माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi
Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.
अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.
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10 lines Essay on Mother in Hindi
(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.
(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं
(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.
(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.
(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.
(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.
(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.
(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.
(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.
(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.
Short Essay on Mother in Hindi 100 words
मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.
वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.
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जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.
Meri Maa Essay in Hindi 250 words
मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.
मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.
हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.
मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.
वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.
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मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.
मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.
Best Essay on Mother in Hindi 500 words
मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.
मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.
Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.
मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.
“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”
बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,
पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.
संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.
कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.
मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.
मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.
हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.
आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.
Essay on Mother in Hindi 1000 words
मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.
मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.
मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.
मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.
जीवन में मां का महत्व –
मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.
मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.
मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.
मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.
जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.
मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.
ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.
हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.
वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.
मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.
मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.
मां और ईश्वर –
मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.
भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.
मां के प्रति हमारे कर्तव्य –
मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.
अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.
सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.
मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.
इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.
उपसंहार –
मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.
इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.
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30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”
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Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho
Shiv kashyap ji aap ne bahut accha likha hai.
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thank you its very good for childern
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Yes it’s very much good for my dear mum
Thank you Krishna for appreciation.
Baht achha hai raise aur bhi nibandh mujhe chahiye
Sunny giri, Hame khushi hai ki aap ko nibandh pasnd aaya dhanyawad.
all best word of maa
Thank you kamlesh kumar deoria up for appreciation.
Like your essay very much one mistake in it but top essay like it very much . mother is nicely described in it.
Thank you Rohit Owandkar for appreciation.
All right…….
Thank you Mayank for appreciation.
Thanks for writing this type of good essay I Loved it alot😘
Welcome Ishika and thanks for appreciation.
please sir this essay send on my email. please sir and send my email
faizan sayyad, Aap yaha se copy kar sakte hai apne school project ke liye
Satik likha hai
Sarahna ke liye Dimple ji aap ka bhut bhut dhanyawad.
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Shila Sarkar, We are grateful that you are like our content, thank you very much for the appreciation.
It is very nice essay an that’s line is very great thank u for write. This essay
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माई मदर पर निबंध 10 lines (My Mother Essay in Hindi) 100, 150, 200, 500, शब्दों मे
माई मदर पर निबंध (My Mother Essay in Hindi ) : एक माँ एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया शब्द है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, विकास, विकास और कल्याण के लिए बलिदान और प्राथमिकता देता है। एक माँ न केवल एक बच्चे या बच्चों को जन्म देती है, बल्कि उससे प्यार करने, बच्चे या बच्चों की देखभाल करने और बिना किसी पूर्वापेक्षा या शर्तों के समर्पण और भक्ति दिखाने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता रखती है।
My Mother Essay in Hindi – माताएँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वह एक रक्षक, एक मित्र और साथ ही एक अनुशासक की भूमिका निभाती है। एक माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली इंसान है जिसकी गर्मजोशी, त्याग और प्रेम की कोई सीमा नहीं है। मेरी माँ पर इस निबंध में, मैं अपनी माँ के बारे में बात करने जा रहा हूँ और उन कारणों के बारे में जो मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरी माँ पर लेख के अलावा, हमने मेरी माँ विषय पर भाषण तैयार करने में आपकी मदद करने के लिए निबंध को पैराग्राफ में तोड़ा है।
माई मदर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Mother Essay 10 lines in Hindi)
- 1) मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त और दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।
- 2) उसका नाम अंजलि है और वह हमारे लिए बहुत जिम्मेदार है।
- 3) वह घर पर रहती है और घर का काम संभालती है।
- 4) वह हर बार मेरी मदद करती है।
- 5) वह बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है।
- 6) वह मेरे स्कूल के होमवर्क को पूरा करने में मेरी मदद करती है।
- 7) वह हमारी बहुत परवाह करती है और हमसे बहुत प्यार करती है।
- 8) मेरी मां कहती हैं कि हमें सबका सम्मान करना चाहिए।
- 9) वह मुझे कभी पीटती नहीं है लेकिन कभी-कभी मुझे डांटती है।
- 10) मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ।
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मेरी माँ निबंध 100 शब्द (My mother Essay 100 words in Hindi)
मेरी माँ का नाम सुचिता मित्रा है। वह दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं। मेरी मां एक गृहिणी है। वह घर में सब कुछ संभालती है। उसका दिन हर सुबह जल्दी शुरू होता है। वह उठती है और हमारे लिए खाना बनाती है। फिर वह हमें स्कूल ले जाती है। फिर वह दोपहर के भोजन के लिए खाना बनाती है। वह एक मेहनती महिला हैं। उसने हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे बलिदान किए हैं। वह हमेशा हमारे साथ रहना पसंद करती है। वह हम में अपनी खुशी ढूंढती है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे लगता है कि वह इस दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी है।
मेरी माँ निबंध 150 शब्द (My mother Essay 150 words in Hindi)
मैंने अब तक जो सीखा है उसमें माँ सबसे उपयुक्त शब्द है। मेरे जीवन में मेरी मां मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह न केवल मेहनती हैं बल्कि अपने काम के प्रति भी काफी समर्पित हैं। वह सुबह जल्दी उठती हैं और सूरज उगने से पहले ही अपने दैनिक कार्य शुरू कर देती हैं।
मेरी माँ बहुत सुंदर और दयालु महिला हैं जो हमारे घर में सब कुछ संभालती हैं। मेरी माँ के लिए मेरे मन में विशेष सम्मान और प्रशंसा है क्योंकि वह मेरी पहली शिक्षिका हैं जो न केवल मेरी किताबों के अध्यायों को पढ़ाती हैं बल्कि मुझे जीवन का सही रास्ता भी दिखाती हैं। वह हमारे लिए खाना बनाती है, परिवार के प्रत्येक सदस्य की उचित देखभाल करती है, खरीदारी आदि के लिए जाती है।
मेरी माँ निबंध 200 शब्द (My mother Essay 200 words in Hindi)
My Mother Essay in Hindi – माँ वो होती है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मेरे जीवन में, मेरी माँ वह व्यक्ति है जो मेरे दिल पर सबसे ज्यादा कब्जा करती है। वह हमेशा मेरे जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मेरी मां एक खूबसूरत महिला हैं जो मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा ख्याल रखती हैं।
उनका बिजी शेड्यूल सूरज उगने से पहले ही शुरू हो जाता है। वह न केवल हमारे लिए खाना बनाती है बल्कि मेरे दैनिक कार्यों में भी मेरी मदद करती है। जब भी मुझे अपनी पढ़ाई में कोई कठिनाई आती है तो मेरी माँ शिक्षक की भूमिका निभाती है और मेरी समस्या का समाधान करती है, जब मैं ऊब जाता हूँ तो मेरी माँ एक दोस्त की भूमिका निभाती है और मेरे साथ खेलती है।
मेरी माँ हमारे परिवार में एक अलग भूमिका निभाती है। जब हमारे परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ता है और हमारी उचित देखभाल करता है, तो वह रातों की नींद हराम कर देती है। वह परिवार की भलाई के लिए मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बलिदान दे सकती है।
मेरी माँ स्वभाव से बहुत मेहनती हैं। वह सुबह से रात तक सारा दिन काम करती है। वह मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा मार्गदर्शन करती है। छोटी सी उम्र में मेरे लिए यह तय करना आसान नहीं था कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। लेकिन मुझे जीवन की सही राह दिखाने के लिए मेरी मां हमेशा मेरे साथ हैं।
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मेरी माँ निबंध 500 – 600 शब्द (My mother Essay 500 – 600 words in Hindi)
My Mother Essay in Hindi – इस दुनिया में हर मां अपने बच्चों के लिए वाकई कमाल की होती है। आज मैं अपनी माँ के बारे में कुछ साझा करने जा रहा हूँ। मुझे लगता है कि हर किसी को अपनी मां से प्यार और सम्मान करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही हमें जन्म दिया और हमें इस खूबसूरत दुनिया को देखने दें। हमें अच्छे तरीके से पालने के कारण उसने इतने सारे दर्द और समस्याओं को सहन किया है।
मेरी माँ : मेरी माँ का नाम सुनीता शर्मा है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वह सबसे मजबूत महिला है जिसे मैंने कभी देखा है। उसने जीवन में बहुत सी समस्याओं और बाधाओं का सामना किया है और सभी को बुद्धिमानी से हल किया है। वह एक गृहिणी है और चालीस साल की है।
वह वास्तव में मेहनती है और उसके मेहनती स्वभाव ने हमारे जीवन को वास्तव में बेहतर और आरामदायक बना दिया है। वह परिवार को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है। वह सुबह-सुबह परिवार की पहली रिसर है। खाना पकाने और कपड़े धोने सहित, वह लगभग हर घर का काम अकेले करती है।
उनके समर्पण और बलिदान के कारण, हम एक परिवार के रूप में वास्तव में खुश हैं। मेरे पिता को हाउसकीपिंग के लिए इतना दबाव लेने की जरूरत नहीं है। वह वह है जो लगभग सब कुछ संभालती है। वह हमें शादी, जन्मदिन पार्टियों जैसे सामाजिक कार्यों में ले जाती है।
वह एक मिलनसार चरित्र है। उसके बहुत सारे दोस्त हैं और वे अक्सर हमारे घर आते हैं। हम भी कभी-कभी उनके यहां जाते हैं। वह पड़ोसियों और हमारे रिश्तेदारों के साथ वास्तव में अच्छे संबंध रख रही है। उसके बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कभी शिकायत नहीं करती है।
My Mother Essay in Hindi उसे अपने जीवन के बारे में पछतावा और शिकायत नहीं है। वह हमारे साथ व्यस्त है, हमारे जीवन को बेहतर बना रही है। मुझे लगता है कि एक मां के अलावा कोई और आपके लिए इतना निस्वार्थ नहीं हो सकता। भगवान के ठीक बाद माँ सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, इसलिए मैं अपनी माँ का सबसे अधिक सम्मान और प्यार करता हूँ।
एक शिक्षक के रूप में माँ : माताएँ हमेशा सभी के जीवन की पहली शिक्षक होती हैं। मेरे जीवन में, वह पहली थी जिसने मुझे बोलना, चलना और अक्षर जानना सिखाया। मैं उन दिनों को याद नहीं कर सकता लेकिन महसूस कर सकता हूं कि वह एक अविश्वसनीय महिला है। उन्होंने मुझे मेरे जीवन की पहली कविता सिखाई। फिर भी, अब वह मेरे जीवन में एक अद्भुत शिक्षिका है। वह हमेशा मेरा होमवर्क करने में मेरी मदद करती है। और कभी-कभी वह मेरी परियोजनाओं में मेरी मदद करती है।
जीवन में माँ का महत्व : जब हम शिशु या छोटे बच्चे होते हैं तो हमारी माँ के अलावा हमारे जीवन में कुछ भी नहीं होता है। उस वक्त हमें मां की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वे एक उचित इंसान के रूप में विकसित होने के लिए हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें जीवन में हमारे पहले शिक्षक के रूप में पढ़ाते हैं। वे हमें चलना, बोलना, खाना और सब कुछ दिखाते हैं। आराम करने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है।
एक माँ के गुण : एक अच्छी माँ में बहुत सारे गुण होते हैं। मुझे लगता है कि हर मां एक अच्छी मां होती है। आइए देखें एक अच्छी मां के कुछ गुण।
निस्वार्थ – निस्वार्थता एक माँ का सबसे बड़ा गुण है। वे कभी अपने बारे में नहीं सोचते। वे अपने बच्चों के लिए कितना त्याग करते हैं।
कड़ी मेहनत – वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे परिवार के लिए बहुत मेहनत करते हैं। वे हमारे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं।
देखभाल – सभी माताएँ देखभाल कर रही हैं। वे हमारी और पूरे परिवार की देखभाल करना पसंद करते हैं। उन्होंने हमारे साथ एक बंधन स्थापित किया।
लविंग – वे हमसे बहुत प्यार करते हैं। मां के प्यार की तुलना कोई प्यार नहीं कर सकता।
निष्कर्ष : अंतत: वह वह व्यक्ति है जो मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। मैं उससे बहुत प्यार करता हूं और उसका सम्मान करता हूं। मैं अपने जीवन में हमेशा उसके साथ रहना चाहता हूं। वह वाकई अद्भुत है।
माई मदर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
माताएँ क्या प्रतीक हैं.
इसमें कोई रहस्य नहीं है कि एक माँ धैर्य, दया, क्षमा, ईमानदारी और एक विशेष बिना शर्त प्यार जैसी विशेषताओं का प्रतीक है जो किसी और के समानांतर नहीं है।
माताओं पर एक प्रसिद्ध उद्धरण का उल्लेख करें?
नेपोलियन का एक प्रसिद्ध उद्धरण था जब उन्होंने दावा किया था कि अच्छी माताएँ एक राष्ट्र को महान बनाती हैं।
विवेकानंद ने क्यों कहा कि समाज के विकास के लिए महिलाओं की शिक्षा जरूरी है?
स्वामी विवेकानंद उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने पहले के भारतीय समाज में महिला शिक्षा के महत्व को समझा था क्योंकि लिंग के बावजूद एक बच्चा हमेशा अपनी मां से प्रभावित होता है क्योंकि मां ही उनका पालन-पोषण करती है। इसलिए, किसी समाज को आसानी से शिक्षित और उन्नत बनाने के लिए, किसी को भी बालिकाओं की उचित शिक्षा से शुरुआत करनी होगी।
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मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi
Essay on Mother in Hindi : आज हम यहाँ मेरी माँ पर निबंध आपके लिए लिखा हैं. हर इंसान के जीवन में माँ का अहम योगदान होता हैं.
चाहकर भी माँ के ऋण की अदायगी एक जन्म में नहीं की जा सकती हैं. हमें इस दुनियां में लाने तथा संसार से परिचय माँ ही कराती हैं. अपनी माँ को समर्पित यह निबंध पढ़िये.
मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi
कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए यहाँ हम Essay on Mother in Hindi साझा कर रहे हैं. बच्चे इस निबंध की मदद से माँ पर कुछ अनुच्छेद निबंध इत्यादि लिख सकेगे. चलिए अब हम 100, 250, 500 or 1000 में निबंध जानते हैं.
10 Lines दस वाक्य
(1) मैं अपनी माँ को ईश्वर का उपहार मानता हूँ.
(2) मां ही वह जीवात्मा हैं जो हर समय अपनी सन्तान की फ़िक्र में रहती हैं.
(3) मेरी माँ हमेशा मेरा हाथ बंटाने का प्रयत्न करती हैं.
(4) वह दिन के तीनों वक्त परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं.
(5) मेरी मां मेरे घर के प्रत्येक सदस्य का ख्याल करती है तथा उन्हें सम्मान देती हैं.
(6) जीवन में क्या गलत हैं क्या सही इसकी परख माँ ही सिखलाती हैं.
(7) बिना शर्त मेरी माँ स्वयं खुश रहकर पूरे परिवार को खुश रखती हैं.
(8) हमारे घर आने वाले प्रत्येक मेहमान की खातिरदारी करती हैं.
(9) आज की माताएं नौकरी करके भी संतानों का पेट भरने के काबिल हैं.
(10) मेरी माताजी सह्रदय दयालु एवं धार्मिक विचारों की हैं वह मुशीबत में सबका साथ देती हैं.
100 words Essay On My Mother In English Language
mother is an important member of the family. my mother is a noble lady. her name is Mrs. Sudha she is a pious lady. she is b.a, b.e.d. she is a teacher. she is a religious lady. she says the prayer to god every day.
she cooks meals, washes clothes, and brings us up. she is active in her habits. he has a deep love for us. she is a kind lady. she believes in giving alms to the poor. she tells us stories from the Ramayana and Mahabharat.
we respect our mother. we feel her absence when she is out of the station. I am proud of my mother. may she live long?
मेरी माँ पर निबंध (100 शब्द)
मां परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी मां एक महान महिला है। उसका नाम श्रीमती सुधा है वह पवित्र दिल की महिला है। मेरी माँ बी.ए., बी.ई., विद्यालय शिक्षक है। वह एक धार्मिक महिला है। वह हर दिन भगवान से प्रार्थना करती है।
वह भोजन बनाती है, कपड़े धोती है और हमें जगाती है। वह अपने कामकाज में हर वक्त व्यस्त रहती है। उनके दिल में सभी सदस्यों के लिए गहरा प्यार है। वह एक दयालु महिला है। वह गरीबों को दान देने में विश्वास करती है। वह हमें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाती है।
हम अपनी मां का सम्मान करते हैं। जब वह कभी घर से बाहर होती है तो हम उसकी अनुपस्थिति महसूस करते हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। भगवान उनका आसरा सदा हम पर बनाए रखे.
Short Essay on Mother in Hindi 150 words
मेरी प्यारी माँ ‘मेरे जीवन का सबसे अहम है। वह हमारे लिए सब कुछ करती है। वह बहुत ही दयालु एवं ध्यान रखने वाली हैं. मेरी मां एक गृहिणी है वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं सबसे ज्यादा सम्मान और प्यार करता हूं।
दिनभर काम में व्यस्त रहने के उपरान्त भी वह मेरे लिए वक्त निकाल कर पढ़ाई में मेरी मदद करती हैं वे हमारे साथ खेलती हैं वह संघर्षशील महिला हैं तथा मैंने अपनी माँ को कभी धैर्य खोते हुए नहीं देखा हैं. वह स्वयं पर भरोसा कर मुसीबत से लड़ने में विश्वास करती हैं.
माँ की दी यह सीख मुझे जीवन में बहुत काम आती हैं वाकई में परेशानी आने पर हथियार डाल देने की बजाय उससे लड़कर पार पाने में संतुष्टि मिलती हैं वह किसी और में नहीं हैं. हमें अपनी माँ को प्यार करना चाहिए तथा वृद्धावस्था में अपने माता पिता का ध्यान रखना एक सन्तान का दायित्व हैं.
Best Essay on Mother in Hindi 250 words
मुझे अच्छी तरह याद हैं, जब मैं अपनी माँ का हाथ पकड़कर उन्हें वैष्णो देवी की चढ़ाई पर ले गया था. तब मेरी उम्रः मात्र छः वर्ष की थी. मुझे वो दिन भी याद हैं, जब मेरे पिताजी मुझे अपने कंधे पर बिठाकर मेला दिखाने ले गये थे और मैंने झुला झुलाया था. तथा गुब्बारा भी दिलाया था.
मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं, जब मैं बीमार पड़ जाता तो माँ पिताजी दोनों रात रात जागते थे. तेज बुखार होने पर माँ मेरे माथे पर पानी में भिगोकर पट्टी बांधते थे तो माँ अपने पल्लू से मेरे हाथ व पैर के पजों को झाडती रहती थी ताकि मेरा बुखार जल्दी से उतर जाए.
मेरे ह्रदय में मेरे माता पिता के प्रति असीम आदर हैं. मैं नित्य सुबह उठकर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करता हूँ. फिर वे मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं सोचता हूँ कि मेरे माता पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे.
ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और लाड दुलार मिलता रहे. मेरे मम्मी पापा मेरे लिए सब कुछ त्याग करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और मैं भी उनकी हरेक इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ. मेरे आदरणीय माता पिता दुनियां के सबसे अच्छे माता पिता हैं.
