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NASA क्या है? – जानिए नासा की पूरी जानकारी हिंदी में

क्या आप अंतरिक्ष में रूची रखते हैं? क्या आप जानना चाहते हैं, हमें अंतरिक्ष की जानकारियां कौन देता है? अगर हाँ तो इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें, क्योंकि आज हम बात करेंगे NASA के बारे में .

धरती पर रहने वाला प्रत्येक इंसान अंतरिक्ष के बारे में जानने के लिए हमेशा जिज्ञासु रहता है. खास करके बच्चों में हमेशा जानने की इच्छा बनी रहती है कि अंतरिक्ष में क्या होता है? कैसे चाँद-तारे चमकते हैं? कैसे धरती घुमती है और ना जाने क्या-क्या सवाल मन में उठते हैं. इन सब सवालों के जवाब देने के लिए दुनिया में एक संस्था मौजूद है, जिसका नाम है NASA.

अंतरिक्ष में होने वाली हर हलचल की खबर हम तक पहुंचती है. मंगल ग्रह पर क्या है और चंद्रमा की सतह कैसी है जैसी जानकारियां भी हमारे पास मौजूद हैं. यहाँ तक कि हम मौसम का भी पूर्वानुमान लगा लेते हैं जो बिलकुल सटीक बैठता है. इन सब कामों को संभव बनाया है NASA ने.

अगर आप नहीं जानते हैं NASA क्या है ( What is NASA in Hindi ) तो आज का यह लेख आपके लिए काफी मजेदार होने वाला है. नासा के बारे में ऐसी बहुत सारी जानकारियां हैं जिन्हें आप नहीं जानते हैं. जैसे कि नासा का अर्थ क्या है? नासा किस देश का है और नासा का मुख्यालय कहां है? ये सभी बातें आज आपको पढ़ने को मिलेंगी. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं NASA क्या है (About NASA in Hindi) से संबंधित पूरी जानकारी हिंदी में.

nasa kya hai

NASA क्या है? – What is NASA in Hindi

NASA (National Aeronautics and Space Administration) संयुक्त राज्य अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था है, जो अपने द्वारा छोड़े गए उपग्रह ( satellites ) की मदद से हवा और अंतरिक्ष पर रिसर्च करती है. 

नासा का मुख्य कार्य अंतरिक्ष संबंधित कार्यक्रमों और वैमानिकी ( Aeronautics ) के ऊपर रिसर्च करना है.

NASA का Full Form क्या है? – NASA Full Form in Hindi 

NASA का फुल फॉर्म है “ National Aeronautics and Space Administration ”. जिसका हिंदी में अर्थ है “ राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रबंधन ”

NASA क्या काम करती है?

नासा ऐसे बहुत सारे कार्य करती है जिनके बारे में काफी कम लोग जानते हैं. अंतरिक्ष यात्री, ग्रहों और उपग्रहों की कक्षा ( Orbit ) में वैज्ञानिक अनुसंधान करते हैं. कृत्रिम उपग्रहों की मदद से वैज्ञानिक धरती से जुड़ी और अधिक जानकारियां एकत्रित करते हैं. साथ ही सौर मंडल और उससे आगे की जानकारियां भी हासिल की जाती हैं.

नए developments हवाई यात्रा और उड़ान से संबंधित दूसरे पहलुओं को improve करते हैं. नासा अपने एक नए कार्यक्रम के तहत चंद्रमा और मंगल ग्रह का पता लगाने के लिए इंसान को भेजने की तैयारी कर रही है. 

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इसके साथ-साथ नासा और भी कई महत्वपूर्ण कार्य कर रही है. नासा अपने द्वारा प्राप्त की गई सभी जानकारियों को लोगों के साथ शेयर करती है, ताकि दुनियाभर में लोगों की जिंदगी को बेहतर किया जा सके. उदाहरण के तौर पर, नासा द्वारा की गई रिसर्च को कंपनियाँ, अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए product बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं.

नासा छात्रों को पढ़ाने के लिए अध्यापकों की पूरी मदद करती है ताकि वे भविष्य में नासा को नए engineers, scientist और astronauts दे पाएं. नासा की एक परंपरा रही है कि वह उन एक्टिविटीज और कार्यक्रमों में निवेश करती है जिनसे students, educators और communities को नई खोज करने की प्रेरणा मिलती है.

इसके अलावा NASA अध्यापकों को training के लिए offer करती हैं जिसमें engineering, science, technology और mathematics पढ़ाने के नए तरीके सिखाए जाते हैं. यह संस्था अपने अंतरिक्ष mission में छात्रों को भी शामिल करती है ताकि उनमें सीखने के प्रति उत्सुकता बढ़े.

NASA का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

नासा का मुख्य्यालय वाशिंगटन डी.सी. अमेरिका, (Washington D.C. America) में स्थित है.

NASA का इतिहास – History of NASA in Hindi

अमेरिकी कांग्रेस द्वारा 19 जुलाई, 1958 के दिन एक कानून पास किया गया जिसके तहत NASA की स्थापना हुई. तब से NASA ने इंसानों और उपग्रहों की मदद से सौर प्रणाली और ब्रह्मांड के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई है.

इसके साथ ही बहुत से उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए गए जो मौसम के पूर्वानुमान से लेकर global communication के पथ-प्रदर्शन में सहायक बने.

द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात अमेरिका और सोवियत संघ के मध्य हालात तनावपूर्ण चल रहे थे. इसी दौरान 04 अक्टूबर, 1957 के दिन सोवियत संघ ने अपना पहला अंतरिक्ष उपग्रह Sputnik I लॉन्च कर दिया. जो कि 183 पौंड वजनी, एक basketball के आकार का उपग्रह था और 98 मिनट के अंदर पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया.

nasa ka itihas

सोवियत संघ की इस कामयाबी से अमेरिका हैरान रहा गया और साथ ही एक डर पैदा हो गया कि सोवियत अब मिसाइल के जरिए यूरोप से अमेरिका तक नुक्लेअर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है. इसी के जवाब में अमेरिका ने NASA की स्थापना की जिसके बाद दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष दौड़ शुरू हो गई.

03 नवंबर, 1957 के दिन सोवियत संघ ने अपना दूसरा उपग्रह Sputnik II लॉन्च किया. जिसमे Laika नाम की एक कुतिया को अंतरिक्ष में भेजा गया. दिसंबर में अमेरिका ने अपना उपग्रह लॉन्च करने का प्रयास किया, जिसका नाम Vanguard था, लेकिन यह takeoff के तुरंत बाद तबाह हो गया. 

31 अक्टूबर, 1958 को अमेरिका ने दोबारा प्रयास किया और Explorer I नामक अपना पहला उपग्रह सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया. उसी वर्ष जुलाई में, कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से एरोनॉटिक्स और अन्य सरकारी एजेंसियों के लिए राष्ट्रीय सलाहकार समिति से नासा की स्थापना की, और अंतरिक्ष की दौड़ जीतने के लिए देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

मई 1961 मे अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति John F. Kennedy ने घोषणा की कि, अमेरिका दशक के अंत तक चाँद पर एक आदमी भेजेगा. 20 जुलाई, 1969 को NASA के Apollo 11 मिशन ने इस लक्ष्य को हासिल किया और Neil Armstrong को चाँद पर पहले इंसान के तौर पर भेजकर नया इतिहास रच दिया, जिसे आज भी लोगों द्वारा याद किया जाता है.

इसके बाद भी नासा ने कई नए आयाम स्थापित किए, जिसमे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण एक मुख्य उपलब्धि के तौर पर शामिल है. इसके साथ ही संस्था ने कुछ दुखद झटके भी सहे हैं, 1986 में Challenger Space Shuttl e और 2003 में Columbia Space Shuttle सहित चालकदल का मरना नासा के लिए अत्यंत बुरा दौर था.

NASA की स्थापना कब हुई थी?

नासा की स्थापना 29 जुलाई, 1958 में हुई थी. यह दुनिया का अंतरिक्ष में सबसे अधिक मिशन भेजने वाला संस्थान है. 

NASA की 10 खास उपलब्धियां

अभी आपने नासा क्या है , इसके कार्य और इतिहास के बारे में जाना. अब हम नासा की कुछ खास उपलब्धियों के बारे में जानेंगे जो अपने आप में काफी अद्भुत हैं और इन्होनें दुनिया को अंतरिक्ष से जोड़ने में महत्वपूर्ण योगदान निभाया है. तो चलिए जानते हैं इनके बारे में.

Project Mercury

यह NASA का इंसान को अंतरिक्ष में भेजने का पहला कार्यक्रम था. सन 1961 से 1963 के बीच 25 उड़ाने भरी गई, जिनमे से 6 उड़ानों में अंतरिक्ष यात्री शामिल थे. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के कक्षा में मानव अंतरिक्ष यान की परिक्रमा करना, अंतरिक्ष में इंसान की कार्य क्षमता की जांच करना और अंतरिक्ष यात्री और यान को सफलतापूर्वक धरती पर वापस लाना था. इस मिशन ने बताया कि मानव भार रहित उड़ान के लिए 34 घंटों तक अंतरिक्ष में काम कर सकता है.

Gemini Program

इस प्रोग्राम के तहत उपकरणों और मिशन प्रक्रियाओं का परीक्षण किया गया और भविष्य के Apollo मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों और स्थलीय दल को ट्रेनिंग दी गई. 

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लंबी उड़ान के दौरान अंतरिक्ष यात्री की कार्य क्षमता की जांच करना और यह पता लगाना था कि कैसे कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए किसी दूसरे वाहन से निश्चित समय पर मिल सकता है और उसमे समा सकता है. 03 जुलाई, 1965 को नासा के अंतरिक्ष यात्री Ed White पहले अमेरिकी बने जिन्होंने spacewalk किया.

Apollo Program

अपोलो 11 नासा

कार्यक्रम Apollo के तहत ही इंसान ने पहली बार चंद्रमा पर अपना कदम रखा और सुरक्षित तरीके से वापस धरती पर लौट आया. इसके साथ ही Apollo प्रोग्राम ने अंतरिक्ष में दूसरे राष्ट्र हितों को पूरा करने के लिए तकनीक भी विकसित की. 

इस कार्यक्रम के तहत चन्द्रमा का वैज्ञानिक अन्वेष्ण ( Exploration ) किया गया और चन्द्रमा के वातावरण में काम करने के लिए इंसान की क्षमताओं का विकास किया गया. 

यह अमेरिका का पहला space station था, जिसे नासा द्वारा लॉन्च किया गया था. इसमें चार, solar arrays को Apollo Telescope Moun t के साथ जोड़ा गया था. सूर्य का observation इस कार्यक्रम की उपलब्धियों में से एक था.

सन 1972 और 1973 में क्रमशः Pioneer 10 और Pioneer 11 को लॉन्च किया गया. ये पहले ऐसे अंतरिक्ष यान थे जो सौर मंडल के सबसे बड़े फोटोजेनिक गैस से बने ग्रहों बृहस्पति और शनि पर पहुंचे.

सौरमंडल के asteroid belt ( बृहस्पति और मंगल ग्रह के बीच का ऐसा क्षेत्र जहाँ चट्टानें परिक्रमा करती है ) तक पहुंचने वाला पहला यान Pioneer 10 ही था. करीब टेढ़ साल बाद बृहस्पति ग्रह पर पहुंचकर वहां मौजूद great red spot की तस्वीरें भेजने वाला भी यही यान था.

बृहस्पति पर एक साल रहने के बाद यह शनि ग्रह पर पहुंच गया. जहाँ पहुंचने के बाद इसने शनि के चारों और छोटे चंद्रमाओं के जोड़े की खोज की. साथ ही एक बड़े छले की जानकारी भी भेजी. फ़िलहाल इन दोनों यानों ने काम करना बंद कर दिया है.

Apollo Soyuz Test Project

1970 के दशक में अमेरिका और सोवियत के बीच राजनीतिक तनाव शीर्ष पर था जिसके चलते दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष की दौड़ शुरू हुई. इसी कम्पटीशन ने Apollo Soyuz Test Project के साथ दोनों देशों के बीच सहयोग का रास्ता बनाया.

जुलाई 1975 में Apollo Soyuz Test Project के तहत अमेरिका और सोवियत के अंतरिक्ष यान एक साथ लॉन्च किए. जिससे दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी तय हुई.

सन 1976 में लाल ग्रह मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान Viking 1 Probe ही था. यह पहला कृत्रिम यान था जिसने मंगल ग्रह की सतह को पहली बार छुआ था. 

इससे पहले Soviat 2 और 3 द्वारा इसकी सतह पर उतरने का प्रयास किया गया लेकिन वे लैंडिंग नहीं कर सके और असफल हो गए.

Viking 1 ने मंगल ग्रह पर 6 साल और 116 दिन बिताकर, किसी ग्रह पर सबसे अधिक समय बिताने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया.

नासा द्वारा लॉन्च किए गए Vyogar 1 और Vyogar 2 ने हमे शनि और बृहस्पति ग्रहों के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी. इन्होने बृहस्पति के चारों और फैले छलों के बारे में बताया और कई नई खोजें की.

