वर्षा ऋतु पर निबंध – सरल शब्दों में | Essay on Rainy Season in Hindi
क्या आप वर्षा ऋतु पर निबंध लिखना चाहते हैं? अगर आप ढूंढ रहे हैं Essay on Rainy Season in Hindi तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए बरसात के मौसम पर short essay लेकर आये हैं जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। हमें उम्मीद है आपको ये वर्षा ऋतु के बारे में निबंध पसंद आयेंगे। आप इस निबंध को स्कूल-कॉलेज या प्रतियोगिता आदि में लिख सकते हैं।
वर्षा ऋतु पर निबंध – 100 शब्दों में | Short Essay on Rainy Season in Hindi
मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है। यह हर वर्ष जुलाई के महीने में आता है और हमें मई जून की तपती गर्मी से राहत देता है। यह मौसम जुलाई से सितम्बर तक तीन महीने तक रहता है। जब बारिश होती है तो सूखे हुए पेड़-पौधे फिर से हरे-भरे हो जाते हैं।
इस मौसम में हम मीठे-मीठे आम को खाने का आनंद लेते हैं। साथ ही इस ऋतु में हम सभी भारतीय कई सारे त्यौहार जैसे रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश पूजा, ईद-उल-जुहा, मुहर्रम आदि को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। इसके अलावा लम्बी छुट्टी के बाद इसी महीने में हमारी स्कूल फिर से शुरू होती है। नये कॉपी-किताबों के साथ हम बड़े उत्साह से नई कक्षा में प्रवेश लेते हैं।
Varsha Ritu Par Nibandh – 250 शब्द
मई-जून की तपती हुई गर्मी को शांत करने के लिए हमारे देश में जुलाई महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बरसात का यह मौसम पेड़, पौधे, मनुष्य तथा सम्पूर्ण जीव जगत में एक नया उत्साह पैदा कर देती है।
गर्मी से सूखे हुए पेड़ फिर से हरे-भरे हो जाते हैं, तपती हुई धरती में जब पानी की बूँदें पड़ती हैं तो बंजर खाली जमीन में घास और नये पौधे निकल आते हैं।
किसानो के लिए वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नही है। गर्मी के मौसम में सारे खेत-खलिहान सूख जाते हैं। नदी-तालाबों, कुओं और सभी जल स्त्रोतों में पानी की कमी हो जाती है ऐसे में किसान फसल नही उगा सकते इसलिए उन्हें बरसात के मौसम का इन्तजार रहता है ताकि खेती करके अच्छी फसल उगा सकें और साल भर के लिए अनाज का प्रबंध कर सकें।
वर्षा ऋतु का महत्त्व
सभी ऋतुओं में वर्षा ऋतु का अपना एक अलग महत्व है। जैसा की हम सब को पता है की जल के बिना जीवन सम्भव नही है, अगर बरसात नही होगी तो पानी की कमी हो जाएगी और अकाल भी पड़ सकता है इससे जन-जीवन पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है।
हमारा देश कृषि प्रधान देश है, और बिना वर्षा के खेती करना बहुत मुश्किल है। यही वजह है की जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो किसान खुश हो जाते हैं क्योंकि इससे खेतों पर पानी की कमी पूरी हो जाती है।
वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा गया है। वर्षा ऋतु के अपने फायदे भी हैं तो कुछ नुकसान भी जैसे इस मौसम में मच्छर, कीड़े-मकोड़े आदि भी पैदा होते हैं और बीमारियाँ फैलने का खतरा भी रहता है। अधिक वर्षा होने पर बाढ़ का खतरा बना रहता है। लेकिन इन सब के बावजूद यह ऋतु सम्पूर्ण जीव जगत के लिए जीवनदायिनी है।
वर्षा ऋतु पर निबंध – 300 शब्द
भारत में ग्रीष्म ऋतु की चिलचिलाती हुई गर्मी जून तक रहती है, इसके बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है और यह सुहाना मौसम सितम्बर रहता है। वर्षा की फुहारें बेहद आनंददायक और सुकून देने वाली होती हैं। इंसानों से लेकर हर जीव जंतु तो इस मौसम का इंतजार रहता है।
इस मौसम में बादलों में काली-भूरी घटायें छा जाती हैं और जब मौसम साफ़ हो जाता है तो पूरा आसमान नीला और मनमोहक दिखाई देने लगता है। और हाँ इन्द्रधनुष को हम कैसे भूल सकते हैं, सात रंगों वाला यह मनमोहक दृश्य सिर्फ सिर्फ इसी मौसम में ही तो दिखाई देते हैं। पूरी धरती हरी-भरी हो जाती है, मिटटी से सौंधी-सौंधी खुशबू, पक्षियों की चहचाहट मन मोह लेती हैं।