Meri Maa Par Nibandh 500 Word
वैसे तो लोग कहते हैं कि नारी अबला होती है परंतु मेरी नजर में नारी अबला नहीं बल्कि बहुत ही शक्तिशाली होती है क्योंकि जो लोग नारी को अबला और कमजोर समझते हैं वह लोग नारी से ही पैदा होते हैं। नारी एक ऐसी शक्ति होती है जो एक नए जीव को इस धरती पर पैदा करती है।नारी को हम बहन, मां,पत्नी के रूप में जानते हैं।
मेरी मां भी एक नारी है, स्त्री है जो कमजोर नहीं है। हम अपनी मां को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं मान सकते क्योंकि एक मां अपने बच्चे पर संकट आने पर भगवान से भी लड़ सकती है।
मेरी मां का नाम सुनीता देवी है जो बहुत ही प्यारी है।जब हम आराम से सुबह सोते होते हैं,तो मेरी मां सबसे पहले हमारे घर में उठ जाती है और घर में सबसे पहले उठने के बाद वह पूरे घर की साफ सफाई करती है।
उसके बाद स्नान करती है और फिर भगवान की पूजा करती है और जब हम स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने में हमारी सहायता करती है और स्कूल ले जाने के लिए हमें टिफीन भी बना कर देती है।
मेरी मां मेरे पिताजी के अलावा मेरे दादा दादी की भी पूरी देखभाल करती है और उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखती है। मेरी दादी कहती है कि मेरी मां उनकी सबसे पसंदीदा बहू है। मैं खुद भी अपनी मां की सारी बातें मानता हूं और वह भी मेरी सारी बातें मानती है।
अच्छी पढ़ी-लिखी होने के कारण मेरी मां घर का काम निपटाने के बाद नौकरी करने के लिए भी जाती है और वह घर के काम और ऑफिस के काम में अच्छा सामंजस्य बैठाकर चलती है।
मेरी मां का स्वभाव बहुत ही मिलनसार और हंसमुख है, इसीलिए हर कोई उनकी तरफ स्वाभाविक तौर पर अट्रैक्ट होने लगता है।
मेरी मां अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती है,इसीलिए ऑफिस में हर कोई उनकी तारीफ करता है। मेरी मां सिर्फ मेरी मां ही नहीं बल्कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।
अगर मुझसे किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो मेरी मां मुझे मारती नहीं है बल्कि मुझे प्यार से समझाती है।
जब मैं कभी दुखी हो जाता हूं तो बिना कुछ कहे ही मेरी मां को मेरे दुख के बारे में पता चल जाता है क्योंकि मां आखिर मां होती है और मां से ज्यादा अपनी संतान का दुख और कौन समझ सकता है।
जब मेरी मां मुझे प्यार से समझाती है,तब मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं और फिर से मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
मेरी मां हमेशा मुझे और सभी बच्चों को अच्छी अच्छी बातें बताती हैं और वह कभी भी किसी बच्चे के बारे में कोई भी बुरी बात ना तो कहती हैं ना हीं सुनती है।
मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श व्यक्ति है। वह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,साथ ही जिंदगी में कभी भी किसी के साथ छल कपट ना करने के लिए भी कहती है और हमेशा हमें सही रास्ते पर चलने के लिए कहती हैं।
मैं अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं भगवान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतनी अच्छी मा दी।
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मेरी माँ पर निबंध
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माँ सभी परिवार की एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी माँ का नाम श्रीमती किरन राजपूत है। उनकी उम्र 47 साल है। वह एक पढ़ी-लिखी और आदर्श महिला हैं। मेरे पिता एक क्लर्क हैं और मेरी माँ एक गृहिणी हैं। मेरा एक छोटा भाई है। हम दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते है। में आठवीं कक्षा में पढ़ती हूँ और मेरा भाई सातवीं कक्षा में पढता है। मेरा प्रिय विषय विज्ञान है। मुझे विज्ञान बहुत पसंद है। मैं एक औसत छात्र हूं। मेरा शौक कहानियां किताबे पढ़ना और विज्ञान के अविष्कारों के बारे में खोज करना है। मैं पढाई के साथ-साथ घर के कामों में भी माँ की मदत करती हूँ। में अपनी माँ से खाना बनाना भी सिख रही हूँ। ताकि जब भी मेरी माँ किसी काम से घर के बाहर जाए तो में अपने पापा और भाई का देखभाल कर सकू।
मेरी कई सहेलियां हैं जैसे पूनम, आरती, शीतल, ज्योति, और भी कई। लेकिन मेरी सबसे अच्छी सहेली ज्योति है। वह मेरे घर के पास ही रहती है। और हम रोज स्कूल से आते वक़्त हमेशा साथ में ही आते है। में और ज्योति परीक्षा की तैयारी भी साथ में ही करते है। मैं अपने बड़ों का सम्मान करती हूं, और अपने छोटे भाई की पढ़ाई में मदद करती हूं। मैं अपने सभी सहेली से प्यार करती हूँ और सभी के साथ अच्छा व्यवहार करती हूँ। मैं ऐसे अच्छे माता-पिता, प्यारे भाई, और मददगार दोस्तों को देने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं। मेरी माँ, हम सभी की देखभाल करती है। माँ हमेशा हम सभी को बहुत प्यार करती है। मेरी मां बहुत मेहनत करती हैं। वे घर के काम के साथ-साथ बाहर का भी काम करती है जैसे सब्जी लाना, घर के सामान लाना,आदि। वह सुबह हम सबसे जल्दी उठती है। स्नान कर, भगवान से प्रार्थना करती है और स्कूल के लिए हमारा टिफिन बॉक्स तैयार करती है। हमारे साथ साथ पिताजी के लिए टिफ़िन तैयार करती है। वह रात में हमें अच्छी-अच्छी कहानियां भी सुनाती है।
मेरी माँ एक दयालु महिला हैं और उन सभी की मदद करती हैं जो मुसीबत में हो। वह बड़ों का सम्मान करती है और सभी के साथ अच्छे व्यव्हार के साथ रहती है। हम अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं। जब वह घर में नहीं होती है तो हमें बहुत दुख होता है और हमे उनकी याद आती रहती है। हमे अपनी मां पर गर्व है। वह एक आदर्श मां हैं। हम हमेशा भगवान् से प्राथना करते है की, वे हमारी माँ को लम्बी आयु दे और हमेशा उनको खुश रखे।
मेरे माता-पिता सभी से अच्छे व्यव्हार करते है। मेरे माता-पिता बहुत दयालु हैं। वे जरूरतमंद और गरीबों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं। में भी बड़ी होकर अपने माता-पिता की तरह जरुरतमंदो की मदत करुँगी। वे बहुत धार्मिक हैं हर रविवार, वे सुबह मंदिर जाते है पूजा करने। मंदिर हमारे घर के पास ही है। हम हर शाम सैर के लिए जाते हैं। मुझे ऐसे अच्छे माता-पिता और बहन मिलने पर गर्व है। वे सभी मुझे बहुत प्यार करते हैं।
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मेरी माँ पर निबंध और उनका मेरे जीवन में महत्व
शीर्षक: मेरी माँ पर निबंध – Importance of Mother in Hindi
“माँ” एक ऐसा शब्द है जिसे दुनिया का हर बच्चा अपने मुंह से इस दुनिया में आने के बाद सबसे पहले लेता है।
पिता जी और माता जी इस दुनिया में भगवान के वो रूप हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमें पालते है, पढ़ाते लिखाते है, स्कूल कॉलेज भेजते है और हमेशा भगवान से यही मांगते हैं की हमारा बच्चे पर कोई आंच न आये और उसे हर कामयाबी मिले।
इसे भी पढ़े: मेरी प्यारी माँ पर कविताएं
माँ हमारे लिए इतना कुछ करती है, इसलिए आज मैंने अपनी माँ के लिए एक सुंदर सा माँ पर निबंध लिखा है जो इस प्रकार हैं:-
माँ पर निबंध हिंदी में – Essay on Mother in Hindi 200 Words
यहां मैंने Essay on My Mother in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए लिखा हैं।
माँ के बिना जीवन की उम्मीद नहीं की जा सकती अगर माँ न होती तो हमारा अस्तित्व ही न होता| इस दुनिया में माँ दुनिया का सबसे आसान शब्द है मगर इस नाम में भगवान खुद वास करते है.
जब नवजात शिशु इस दुनिया में आता है तो सबसे ज्यादा खुसी नवजात की माँ को होती है जैसे मानो की दुनिया की सबसे कीमती चीज उन्हें मिल गयी हो.
माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है| मनुष्य में ही नहीं हर प्रकार के जीव जंतु में यही होता है| अगर बच्चे पे आंच आने वाली होती है तो माँ सबसे पहले आगे आ जाती है.
माँ अपने बच्चो के भविष्य के लिए सबसे ज्यादा चिंतित होती है और माँ से ज्यादा कोई बच्चे को प्यार नहीं करता है.
माँ अपने बच्चे से ज्यादा प्यार तो करती है मगर जब पता चलता है की बच्चा गलत रास्ते पर चल रहा है तो माँ एक गुरु की तरह उसे अपने पास बुला कर समझाती है और जरूरत पड़ने पर उसे दो हाथ भी लगा देती है.
माँ से बढ़ कर इस दुनिया में कोई नहीं होता है और यदि माँ न हो तो ये दुनिया सुखा रेगिस्तान के बराबर है। माँ को कभी ठेस नहीं पहुंचानी चाहिये.
माँ ही ऐसी होती है जो बच्चे की हर स्तिथि में बच्चे के साथ रहती है और उसका साथ देती है राह दिखाती है.
( Maa Shayari | Maa Quotes in Hindi )
10 Lines on Mother in English
Mother Day Essay in Hindi For School Students 250 Words
“माँ” ये शब्द बड़ा अनमोल है। माँ शब्द ही नहीं बल्कि हमारे जीने का आधार है। बिना माँ के जीवन जीना बहुत मुश्किल है। जब सुबह सुबह आपकी आवाज न सुन लूँ तब तक ऐसा लगता है की सुबह हुई ही नही है या फिर लगता है की आज रविवार है।
माँ और भगवान में कौन बड़ा है ये सोच कर बड़ी असंजस में पड जाता हूँ, किसी के भी जीवन में एक माँ, सर्वश्रेष्ठ और सबसे महत्त्वपूर्ण होती है क्योंकि कोई भी उनके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता। माँ हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में साथ रहती है.
माँ के लिए उनके बच्चे बहुत किमती होते है। अपने जीवन में दूसरों से ज्यादा वो हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है। अपने जीवन मे वो हमें पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की रौशनी जला देती है.
जिस दिन हम पैदा होते है वो माँ ही होती है जो सच में बहुत खुश हो जाती है। वो हमारे हर सुख-दुख में हमारा साथ देती हैं और कोशिश करती है कि हमारी सारी परेशानियाँ हल कर दें.
मुझे आज तक पता नहीं चल पाया है की जो मेरे मन में चल रहा होता है वो मेरी माँ को कैसे पता चल जाता है, माँ और बच्चों का रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता है। कोई भी माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश में कमी नहीं लाती हैं.
“माँ” लोग कहते है की भगवान दिखाई नहीं देता लेकिन मैं कहता हूँ की आप ही मेरे भगवान हैं, माँ मैं आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी को आपके चरणों में ला दूंगा बस आप हमेशा मेरे साथ रहना मुझे कहीं छोड़ कर मत जाना।
- मेरी प्यारी माँ पर कुछ प्रसिद्ध कविता
- मेरी माँ पर दस वाक्य
Short Essay on Mother Day in Hindi 300 Words
“माँ” शब्द सिर्फ कहने में एक अक्षर का हो सकता है लेकिन कैसे बताऊँ मैं इस एक अक्षर के शब्द में कुटुंब समाया हुआ है। लोगों के जीवन में सबसे अहम किरदार सिर्फ माँ का ही होता है। किसी भी व्यक्ति के इस संसार में आने पर सबसे पहले एक ही शब्द निकलता है “माँ” ।
दुनिया की सबसे बड़ी गुरु माँ होती है, सही गलत का अर्थ माँ बचपन से ही बताती है, माँ ही होती है जो सबसे ज्यादा प्यार करती है, माँ भगवान का दूसरा रूप होती है, माँ का कहना जो मान लेता है वो सच में कामयाब हो जाता है।
जीवन में चाहे कितनी भी तरक्की पा लो, पैसा कमा लो, लेकिन सच मायने में केवल यही कहूँगा की यदि “माँ” खुश नहीं तो कितना भी पैसा कमा लो सब रद्दी है।
माँ-पिता का होना जीवन का सबसे अहम भाग होता है। हर किसी के माँ-पिता नहीं होते। लेकिन जिसके होते है वो सच में किसमत वाला होता है। एक दोस्त, एक बहन, एक भाई, एक गुरु, और कभी कभी एक पिता का अभिनय निभाती है जो उसे “माँ” कहते है।
जब जेब खाली होती है तब पिता से लड़ कर हमें पैसे देती है, हमारे मन की चीजें पहले ही जान लेती है वो होती है “माँ”।
कहने को इतने शब्द हैं मगर सिर्फ इतना ही कहूँगा की “माँ” चाहे कुछ भी हो जाए मुझे मत छोड़ना, मैं तुम्हारे बिना अकेला नही जी सकता इस दुनिया में।
“माँ” कुछ नही है मेरे पास फिर भी बहुत कुछ हैं मेरे पास जब तक तुम मेरे साथ हो। इस दुनिया से तो क्या भगवान से भी लड़ जाऊंगा मैं तुम्हारे लिए….।
“माँ” का रिश्ता केवल माँ ही निभा सकती है। माँ वो हैं जो खुद साधारण साड़ी पहनती है लेकिन अपने बच्चों को नए कपड़े दिलाती है। माँ वो होती है जो हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है। माँ के बिना जीवन अधूरा है। माँ के लिए कुछ अगर कह सकूँगा तो किस्मत वाला मानूँगा अपने आप को।
10 Lines on Mother in Hindi
Some lines on mother in hindi.
बुरे समय में जब सब साथ छोड़ देते है तब भी माँ का आशीर्वाद साथ होता है।
खुद गीले में सोकर अपने बच्चों को सूखे में सुलाती है।
थोड़ी सी तबीयत खराब होने पर पूरा घर सिर पर उठा लेती है मेरे “माँ”
माँ का प्यार किस्मत वालों को मिलता है।
खुशियों का भंडार होती है “माँ”
Essay On Mothers Day In hindi | माँ पर निबंध हिन्दी में
“माँ” जिन्हे हम जननी भी कह कर बुलाते है। माँ शब्द हर किसी के मुख पर होता है और माँ शब्द दुनिया का सबसे अनमोल शब्द है। इस दुनिया में भगवान का रूप ही होती है हमारी माँ। हम सभी के दिलों में अपनी माँ के लिए असीमित प्रेम होता है।
मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे और उनकी माता के लिए अहम दिवस होता है। माँ पर दुनिया में सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है। एक माँ के लिए उनके बच्चों की मुस्कान ही सबसे ज्यादा कीमती होती है।
माँ हमेशा अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए पूजा पाठ करती है। ऐसे में मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे के और उनकी माताओं के लिए बहुत ही खास होता है और इस दिन लोग अपनी माँ के लिए कुछ अच्छा करना चाहते है इसलिए मदर्स डे के लिए कुछ पंक्तियों को निबंध के रूप में लिखा गया है छोटे बड़े सभी मदर्स डे पर निबंध को अपने प्रयोग में ला सकते है।
मातृ दिवस पर छोटे और बड़े निबंध
जीवन में माँ का होना अत्यंत आवश्यक है जिस तरह एक मछ्ली के लिए पानी का होना बहुत जरूरी है उसी तरह एक माँ के लिए उनके बच्चे और बच्चों के लिए उनकी माँ अत्यंत प्रिय है। माँ न होती तो इस संसार की कल्पना करना सच में बहुत ही मुश्किल हो जाता। जीवन के सफर में माँ ही चलना सिखाती है।
माँ ही वो शख्स है जो अपने बच्चों को शुरू से अच्छे संस्कार देती है और माँ बिना स्वार्थ के हमेशा अपने बच्चों के भविष्य के प्रति चिंतित रहती हैं। सच में अगर माँ नहीं होती तो इस संसार में किसी को भी जन्म नही मिलता।
माँ-पिता उस आसमान की तरह होते है जो कभी कभी अपने बच्चों के लिए बरसते है और जरूरत पढ़ने पर धूप की तरह आंखे भी खोल देते है लेकिन आसमान की तरह कभी भी अपना साथ नहीं छोड़ते हैं।
माँ आसमान की तरह हर वक्त हमारे साथ रहती हैं, माँ हमेशा से अपने बच्चों की देखभाल पालन पोषण से लेकर उनकी कामयाबी तक अपना योगदान देती है, माँ अपने बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी खोज लेती है पता नहीं कैसे॥
माँ के इस प्रेम को हम सभी लोगों को धन्यवाद देना है। अब हमारा भी फर्ज बनता है कि हम भी अपनी माँ के सेवा करें और उनका ख्याल रखें।
Must Read: मातृ दिवस कविता: 2020 Mother’s Day Poems in Hindi
मेरी माँ पर निबंध हिंदी में – Best Speech on Mother in Hindi Language 600 Words
माँ शब्द हम सब के जीवन का पहला वो शब्द होता है जिसे हम हर दुःख दर्द में सबसे पहले लेते है| भगवान का नाम भी इंसान दुःख दर्द में भूल जाता है मगर माँ का नाम लेना कभी नहीं भूलता.
“माँ और बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता, पूत कपूत सुने है पर न सुनी कुमाता” ये वाक्य ही हमें माँ के बारे में बता देता है.
माँ हमारे जीवन का वो हिस्सा होती है जिसके बिना जीवन जीना बहुत मुश्किल हो जाता है, बेटे का प्यार माँ के लिए कम हो सकता है लेकिन माँ का प्यार अपने बच्चो के लिए कभी कम नहीं होता चाहे रात को माँ भूखी सो जाएँ मगर अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं सुलाती ऐसी होती है माँ .
माँ अपने बच्चो से बहुत प्यार करती है चाहे खुद फटे पुराने कपडे पहन ले मगर अपने बच्चों के लिए नए कपडे खरीद कर देती है, खुद गिली जगह सो कर बच्चों को सूखे में सुलाती है माँ, माँ के बारे में कहना बहुत ही गर्व की बात है बड़े ही किस्मत वाले होते है जिनकी माँ होती है.
माँ हमेशा अपने बच्चो के साथ रहना चाहती है जब बच्चा स्कूल से आ जाता है तो माँ उसको खाना देती है उससे पूछती है की आज स्कूल में क्या क्या हुआ और खाना पूरा खाया की नहीं, और यदि आपको न पता हो तो मैं बता दूँ की एक माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर सकती है जैसे की मेमने (बकरी का बच्चा) के लिए उसकी माँ शेर से भी लड़ने की हिम्मत रखती है, और अपने बच्चे की रक्षा करती है.
माँ अगर बच्चे से नाराज हो जाये तो ज्यादा देर तक बिना बोले नहीं रह पाती हैं| माँ अपने बच्चो की खुशी के लिए निर्जल उपवास रखती है और बिना खाए पानी पिए पूरा दिन रह लेती हैं| पता नहीं चलता की भगवान ही माँ हैं या फिर माँ के रूप में भगवान आते हैं इस दुनिया में, हमारी रक्षा के लिए.