इसके साथ ही चन्द्रमा पर मौजूद ज्वालामुखी की जानकारी भेजी. युरेनस के नजदीक पहुंचकर उसके 10 चंद्रमाओं की जानकारी देने वाला भी Vyogar ही था. Neptune की खोज भी Vyogar द्वारा ही की गई थी. ये दोनों यान 2025 तक लगातार signal भेजने में सक्षम हैं.

नासा का यह यान काफी प्रसिद्ध है. यह ग्रहों, उपग्रहों, सितारों और आकाशगंगाओं से जुड़ी अनेकों जानकारियां नासा को भेजता है.

1990 के लॉन्च के बाद से, Hubble ने ब्रह्मांड की हमारी मूलभूत समझ को बदल कर रख दिया है.

इस spacecraft ने infrared का इस्तेमाल करते हुए आसमान के कई रहस्यों से पर्दा उठाया. इस यान ने सितारों, आकाशगंगाओं और निहारिकाओं की तस्वीरें बेहतर क्वालिटी के साथ मुहैया कराई.

Spitzer, वर्ष 2005 में एक्स्ट्रासोलर ग्रहों के प्रकाश का पता लगाने वाला पहला teliscope था.

मै आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख “ NASA क्या है? – जानिए नासा की पूरी जानकारी हिंदी में ” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है नासा ( What is NASA in Hindi ) से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने कि ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे social media networks जैसे whatsapp, facebook, telegram इत्यादि पर share जरुर करें.

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  • NASA की स्थापना कब हुई
  • What is NASA in Hindi
  • नासा का मुख्यालय कहां है
  • नासा फुल फॉर्म इन हिंदी

Rahul Chauhan

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Awesome ….. information….

Very good and very nice and mujhe NASA ka bar ma Jaan kar acha laga thank you.

Very nice post 💯

very nice paragraph about nasa related information

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Hindi Essay on Nasa, "नासा पर निबंध", "10 Lines on Nasa in Hindi" for Students

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Hindi Essay on Nasa, "नासा पर निबंध", "10 Lines on Nasa in Hindi" for Students

10 Lines on Nasa in Hindi - नासा पर 10 लाइन हिंदी में

(1) नासा विश्व की सबसे बड़ी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी है। 

(2) नासा की स्थापना 1 अक्टूबर 1958 को संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई। 

(3) NASA का मतलब नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन है।

(4) नासा का मुख्यालय अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में है। 

(5) नासा अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजता है। 

(6) नासा में बहुत सारे वैज्ञानिक और इंजीनियर काम करते हैं। 

(7) नासा ने अंतरिक्ष के अध्ययन के लिए कई टेलिस्कोप स्थापित किये हैं 

(8) नासा का उद्देश्य दूसरे ग्रहों पर मानव सभ्यता को स्थापित करना है। 

(9) नासा ने सौरमंडल के अध्ययन के लिए कई प्रोब्स अंतरिक्ष में भेजे हैं। 

(10) नासा नए विमानों के विकास और परीक्षण में भी मदद करता है। 

नासा पर निबंध - Short Essay on Nasa in Hindi

नासा पर निबंध : NASA का मतलब नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन है। नासा की शुरुआत 1 अक्टूबर 1958 को संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी। इस समय अमेरिका के राष्ट्रपति आइजनहावर थे। नासा का मुख्य उद्देश्य देश के अंतरिक्ष मिशनों और अनुसंधान कार्यक्रमों को निर्देशित करने के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में कार्य करना था।

नासा कहाँ है?

नासा का मुख्यालय वाशिंगटन, डीसी में है। संयुक्त राज्य अमेरिका में नासा के 10 केंद्र हैं। नासा के सात छोटे कार्यस्थल भी हैं जहां वे पृथ्वी और अंतरिक्ष का परीक्षण और अध्ययन करते हैं। नासा के लिए हजारों लोग काम करते हैं। अंतरिक्ष यात्री बनना शायद नासा में सबसे प्रसिद्ध काम है, लेकिन अंतरिक्ष यात्री कार्यबल का एक छोटा सा हिस्सा हैं। नासा में बहुत सारे इंजीनियर और वैज्ञानिक भी काम करते हैं। यहाँ लोग अन्य काम भी करते हैं जैसे , जैसे सचिव, क्लर्क, पत्रकार , वकील और यहां तक कि शिक्षक भी।

नासा क्या करता है?

नासा बहुत सी अलग-अलग चीजें करता है। नासा उपग्रह बनाता है। उपग्रह वैज्ञानिकों को पृथ्वी के बारे में अधिक जानने में मदद करते हैं। नासा इन स्पेस प्रोब्स को अंतरिक्ष में भेजता है। नासा के वैज्ञानिक सौर मंडल में और उससे भी दूर की चीजों का अध्ययन करते हैं। नासा ने एक नया कार्यक्रम शुरू किया है जो मनुष्यों को चंद्रमा और एक दिन मंगल पर कॉलोनी स्थापित करने के लिए भेजेगा। नासा जो कुछ भी सीखता है उसे इसरो जैसी अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ भी साझा करता है।

नासा ने क्या किया है?

नासा ने अपनी शुरुआत से ही मानव अंतरिक्ष यान की योजना बनाना शुरू कर दिया था। बुध, मिथुन और अपोलो कार्यक्रमों ने नासा को अंतरिक्ष में उड़ान भरने के बारे में जानने में मदद की। इससे 1969 में पहली बार मानव चंद्रमा पर उतरा। नासा के अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहते हैं और काम करते हैं। अंतरिक्ष जांच ने सौर मंडल के हर ग्रह का दौरा किया है। वैज्ञानिकों ने दूरबीन से अंतरिक्ष में दूर तक देखा है। नासा के उपग्रह पृथ्वी पर मौसम के मिजाज को समझने में लोगों की मदद करते हैं। नासा नए विमानों के विकास और परीक्षण में भी मदद करता है। कुछ हवाई जहाजों ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। नासा अंतरिक्ष यात्रा को तेज और सुरक्षित बनाने के लिए काम करता है।

निष्कर्ष :

नासा ने उपग्रह दूरसंचार, जीपीएस, रिमोट सेंसिंग और अंतरिक्ष यात्रा जैसे क्रांतिकारी उद्योगों में प्रमुख योगदान दिया है। नासा के योगदान ने अंतरिक्ष से पहली मौसम इमेजरी को प्रसारित करने में सक्षम बनाया। नासा अब स्थायी मानव अंतरिक्ष यान और खोज के एक महत्वाकांक्षी नए युग की तैयारी कर रहा है। एजेंसी गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट और ओरियन अंतरिक्ष यान का निर्माण कर रही है।

नासा पर निबंध -  Long Essay on Nasa in Hindi

प्रोजेक्ट मर्करी (1958-1963), प्रोजेक्ट जेमिनी (1961-1966), अपोलो कार्यक्रम (1961-1972).

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नासा क्या है? फैक्ट्स – What Is NASA In Hindi

नासा क्या है what is nasa in hindi.

National Aeronautics and Space Administration (NASA) नासा एक अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी है। नासा का कार्य अंतरिक्ष से सबंधित होते है। What Is NASA In Hindi पोस्ट में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA क्या है? और नासा के बारे में जानकारी (NASA Information In Hindi) और तथ्य है। ब्रह्मांड की उत्पत्ति, नये ग्रहों की खोज जैसे कार्य NASA अंतरिक्ष संस्था करती है।

नासा से जुड़े रोचक तथ्य और जानकारी Information About NASA In Hindi

1. नासा (NASA) का हेडक्वॉर्टर वाशिंगटन, अमेरिका में है। नासा पर अमेरिका का पूरा नियंत्रण है। नासा दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी है। नासा में वर्तमान में करीब 18000 हजार कर्मचारी दुनियाभर में कार्य कर रहे है। नासा में करीब 36 फीसदी वैज्ञानिक भारतीय है।

2. नासा की स्थापना 1958 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति Dwight Eisenhower ने की थी। पहले इसका नाम “National Advisor committee for aeronautics” था। नासा का मुख्य कार्य ब्रह्माण्ड सम्बंधित अनुसंधान करना है।

3. नासा ने वॉटरवर्ल्ड नामक ग्रह की खोज की है। यह ग्रह पृथ्वी से 40 प्रकाशवर्ष दूर है। इस ग्रह पर भारी मात्रा में पानी की मौजूदगी है लेकिन यह ग्रह रहने लायक नही है।

4. नासा (NASA) एकमात्र अंतरिक्ष संस्था है जिसने चांद पर इंसान को भेजा है। अपोलो 11 मिशन के तहत नील आर्मस्ट्रांग और उनके साथी 20 जुलाई 1969 में चांद पर उतरे थे। नासा ने कई उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण भी किया है।

5. नासा के पास ऐसा यंत्र मौजूद है जो बारिश करवा सकता है। अंतरिक्ष एजेंसी नासा पर अमेरिका करीब 19 अरब डॉलर खर्च करता है।

6. नासा का अगला महत्वाकांक्षी मिशन मानव को मंगल ग्रह पर ले जाना है। नासा ने द लर्निंग चैनल भी स्थापित किया है। नासा ने एक स्पेसशिप तैयार की है जो किसी भी क्षुद्रग्रह को परमाणु विस्फोट से उड़ा सकती है।

7. कुछ लोगो द्वारा नासा पर एक विचित्र मुकदमा दायर किया गया था। उन लोगो का दांवा था कि मंगल ग्रह उनके पूर्वजों की विरासत है, इसलिये नासा का मिशन मंगल गलत है।

नासा की रोचक जानकारी NASA Facts Information

8. नासा (NASA) वर्तमान में एक खास प्रोग्राम पर कार्य कर रही है। इस प्रोग्राम का नाम स्टार ट्रैक स्टाइल व्रैप ड्राइव है। इसके तहत नासा का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को केवल 2 सप्ताह में अल्फा सेंट्यूरी तक पहुंचाना है। अल्फा सेंट्यूरी हमारा दूसरा सबसे निकटम तारा है।

9. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अमेरिका और रूस के वैज्ञानिक कार्य करते है। यह स्टेशन जब अमेरिका के किसी व्यक्ति के ऊपर से गुजरता है तो नासा उनको संदेश भेजता है।

10. नासा के मुख्यालय में इंटरनेट की स्पीड 91 Gbps है। नासा एक लिफ्ट बनाने पर विचार कर रहा है जिसके तहत धरती से अंतरिक्ष तक का सफर एक लिफ्ट की सहायता से हो जाएगा।

11. नासा एक प्रोग्राम के तहत लोगो को 90 दिन तक 24 घण्टे लेटे रहने के पैसे देता है। यह रकम करीब 10 लाख के आसपास पड़ती है। नासा इस प्रोग्राम में भारहीनता की जांच कडता है।

यह भी पढ़े –

  • अंतरिक्ष के बारे में रोचक जानकारी 
  • विज्ञान से जुड़े रोचक तथ्य 

Note:- नासा की जानकारी (Information About NASA In Hindi) और नासा क्या है? What Is NASA In Hindi पर यह आर्टिकल कैसा लगा। इस पोस्ट “NASA Facts” को शेयर करे।

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नासा के बारे में 18 रोचक तथ्य । nasa in hindi, amazing facts about nasa in hindi – नासा के बारे में रोचक तथ्य.

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1. NASA की Full Form है “ National Aeronautics and Space Administration “. इसका हेडक्वार्टर वाशिंगटन में है और अमेरिका ही इसे पूरी तरह कंट्रोल करता है.

2. पहले NACA (National Advisory Committee for Aeronautics) हुआ करती थी जो अंतरिक्ष के मामलों में सलाह या फैसला देती थी. बाद में NASA बनाई गई.

3. 1958 में अमेरिका के राष्ट्रपति Dwight Eisenhower ने NASA की स्थापना की थी. यह स्थापना 1957 में सेवियत संघ द्वारा लांच किये गए पहले कृत्रिम उपग्रह के जवाब में की गई थी.

4. NASA की इंटरनेट स्पीड 91GBps हैं.

5. नासा वर्तमान में “ Star Trek Style Warp Drive ” पर काम कर रही है जिससे अंतरिक्ष यात्री सिर्फ 2 सप्ताह में अल्फा सेंचुरी (जो सूर्य का दूसरा सबसे निकटतम तारा है) पर पहुंच जाएगे.

6. नासा ने एक “ waterworld ” नामक ग्रह की खोज की है जो पृथ्वी से लगभग 40 प्रकाश वर्ष दूर है परन्तु इस पर खतरनाक पदार्थ हो सकते हैं जैसे “ hot ice ” और “ superfluid water .”

7. आपके रसोईघर के टोस्टर में लगा कंप्यूटर नासा द्वारा प्रयोग किए गए उस कंप्यूटर से काफी शक्तिशाली है जो अंतरिक्ष यात्रियों को चाँद पर भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता है यह केवल 0.043MHz पर चलने वाला 64KB मैमोरी का कंप्यूटर है.

8. अगर आप नासा के अंतरिक्ष यात्री बनना चाहते हो तो पहले आपको पृथ्वी की सतह से ऊपर कम से कम 50 मील की दूरी तय करनी पड़ेगी.

9. यदि नासा पूर्व की ओर से राॅकेट लांच करे तो उसे धरती के घूर्णन का फायदा मिलेगा.

