत प्रिय है।।

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स्वयं पर निबंध

Essay On Myself In Hindi: हर एक व्यक्ति खुद की नजर में संपूर्ण होता है। खुद के लिए वह परफेक्ट होता है। क्योंकि भगवान ने सबको खास बनाया है, सबके अंदर कुछ खास गुण दिए हैं। हर व्यक्ति एक दूसरे से अलग होता है।

विद्यालय, कॉलेज में अक्सर पहले दिन बच्चों को स्वयं के बारे में लिखने के लिए कहा जाता है। वैसे हर कोई स्वयं के बारे में सब कुछ जानता है लेकिन उसे शब्दों या वाक्य में उतरना सबके लिए आसान नहीं होता।

Essay On Myself In Hindi

ऐसे में इस लेख में स्वयं पर निबंध (Myself Essay in Hindi) लेख के जरिए हम विद्यार्थियों के कठिनाई को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। यहां पर 150, 200, 300 और 600 शब्दों में स्वयं की पहचान पर निबंध शेयर किये है।

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें।

स्वयं पर निबंध (Essay On Myself In Hindi)

स्वयं पर निबंध 150 शब्दों में.

मेरा नाम अजीत है। मैं 12th कक्षा में पढ़ता हूं। मेरे पिता का नाम जितेंद्र चौधरी है और वह पेशे से एक इंजीनियर है। मेरी माता का नाम प्रियंका है और वह पेशे से एक शिक्षक है। मेरी दो बहने भी है श्वेता और गीता। दोनों मुझसे बड़ी हैं और पढ़ाई के मामले में दोनों ही मेरी मदद करती हैं।

मेरा पूरा परिवार सरल, सहज और ईमानदार है, जिसके कारण मुझे अपने परिवार से अच्छे संस्कार प्राप्त हुए हैं। किसी भी समस्या पर मेरी बहने मेरी सहायता करती हैं। मेरे माता-पिता मुझे मार्गदर्शित करते हैं। मेरे माता-पिता दोनों ही शिक्षित होने के कारण वह मुझे अच्छी शिक्षा दे रहे हैं।

मेरा लक्ष्य है डॉक्टर बनना। इसीलिए मैं हर दिन इसके लिए कड़ी मेहनत करता हूं। डॉक्टर बन के मैं गरीब और निसहाय लोगों का मुफ्त में इलाज करना चाहता हूं। मेरे लक्ष्य को प्राप्त करने में मेरा पूरा परिवार मेरा साथ देता है।

मुझे क्रिकेट खेलना बहुत ही पसंद है। हर दिन शाम के समय 1 से 2 घंटा मैं अपने दोस्तों के साथ ग्राउंड में क्रिकेट खेलता हूं। इसके अतिरिक्त मुझे प्लाटिंग का भी शौक है।

मेरे घर में मैंने तरह-तरह के पौधे लगाए हैं। मैं लोगों के साथ बहुत जल्दी घूल मिल जाता हूं, जिसके कारण मेरे कई सारे दोस्त हैं। बस यही है मेरा जीवन परिचय।

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स्वयं पर निबंध 200 शब्दों में

इस दुनिया में तरह तरह के लोग रहते हैं और उनके अलग-अलग शोक होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति का अलग-अलग व्यवहार होता है। सबका अपना सोचने का तरीका अलग अलग होता है। इसी प्रकार इस संसार में मेरा व्यक्तित्व भी बहुत भिन्न प्रकार का है।

मेरा नाम राहुल चौधरी है। मैं जयपुर जिले के शाहपुरा तहसील का निवासी हूं। मेरे पिताजी एक किसान है, जो खेतों में काम करते रहते है। मैं जयपुर के महाराजा कॉलेज का फाइनल ईयर का विद्यार्थी हूं।

मैं अभी विज्ञान से बीएससी कर रहा हूं, जो राजस्थान विश्वविद्यालय की संगठन कॉलेज है। मुझे शुरुआत से ही विज्ञान संकाय में रुचि रही है और मुझे वैज्ञानिक तकनीकों में बहुत लगाव है। चंद्रयान और मिशन यान मेरे फेवरेट टॉपिक है।

मैं बहुत ही सरल स्वभाव का लड़का हूं। मैं कभी भी किसी का बुरा नहीं सोचता क्योंकि मुझे पढ़ाई के अलावा समय ही नहीं मिल पाता। मैं हमेशा दूसरों की मदद करता रहूं।

मेरी आदत है कि मैं हमेशा कुछ नया सीखने के लिए प्रयासरत रहता हूं और मैं हमेशा कुछ ना कुछ तकनीकी पूरक करता रहता हूं। मुझे खेलने में फुटबॉल बहुत ही अच्छा लगता है और मुझे दोस्तों के साथ हंसी मजाक करना भी अच्छा लगता है।

व्यक्ति को हमेशा स्वयं के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए। दूसरों के बारे में भी सोचना चाहिए क्योंकि हम सभी एक दूसरे पर आश्रित रहते है। हमें एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए और अपने जीवन को सुव्यवस्थित तरीके से जीना चाहिए।

स्वयं पर निबंध 300 शब्दों में

हर व्यक्ति अपना अलग स्वभाव और व्यक्तित्व से अलग पहचान रखता है। कोई भी एक जैसा नहीं होता है। सबकी रुचि, सबके विचार अलग-अलग होते हैं।

मेरा नाम जूली है। मैं अभी विनोबा भावे यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी विषय मैं स्नातक की पढ़ाई कर रही हूं। मेरी उम्र 22 वर्ष है। स्नातक की पढ़ाई के साथ ही में सरकारी नौकरी की भी तैयारी कर रही हूं।

मेरा परिवार

मेरे परिवार में छह लोग हैं, मेरे माता-पिता, मेरे दादा-दादी और एक भाई। मेरे पिता का नाम शिव शंकर और माता का नाम रानी देवी है। मेरे दादा दादी गांव में रहते हैं और हम पढ़ाई के कारण शहर में रहते हैं।

मेरी दिनचर्या

मैं हर दिन सुबह 6:00 बजे उठ जाती हूं। मां सुबह मेरे लिए नाश्ता तैयार करती हैं। फ्रेश होने के बाद मैं नाश्ता करती हूं और फिर कॉलेज जाने की तैयारी करती हूं। शाम को मैं कॉलेज से वापस आती हूं। उसके बाद अपनी मां के साथ एक घंटा बैठ कर टेलीविजन देखती हूं।

उसके बाद मैं अपनी सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए 2 घंटे पढ़ाई करती हूं। उसके बाद शाम के खाने के लिए मैं मां की मदद करती हूं।

खाना बनने के एक घंटे के बाद हम पूरे परिवार के साथ बैठकर रात्रि भोजन का आनंद लेते हैं। 10:00 तक मैं अपने बिस्तर पर आ जाती हूं। थोड़ी देर फोन चलाने के बाद मैं सो जाती हूं।

मेरा व्यक्तित्व

मेरे व्यक्तित्व से ही मेरी पहचान है। मैं एक सरल और शांत स्वभाव की लड़की हूं। मैं बहुत कम ही बात करना पसंद करती हूं। मुझे ज्यादातर समय अकेले बिताना पसंद है। मुझे अपने परिवार से काफी संस्कार मिले हैं।

मैं बड़ों की इज्जत भी करती हूं, गरीब और जरूरतमंदों की मदद भी करती हूं। अपने परिवार का ध्यान रखना भी मुझे पसंद है। अपने आसपास के हर लोगों को खुश रखना मुझे बहुत अच्छा लगता है।

हर एक व्यक्ति का अपना-अपना शौक होता है और खाली समय में मनोरंजन के लिए वह अपने शौक को पूरा करता है। मुझे स्केच बनाना बहुत ही पसंद है। जब भी मैं खाली समय पाती हूं स्केच बनाने लगती हूं। यह मुझे बहुत ही आनंद देता है।

मेरा लक्ष्य

जीवन में हर व्यक्ति सफल बनना चाहता है और इसके लिए एक लक्ष्य का होना बहुत ही जरूरी है। मेरा भी लक्ष्य है और मेरा लक्ष्य है सरकारी नौकरी पाने का।

सरकारी नौकरियां लड़कियों के लिए बहुत ही अच्छी होती है और मेरे परिवार में हर कोई चाहता है कि मैं सरकारी नौकरी प्राप्त करूं। इसीलिए इसके लिए मैं मेहनत भी कर रही हूं और मेरा परिवार भी मुझे हमेशा मार्गदर्शित करते रहता है।

अपना लक्ष्य प्राप्त करके मैं अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती हूं। उन्हें गर्वोन्नित महसूस करना चाहती हूं।

इस दुनिया के हर एक व्यक्ति अलग गुण, अलग व्यक्तित्व अलग पहचान रखता है। हर व्यक्ति अपने गुणों से पहचाना जाता है, उसके आचरण, बोलचाल से व्यक्ति श्रेष्ठ बनता है। हमें अपने लक्ष्यों पर ध्यान देकर आगे बढ़ना चाहिए।

  • मेरा गाँव पर निबंध
  • मेरा घर पर निबंध

स्वयं पर निबंध 600 शब्दों में

इस संसार में सबका अपना-अपना अलग-अलग व्यक्तित्व होता है और सबका अपना-अपना अलग सिद्धांत होता है। इसी प्रकार मेरा भी अलग सिद्धांत है। मैं अपने परिवार वालों के साथ रहना ज्यादा पसंद करता हूँ।

मेरा नाम सत्यम चौधरी है, मुझे मेरे परिवार वाले, करीबी दोस्त और मेरे अध्यापक ‘कान्हा’ कह कर बुलाते हैं। मैं अभी फिलहाल एक हॉस्पिटल में कार्यरत हूं। मैं मेरी हॉस्पिटल में प्रयोगशाला सहायक के पद पर कार्यरत हूं।