माँ मुझे नहीं पता की मैं आज क्या हूँ और कल क्या बनूँगा मगर में भगवान से हमेशा ही आपके लिए आपकी लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करूँगा|
तुमने मुझे जन्म दिया है खुद की जान खतरे में डाल के हमें इस दुनिया में लाया है, मै कभी आपका कर्ज नहीं चुका पाऊँगा, मैं कभी आपकी आँखों में आंसू नहीं आने दूंगा, माँ कोई भी दुःख दर्द हो तो मुझे बताओ, माँ में आपके लिए यमराज से भी लड़ जाऊंगा.
आपके बिना कोई भी नहीं है मेरा साथी, आप हैं तो दुनिया की सारी ताकत मेरे हाथों मैं है| मैं कभी गरीब नहीं हो सकता जब तक आप मेरे साथ हो|
“माँ” मुझे अँधेरे से डर लगता है, मगर जब आप साथ होती हो तो मैं हमेशा बिना डरे सो जाता हूँ| “माँ”, माँ मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी आपके चरणों में रखता हूँ.
धन्यवाद माँ मुझे इस दुनिया में लाने के लिए मैं कसम खाता हूँ… की आपकी आँखों में कोई आंसू नहीं आने दूंगा.
वो बहुत अमिर होते है जिनकी माँ होती है| बिना माँ के ये दुनिया उजड़ी उजड़ी सी लगती है| मैं कभी कभी सोचता हूँ की माँ अगर तुम न होती तो मेरा क्या होता इस जालिम दुनिया में मुझे कोन लाड प्यार करता, मुझे कोन खाने के लिए बार-बार पूछता…
जब कोई मुझे पिटता तो कोन मेरे लिए उनसे लड़ने जाता और मुझे अपनी गोद में रख कर लाड दुलार करता….. i love you so much maa….
लेखक: Shanu Gupta (शानू गुप्ता)
माँ पर निबंध का यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो कृपया करके जितना हो सके माँ के इस लेख को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प इत्यादि पर शेयर जरुर करें और कमेंट के माध्यम से कुछ शब्द अपनी माँ के लिए लिखे| धन्यवाद ..!
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– Mother Essay in Hindi
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10 Comments
Sir yah apka post bahut hi achha laga. Maa pr Nibandh aapne achha likaha hain sach me Maa to Maa Hoti hain. Sir is post ke liye bahut – bahut dhnyabad.
Thank God bless you ?❤️??
sir its so nice eassy for mom
Mom is best to all world
Mom is the medicine for me
आप हमेशा ही बहुत अच्छी जानकारी शेयर करते है यह जानकारी मेरे लिए बहुत ही फायदेमंद है इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार है
Sir i am a content writer now I am looking for new work if u have any work for me in content writing I am interested in that Waiting for ur reply
yes can you please email me regarding this
निबंध पढ़ने के बाद मुझे मां पर कुछ पंक्तियां याद आ गई, तो सुनिए : “माँ वह है जो हमारे सुख-दुःख की साथी होती है और हमेशा हमें पूरी दुनियां में सबसे अधिक प्यार करती है” 🥺. भाई आपके निबंध ने दिल छू लिया यार ♥️.
Regards, Jyotish
best ever this is a lot of thanks for this om
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मेरी माँ पर निबंध
मेरी माँ पर छोटे तथा बड़े निबंध Short and Long Essay on My Mother in Hindi:-
#1. 550-600 शब्दों में : माँ पर निबंध, मेर प्यारी माँ पर निबंध
माँ एक ऐसा शब्द जिसके उच्चारण के साथ ही अंतर्मन में ऐसी भावना जाग्रत होती है जो करुणा, कोमलता और दया की भावना से ओत-प्रोत होती है, यही वो शब्द है जो हर शिशु जन्म लेने के पश्चात सर्वप्रथम बोलता है, माँ शब्द को परिभाषित करना अपने आप में एक बहुत जटिल कार्य है जिसकाएक छोटा सा प्रयास मैंने किया है|एक नारी के गर्भ से जीवन का सृजन होता है जिसकी वजह से वह जननी कहलाती है|
इतिहास के पन्ने पलटे तो हम ऐसे बहुत से विद्वान एवं विचारक पाते हैं जिनको प्रसिद्धि उनकी मां की वजह से ही प्राप्त हुई थी जिनमें एक सुप्रसिद्ध नाम वीर शिवाजी महाराज का है जिन्होंने अपनी वीरता एवं साहस से मुगलों के दांत खट्टे कर दिए यह सब संभव हो पाया उनकी माता जीजाबाई की वजह से, वह विलक्षण प्रतिभा की धनी स्त्री थी शिवाजी के बाल्यकाल से ही उन्हें भगवान राम, कृष्ण और भीम इत्यादि की कहानियां सुनाया करती थी और उन्हें यह बताती थी कि किस प्रकार इन लोगों ने बुराई का विरोध किया एवं उस पर विजय प्राप्त की|
माता ही परिवार में शिशु की पहली गुरु होती है और उसके द्वारा दी गई शिक्षा शिशु के मानस पटल पर जीवन पर्यंत एक अमिट छाप बनकर रहती है, दुनिया में हर रिश्ता आपको दोबारा मिल सकता है परंतु मां का नहीं मां परिवार की गाड़ी का वह पहिया है कि यदि वह गाड़ी से अलग हो गया तो गाड़ी का दुर्घटनाग्रस्त होना निश्चित है|
मां पूरे दिन यही प्रयत्न करती है कि अपने बच्चों की आवश्यकताओं को कैसे पूरा किया जाए और बदले में कुछ नहीं चाहती, अपने बच्चों की खुशी के लिए मां अपनी खुशियों की तिलांजलि दे देती है हर रिश्ते में स्वार्थ कहीं ना कहीं जुड़ा होता है परंतु मां का प्यार तो पूर्णता निस्वार्थ होता है भारत में जितने भी महान विचारक, विद्वान, महापुरुष हुए हैं यदि हम उनकी जीवनी पड़े तो हमें यह ज्ञात होगा कि उनके चारित्रिक निर्माण में उनकी माताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है फिर चाहे वह एपीजे अब्दुल कलाम,स्वामी विवेकानंद, वीर शिवाजी या फिर गांधीजी ही क्यों ना हो|
मां जिस प्रकार अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है वैसा और कोई नहीं कर सकता वह रात- रात भर सोती नहीं है स्वयं गीले में सो जाएगी परंतु अपने बच्चे को सूखे में ही सुलाएगी,
कहते हैं प्रसव के समय एक महिला को इतना दर्द होता है जितना 600 हड्डियों को यदि एक साथ तोड़ा जाए पर वह सहती है क्योंकि वह मां होती है, मनुष्य एक बार जन्म लेता है परंतु मां का जन्म दो बार होता है दूसरी बार तब जब वह किसी और को जन्म देती है|
वर्तमान समय में आज जब मुझे समाचारों एवं टीवी के माध्यम से यह ज्ञात होता है कि किस प्रकार लोग अपनी मां को सड़कों व अनाथालयो में छोड़ जाते हैं तो बहुत दुख होता है, वह मूर्ख लोग इतना नहीं समझ पाते हैं कि जिसने उन्हें जन्म दिया जब वह उनकी देखभाल नहीं कर पाए तो और रिश्तो को क्या निभाएंगे एक पुरानी कहावत है जैसा बोओगे वैसा काटोगे यदि हर पुत्र पुत्री इस बात को समझ ले तो शायद फिर कोई देवी स्वरूपा मां सड़कों या अनाथालयो पर नहीं पाई जाएगी,जीवन के आरंभ होने से लेकर हमें बड़ा करने तक मां हमारा पालन-पोषण करती है तो क्या हम उसके बचे हुए जीवन में उसका पालन पोषण नहीं कर सकते यह करना हमारा कर्तव्य है, आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि मृत्यु के बहुत रास्ते हैं पर जन्म के लिए सिर्फ मां है अतः मेरा यह विनम्र निवेदन है कि जो भी मेरा यह लेख पड़े वह लेख पढ़ने के पश्चात सीधा अपनी मां के पास जाएं और उनके चरण छूकर यहां संकल्प ले कि वह जीवन पर्यंत अपने मां की देखभाल जरूर करेगा|
– जागृति अस्थाना- लेखक
#2. 800-900 शब्दों में: मेरी माँ पर निबंध-मेरी आदर्श माँ पर निबंध – My mother-essay-in-hindi
प्रस्तावना : ईश्वर की सबसे खूबसूरत रचना है माँ। माँ जो अपने बच्चो को सबसे ज़्यादा प्यार करती है। उनकी ख़ुशी के लिए वह अपना सब कुछ न्यौछावर कर सकती है। माँ सुबह उठकर परिवार के लिए भोजन बनाती है। परिवार के सभी सदस्यों के ज़रूरतों का ध्यान रखती है। मेरी माँ सबसे सुन्दर और प्यारी है। माँ से अधिक प्यार हमे जीवन में कोई कर ही नहीं सकता है। वह हमें बचपन से ही पाल पोस कर बड़ा करती है। माँ मेरे खुशियों के लिए सब कुछ त्याग कर देती है। वह पिताजी के लिए समय पर टिफ़िन बनाती है और उनके ज़रूरतों का ख्याल रखती है। अपनी इच्छाओ और सपनो को भूलकर वह हमेशा अपने बच्चो और परिवार के लिए सोचती है।
मेरे लिए माँ ही मेरी भगवान् है। जब ही कोई समस्या होती है , मैं माँ से जाकर अपना मन हल्का कर लेती हूँ। इस दुनिया में मुझे माँ से बेहतर कोई नहीं समझता है । मेरे बिन बोले ही मेरी माँ मेरे मन की बात जान लेती है। मेरे आने से पहले ही वह मेरे आहट को पहचान लेती है।
जब ही मुझे परेशानी होती है , तो माँ उसे सुलझाने के लिए मुझे सलाह देती है। माँ घर के साथ साथ दफ्तर भी जाती है। जितनी भी थकान हो या कमज़ोरी हो , माँ सबका ध्यान रखती है। इसलिए मैं उनका हमेशा ध्यान रखती हूँ। घर और दफ्तर को मेरी माँ बखूभी संभालती है। माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। अगर मुझसे कोई गलती हो जाए तो मुझे माँ प्यार से समझाती है। जिसके जीवन में माँ होती है, उनके जीवन में हमेशा आशीर्वाद और प्यार बना रहता है। माँ मेरे जीवन की प्रेरक स्रोत है। मेरी माँ हमेशा मुझे खुश रखने की हमेशा प्रयत्न करती है। माँ हमेशा सुबह उठती है और सबके उठने से पहले सब कुछ तैयार कर लेती है। वह हमेशा मेरी चिंता करती है। जब तक मैं घर नहीं आती उनकी नज़रें घर के दरवाज़ें पर रहती है।
माँ त्याग और ममता की मूरत है । जब तक हम भोजन नहीं करते तब तक वह भोजन नहीं करती है। माँ के जितना परवाह इस जीवन में कोई नहीं कर सकता है। माँ हमारी सच्ची मार्ग दर्शक है। जब भी हम ज़िन्दगी में भटक जाते है , माँ हमें सही मार्ग दिखाती है। माँ अपने बच्चो को अच्छे संस्कार देती है और अच्छी शिक्षा देती है ताकि वह जिंदगी में एक अच्छे और कामयाब इंसान बन सके।
माँ जितनी दयालु इस संसार में कोई भी नहीं है। माँ को ऐशो आराम और दौलत कुछ नहीं चाहिए । उन्हें सिर्फ अपने बच्चो की खुशियां चाहिए। एक माँ के लिए उनके बच्चो से बढ़कर और कुछ नहीं होता है। जितना माँ अपने बच्चो के लिए त्याग कर सकती है शायद ही कोई कर सकता हो।
माँ हमेशा अपने बच्चो को सच बोलना सीखाती है। वह ईमानदारी और परिश्रम करके जीवनयापन करने की सीख देती है। जैसे ही हम जीवन के तकलीफो का सामना करते है , माँ के आँचल में आते ही सारे गम भूल जाते है। उनकी प्यार और ममता भरी थपकी हमे सुकून दिलाती है। जब ही मैं बीमार पड़ती हूँ , माँ हमेशा मेरी देखभाल करती है। ऐसा वह तब तक करती है , जब तक मैं ठीक ना हो जाऊं।
माँ अगर कभी हमसे नाराज़ भी हो जाए , तो ज़्यादा समय तक रूठी नहीं रहती है। वह अपने बच्चो और परिवार के भविष्य के लिए हमेशा भगवान् से प्रार्थना करती है।वह हमें कहती नहीं है कि उनकी तबियत खराब है या वह थक गयी है। मगर मैं माँ के आँखों को देखकर समझ जाती हूँ। माँ के कामो में जितना हो सके मैं सहायता करती हूँ। हम जिंदगी में कितने ही बड़े क्यों ना हो जाए , अपने माँ के लिए सिर्फ बच्चे ही रहेंगे ।
उनकी सलाह हमेशा मेरे लिए सही होती है। माँ हमारी सबसे पहले गुरु होती है। वह हमारे हाथों को पकड़कर लिखना सीखाती है। वह हमेशा ध्यान रखती है कि हम ठीक से पढ़ाई कर रहे है या नहीं। जीवन में हम कभी भी निराश हो गए तो हमारे लिए उम्मीद की किरण बनती है।
चाहे हम जिन्दगी में कितने ही ऊँचे मुकाम तक पहुँच जाए , माँ के लिए हमेशा उनके बच्चे होते है। माँ हमेशा हमारी परवाह करती है। जब तक हम चैन की नींद नहीं सोते , वह भी नहीं सोती है। माँ बहुत ही मज़बूत होती है। वह सभी मुश्किल हालातों से लड़कर हमे अच्छी जिन्दगी देने की कोशिश करती है। जीवन में सारे कष्ट सहती है ताकि हम खुश रहे। इसलिए हमे जीवन पर्यन्त अपने माँ की दिल से सेवा करनी चाहिए। माँ से बढ़कर और माँ से आगे कुछ नहीं होता है। माँ बच्चो को स्कूल के लिए तैयार करती है। उन्हें हर चीज़ वक़्त पर देती है ताकि उनके बच्चे जीवन में कभी भी पीछे ना रहे। उनका जीवन अपने बच्चो से आरम्भ होता है , उन्ही पर जाकर ख़त्म होता है।
अगर बच्चा दुखी होता है , तो माँ अपने प्यार से तुरंत बच्चे को मना लेती है। ईश्वर का दिया हुआ खूबसूरत वरदान है माँ। मैं अपने माँ से बहुत प्रेम करती हूँ। माँ को खुश रखना मेरी भी जिम्मेदारी है जो मैं हमेशा निभाऊंगी। माँ है तो जीवन की सारी मुश्किलों को हम पार कर लेते है। उनकी ख़ुशी हमसे जुडी हुयी होती है। माँ का आशीर्वाद बना रहता है तब जाकर उनके बच्चे एक अच्छे और काबिल इंसान बनते है।
– Rima Bose- लेखक
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मेरी माँ पर निबंध
Essay on My Mother in Hindi: माँ का ख्याल आते ही दिल प्यार के समंदर में गोते खाने लगता है। आखिर हमने कितने वर्ष उसकी कोमल प्यार भरी बांहों में बिताये, उसने हमें 9 महीने अपनी कोख में रखा, 2 साल तक अपनी ममता भरी गोद में रखा और उम्र भर अपने दिल में रखा।
उसके रहते हुए हमें कभी कोई सांसारिक कष्ट महसूस नही हुए और ना हुई उसने हमें कभी किसी भयानक दर्द से गुजरने दिया। एक शायर ने भी क्या खूब कहा है “तुम्हारी जिंदगी में जरा भी तकलीफ़, गम और दर्द ना होता अगर तुम्हारा नसीब तुम्हारी माँ ने लिखा होता।”
वैसे हमारे जीवन में बाप की अहमियत भी कम नही होती। क्योंकि वही हमें इस दुनिया से लड़ने के काबिल बनाता है।
मगर जितनी जरूरत माँ के प्यार की जीवन में होती है, उतनी शायद किसी और व्यक्ति की नही होती। मेरी बातों को वो लोग अच्छे से समझ सकते हैं, जो अपनी माँ को खो चुके हैं।
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मेरी माँ पर निबंध (Essay on My Mother in Hindi)
यहां पर हम अलग-अलग शब्द सीमा में मेरी माँ पर निबंध (meri maa essay in hindi) शेयर कर रहे हैं यह निबन्ध हर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
मेरी माँ पर निबंध 50 शब्दों में
मेरी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण महिला मेरी प्यारी माँ हैं। वह स्वभाव से बहुत मेहनती और प्यार करने वाली है। मेरी माँ परिवार के हर सदस्य का अच्छे से ख्याल रखती है। वह सुबह-सुबह जल्दी उठ कर हम लोगों के लिए खाना तैयार करती है।
मेरे दिन की शुरूआत अक्सर मेरी माँ के साथ ही होती है, वो सुबह जल्दी उठ कर मुझे भी बिस्तर से जल्दी उठाती है। इसके बाद वह मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बनाती है।
इसके अलावा वह मेरा गृह कार्य करने में भी मदद करती है और वो मेरी सबसे अच्छी टीचर भी है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ और आशा करता हूँ कि मेरी माँ की उम्र बहुत लंबी हो।
मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में
मेरे जीवन की सबसे प्रभावशाली व्यक्ति मेरी माँ है। इसलिए उनके प्रति मेरे दिल में बहुत प्रशंसा और इज़्ज़त है। वो मेरी जिंदगी की सबसे पहली और अच्छी टीचर है। वह मुझ से बहुत प्यार करती है और मेरी वजह से अपनी ख़ुशियों की कुर्बानी दे देती है। मेरी माँ अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हैं और उनका मेहनती स्वभाव हमेशा मुझे बहुत लुभाता है।
मेरी माँ घर में सबसे पहले उठती है और हमेशा हमारे बिस्तर से उठने से पहले ही वो अपने काम-काज चालू कर देती है। मेरी माँ मेरे घर की प्रबंधक है।
वह हमारे घर की प्रत्येक चीज और जरूरत का बहुत ख्याल रखती है। वह हमारे घर के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती है, ख़रीददारी करती है और ईश्वर से हमारे लिए प्रार्थना भी करती है।
इसके साथ ही वो हमारी हर छोटी बड़ी ज़रूरतों का भी बखूबी ध्यान रखती हैं। मेरी माँ मुझे और मेरे भाई/बहन को भी पढ़ाती है और होम वर्क भी पूरा करने में भी मदद करती है। इन्ही सभी योगदानों के कारण मेरी माँ हमारे घर की रीढ़ की हड्डी है।
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मेरी माँ पर निबंध 150 शब्दों में
माँ सबसे उपयुक्त शब्द है जो मैंने अब तक सीखा है। मेरी माँ मेरी जिंदगी में मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। मेरी माँ ना केवल एक मेहनती व्यक्ति है बल्कि अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।
वह सुबह सूरज के उगने से पहले उठ जाती हैं और अपने प्रतिदिन के कार्यों को करना शुरू कर देती है। मेरी माँ एक बहुत ही सुंदर और दयालु दिल वाली महिला है जो हमारे घर में प्रत्येक चीज का ध्यान रखती है।
मैं अपनी माँ की बहुत इज़्ज़त करता है क्योंकि उन्होने ना केवल मुझे किताबी ज्ञान को सीखने में मदद की। बल्कि अपने अनुभवों की सीख से मुझे सही-गलत का अंदर सिखा कर मुझे एक अच्छा इंसान बनने में भी मदद की।
वह हमारे लिए खाना बनाती है, सभी का ध्यान रखती और घर के लिए ख़रीददारी करती है। इसलिए वो ज्यादातर समय व्यस्त रहती है।
उन्हे जब खाली समय मिलता है तो वो मेरे साथ खेलती हैं, मेरा गृह कार्य करने में मदद करती है और दूसरी जरूरी कामों में भी मदद करती है।
मेरी माँ मुझे कई तरह की चीजें सीखने में भी मदद करती है इसलिए मैं अपनी माँ से बहुत प्रेम करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी उम्र हो।
मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में
माँ एक ऐसा शब्द है जिसको शब्दों में व्यक्त नही किया जा सकता, मेरी माँ ही मेरे दिल के सबसे करीब है। उसी ने मेरी जिंदगी को एक सही आकार देने में मदद की है। मेरी माँ एक बहुत दयालु दिल की सुन्दर महिला है जिसने मेरा जिंदगी के हर मोड़ पर साथ दिया।
उनकी व्यस्त दिनचर्या सूरज के उगने से पहली ही शुरू हो जाती है वो हमारे लिए ना केवल खाना तैयार करती है। बल्कि मेरे हर कार्य में भी पूरी मदद करती है।
जब मुझे अध्ययन में कोई परेशानी पेश आती है तो मेरी माँ टीचर बन कर मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती है और जब मैं बोर हो जाता हूँ तो मेरी दोस्त बन कर मेरे साथ खेलती है।
वह हमारे घर में दूसरा रोल निभाती है और जब कोई हमारे परिवार में बीमार पड़ जाता है तो वो पूरी रात जाग कर उसका ख्याल रखती है। हमारे परिवार के लिए वो अपनी ख़ुशियों की भी कुर्बानी हस्ते-हस्ते दे सकती है।
वैसे स्वभाव से मेरी माँ बहुत मेहनत करनी करने वाली महिला है। वो सुबह से शाम तक घर के सभी जरूरी कामों को करती हैं।
उन्होने जिंदगी के हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन किया है। निविदा उम्र में, मेरे लिए यह तय करना बहुत मुश्किल था कि क्या सही है और क्या गलत मगर मेरी मां मेरे जीवन में सही रास्ता दिखाने के लिए हर समय मौजूद रही।
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मेरी माँ पर निबंध 250 शब्दों में