10. नासा की Vehicle Assembly Building इतनी बड़ी है कि उमस भरे दिनो में इसके ऊपर बारिश वाले बादलो को बनने से रोकने के लिए 10,000 टन हवा साफ करने वाले उपकरणो की जरूरत पड़ती है.

11. नासा की Vehicle Assembly Building का अपना खुद का मौसम है यदि यह हवा साफ करने वाले तरीके का इस्तेमाल ना करे तो फ्लोरिडा का नमी वाला मौसम इसकी छत के करीब ही बारिश वाला बादल बना देगा.

12. नासा के पास एक ऐसा यंत्र है जिससे वह मूसलाधार बारिश करा सकता है.

13. नासा ने अदृश्य ब्रेसिज़ (दाँतों में लगाने वाला तार), खरोंच (scratch) प्रतिरोधी लेंस, और भी बहुत कुछ चीज़ों का आविष्कार किया है.

14. “ Internation Space Station ” जब भी अमेरिका के लोगो के ऊपर से गुजरता है तो NASA उन लोगो को मैसेज करता है.

15. 2006 में नासा ने स्वीकार किया कि अब उनके पास चंद्रमा पर उतरने वाली असली विडियो नही है क्योकिं वह दोबारा से यूज कर ली गई.

16. नासा उन लोगो को $15,000 (लगभग 10 लाख रूपए) देता है जो 90 दिन तक नासा की प्रयोगशाला में एक बेड पर 24 घंटे तक लेट सकता है ताकि शरीर पर शून्य गुरूत्वाकर्षण के प्रभाव को मापा जा सके.

17. अमेरिका की हर $1 की कमाई में से $0.005 नासा में जाता है. नासा पर हर साल $19 अरब खर्च होते है.

18. नासा के लक्ष्यों में से एक बड़ा लक्ष्य ये भी है कि 2030 तक मनुष्यों को मंगल ग्रह पर पहुचाना.

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अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध | Essay On Science In Space In Hindi

Hello In this article, we are providing about Essay On Science In Space In Hindi. अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध Essay On Science In Space In Hindi, Antariksh Mein Vigyan Par Nibandh class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11,12 Students.

Essay On Science In Space In Hindi

शुरुआत से ही इंसानों को अंतरिक्ष में जाने का काफी अट्रैक्शन रहा हुआ है। पहले के समय में जब टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस नहीं थी, तब इंसान अपनी कल्पना और कहानियों के जरिए अंतरिक्ष की सैर करता था.

परंतु अपनी कल्पना को वास्तविक जिंदगी में साकार करने के लिए इंसान ने स्पेस रिसर्च की फील्ड में शोध करने के बारे में सोचा और इस प्रकार इंसानों ने बीसवीं सदी के बीच में अंतरिक्ष की फील्ड में काफी शानदार सफलता हासिल की।

वर्तमान के समय में इंसान अंतरिक्ष तक तो पहुंच ही गया है, साथ ही वह अंतरिक्ष के कई गूढ़ रहस्य के बारे में भी जान गया है और वह अंतरिक्ष की सैर करने के अपने सपने को भी साकार कर चुका है।

अंतरिक्ष में इंसानों के सफर की स्टार्टिंग साल 1957 में हुई थी और उस दिन 4 अक्टूबर था। 4 अक्टूबर के दिन स्पुतनिक नाम के एक अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष की कक्षा में सोवियत संघ के द्वारा भेजा गया था और इस प्रकार अंतरिक्ष युग की स्टार्टिंग हो गई थी। सोवियत संघ ने जिस यान को भेजा था, उसमें एक कुत्तिया भी भेजी गई थी, जिसका नाम “लाइका” था।

इस कुत्तिया को इसलिए भेजा गया था ताकि अंतरिक्ष में जीव के ऊपर कैसे प्रभाव पड़ते हैं, इसकी जानकारी हासिल की जा सके। इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 1958 में 31 जनवरी के दिन अमेरिका देश ने “एक्सप्लोरर” नाम के अंतरिक्ष यान को छोड़ा।

इसे इसलिए छोड़ा गया था ताकि यह पृथ्वी के ऊपर मौजूद चुंबकीय क्षेत्र और पृथ्वी पर उसके इफेक्ट की स्टडी कर सकें। अंतरिक्ष यान को इसीलिए अंतरिक्ष में भेजा जाता है ताकि वह अंतरिक्ष में जो भी रहस्य मौजूद है, उनके बारे में जानकारी हासिल कर सके और अंतरिक्ष के गूढ़ रहस्यों से पर्दा उठाए।

इसलिए जितने भी अंतरिक्ष यान भेजे जाते हैं, उसमें कैमरा भी लगाया जाता है ताकि वह अंतरिक्ष के सभी दृश्य को रिकॉर्ड कर सकें। 

साल 1959 में अक्टूबर के महीने में लूना 3 नाम का एक अंतरिक्ष यान सोवियत संघ के द्वारा भेजा गया था। इस यान ने सबसे पहली बार चंद्रमा की फोटो को कैप्चर किया था।

इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 1962 में ‘मैराइनर-2’यान को अमेरिका ने भेजा था जिसने शुक्र ग्रह के बारे में बहुत ही इंपॉर्टेंट जानकारी प्रदान की।

इसके बाद तो दुनिया के कई देशों ने अंतरिक्ष में अपने यान भेजा चालू कर दिया। यहां तक कि हमारे भारत देश ने भी अंतरिक्ष में अपने यान को भेजा है।

500 शब्द : अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध

यह मनुज जिसका गगन में जा रहा है यान कांपते जिसके करों को देखकर परमाणु यह मनुज विज्ञान में निष्णात जो करेगा, स्यात् मंडल और विधु से बात

प्रस्तावना – प्रस्तुत शताब्दी विज्ञान के नित नवीन प्रयोगों और आविष्कारों की हैं. विज्ञान ने पृथ्वी की पुस्तक के सभी पृष्ट खोलकर पढ़ डाले हैं. अब वह धरती पर अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं हैं. अब उनका ध्यान अंतरिक्ष की ओर हैं.

धरती एक परिवार – यह विज्ञान की ही देन है कि अमेरिका आदि दूरस्थ स्थानों पर घटित घटना का पता भारत को चंद मिनटों में ही चल पाता हैं.

मोबाइल फोन, इंटरनेट आदि यंत्रों से हम बातें कर सकते हैं. तथा सब कुछ जान सकते हैं. विज्ञान ने धरती को एक परिवार बना दिया हैं.

अन्य ग्रहों का ज्ञान – आज मनुष्य का ध्यान धरती से बाहर अन्य ग्रहों की ओर जा पहुंचा है, जो इसी सौरमंडल में स्थित हैं. पहले वह धरती के उपग्रह चन्द्रमा पर पहुंचा.

अब तो चन्द्रमा पर बस्ती बसाने की योजनायें बनने लगी हैं. अमेरिका, यूरोप आदि के देशों में चन्द्रमा पर कॉलोनी बसाने के लिए भूमि की बुकिंग भी हो रही हैं.

वर्तमान में वैज्ञानिकों का ध्यान अंतरिक्ष में सुदूर स्थित ग्रहों की ओर हैं इसके रॉकेटयान शनि तथा मंगल ग्रहों तक पहुँच चुके हैं. मंगल पर जल होने का विश्वास व्यक्त किया जा रहा हैं. शनि के उपग्रह टाईटनिक का अध्ययन भी आरम्भ हो चुका हैं.

कल्पना का यथार्थ में परिवर्तन – अंग्रेजी भाषा के लेखक एच जी वेल्स ने धरती पर मंगलग्रह के निवासियों के काल्पनिक आक्रमण का वर्णन अपने उपन्यास में किया था.

यह कल्पना इंग्लैंड तथा यूरोप के लोगों के मस्तिष्क में सजीव रही हैं. आज विज्ञान इस कल्पना को यथार्थ में परिवर्तित करने में लगा हैं.

इसका राकेटयान मंगल की धरती पर उतर चुका हैं. और वहां के चित्र पृथ्वी पर प्राप्त हो रहे हैं. वैज्ञानिक इनका  अध्ययन  कर रहे हैं. उनका विचार है कि मंगल की जलवायु पृथ्वी के निवासियों के रहने के लिए उपयुक्त हो सकती हैं. मंगल ग्रह पर पानी की उपस्थिति तो नहीं मिली है. परन्तु रेत पर बनी हुई लकीरों से उनको वहां पानी होने का विश्वास हो रहा हैं.

अंतरिक्ष में अध्ययन – अंतरिक्ष में हमारा सौरमंडल है, जिसमें नौ ग्रह तथा उनके उपग्रह स्थित हैं. वैज्ञानिक नौ से अधिक ग्रहों की खोज कर चुके हैं.

यूरेनस ग्रह भी खोजा जा चुका है. विज्ञान धरती पर बढ़ती जनसंख्या के लिए चन्द्रमा तथा मंगल आदि ग्रहों पर आवास बनाने की दिशा में काम कर रहा हैं.

अंतरिक्ष बहुत विस्तृत तथा विशाल हैं. हमारे सौरमंडल तथा आकाशगंगा के समान अनेक सौरमंडल तथा आकाशगंगाएं हैं. ये हमारी पृथ्वी से बहुत दूर स्थित हैं. अभी वहां तक पहुंचना संभव नहीं हैं.

किन्तु विज्ञान उनके बारे में जानने का प्रयास कर रहा हैं. अत्यंत विशाल और शक्तिशाली दूरबीनों के आविष्कार से इनका अध्ययन संभव हो सका हैं. विज्ञान ने इन ग्रह नक्षत्रों की पृथ्वी से दूरी को नापने के लिए प्रकाश वर्ष का आविष्कार किया हैं.

विज्ञान और अंतरिक्ष में यातायात – विज्ञान ने अंतरिक्ष में यात्रा करने की कल्पना ही नहीं की हैं. अपितु उसे यथार्थ रूप देने में भी वह लगा हैं.

आकाश में उड़ने का पहला साधन वायुयान था. चन्द्रमा में स्थित अन्य ग्रहों में अध्ययन के उपकरण भेजने के लिए राकेट मिसाइल आदि का सहारा लिया गया हैं.

उपसंहार – विज्ञान का अंतरिक्ष के अध्ययन का पूरा ध्यान हैं. उसने ऐसे अनेक उपकरण बनाये हैं. जिनसे अंतरिक्ष का ज्ञान प्राप्त करना सम्भव हो सका हैं. उसने शक्तिशाली दूरबीनों तथा कैमरों का निर्माण किया है, जो अंतरिक्ष को जानने में मनुष्य के सहायक हैं.

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Essay On Space : छात्र ऐसे लिख सकते हैं अंतरिक्ष पर निबंध

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  • Updated on  
  • सितम्बर 9, 2024

Essay On Space in Hindi

अंतरिक्ष एक ऐसा विषय है जो हर उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों को आकर्षित करता है। इसका रहस्यमय और अनंत विस्तार, चमकदार सितारे, और अद्भुत आकाशीय पिंड हमें हमेशा अपनी ओर खींचते हैं। अंतरिक्ष हमेशा से ही मानव की जिज्ञासा और कल्पनाओं का केन्द्र रहा है। जब लोग अंतरिक्ष मिशनों या अंतरिक्ष की गहराइयों की यात्रा के बारे में सुनते हैं, तो उनकी रुचि और भी अधिक बढ़ जाती है। अंतरिक्ष से संबंधित सवाल उनके मन में बार-बार उठते हैं, जो इसे एक महत्वपूर्ण और रहस्यमय विषय बनाता है। इसी कारण, अक्सर छात्रों को कक्षाओं में अंतरिक्ष पर निबंध (Essay On Space in Hindi) लिखने के लिए कहा जाता है। इसलिए, आपकी मदद के लिए इस ब्लॉग में अंतरिक्ष पर निबंध (Essay On Space in Hindi) के कुछ सैंपल दिए गए हैं।

This Blog Includes:

अंतरिक्ष पर 100 शब्दों में निबंध, अंतरिक्ष पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , अंतरिक्ष अन्वेषण का इतिहास, अंतरिक्ष अन्वेषण का महत्व, अंतरिक्ष अन्वेषण के सामने चुनौतियां, अंतरिक्ष अन्वेषण का भविष्य , उपसंहार , 10 लाइन में अंतरिक्ष पर निबंध (10 line essay on space in hindi).