वर्षा ऋतु की विशेषताएं
खेती करने लिए बरसात का मौसम ही अनुकूल होता है क्योंकि गर्मी में जल स्तर कम होने और जलाशय के सूखने के बाद इसी ऋतू में सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध हो पाता है। वर्षा ऋतू सिर्फ इंसानों के लिए ही फायदेमंद नही है इससे सूखे हुए पेड़-पौधों और गर्मी से व्याकुल पशु पक्षियों में भी नई जान आ जाती है।
इस मौसम में जंगलों का नजारा बेहद अनोखा होता है, आपने मयूर के बारे में तो सुना ही होगा काले बादल जब छाते हैं तो ये अपने खूबसूरत पंखों को फैलाकर नृत्य करते हैं, गर्मी में बेहाल और प्यासे जानवर पहली बारिश से ही राहत महसूस करते हैं।
वर्षा ऋतु से लाभ और हानि
वर्षा ऋतु में खेतों में हरियाली आ जाती है, बीजों से अंकुरण निकल आता है, किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। धरती का जल स्तर भी बढ़ जाता है इससे पानी की कम दूर हो जाती है। अगर वर्षा ऋतु न आये तो हमारे पास अनाज की कमी हो जाएगी जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।
बेशक वर्षा ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है, लेकिन फायदों के साथ-साथ इस मौसम के कुछ नुकसान भी हैं। अत्यधिक बारिश होने से बाढ़ आ सकता है नदी नालों में उफान आ जाता है। गावों से लेकर शहर तक जलमग्न हो सकते हैं इससे जानमाल की बहुत हानि होती है।
वर्षा ऋतु पर निबंध -400 शब्द | Essay on Rainy Season in Hindi
भारत में छः ऋतुएं आती हैं जिनमे से वर्षा ऋतु का अपना एक खास महत्त्व होता है। वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी भी कहा जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु का समय जुलाई से सितम्बर तक होता है।
मुख्य रूप से सावन का महिना ऐसा समय होता है जब मानसून सबसे अधिक सक्रिय हो जाता है। जून की झुलसा देने वाली गर्मी और गर्म हवाओं से राहत तभी मिलती है जब वर्षा की फुहारें धरती पर पड़ती हैं। धरती की प्यास बुझ जाती है, सूखे हुए पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है, तालाब, नदी नाले और जलाशय पानी से भर जाते हैं।
बरसात का मौसम जब आता है तो चारो ओर हरियाली छा जाती है, चिड़िया चहचहाने लगते हैं, मेंढक टर्राने लगते हैं, जंगली-जानवर भी चैन की सांस लेते हैं मानो सभी जीव-जंतुओं को इसी मौसम का बेसब्री से इन्तजार रहता है। पपीहे की पीहू-पीहू बहुत ही प्यारी लगती है, रात में जुगनू भी दिखाई देते हैं और झींगुर की झंकार भी सुने देती है ऐसा लगता है मानो सम्पूर्ण प्रकृति बोल उठी हो।
वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार
वर्षा ऋतु तीज-त्योहारों का भी मौसम है इस समय भारत में कई सारे त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे:
- रक्षाबंधन – यह भाई-बहन के प्यार को दर्शाने वाला हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है।
- तीज – यह हिन्दू महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाने वाला व्रत है।
- जन्माष्टमी – कृष्ण जन्मोत्सव का यह त्यौहार हिन्दुओ द्वारा पूरे देश में मनाया जाता है।
- श्री कृष्ण जयंती – यह भी समूर्ण भारत में मनाया जाता है।
- ईद उल जुहा – यह मुसलमानों का एक प्रमुख त्यौहार है।
- प्रकाश वर्ष – पंजाब में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।
- मुहर्रम – यह सिया मुस्लिमों का प्रमुख त्योहार है।
- ओणम – यह केरल का प्रमुख त्योहार है।
- गणेश पूजा – इसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है।
वर्षा ऋतु के लाभ
- ग्रीष्म ऋतु की असहनीय गर्मी को कम करता है और वातावरण में ठंडक आ जाती है।
- खेती के लिए अनुकूल मौसम बनता है और किसानो को सिंचाई के लिए पानी मिल जाता है।
- सूखे हुए नदी-नाले, तालाब और पोखर पानी से भर जाते हैं।