मेरी माँ मेरे लिए सब कुछ है। मैं उसी के कारण इस सुंदर संसार को देख पा रहा हूँ। उसी के प्यार और दयालूता ने मुझे इतना बड़ा किया और एक बेहतर इंसान बनने में मदद किया।
मेरे अनुसार माँ दुनिया की सबसे भरोसेमंद शख्स होती है जिससे आप अपने दिल की हर बात साझा कर सकते हैं। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।
मैं उसके साथ अपने सभी खूबसूरत लम्हे साझा कर सकता हूँ। मैंने अपने हर बुरे वक्त में अपनी माँ को सबसे करीब पाया। उसने मुझे उस बुरे समय में काफी सहारा भी दिया। इसलिए मेरे दिल में मेरी माँ के प्रति काफी प्रशंसा है।
मेरी माँ बहुत ज्यादा मेहनती है और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहती है। मैंने उन्ही से सीखा है कि कोशिश कभी बेकार नही जाती तथा मेहनत से ही सफलता आती है। वह पूरे दिन चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ काम करती रहती है।
वह ना केवल अच्छा एवं स्वादिष्ट खाना बनाती है बल्कि घर के हर सदस्य की अच्छे से देखभाल भी करती है। वह हमारे परिवार के लिए काफी अच्छे निर्णय भी लेती है। कई बार तो पिता जी भी माँ के पास सलाह लेने के लिए आते हैं। क्योंकि वो निर्णय लेने में बहुत निपुण है।
हमारे परिवार में कुल-मिला कर चार सदस्य हैं, मेरे पिता, मेरी माँ, मैं और मेरी छोटी बहन, हम सभी की देखभाल हमारी मां करती है। उन्होने मुझे जिंदगी के नैतिकता के बारे में भी बताया।
जब मैं कभी गृह अध्ययन करते समय किसी समस्या में फँस जाता हूँ तो माँ एक टीचर के रूप में मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती हैं। इसलिए वो हर समय व्यस्त ही रहती है।
मेरी माँ एक दयालु दिल की महिला है जिसके प्यार की छतरी हमेशा मेरे सर पर रही है और मैं इस बात को भी जानता हूँ कि इस संसार में मेैं माँ जैसे प्यार को कहीं और नही तलाश कर सकता।
हर बच्चा अपनी माँ से प्यार करता है मगर माँ की असली अहमियत वही जानता है जिसकी जिंदगी में माँ नही है। मैं अपनी जिंदगी में अपनी माँ को हर समय मुस्काराते हुए देखना चाहता हूँ।
मेरी माँ पर निबंध 300 शब्दों में
माँ बच्चे के मुँह से निकलने वाला पहला शब्द होता है। मेरे लिए माँ ईश्वर के द्वारा दिया गया सबसे अच्छा और किमती तोहफा है। अपनी माँ के प्यार और उसके दयालूता भरे चरित्र को शब्दों में व्यक्ति करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है।
हर बच्चे के लिए उसकी माँ सबसे ज्यादा प्यार करने वाला और फिक्र करने वाला शख्य होती है। मुझे नही लगता कि कोई भी व्यक्ति माँ जैसे प्यार को कही और अनुभव कर सकता है। मेरी माँ में वो सभी काबिलियतें और गुण मौजूद है जो एक अच्छी माँ में होनी चाहिए।
मेरे परिवार में कुल 6 सदस्य है जिनमें मेरे दादा-दादी, मेरे माता-पिता और मैं तथा मेरी छोटी बहन है लेकिन केवल मेरी माँ के कारण ही हमारा घर एक और खुशहाल है।
वह सुबह जल्दी उठती है, उठने के बाद वो तैयार होती है और अपने प्रतिदिन के कार्य में जुट जाती है। वह हमारा पूरी तरह ख्याल रखती है और तरह-तरह के स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाती है।
वो घर के हर सदस्य की पसंद और ना पसंद को काफी अच्छी तरह से जानती है और उन्हे यह भी पता रहता है कि कब मेरे दादा जी ने कितनी बार कौनसी दवा ली है। मेरे दादा जी मेरी माँ को घर का प्रबंधक कहते हैं। क्योंकि वो घर की हर चीज को प्रबंधित रखती हैं।
मैं अपनी मां की नैतिक शिक्षाओं के साथ बड़ा हुआ हूं। उन्होने मेरा जिंदगी के हर पड़ाव पर मार्गदर्शन किया है। वो मेरी भावनाओं को अच्छी तरह समझती हैं। उन्होने मुझे बुरे हालातों में हर बार सहारा दिया है और मुझे प्रेरित किया है।
मेरी माँ मुझे एक अनुशासित, समयनिष्ठ और भरोसेमंद व्यक्ति बनना सिखाती हैं। वह एक पेड़ की तरह है जो हमारे परिवार को अपने प्यार की छांव में रखती है। खैर वो बहुत सारा काम करती हैं मगर फिर भी वो एकदम शांत रहती हैं।
वह किसी भी बुरी परिस्थिति में अपना धैर्य नही खोती। मेरी माँ और मुझ में एक खास तरह का प्यार है और उन्होने मेरा हमेशा साथ दिया है। मैं भगवान से हमेशा दुआ करता हूँ कि मेरी माँ हमेशा स्वस्थ और खुश रहे।
मेरी माँ पर निबंध 600 शब्दों में
मां इस शब्द में कितना मिठास है। इस शब्द को पुकारते ही व्यक्ति का हर पीड़ा कम हो जाता है। मां भगवान से भी बड़ी होती है तभी तो व्यक्ति जब पीड़ा में होता है तो उसके मुख से सबसे पहले मां शब्द ही निकलता है। मां के द्वारा स्नेह और प्यार से हमारे ऊपर फेरे गए हाथ हमारी हर दर्द को कम कर देता है।
मेरी मां मेरी प्रेरणा है। मां मेरी प्रथम शिक्षक है, जिन्होंने मुझे बचपन से अच्छे संस्कार दिए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी दुख सह कर भी उन्होंने मेरे खुशी को हमेशा प्राथमिकता दिया है। स्वयं से पहले वह मेरे बारे में पूछती है। मां ही तो है, जो हर घड़ी मेरा हालचाल पूछते रहती है।
दुनिया में एक मां ही तो है, जो निस्वार्थ रूप से प्यार करती है। वह हमेशा हमारे लिए करते रहती है लेकिन कभी भी हमसे उसका मूल्य नहीं मांगती।
मां ने मुझे हमेशा से ही दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखना सिखाया है, अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहना सिखाया है। यही कारण है कि आज मां के कारण ही में एक सफल व्यक्ति बन सका हूं।
मामत्व ना केवल इंसानों में बल्कि जानवरों में भी देखने को मिलती है। हर जीव की मां भगवान के समान होती है। भगवान ने ही तो हर जीव को उत्पन्न किया है। भगवान एक समय हर एक जीवो के पास उपस्थित नहीं रह सकते, इसीलिए तो उन्होंने मां को उत्पन्न किया और हर एक जीव को मां दिया जो अपने बच्चों का ख्याल रखती है।
मां के आश्रय में हर दुख दूर हो जाता है। एक स्त्री बेटी पुत्री, बहू ना जाने कितने ही रुप में रिश्ते निभाती है। लेकिन उनमें से सबसे ऊपर मां का पद होता है। दुनिया में मां का पेशा ऐसा है, जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। मां का पद सबसे ज्यादा सम्मानीय होता है।
मां का पेशा सबसे बड़ा होता है, जिसकी कोई सैलरी निश्चित नहीं की जा सकती। मां के द्वारा दिए गए प्यार के लिए बच्चा अपने आप को भी समर्पित कर दें तो वह भी कम है। मां तो प्रेम और त्याग की मूर्ति है। मां चाहे तो अपने बच्चे की रक्षा के लिए बड़े से बड़े परेशानियों का भी सामना कर सकती हैं।
स्त्री होने के नाते उसके अंदर भले ही शक्ति हो या ना हो लेकिन मां के रूप में वह सर्वशक्तिमान होती है। मां शब्द के महत्व का अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता। सभी रिश्तो में मां का रिश्ता सबसे सर्वोपरि होता है।
मां पालनकर्ता भी होती है, मां शिक्षक भी होती है और मां शखा भी होती है। जरूरत पड़ने पर वह शिक्षक की तरह हमें शिक्षा देती है और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करती है।
वहीँ मुसीबत में दोस्त की तरह हमारे साथ खड़ी होती है और हमारे दुखों को कम करती है। खुद खाना भूल सकती है लेकिन अपने बच्चे को खिलाना कभी नहीं भूल सकती।
मां की ममता का कोई मोल नहीं चुका सकता। मां की ममता दुनिया की सबसे बड़ी कीमती वस्तु है और इसका महत्व वही समझ सकता है, जिसकी मां नहीं है।
एक बार ईश्वर हमसे नाराज हो सकते हैं लेकिन मां कभी भी हमसे नाराज नहीं हो सकती। मां के बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। व्यक्ति कितना भी पूजा पाठ करें, वह चारों तीर्थ धाम क्यों ना चला जाए लेकिन जब तक वह मां का सम्मान नहीं करता तब तक यह हर चीज निरर्थक है।
भगवान गणेश अपने माता पिता भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा करके मानव जाति को इस बात का ज्ञान दिये कि दुनिया में सबसे बड़ा तीर्थ और पुण्य का काम मां बाप का सेवा करना ही होता है। मां के दिल दुखाने से बड़ा पाप जीवन में कुछ नहीं हो सकता।
इस पाप को व्यक्ति पवित्र नदियों में नहाकर या तीर्थ यात्रा करके नहीं धो सकता। बालक द्वारा की गई गलती पर जब तक मां क्षमा नहीं करती तब तक भगवान भी स्वयं उसके गलती के लिए क्षमा नहीं करते।
एक स्त्री दूसरी स्त्री या अन्य के प्रति ईर्ष्यालु हो सकती है, वह अन्य के प्रति दुष्ट हो सकती है लेकिन वह अपने बालक के प्रति कभी भी दुष्ट नहीं होती। इसीलिए हर एक बालक को चाहिए कि वह हमेशा ही अपने मां का सम्मान करें, कभी भी उनके दिल को ना दुखाए।
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मेरी माँ पर निबंध 1200 शब्दों में
दुनिया में हर शब्द का परिभाषा हो सकता है परंतु मां की परिभाषा देना बहुत कठिन है। क्योंकि इसकी एक परिभाषा नहीं बल्कि हजारों परिभाषा भी कम पड़ जाए। यह तो वह करुणा की मूर्ति है, जो अपने ममता से एक बालक के जीवन को हर खुशियों से भर देती है।
उसके लिए स्वयं से ज्यादा अपने बालक के जीवन का मोल होता है। तभी तो मां असहनीय पीड़ा सहने के बाद अपने बालक को जन्म देती है।
कहते हैं स्त्री कमजोर होती है लेकिन स्त्री से बड़ा शक्तिशाली और सहनशीलता कोई नहीं होता। मां के रूप में एक मां जितना दर्द सहती है, उतने दर्द से तो एक चट्टान भी फट जाए।
एक मां का समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि मां चाहे तो अपने बालक को बिगाड़ भी सकती है और मां चाहे तो अपने बालक को महान व्यक्ति भी बना सकती है।
हर मां यही चाहती है, उसका बालक जीवन में महान व्यक्ति बने, वह एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाने में सफल हो सके। हालांकि एक बालक के जीवन में शिक्षक का काफी महत्व होता है सफलता पाने में।
लेकिन मां बच्चे की प्रथम शिक्षक होती है और जिंदगी भर वह शिक्षक की तरह अपने बच्चे को सही गलत का फर्क सिखाते हुए हर एक कठिन मार्ग पर उसे मार्गदर्शित करती है।
मां के मार्गदर्शन पर बालक कभी भी असफल नहीं हो सकता। हर एक व्यक्ति और जीव का अस्तित्व मां से जुड़ा हुआ है। भगवान ने मां के जरिए ही इस सृष्टि की रचना की है। मां को सम्मानित करने के लिए ही मदर डे मनाया जाता है।
लेकिन मां के सम्मान के लिए केवल एक विशेष दिन नहीं होना चाहिए बल्कि हर दिन हर पल मां को समर्पित होना चाहिए। क्योंकि मां के कारण ही तो यह जीवन है।
तो फिर मां के लिए किसी एक विशेष दिन को कैसे समर्पित कर सकते हैं, मां के लिए तो पूरा जीवन ही समर्पित है। इसीलिए जो व्यक्ति मदर डे को अपनी मां के लिए कुछ खास करते हैं, उन्हें हमेशा ही अपने मां को सम्मान देना चाहिए।
क्योंकि मां कभी भी अपने बच्चे को किसी एक विशेष दिन को प्यार या स्नेह नहीं देती बल्कि वह जिंदगी भर अपने बालक को प्यार और स्नेह देती है।
हमारे जीवन में कई रिश्ते होते हैं और हर रिश्ते में किसी गलतफहमी से कभी ना कभी दरार आ सकती है, हर रिश्ता जरूरत के समय धोखा दे सकता है। लेकिन मां के साथ का रिश्ता भगवान भी नहीं तोड़ सकता।
दुनिया आप पर विश्वास करें या ना करें लेकिन मां आप पर हमेशा विश्वास करती है। क्योंकि एक मां को अपने लालन-पालन पर पूरा विश्वास होता है। वह जानती है कि उसने अपने बालक को जो शिक्षा और संस्कार दिया है, उसके विपरित उसका बालक कुछ नहीं कर सकता।
मैं अपने मां के लिए जितना बोलू उतना ही कम है। आज भी जब किसी समस्या में रहता हूं तो सबसे पहले मां का ही विचार आता है। वह पल याद आ जाता है जब मां मेरे चेहरे को देख कर समझ जाती थी कि मैं किसी परेशानी में हूं।
ना जाने उनके पास कैसी कला थी, जिससे उन्हें पता चल जाता था कि मैं दुखी हूं और मुझे देख वह भी दुखी रहती थी। जब तक मैं खा नहीं लेता था तब तक वह भी नहीं खाती थी।
आज भी जब काम से घर लेट जाता हूं तो घर का हर सदस्य सो जाता है। लेकिन मां ही तो होती है, जिसका ध्यान दरवाजे पर रहता है कि कब उसका बेटा आएगा। घर पहुंचते ही सबसे पहले वही उठती है और खाने का पूछती है।
मेरे इंतजार में वह भी भूखी रहती है। उस पल को याद करके बहुत ज्यादा मां के प्रति प्यार उमड आता है जब बिमार पडा करता था तो मां रात भर बगल में बेठी मेरे सिर को फेरते रहती थी।
जब तक मैं ठीक ना हो जाता था तब तक उन्हें भी नींद नहीं आती थी। आज भी मां भगवान के सामने बस मेरी ही खुशी की प्रार्थना करती है।
मां अक्सर पूछा करती थी कि जब कमाने लगूंगा तब मां के लिए साड़ी लाऊंगा कि नहीं। मैंने तो उसी दिन ठान लिया था कि जब हाथ में पहली कमाई आएगी तो पूरी की पूरी कमाई मां के हाथ में धर दूंगा।
आज भी मुझे किसी जगह इतनी सुकून और शांति नहीं मिलती जितना मां के गोद में लेट कर मिलता है। उनके हाथों में न जाने कैसा जादू है, जिससे उनके हाथ फैराते ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती है।
मुझे आज भी वह दिन याद है जब स्कूल के सभी बच्चे पिकनिक पर जा रहे थे लेकिन पिकनिक की फीस अधिक होने के कारण मुझे पिताजी को बोलने में संकोच हो रहा था फिर भी मैंने हिम्मत जुटाकर पिताजी को पिकनिक जाने की बात कही।
लेकिन उन्होंने यह बात कह कर मना कर दिया कि अभी उनके पास पैसे नहीं है। लेकिन मां को मेरे चेहरे की उदासी दिखी गई। दूसरे दिन मां स्कूल जाकर पिकनिक फीस जमा कर आई, जिसे उन्होंने लंबे समय तक जमा करके रखा था।
ताकि मैं पिकनिक जा सकूं और मेरे चेहरे पर दुबारा मुस्कान आ जाए। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मां को अपने बच्चे की खुशी से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है।
वह तो अपने बच्चे की खुशी के लिए दुनिया का हर धन दौलत भी कुर्बान कर देगी, उसे बस प्यार के बदले में प्यार ही चाहिए। वह अपने बच्चे को जीवन में बड़ा आदमी बनने की कल्पना तो जरूर करती है।
लेकिन वह कभी भी अपने स्वार्थ के लिए अपने बच्चे को सफलता दिलाने का नहीं सोचती बल्कि उसके मन में तो केवल अपने बच्चे की खुशी ही मात्र रहती हैं।
मुझे बहुत दुख होता है, उन लोगों का सोच कर जो अपने माता-पिता को बुढ़ापे में बेसहारा छोड़ देते हैं। जिस माता-पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चे को समर्पित कर दिया, वही मां-बाप बुढ़ापे में उस बच्चे के लिए बोझ बन जाते हैं। कितनी शर्म की बात है। मेरे अनुसार तो दुनिया में वृद्धाश्रम ही नहीं होना चाहिए।
क्या हर मां अपने बच्चे को यही उम्मीद से सब दुख दर्द साहकर अपने बच्चों को पालती है कि यह बच्चा बड़ा होकर मुझे वृद्धाश्रम में छोड़ देगा। कोई भी मां अपने बच्चे से यह कभी भी उम्मीद नहीं करती है।
यहां तक कि जो बच्चे अपने मां को बुढ़ापे में वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं, उस वक्त भी मां के दिल से अपने बच्चे के लिए दुआ ही निकलता है।
बच्चा अपनी मां के साथ कितना ही गलत क्यों ना करें लेकिन मां अपने बच्चे के लिए कभी भी गलत नहीं करती। तभी तो मां को भगवान से भी बड़ा माना जाता है।
आज मुझे बहुत खुशी हुई मेरी मां के बारे में लिखकर। हालांकि मैंने मां के बारे में जितना भी लिखा कम ही है क्योंकि मां के बारे में कोई भी कभी कुछ पूरा नहीं लिख सकता।
जब भी आप कभी माँ के ऊपर कोई श्रेष्ठ निबंध लिखना चाहते हो तो आंखे बंद कर के अपनी माँ के सच्चे प्यार को महसूस करिये और दिल में जो विचार आए, उसे कलम के द्वारा कागज पर व्यक्त कर दिये। फिर जो लेख ऊभर कर आएग वो लोगों के दिल और दिमाग को पूरी तरह जीत लेगा।
तो इस तरह आप कुछ ही समय में एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं या फिर ऊपर दिये गए निंबधों में से अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी निबंध चुन सकते हैं।
इस लेख में हमारे जीवन के सबसे कीमती और प्यारे व्यक्ति यानी मेरी मां पर मेरी माँ हिंदी निबंध (essay on mother in hindi) के द्वारा बताया।
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आज जब मैं बड़ी हो गई हूं तो लगता है कि शायद मैं बहुत सी चीजों को आज पीछे छोड़ आई हूं। जब हम बच्चे थे तो हमें बचपन के वह प्यारे दिन बड़े ही उबाऊ और लंबे लगते थे। हम सोचते थे कि कब हम बड़े होंगे। हमें अपने मम्मी और पापा की नकल करने में आनंद की अनुभूति प्राप्त होती थी। बचपन के उन प्यारे दिनों को अब कुदरत भी नहीं लौटा सकती। बड़ी होने के बाद जिस शख्स को मैं सबसे ज्यादा याद करती हूं वह है मेरी माँ । एक माँ (mother) से बड़ा इंसान इस दुनिया में कोई होता ही नहीं है।
माँ सभी जिम्मेदारियों को कैसे अपने कंधे पर उठा लेती थी। सच में माँ जैसा कोई और दूसरा हो ही नहीं सकता। माँ भगवान का ऐसा अनमोल तोहफा है जो हर किसी को नसीब हो जाए यह जरूरी नहीं। माँ के बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। तो आज का हमारा विषय मां पर आधारित है।
इस धरती पर मनुष्य के रूप में नर और नारी दोनों ने ही जन्म लिया। परंतु फिर भी एक नारी को ही सम्मान ज्यादा क्यों मिला? क्या आपने कभी इस बात पर गहराई से सोचा है। दरअसल इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि नारी को ही जगत जननी का स्थान मिला हुआ है। आज एक नारी की वजह से ही हम सब को दुनिया में आने का मौका मिला है। नारी अपने जीवन में अनेकों पद ग्रहण करती है। पर जो पद वह मां बनकर प्राप्त करती है वह पद बेहद सम्मानजनक होता है। माँ को भगवान के रूप में पूजा जाता है। माँ हमें कभी भी तकलीफ में नहीं देख सकती है। जिसके पास माँ होती है वह बहुत भाग्यशाली होता है।
माँ हमें हर तरह की मुश्किलों से उबार लेती है। माँ हमें जीने की नई राह सीखाती है। माँ होती है तब हमें किसी बात की कोई चिंता नहीं रहती है। एक बच्चे के लिए माँ से बढ़कर और कोई प्रिय नहीं होता है। माँ ही अपने बच्चे को 9 महीन तक पेट में रखती है और फिर बच्चे को जन्म देने के बाद भी बिना कोई शिकायत के बच्चे को पाल पोस्को बड़ा भी वही करती है। हम सब यह भूल जाते हैं कि कैसे माँ हमारे बचपन के नखरों को सहन करती है। माँ ईश्वर का सच्चा रूप होती है। आज हम जिस किसी भी मुकाम पर है वह सब हमारी माँ की ही बदौलत है। केवल मनुष्य ही क्यों माँ की ममता तो हमें जानवरों में भी देखने को मिल जाती है। जानवर और पक्षी माताएं भी अपने बच्चों को मनुष्यों की माताओं की तरह ही प्रेम देती है।
माँ का सही अर्थ क्या है?