मेरे पिताजी किसान है और मेरी माताजी गृहिणी है। मेरे एक छोटा भाई है, जिसका नाम शिवम चौधरी है। मेरी दो बहनें है। दिव्यांशी और हिमांशी। मुझे मेरे परिवार वालों ने शुरु से ही अच्छे संस्कार दिए हैं। मुझे बड़े बुजुर्गों की मदद करना अच्छा लगता है।

मेरे परिवार की शिक्षा के अनुसार मुझे बड़ों का आदर करना सिखाया गया है। मैं सबके साथ प्रेम भाव से मिल जुलकर रहता हूं। मैं सिद्धांतों और आदर्शों पर चलने वाला लड़का हूं। मैं अपने काम के लिए किसी दूसरे पर आश्रित नहीं रहता हूं। मैं मेरा काम खुद ही करता हूं।

हमारे परिवार के सभी सदस्य मिल जुलकर रहते हैं। मेरे पिताजी गांव वालों से अच्छी तरह मिल जुलकर रहते हैं क्योंकि हम गांव में ही निवास करते हैं। मेरा गांव ही हमारी मातृभूमि हैं। मेरी मम्मी एक गृहिणी है, जो हम सभी का ख्याल रखती है।

मेरा स्वभाव

मैं एक सरल और सौम्य स्वभाव का लड़का हूं। मैं अपने काम को समय पर ही पूरा करता हूं। मैं हमेशा अपने दोस्तों को सुखी ही देखना चाहता हूं। मतलब की है हंसता हुआ देखना चाहता हूं।

मेरी आदतों में सबसे पहले मॉर्निंग वॉक आता है। मैं सुबह उठते सबसे पहले पर वॉक जाता हूं। मैं अपने सभी कार्य समय पर पूरा करता हूं। मैं दूसरों पर कभी भी निर्भर नहीं रहता हूं। मुझे गरीब और जरुरतमंद की सहायता करना अच्छा लगता है।

मैं एक सफल डॉक्टर बन कर लोगों का सही इलाज करना चाहता हूँ। भारत से संपूर्ण रोगों को मिटाना चाहता हूँ। मुझे एक दिनचर्या को फॉलो करना अच्छा लगता है।

मुझे लिखना बहुत ही अच्छा लगता है और इसके अलावा मुझे क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता है। मैं खाली समय में किताबें पढ़ता हूं और टेलीविजन देखता हूं।

मुझे घूमना भी बहुत पसंद है। मैं हमेशा ट्रैवलिंग करता रहता हूं। मुझे हॉस्पिटल के कार्य में भी बहुत रूचि है।

मेरी पसंदीदा चीजें

मुझे आइस क्रीम खाना बहुत ही पसंद है और इसके अलावा मुझे फुटबॉल खेलना भी बहुत पसंद है। कभी-कभी मैं पिता जी के साथ बाहर खाना खाने जाता हूं। मुझे बाहर का खाना बहुत अच्छा लगता है।

मेरे लिए समय का महत्व

मेरे लिए समय का बहुत ही महत्व क्योंकि मैं सभी काम समय पर पूरा करता हूं और मैं मेरे समय को कभी भी खराब नहीं करता हूं। मैं हमेशा समय का सदुपयोग करता हूं। मैं रोज़ सुबह जल्दी उठता हूं और योगा करता हूं।

मुझे हमेशा ही सफल इंसान बनने की तमन्ना रही है, जिसको पूरा करने के लिए मैं रात-दिन कठिन महेनत कर रहा हूं और मैं दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। मैं हमेशा शिष्टाचार के साथ रहता हूं। मैं किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करता हूं।

इस आर्टिकल में स्वयं पर निबंध (Essay On Myself In Hindi) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है।

मैं उम्मीद करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

मेरा शहर पर निबंध

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मेरी प्रिय पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Essay on Myself in Hindi Language – स्वयं पर निबंध

June 19, 2018 by essaykiduniya

Essay about Myself in Hindi. Here you will get Paragraph and Short Essay on Myself in Hindi Language for students of all Classes in 150, 300, 400 and 600 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में स्वयं पर निबंध मिलेगा।

Essay on Myself in Hindi Language – स्वयं पर निबंध

Essay on Myself in Hindi Language

Short Essay on Myself in Hindi Language – स्वयं पर निबंध ( 150 words )

मेरा नाम रोहित कपूर है। मेरी उम्र 10 साल है। मैं कक्षा 6 विवेकानंद हाई स्कूल, जयपुर में पढ़ता हूं। मेरा जन्म जयपुर में हुआ था। मैं अपने पालतू कुत्ते को बहुत प्यार करता हूँ। मेरा पसंदीदा विषय हिंदी है। हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। मुझे हमेशा हिंदी में अच्छे अंक मिलते हैं। मेरे पिता का नाम राजीव कपूर है। वह एक व्यापारी है। मेरी मां का नाम कंता कपूर है। मेरी मां एक गृहिणी है। मेरा एक छोटा भाई है। उनका नाम सुमित कपूर है। मैं शांति नगर में अपने माता-पिता और दादा दादी के साथ रहता हूं। मेरे दादा एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी हैं। मेरी दादी एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक है। मेरे दादा दादी बहुत धार्मिक हैं। वे हर रोज पास के मंदिर में जाते हैं। मैं अपने परिवार से प्यार करता हूं और मेरे परिवार में हर कोई मुझे बहुत प्यार करता है।

Essay on Myself in Hindi Language – स्वयं पर निबंध ( 300 words )

नमस्कार, मेरा नाम राहुल शर्मा है और मैं वर्तमान में ग्रेड 12 में हूं। मैं अब एक साल के लिए काउंटी हाई स्कूल में रहा हूं। मैं 11 वीं कक्षा की शुरुआत में शामिल हो गया, और मैंने यहां पूरी तरह से आनंद लिया है। स्कूल बहुत बढ़िया है, लोग शानदार हैं और वातावरण एक ऐसा है जो आपको वास्तव में स्कूल जाना चाहता है। एएसबी में शामिल होने से पहले मैं अमेरिकी इंडियन स्कूल में दो साल तक पढ़ रहा था और उससे पहले मैं दो साल तक मलेशिया के अंतर्राष्ट्रीय स्कूल में था। मैं यहां पैदा हुआ और बॉम्बे शहर में उठाया और यहां केवल बड़ा हुआ।

मैं एक मजेदार प्रेमी लड़का हूँ। मेरे बारे में एक बात यह जानना महत्वपूर्ण है कि पहले मैं बहुत शर्मीली व्यक्ति के रूप में आती हूं लेकिन एक बार जब मैं लोगों को जानती हूं और अपने पर्यावरण से सहज महसूस करता हूं तो मैं बहुत अच्छा हूं। मेरे लिए दोस्त बनाना मुश्किल है लेकिन एक बार जब मैं उन्हें बना देता हूं, तो यह बहुत अच्छा होता है और मैं सब अलग हूं। मैं मजाक करता हूं, हंसता हूं और हास्य करता हूं और मुझे जितना मिलता है उतना मिलता है। मैं बहुत दयालु और संवेदनशील व्यक्ति हूं क्योंकि मेरे करीबी दोस्त आपको बताएंगे।

मेरे पास एक कठिन खोल है लेकिन अंदर मैं नरम हूँ। मैं भी एक बहुत ही अनुशासित व्यक्ति हूं और सही और गलत क्या है पर दृढ़ता से खड़ा हूं। मैं भी एक बहुत सीधी और ईमानदार व्यक्ति हूं। मैं समझता हूं और जानता हूं कि हम सभी कभी-कभी एक शो में डालते हैं और यह नहीं दिखाते कि हम वास्तव में कौन हैं या हम क्या महसूस करते हैं लेकिन कुछ लोग लगातार ऐसा करते हैं और ऐसे लोग जिनके साथ मैं खड़ा नहीं हो सकता।

Essay on Myself in Hindi Language – स्वयं पर निबंध ( 400 words )

मैं एक अठारह साल की लड़की हूँ और कॉलेज में बीएससी के द्वितीय वर्ष में पढ़ती हूँ। मेरा नाम जैसमिन है और मैं करनाल जिले के असंध हल्के की निवासी हूँ। मेरा कस्बा बहुत बड़ी नहीं है पर मुझे इससे बहुत प्यार है। यहाँ के सभी लोग मिल जुलकर बहुत ही प्यार से रहते हैं। असंध में हमारा अपना घर है। मेरे पिता जी एक दुकानदार है और उन्हें दुनिया की भी अच्छी परख है। मेरी माता जी एक घरेलु महिला है जो कि हर समय हम सबकी इच्छाओं को पूर्ण करने में लगी रहती है। हम चार भाई बहन है। मेरे दो बड़े भाई है और एक छोटा भाई है। सबसे बड़े भाई का नाम विकास है और वह अपनी स्नातक पूरी कर चुके हैं। अब वह पापा के साथ दुकान पर ही रहते हैं।

वह बहुत ही शांत स्वभाव के व्यक्ति है। दुसरे नंबर के भाई का नाम आशिष है वैसे तो वह बहुत ही मेधावी है लेकिन उन्हें पढ़ाई लिखाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी। इसलिए उन्होंने सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई की है। मेरा छोटा भाई प्रियम 11वीं कक्षा में पढ़ता है। वह बहुत ही शरारती है और हर वक्त मुझे परेशान करता रहता है। लेकिन जब कभी भी मैं बिमार पड़ती हूँ वह मेरा बहुत ध्यान रखता है। हमारे घर में सबसे बड़ी और आदरणीय हमारी दादी जी है। अब उमर के साथ साथ उन्हें कम दिखाई देने लगा है। हम चारों भाई बहनों में बहुत ही प्यार है और हम सब मिलकर बहुत मस्ती करते हैं। मैं हमेशा अपनी कक्षा में अव्वल आती रही हूँ। मैं अपने सभी अध्यापकों की भी प्रिय छात्रा रही हूँ।