हम अपनी इस विशाल और अद्भुत दुनिया को ‘अंतरिक्ष’ कहते हैं। सरल शब्दों में, अंतरिक्ष वह अनंत जगह है जिसका कोई अंत नहीं है। यह एक असीमित तीन-आयामी विस्तार है, जो हमारे ग्रह पृथ्वी के ऊपर और उसके चारों ओर फैला हुआ है। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल शून्य होता है और यहाँ सांस लेने के लिए पृथ्वी जैसा वातावरण नहीं होता। गुरुत्वाकर्षण के अभाव में, अंतरिक्ष में वस्तुएं हवा में तैरती रहती हैं। यह स्थान पदार्थ से रहित होता है और यहाँ ध्वनि भी यात्रा नहीं कर सकती। अंतरिक्ष से पृथ्वी एक नीली गेंद की तरह दिखाई देती है। पृथ्वी से अंतरिक्ष की ओर यात्रा की शुरुआत 1957 में सोवियत संघ द्वारा स्पूतनिक उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ हुई थी, जो पहला कृत्रिम उपग्रह था।

अंतरिक्ष पर निबंध

पृथ्वी से बाहर फैला अनंत क्षेत्र ही अंतरिक्ष है, जो लगातार विस्तार कर रहा है। इस विशाल और रहस्यमई क्षेत्र में पृथ्वी की तरह वायुमंडल मौजूद नहीं होता। अंतरिक्ष सितारों, चंद्रमाओं, क्षुद्र ग्रहों और अनगिनत आकाशगंगाओं से भरा हुआ है। मानव सभ्यता के इतिहास में अंतरिक्ष ने हमेशा एक गहरा आकर्षण पैदा किया है और इसकी कई कहानियाँ हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं। अंतरिक्ष का अध्ययन खगोल विज्ञान के तहत किया जाता है, जिसने हमारे ब्रह्मांड के बारे में समझ को गहरा किया है। खगोल विज्ञान ने दूरबीनों, उपग्रहों, और अन्य अंतरिक्ष जांच उपकरणों की सहायता से ब्लैक होल, एक्सोप्लैनेट और सुपरनोवा जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाओं को सामने लाया है।

खगोल विज्ञान की प्रमुख उपलब्धियों में 1969 में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग द्वारा चंद्रमा पर पहला कदम रखना और हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा ब्रह्मांड की गहराई में की गई खोजें शामिल हैं। इन उपलब्धियों ने अंतरिक्ष की हमारी समझ को काफी बढ़ाया है। हाल के वर्षों में, मानव सभ्यता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। 1969 में चंद्रमा पर मानव की पहली यात्रा के बाद, कई सफल मिशनों ने अंतरिक्ष के हमारे ज्ञान को बढ़ाया है। अंतरिक्ष में भेजे गए कृत्रिम उपग्रह हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे संचार, मौसम पूर्वानुमान और अन्य जानकारियों की प्राप्ति में। हालांकि अंतरिक्ष की खोज में कई चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन इसके रहस्यों को जानना कई लोगों का जीवन का उद्देश्य बन चुका है।

अंतरिक्ष पर 500 शब्दों में निबंध

अंतरिक्ष पर 500 शब्दों में निबंध (500 Words Essay On Space in Hindi) नीचे दिया गया है –

अंतरिक्ष, एक अनंत और रहस्यमय दुनिया, मानवता की कल्पनाओं और खोजों का प्रमुख केंद्र रहा है। इसका निरंतर विस्तार और कम घनत्व, साथ ही पूर्ण निर्वात की उपस्थिति इसे अद्वितीय बनाते हैं। इसमें चंद्रमा, ग्रह, क्षुद्रग्रह, धूमकेतु, तारे और आकाशगंगाएँ विशाल मात्रा में पाई जाती हैं। जबकि मानव सभ्यताओं ने अंतरिक्ष के बारे में काफी जानकारी हासिल की है, फिर भी कई रहस्यों की खोज अभी भी जारी है।

खगोल विज्ञान ने ब्रह्मांड की हमारी समझ को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। वैज्ञानिकों ने सौरमंडल की उत्पत्ति, सितारों का जन्म और अंत, और आकाशगंगाओं के कार्यप्रणाली जैसी बातों की खोज की है। अंतरिक्ष की खोज की चुनौतियों ने टेक्नोलॉजी के विकास को प्रेरित किया है, जिससे उपग्रह संचार, जीपीएस, और मौसम पूर्वानुमान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र विकसित हुए हैं। इन खोजों ने हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए, मानव सभ्यता के अस्तित्व और विकास के लिए अंतरिक्ष के बारे में जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अंतरिक्ष अन्वेषण का इतिहास एक लंबी और दिलचस्प यात्रा है, जिसे हम निम्नलिखित प्रमुख चरणों में समझ सकते हैं –

प्राचीन सभ्यताओं का योगदान

अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास को समझने के लिए प्राचीन सभ्यताओं की भूमिका पर ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मेसोपोटामिया की सभ्यता ने ग्रहों की चाल, चंद्र कैलेंडर, और तारों की विस्तृत सूची तैयार की थी। उनके सिद्धांत ज्योतिष विद्या पर आधारित थे और वे खगोलीय घटनाओं को समझने में अग्रणी थे।

मिश्रा सभ्यता के लोग आकाश को एक दैवीय क्षेत्र मानते थे और पृथ्वी को ब्रह्मांड का केंद्र मानते थे। यूनानी सभ्यता ने भी पृथ्वी को केंद्र मानकर एक भू-केन्द्रित मॉडल विकसित किया था।

भारतीय सभ्यता ने भी आकाश और उसकी गति को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारतीय वेदांग ज्योतिष में चंद्र और सूर्य के चक्र पर नजर रखने के नियम दिए गए हैं। खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने पृथ्वी की धुरी पर घूमने के सिद्धांत का उल्लेख किया था। भास्कर द्वितीय ने ग्रहों की स्थिति को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

आधुनिक अंतरिक्ष अन्वेषण की प्रमुख सफलताएँ

  • 1957: स्पूतनिक 1 – सोवियत संघ द्वारा प्रक्षिप्त पहला कृत्रिम उपग्रह, स्पूतनिक 1, अंतरिक्ष युग की शुरुआत का प्रतीक था और पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला पहला उपग्रह था।
  • 1961: यूरी गागरिन – सोवियत अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक यात्रा की, और वह अंतरिक्ष में यात्रा करने वाला पहला मानव बने।
  • 1969-1972: अपोलो कार्यक्रम – नासा ने अपोलो कार्यक्रम के तहत चंद्रमा पर मानव की पहली यात्रा की और अपोलो 11 मिशन में नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर कदम रखा।
  • 1977: वॉयजर मिशन – नासा के वॉयजर यान ने हमारे सौरमंडल से बाहर की ओर यात्रा की और बहुमूल्य जानकारी भेजी। वॉयजर आज भी अपनी यात्रा जारी रखे हुए हैं।
  • हबल स्पेस टेलीस्कोप – हबल ने अंतरिक्ष के बारे में हमारी समझ को विस्तारित किया, दूर की आकाशगंगाओं और सितारों की उच्च रेजोल्यूशन वाली छवियाँ प्रदान कीं, और डार्क एनर्जी के बारे में जानकारी दी।
  • मार्स रोवर्स मिशन – नासा ने 2004, 2012, और 2021 में मार्स रोवर्स मिशनों के माध्यम से मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक रोवर्स को उतारा और महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की।
  • 1998: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन – कई अंतरिक्ष एजेंसियों के सहयोग से स्थापित इस अंतरिक्ष स्टेशन ने वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयोगशाला के रूप में कार्य किया।

भारत की प्रमुख सफलताएँ

  • 1975: आर्यभट्ट – भारत ने अपना पहला कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट अंतरिक्ष में भेजा, जिसे एस्ट्रो फिजिक्स और सोलर फिजिक्स के अध्ययन के लिए डिजाइन किया गया था।
  • 1983: इनसैट श्रृंखला – भारत ने दूरसंचार, प्रसारण, और मौसम विज्ञान के लिए इनसैट श्रृंखला की शुरुआत की।
  • 1993: पीएसएलवी कार्यक्रम – पीएसएलवी को कई पेलोड लॉन्च करने के लिए जाना जाता है और इसकी विश्वसनीयता और बहुमुखी प्रतिभा के लिए सराहा गया है।
  • 2008: चंद्रयान-1 – चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज की और भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बनने की उपलब्धि हासिल की।
  • 2013: मंगलयान – मंगलयान मिशन ने मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक पहुंचने में भारत को पहला स्थान दिलाया, और मंगल तक पहुँचने वाला भारत चौथा देश बना।
  • अन्य मिशन – भारत के अंतरिक्ष मिशनों में गगनयान, आदित्य एल वन, जीसैट और नाविक भी शामिल हैं, जो भविष्य में और भी महत्वपूर्ण उपलब्धियों की ओर इशारा करते हैं।

अंतरिक्ष अन्वेषण की यह यात्रा मानवता के लिए एक लगातार प्रेरणा का स्रोत रही है और इसके आगे भी नई उपलब्धियों की उम्मीदें बनी हुई हैं।

अंतरिक्ष अन्वेषण का महत्व अत्यंत व्यापक और बहुपरकारी है। अंतरिक्ष अन्वेषण केवल ब्रह्मांड की गहराई में जाने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुधार और विकास का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है। इसके अनेक लाभ हमारे जीवन और विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं –

  • ज्ञान और समझ में वृद्धि : अंतरिक्ष की खोज से हम ब्रह्मांड के बारे में अपनी समझ को विस्तारित करते हैं। इसमें हमारे ग्रह, तारे, आकाशगंगाएँ, और अन्य खगोलीय पिंडों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। यह ज्ञान हमारे वैज्ञानिक समझ को नई दिशा प्रदान करता है।
  • तकनीकी प्रगति : अंतरिक्ष अन्वेषण की प्रक्रिया में नए-नए उपकरण और तकनीकें विकसित की जाती हैं। ये तकनीकें अंतरिक्ष की खोज में उपयोग की जाती हैं और विज्ञान व तकनीक के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार (इनोवेशन) को प्रेरित करती हैं। उदाहरण के लिए, उपग्रहों द्वारा विकसित तकनीकें जैसे संचार, मौसम पूर्वानुमान, जीपीएस, और नेविगेशन अब हमारे दैनिक जीवन में भी उपयोगी हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग : अंतरिक्ष अन्वेषण विभिन्न देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। कई देशों के वैज्ञानिक और इंजीनियर मिलकर अंतरिक्ष मिशनों पर काम करते हैं, जो वैश्विक एकता और सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
  • भविष्य की चुनौतियों का समाधान : अंतरिक्ष की खोज से हम भविष्य की संभावित चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, पृथ्वी पर घटते-बढ़ते तापमान और पर्यावरणीय बदलावों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करती है।
  • स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार : अंतरिक्ष अन्वेषण से मिली तकनीकों का स्वास्थ्य सेवाओं में उपयोग भी बढ़ा है। जैसे, एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी इमेजिंग तकनीकें, जो मूलतः खगोलीय पिंडों की इमेजिंग के लिए विकसित की गई थीं, अब चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन्फ्रारेड थर्मामीटर, जो पहले आकाशीय पिंडों के तापमान को मापने के लिए उपयोग होता था, ने कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • जीवन की गुणवत्ता में सुधार : कई ऐसी तकनीकें हैं जो अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए विकसित की गई थीं लेकिन अब सामान्य जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। उदाहरण के लिए, खरोंच-प्रतिरोधी कोटिंग्स और एलईडी लाइट्स, जो अंतरिक्ष में पौधों की वृद्धि के प्रयोगों के लिए तैयार की गई थीं, अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोगी हैं।

अंतरिक्ष अन्वेषण की यात्रा में कई प्रमुख चुनौतियाँ हैं, जिनका सामना करना आवश्यक है:

  • तकनीकी सीमाएं : अंतरिक्ष यान और उपकरणों की तकनीकी सीमाएं एक महत्वपूर्ण चुनौती हैं। वर्तमान तकनीकें सीमित संसाधनों के कारण अपनी पूर्ण क्षमता तक नहीं पहुंच पातीं। अंतरिक्ष यान को तीव्र विकिरण, माइक्रोमेटोरॉयड के प्रभाव, और -150 डिग्री सेल्सियस से लेकर 120 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान का सामना करना पड़ता है। इन चरम परिस्थितियों में उपकरणों की कार्यक्षमता को बनाए रखना एक कठिन कार्य है।
  • संचार में देरी : जैसे-जैसे अंतरिक्ष यान पृथ्वी से दूर जाते हैं, संचार में देरी होने लगती है। इससे तत्काल निर्णय लेना और किसी आपात स्थिति में नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है, जिससे मिशन की सफलता पर प्रभाव पड़ सकता है।
  • लैंडिंग की कठिनाइयाँ : नई सतह पर लैंडिंग करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है, विशेष रूप से विभिन्न गुरुत्वाकर्षण स्थितियों के कारण। हर ग्रह या चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के लिए विशिष्ट तकनीकी उपायों की आवश्यकता होती है।
  • रेडिएशन का खतरा : अंतरिक्ष में रेडिएशन का स्तर पृथ्वी की तुलना में बहुत अधिक होता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके लिए विशेष सुरक्षा उपायों और यंत्रों की आवश्यकता होती है।
  • आर्थिक बाधाएँ : अंतरिक्ष मिशनों के लिए अरबों रुपये की आवश्यकता होती है, जो अक्सर बजट की सीमाओं के कारण एक बाधा बन जाती है। कई मिशन आर्थिक कारणों से या बजट कटौतियों के कारण सीमित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, राजनीतिक कारक या नीतियों में बदलाव भी सरकारी अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बजट पर प्रभाव डाल सकते हैं।

अंतरिक्ष अन्वेषण का भविष्य तेजी से विकसित हो रहा है, और अब सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ निजी कंपनियां भी इसमें सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। कई निजी कंपनियां आने वाले वर्षों में अपने मिशनों में सफलता और उन्नति का दावा कर रही हैं।