माँ दुनिया की वह अनमोल चीज है जिसकी तुलना महंगे से महंगे हीरे जवाहरात से भी नहीं की जा सकती है। माँ अपने बच्चों के लिए भयंकर से भयंकर तुफान से भी टकरा जाती है। माँ माने कि मातृत्व। हमारे पुराणों में माँ को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है माता दुर्गा का। माता दुर्गा समस्त ब्रह्मांड की जननी मानी जाती है। यही एक बड़ा कारण है कि नारी को भी भगवान का रूप माना जाता है।
वह माँ बनकर सबसे बड़ा फर्ज निभाती है। मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, ममी, अम्ब और अम्बिका यह सब माता के पर्यायवाची शब्द है। माँ के अनेकों शब्द है। माँ से ही हमें प्यार की अनुभूति प्राप्त होती है। जो प्यार हमें माँ से प्राप्त होता है वह और कहीं से भी नहीं हो सकता है। माता हम सभी को बिना कुछ पाने के बदले में ताउम्र अपना प्रेम लुटाती रहती है। इस दौरान वह हर तरह की पीड़ा को सहन कर लेती है। वह एक शब्द भी अपने बच्चे के खिलाफ नहीं बोलती है।
माँ का प्यार कितना जरूरी है?
हम सभी के लिए माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी है। माँ के बिना बच्चा अधूरा होता है। जैसे ही बच्चा धरती पर जन्म लेता है तभी से ही उसका अपनी माँ के साथ एक अनोखा रिश्ता कायम हो जाता है। उस बच्चे के लिए किसी और चीज से भी ज्यादा उसकी माँ महत्वपूर्ण हो जाती है। डाॅक्टर्स की एक रिसर्च के मुताबिक एक बच्चे के पर खाना भी इतना ज्यादा असर नहीं करता है जितना असर उसकी माँ द्वारा मिला अथाह प्यार कर देता है। माँ के प्रेम में एक अनोखी ही ताकत होती है। माँ की ममता के अनेकों फायदे हैं जैसे कि
- बच्चे को अच्छा महसूस होता है। और जब उसे अच्छा महसूस होता है तब वह अच्छा प्रदर्शन भी करता है।
- माँ के प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह बच्चे की इम्युनिटी पावर को बुस्ट कर देता है।
- माँ के प्रेम के चलते ही बच्चे बड़ी से बड़ी बीमारी से भी उबर जाते हैं।
माँ का हमारे परिवार में महत्व
हमारे जीवन में माँ से बढ़कर कोई और है ही नहीं। माँ है तो हम है और उसी से यह सारा संसार है। माँ दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है। माँ हर रूप में अपने दायित्वों का पालन बड़े ही सरलता के साथ करती है, चाहे वह माता का रूप हो, पत्नी, सास या फिर बहन का रूप हो। माता के बिना हमारा परिवार फल फूल नहीं सकता है। एक माँ को ही पता होता है कि उसे घर किस रूप से चलाना है। एक माता के रूप में वह अपने बच्चे की पढ़ाई और लालन पालन की जिम्मेदारी उठाती है।
वह एक पत्नी के रूप में अपने पति की जिम्मेदारियों को संभालती है। उसे यह पता होता है कि उसे कहां पर और कैसे खर्च करना है। हम सभी ने अपने घरों में यह देखा है कि एक माँ सवेरे जल्दी उठकर घर का काम करती है और अपने बच्चो, पति और सास-ससुर के लिए खाना बनाती है। उसका काम पूरे दिन चलता है। कामकाजी महिलाओं का दिन थोड़ा और कठिन होता है क्योंकि उनको अपने परिवार के साथ-साथ कमाई का काम भी करना होता है। इतनी व्यस्त दिनचर्या होने के वाबजूद भी वह उफ्फ तक नहीं करती है। क्योंकि वह अपने परिवार से निस्वार्थ भाव से प्यार करती है।
माता कितने प्रकार की होती है?
हम अक्सर यह सोचते हैं कि माता का रूप केवल हमारी माँ तक ही सीमित होता है। पर यह सच नहीं है। माताओं के भी कई प्रकार होते हैं। हमारे पुराणों में सोलह तरह की माताओं का वर्णन है। इन माताओं का नाम इस प्रकार है। दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है। इन सभी माताओं का अपना महत्व होता है। यह सभी अलग-अलग प्रकार की भूमिका को निभाती है।
माँ के नाम समर्पित एक खास दिन
माँ सभी को प्यारी होती है। माँ से ही हमारे दिन और रात है। जिसके पास माँ नहीं है उसको माँ की कमी बहुत ज्यादा खलती है। माँ अपने बच्चे पर कभी भी आंच नहीं आने देती है। माँ बिना कोई शिकायत के अपने दायित्व और फर्ज को पूरा करती है। क्या आपको पता है कि माँ के नाम भी एक खास दिन समर्पित होता है? जी हां, दूसरे उत्सवों की ही तरह हर साल मई के दूसरे रविवार को इंटरनेशनल मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व सभी माओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन बच्चे अपनी माँ के लिए कुछ अलग ही करने की योजना बनाते हैं। इस दिवस को मनाने की परंपरा अमेरिका से शुरू हुई थी। एना जार्विस को इस दिवस को शुरू करने का श्रेय जाता है। उसने अपनी माँ के ही नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया था। वह जीवनभर कुंआरी रही।
तो आज के इस निबंध के माध्यम से हमने माँ पर निबंध को समझा। हमारी माँ जैसा इस दुनिया में और कोई भी नहीं है। आज हमारी माँ अगर इस संसार में नहीं होती तो हमारा अस्तित्व भी आज नहीं होता। जैसे माँ हमारे पर निस्वार्थ भाव से प्यार लुटाती है ठीक वैसे ही उसे भी अपने बच्चों का प्यार चाहिए। हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा तैयार किया हुआ यह निबंध पसंद आया होगा।
मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में
माँ को दुनिया सबसे उंचा दर्जा प्राप्त होता है। माँ से ही हमारा संसार है। माँ को हम सभी भगवान का दर्जा देते हैं। माँ की वजह से हम गुलाब की तरह महकते हैं। माँ हमारी दोस्त होती है। वह हमें सही राह पर चलना सिखाती है। उन बच्चों से जाकर पूछो कि उन्हें कैसा लगता है जिनकी कोई माँ ही नहीं होती है। वह माता के प्रेम से अनभिज्ञ रहते हैं। माँ हमारे अंदर हर तरह के संस्कार के बीज बोती है। माँ हमारी सुख-दुःख की घड़ी में सदा हमारे साथ खड़ी रहती है। माँ हमारे पर कोई भी तरह की आंच नहीं आने देती है। माँ के सहारे हम जीवन में अपने मुकाम को हासिल करते हैं।
मेरी माँ पर 10 लाइनें
- माँ ताउम्र हमपर ममता लुटाती है।
- माँ के बिना हम अधूरे माने जाते हैं।
- एक माँ घर की सारी जिम्मेदारी को अच्छे से संभालती है।
- भगवान द्वारा दिया गया सबसे बेहतरीन तोहफा है हमारी माँ।
- माँ को भगवान का दर्जा प्राप्त है।
- माँ अपने पूरे जीवन को अपने बच्चों के लिए समर्पित कर देती है।
- एक पुरानी कहावत है कि पूत कपूत हो सकते हैं पर माता कभी भी कुमाता नहीं हो सकती है।
- हमें अपनी माँ की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
- माँ हमसे बिना कोई शर्त के प्रेम करती है।
- मेरी माँ दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।
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मेरी माँ पर निबंध | Essay on My Mother in Hindi
by Meenu Saini | Sep 11, 2023 | General | 0 comments
Hindi Essay Writing – मेरी माँ (My Mother)
मेरी माँ पर निबंध – इस लेख में हम माँ का सही अर्थ क्या है? जीवन और परिवार में माँ का महत्व, आदि के बारे में जानेंगे| हम सब जानते है कि माँ वो होती है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।। यहीं कारण है प्रायः संसार में ज्यादातर जीवनदायिनी और सम्माननीय चीजों को माँ की संज्ञा दी गयी है जैसे कि भारत माँ, धरती माँ, गौ माँ आदि। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में मेरी माँ पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में मेरी माँ पर कक्षा 1 to 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।
मेरी माँ पर 10 लाइन हिन्दी में (10 lines on My Mother in Hindi)
- मेरी माँ पर अनुच्छेद
मेरी माँ पर अनुच्छेद 1, 2 और 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
मेरी माँ पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में, मेरी माँ पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में, मेरी माँ पर अनुच्छेद 9, 10, 11 और 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में.
- माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन का भी कार्य करती है।
- मै अपनी माँ को सबसे अच्छा शिक्षक, मित्र तथा प्रेरक मानता हूँ।
- वह घर का काम भी संभालती है और विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने भी जाती है।
- वह मेरे स्कूल के होमवर्क को पूरा करने में मेरी मदद करती है।
- वह हमेशा मेरी बहुत परवाह करती है और मुझसे प्यार भी बहुत करती है।
- वह हमेशा मुझे बड़ों का आदर और छोटे से प्यार करने का सीख देती है।
- वह मुझ पर कभी हाथ नही उठाती है लेकिन कभी-कभी मेरी गलतियों के लिए मुझे डांटती जरूर है।
- वह मुझे हर दिन नई ज्ञानवर्धक बातें बताती हैं और साथ ही सही और गलत में अंतर करना भी सिखाती है।
- मेरी माँ हर परिस्थिति से लड़ना जानती है, वह बहुत दयालु और सबसे अच्छी माँ है।
- मेरी माँ मेरी और परिवार की प्रत्येक जरूरत का ख्याल रखती है।
Short Essay on My Mother in Hindi मेरी माँ पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में
मेरी माँ पर निबंध : एक माँ एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया शब्द है जो जीवन भर अपने परिवार और बच्चों की भलाई, विकास और कल्याण के लिए बलिदान और अपनी पहली प्राथमिकता देता है। एक माँ न केवल एक बच्चे को जन्म देती है बल्कि उससे प्यार करने, उसकी देखभाल करने और बिना किसी पूर्वापेक्षा या शर्तों के समर्पण और प्यार दिखाने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता रखती है। एक माँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वह एक रक्षक, एक मित्र और साथ ही एक अनुशासक की भूमिका निभाती है। वह एक निस्वार्थ प्यार करने वाली इंसान होती है। इसलिए माँ को धन्यवाद देने और आदर के लिये हर साल मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।
मेरी माँ का नाम स्नेहा है। वह सबसे अच्छी माँ है। वह घर पर रहती है और घर का सारा काम करती है। वह हर सुबह जल्दी उठ जाती है और हमारे लिए खाना बनाती है। फिर वह मुझे तैयार करती है, खाना खिलाती है, मेरे स्कूल बैग में किताबें, लंच बॉक्स और पानी की बोतल रखती है और फिर मुझे स्कूल छोड़ने आती है। फिर जब मेरी स्कूल की छुट्टी होती है तो वह मुझे लेने भी आती है। वह मुझसे बहुत प्यार करती है। वह हमेशा मेरा ध्यान रखती है। वह मेरे साथ खेलती भी है और मेरा होमवर्क भी कराती है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ।
मेरी माँ बहुत सुंदर और दयालु स्त्री है वो हमारे घर को संभालती हैं। मेरी माँ के लिए मेरे मन में विशेष सम्मान और आदर है क्योंकि वह मेरी पहली शिक्षिका हैं जो न केवल मेरी किताबों के अध्यायों को पढ़ाती हैं बल्कि मुझे सही रास्ते पर चलना भी सिखाती है वह हमेशा मुझे बड़ों का आदर और छोटे से प्यार करने की सीख देती है। वह हमेशा मेरी जरूरतों का ध्यान रखती है। मेरी माँ हमारे परिवार में एक अलग भूमिका निभाती है। जब कोई हमारे परिवार का सदस्य बीमार पड़ जाता है तो उसकी उचित देखभाल करती है। मेरे जीवन में मेरी माँ मेरे लिए सबसे प्रभावशाली इंसान हैं। वह न केवल मेहनती हैं बल्कि अपने काम के प्रति भी काफी समर्पित हैं। वह सुबह जल्दी उठती है और सूरज उगने से पहले ही अपने दैनिक कार्यों में लग जाती हैं। वह घर की साफ-सफाई करती है और सबके लिए खाना बनाती है वह हमारे पसंद-नापसंद का ध्यान भी रखती है।
माँ दुनिया की सबसे प्यारी इंसान होती है। जो अपना प्यार निस्वार्थ भाव से अपने बच्चों पर लुटाती है। जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मेरी माँ मेरे जीवन का आधार स्तंभ है, वह मेरी गुरु तथा मार्गदर्शक होने के साथ ही मेरी सबसे अच्छी मित्र भी है। वह मेरे हर समस्याओं, दुःखों और विपत्तियों में मेरे साथ खड़ी रहती है और साथ ही मुझे जीवन के इन सभी बाधाओं से लड़ने के लिए शक्ति भी देती है, उनके द्वारा बतायी गयी छोटी-छोटी बातों ने मेरे जीवन में बड़ा परिवर्तन किया है। इसलिए इस बात को मैं काफी गर्व और विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस दुनिया में मेरी माँ सबसे अच्छी माँ है क्योंकि मुझे जन्म देने के साथ ही उसने मुझे मेरे शुरुआती जीवन में वह हर एक चीज सिखायी है, जिसके लिए मैं पूरा जीवन उनका आभारी रहूंगा। जब मैं छोटा था तो मेरी माँ ने मेरी उंगली पकड़कर चलना सिखाया। और जैसे-जैसे मैं थोड़ा बड़ा हुआ, मेरी माँ ने मुझे कपड़े पहनना, ब्रश करना, जूते का फीता बांधने जैसी अन्य प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही दी है। यह बात सबको पता है कि एक मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है। एक माँ का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, एक माँ बिना ये दुनिया अधूरी है।
माँ-बच्चे के रिश्ते की खूबसूरती यह है कि उसके प्यार और बलिदान की कोई सीमा नहीं है। इसलिए आज मैं अपने जीवन में जो कुछ भी हूँ, वह सिर्फ अपने माँ के ही बदौलत हूँ क्योंकि मेरी सफलता तथा असफलता दोनो ही वक्त वह मेरे साथ थी। उनके मेहनत, निस्वार्थ भाव, साहस तथा त्याग ने मुझे सदैव ही प्रेरित करने का कार्य किया है। उन्होंने मुझे सामाजिक व्यवहार से लेकर ईमानदारी तथा मेहनत जैसी महत्वपूर्ण शिक्षाएं दी है। उनके बिना तो मैं अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकता, यही कारण है कि मैं उन्हें अपना सबसे अच्छा शिक्षक, मित्र तथा प्रेरक मानता हूँ।
यह सबको पता है कि एक स्त्री अपने जीवन में पत्नी, बेटी, बहू जैसे ना जाने कितने रिश्ते निभाती है, लेकिन इन सभी रिश्तों में से जिस रिश्ते को सबसे ज्यादा सम्मान प्राप्त है वह माँ का रिश्ता है। मातृत्व ऐसा बंधन है जिसकी व्याख्या शब्दों में नहीं किया जा सकता। माँ अपने बच्चे को जन्म देने के साथ ही उसके लालन-पालन का भी कार्य करती है। कुछ भी हो जाये लेकिन एक माँ का उसके बच्चों के प्रति स्नेह कभी कम नहीं होता है, वह खुद से भी ज्यादे अपने बच्चों के सुख-सुविधाओं को लेकर चिंतित रहती है। इसलिए माँ को प्रेम व करुणा का प्रतीक माना गया है।
एक माँ अपने बच्चे की रक्षा के लिए बड़ी से बड़ी विपदा का सामना करने का साहस रखती है। एक माँ स्वयं चाहे जितने भी कष्ट सह ले लेकिन अपने बच्चों पर किसी तरह की आंच नहीं आने देती । इन्हीं कारणों से, माँ को पृथ्वी पर ईश्वर का रूप माना गया है और इसलिए एक कहावत भी काफी लोकप्रिय है कि “ईश्वर हर जगह मौजूद नहीं रह सकता है इसलिए उसने माँ को बनाया है।”
इतिहास कई सारी ऐसी घटनाओं के वर्णन से भरा पड़ा हुआ है, जिसमें माताओं ने अपने संतानों के लिए विभिन्न प्रकार के कष्ट सहते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay In Hindi)
Table of Contents
माँ पर निबंध (Short Essay On My Mother In Hindi)
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माँ की ममता पर निबंध
By विकास सिंह
माँ का प्यार एक भावना है, ऐसी भावना जिसे समझाने के लिए असीमित शब्दों की आवश्यकता होती है क्योंकि यह एक महासागर जितना गहरा है। इस दुनिया मिएँ आने के बाद हम अपने आप को मान की गोद में सबसे सुरक्षित पाते हैं। बिना बोले भी वह समझ जाती है कि हम क्या चाहते हैं। माँ का प्यार हमें जीवन में आने वाले किसी भी पतन में हमेशा प्रोत्साहित करता है। वह केवल एक महिला है जिसके पास हमारे सर्वश्रेष्ठ भविष्य के अलावा कोई मांग नहीं है।
माँ की ममता पर निबंध, short essay on Mother’s Love in hindi (200 शब्द)
एक माँ वह व्यक्ति है जो हर एक के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। एक माँ होने के नाते सबसे अच्छा एहसास एक औरत को अपने पूरे जीवन में कभी भी हो सकता है। माँ ही वह होती है जो अपने बच्चे को हर सुख-सुविधा देने के लिए पूरी कोशिश कर सकती है। विभिन्न चरणों में, एक बच्चा अपनी माँ के मार्गदर्शन में जीवन के सबक सीखने की कोशिश करता है।
अपने बच्चे के लिए माँ का प्यार किसी की उम्मीदों से परे है। माँ अपने बच्चे की हर इच्छा को आसानी से पहचान सकती है यहाँ तक कि जब उसका बच्चा ठीक से बोल भी नहीं पा रहा हो। किसी व्यक्ति की सफलता के पीछे, सबसे अधिक प्रयास, जो किसी व्यक्ति का होता है वह है, माँ। माँ का प्यार उस गलत तरीके को बदल सकता है जिस पर उसके बच्चे ने चलना शुरू कर दिया है। उसका प्यार आसानी से उसके बच्चे को सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते में बदल देता है। यह माँ के प्यार की शक्ति है
यह बच्चे और माँ के बीच एक प्रकार का मीठा संबंध है कि अगर बच्चे को चोट लगती है तो माँ को दर्द महसूस होता है। जब वह अपने बच्चे को जन्म देती है तो एक माँ को असहनीय दर्द होता है लेकिन जब उसने केवल अपने बच्चे का चेहरा देखा तो वह सभी दर्द और परेशानी भूल जाती है। यह एक माँ की महानता है।
माँ का प्यार पर निबंध, 300 शब्द:
प्रस्तावना:.