- वर्षा जल का संचयन करके पूरे वर्ष के लिए पानी बचाया जा सकता है।
- भू-जल स्तर में भी सुधार होता है।
- पर्यावरण हरा-भरा हो जाता है।
- गाय-भैंस और जानवरों के लिए हरे चारे का प्रबंध हो जाता है।
वर्षा ऋतु से हानि
- मिटटी गीली हो जाती है जिससे कीचड और गन्दगी फ़ैल जाती है।
- अधिक बारिश से आवागमन में परेशानी होती है।
- बाढ़ का खतरा रहता है।
- संक्रामक रोग फैलने का खतरा रहता है।
- छोटे-छोटे गड्ढों में पानी जमा हो जाते हैं जहाँ मच्छर पैदा हो जाते हैं।
आपको यह वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay on rainy season in Hindi) कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं। वर्षा ऋतु पर निबंध for class 1, class 2, class 3, class 4, class 5 से class 10 तक के बच्चे इसे लिख सकते हैं। हमने इस आर्टिकल में वर्षा पर 100 शब्द से 400 शब्दों में निबंध लिखें हैं और ये आपके जरुरत के अनुसार अलग-अलग परीक्षाओं और प्रतियोगिताओं में आपके काम आ सकते हैं।
- सभी ऋतुओं के नाम
- ग्रीष्म ऋतु पर निबंध
- 10 Lines on Winter Season in Hindi
- 10 lines on spring season in Hindi
Related Posts
विज्ञान पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Science Essay in Hindi
स्वामी विवेकानंद पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Swami Vivekananda Essay in Hindi
दुनिया के 10 सबसे सुन्दर फूलों के नाम चित्र सहित
It was an incredible essay. Especially, I like the essay on vasra ritu in 250 words.
Thank you Piyush
Leave a Reply Cancel reply
वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay in Hindi)
वर्ष ऋतु हमारे लिए ढेर सारी खुशियों की बौछार लेके आती है। भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु है। वर्षा ऋतु आषाढ़, श्रावण तथा भादो मास में मुख्य रूप से होती है। वर्षा ऋतु मुझे बहुत पसंद है। ये भारत के चार ऋतुओं में से मेरी सबसे प्रिय ऋतु है। यह गर्मी के मौसम के बाद आती है, जो साल की सबसे गर्म ऋतु होती है। भयंकर गर्मी, गर्म हवाएँ (लू), और तमाम तरह की चमड़े की दिक्कतों की वजह से मैं गर्मी के मौसम में काफी परेशान हो जाता हूँ। हालाँकि, सभी परेशानियाँ वर्षा ऋतु के आने के साथ ही दूर हो जाती है।
Seasons in India Essay in Hindi | 10 Lines on Rainy Season in Hindi
वर्षा ऋतु पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Rainy Season in Hindi, Varsha Ritu par Nibandh Hindi mein)
वर्षा ऋतु पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
मनुष्यों के साथ ही साथ पेड़, पौधे, चिड़ियाँ और जानवर सभी उत्सुकता के साथ वर्षा ऋतु का इंतजार करते है और इसके स्वागत के लिये ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस मौसम में सभी को गर्मी से राहत और सुकून मिलता है।
वर्षा ऋतु का आगमन
भारत में वर्षा ऋतु जुलाई महीने में शुरु हो जाती है और सितंबर के आखिर तक रहती है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आती है। आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। आकाश में सफेद, भूरे और गहरे काले बादल भ्रमण करते दिखाई देते है।
प्रकृति पर वर्षा ऋतु का प्रभाव
सभी पेड़ और पौधे नयी हरी पत्तियों से भर जाते है तथा बगीचें और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ढक जाते है। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदियां, तालाबें, गड्ढें आदि पानी से भर जाते है। सड़कें और खेल के मैदान भी पानी से भर जाते है और मिट्टी कीचड़ युक्त हो जाती है।
वर्षा ऋतु की विशेषताएं
वर्षा ऋतु, किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहती है। वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुत्फ उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है।