वर्तमान में, चंद्रमा और मंगल जैसे ग्रहों पर कॉलोनियों की स्थापना या माइनिंग गतिविधियों की योजनाएं बनाई जा रही हैं। नासा ने आर्टेमिस, मंगल ग्रह से सैंपल वापसी मिशन, एक्सोमार्स, लूनर गेटवे, जुपिटर आईसी मून एक्सप्लोरर, और ड्रैगन फ्लाई जैसे महत्वाकांक्षी मिशनों की घोषणा की है। इन मिशनों का उद्देश्य विभिन्न ग्रहों और चंद्रमाओं की खोज करना और वहां संभावित मानव बस्तियों की स्थापना की दिशा में काम करना है।

भारत भी इस क्षेत्र में सक्रिय है और नासा की सहायता से अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही, भारत चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 जैसे आगामी मिशनों की योजनाओं को लेकर उत्सुक है।

स्पेस टूरिज्म के क्षेत्र में भी तेजी से प्रगति हो रही है। कंपनियां जैसे ब्लू ओरिजिन, स्पेसएक्स, और वर्जिन गैलेक्टिक इस क्षेत्र में अग्रणी हैं और भविष्य में अंतरिक्ष पर्यटन को आम जनता के लिए उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही हैं।

आने वाले दशकों में मंगल ग्रह पर मानव कॉलोनी की स्थापना की योजनाएं भी बनाई जा रही हैं, जो अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। यह भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों और खोजों को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

आने वाले समय में अंतरिक्ष अन्वेषण का भविष्य बहुत ही आशाजनक नजर आ रहा है। सरकारों के साथ-साथ निजी कंपनियां भी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण तकनीकी उन्नति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। मंगल और चंद्रमा पर केंद्रित कई मिशन भविष्य में संभावनाओं से भरे हुए हैं और इनसे व्यापक रूप से प्रभावित लोग इसकी सफलता की आशा कर रहे हैं।

तकनीकी प्रगति, अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य में सुधार, और वित्तीय संसाधनों के बावजूद, इन मिशनों की सफलता वैश्विक मानव सभ्यता के अस्तित्व के नए मार्ग खोल सकती है। अंतरिक्ष खोज में अपार संभावनाएँ छुपी हुई हैं, जो न केवल हमारी ज्ञान की सीमाओं को विस्तारित करती हैं, बल्कि हमें असीम संभावनाओं की ओर भी ले जाती हैं। यह मानवता की अदम्य जिज्ञासा और खोज की प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

10 लाइन में अंतरिक्ष पर निबंध (10 Line Essay On Space in Hindi) नीचे दिया गया है –

  • पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर स्थित विशाल अनंत क्षेत्र जिसकी कोई सीमा नहीं है उसे अंतरिक्ष कहा जाता है। 
  • अंतरिक्ष में जाने वाले प्रथम मानव का नाम यूरी गागरिन था। 
  • अंतरिक्ष की खोज ने विज्ञान चिकित्सा और तकनीक में बहुत प्रगति की है जिससे पृथ्वी पर मानव जीवन को भी लाभ हुआ है। 
  • अंतरिक्ष जिज्ञासा और रोमन से भरा हुआ है जो मानव को उसकी सीमाओं से परे जाने के भी अधिकार देता है। 
  • कई कंपनियों में अंतरिक्ष में जाने वाले रोकटो का पुनः उपयोग करना शुरू किया है जिससे अंतरिक्ष यात्रा में लागत की कमी आई है। 
  • आने वाले अंतरिक्ष मिशनों में सबसे महत्वपूर्ण मंगल और चंद्रमा की सतह पर मानव को भेजना है। 
  • अंतरिक्ष की खोज में सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियां में उच्च लागत मानव स्वास्थ्य और तकनीक का सीमित होना है। 
  • अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी के वायुमंडल के बाहरी स्थान में स्थित है जो की फुटबॉल के आकार का है। 
  • अंतरिक्ष अन्वेषण में मानव सभ्यता को पृथ्वी पर जीवन में भी कई लाभ हुए हैं। 
  • अंतरिक्ष की खोज करने से ब्रह्मांड में हमारे स्थान के बारे में ज्ञान और उत्तर पाने की हमारी इच्छा बढ़ती है।

पृथ्वी के बाहर का क्षेत्र ही अंतरिक्ष है। इसमें ग्रह, उल्काएं, तारे और अन्य खगोलीय पिंड शामिल होते हैं। उल्काएं आकाश से ‘गिरती’ हैं और अंतरिक्ष की विशेषता यह है कि यह एक शांत और निर्वातपूर्ण जगह है।

अंतरिक्ष अन्वेषण और अनुसंधान ने पृथ्वी पर स्थायी प्रथाओं को प्रोत्साहित किया है। यह पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और दीर्घकालिक संसाधन चुनौतियों का समाधान करने के लिए अभिनव उपाय प्रदान करता है।

अंतरिक्ष में हवा और प्राणवायु का अभाव होता है, जिससे सांस लेना असंभव हो जाता है। इसके अलावा, वहाँ का वातावरण अत्यधिक दबाव और तापमान से भरा होता है, जो जीवन के लिए अनुकूल नहीं है। इसलिए, अंतरिक्ष में मानव जीवन का अस्तित्व संभव नहीं है।

अंतरिक्ष से, पृथ्वी एक नीले संगमरमर की तरह नजर आती है, जिसमें सफेद घुमावदार रेखाएँ होती हैं। इसकी सतह पर भूरे, पीले, हरे और सफेद रंग के क्षेत्र भी दिखाई देते हैं। नीला भाग मुख्य रूप से पानी को दर्शाता है, और वास्तव में, पृथ्वी के अधिकांश हिस्से पर पानी ही फैला हुआ है।

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आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में अंतरिक्ष पर निबंध (Essay On Space in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य निबंध लेखन पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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National Aeronautics and Space Administration (NASA)

  • 23 Jul 2019
  • 22 min read
  • GS Paper - 3
  • Important International Institutions

Last Updated: July 2022

The National Aeronautics and Space Administration (NASA) is an independent agency of the executive branch of the United States federal government responsible for the civilian space program, as well as aeronautics and aerospace research.

  • Established under the National Aeronautics and Space Act 1958
  • Headquarters: Washington, DC, USA

How did NASA come to be Established?

  • Following World War II, the United States was in direct competition with the erstwhile Soviet Union (the superpower that was disbanded into several sovereign nations including the Russian Federation, Kazakhstan, the Ukraine, etc. in 1991). That period was called “Cold War”.
  • It was followed in November by the even larger Sputnik II, which carried the dog Laika.
  • Though a small spacecraft weighing only 30 pounds, it discovered what are now known as the Van Allen radiation belts, named for the University of Iowa scientist Dr. James Van Allen, launching the new discipline of space science.
  • Explorer 1 was followed in March, 1958 by the Navy’s Vanguard 1, 6 inches in diameter and weighing only 3 pounds.
  • NASA’s birth was directly related to the launch of the Sputniks and the ensuing race to demonstrate technological superiority in space.
  • Driven by the competition of the Cold War, on July 29, 1958, President Dwight D. Eisenhower signed the National Aeronautics and Space Act , providing for research into the problems of flight within Earth’s atmosphere and in space.
  • After a protracted debate over military versus civilian control of space, the act inaugurated a new civilian agency designated the National Aeronautics and Space Administration (NASA).

What are the Objectives of NASA?

  • To expand human knowledge of space
  • To lead the world in space-related technological innovation
  • To develop vehicles that can carry both equipment and living organisms into space
  • To coordinate with international space agencies to achieve the greatest possible scientific advancements.

What are the Different Missions of NASA?

  • Over the last 60 years, the NASA has achieved every one of the aforesaid goals through various missions some of which are given below, and it continues to seek answers to some of the biggest mysteries in science as it evolves with a changing world.
Mission Detail











to be placed in space and has made groundbreaking discoveries in the field of astronomy since its launch (into in 1990). - a family of four space-based observatories, each observing the Universe in a different kind of light. , Compton ), and the .


ever flown. between NASA's Ice, Cloud and Land Elevation Satellite (ICESat) - launched in 2003 and de-orbited in 2010 and ICESat-2, launched in 2018.

that is the largest single structure humans ever put into space.



in the ancient past and for signs of past microbial life itself.

, currently in the design phase of mission development.


and answer some of our questions about comets.
  • In March 2022, the National Aeronautics and Space Administration (NASA) rolled out its Artemis I moon mission to the launchpad for testing at the Kennedy Space Centre in Florida, United States.

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Hindi Diwas Essay: स्कूल में लिखने के लिए सबसे अच्छा है हिंदी दिवस का यह निबंध, बच्चों को जरूर पढ़ना चाहिए एकबार 

Hindi diwas short essay: बच्चों को विद्यालय के लिए हिंदी दिवस का निबंध लिखना हो या भाषण तैयार करना हो, यहां दिया लेख बच्चों के बेहद काम आएगा. .

Hindi Diwas Essay: स्कूल में लिखने के लिए सबसे अच्छा है हिंदी दिवस का यह निबंध, बच्चों को जरूर पढ़ना चाहिए एकबार 

Hindi Diwas 2024: हर साल 14 सितंबर के दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर स्कूलों और शैक्षिक संस्थानों समेत हिंदी भाषी कामकाजी क्षेत्रों में भी इस दिन को मनाया जाता है. हिंदी दिवस के मौके पर विद्यालयों में खासतौर से बच्चों के बीच तरह-तरह की प्रतियोगिताएं करवाई जाती हैं. बच्चों को हिंदी के लेख (Hindi Essay) लिखने के लिए कहा जाता है, कविताएं पढ़ी व सुनाई जाती हैं और हिंदी के महत्व पर बात होती है. ऐसे में यहां पढ़िए हिंदी दिवस का ऐसा निबंध जिसे बच्चे स्कूल में लिखने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. 

हिंदी दिवस का निबंध | Hindi Diwas Essay 

उत्तर भारत की प्रमुख बोली है हिंदी. बच्चा जब बोलना सीखता है तो उसके मुंह से हिंदी के शब्द निकलते हैं. लेकिन, बड़े होते-होते सामाजिक और औपचारिक रूप से इंग्लिश की जरूरत देखते हुए हिंदी से बच्चे दूर जाने लगते हैं. हिंदी के खोते हुए महत्व को बनाए रखने और इसकी जरूरत व हिंदी के विशालकाय इतिहास (History) व साहित्य पर प्रकाश डालने के लिए हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद हिंदी की प्रासंगिकता और महत्व को अखंडित बनाए रखना भी है. 

हिंदी को 14 सितंबर, 1949 में भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया था. हिंदी भाषा (Hindi Language) का साहित्य भी भारत की सामाजिक स्थिति पर प्रकाश डालने वाला साबित हुआ. हिंदी ने कई महान कवि और उपन्यासकार भी दिए हैं जिनमें प्रेमचंद, भारतेंदू हरिश्चंद्र, सूरदास, तुलसीदास और मीराबाई के नाम शामिल हैं. हिंदी सिनेमा का भी एक बड़ा इतिहास रहा है. भारत में कला, साहित्य , संगीत और सिनेमा के क्षेत्र में हिंदीभाषी कलाकारों का बड़ा हाथ रहा है. 

आधुनिक युग में हिंदी की बात करें तो धीरे-धीरे हिंदी के स्तर को कमतर समझने की गलती की जा रही है. व्यक्ति अगर हिंदी बोलता है और उसे अंग्रेजी भाषा नहीं आती है तो उसे अक्सर ही बाकी लोगों की तुलना में कम समझा जाता है. ऐसे में हिंदी का महत्व (Importance) बनाए रखना जरूरी है. इस भाषा में आज भी अनेक गाने हैं, साहित्य है और फिल्म आदि हैं जिन्हें बढ़ावा देना जरूरी है जिससे हिंदी की लोकप्रियता बनी रहे. 

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हिंदी दिवस 2024 पर बड़े और छोटे निबंध स्कूली छात्रों और बच्चों के लिए

हिंदी दिवस पर निबंध: हिंदी, भारत की मातृभाषा है। यह सबसे अधिक बोली जाने वाली और सम्मानित भाषाओं में से एक है। छात्रों को नीचे दिए गए निबंधों को पढ़कर इसके बारे में अधिक जानना चाहिए।   हिंदी दिवस 2024 पर 150 - 200 शब्दों का निबंध हिंदी में पाने के लिए इस लेख को पढ़ें।.