मैनें पढ़ाई के साथ साथ भाषण ,खेल जैसे कि हैंडबॉल आदि में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मैं अपने कॉलेज में होने वाली हर प्रतियोगिता में भाग लेती हूँ। मैं गायन, नाटक और एकटिंग में बहुत बार भाग ले चुकी हूँ। लघु नाटक में मैनें बहुत बार अपमै स्कूल का नेतृत्व किया है। मुझे कविता लिखने को बहुत ज्यादा शोक है जिसके कारण मुझे मेरे दोस्त राईटर के नाम से भी बुलाते हैं। स्कूल से ले कर अब तक मेरी एक सहेली रही है किरन। वह बहुत ही अच्छी है और हमेशा मेरी सहायता करती है। मुझे साइकल चलाने का भी बहुत शोक है। अब मैं अपने घर से दुर रहकर पड़ती हूँ पर जब भी घर जाती हूँ साइकल पक्का ही चलाती हूँ।

Essay on Myself in Hindi Language – स्वयं पर निबंध ( 600 words )

मेरा नाम विकास कुमार है। मैं 6 वीं कक्षा में रवि प्रकाश हाईस्कूल में पढ़ रहा हूं। मैं 10 साल का हूँ, मैं अपने माता-पिता, भाई और बहनों के साथ मुंबई में रहता हूं। मैं एक ईमानदार छात्र और अपने प्यारे माता-पिता का प्यारा बच्चा हूं। मेरे घर में, हर कोई मुझे विकी कहते हैं और मेरे दादा दादी मुझे विकु कहते हैं। मैं अपने दादा दादी के साथ सुबह और शाम की सैर में चलने के लिए जाता हूं। वे मुझे अपने अन्य भाई बहनों से ज्यादा प्यार करते हैं। मैं अपनी स्कूल बस के साथ सुबह सुबह सुबह 8 बजे स्कूल जाता हूं और दोपहर 2 बजे घर आ जाता हूं। मुझे उचित वर्दी में स्कूल जाना पसंद है। स्कूल जाने से पहले सुबह में मैं अपने शिक्षकों और माता-पिता का सम्मान करता हूं, मैं हमेशा भगवान से प्रार्थना करता हूं और नाश्ते करता हूं।

मैं विद्यालय में बहुत व्यस्त हूं और नियमित रूप से स्कूल में पहुंचने पर मैं अपने शिक्षक को शुभ प्रभात कहता हूं। मैं व्याख्यान में बहुत चौकस हूं और बस और दोपहर के भोजन के समय अपने स्कूल के दोस्तों के साथ आनंद लेता हूं। मैं खेल गतिविधियों और अन्य बहिर्वाहिक गतिविधियों में भागों को लेने में बहुत सक्रिय हूं। मैं हमेशा समय पर और ड्राइंग और शिल्प के विषयों की तरह अपना होमवर्क करता हूं। मेरे स्कूल में, प्रत्येक छह महीने में अंतर-विद्यालय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें मुझे भाग लेना चाहिए। मेरे माता-पिता हमेशा मुझे ऐसा करने के लिए प्रेरित करते हैं, मैं हमेशा हर प्रतियोगिता में पहले आ जाता हूं।

मेरा स्कूल वर्ष की सभी महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, क्रिसमस, 2 अक्टूबर, शिक्षक दिवस, बच्चों का दिन इत्यादि मनाता है। सभी बच्चों को जागरूकता और ज्ञान पैदा करने के लिए, हमें सलाह दी जाती है कि घटना समारोह के दौरान सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लें। मैं भाषण पाठ में भाग लेता हूं, मुझे नृत्य पसंद है और नृत्य प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। हमारा स्कूल जनवरी के महीने में एक वार्षिक समारोह आयोजित करता है, हमारे माता-पिता को वार्षिक समारोह में स्कूल में आमंत्रित किया जाता है। हर साल मैं अपने दोस्तों और शिक्षक के साथ स्कूल पिकनिक के लिए जाता हूं, हमारे पास बहुत मज़ा आता है और कई गेम खेलते हैं।

त्यौहारों के दौरान, हमें स्कूल से छुट्टी मिलती है। छुट्टी में, मेरे माता-पिता हमें एक पिकनिक के लिए बाहर ले जाते हैं या हम अपने मूल स्थानों पर जाते हैं। मेरे भाइयों और बहनों की एक अच्छी कंपनी है, जहां भी हम जाते हैं हम अपने दादा दादी हमारे साथ लेते हैं। हमारे पास इतने बड़े परिवार के साथ बहुत मज़ा और आनंद है। मैं अपने परिवार से बहुत प्यार करता हूं और हर कोई मुझसे बहुत प्यार करता है। मुझे अपने माता-पिता के साथ लुडो और कैरम खेलना पसंद है, मेरे पिता मेरे और मेरे पिता के साथ खेलते हैं और मैं अच्छे दोस्त हैं। मुझे स्नैक्स खाना पसंद है और फलों और सब्जियों को खाना पसंद नहीं है जिसके लिए मेरी मां हमेशा मुझे डांटती है।

मेरे शौक कार्टून देख रहे हैं, पहेली खेल रहे हैं, खिलौने इकट्ठा कर रहे हैं। मेरी मां हमेशा मुझे भारत का एक अच्छा नागरिक बनने के लिए नैतिकता और जिम्मेदारियों के बारे में सिखाती है। मैं हमेशा खुद को साफ रखता हूं और अपना अध्ययन कक्ष और शयनकक्ष साफ और साफ रखता हूं। मेरे माता-पिता हमेशा मेरी और मेरी पसंद और नापसंद का ख्याल रखते हैं। मेरे सभी दोस्त बहुत अच्छे हैं।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Myself in Hindi Language – स्वयं पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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स्वयं पर निबंध essay on myself in hindi मेरा परिचय निबंध mera parichay in hindi.

Short essay on Myself in Hindi language. स्वयं पर निबंध। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए स्वयं पर निबंध हिंदी में। Read मेरा परिचय निबंध Mera Parichay in Hindi Essay.

Essay on Myself in Hindi मेरा परिचय पर निबंध

Hindiinhindi Essay on Myself in Hindi

Essay on Myself in Hindi 150 Words

मेरा नाम अनुराग सिंगला है। मैं गीता कालोनी, दिल्ली में रहता हूँ। मैं 11 साल का हूँ। मैं कक्षा 5 में पढता हूँ। मैं गर्वमेन्ट हाई स्कूल में पढता हूँ। सुबह मै उठकर स्नान करता हूँ। स्नान करने के बाद मैं रोज भगवान से प्रार्थना करता हूँ। मै स्कूल के लिए तैयार होने के लिए अपनी स्कूल की ड्रेस पहनता हूँ और उसके बाद मै हैल्थी नाश्ता लेता हूँ।

मेरी माता जी मेरे स्कूल के लिए लंच बाक्स तैयार करती है। मैं सीधा और हैल्थी खाना पसंद करता हूँ। मेरे खाली समय में मैं घर के अन्दर खेले जाने वाले खेल जैसे लूडो और केरम खेलना पसंद करता हूँ। मै स्कूल की ड्रेस पहनकर रोज स्कूल जाता हूँ। मैं स्कूल में समय पर जाना बहुत पसंद करता हूँ। मेरे कई दोस्त है मगर मेरा प्रिय दोस्त मोहन है। हम स्कूल की कक्षा में इकठे बैठते है।

Essay on Myself in Hindi 250 Words

मेरा नाम तरुण वर्मा है। वर्मा मेरा जातिगत नाम है। मैं 10 वर्ष का हूँ और 5वीं कक्षा में पढ़ता हूँ। प्रतिदिन मैं स्कूल बस से विद्यालय जाता हूँ। इसके लिये मुझे सुबह जल्दी उठना पड़ता है। गर्मियों में तो कोई कठिनाई नहीं होती लेकिन सर्दियों में थोड़ा कष्ट होता है।

मेरे पिताजी सरकारी नौकरी में हैं। वे एक अधिकारी हैं। सरकार की ओर से उन्हें एक घर मिला हुआ है। मेरा घर बहुत सुंदर है। उसमें मैं अपनी माँ, पिताजी, बहन और भाई के साथ रहता हूँ। मेरी माँ बहुत अच्छी है। वे हम सब भाई-बहनों को पढ़ाती-लिखाती है और हम सबके लिए भोजन बनाती है। उनका बनाया हुआ खाना बहुत स्वादिष्ट होता है। वे सबसे अच्छा राजमां चावल बनाती हैं।

मेरी एक छोटी बहन है, नाम है वन्दना। बड़ी शरारती और बातूनी है। सबकी आँखों का तारा। अभी छोटी है, स्कूल नहीं जाती। अगले वर्ष से जाने लगेगी। मैं उसे बहुत प्यार करता हूँ। उसे टॉफियाँ, चॉकलेट, खिलौने आदि लाकर देता हूँ। अभी कुछ दिनों पहले बीमार पड़ गई तो हमारे तो प्राण ही सूख गये। जब बोलती है तो जैसे बहार आ जाती है। चलती नहीं बस नाचती रहती है। मेरा भाई मुझसे बड़ा है, वह सातवीं कक्षा का छात्र है। वह मेरे ही स्कूल में पढ़ता है। वह खेलकूद तथा पढ़ाई में सदैव प्रथम आता है, उसे आदर्श विद्यार्थी का ईनाम भी मिला है।