ब्रह्मांड पर ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना माँ है। हमने हमेशा अपने बुजुर्गों से सुना या प्राचीन पुस्तकों में लिखा है, कि भगवान हर जगह नहीं जा सकते या सभी के साथ उपलब्ध नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने माता को बनाया है। माँ में सभी गुण हैं जैसे देखभाल करना, मीठा, निस्वार्थ प्रेम, धैर्य, क्षमा, दया, सरलता, दृढ़ता आदि।
देवकी और यशोदा माँ के रूप में:
जब बच्चे का जन्म होता है, तो यह माँ ही होती है जो बच्चे की सभी आवश्यकताओं को समझती है क्योंकि उनके संबंध विकसित होते हैं क्योंकि बच्चा उसके अंदर था। केवल माँ ही नहीं जिसने जन्म दिया है, जबकि जो लाया है वह भी महत्वपूर्ण है। जैसे कि भगवान कृष्ण की दो माताएँ थीं, एक जिसने उन्हें “देवकी” और दूसरी पालक माँ “यशोदा” जन्म दिया था, जो उनके बचपन में उनकी देखभाल करती थीं। दोनों माताओं का कृष्ण के प्रति समान प्रेम और स्नेह है। यह माँ की गुणवत्ता है, वह कभी भी अपने बच्चे और अन्य बच्चों के बीच अंतर नहीं करती है, वह हमेशा अन्य बच्चों को भी प्यार और स्नेह देती है।
हमारे जीवन में माँ का महत्व
माँ बच्चे के लिए पहली शिक्षिका होती है जो जीवन की अच्छी या बुरी चीजों के बारे में सिखाती है। वह अपने बच्चे को भविष्य के संघर्ष के लिए तैयार करती है और उन्हें एक अच्छा इंसान बनने के लिए मार्गदर्शन करती है। वह इतनी दयालु है कि वह किसी भी गलत काम के लिए अपने बच्चे को आसानी से माफ कर देती है।
जैसे हम दुनिया में किसी भी अन्य दर्द के साथ माँ के प्रसव के दर्द की तुलना नहीं कर सकते हैं, उसी तरह हम दुनिया में किसी भी अन्य प्यार के साथ अपने बच्चे के प्रति माँ के स्नेह की तुलना नहीं कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
पूरी दुनिया में एक व्यक्ति का एक ही महत्व है यानी माँ। उसका वही सम्मान है चाहे आप किसी भी देश, किसी भी जाति या किसी भी धर्म के हों। हिंदी में, हमने हमेशा “पुत्र कुपुत्र हो सक्ता है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती” सुना। इसका अर्थ है “बेटा माँ के साथ कोई भी बुरा कर सकता है, लेकिन माँ अपने बच्चे के बारे में कभी भी गलत नहीं सोच सकती है” और यह हमेशा सच होता है।
माँ की ममता पर निबंध, Essay on Mother’s Love in hindi (400 शब्द)
माँ देखभाल, बलिदान या निस्वार्थता का पर्यायवाची है। अपने बच्चे के लिए माँ के प्यार की दुनिया के किसी भी प्यार से तुलना नहीं की जा सकती। एक बच्चे के लिए, माँ इतनी खास होती है कि उसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। एक बच्चे और मां के बीच का रिश्ता इतना मजबूत होता है कि कोई भी उसे तोड़ नहीं सकता।
माँ- हमारे जीवन का एक विशेष व्यक्ति:
जब एक बच्चा पैदा हुआ; यह वह माँ है जो अपने बच्चे की भावनाओं या आवश्यकताओं को आसानी से समझती है। वह अपनी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने बच्चे के आसपास हर पल बिताती है। बचपन से ही हमारी माँ हमें बताती है कि एक अच्छे इंसान के रूप में क्या गलत है और क्या सही है और हमें जीवन में अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। वह प्यार करती है और हमें बिना किसी लालच के परवाह करती है।
माँ हमेशा हमारी समस्याओं को समझती थी भले ही हम उसके साथ साझा न कर रहे हों। वह समस्या को दूर करने के लिए हम में आत्मविश्वास बढ़ाता है। वह हमेशा खुशी या दुख के दौरान हमारे साथ खड़ा रहता है। माताएं हमें खुश रखने के लिए बिना किसी शिकायत के चौबीसों घंटे काम करती हैं। वह हमेशा अपनी इच्छाओं को पूरा किए बिना अपने परिवार के सदस्यों के बारे में सोचती है।
ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना:
हमें हमेशा माताओं को अद्वितीय गुण देने के लिए धन्यवाद देना चाहिए जैसे देखभाल करना, मदद करने की प्रक्रति, बलिदान करना, क्षमा करना और हमेशा दूसरों को खुद के सामने रखना। एक माँ घर को घर में बदलती है और खुशी से रहने के लिए घर का वातावरण बनाती है। वह अपने बच्चे के लिए पहली शिक्षिका है और वह न केवल शैक्षणिक बल्कि व्यवहार पाठ भी पढ़ाती है।
माँ अपने पूरे जीवन में बिना छुट्टी के घर का प्रबंधन करती है। वह सुबह जल्दी उठती है और आधी रात तक घर के सारे काम बिना किसी शिकायत के करती है। अगर वह बीमार है तो भी वह शिकायत नहीं करती है और सभी काम करती है। उसने नौकरी करने के लिए कभी कोई पक्ष नहीं मांगा। वह हमेशा खुश रहती है और घर का माहौल जीवंत बनाती है ताकि जब कोई ऑफिस या दुकान से आए तो घर में सुकून महसूस करे।
निष्कर्ष
एक माँ होने के नाते यह अपने बच्चे के चरित्र को आकार देने और बनाए रखने की ज़िम्मेदारी लेती है। अगर कोई गलत काम करता है तो पूरी तरह से उसकी माँ पर आता है। अपने बच्चे को कोमल व्यक्ति के रूप में बनाने के लिए, एक माँ सभी अच्छे काम करती है जो वह कर सकती है। माँ का प्यार आपकी पूजा के आशीर्वाद की तरह है। उसे कभी चोट नहीं पहुंची वह वह है जो यदिअप बीमार होते हैं तो रात रात भर जागकर आपकी सेवा करती है।
माँ की ममता पर निबंध, 500 शब्द:
माँ, ईश्वर द्वारा मानव की अंतिम रचना केवल एक सामान्य महिला नहीं बल्कि अपने आप में एक सुपर महिला है। वह बिना किसी अपेक्षा के अपने पूरे जीवन में अपने बच्चे की परवाह करती है लेकिन बस एक ही उम्मीद होती है कि उसके बच्चे को सारी खुशियाँ मिले और उसके सपने सच हों।
माँ का प्यार: हार्दिक और अच्छा
एक माँ की खुशबू को उसके नए जन्मे बच्चे को आसानी से पहचाना जा सकता है। जन्म के बाद से एक बच्चे को उसकी माँ द्वारा देखा जा रहा है। बच्चे को सभी सुख प्रदान करने के लिए वह सभी जरूरतमंदों को करती है सभी माताएं दिल से पवित्र होती हैं और अपने बच्चे के जीवन में सभी सर्वोत्तम चीजें चाहती हैं चाहे वह कोई भी खिलौना, वस्त्र, शिक्षा और मूल्य हो।
माँ की परिभाषा कुछ ऐसी है जैसे प्यारी और मासूम, देखभाल और प्यार, अच्छी और गर्म। हर कोई जिसके पास माँ है वह दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति है क्योंकि वह जानता है कि उसे माँ का प्यार और उसका महत्व क्या है। एक माँ वह विशेष उपहार है जो एक व्यक्ति को सीधे भगवान द्वारा प्राप्त होता है।
यह केवल संबंध है जिसे किसी अन्य संबंध से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। कभी-कभी एक माँ अपने बच्चे के लिए अपने बेहतर भविष्य के लिए सख्त हो जाती है जो उसके गुस्से के पीछे छिपे प्यार को दर्शाता है। यह माँ के प्यार की एक और मिठास है।
हर दिन एक मातृ दिवस है:
हालांकि एक दिन मातृ दिवस मनाने के लिए निर्धारित किया गया है, लेकिन हमें इसे हर समय मनाने की आवश्यकता है क्योंकि उसके प्रयास अनमोल हैं जो हमें जीवन में एक सफल और सौम्य व्यक्ति बनने में मदद करते हैं। पूरे शब्द में कोई भी हमारे सच्चे शुभचिंतक नहीं हैं सिवाय हमारे माता-पिता के और माँ हृदय से हमारे साथ जुड़ी हुई हैं। वह हमें उन नैतिक मूल्यों को सिखाती है जो जीवन के सफर में हमेशा हमारी मदद करते हैं।
मातृत्व जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा है जो एक महिला के पास हो सकता है। यह बिना किसी वेतन के पूर्णकालिक नौकरी है लेकिन यह एक बच्चे के लिए बहुत मायने रखता है। माँ का प्यार एक ऐसी चीज़ है जिसे महसूस कर सकते हैं, माँ का प्यार भगवान के आशीर्वाद की तरह है, माँ का प्यार ही सब कुछ है। जो लोग अपनी मां के प्यार से बच जाते हैं वे वास्तव में बहुत दुर्भाग्यशाली होते हैं।
माँ के बिना ज़िन्दगी अधूरी है:
जैसा कि हम जानते हैं कि माता-पिता दोनों ही जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन माँ की भूमिका सर्वकालिक श्रेष्ठ होती है। वह सुबह जल्दी उठती है और आधी रात तक वह परिवार के सभी सदस्यों की जरूरतों को पूरा करती रहती है जिसमें घर के अन्य काम भी शामिल हैं। हमारे लिए माँ का प्यार एक बच्चे के लिए असीमित, बिना शर्त और अविस्मरणीय है जो उसे जीवन में आने वाली प्रत्येक कठिन परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देता है। माँ का प्यार इतना प्यारा होता है कि केवल उसके बच्चे की खुशी की इच्छा चाहे उसकी उम्र और उसके बच्चे की उम्र कोई भी हो।
हम एक बच्चे के रूप में हमेशा अपनी माँ को संभाले रखते हैं लेकिन उसके बिना हमारा जीवन बेकार हो जाता है। वह वह है जो हमेशा हम पर नज़र रखती है कि हम किसी बुरी आदत में शामिल न हों या किसी से परेशान न हों। पहला शिक्षक किसी भी बच्चे के लिए माँ होती है और अगर वह अपने मार्गदर्शन में जीवन के सबक सीखता है तो सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करने में कुछ भी उसे रोक नहीं सकता है।
माँ की ममता पर निबंध, long Essay on Mother’s Love in hindi (600 शब्द)
माँ का प्यार मीठा, मासूम, प्यार, देखभाल और कुछ समय चिंताओं से भरा होता है। यह सरल शब्द माँ ’अपने आप में इतनी शक्ति रखता है कि अगर किसी बच्चे को चोट लग जाए तो वह सभी दर्द को दूर कर सकता है। माँ का प्यार उस शक्ति को दर्शाता है जो बच्चे को सभी कठिनाइयों या कठिन परिस्थितियों से उबरने में मदद करती है। मैंने अपनी मां से विभिन्न तरीकों से प्रभावित किया है क्योंकि वह मेरे जीवन में एक दोस्त, एक साथी, एक संरक्षक और एक शिक्षक की तरह विभिन्न भूमिका निभाती है। आइए थोड़ा सा वर्णन करें:
एक दोस्त के रूप में माँ:
जन्म के बाद एक बच्चा अपनी माँ को पहले दोस्त के रूप में पाता है जो अतिरिक्त देखभाल और पोषण के साथ उसके साथ खेलता है। वह एक दोस्त के रूप में अपने बच्चे के साथ बातचीत करती है और अपने बच्चे की सभी गतिविधियों को देखती रहती है। एक माँ अपने बच्चे के साथ खेलते समय कभी भी थका हुआ महसूस नहीं करती है और हमेशा बिना सोचे समझे उसकी सभी मांगों को पूरा कर देती है। एक माँ अपने बच्चे के लिए एक परी की तरह होती है।
एक मेंटर के रूप में माँ
बिना किसी अपेक्षा के एक माँ अपने बच्चे की भलाई के लिए काम करती रहती है। वह एक माँ, एक शिक्षक, एक दोस्त, एक कार्यवाहक की तरह माँ सहित सभी भूमिकाएँ निभाती हैं। वह अपने बच्चे को इस दुनिया में किसी भी अन्य चीज से ज्यादा प्यार करती है, लेकिन जीवन में विभिन्न परिस्थितियों से लड़ने के लिए उसे सक्षम बनाने के लिए कभी-कभी वह अपने बच्चे के प्रति थोड़ा सख्त हो जाती है। उनका जीवन चुनौतियों से भरा है और हमें उनका हर मंच पर सामना करने की जरूरत है। माँ हमें वह शक्ति प्रदान करती है जिसके साथ हम उन्हें स्वीकार करने और सफलता पाने में सक्षम हो जाते हैं।
एक कार्यवाहक के रूप में माँ:
एक माँ हमेशा अपने बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ चाहती है और अपने बच्चे से संबंधित किसी भी चीज़ में कभी समझौता नहीं करती है। माता-पिता अपने बच्चे को किसी भी कठिन परिस्थिति से बचाते हैं और उसे वह सभी आराम प्रदान करते हैं जो वे वहन कर सकते हैं। माताओं का प्यार न केवल अपने बच्चे को लाड़ प्यार करना है, बल्कि अपने बच्चे को नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को जानने देना भी है।
किसी व्यक्ति का चरित्र उसकी परवरिश के स्तर को दर्शाता है जो पूरी तरह से उसकी माँ द्वारा सीखे गए पाठों पर निर्भर करता है। एक अच्छी परवरिश एक व्यक्ति का बेहतर भविष्य बनाती है और एक माँ अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छा भविष्य देने के लिए उत्कृष्ट कार्य करती है।
माँ एक महिला है और माँ की भूमिका पिता से अधिक महत्वपूर्ण होती है। वह एक घर को घर में परिवर्तित करती है; वह एक सुपरवुमन के रूप में काम करती है क्योंकि हाउस होल्ड का काम संभालना और समय पर परिवार के सभी सदस्यों की आवश्यकता को पूरा करना आसान काम नहीं है। अगर हम कामकाजी महिलाओं की तुलना में बात करते हैं, तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि वह एक साथ सभी चीजों का प्रबंधन कैसे करेगी।
मुझे अपनी मां पर गर्व है, जिन्होंने मुझे नौकरी करने के साथ-साथ घर का प्रबंधन भी ठीक से किया है।
एक माँ के रूप में माँ
माता का प्रेम शुद्ध और दिव्य है। माँ का प्यार एक ऐसी चीज़ है जो कभी नहीं मरता है यहाँ तक कि यह दिन पर दिन बढ़ता जाता है। माँ और बच्चे का यह रिश्ता भावनाओं से भरा है। इसमें कोई अपेक्षा नहीं और कोई मांग नहीं। वह हमें असीमित दर्द सहन करने के बाद जन्म देती है और जीवन भर देखभाल और प्यार से हमारा पालन-पोषण करती है।
आमतौर पर बड़े होने के बाद हम उसके सभी बलिदानों और प्रयासों को अनदेखा कर देते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ स्वार्थी लोग अपनी मां को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं जब वे बूढ़े हो जाते हैं। वे भूल जाते हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें स्थापित और सफल बनाने के लिए कितने प्रयास किए हैं।
माँ ईश्वर का एक अनमोल उपहार है जिसे हमें प्यार और देखभाल के साथ रखना चाहिए। जिन लोगों के पास माँ होती है वे बहुत भाग्यशाली होते हैं। वह शुद्ध मन और पूरी निष्ठा के साथ मातृत्व का काम करती है। यह कहना बहुत आम है कि ‘माँ आप समझती नहीं हो’ लेकिन वास्तव में माँ अपने बच्चे के बारे में एक-एक बात जानती है। माता-पिता का स्तर ईश्वर के बराबर है और इस तरह से आपकी माँ का सम्मान हमेशा करना चाहिए।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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Essay on mother in hindi माँ पर निबंध.