Atul Rawal

Hindi Diwas Par Nibandh: भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और उसका जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्रीय एकता और विविध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देता है।   इस अवसर पर, स्कूल, छात्रों को हिंदी और इसके महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए स्कूल प्राधिकारी और शिक्षक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। स्कूल छात्रों को अधिक जानकार और खुद को अभिव्यक्त करने में आत्मविश्वासी बनाने के लिए निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।

यहां आपको हिंदी दिवस पर निबंधों के कुछ उदाहरण मिलेंगे। ये हिंदी दिवस निबंध हिंदी में हैं, जिसका उद्देश्य हिंदी दिवस 2024 के लिए आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करना है। हिंदी दिवस निबंध 150-200 शब्दों के हैं। छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध देखें।

  • Hindi Diwas Essay in English
  • Hindi Diwas Speech For Students
  • Hindi Diwas Slogans

हिंदी दिवस पर 10 पंक्तियां (10 Lines on Hindi Diwas)

  • हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है।
  • यह भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी को बढ़ावा देने और मनाने के लिए है।
  • हिंदी भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • हिंदी भाषा का प्रयोग भारत में व्यापक रूप से किया जाता है।
  • हिंदी दिवस पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • इन कार्यक्रमों में कविता पाठ, नाटक, गायन आदि शामिल होते हैं।
  • हिंदी दिवस का उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
  • यह दिन हमें हिंदी भाषा का सम्मान करने और इसका उपयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
  • हिंदी दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • हिंदी भाषा का प्रयोग भारत के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Hindi Diwas in Hindi)

हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (150 शब्द).

अधिकांश भारतीयों के लिए हिंदी एक भाषा नहीं बल्कि एक भावना है। 14 सितंबर इसी भावना को मनाने के लिए समर्पित दिन है। भारतीय इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्योहर राजेंद्र सिम्हा की जन्मतिथि है। वह एक प्रमुख हिंदी विद्वान थे और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे।

हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसकी लिपि देवनागरी है। यह भाषा विविध भाषाई और सांस्कृतिक परिदृश्य को एक साथ जोड़ने में एकीकृत भूमिका निभाती है। एक भाषा के रूप में हिंदी संचार के माध्यम के रूप में कार्य करती है जो लोगों और क्षेत्रों को जोड़ती है, राष्ट्रीय पहचान की भावना को बढ़ावा देती है।

हिंदी दिवस 2024 के अवसर पर हमें अपनी भाषा का सम्मान करने और इसके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने की शपथ लेनी चाहिए। हिंदी दिवस का उत्सव भाषाई और सांस्कृतिक बहुलवाद के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (200 शब्द)

हिंदी दिवस पर, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि भारत कई क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों के साथ भाषाई विविधता का देश है। हिंदी दिवस राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में हिंदी को कायम रखते हुए इस विविधता को संरक्षित और सम्मान करने की आवश्यकता की याद दिलाता है। हिंदी दिवस सिर्फ एक भाषा का उत्सव नहीं बल्कि भारत की विविधता में एकता का भी उत्सव है।

14 सितंबर इसी भावना को मनाने के लिए समर्पित दिन है। भारतीय इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्योहर राजेंद्र सिम्हा की जन्मतिथि है। वह एक प्रमुख हिंदी विद्वान थे और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे।

हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (250 शब्द)

14 सितंबर इसी भावना को मनाने के लिए समर्पित दिन है। भारतीय इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। 26 जनवरी, 1950 को हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाया गया था, उसी दिन जब भारतीय संविधान लागू हुआ था। इस निर्णय को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया, जिसने अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी को भारत सरकार की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी, जिसका उपयोग एक संक्रमणकालीन अवधि के लिए किया जाना था।

14 सितंबर वह दिन है जब भारतीय हर साल हिंदी दिवस मनाते हैं। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्योहर राजेंद्र सिम्हा की जन्मतिथि है। वह एक प्रमुख हिंदी विद्वान थे और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे।

हिंदी दिवस मनाने के और भी कई कारण हैं; आइए उन पर चर्चा करें। समय के साथ, आधुनिकीकरण के इस दौर में विकसित होने के साथ-साथ हमारा हिंदी का ज्ञान भी कम होता जा रहा है। इस प्रकार, हिंदी दिवस का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण हिंदी को एक भाषा के रूप में बढ़ावा देना है। दूसरा कारण राष्ट्र में भाषाई इकाइयों को बढ़ावा देना है। हिंदी दिवस का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत और बहुभाषावाद को बढ़ावा देना भी है। इससे हम अपनी राष्ट्रीय पहचान, शिक्षा और साक्षरता की रक्षा कर सकते हैं। दार्शनिकों और महान शिक्षाविदों ने कहा है कि जो राष्ट्र अपनी भाषा का सम्मान और पालन नहीं करता, उसका विनाश आसान होता है। इस प्रकार, हमें अपनी विरासत को जीवित रखना चाहिए और अपनी भावी पीढ़ियों और उनकी जड़ों के ज्ञान को मजबूत करने के लिए इसका पालन करना चाहिए। आइए मिलकर इस हिंदी दिवस को मनाएं। 

हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (500 शब्द)

हिंदी दिवस, भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी को बढ़ावा देने और मनाने के लिए मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हिंदी भाषा के महत्व और योगदान को उजागर करता है।

हिंदी दिवस का पहली बार मनाया जाना 1949 में हुआ था। उस समय, भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। हिंदी दिवस को मनाने का निर्णय इस महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करने के लिए लिया गया था।

हिंदी भाषा भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह देश की विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों को जोड़ने में मदद करती है। हिंदी भाषा का व्यापक रूप से भारत में और दुनिया भर में उपयोग किया जाता है। यह शिक्षा, व्यापार, और सरकारी कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

हिंदी दिवस के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में कविता पाठ, नाटक, गायन, और भाषण शामिल होते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को हिंदी भाषा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

हिंदी दिवस का भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है। हिंदी भाषा का उपयोग बढ़ने से देश की एकता और राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने में मदद मिली है। हिंदी भाषा का व्यापक उपयोग भारत के विकास और प्रगति में भी योगदान देता है।

यदि आपको 500 शब्दों का हिंदी दिवस निबंध दिया गया है, तो शब्द संख्या बढ़ाने के लिए उपरोक्त हिंदी दिवस निबंध में अधिक जानकारी जोड़ें। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिए गए हिंदी दिवस भाषण को देख सकते हैं। अपने निबंध में हिंदी दिवस के नारे जोड़ने से यह और अधिक आकर्षक हो जाएगा।

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Hindi Diwas 2024: 10 लाइनों में हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें? | 10 Lines on Hindi Diwas

Hindi Diwas 2024; 10 Lines on Hindi Diwas: हिंदी दिवस का उत्सव पूरे देश में बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्त्व को समझने और भाषा के प्रति लोगों को जागरूक करने का दिन है। हिंदी दिवस 2024 नई योजनाओं और थीम के साथ एक नया अध्याय जोड़ेगा, जिसमें हिंदी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयास किए जायेंगे।

10 लाइनों में हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को पूरे भारत में मनाया जाता है। यह दिन 1949 में हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने की स्मृति के रूप में मनाया जाता है। भारत के करोड़ों निवासियों द्वारा बोली जाने वाली हिंदी भाषा केवल संचार का एक माध्यम नहीं है बल्कि ये देश की एकता और विविधता का प्रतीक भी है।

इस दिन का उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के महत्व के बारे में जागरूक करना और इसे बढ़ावा देना है। स्कूली बच्चों में हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा के प्रति जागरूकती बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

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हिंदी दिवस पर 10 लाइन्स | 10 Lines on Hindi Diwas

यहां तीन अलग-अलग सेटों में हिंदी दिवस पर 10 लाइन प्रस्तुत किये जा रहे हैं। ये कक्षा विशेष के लिए सूचीबद्ध किये गये हैं।

कक्षा 1-3 के छात्रों के लिए 10 लाइनों में हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

1. हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। 2. 14 सितंबर 1949 में हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया। 3. हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला है। 4. हिंदी में बहुत से महान साहित्यकार हुए हैं। 5. महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था। 6. हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है। 7. स्कूलों में हिंदी दिवस पर कविता और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। 8. इस दिन हम हिंदी भाषा की महत्ता को समझते हैं। 9. हिंदी हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। 10. हिंदी से हमें अपनी पहचान मिलती है।

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कक्षा 4-6 के छात्रों के लिए 10 लाइनों में हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

1. हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया था। 2. हिंदी विश्व की सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है। 3. हिंदी साहित्य में कबीर, तुलसीदास, प्रेमचंद जैसे महान लेखकों का नाम शुमार है। 4. हिंदी दिवस का उद्देश्य भाषा के प्रति सम्मान बढ़ाना और इसके उपयोग को प्रोत्साहित करना है। 5. इस दिन देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में भाषण, निबंध और कविता प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। 6. हिंदी हमारे देश की एकता का प्रतीक है और विभिन्न राज्यों को एक सूत्र में बांधती है। 7. महात्मा गांधी ने इसे जनमानस की भाषा कहा और हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए काम किया। 8. आज हिंदी फिल्में और साहित्य पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। 9. हिंदी दिवस पर हम सभी को हिंदी के महत्व को समझना चाहिये और इसे आगे बढ़ाना चाहिये। 10. यह दिन हमें अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व करने का प्रतीक है।

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कक्षा 7-9 के छात्रों के लिए 10 लाइनों में हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

1. हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, क्योंकि 1949 में इसी दिन भारत की संविधान सभा ने हिंदी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। 2. हिंदी एक सरल और समृद्ध भाषा है जो हमारी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है। 3. हिंदी साहित्य में दुनिया की कुछ बेहतरीन कृतियां शामिल हैं, जो भारतीय समाज और उसकी सोच को प्रकट करती हैं। 4. हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य है हिंदी के प्रति लोगों की जागरूकता और इसके महत्व को बढ़ाना है। 5. इस दिन कई शैक्षिक संस्थानों में हिंदी से संबंधित कार्यक्रम, जैसे निबंध लेखन, वाद-विवाद और काव्य पाठ होते हैं। 6. हिंदी भाषा भारत के विभिन्न क्षेत्रों को एक सूत्र में बांधती है और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करती है। 7. हमें गर्व करना चाहिये कि हिंदी संयुक्त राष्ट्र की भी मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक बनने की ओर अग्रसर है। 8. हिंदी के प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री का भी महत्वपूर्ण योगदान है। 9. हिंदी दिवस हमें अपने भाषा की समृद्धि और महत्व को समझने का एक अवसर प्रदान करता है। 10. आइए इस दिन हम सब संकल्प लें कि हम हिंदी का उपयोग अधिक से अधिक करेंगे और इसकी महत्ता को बनाए रखेंगे।

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नशा मुक्ति पर निबंध

आज हम आप सभी को नशे के हर पहलू से अवगत कराने जा रहे हैं। भारत में यह जहर बिल्कुल हवा के भांति फैल रहा है। इस आर्टिकल के द्वारा हम आपके साथ नशा मुक्ति पर निबंध शेयर करने जा रहे है। यह निबन्ध सभी विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

Essay-On-Nasha-Mukti-In-Hindi

यह भी पढ़े:   हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

नशा मुक्ति पर निबंध हिंदी में (250, 500 और 800 शब्दों में)

नशा मुक्ति पर निबंध (250 शब्द).

हमारे देश का उज्जल भविष्य युवाओं पर टिका होता है। अगर देश की युवा पीढ़ी ही गलत रास्ते में जाने लगे तो निश्चित ही उनका भविष्य अंधकार में चला जाता है। हमारे देश का युवा वर्ग को ज़िन्दगी के हर पहलु को जीने की इच्छा होती है। युवा वर्ग नशे को अपनी शान समझते है। वे शराब, गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट का नशा करते है। उनकी पार्टी नशे के बगैर अधूरी है।

आजकल के हमारे युवा को और कई व्यस्क लोग भी सिगरेट या शराब का सेवन करते हुए दिखाई देते हैं। उन्हें यह समझ नहीं आता की किसी भी प्रकार का नशा उनके लिए आगे चलकर हानिकारक और जानलेवा साबित हो सकता है। आजकल युवा वर्ग के लिए नशा एक फैशन बन गया है, यह उनके लिए अमृत के समान बन चुका है।

हमारे भारत देश में शराब और सिगरेट के निर्यात की वजह से करोड़ों रुपये मिलते है। सिगरेट के पैकेट्स पर नो स्मोकिंग लिखा रहता है, फिर भी रोज कम उम्र के लड़की और लड़के इसका भरपूर सेवन करते है। धूम्रपान या शराब का सेवन स्वस्थ के लिए हानिकारक होता है।

तम्बाकू, खैनी और गुटखा से माउथ कैंसर हो जाता है। कई सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करना मना होता है, मगर कुछ लोग किसी की सुनते नहीं है। उनको सिर्फ अपने मन की करनी होती है। यह सब करने में उनको एक अलग ही आनंद की प्राप्ति होती है, लेकिन उनको यह नहीं पता है कि यह उनके लिए कितना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

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नशा मुक्ति पर निबंध (500 शब्द)

देश में आज के समय बुजुर्ग से लेकर युवा हर कोई नशे की दलदल में फंसा हुआ है। नशा मनुष्य के लिए हानिकारक है, लेकिन फिर भी मनुष्य नशे के पीछे भागते रहते हैं। लोगों को ऐसा लगता है कि नशा करने से उनकी मानसिक चिंता दूर हो जाती है और मनुष्य चिंता मुक्त होकर समय व्यतीत कर सकता है। लेकिन यह नशे की बुरी लत व्यक्ति के परिवार को और व्यक्ति को खुद को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है।

नशा मुक्त के लिए सरकार के द्वारा भी कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन उसके बावजूद भी देश में नशा करना आम बात हो गया है। आज के समय में तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और शराब का प्रयोग देश के युवा लोगों द्वारा अत्यधिक संख्या में किया जा रहा है।

आज की युवा पीढ़ी नशे का सेवन क्यों करती है?