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essay on myself in hindi for class 6

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मेरा परिचय निबंध- Myself Essay in Hindi

In this article, we are providing information about Myself in Hindi- Short Myself Essay in Hindi Language. मेरा परिचय निबंध, Mera Parichay in Hindi, Paragraph on Myself in Hindi for kids. जरूर पढ़े- 10 lines on Myself in Hindi

मेरा परिचय निबंध- Myself Essay in Hindi

Myself Essay in Hindi

Mera Parichay Par Nibandh | Essay in Hindi | मेरा परिचय निबंध

मेरा नाम नेहा शर्मा है। मैं दस वर्ष की हूँ। मैं कक्षा पाँचवी में पढ़ती हूँ।

मेरे पिता का नाम श्री. राकेश शर्मा है। वे एक चिकित्सक हैं। मेरी माँ का नाम श्रीमती रीना शर्मा है । वे एम.ए. तक पढ़ी हैं। वे एक गृहिणी हैं। मेरा एक छोटा भाई है। उसका नाम साहिल है। वह पहली कक्षा में पढ़ता है। हम एक ही विद्यालय में पढ़ते हैं।

मैं मन लगा कर पढ़ती हूँ। गणित एवं विज्ञान मेरे प्रिय विषय हैं। बड़ी होकर पिता जी की तरह मैं भी चिकित्सक बनना चाहती हूँ।

पढ़ाई के अलावा खेल में भी मेरी रूचि है। बैडमिंटन मेरा प्रिय खेल है। मेरी कई सहेलियाँ हैं। परन्तु शिवानी मेरी प्रिय सहेली है। हम साथ खेलते है।

मुझे संगीत सुनना, नृत्य करना और चित्रकारी भी पसंद है। चित्रकारी में मैंने कई पुरस्कार जीते हैं।

मेरा जन्मदिन 10 मई को है। मेरे जन्मदिन पर मेरे माँ-पापा मुझे अच्छे उपहार देते हैं।

हमारे पास एक कुत्ता है। इसका नाम प्लूटो है। विद्यालय से आने के बाद मैं और मेरा भाई प्लूटो के साथ खेलते हैं।

मैं अपने माँ, पिता जी और भाई को बहुत प्यार करती हूँ।

Nibandh Mera Parichay in Hindi | स्वयं पर निबंध ( 200 words )

मेरा नाम स्नेहा हैं । में महाराष्ट्र के मुंबई शहर में रहती हुं । में एक विद्यार्थी हुं । में पांचवीं कक्षा में पढ़ती हुं । मेरे घर में मैं , मेरे माता – पिता और मेरा भाई रहते हैं । मेरे माता का नाम सुनिता हैं और मेरे पापा का नाम सुनील हैं । मेरे भाई का नाम संग्राम हैं । मुझे खेलों में भाग लेना बहुत पसंद हैं ‌। मेंने आज तक स्कुल में खो- खो , बैंडमिंटन इन खेलों में इनाम भी जीता हैं । मुझे पावभाजी और वड़ा-पाव खाना बहुत पसंद हैं ।

मुझे कड़ी मेहनत करना बहुत पसंद हैं । में मेरी पढ़ाई और हर काम समय से करती हुं । मेरी इसी समयनिष्ठता के वजह से स्कुल के टिचर्स भी मुझे बहुत पसंद करते हैं । और अच्छी मेहनत करने के लिए मेरे माता पिता और टीचर्स मुझे बढ़ावा देते हैं । मुझे डांस करना और पियानो बजाना पसंद हैं । मैंने डांस और पियानो बजाने का कोर्स भी पूरा किया हैं । में घर में हर काम में मेरे मां की मदद करती हुं । मुझे घर साफ सुथरा रखना बहुत पसंद हैं । घर को अच्छे तरह से साफ रखने का काम में ही करती हूं । मेरे माता पिता मुझसे बहोत प्यार करते हैं और में भी मेरे माता-पिता से बहुत प्यार करती हूं ।

Essay on Myself in Hindi | मेरा परिचय निबंध

मेरा नाम कुनाल है और मैं दंसवी कक्षा का छात्र हूँ। मैं असंध में रहता हूँ और वबाँ संत जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ता हूँ। मेरे पिता का नाम जय पाल और माता की नाम रूपवती है और हम चार भाई बहन है। मैं एक संयुक्त परिवार में रहता हूँ। मेरे चाचा चाची और दादा दादी भी हमारे साथ ही रहते है और सब मुझसे बहुत प्यार करते हैं। मैं रोज सुबह 5 बजे उठकर सैर के लिए जाता हूँ और आकर स्कूल के लिए तैयार होती हूँ। मैं रोजाना युनिफॉर्म पहन कर स्कूल जाता हूँ और मैं रोज का कार्य रोज ही करता हूँ क्योंकि मुझे सभी कार्य समय पर करने की आदत है। मैं समयनिष्ठ और अनुशासनप्रिय हूँ जिस वजह से मैं स्कूल में भी सभी अध्यापकों का प्रिय हूँ। मैं पढ़ाई लिखाई में भी अच्छा हूँ साथ ही खेल कूद में भी दिलचस्पी रखता हूँ और क्रिकेट मेरा प्रिय खेल है। मुझे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना अच्छा लगता है और मैं हर बार नाच गाने और लघु नाटक में भाग लेता हूँ। मुझे साईकिल चलाना बहुत पसंद है इसलिए मैं घर से दो किलोमीटर मेरे स्कूल तक साईकिल पर जाता हूँ। शाम को भी मैं अपने दोस्तों के साथ नहर तक साईकिल पर घुमने जाता हूँ।

मुझे घर वालों के साथ समय व्यतीत करना अच्था लगता है इसलिए हम सब खाना हमेशा एक साथ बैठकर खाते हैं। मैं अपने अध्यापकों का भी पूर्ण सम्मान करता हूँ और हमेशा उनके निर्देश का पालन करता हूँ। मेरे बहुत से दोस्त है पर मेरा सबसे अच्छा दोस्त विशाल है जौ कि हर मुसीबत में मेरी सहायता करता है। मुझे कविता लिखना और पुस्तक पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और साथ ही लोगों की सहायता करना भी अच्छा लगता है। मैं घायल पक्षियों और पशुओं की भी मरहम पट्टी भी करता है।

मैं पढ़ाई हमेशा समय पर करता हूँ और मेरा पसंदीदा विषय गणित है जिसे मैं दिन में 12 घंटे कर सकता हूँ। मुझे पिकनिक पर जाना बहुत अच्छा लगता है और मैं हर साल स्कूल की तरफ से पिकनिक पर जाता हूँ। मुझे शाम के समय थोड़ी देर शांति में बैठना पसंद गै और पक्षियों की चहचाहट सुनना पसंद है। मैं हर साल अपने जन्मदिन पर पौधे भी लगाता हूँ ताकि वातावरण को सुरक्षित रखने में थोड़ा सा सगयोग दे सकूँ। मैं हमेशा इस कोशिश में ही रहता हूण कि अपने व्यक्तित्व को निखार तर अपने चरित्र को गुणवान बना सकूँ।

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My School Essay in Hindi

My Family Essay in Hindi

Essay on My Hobby in Hindi

Essay on My Aim of Life in Hindi

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4 thoughts on “मेरा परिचय निबंध- Myself Essay in Hindi”

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It was nice

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Excellent & very useful

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WOW THIS IS VERY IMPORTANT FOR US

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I dont like this at all be realistic

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स्वयं पर निबंध (Myself Essay In Hindi)

मै हमेशा अपने कमरे की साफ – सफाई रविवार क़ो करती हूँ और हर रविवार को अपने कमरे क़ो आकर्षक तरीके से सजाती हूँ। मैं अपने और अपने परिवार के प्रति सारी जिम्मेदारियों को अच्छे से समझती हूँ। मैं हमेशा अपनी प्यारी बातों और चुटकलों से अपने दोस्तों और सहपाठियों का दिल जीत लेती हूँ।

इसके बाद यदि खाली समय बचता है, तो मैं अपनी मम्मी का घर के   काम मे हाथ बताती हुँ। कभी – कभी मेरे स्कूल की त्यौहारो मे छुट्टीया   होती है, तो मै अपने गाँव रामपुर दादा – दादी   के पास चली जाती हुँ   और खेती मे उनकी मदद करतीं हुँ। सारा दिन खेत मे मैं नहीं रह पाती हुँ, लेकिन 1-2 घंटे का समय निकाल कर खेत मे लगी फ़सल कटवाने मे मैं दादा दादी   की मदद जरूर करतीं हुँ।

तो यह था स्वयं पर निबंध , आशा करता हूं कि स्वयं पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Myself) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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मेरे जीवन का लक्षय पर निबन्ध | Essay for Kids on Aim of My Life in Hindi

essay on myself in hindi for class 6

मेरे जीवन का लक्षय पर निबन्ध | Essay for Kids on Aim of My Life in Hindi!