Essay on mother in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए माँ पर निबंध। You can get questions like meri maa nibandh , essay on maa in Hindi, meri maa essay in Hindi, maa ki mamta essay in Hindi and maa par nibandh . Learn 10 lines on my mother in Hindi along with speech on mother in Hindi language. Read information about Essay on Mother in Hindi for class 5. Read essay on my mother in Hindi also.
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Essay on Mother in Hindi
Essay on My Mother in Hindi 100 Words
मेरी माँ का नाम मानसी है। मेरी माँ सबसे अच्छी है। वो मुझसे बहुत प्यार करती है। वो सुबह सबसे पहले उठ जाती है और सबके लिए स्वादिस्ट खाना बनती है। वो घर में सबका ध्यान रखती है।
वो मेरी गुरु भी है जिससे मुझे शिक्षा मिलती है, जिससे मैं एक अच्छा इंसान बन सकू। मेरी माँ मेरी आदर्श है। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। मैं अपनी माँ को बहुत प्यार करती हूँ। मेरी माँ ईश्वर द्वारा दिया गया वरदान है। मैं भगवान का धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने मुझे सबसे अच्छी माँ दी।
Essay on My Mother in Hindi 150 Words
मेरी माँ का नाम आरती है। वह बहुतही प्यारी और हसमुख है। मेरी माँ हर सुबह सबसे पहले उठ जाती है। वह घर में सबके लिए स्वादिष्ट खाना पकाती है। मेरी माँ हर रोज मुझे स्कूल जाने के लिये तैयार करती है। पढाई के साथ साथ वह मुझे सही मार्ग पर चलने की सिख भी देती है। मेरी माँ हमारे पूरे परिवार का अच्छा ख्याल रखती है। वह परिवार की खुशी में ही अपनी खुशी मानती है। अगर कभी मैं बीमार पड़ती हूँ तो वह रात भर जागती है और भगवान से मेरे ठीक होने की प्रार्थना करती है।
मेरी माँ मेरी अच्छी दोस्त भी है। अगर कभी मैं दुखी हो जाऊं तो वह प्यारी बातें बताकर मेरे चेहरे पर मुस्कराहट लाती है। मैं अपनी माँ से बहत प्यार करती हूँ और अपने आप को भाग्यशाली समझती हूँ की भगवान ने मुझे इतनी प्यारी माँ दी है।
Essay on Mother in Hindi 300 Words
“माँ और बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता, पूत कपूत सुने है पर न सुनी कुमाता” ये वाक्य ही हमें माँ के बारे में बता देता है.
मेरी माँ बहुत सुन्दर है और हमारे जीवन में देखभाल करती है। वह हर समय हमारी जरूरतों की देखरेख करती है। वह बहुत ही सीधी सादी है। वह सवेरे जल्दी उठ जाती है। वह स्नान करके भगवान से प्रार्थना करती है। वह बहुत ही सक्रिय है। वह हमेशा खुश रहती है। वह सुबह हमें आवाज देकर बिस्तरे से उठाती है और रात को सुन्दर कहानियॉ सुनाती है। वह हमें स्कूल जाने के लिए तैयार करती है और हमें बढिया नाश्ता देती है। वह हमारे लिये खाना बनाने में ज्यादातर समय व्यतीत करती है। वह दोपहर का खाना भी देती है। हमारे घर में हमारे रिश्तेदार और दोस्त आते है वह उनके लिये भी खाना बनाती है। वह हमारी सारी जरूरतों में हमारा ध्यान रखती है जैसे कि वह पढाई में हमारी मदद करती है। वह हमारी पढ़ाई में हमारी मदद भी करती है। वह हमारे स्कूल का काम करने में हमारी मदद करती है।
मेरी माँ एक बहुत व्यस्त महिला है। वह सारे घर का काम देखती है। वह हमारे कपडे भी घोती है। मैं घर के काम में अपनी माँ का हाथ बटाता हूँ। जब भी हमारे यहाँ मेहमान या रिश्तेदार आते है तब मैं भी घर के काम में अपनी माँ का हाथ बटाता हूँ और जब भी मेहमान या रिश्तेदार वापस चले जाते है, तो उनके साथ सारा सामान सही जगह में रखने में मदद करता हूँ।
माँ अपने बच्चे से बहुत प्यार करती है मगर जब उन्हें पता चलता है की बच्चा गलत रास्ते पर चल रहा है तो माँ एक गुरु की तरह उसे अपने पास बुला कर प्यार से समझाती है और अगर बच्चा न समझे तो जरूरत पड़ने पर उसे दो हाथ भी लगा देती है।
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मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi)
मदर टेरेसा एक महान महिला और “एक महिला, एक मिशन” के रुप में थी जिन्होंने दुनिया बदलने के लिये एक बड़ा कदम उठाया था। उनका जन्म मेसेडोनिया में 26 अगस्त 1910 में अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से हुआ था। 18 वर्ष की उम्र में वो कोलकाता आयी थी और गरीब लोगों की सेवा करने के अपने जीवन के मिशन को जारी रखा। कुष्ठरोग से पीड़ित कोलकाता के गरीब लोगों की उन्होंने खूब मदद की। उन्होंने उनको आश्वस्त किया कि ये संक्रामक रोग नहीं है और किसी भी दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकता। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।
मदर टेरेसा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mother Teresa in Hindi, Mother Teresa par Nibandh Hindi mein)
निबंध 1 (250 शब्द).
मदर टेरेसा एक महान महिला थी जिनको हमेशा उनके अद्भुत कार्यों और उपलब्धियों के लिये पूरे विश्वभर के लोगों द्वारा प्रशंसा और सम्मान दिया जाता है। वो एक ऐसी महिला थी जिन्होंने उनके जीवन में असंभव कार्य करने के लिये बहुत सारे लोगों को प्रेरित किया है। वो हमेशा हम सभी के लिये प्रेरणास्रोत रहेंगी। महान मनावता लिये हुए ये दुनिया अच्छे लोगों से भरी हुयी है लेकिन हरेक को आगे बढ़ने के लिये एक प्रेरणा की जरुरत होती है। मदर टेरेसा एक अनोखी इंसान थी जो भीड़ से अलग खड़ी दिखाई देती थी।
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में हुआ था। जन्म के बाद उनका वास्तविक नाम अग्नेसे गोंकशे बोजाशियु था लेकिन अपने महान कार्यों और जीवन में मिली उपलब्धियों के बाद विश्व उन्हें एक नये नाम मदर टेरेसा के रुप में जानने लगा। उन्होंने एक माँ की तरह अपना सारा जीवन गरीब और बीमार लोगों की सेवा में लगा दिया।
वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। वो अपने माता-पिता के दान-परोपकार से अत्यधिक प्रेरित थी जो हमेशा समाज में जरुरतमंद लोगों की सहायता करते थे। उनकी माँ एक साधारण गृहिणी थी जबकि पिता एक व्यापारी थे। राजनीति में जुड़ने के कारण उनके पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी। ऐसी स्थिति में, उनके परिवार के जीवनयापन के लिये चर्च बहुत ही महत्वपूर्ण बना।
18 वर्ष की उम्र में उनको महसूस हुआ कि धार्मिक जीवन की ओर से उनके लिये बुलावा आया है और उसके बाद उन्होंने डुबलिन के लौरेटो सिस्टर से जुड़ गयी। इस तरह से गरीब लोगों की मदद के लिये उन्होंने अपने धार्मिक जीवन की शुरुआत की। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।
निबंध 2 (300 शब्द)
मदर टेरेसा एक बहुत ही धार्मिक और प्रसिद्ध महिला थी जो “गटरों की संत” के रुप में भी जानी जाती थी। वो पूरी दुनिया की एक महान शख्सियत थी। भारतीय समाज के जरुरतमंद और गरीब लोगों के लिये पूरी निष्ठा और प्यार के परोपकारी सेवा को उपलब्ध कराने के द्वारा एक सच्ची माँ के रुप में हमारे सामने अपने पूरे जीवन को प्रदर्शित किया। उन्हें “हमारे समय की संत” या “फरिश्ता” या “अंधेरे की दुनिया में एक प्रकाश” के रुप में भी जनसाधारण द्वारा जाना जाता है। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।
उनका जन्म के समय अग्नेसे गोंकशे बोज़ाशियु नाम था जो बाद में अपने महान कार्यों और जीवन की उपलब्धियों के बाद मदर टेरेसा के रुप में प्रसिद्ध हुयी। एक धार्मिक कैथोलिक परिवार में मेसेडोनिया के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 को उनका जन्म हुआ था। अपने शुरुआती समय में मदर टेरेसा ने नन बनने का फैसला कर लिया था। 1928 में वो एक आश्रम से जुड़ गयी और उसके बाद भारत आयीं (दार्जिलिंग और उसके बाद कोलकाता)।
एक बार, वो अपने किसी दौरे से लौट रही थी, वो स्तंभित हो गयी और उनका दिल टूट गया जब उन्होंने कोलकाता के एक झोपड़-पट्टी के लोगों का दुख देखा। उस घटना ने उन्हें बहुत विचलित कर दिया था और इससे कई रातों तक वो सो नहीं पाई थीं। उन्होंने झोपड़-पट्टी में दुख झेल रहे लोगों को सुखी करने के तरीकों के बारे में सोचना शुरु कर दिया। अपने सामाजिक प्रतिबंधों के बारे में उन्हें अच्छे से पता था इसलिये सही पथ-प्रदर्शन और दिशा के लिये वो ईश्वर से प्रार्थना करने लगी।
10 सितंबर 1937 को दार्जिलिंग जाने के रास्ते पर ईश्वर से मदर टेरेसा को एक संदेश (आश्रम छोड़ने के लिये और जरुरतमंद लोगों की मदद करें) मिला था। उसके बाद उन्होंने कभी-भी पीछे मुड़ के नहीं देखा और गरीब लोगों की मदद करने की शुरुआत कर दी। एक साधारण नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी को पहनने के लिये को उन्होंने चुना। जल्द ही, निर्धन समुदाय के पीड़ित व्यक्तियों के लिये एक दयालु मदद को उपलब्ध कराने के लिये युवा लड़कियाँ उनके समूह से जुड़ने लगी। मदर टेरेसा सिस्टर्स की एक समर्पित समूह बनाने की योजना बना रही थी जो किसी भी परिस्थिति में गरीबों की सेवा के लिये हमेशा तैयार रहेगा। समर्पित सिस्टरों के समूह को बाद में “मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी” के रुप में जाना गया।
निबंध 3 (400 शब्द)
मदर टेरेसा एक महान व्यक्तित्व थी जिन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया। वो पूरी दुनिया में अपने अच्छे कार्यों के लिये प्रसिद्ध हैं। वो हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी क्योंकि वो एक सच्ची माँ की तरह थीं। वो एक महान किंवदंती थी तथा हमारे समय की सहानुभूति और सेवा की प्रतीक के रुप में पहचानी जाती हैं। वो एक नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी पहनना पसंद करती थीं। वो हमेशा खुद को ईश्वर की समर्पित सेवक मानती थी जिसको धरती पर झोपड़-पट्टी समाज के गरीब, असहाय और पीड़ित लोगों की सेवा के लिये भेजा गया था। उनके चेहरे पर हमेशा एक उदार मुस्कुराहट रहती थी।
उनका जन्म मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 में हुआ था और अग्नेसे ओंकशे बोजाशियु के रुप में उनके अभिवावकों के द्वारा जन्म के समय उनका नाम रखा गया था। वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। कम उम्र में उनके पिता की मृत्यु के बाद बुरी आर्थिक स्थिति के खिलाफ उनके पूरे परिवार ने बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने चर्च में चैरिटी के कार्यों में अपने माँ की मदद करनी शुरु कर दी थी। वो ईश्वर पर गहरी आस्था, विश्वास और भरोसा रखनो वाली महिला थी। मदर टेरेसा अपने शुरुआती जीवन से ही अपने जीवन में पायी और खोयी सभी चीजों के लिये ईश्वर का धन्यवाद करती थी। बहुत कम उम्र में उन्होंने नन बनने का फैसला कर लिया और जल्द ही आयरलैंड में लैरेटो ऑफ नन से जुड़ गयी। अपने बाद के जीवन में उन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक शिक्षक के रुप में कई वर्षों तक सेवा की।
दार्जिलिंग के नवशिक्षित लौरेटो में एक आरंभक के रुप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की जहाँ मदर टेरेसा ने अंग्रेजी और बंगाली (भारतीय भाषा के रुप में) का चयन सीखने के लिये किया इस वजह से उन्हें बंगाली टेरेसा भी कहा जाता है। दुबारा वो कोलकाता लौटी जहाँ भूगोल की शिक्षिका के रुप में सेंट मैरी स्कूल में पढ़ाया। एक बार, जब वो अपने रास्ते में थी, उन्होंने मोतीझील झोपड़-पट्टी में रहने वाले लोगों की बुरी स्थिति पर ध्यान दिया। ट्रेन के द्वारा दार्जिलिंग के उनके रास्ते में ईश्वर से उन्हें एक संदेश मिला, कि जरुरतमंद लोगों की मदद करो। जल्द ही, उन्होंने आश्रम को छोड़ा और उस झोपड़-पट्टी के गरीब लोगों की मदद करनी शुरु कर दी। एक यूरोपियन महिला होने के बावजूद, वो एक हमेशा बेहद सस्ती साड़ी पहनती थी।
अपने शिक्षिका जीवन के शुरुआती समय में, उन्होंने कुछ गरीब बच्चों को इकट्ठा किया और एक छड़ी से जमीन पर बंगाली अक्षर लिखने की शुरुआत की। जल्द ही उन्हें अपनी महान सेवा के लिये कुछ शिक्षकों द्वारा प्रोत्साहित किया जाने लगा और उन्हें एक ब्लैकबोर्ड और कुर्सी उपलब्ध करायी गयी। जल्द ही, स्कूल एक सच्चाई बन गई। बाद में, एक चिकित्सालय और एक शांतिपूर्ण घर की स्थापना की जहाँ गरीब अपना इलाज करा सकें और रह सकें। अपने महान कार्यों के लिये जल्द ही वो गरीबों के बीच में मसीहा के रुप में प्रसिद्ध हो गयीं। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में संत की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।
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माता पिता भगवान की दिए हुए सबसे अनमोल उपहार है। माता पिता का स्थान हर व्यक्ति के जीवन में भगवान से भी पहले आता है और यह पूजनीय है। माता पिता का प्यार निस्वार्थ होता है और वह हमारी खुशियों के लिए अपनी खुशियों को त्याग देते हैं। बच्चे चाहे कितने भी बड़े हो जाए पर वह माँ बाप के लिए हमेशा छोटे ही रहते हैं। दुनिया का कोई भी रिश्ता झूठा हो सकता है लेकिन माँ बाप का रिश्ता हमेशा सच्चा होता है। माता पिता हमेशा अपने बच्चों को सफल होते हुए देखना चाहते हैं और उनकी जरूरतें पूरी करते हैं।
माता पिता दिन रात हमारे लिए कार्य करते हैं और हर मुसीबत को हमारे तक आने से पहले ही रोक देते हैं। माता पिता का अपने बच्चों के साथ एक पवित्र रिश्ता होता है। सिर्फ माता पिता ही होते हैं जो हमें जीवन देते हैं और अच्छे संस्कारों से सींचते हैं। हमारे जन्म से लेकर उनकी मृत्यु तक वह हर कदम पर हमारे साथ होते हैं। वह हमें संस्कार देकर इस समाज में रहने योग्य बनाते हैं और हमारा सही मार्गदर्शन करते हैं। माता पिता की ममता और त्याग का कर्ज हम कभी नहीं चुका सकते हैं पर हमें भी उन्हें खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए। आधुनिक समय में लोग माता पिता के महत्व को भूलते जा रहे हैं और उनसे सही तरीके से बात भी नहीं करते हैं। बच्चे बड़े होते माँ बाप का प्यार भूल जाते हैं और उन्हें वृदाश्रम छोड़ आते हैं जो कि बहुत गलत है।
माता पिता का निरादर भगवान के निरादर के समान हैं। हमें अपने माता पिता का कहना मानना चाहिए और उन्हें खुश रखना है। माता पिता अद्वितीय है उनके समान दुनिया में दुसरा कोई भी नहीं है। हमें हमेशा अपने माता पिता का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह जीवन में सिर्फ एक बार ही मिलते हैं।
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Short and Long Essay on Hindi Diwas
- Updated on
- Sep 12, 2024
Have you ever heard of the Hindi Diwas? This day holds significance in the Indian calendar. Hindi is one of the most commonly spoken languages in India. This language is honoured with an annual celebration known as ‘Hindi Diwas’ or ‘Hindi Day’ on September 14th in India. On the global platform, World Hindi Day is celebrated on 10 January every year. In this blog, we will look at some sample essays on Hindi Diwas, as well as a few facts about it. Continue reading this blog to learn more.
Table of Contents
- 1 Long Essay on Hindi Diwas (500 words)
- 2 Short Essay on Hindi Diwas (250 words)
- 3 Facts About Hindi Diwas
Long Essay on Hindi Diwas (500 words)
Hindi Diwas is celebrated every year on September 14th. On this day in 1949, the Constituent Assembly of India adopted Hindi in the Devnagari script as the official language of independent India. The decision to make Hindi the official language of India originated from an aim to create a language that could be used as a medium of communication across multiple regions. Hindi’s historical roots are in Sanskrit, making it important to the majority of the Indian population.
However, this decision also faced severe opposition Several southern states have expressed concern about Hindi dominance, believing that it will marginalise their native languages. As a result, English was chosen as an associate official language, alongside Hindi. Hindi Diwas serves a various purpose, such as honouring the richness of the Hindi language, as one of the most spoken languages in the world. More than 40% of India’s population speaks Hindi, making it an important tool for communication. Celebrating Hindi Diwas honours the language’s cultural and historical significance, reminding people of its role in Indian identity and legacy.
Hindi Diwas also promotes the use of Hindi in everyday activities while focusing on the need to preserve and promote national heritage. Several government departments, educational institutions and cultural organisations organise events to promote the use of Hindi in writing, speaking and administration. Hindi Diwas is an effort to inspire the new generation to respect this language. In an era dominated by global languages like English, it is important to seek pride in our country’s language. Hindi Diwas motivates and promotes people to reconnect with their linguistic heritage. On this day, several schools and universities organise essay writing competitions and cultural programs in Hindi to encourage the use of the language.
Hindi is a widely spoken language, but its future in a globalised world offers both challenges and opportunities. Globalisation has resulted in a greater use of English, while Hindi continues to flourish in literature, cinema, television and digital media. In recent years, several initiatives have been made to promote Hindi on a global level. Many countries currently teach Hindi as a subject in their educational institutions, showing an effort to keep the language alive.