वर्षा ऋतु में वातावरण शुद्ध और दर्शनीय हो जाता है। प्रकृति फल और फूलों से लद जाती है। हमें वर्षा ऋतु बहुत पसंद आता है।
इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Rainy Season in Hindi
निबंध 2 (300 शब्द) – वर्षा ऋतु के फायदे व नुकसान
वर्षा ऋतु में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फूले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है।
वर्षा ऋतु में इंद्रधनुष
भारत में वर्षा ऋतु जुलाई महीने में शुरु हो जाती है और सितंबर के आखिर तक रहता है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। इंसानों के साथ ही पेड़, पौधे, चिड़ियाँ और जानवर सभी उत्सुकता के साथ इसका इंतजार करते है और इसके स्वागत के लिये ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस मौसम में सभी को राहत की साँस और सुकून मिलता है।
आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। सामान्यतः मैं हरे-भरे पर्यावरण और दूसरी चीजों की तस्वीर लेता हूँ जिससे ये मेरे कैमरे में यादों की तरह रहे। आकाश में सफेद, भूरा और गहरा काला बादल भ्रमण करता दिखाई देता है।
इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुत्फ़ उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।
संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर
सभी पेड़ और पौधे नयी हरी पत्तियों से भर जाते है तथा उद्यान और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ढक जाते है। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदियॉ, तालें, तालाबें, गड्ढें आदि पानी से भर जाता है। सड़कें और खेल का मैदान भी पानी से भर जाता है और मिट्टी कीचड़युक्त हो जाती है। वर्षा ऋतु के ढेर सारे फायदे और नुकसान है।
एक तरफ ये लोगों को गरमी से राहत देती तो दूसरी तरफ इसमें कई सारी संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।
वर्षा ऋतु में रोगों के संक्रमण की संभावना अधिक हो जाती है और लोग अधिक बीमार पड़ने लगते है। इसलिए इस ऋतु में लोगों को सावधानी से रहना चाहिए और बारिश का मजा लेना चाहिए और जहां तक हो सके बारिश के पानी को संचित करने का उपाय ढूँढना चाहिए।
निबंध 3 (400 शब्द) – वर्षा ऋतु का महत्व
धरती तप रही थी सूर्य आग उगल रहा था। सारे पेड़ पौधे सुख रहे थे। पक्षी-पशु जल बिना बेहाल थे। हर व्यक्ति उत्तेजना से मानसून की प्रतीक्षा कर रहा था। तभी आश्चर्यजनक रूप से मौसम में बदलाव आया। आकाश बदलो से घिर गया, तेज हवा और गड़गड़ाहट के साथ मध्य वर्षा होने लगी। मिट्टी की सौंधी सुगंध सांसों को महकने लगी। पेड़ पौधों में नया जीवन आ गया।
वर्षा ऋतु हम सभी के लिये प्यारा मौसम होता है। सामान्यतः: ये जुलाई के महीने में आता है और सितंबर के महीने में जाता है। ये प्रचण्ड गर्मी के मौसम के बाद आता है। ये धरती पर मौजूद हर जीव-जन्तु के लिये एक उम्मीद और जीवन लेकर आता है जो सूरज की ताप की वजह से खत्म हो जाता है। यह अपने प्राकृतिक और ठंडे बारिश के पानी की वजह से लोगों को बहुत राहत देता है। गर्मी के कारण जो नदी और तालाब सूख जाते वे फिर से बारिश के पानी से भर जाते है इससे जलचरों को नया जीवन मिल जाता है। यह उद्यानों और मैदानों को उनकी हरियाली वापस देती है। वर्षा हमारे पर्यावरण को एक नयी सुंदरता प्रदान करती है हालाँकि ये दुख की बात है कि ये सिर्फ तीन महीनों के लिये रहती है।
वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये
आम जन जीवन के अलावा वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये है क्योंकि खेती के लिये पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है जिससे फसलों को पानी की कमी न हो। सामान्यतः: किसान कई सारे गड्ढे और तालाब बनाकर रखते है जिससे वर्षा के जल का जरूरत के समय उपयोग कर सकें। वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। बारिश न होने पर वे इन्द्रराज देव से वर्षा के लिये प्रार्थना करते है और अंततः: उन्हें वर्षा का आशीर्वाद मिल जाता है। आसमान में बादल छाये रहते है क्योंकि आकाश में यहाँ और वहाँ काले, सफेद और भूरे बादल भ्रमण करते रहते है। घूमते बादल अपने साथ पानी लिये रहते है और जब मानसून आता है तो बारिश हो जाती है।