सभी मनुष्यों का अपने जीवन में कोई न कोई लक्ष्य (Aim) अवश्य होता है । जीवन के आरम्भ के दिनों में अर्थात् अपने बचपन में हर व्यक्ति यह अवश्य सोचता है कि बड़ा होकर वह क्या बनना पसंद करेगा । मेरे जीवन का लक्ष्य है बड़ा होकर एक अच्छा शिक्षक (Teacher) बनना ।

ADVERTISEMENTS:

जीवन का कोई न कोई लक्ष्य अवश्य होना चाहिए । यदि लक्ष्य नहीं है तो हमारा जीवन दिशाहीन (Lacking Definite Direction) हो जाएगा । मैं सदा ही यह सोचता हूँ कि यदि समाज में अच्छे शि क्षक न हों तो यह समूचा समाज और सारी दुनिया ही दिशाहीन हो जायेगी ।

शिक्षक को दुनिया में सबसे ऊँचा स्थान दिया जाना चाहिए क्योंकि शिक्षक ही हमारा आचरण (Character) सँवारते हैं और हमें जीवन के अच्छे-बुरे का ज्ञान देकर हमारा जीवन सुखी बनाने का प्रयत्न करते हैं । मेरा विश्वास है कि अच्छे शिक्षक के अ भाव के कारण ही समूचे संसार में नाना प्रकार के कष्ट और अनेक प्रकार की समस्याएँ (Problems) फैली हुई हैं । इसीलिए मैंने डॉक्टर, इंजीनियर, नेता या अधिकारी (Officer) बनने के स्थान पर शिक्षक बनने की इच्छा अपने मन में सँजोकर रखी है ।

भले ही अच्छा शिक्षक बनना मेरे जीवन का लक्ष्य है किन्तु यह कुछ और बनने से अधिक कठिन कार्य है । अच्छा शिक्षक बनने के लिए केवल ऊँची शिक्षा (Higher education) पाना ही जरूरी नहीं है बल्कि इसके लिए चाहिए कि हम साहसी (Courageous) तथा उच्च नैतिक आचरण (High Moral character) वाला तथा ऊँचे विचारों वाला व्यक्ति (A Man of High Thinking) बनें ।

तभी हम अपने विद्यार्थियों को यह सब गुण दे सकेंगे । अच्छा अध्यापक बनने के लिए हमें व्यावसायिक विचार (Professional Thought) छोड़ने-होंगे और समर्पण भाव (With an Attitude of Sacrifice) से देश के भावी नागरिकों (Future Citizen) के मन और शरीर के विकास में योगदान (Contribution) करना होगा ।

4. उपसंहार:

इन सभी प्रयत्नों (Efforts) से मैं एक एक अच्छा शिक्षक बनने में सफल हो सकता हूँ और देश तथा विश्व को अनेक प्रकार से मुक्त कर सकता हूँ ।

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Myself Essay for Class 6

Myself essay defines characters of one’s own. Myself essay revolves around one’s self who is writing the essay. An essay written on me can be as random as it can. An essay on myself includes one’s habits, nature, hobbies, likes and dislikes, characters, physical attributes, emotional conclusions, etc.

We are providing students of class 6 with two essay samples on the topic ‘Myself’ in English for reference.

Short Essay on Myself of 100 Words

My name is Jenny/John. I am 11 years old. I attend school at Garden High. I am a sixth-grade student. I love attending school as learning new things is my passion. My teachers help me with my education, and I enjoy learning. I live with my parents and two brothers.

My hobbies include painting, playing the guitar, playing video games, and reading the dictionary. I am very fond of learning new and complicated words. As a painter, I love watching people pass by my window. I own a pet dog who is very friendly and loves when I play the guitar for her.

Engage your kid into diverse thoughts and motivate them to improve their English with our  Essay for Class 6  and avail the Simple Essays suitable for them.

Long Essay on Myself of 150 Words

My name is Jenny/John. I am 11 years old. I attend school at Garden High. I am a sixth-grade student. I live with my parents and two young brothers. I own a pet dog who is friendly enough. My favourite place at home is the backyard. I spent a maximum of my time lying down with a book in the park.

My hobbies include painting, humming with the strings of the guitar, playing video games, learning about new words. I am very fond of cosmology and spent my time reading books on space and galaxies. My bookshelf is a mini galaxy. Someday I wish to float in space where no force acts upon me.

As a responsible citizen, I always keep a note of the current affairs happening in my country. I read the newspaper every day. I think a human being should be responsible enough to educate themselves of the wonders and utility holes of the world.

10 Lines On Myself In English

  • My name is Jenny/John.
  • I am a sixth-grade student at Garden High.
  • I am eleven years old and love to live with my parents.
  • I have two young brothers who are cute but sometimes very naughty.
  • I have a pet dog who loves when I play the guitar.
  • My hobbies include painting, playing the guitar, playing video games and learning new words.
  • I am passionate about learning new things; thus, I spent time reading more often.
  • I aspire to be an astronaut and someday look at the earth from a different planet.
  • I am well versed with the current affairs.
  • I believe in myself and my thoughts, but I am always learning and evolving.

Frequently Asked Questions on Myself Essay

Question: How should an essay on Myself begin?

Answer: An essay on myself must begin with an identical introduction like name, age, class, occupation, etc.The essay must contain a vivid description of one’s attributes and nature.

Question: Is an essay on myself formal?

Answer: An essay on myself is formal as well as informal. One can write the essay in a precise formal tone or a sophisticated informal tone. The category differs as per the purpose of the essay.

Question: What are the things to keep in mind while writing an essay on myself?

Answer: While writing an essay on myself, one must avoid narcissistic tone. Making the essay more informative allows the readers to establish a picture of the writer. The essay must be vivid and humble. Remember to start with identical introduction. Include one’s hobbies and dislikes. Conclude with a personal thought that one believes in.

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Essay on Myself in Hindi | स्वयं पर निबंध | मेरा परिचय निबंध | Myself Essay in Hindi

By: savita mittal

Essay on Myself in Hindi | स्वयं पर निबंध | मेरा परिवार और मेरा बचपन

मेरी शिक्षा, मेरी कमजोरियों, जीवन में मेरी महत्वाकांक्षाएं, myself in hindi | मेरा परिचय हिंदी में | myself essay in hindi, essay on myself in hindi – faq.

दोस्तो ये तो आप जानते ही होंगे कि इस पृथ्वी पर हर कोई बाकी लोगों से अलग है। इस दुनिया में उद्देश्य के बिना कुछ भी नहीं है। हर चीज का कुछ न कुछ उद्देश्य होता है। मनुष्य सबसे अच्छी रचना है, और प्रत्येक व्यक्ति अनन्य है। इस प्रकार, अपने बारे में लिखते हुए, मैं यहां खुद को व्यक्त करने के लिए हूं कि मैं क्या देखता हूं, मैं क्या अनुभव करता हूं और मैं अपने जीवन के लिए क्या योजना बना रहा हूं। मैं अपने आप को विनम्र, भावुक, समर्पित, मेहनती और ईमानदार होने की कोशिश करता हूं।

यहाँ पढ़ेें: 10 Lines on Myself In Hindi | मेरा परिचय 10 लाइन निबंध

मैं मध्यप्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं, मेरा नाम रमेश है। परिवार और दोस्तों के समर्थन के बिना इस दुनिया में कोई भी नहीं आता है। दरअसल, आप जो भी होंगे, वह सिर्फ आपके परिवार की वजह से ही हैं। मेरे पिता हमारे समुदाय में एक सम्मानित व्यवसायी हैं।

मेरी मां एक टेलर हैं। वे दोनों अपने व्यवसाय से प्यार करते हैं। यही कारण है कि मैंने अपने माता-पिता से समय, ईमानदारी, कड़ी मेहनत और उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता के मूल्य को सीखा है।

हम दो भाई-बहन हैं। सबसे बड़ा होने के नाते मैं अपने भाइयों और बहनों से सबसे अधिक उत्तरदायी हूं। मैं अपने अन्य भाई-बहनों का मार्गदर्शन और देखभाल करना चाहता था। हम सभी एक ही स्कूल में पढ़ते हैं। पढ़ना मेरा जुनून है।

मैं उपन्यासों और इतिहास की पुस्तकों का एक उत्सुक पाठक हूं क्योंकि मुझे भारतीय इतिहास और शास्त्रीय वास्तुकला में मजबूत रुचि है। मुझे उन पुस्तकों को पढ़ना पसंद है जो प्राचीन भारत के समृद्ध इतिहास और सभ्यता का उल्लेख करती हैं। मेरे बचपन में, मैं अपनी दादी मां से कहानियां सुनता था, और यह मुझ पर लंबे समय तक चलने वाला प्रभाव डालता है।

Essay on Myself in Hindi

यहाँ पढ़ेें: 10 Lines on Discipline in Hindi | अनुशासन पर 10 वाक्य

मैं अपने शहर के एक अच्छे स्कूल में पढ़ता हूं। मैं इस समय 12वीं कक्षा में हूं। मुझे अच्छे दोस्तों, सहायक और प्यार करने वाले शिक्षक और ध्वनि स्कूल प्रशासन के साथ इस महान स्कूल का हिस्सा बनने में खुशी होती है। मेरे पास कुछ विषयों में असाधारण कौशल है जबकि मैं कुछ में बहुत कमजोर हूं।

पढ़ाई की तुलना में, मैं खेल में अच्छा हूं। इसलिए मैं अपनी क्लास फुटबॉल टीम का कप्तान हूं। मेरा प्रिय खेल फुटबॉल है। इसके अलावा, मैं एक तेज धावक भी हूं और मुझे एथलेटिक्स पसंद है।

मेरे माता-पिता की सलाह का मेरी आदतों पर गहरा प्रभाव पड़ा। मैं सच बोलने में विश्वास करता हूं और झूठ नहीं बोलने की पूरी कोशिश करता हूं। मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे सलाह दी कि अगर मैं कोई गलती करता हूं, तो मुझे इसे स्वीकार करना चाहिए। मैं ऐसा करने की पूरी कोशिश करता हूं। मुझे पता है कि हर हालत में खुश कैसे रहना है। क्योंकि मेरा मानना है कि: “खुशी बाहर नहीं है; यह आप में है”।