Hindi Diwas is a day dedicated to celebrating the rich cultural legacy of the Hindi language. In a multilingual country like India, Hindi continues to link millions and maintain a feeling of national identity.
Also Read: Essay on Indian Independence Day in English
Short Essay on Hindi Diwas (250 words)
Hindi Diwas is celebrated on September 14th to remember the day it was adopted as India’s official language. Hindi which is written in the Devanagari script, was recognised as the official language of India in 1949 due to its widespread use all over India. The decision to declare Hindi as the official language was made in order to promote unity and national identity.
Hindi Diwas is an important event in the calendar of India since it promotes the use and preservation of the Hindi language. More than 40% of India’s population speaks Hindi, highlighting the language’s cultural richness. Hindi is a Sanskrit-based language written in the Devanagari script. This day celebrates the richness of Hindi across schools, colleges and government institutions. Various schools and colleges organise essay competitions, debates and cultural performances in Hindi to encourage future generations to respect the language.
However, Hindi has faced challenges when achieving the status of official language, especially in non-Hindi-speaking states. People were concerned that Hindi would dominate their native language, which sparked opposition. As a result, English was also designated as an associate official language, along with Hindi. It established a balance between regional and national languages. Hindi Diwas is a celebration of India’s linguistic diversity as well as a reminder of the language’s cultural and historical importance.
Also Read: Essay on Women’s Day in 200 and 500 words
Facts About Hindi Diwas
Here we have given some interesting facts about the Hindi Diwas which will enhance your understanding more on this topic.
- Hindi Diwas is celebrated annually on September 14th to honour the contributions of Beohar Rajendra Simha, a Hindi scholar whose birthday falls on this day. He played an important role in making Hindi the official language of India.
- On Hindi Diwas, the President of India gives Rajbhasha Awards to ministries for their outstanding efforts to promote Hindi.
- Hindi is spoken in various countries around the world, including Nepal, Mauritius, Fiji, Suriname, Guyana and Trinidad and Tobago.
- Hindi is the world’s third most spoken language, following English and Mandarin.
- The first World Hindi Conference was held on January 10, 1975, in Nagpur, India.
- Hindi has a major influence on the Bollywood legacy.
- Hindi is the official language of 12 Indian states and union territories.
- Hindi has various dialects in different parts of India. Some of these dialects include Bhojpuri, Awadhi, Braj, Haryanvi and Khari Boli.
- The first Hindi newspaper, Udant Martand (The Rising Sun), was published on May 30, 1826, in Calcutta.
- Several foreign universities, including Oxford, Cambridge, Harvard and Tokyo University, offer Hindi language courses.
World Hindi Day is celebrated on 10th January every year. It promotes and recognizes the Hindi language on a global level.
The first Hindi newspaper was Udant Martand (The Rising Sun), which was published on May 30, 1826.
Beohar Rajendra Simha was a Hindi scholar who played a key role in recognizing Hindi as the official language. To honour him, we celebrate Hindi DIwas on his birthday on 14th September.
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Bhumika Sharma
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भारत पर निबंध (Essay On India In Hindi)
In this Article
भारत पर 10 लाइन (10 Lines On India In Hindi)
भारत पर निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on india in hindi 200-300 words), भारत पर निबंध 400-600 शब्दों में (essay on india in hindi 400-600 words), भारत के बारे में रोचक तथ्य (interesting facts about india in hindi), भारत के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है (what will your child learn from india essay), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).
दुनिया भर में कुल 195 देश हैं, लेकिन भारत की बात बाकी सबसे अलग है। यह अपनी विविधताओं के लिए पूरे विश्व में मशहूर है। भारत को प्राचीन समय में सोने की चिड़िया भी कहा जाता था लेकिन बाहरी देशों के कई हमलों और लूट-पाट की वजह से हिंदुस्तान ने अपनी मूल्यवान वस्तुएं और धरोहर खो दीं। इतना कुछ सहन करने के बाद भी विश्व भर में भारत अपनी संस्कृति, भाषाओं, प्राकृतिक सुंदरता, त्योहारों आदि से सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस देश की आजादी के लिए कई महान क्रांतिकारियों और सैनिकों ने अपनी जान दी है और आज भी सच्चे देश भक्त यह करने के लिए हमेशा तैयार रहते है। भारत को ज्ञान का सागर भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर कई आश्चर्यजनक विषयों के बारे में जानकारी मिलती है। भारत, दुनिया के पटल पर अपना एक अलग ही स्थान रखता है। यहाँ हर धर्म, जाति, संस्कृति को अहमियत दी जाती है। यहां के वासियों के बीच हमें एकता देखने को मिलती है। भारत दुनिया के सबसे बड़े महाद्वीप एशिया का हिस्सा है और क्षेत्रफल में सातवां सबसे बड़ा देश है। यहाँ कई भाषाओं का उपयोग होता है लेकिन हिंदी यहाँ की राजभाषा है। अगर आपको अपने बच्चे के लिए भारत पर निबंध की तलाश है तो इस लेख को जरूर पढ़ें।
भारत जिसे हिन्दुस्तान भी कहा जाता रहा है, दुनिया के सबसे पुराने देशों में से एक है और यहाँ का इतिहास और विविधता से भरी संस्कृति और परंपराएं लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि आपको भी इसके बारे में जानना है तो नीचे दी है 10 लाइनों को पढ़ें और इसकी महत्ता को समझें।
- भारत क्षेत्रफल में दुनिया का 7वां सबसे बड़ा देश है।
- भारत जनसंख्या के अनुसार विश्व का सबसे बड़ा है।
- भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ हर धर्म, संस्कृति, जाति और भाषा का सम्मान होता है।
- यह अपनी विविध संस्कृति और इतिहास के लिए जाना जाता है।
- भारत की कुल आबादी लगभग 140 करोड़ के आस-पास है।
- इस देश में कई महान क्रांतिकारियों, नेताओं और कलाकारों ने जन्म लिया है।
- भारत अपने कई प्रकार के व्यंजनों, त्योहारों, नृत्यों आदि के लिए दुनिया भर में मशहूर है।
- 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों के राज से हमेशा के लिए आजादी हासिल हुई थी।
- यहाँ कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं।
- भारत का राष्ट्रीय झंडा ‘तिरंगा’ केसरिया, सफेद और हरे रंगों से बना है जिसमें बीच में ‘अशोक चक्र’ है।
भारत एक विशाल देश है जिसमें आपको कई संस्कृतियों और परंपराओं का मिश्रण मिलेगा। यहाँ के लोगों की पहचान उनके कपड़ों से नहीं बल्कि संस्कारों से की जाती है। यदि भारत को और बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं तो यह कम शब्दों का निबंध जरूर पढ़ें और अपने बच्चे को भी पढ़ाएं ताकि उसे भारत के इतिहास, भूगोल आदि का ज्ञान हो।
भारत दुनिया का एक महत्वपूर्ण देश है, जो कि क्षेत्रफल के अनुसार बड़े देशों में सातवें स्थान पर आता है। वहीं जनसंख्या के अनुसार विश्व में भारत का स्थान पहला है। भारत का इतिहास, भूगोल, संस्कृति इतनी पुरानी और विशिष्ट हैं कि इस वजह से पूरे विश्व में इसकी चर्चा बनी रहती है। सबसे पहले यह एक लोकतांत्रिक देश है, मतलब यहाँ की सरकार जनता द्वारा, जनता के लिए बनाई जाती है। बिना जनता के सरकार का निर्माण नामुमकिन है। देश की जनता अपना नेता खुद अपनी मर्जी से वोट देकर चुनती है। बात अगर इसकी संस्कृति और परंपराओं कि की जाए तो यहाँ कई प्रकार की चीजें आपको देखने को मिलेंगी। यह विभिन्न प्रकार के धर्म, परंपरा, संस्कृति और भाषाओं का देश है। यहाँ हर धर्म, समुदाय और जाति के लोग साथ मिलकर रहते हैं। आप जिस भी धर्म के हों, जो भाषा बोलते हों या फिर जो कपड़े पहनते हों, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। यहाँ तक कि लोग एक दूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं। यहाँ एक ही समाज में सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं। इसकी आबादी लगभग 140 करोड़ तक पहुंच गई है। भारत जब अंग्रेजों के शासन में था, तो उसने कई तरह के संघर्ष देखे। लेकिन हमारे देश के बहादुर क्रांतिकारियों की मेहनत रंग लाई और उसे 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली। आजादी के बाद भारत को अपना झंडा तिरंगा मिला जो कि केसरिया, सफेद और हरे रंग में रंगा है और उसके बीच में नीले रंग का अशोक चक्र है, जिसमें 24 तीलियां होती हैं। धीरे-धीरे देश का विकास होता गया है और लोग आधुनिक बन गए।
भारत अपनी विविधताओं के लिए जाना जाता है, जैसे कि अलग-अलग भाषाएं, संस्कृति, खाना, धर्म, जाति आदि। इसके बारे में जानने के लिए आपको इसकी गहराई तक जाना पड़ेगा क्योंकि अभी से नहीं बल्कि प्राचीन समय से भारत अपनी संस्कृति और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। नीचे भारत के बारे में एक लॉन्ग एस्से लिखा गया है, जिसकी मदद से आप इसके बारे में काफी अधिक जानकारी हासिल कर सकेंगे। यदि आपके बच्चे को अपने देश भारत पर एक निबंध लिखना है, तो ये काफी फायदेमंद साबित होगा।
भारत की कहानी
भारत प्राचीन समय में सोने की चिड़िया कहा जाता था। इसकी संपन्नता की कहानियां सुनकर कई विदेशी आक्रमणकारी इसे लूटने के उद्देश्य से यहां आए। शक, कुषाण, हूण, अरब, फारसी, यूनानी और अंग्रेज ऐसे ही लोग थे। इनमें से कइयों ने अलग-अलग समय पर देश के विभिन्न हिस्सों पर राज भी किया। भारत 200 सालों तक अंग्रेजी शासन का गुलाम रहा। 15 अगस्त 1947 को भारत को इस गुलामी से आजादी मिली थी। लेकिन यह स्वतंत्रता पाना इतना आसान नहीं था जितना इसे लिखना आसान है। इस आजादी की लड़ाई में कई संघर्ष और युद्ध शामिल हैं। अपनी भारत माँ को अंग्रेजों की कैद से आजाद करने के लिए कई महान क्रांतिकारियों ने बहुत मेहनत की है और कई सच्चे देश भक्त आजादी की इस लड़ाई में अपनी जान गवां बैठे हैं। जिस आजादी की खुशी आज देशवासी मनाते हैं, उसकी लड़ाई 100 सालों तक चली थी। इस लड़ाई में शामिल हर शख्स का बलिदान लोग आज भी याद करते हैं और उन शहीदों के सम्मान के लिए कई कहानियों, शायरी, कविताओं में उनका वर्णन करते हैं। कई महान और प्रसिद्ध लोगों जिनमें महात्मा गाँधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, लोकमान्य तिलक, उधम सिंह जैसे न जाने कितने ही क्रांतिकारी शामिल थे, जिनकी मिसालें आज भी दी जाती हैं।
भारत एक लोकतांत्रिक देश
हिंदुस्तान दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, यहाँ की सरकार देश की जनता द्वारा चुनी जाती है। यहाँ पर पूरी तरह से जनता का राज चलता है। क्योंकि इसका स्लोगन है, ‘सरकार लोगों की, लोगों द्वारा, लोगों के लिए। इसका मतलब बिना जनता के देश का चलना नामुमकिन है। दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव भारत में होता है और अन्य देशों में इसकी काफी प्रशंसा भी होती है। भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र-शासित प्रदेश है। हिंदुस्तान की सेना दुनिया दूसरी सबसे बड़ी सेना है। भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान, नेपाल, चीन, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार व अफगानिस्तान शामिल हैं।
भारतीय संस्कृति और परंपरा
दुनिया भर में भारत अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए बेहद प्रसिद्ध है। यहां हर धर्म, जाति, कपड़ों, त्योहारों, भाषा, खाना आदि का अपना अलग मूल्य है। यह प्रथा आज से नहीं सालों से चली आ रही है। भारत एक शांति भरा देश है जहां अलग-अलग धर्म और जाति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। चाहे आप किसी भी धर्म से हों लेकिन लोगों के बीच एकता साफ झलकती है। हिन्दू धर्म में दिवाली, होली का जितना महत्व होता है उतना ही इस्लाम में ईद, बकरीद, ईसाई धर्म में क्रिसमस, सिख में लोहड़ी आदि का महत्व रहता है, इसी तरह हर धर्म के भगवान का अपना अलग महत्व है। यदि यहाँ एक समाज में विभिन्न धर्म के लोग रहते हैं तो वे एक-दूसरे के साथ मिलकर एक दूसरे के त्योहारों को मनाते है। यहाँ के लोगों को मिलजुल कर रहना पसंद होता है। सिर्फ धर्म ही नहीं बल्कि हर जाति के लोग भी साथ में रहते हैं। यहाँ विभिन्न प्रकार की भाषा, खाने के व्यंजन, कपड़े आदि के साथ लोग दिखाई देंगे लेकिन सब एक ही समाज में बिना किसी मनमुटाव के खुशी-खुशी रहना पसंद करते हैं।
भारत की विशेषता
हिंदुस्तान की संस्कृति को विश्व में सबसे विविधता भरी और समृद्ध संस्कृति कहा जाता है। हम चाहे जिस भी धर्म, जाति के हों, अलग भाषा बोलते हों या अलग खाना खाते, अलग कपड़े पहनते हों, ये सभी चीजें हमारे बीच कभी भी मतभेद पैदा नहीं करती हैं। दुनिया में भारतीय पाक शैली और मसाले, साडी, घाघरा, धोती और पगड़ी जैसे पहनावे, योग, आयुर्वेद और शास्त्रीय संगीत व नृत्य परंपराएं कहीं और देखने को नहीं मिलतीं। इसके अलावा भारत प्राकृतिक रूप से भी एक खूबसूरत देश है। बर्फ से लदा हिमालय, लंबे समुद्र तट, घने जंगल, थार का रेगिस्तान और कच्छ का रण भारत को बाकी सबसे अलग बनाते हैं। इसके साथ ही यहाँ सैकड़ों सालों से अपना अस्तित्व दिखते विशाल किले, मंदिर और अन्य इमारतें विश्व भर में मशहूर हैं। इन सभी चीजों को देखने दुनिया भर से सैकड़ों पर्यटक आते हैं और भारत की विविधता में सुंदरता का दीदार करते हैं।
- भारत विश्व के 4 प्रमुख धर्मों की जन्मस्थली है – हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख।
- विश्व की ज्यादातर भाषाओं की जननी संस्कृत भारत में 5000 सालों से बोली जाती रही है।
- शतरंज, बैडमिंटन, कबड्डी, खो-खो, मार्शल आर्ट, पोलो, लूडो और सांप-सीढ़ी जैसे खेलों की शुरुआत भारत में ही हुई।
- हीरे की खोज करने वाला भारत पहला देश था।
- भारत में आधिकारिक रूप से कुल 22 भाषाओं को मान्यता मिली है।
- भारत में अधिकतर लोग चम्मच के बजाय हाथ से खाना खाना पसंद करते हैं।
इस निबंध के माध्यम से हमने भारत की संस्कृति और विशेषताओं की चर्चा की है और यदि ये जानकारियां आपको पसंद आई या आपके बच्चे के लिए अच्छी हैं तो उसे यह निबंध एक बार जरूर पढ़ाएं। इससे बच्चे को भारत के बारे में कई मूल्य जानकारियां हासिल होंगी।आप इस लेख को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी साझा कर सकते हैं।
1. भारत में क्षेत्रफल के अनुसार सबसे बड़ा राज्य कौन सा है?
भारत में क्षेत्रफल के अनुसार सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है।
2. विश्व में सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय कौन से माने जाते हैं?
नालंदा और तक्षशिला विश्व में सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय माने जाते हैं।
3. भारत में सबसे अधिक शिक्षित लोगों का राज्य कौन सा है?
केरल, भारत में सबसे अधिक शिक्षित लोगों का राज्य है। यहाँ के लगभग 91.58% लोग पढ़े-लिखे हैं।
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Hindi Diwas Essay: स्कूल में लिखने के लिए सबसे अच्छा है हिंदी दिवस का यह निबंध, बच्चों को जरूर पढ़ना चाहिए एकबार
Hindi diwas short essay: बच्चों को विद्यालय के लिए हिंदी दिवस का निबंध लिखना हो या भाषण तैयार करना हो, यहां दिया लेख बच्चों के बेहद काम आएगा. .
Hindi Diwas 2024: हर साल 14 सितंबर के दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर स्कूलों और शैक्षिक संस्थानों समेत हिंदी भाषी कामकाजी क्षेत्रों में भी इस दिन को मनाया जाता है. हिंदी दिवस के मौके पर विद्यालयों में खासतौर से बच्चों के बीच तरह-तरह की प्रतियोगिताएं करवाई जाती हैं. बच्चों को हिंदी के लेख (Hindi Essay) लिखने के लिए कहा जाता है, कविताएं पढ़ी व सुनाई जाती हैं और हिंदी के महत्व पर बात होती है. ऐसे में यहां पढ़िए हिंदी दिवस का ऐसा निबंध जिसे बच्चे स्कूल में लिखने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
हिंदी दिवस का निबंध | Hindi Diwas Essay
उत्तर भारत की प्रमुख बोली है हिंदी. बच्चा जब बोलना सीखता है तो उसके मुंह से हिंदी के शब्द निकलते हैं. लेकिन, बड़े होते-होते सामाजिक और औपचारिक रूप से इंग्लिश की जरूरत देखते हुए हिंदी से बच्चे दूर जाने लगते हैं. हिंदी के खोते हुए महत्व को बनाए रखने और इसकी जरूरत व हिंदी के विशालकाय इतिहास (History) व साहित्य पर प्रकाश डालने के लिए हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद हिंदी की प्रासंगिकता और महत्व को अखंडित बनाए रखना भी है.
हिंदी को 14 सितंबर, 1949 में भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया था. हिंदी भाषा (Hindi Language) का साहित्य भी भारत की सामाजिक स्थिति पर प्रकाश डालने वाला साबित हुआ. हिंदी ने कई महान कवि और उपन्यासकार भी दिए हैं जिनमें प्रेमचंद, भारतेंदू हरिश्चंद्र, सूरदास, तुलसीदास और मीराबाई के नाम शामिल हैं. हिंदी सिनेमा का भी एक बड़ा इतिहास रहा है. भारत में कला, साहित्य , संगीत और सिनेमा के क्षेत्र में हिंदीभाषी कलाकारों का बड़ा हाथ रहा है.
आधुनिक युग में हिंदी की बात करें तो धीरे-धीरे हिंदी के स्तर को कमतर समझने की गलती की जा रही है. व्यक्ति अगर हिंदी बोलता है और उसे अंग्रेजी भाषा नहीं आती है तो उसे अक्सर ही बाकी लोगों की तुलना में कम समझा जाता है. ऐसे में हिंदी का महत्व (Importance) बनाए रखना जरूरी है. इस भाषा में आज भी अनेक गाने हैं, साहित्य है और फिल्म आदि हैं जिन्हें बढ़ावा देना जरूरी है जिससे हिंदी की लोकप्रियता बनी रहे.
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