नशे के सेवन को लेकर देखा जाए तो आज की युवा पीढ़ी इसके पीछे पागल होती जा रही है। कई लोग नशे को सिर्फ शौक समझकर शुरू करते हैं और बाद में उनको नशे की लत लग जाती है। कई लोग अपनी मानसिक चिंता को दूर करने के लिए नशे का सेवन करते हैं और कई लोग दूसरे लोगों को देखकर उनके पीछे-पीछे नशे का सेवन करना शुरू कर देते हैं।

इस तरह से आज की युवा पीढ़ी नशे की दलदल में फंसती जा रही है और इसका सबसे ज्यादा प्रभाव छोटे बच्चों पर पड़ता है। उनको भी इस प्रकार की शिक्षा मिलती है और भविष्य में उनको भी दोस्तों से ऐसी ही संगत मिलना शुरू होती है, जिसकी वजह से वे नशे की लत में पड़ जाते हैं।

नशा मुक्ति से देश में कैसे सफल हो सकती है?

सरकार के द्वारा नशा मुक्ति को लेकर कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। कई प्रकार से जागरूकता फैलाई जा रही है। लेकिन उसका कोई भी असर देश की युवा पीढ़ी और वयस्क लोगों पर नहीं पड़ रहा है। हर प्रकार के नशीले पदार्थ की पैकिंग सफलता के बैनर चिपका जा रहे हैं। लेकिन उसके बावजूद भी युवा पीढ़ी लगातार इसका प्रयोग कर रहे हैं।

युवा पीढ़ी को किसी भी तरह से नशा मुक्त करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। अन्यथा हमारे देश का भविष्य पूरी तरह से अंधकार में चला जाएगा, तंबाकू और सिगरेट का सेवन करना मुंह और फेफड़ों के कैंसर जैसी भयानक बीमारियों को उत्पन्न करता है।

अब नशा मुक्त देश बनाने के लिए सबसे पहले भारत सरकार को एक बेहतरीन कदम उठाना चाहिए, जिस प्रकार से गुजरात में शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित की गई है। उसी प्रकार के देश के सभी जगहों में भयानक बीमारी फैलाने वाले नशीले पदार्थ को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना चाहिए।

सरकार को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ कई प्रकार के नशा मुक्ति केंद्र के जरिए लोगों को जागरूकता फैल आनी चाहिए और टीवी के माध्यम से प्रचार-प्रसार करके जागरूकता फैलानी चाहिए।

नशे के दुष्प्रभाव

  • आज की युवा पीढ़ी के द्वारा किया जाने वाला नशा उनको नाबालिग उम्र में भी नशे की दलदल में फंसा देता है।
  • नशे के माध्यम से लोग अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं और नशे की हालत में पारिवारिक झगड़ों को अंजाम दिया जाता है।
  • नशे का सेवन करके वाहन चलाने वाले लोग अक्सर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं और ऐसे में कई बेकसूर लोगों की जान चली जाती है।
  • शुरुआती दौर में नशे से छुटकारा पाना आसान है, लेकिन जब नशे के सेवन को करते हुए काफी साल हो जाते हैं तो उसे छोड़ना काफी मुश्किल होता है।

देश को नशा मुक्त बनाने के लिए सरकार कई तरह से प्रयास कर रही है। सरकार के द्वारा किए गए प्रयास सराहनीय है, लेकिन हर देशवासी को इस नशा मुक्ति के प्रति खुद में और अपने आसपास के लोगों में जागरूकता फैलाना और सरकार नशा मुक्ति अभियान के तहत सहायता करना बहुत जरूरी है। हम सब मिलकर एक दिन देश को नशा मुक्त देश बना सकते हैं।

नशा मुक्ति पर निबंध (800 शब्द)

नशे का उल्लेख सोम व सूरा जैसे ग्रंथो में देखने को मिलता है। पुराने समय के जो राजा महाराजा मदिरापान के बहुत ही ज्यादा शौकीन हुआ करते थे। आधुनिक युग में भी इसका सेवन होते चला आ रहा है। अधिकतर हमें यह ज्यादा देखने को मिलता है कि लोग अत्यधिक चिंता करने के कारण नशे का सहारा ले लेते हैं और धीरे धीरे इसके लती हो जाते हैं।

नशा और युवा पीढ़ी

आज के समय में अधिकतर युवा वर्ग नशे की ओर झुक रहा है। युवा जो हमारे देश का उज्ज्वल भविष्य होते हैं, वे आज नशे की बुरी लत में पढ़कर अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां तक आज के समय में पुरुष तो पुरूष बहुत सी महिलाएं भी नशे की चपेट में आ रही हैं।

भारत में नशे का सेवन बिल्कुल हवा की तरह फैल रहा है और बहुत सी लोगों की ज़िंदगियाँ खराब कर रहा है। बहुत से लोग इसका सेवन केवल अपनी लाइफस्टाइल को मेन्टेन करने के लिए करते हैं। आज के समय हालात यह है कि बहुत से घर नशे की वजह से बर्बाद होते जा रहे हैं। लोग नशा करने के बाद अपना होश खो देते है और वे घर जाकर अशांति फैलाते हैं।

अपने परिवारजनों से मार पीट करते हैं और गाली गलौज करते नज़र आते हैं। इसके साथ साथ मानसिक स्तर व सामाजिक स्तर भी बहुत प्रभावित होता है। नशे की वजह से ही हमें आर्थिक स्थिति का भी सामना करना पड़ता है। नशे की वजह से ही इंसान बर्बाद होता चला जाता है और इसी के चलते वो घर के लड़ाई झगड़े, मोहल्ले वालों से झगड़े और हर जगह तमाशा करने लगता है। अपना तो तमाशा बनाता ही बनाता है और अपने परिवार की भी इज़्ज़त को मिट्टी में मिला देता है।

नशे से होने वाले दुष्परिणाम

नशे से होने वाले दुष्परिणाम बहुत ही ज्यादा हानिकारक होते हैं। नशा आपके हँसते खेलते जीवन को तहस नहस कर के रख देता है। आजकल नाबालिक बच्चे भी अधिक मात्रा में नशे का सेवन करता है। भारत सरकार की ओर से हर नशे से संबंधित सामग्री पर चेतावनी दी होती है, पर लोगों को इससे बिल्कुल प्रभाव नही पड़ता है और वह नशा करते हैं।

नशा करने के बाद इंसान अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है, जिस कारण वह अपने आप को काबू नहीं कर सकता और नशे के चलते हर जगह झगड़ा करना, अपशब्द बोलना, गाली गलौज करना, घर पर कलेश मचाना आदि कृत्य करता है जबकि यह सरासर जुर्म की श्रेणी में आता है।

नशे की वजह से आप अपने वाहन को नहीं चला सकते। लोग उसी अवस्था में वाहन चलाते हैं और दुर्घटना का शिकार होते हैं। इसके चलते आप अपने सामने वाले कि जान को भी खतरे में डालते हैं और साथ ही साथ अपनी जान को भी खतरे में डालते हैं।

अकसर नशे की शुरुआत हमारे मित्रों के समूह से ही होती है, चाहें वो कोई भी नशा क्यों न हो, उसके बाद मनुष्य की ऐसी अवधारणा बन जाती है कि वो अधिक मात्रा में नशे का सेवन करने लगता है और एक समय ऐसा आता है कि वो बहुत बुरी तरह फस जाता है और अपने जीवन को भी पूरी तरह बर्बाद कर लेता है, ऐसा करने से हम अपने जीवन को तो खराब करते ही हैं और साथ ही साथ अपने परिवार को भी खत्म करते चले जाते हैं।

नशे से होने वाली बीमारियां

नशे की लत के कारण हमें बहुत सी अन्दुरुनी बीमारियां हो सकती हैं। तम्बाकू, शराब, सिगरेट का अधिक मात्रा में सेवन करने से हमारे फेफड़े गुर्दे आदि पर प्रभाव पड़ता है और एक समय आने पर वो भी काम करना बंद कर देते हैं।

इसके साथ ही साथ हमें यह भी ज्ञात होना चाहिए कि अगर हम ध्रूमपान कर रहे हैं और हमारे सामने या साथ वाले को उसका धुंआ लग रहा है, तो वो भी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो सकता है जैसे मुहं का कैंसर होना, फेफड़े का खराब हो जाना और भी अनेकों बीमारी होना आदि।

नशा मुक्ति के उपाय

भारत सरकार नशे को रोकने को के लिए रोजाना हर एक संभव कोशिश कर रही है और लोगों को जागरूक कर रही है। भारत में बहुत सारे काउंसिलिंग सेन्टर खुल रहे हैं। लोगों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है, वे लोग अपने काम को बहुत ही अच्छे से करते हैं।

जब लोग अपने जीवन से हारकर नशा करना चालू करते है तब और वो इस दलदल में बहुत बुरे फसते जा रहे है। इस दलदल से बाहर निकालने का काम चिकित्सक बखूबी करते हैं। भारत सरकार हेल्थ चेकप के साथ-साथ नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता फैलाती है और लोगों को जागरूक करती है।

हम सभी देश का भविष्य हैं। हमें नशे जैसी चीज़ को एक शौक के रूप में भी प्रयोग नही करना चाहिए। हमें जितना हो सके इससे दूर ही रहना चाहिए और ज्यादातर युवाओं को जागरूक करना चाहिए। अगर हमें एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है तो हमे नशे जैसी चीज को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह नशा मुक्ति पर निबंध इन हिंदी पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

बुरी लत पर निबंध

नशा और युवा वर्ग पर निबंध

नशे के दुष्प्रभाव पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Comments (2).

Thanks for your support

Too much nice Very good explanation sir Thanks ?

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नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Essay on Nasha Mukti in Hindi

आज नशा हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बहुत तेजी के साथ फैल रहा है। इसके प्रभाव में सबसे ज्यादा छोटी उम्र के लोग आ रहे हैं। ऐसे में सरकार अपनी तरफ से काफी कोशिश कर रही है जिससे कि लोगों को नशे से छुटकारा दिलवाया जा सके। इसी वजह से स्कूलों में बच्चों को खासतौर पर नशे की बुराइयों के बारे में समझाया जाता है जिससे कि वो नशे से बचे रहें। कई बार परीक्षा में और किसी कंपटीशन में नशा मुक्ति पर निबंध या नशे से होने वाले नुकसान पर निबंध लिखवाए जाते हैं। अगर आप भी नशा मुक्ति निबंध के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं तो हमारे आज के इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और जानें की नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में कैसे लिखें। 

नशा मुक्ति पर निबंध 100 शब्दों में

नशा आज हमारे समाज के लिए एक बहुत ही गंभीर समस्या बन चुका है। इसके कारण बहुत से युवाओं का जीवन बर्बाद हो रहा है। एक बार नशे की लत अगर किसी व्यक्ति को लग जाती है तो तब वह चाहते हुए भी इसे छोड़ नहीं पाता। ऐसे में व्यक्ति के सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन को नशे से बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है। नशा एक तरह का नहीं होता बल्कि कई तरह का होता है जैसे कि शराब, भांग, अफीम, बीयर, बीड़ी, सिगरेट, ड्रग्स इत्यादि। ‌

पर सवाल यह है कि आखिर लोग नशा क्यों करते हैं? हर इंसान के नशा करने के पीछे अलग-अलग कारण होते हैं। कोई व्यक्ति शौकिया तौर पर नशा करता है तो कोई किसी दुख को भुलाने के लिए। लेकिन अगर नशीले पदार्थों की बिक्री पर अगर सरकार रोक लगा दे तो काफी हद तक इससे छुटकारा पाया जा सकता है। सरकार के साथ-साथ पूरे देश की जनता को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। 

नशा मुक्ति पर निबंध 150 शब्दों में

हर देश की तरक्की और उसका भविष्य उस देश के युवाओं के ऊपर निर्भर होता है। लेकिन यदि देश की युवा पीढ़ी नशा करने लगे तो ऐसे में उस देश को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता। परंतु कुछ युवाओं को यह बात समझ में नहीं आती और वे नशे करने को बहुत अच्छा समझते हैं।  यही वजह है कि आज ज्यादातर युवा गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू और शराब जैसे मादक पदार्थों से नशा करते हैं। 

हालांकि हमारे देश की सरकार भी बहुत सारे नशा मुक्ति अभियान चला रही है पर फिर भी नशा करना बढ़ता ही जा रहा है। यही कारण है कि आज लोगों में कई प्रकार की भयानक बीमारियां जैसे कि मुंह का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर इत्यादि देखीं जा रहीं हैं। ऐसे में देश के लोगों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए सभी लोगों को प्रयास करने चाहिए। लोगों को नशे से होने वाले नुकसानों के बारे में जानकारी देकर उनमें जागरूकता लानी होगी। 