मैं भी एक बहुत ही साहसी व्यक्ति हूं और जोखिम लेना पसंद करता हूं। मैं बार-बार पुरानी चीजें करने के अलावा एक रचनात्मक काम करना पसंद करता हूं। नई चीजें सीखना एक ऐसी चीज है जिसका मैं हमेशा आनंद लेता हूं। मैं हमेशा खबर के साथ खुद को अपडेट करता हूं।

इसके साथ ही मुझे कुछ बच्चों की मैगजीन पढ़ने का शौक है जिसमें अलग-अलग मोटिवेशनल कहानियां हैं। उन्होंने मुझे एक उच्च नैतिक सबक सिखाया। मैं एक बहुत ही आत्मविश्वासी व्यक्ति हूं और जानता हूं कि कैसे बात करनी है। मैं हमेशा हर व्यक्ति से उसकी आवश्यकता के अनुसार बात करने की कोशिश करता हूं ताकि मैं लोगों को समझ सकूं।

यहाँ पढ़ेें: Essay on Discipline in Hindi

जैसे हर आदमी की कमजोरियां होती हैं, वैसे ही मेरी भी हैं। मैं कुछ जगहों पर थोड़ा आलसी हूं जो मुझे पसंद नहीं है। खेलते समय, मैं अपना बहुत समय वहां बिताता हूं जो एक अच्छी आदत नहीं है, लेकिन मैं अपनी कमजोरियों को दूर करने की पूरी कोशिश करता हूं।

हर किसी के जीवन में एक महत्वाकांक्षा होती है। उद्देश्य या महत्वाकांक्षा मनुष्य की आंतरिक आकांक्षा है। कोई भी आदमी लक्ष्य के बिना दुनिया में कुछ भी नहीं कर सकता है। इसलिए, हम सभी को जीवन में अपने लक्ष्य के बारे में बहुत दृढ़ संकल्पित होना चाहिए।

अच्छे कैरियर योजना के बिना, शुरू से ही, कोई भी सही रास्ते पर नहीं हो सकता है। किसी को अपने व्यापक कैरियर के लक्ष्यों के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करना होता है।

मैंने जीव विज्ञान का अध्ययन किया है और मैं प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा के लिए बैठूंगा। मैं एक अच्छा और ईमानदार छात्र बनने की कोशिश करूंगा। तब मैं एक योग्य डॉक्टर बनूंगा। मैं एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए यह सब करूंगा और इसके प्रति ईमानदार रहूंगा।

अपने बारे में 10 लाइन कैसे लिखें?

अपने बारे में 10 लाइन मेरा नाम  राम/ रानी है। मैं एक लड़का/लड़की हूं। मैं 8 साल का/की हूं। मैं कक्षा 3 में पढ़ता/पढ़ती हूं। मैं बैडमिंटन खेलता/खेलती हूं। मेरा प्रिय फल आम है। मुझे लिखना और पढ़ना बहुत अच्छा लगता है।

मेरा परिचय हिंदी में कैसे लिखते हैं?

मेरा परिचय हिंदी में लिखने के लिए सर्वप्रथम अपना नाम बताएं उसके बाद माता – पिता का नाम। घर में कुल 6 सदस्य है. मेरी दिनचर्या काफी सरल है. मैं सुबह 5:00 बजे उठकर कॉलोनी के पार्क में पिताजी के साथ घूमने चला जाता हूं. उसके बाद में स्कूल जाता हूं। इस चरण में बताएं।

मेरा परिचय क्या है?

मेरा परिचय, आपके बारे मे जानकारी है जैसे मेरा परिवार एक छोटा परिवार है जिसमें चार सदस्य हैं। मेरा छोटा भाई भी मेरी ही स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ता है।

निष्कर्ष – दोस्तो मेरा परिचय एक ऐसा विषय है जो एक इंसान से हर दूसरे इंसान का अलग होता है, क्योंकि हर व्यक्ति कि पहचान अलग होती है, और हर बच्चे के सपने अलग होते हैं। सभी के अपने – अपने जीवन में अलग लक्ष्य होता है, इसलिए आप मेरा परिचय जैसे विषय को किसी दूसरे के परिचय से एक समान नही रख सकते, हाँ, लेकिन आप एक अनुभव जरुर ले सकते हैं कि आप अपने बारे में किसी को कैसे बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो हमे कमेंट करके बताएं।

अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध

reference Essay on Myself in Hindi

essay on myself in hindi for class 6

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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Hindi Essay on “My Daily Routine”, “मेरी दिनचर्या”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरी दिनचर्या.

My Daily Routine 

मैं चौथी कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मेरी दिनचर्या बहुत ही साधारण है। एक बार मैंने अपने अध्यापक से सुना था कि सुबह जल्दी उठना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इसलिए मैं सुबह जल्दी उठता हूँ। मैं सुबह 5.30 बजे उठ जाता हूँ। उसके बाद आधा घंटा अपने बगीचे में सैर करता हूँ। तथा उसके बाद नहाता हूँ उसके बाद मैं अपने कपड़े पहनकर मंदिर जाता हूँ। मेरी दादी जी ने मुझे सिखाया कि रोज सुबह भगवान की प्रार्थना करनी चाहिए। मंदिर से आने के बाद मैं अपना नाश्ता करता हूँ। नाश्ते में मैं दूध और ब्रेड, फल इत्यादि खाता हूँ। उसके बाद मैं अपनी किताबों को बैग में लगाकर तैयार करता हूँ तथा 7.30 पर विद्यालय के लिए निकल जाता हूँ। मेरा विद्यालय 8.00 बजे शुरू होता है। मैं 7.45 पर विद्यालय पहुँच जाता हूँ और अपने विद्यालय में ध्यान से पढ़ाई करता हूँ।

विद्यालय की छुट्टी 2.00 बजे होती है। मैं घर में 2.15 तक पहुँच जाता हूँ। और उसके बाद खाना खाकर मैं 1 घंटे आराम करता हूँ। 3.00 बजे से 5.00 बजे तक मैं अपने विद्यालय का कार्य करता हैं और उसके बाद शाम को मैं अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट या बैडमिंटन खेलने चला जाता हैं। जससे मझमें नई ताजगी आती है। दो घंटे खेलने के बाद 7.00 बजे मैं घर आ जाता हैं। उसके बाद मैं नहाता हूँ अब मैं अपने आपको बड़ा हल्का महसूस करता हूँ। रात का खाना खाने के बाद मैं थोड़ी देर अपने पिताजी के साथ घूमने चला जाता हूँ। वहाँ से आने के बाद मैं अपनी माताजी के पास बैठ जाता हूँ वह मुझे अच्छी कहानियाँ सुनाती हैं। और 9.30 के करीब मैं सो जाता हूँ। रविवार के दिन मैं अक्सर अपने रिश्तेदार के घर घूमने चला जाता हूँ क्योंकि छुट्टी वाले दिन विद्यालय नहीं जाना होता। लेकिन मैं छुट्टी वाले दिन भी जल्दी उठना तथा जल्दी सोना कभी नहीं भूलता।

My Daily Routine

रूप – रेखा  

दिनचर्या का अर्थ , प्रात : काल की दिनचर्या , स्कूल की तैयारी , स्कूल में कार्य , दोपहर बाद की दिनचर्या , शाम की दिनचर्या , रात की दिनचर्या ।

सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हम लोग प्रतिदिन जो कार्य करते हैं, उसे दिनचर्या कहते हैं । इस प्रकार नित्यप्रति किया जाने वाला कार्य व्यवहार दिनचर्या कहलाता है । दिनचर्या का नियमित होना बहुत होता है । यह जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होता है। एक छात्रा हूँ। मेरी दिनचर्या प्रातः पाँच बजे से आरंभ होती है । मैं बजे उठकर मुँह-हाथ धोती हूँ। फिर एक गिलास पानी पीकर शौच जाती हैं। इसके बाद मैं पिताजी और माँ के साथ सुबह की सैर के लिए निकल पडती हूँ। आधे घंटे की सैर से पूरा व्यायाम हो जाता है। प्रात: कालीन सूर्य के दर्शन में मन प्रफुल्लित हो उठता है। मैं सूर्य देवता को नमस्कार कर घर की राह पकड़ती हूँ।

सैर से लौटकर आधे घंटे में मैं स्कूल के लिए नहा-धोकर तैयार हो जाती हूँ। झटपट नाश्ता करती हूँ। स्कूल के पीरियड के अनुसार बस्ता तैयार करती हूँ। जूतों को ब्रश से झाडकर पहनती हूँ। फिर स्कूल बस पकड़ने के लिए सड़क के किनारे खडी हो जाती हूँ। लेकिन ये सारे काम स्कूल में छुट्टी होने की स्थिति में नहीं होते । छुट्टी के दिनों की दिनचर्या कुछ अलग होती है। नहा-धोकर नाश्ता करती हूँ और अध्ययन में जुट जाती हूँ।

स्कूल पहुँचने पर मेरी दिनचर्या सामूहिक दिनचर्या का रूप ले लेती है। मध्यावकाश में सभी विद्यार्थी प्रसन्न होकर लंच करते हैं। समय मिलने पर उछल-कूद भी खूब होती है । छुट्टी होने पर स्कूल बस मुझे समय पर घर तक छोड़ आती है। घर लौटकर बस्ते को सही जगह पर रखती हूँ। स्कूल ड्रैस, जूता आदि यथास्थान रखकर मुँह-हाथ धोती हूँ। फिर भोजन का कार्यक्रम होता है। भोजन के बाद आधे घंटे का विश्राम होता है।

शाम के तीन से पाँच बजे तक पढ़ाई करती हूँ । इसी समय से मिले गृहकार्य को निबटाती हूँ। माता जी गृहकार्य को पूरा करते पूरा सहयोग देती हैं । गृहकार्य से निबटकर पढ़ाए गए पाठों को दोहराती भी हूँ। दो घंटे बहुत जल्दी बीत जाते हैं । घर पर पढ़ाई के ये दो घंटे बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।

शाम पाँच बजे से साढ़े छह बजे तक का समय मैंने खेल निश्चित कर रखा है। मैं अपनी सहेलियों के साथ बैडमिंटन खेलती हूँ। यह मेरा सबसे प्रिय खेल है । खेल के दौरान सहलियों से थोडी गप-शप भी होजाती है । खेल का कार्यक्रम समाप्त कर हाथ-मुंह धोती हूँ। इस समय घर में सामूहिक प्रार्थना होती है । में प्रार्थना और आरती में भाग लेती हूँ। इससे मन में शांति आती है।

सात से नौ बजे तक पढ़ाई चलती है । थोड़ी देर के लिए पिताजी का मार्गदर्शन भी मिलता है । यह समय एक या दो विषयों को विस्तार से पढ़ने का होता है । नौ बजते ही मैं टी.वी के सामने बैठ जाती हूँ । इस समय मैं अपना मनपसंद कार्यक्रम देखती हूँ। इसी दौरान माँ गरमागरम भोजन परोस देती है । खाना खाते-खाते दस बज जाते है । नींद के झोंके आने लगते हैं । मैं बिस्तर पर जाकर सो जाती हूँ। यही मेरी दिनचर्या है।

छुट्टी के दिनों में मेरी दिनचर्या में कुछ मनोरजक बदलाव आ जाता है । छुट्टी के दिनों में मैं घर के कामों में माँ का हाथ बँटाती हूँ । इन दिनों में अपनी चित्रकारी के शौक को भी पूरा करती हूँ । सहेलियों से मिलने-जुलने का कार्यक्रम भी इन्हीं दिनों में होता है।

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Nibandh

मेरा परिचय पर निबंध (मैं लड़की हूँ)

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मेरा नाम सोनल शिंदे है। मेरी दादी ने यह नाम रखा था। मुझे प्यार से घर में सोनू बुलाते है। मैं दस वर्ष की हूँ। मैं सातवीं कक्षा में पढ़ती हूं। मेरे घर में माँ, पापा, दादाजी, दादीजी, और एक छोटा भाई रहता है। हमारा परिवार एक मध्यवर्ग परिवार है।

मेरी मां गृहिणी है। वह घर पर काम करती है। मेरे पिता एक कंपनी में क्लर्क का काम करते हैं। मेरे घर में सभी अच्छे है और सबकी में लाड़ली बेटी हूँ। मेरा एक छोटा भाई है। उसका नाम दीपक शिंदे है। वह छठी कक्षा में पढता है। मैं पुणे में रहती हूँ। पुणे में हमारा अपना घर हैं। यहाँ एक बड़ा मैदान है जहाँ में अपने छोटे भाई के साथ शाम को टहलने जाती हूँ। हमारे घर के बाहर एक छोटा-सा बगीचा भी है जिसमे रंग-बिरंगे फूल हैं।

मेरे दादा-दादी बड़े धार्मिक हैं। उनके बाल सफेद हो गए हैं। हालांकि वह बूढ़ी है, वह बहुत सक्रिय है। वह सुबह-सुबह उठकर स्नान कर लेते है फिर उसके बाद वह रोज पास के मंदिर में पूजा करने जाते है। मेरे दादा-दादी बहुत अच्छे है। रोज मंदिर से आते वक़्त हम दोनों के लिए चॉक्लेट लेके आते है।

मैं रोज सुबह स्कूल जाती हूं। मेरा स्कूल बहुत बड़ा है। मेरा स्कूल मेरे घर से दूर है इसीलिए रोज सुबह हमे लेने बस आती है। मैं स्कूल में कई चीजें सीखती हूं। मेरे स्कूल का खेल का मैदान भी है जहाँ हम रोज खेल खेलते हैं। मेरे शिक्षक बहुत अच्छे हैं। वे भी मुझसे बहुत प्यार करते हैं। स्कूल में मेरी बहुत सहेलियां है। मैं रोज स्कूल से घर उनके साथ ही आती हूँ।

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  • निबंध ( Hindi Essay)

essay on myself in hindi for class 6

Essay on MySelf in Hindi

हेलो दोस्तों आज मैं आप सबको अपना परिचय देने जा रहा हूं। मेरा नाम रोहित सिंह है। मैं कक्षा 12वीं का छात्र हूं। मेरे पिता का नाम श्री अनिल सिंह है वह माता का नाम श्रीमती सरिता सिंह है। मेरा जन्म 21 अक्टूबर 2002 में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर कहे जाने वाले ग्वालियर (Essay on My Self in Hindi) में हुआ था। आज के समय में मैं 19 वर्ष का हूं। मैं अभी कृष्णा कावेरी पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ता हूं। मैं एक विज्ञान का छात्र हूं और मेरा सर्वप्रिया विषय है जीव विज्ञान। मेरे दो और छोटे भाई बहन हैं जिसमें से मेरा छोटा भाई मुझसे दो साल छोटा है और बहन तीन साल छोटी है। हम पूरे 5 सदस्य हैं जो एक साथ मिलजुल कर एक ही घर में रहते हैं। इस वक्त मैं दिल्ली में निवास करता हूं। मेरी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली से ही शुरुआत हुई थी और आज मैं अपनी भौतिक शिक्षा भी यहीं से प्राप्त कर रहा हूं।

Table of Contents

मेरे पसंदीदा चीज:-

में एक विज्ञान का छात्र हूं तो मुझे बहुत सारे किताबें पढ़ना बहुत ज्यादा पसंद है। मैं अपने खाली समय में क्रिकेट भी खेलता हूं। क्रिकेट मेरा एक ऐसा लक्ष्य है जिसे मैं आगे चलकर प्राप्त करना चाहूंगा। इसके अलावा मुझे पेंटिंग और स्केचिंग भी पसंद है। मेरी रुचि खाना बनाने में भी है मैं और बहुत स्वादिष्ट खाना भी बनाता हूं। मुझे घूमना बहुत ज्यादा पसंद है नई नई जगहों को देखना और उनके बारे में उनका इतिहास जानना मुझे बहुत ज्यादा प्रभावित करता है। आज तक में बहुत सारे ऐसे जगहों को देख चुका हूं जो मेरे लिए एक अपनी अलग पहचान बनाती है। मुझे नए लोगों से मिलना भी बहुत पसंद है उनकी नई नई बातें और उनके रहने का तरीका यह सब भी मुझे उनके तरफ बहुत ज्यादा प्रभावित करता है।

मेरा लक्ष्य:-

आज के समय में मैं विज्ञान की स्त्रोत को पूरा करने की कोशिश कर रहा हूं आगे चलकर मेरा लक्ष्य होगा 12वीं में अच्छे अंको से उत्तीर्ण करना। विज्ञान का छात्र होने के बावजूद मुझे खेलकूद में ज्यादा रुचि है मैं अपना आगे का लक्ष्य खेलकूद में भी निर्धारित करना चाहूंगा। मैं क्रिकेट का कैप्टन भी हूं और अपने ग्रुप के लिए मैंने कई बार कैप्टंसी भी करी है। कई बार तो मुझे टूर्नामेंट अवॉर्ड भी मिले हैं और मैं दूसरे इलाकों में भी जाकर खेलता हूं। यदि मेरा क्रिकेट का सफर अच्छा रहा तो मैं अपना लक्ष्य क्रिकेट को निर्धारित करके उसके लिए ही प्रयत्न करूंगा। मैं कई बार अपने लक्ष्य को लेकर के बहुत ज्यादा परेशान हो जाता हूं परंतु फिर अपने मस्तिष्क को शांत करके मैं इस चीज के बारे में सोचता हूं और उपाय निकालने की कोशिश करता हूँ और बाद में उपाय निकल जाता है।

मेरे प्रिय लोग:-

मेरे प्रिय लोगों के अंतर्गत सबसे पहले मेरे माता-पिता आते हैं जो कि मुझे इन सब चीजों की सीख देते हैं और मुझे आगे बढ़ने को प्रोत्साहित करते हैं।इसके बाद मैं अपने भाई बहन को अपने सबसे प्रिय मानता हूं क्योंकि वह मुझसे छोटे हैं तो उन्हें प्यार करना मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य दोनों ही है। इसके बाद मैं अपने मित्रों को ही अपना सबसे प्रिय मानता हूं। मेरे सबसे प्रिय मित्र का नाम शुभम है। वह भी मेरे साथ ही कक्षा चौथी से पढ़ रहा है। हम दोनों साथ में ही क्रिकेट (Essay on MySelf in Hindi) की तैयारी भी करते हैं। बहुत समय से दोस्ती होने के कारण मेरे माता-पिता भी उससे अच्छी तरीके से मिलजुल गए हैं और उसका आना-जाना मेरे घर में लगा रहता है हम दोनों भाई की तरह रहते हैं। मेरे प्रिय लोगों में और भी कई नाम शामिल है। यह सब मेरे मित्र हैं और मैं इन लोगों को सबसे ज्यादा पसंद करता हूं।