नशा मुक्ति पर निबंध 250 शब्दों में

किसी भी देश के लिए वहां के लोग यानी कि जनता बहुत महत्वपूर्ण होती है। पर अगर जनता गलत रास्ते पर चलने लगे तो ऐसे में वो देश फिर कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता। आज जिस तरह से हमारे देश भारत के कई युवा लोग नशे के आदी बन चुके हैं इससे उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है। शराब, सिगरेट, बीड़ी, अफीम, हीरोइन जैसे नशीले पदार्थ व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देते हैं। नशीले पदार्थों का सेवन करने का मतलब है मौत को न्यौता देना। ‌

नशे से होने वाले नुकसान

जो व्यक्ति नशा करता है समाज में कोई भी उसका सम्मान नहीं करता। नशे करने वाला इंसान नशा करने के बाद अपने परिवार के लोगों से लड़ाई झगड़ा करता है जिसकी वजह से घर का माहौल खराब होता है। इसके अलावा जो लोग नशा करते हैं उनकी जिंदगी में कभी भी खुशियां नहीं आ सकतीं और ना ही उनके पास पैसा रहता है। जब कोई इंसान नशे का आदी हो जाता है तो तब वह चोरी और दूसरे अवैध काम भी करने लगता है। 

नशा मुक्ति के कुछ उपाय 

नशे जैसी खतरनाक आदत को छुड़ाने के लिए एक नहीं अनेकों प्रयास करने होंगे जैसे कि –

  • लोगों को नशे के नुकसान बताने चाहिएं और उनमें जागरूकता लानी चाहिए।
  • सरकार द्वारा नशे के ऊपर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना चाहिए और अगर कभी कोई व्यक्ति नशा करता हुआ पकड़ा जाए या फिर नशीले पदार्थों को बेचते हुए पकड़ा जाए तो तब उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए। 
  • लोगों को नशे की लत छुड़वाने के लिए सरकार ने बहुत सारे नशा मुक्ति केंद्र खोले हैं। इसलिए हम सब की यह जिम्मेदारी है कि अगर हमारे घर के आस-पास कोई व्यक्ति नशा करता है तो उसे नशा छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उसे नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के लिए भेजना चाहिए। 

नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में

आज हमारे देश में अधिकतर लोगों में नशे की आदत बढ़ती जा रही है। चिंता की बात यह है कि युवा वर्ग खासतौर से नशे की चपेट में आ रहा है। युवा लोगों को नशे की आदत इतनी ज्यादा लग गई है कि उन्हें नशे के अलावा कोई दूसरा काम सुझाई नहीं देता। यही वजह है कि भारत सरकान ने देश के नौजवानों को और व्यस्को को नशे से बचाने के लिए बहुत सारे प्रयास किए हैं। लेकिन सरकार अपने प्रयासों में तभी सफल होगी जब लोग भी इसमें अपना सहयोग देंगें।‌

नशा करने से होने वाले नुकसान

नशा करने के नुकसान एक नहीं बहुत सारे हैं जिनके बारे में जानकारी निम्नलिखित है – 

  • नशा व्यक्ति के बाहरी और आंतरिक शरीर को नुकसान पहुंचाता है। 
  • नशा करने के बाद व्यक्ति सही गलत में फर्क नहीं कर पाता जिसकी वजह से वह कई बार अपने साथ-साथ दूसरे लोगों को भी नुकसान पहुंचा देता है।
  • जो लोग नशा करते हैं वो हमेशा अपने घर में झगड़े करते हैं। ऐसे में आपसी मनमुटाव और झगड़ों की वजह से कई बार लोगों का पारिवारिक जीवन नर्क बन जाता है।
  • नशे की वजह से व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां लग जाती है और कई बार तो उसे अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है। 
  • जो लोग नशा करते हैं उनकी समाज में कोई भी इज्जत नहीं करता और ऐसे लोगों को कहीं पर भी काम नहीं मिलता। 

लोग नशा क्यों करते हैं 

आजकल नशा एक फैशन की तरह बन गया है जिसे युवा पीढ़ी और व्यस्क लोग खुलेआम करते हैं। कई बार लोग नशा सिर्फ इसलिए करते हैं कि वो अपने मन को दुखों से छुटकारा दिलाना चाहते हैं। परंतु उन्हें नहीं पता कि अगर नशे में इतनी ताकत होती कि वह किसी व्यक्ति के दुखों को खत्म कर दे तो फिर दुनिया भर में कोई भी दुखी इंसान नहीं होता। कई बार लोग अपने दोस्तों के कहने पर शराब या अफीम का सेवन करते हैं और धीरे-धीरे वो फिर उसके आदी बन जाते हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता कि नशा अनेकों बुराइयों को जन्म देता है और व्यक्ति के जीवन को असंतुलित बना देता है। 

नशा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास 

नशा मुक्ति के लिए वैसे तो हमारी सरकार द्वारा बहुत सारे प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन वो प्रयास तभी सफल होंगे जब जनता भी अपना भरपूर योगदान देगी। सरकार को चाहिए कि वह देश को नशा मुक्त करने के लिए कठोर कानून बनाए और उनका फिर कठोरता के साथ पालन किया जाए। कानून को ऐसे लोगों को माफ नहीं करना चाहिए जो नशा करते पकड़े जाएं या फिर जो लोग नशे का कारोबार करते हैं। इसके लिए हमारे देश में बहुत सारी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भी हैं जो नशा मुक्ति अभियान चलाकर लोगों को जागरुक कर सकती हैं। 

इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जो लोग नशा करते हैं वे एकदम से नशे से मुक्त नहीं हो सकते बल्कि ऐसे लोगों को समझा-बुझाकर और प्यार के माध्यम से ही सही रास्ते पर धीरे-धीरे लाया जा सकता है। नशा करने वाले लोगों की मन की स्थिति को बदलने में टाइम लगता है और इसके लिए नशा मुक्ति केंद्रों से उनका उपचार करवाना चाहिए। ‌

  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
  • बेरोजगारी पर निबंध
  • समय का महत्व पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध

दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि आप किस प्रकार से नशा मुक्ति पर निबंध अलग-अलग शब्दों में लिख सकते हैं। ‌ हमें पूरी आशा है कि हमारा यह लेख आपके लिए काफी लाभदायक रहा होगा। इसलिए हमारी आप से रिक्वेस्ट है कि हमारे इस आर्टिकल को ऐसे लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में ढूंढ रहें हैं। 

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  2. Hindi Essay on Nasa, "नासा पर निबंध", "10 Lines on Nasa in Hindi" for

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  3. नासा के बारे में हिंदी में जानकारी और रोचक तथ्य

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  4. NASA क्या है? Full Form of NASA in Hindi

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  5. चंद्रयान 3 हिंदी निबंध और भाषण: Chandrayaan 3 Essay and Short Speech in

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  6. Story of NASA in Hindi 2020 : full detail about NASA

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  1. NASA Mars mission 2021 in hindi / Urdu

  2. पृथ्वी पर निबंध/Essay on Earth in hindi/Prithvi par nibandh #nibandhlekhan #hindihandwriting

  3. Facts About Sun: Did You Know? A Cosmic Star That Keeps Us Going! #space

  4. धरती हमारी नहीं‚ हम धरती के हैं पर निबंध |heartfulness Essay event 2023

  5. नासा ने हमसे छुपाये है ये रहस्य

  6. New Space research Of Nasa

COMMENTS

  1. NASA क्या है?

    NASA का इतिहास - History of NASA in Hindi. अमेरिकी कांग्रेस द्वारा 19 जुलाई, 1958 के दिन एक कानून पास किया गया जिसके तहत NASA की स्थापना हुई. तब से NASA ने इंसानों ...

  2. NASA का आर्टेमिस मिशन

    आर्टेमिस चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम (Artemis Lunar Exploration Program) के माध्यम से NASA वर्ष 2024 तक पहली महिला और अगले पुरुष को चंद्रमा पर भेजना चाहता है। इस ...

  3. नासा

    National Aeronautics and Space Administration राष्ट्रीय विमानिकी और अंतरिक्ष प्रबंधन

  4. Hindi Essay on Nasa, "नासा पर निबंध", "10 Lines on Nasa in Hindi" for

    10 Lines on Nasa in Hindi - नासा पर 10 लाइन हिंदी में. (1) नासा विश्व की सबसे बड़ी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी है।. (2) नासा की स्थापना 1 अक्टूबर 1958 को संयुक्त ...

  5. नासा क्या है? फैक्ट्स

    नासा क्या है? What Is NASA In Hindi. National Aeronautics and Space Administration (NASA) नासा एक अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी है। नासा का कार्य अंतरिक्ष से सबंधित होते है। What Is NASA In Hindi पोस्ट में अमेरिकी ...

  6. एलियंस हैं या नहीं, क्या बता रही है नासा की ताज़ा रिपोर्ट?

    बीबीसी न्यूज़. 15 सितंबर 2023. सैकड़ों यूएफ़ओ देखे जाने की जांच कर रही अमेरिकी ...

  7. मंगल ग्रह पर उतरा नासा का अंतरिक्ष यान, जीवन की संभावनाओं पर करेगा खोज

    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर उतर चुका है.

  8. नासा के बारे में 18 रोचक तथ्य । NASA In Hindi

    Amazing Facts about NASA in Hindi - नासा के बारे में रोचक तथ्य दुनिया का सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी जिसका नाम है NASA. आज हम आपको नासा के बारे में 18 रोचक तथ्य बताएंगे जो शायद ही आप ...

  9. भारतीय अंतरिक्ष व्यवस्था: चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ

    यह ध्यान देने योग्य है कि विश्व का सबसे बड़ा अंतरिक्ष क्षेत्र का संस्थान नासा (nasa) भी निजी क्षेत्र की सहायता लेता रहा है। मौजूदा समय ...

  10. NASA Full Form in Hindi : नासा का पूरा नाम क्या है?

    NASA Full Form in Hindi नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (National Aeronautics and ...

  11. अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध

    अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध | Essay On Science In Space In Hindi. December 27, 2023 Kanaram siyol HINDI NIBANDH. Hello In this article, we are providing about Essay On Science In Space In Hindi. अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध Essay On Science In ...

  12. Essay On Space in Hindi : छात्र ऐसे ...

    छात्रों को कक्षाओं में अंतरिक्ष पर निबंध (Essay On Space in Hindi) लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए, आपकी मदद के लिए यहां कुछ सैंपल दिए गए हैं।

  13. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (अंग्रेज़ी: Indian Space Research Organisation, ISRO, इसरो) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय कर्नाटक राज्य के बंगलौर में है ...

  14. National Aeronautics and Space Administration (NASA)

    The National Aeronautics and Space Administration (NASA) is an independent agency of the executive branch of the United States federal government responsible for the civilian space program, as well as aeronautics and aerospace research. Established under the National Aeronautics and Space Act 1958. Headquarters: Washington, DC, USA.

  15. चन्द्रयान

    चन्द्रयान-1Chandrayaan-1. चन्द्रयान (अथवा चंद्रयान-१) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत द्वारा चंद्रमा ...

  16. Hindi Diwas Essay: स्कूल में लिखने के लिए सबसे अच्छा है हिंदी दिवस का

    Hindi Diwas Short Essay: बच्चों को विद्यालय के लिए हिंदी दिवस का निबंध लिखना हो या भाषण तैयार करना हो, यहां दिया लेख बच्चों के बेहद काम आएगा.

  17. Hindi Diwas Essay: हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें? 100, 250, 500 शब्दों

    Hindi Diwas 2024 Essay in Hindi: इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हिंदी भाषा भारतीयों की पहचान का हिस्सा है। भारत में यूं तो कई भाषाएं और बोलियां बोली जाती है लेकिन जो दर्जा ...

  18. Google Translate

    Google's service, offered free of charge, instantly translates words, phrases, and web pages between English and over 100 other languages.

  19. www.historydekho.com

    Explore the vastness of space and its mysteries through an insightful essay in Hindi at HistoryDekho.com, the information portal.

  20. हिंदी दिवस 2024 पर निबंध छात्रों और बच्चों के लिए (Long and Short Essay

    Hindi Diwas Par Nibandh: भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन ...

  21. Hindi Diwas 2024: 10 लाइनों में हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

    Hindi Diwas 2024: Read 10 lines on Hindi Diwas in Hindi for school students. Know more about Rashtriya Hindi Diwas with a short essay in 10 lines. Learn about the importance of Hindi Diwas and how to write a 10-line essay on Hindi Diwas for kids and students.

  22. नशा मुक्ति पर निबंध (250, 500 और 800 शब्दों में)

    नशा मुक्ति पर निबंध (500 शब्द) प्रस्तावना. देश में आज के समय बुजुर्ग से लेकर युवा हर कोई नशे की दलदल में फंसा हुआ है। नशा मनुष्य के लिए हानिकारक है, लेकिन फिर ...

  23. NASA

    The National Aeronautics and Space Administration (NASA; / ˈ n æ s ə /) is an independent agency of the U.S. federal government responsible for the civil space program, aeronautics research, and space research. Established in 1958, it succeeded the National Advisory Committee for Aeronautics (NACA) to give the U.S. space development effort a distinct civilian orientation, emphasizing ...

  24. नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में

    नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Essay on Nasha Mukti in Hindi. ByJiya Iman. आज नशा हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बहुत तेजी के साथ फैल रहा है ...