मेरी अभिलाषाएं:-

मनुष्य होने के कारण मेरी भी कई सारी अभिलाषाएं हैं जो कि मुझे आगे चलकर पूरी करनी है। मेरी प्रथम अभिलाषा है कि मैं अपना नाम ऊंचा देखना चाहता हूं। मैं अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहता हूं और मैं उन्हें गर्वित कराना चाहता हूं। मैं कभी किसी को भी परेशानी या हानि नहीं पहुंचाओ और हमेशा लोगों के लिए अच्छा और सुविधाजनक काम करो। मेरी अभिलाषा है कि मैं आगे चलकर अपने मित्रों के साथ रहूं और मैं दुनिया के कोने कोने को देख सकूं। हालांकि यह तो मुमकिन नहीं है परंतु मैं अपनी पूरी जीवन काल में उन सभी जगहों को देखना चाहता हूं जिनके बारे में मैंने सिर्फ सुना है। मेरी अभिलाषा बहुत सारी है और मैं उन सब को आगे चलकर पूरा करना चाहता हूं।

मेरे दायित्व:-

घर का बड़ा बेटा होने के कारण मेरे पर कई सारे दायित्व खड़े होते हैं। मुझे आगे चलकर अपने पिता के काम काज में उनका हाथ बताना है। मेरी माता मुझसे कई सारी इच्छाएं रखती है उन सभी को पूरी करनी है और बड़ा भाई होने के कारण मुझे अपने छोटे भाई बहनों को अच्छी सीख (Essay on MySelf in Hindi) और सही समझ देनी है। मेरे कोई और भी दायित्व है जो मुझे आगे चलकर पूरे करने हैं। अपनी तरफ से मैं पूरी कोशिश करूंगा कि मैं अपने दायित्व को भलीभांति निभा सकूं और सबके मन मुताबिक खरा हो सकूं। मेरे लिए मेरा परिवार सबसे ज्यादा जरूरी है और मैं अपने दोस्तों को भी निराश नहीं करना चाहता हूं। इसलिए मैं दोनों को एक साथ लेकर चलना चाहता हूं और आगे चलकर मैं सबके साथ रहकर अपना जीवन व्यतीत करना चाहता हूं।

जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम दो चीजों में फंसकर रह जाते है और एक को चुनते हैं परंतु जब बात रिश्तो की हो तो हमें दोनों को सही मापन में रख कर एक साथ निर्णय लेना चाहिए। आगे चल कर मैं यही करने की कोशिश करूंगा यदि नहीं हो पाया तो मैं अपने लिए एक सही रास्ता चून लूंगा। परंतु आज के समय (Essay on MySelf in Hindi) में जहां मैं दोनों के सहायता से आगे बढ़ रहा हूं वहां मैं दोनों को ही चुन लूंगा। जीवन में बहुत सारी ऐसी चीजें होती है जो हमें आगे चलकर करनी होती है हम यदि उसकी तैयारियां आज से ही करेंगे तो आगे चल कर हमारे लिए वह बहुत ज्यादा सहायक हो सकेगा।

1. मेरा और मेरे माता पिता का क्या नाम है?

उत्तर:- मेरा नाम राहुल सिंह है और मेरे पिता का नाम अनिल सिंह तथा माता का नाम सरिता सिंह है।

2. मैं कौन सी कक्षा का छात्र हूँ और मेरा प्रिय विषय कौन सा है?

उत्तर:- मैं कक्षा 12वीं का छात्र हूं और मेरा प्रिय विषय जीव विज्ञान है।

3. मेरी प्रिय खेलों में से कौन-कौन से खेल सामने आते हैं?

उत्तर:- मेरा प्रिय खेल क्रिकेट है और मैं उसे बहुत ही ज्यादा अनुभव के साथ खेलता हूं।

4. मेरे प्रिय मित्र का नाम क्या है और वह कौन सी कक्षा से मेरे साथ है?

उत्तर:- मेरे प्रिय मित्र का नाम शुभम है और वह चौथी कक्षा से मेरे साथ पढ़ रहा है।

5. मेरी प्रथम अभिलाषा क्या है?

उत्तर:- मेरी प्रथम अभिलाषा है मेरा खुद का एक ऊंचा नाम देखना चाहता हूं। मैं अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहता हूं और मैं उन्हें गर्वित करना चाहता हूं

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  5. Essay on myself in hindi, article, paragraph: मेरा परिचय पर निबंध

    मेरा परिचय पर निबंध, essay on myself in hindi (250 शब्द) मेरा नाम रानी है लेकिन मेरा निक नेम है सारा है। मेरे माता-पिता और दादा-दादी आम तौर पर मुझे मेरे ...

  6. खुद पर निबंध

    Essay On Myself In Hindi 500 + Words (Download PDF) खुद पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए - इस निबंध ...

  7. स्वयं पर निबंध

    Essay on Myself in Hindi. कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब छात्रों को खुद का परिचय बताने के बारे में कहा जाता है। इसलिए हम आपको अपने इस पोस्ट में अलग-अलग शब्द सीमा में स्वयं पर ...

  8. मेरा परिचय पर निबंध (मैं लड़का हूँ)

    मेरा परिचय निबंध - I am a Boy Essay Class 5 in Hindi - Myself Essay in Hindi for Class 6 - Essay on Myself in Hindi for Class 7 - Essay on Myself in Hindi for Class 8 - Myself Hindi Essay for Class 9th - Essay on Myself in Hindi Class 6 - Mera Parichay Essay In Hindi

  9. CBSE Class 6 Hindi निबंध-लेखन

    CBSE Class 6 Hindi निबंध-लेखन. निबंध का अर्थ है-बँधा हुआ यानी एक सूत्र में बँधी हुई रचना। जब किसी विषय पर क्रमबद्धता के साथ विचारों को प्रकट किया ...

  10. स्वयं पर निबंध

    स्वयं पर निबंध. 04/09/2023 Rahul Singh Tanwar. Essay On Myself In Hindi: हर एक व्यक्ति खुद की नजर में संपूर्ण होता है। खुद के लिए वह परफेक्ट होता है। क्योंकि भगवान ने ...

  11. Short Essay on Myself in Hindi Language

    Essay on Myself in Hindi Language - स्वयं पर निबंध ( 600 words ) मेरा नाम विकास कुमार है। मैं 6 वीं कक्षा में रवि प्रकाश हाईस्कूल में पढ़ रहा हूं। मैं 10 साल का हूँ ...

  12. स्वयं पर निबंध Essay on Myself in Hindi मेरा परिचय Mera Parichay in Hindi

    Learn short essay on myself in Hindi for school students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 and 10. Write about myself/ ourself in Hindi. स्वयं पर ...

  13. मेरा परिचय निबंध- Myself Essay in Hindi

    Essay on Myself in Hindi | मेरा परिचय निबंध. मेरा नाम कुनाल है और मैं दंसवी कक्षा का छात्र हूँ। मैं असंध में रहता हूँ और वबाँ संत जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल ...

  14. स्वयं पर निबंध (Myself Essay In Hindi Language)

    तो यह था स्वयं पर निबंध, आशा करता हूं कि स्वयं पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Myself) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस ...

  15. 10 lines on Myself in Hindi/मेरा परिचय 10 लाइन/Essay on Myself in Hindi

    10 lines on Myself in Hindi मेरा परिचय 10 लाइन with Essay on Myself in Hindi for class 1 2 3 4 5 and 6 to learn and perform in your school ...

  16. Myself in Hindi

    Myself in Hindi | मेरा परिचय हिंदी में | Myself essay in hindiAbout this videoIn this video you will learn how to write an essay on myself in hindi Writing.P...

  17. मेरे जीवन का लक्षय पर निबन्ध

    मेरे जीवन का लक्षय पर निबन्ध | Essay for Kids on Aim of My Life in Hindi! 1. भूमिका: सभी मनुष्यों का अपने जीवन में कोई न कोई लक्ष्य (Aim) अवश्य होता है । जीवन के आरम्भ ...

  18. Myself Essay for Class 6

    Myself Essay for Class 6. December 9, 2020 by worksheetsbuddy_do87uk. Myself essay defines characters of one's own. Myself essay revolves around one's self who is writing the essay. An essay written on me can be as random as it can. An essay on myself includes one's habits, nature, hobbies, likes and dislikes, characters, physical ...

  19. मेरा परिचय पर निबंध

    मेरा परिचय पर निबंध | Essay on myself in hindi | मेरा परिचय निबंध | Myself Essay in Hindi Disclaimer This channel does not promote or ...

  20. Essay on Myself in Hindi

    Essay on Myself in Hindi - आप जो भी होंगे, वह सिर्फ आपके परिवार की वजह से ही हैं। मेरे पिता हमारे समुदाय में एक सम्मानित व्यवसायी हैं।

  21. Hindi Essay on "My Daily Routine", "मेरी दिनचर्या", for Class 5, 6, 7

    मेरी दिनचर्या . My Daily Routine Essay # 1. मैं चौथी कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मेरी दिनचर्या बहुत ही साधारण है। एक बार मैंने अपने अध्यापक से सुना था कि सुबह जल्दी उठना ...

  22. मेरा परिचय पर निबंध (मैं लड़की हूँ)

    मेरा परिचय निबंध हिंदी में - I am a Girl Essay Class 5 in Hindi - Myself Essay in Hindi for Class 6 - Essay on Myself in Hindi for Class 7 - Essay on Myself in Hindi for Class 8 - Myself Hindi Essay for Class 9th - Essay on Myself in Hindi Class 6 - Mera Parichay Essay In Hindi

  23. Essay on MySelf In Hindi

    (Essay on MySelf in Hindi) की तैयारी भी करते हैं। बहुत समय से दोस्ती होने के कारण मेरे माता-पिता भी उससे अच्छी तरीके से मिलजुल गए हैं और उसका आना-जाना मेरे घर में लगा ...

  24. Essay On Myself in English For Class 6

    The document provides information about writing an essay about oneself for a 6th grade English class. It includes examples of essay introductions and conclusions. It also discusses including details about one's family, interests, and goals to introduce yourself to the reader. Tips are provided about using correct grammar and an engaging writing ...