वर्षा ऋतु के आने से पर्यावरण की सुंदरता बढ़ जाती है। मुझे हरियाली बेहद पसंद है। वर्षा ऋतु के पलों का आनन्द लेने के लिये मैं सामान्यतः अपने परिवार के साथ बाहर घूमने जाता हूँ। पिछले साल मैं नैनीताल गया था और वह एक अच्छा अनुभव था। कई पानी से भरे बादल कार में हमारे शरीर पर पड़े और कुछ खिड़की से बाहर निकल गये। बारिश बहुत धीमे हो रही थी और हम सभी इसका आनन्द उठा रहे थे। हम लोगों ने नैनीताल में बोटिंग (नौकायन) का भी आनन्द उठाया। हरियाली से भरा नैनीताल बहुत अद्भुत लग रहा था।
ज्यादा बारिश हमेशा खुशियां ही नहीं लाता कभी-कभी जल प्रलय का कारण भी बन जाता है। कई जगह ज्यादा बारिश होने से गांव डूब जाते है और जन-धन की भी हानि होती है। बहुत ज्यादा बारिश के कारण खेते डूब जाते है फसलें भी नष्ट हो जाती और किसानों को बहुत नुकसान भी होता है।
निबंध 4 (600 शब्द) – वर्षा ऋतु के अगर फायदे हैं तो नुकसान भी है
वर्षा ऋतु को सभी ऋतुओं का रानी कहा जाता है। भारत में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह हर साल गरमी के मौसम के बाद जुलाई से शुरु होकर सितंबर तक रहता है। जब मानसून आता है तो आकाश के बादल बरसते है । गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होने के कारण पानी के संसाधन जैसे महासागर, नदी आदि वाष्प के रुप में बादल बन जाते है। वाष्प आकाश में इकट्ठा होती है और बादल बन जाते है जो वर्षा ऋतु में चलते है जब मानसून बहता है और बादल आपस में घर्षण करते है। इससे बिजली चमकती और गरजती है और फिर बारिश होती है।
हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतु जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।
कड़कड़ाती गर्मी के बाद जून और जुलाई के महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिलती है। वर्षा ऋतु एक बहुत ही सुहाना ऋतु है। वर्षा ऋतु आते ही लोगों में खासकर के किसानों में खुशियों का संचार हो जाता है। वर्षा ऋतु सिर्फ गर्मी से ही राहत नहीं देता है बल्कि यह खेती के लिए वरदान है। बहुत सारे फसल अच्छी वर्षा पर निर्भर करता है। अगर अच्छी वर्षा नहीं हुई तो ज्यादा उपज नहीं हो पाएगा, जिससे लोगों को सस्ते में अनाज नहीं मिल पाएगा।
वर्षा ऋतु के दोनों पहलू : फायदे और नुकसान
वर्षा ऋतु के अपने फायदे और नुकसान है। बारिश का मौसम सभी को अच्छा लगता है क्योंकि यह सूरज की तपती गर्मी से राहत देता है। यह पर्यावरण से सभी गर्मी को हटा देता है और एक ठंडक एहसास होता है। यह पेड़, पौधे, घास, फसल और सब्जियों आदि को बढ़ने में मदद करता है। यह मौसम सभी जानवरों और पक्षियों को भी बेहद पसंद होता है क्योंकि उन्हें चरने के लिये ढेर सारी घास और पीने के लिये पानी मिल जाता है। और इससे हमें दिन में दो बार गाय और भैंसों का दूध उपलब्ध हो जाता है। सभी प्राकृतिक संसाधन जैसे नदी और तालाब आदि पानी से भर जाते है।
जब बारिश होती है तो सभी सड़कें, उद्यान तथा खेल के मैदान आदि जलमग्न और कीचड़युक्त हो जाते है। इससे हमें रोज खेलने में बाधा उत्पन्न होती है। सूरज की उपयुक्त रोशनी के बिना सब कुछ बदबू करने लगता है। सूरज की रोशनी की कमी की वजह से बड़े स्तर पर संक्रामक बीमारियों (विषाणु, फफूंदी और बैक्टीरिया से होने वाली) के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। वर्षा ऋतु में, भूमि की कीचड़ और संक्रमित वर्षा का पानी धरती के अंदर जाकर पानी के मुख्य स्रोत के साथ में मिलकर पाचन क्रियाओं के तंत्र को बिगाड़ देते है। भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावना भी बनी रहता है।
वर्षा का दृश्य
पृथ्वी को मनोरम और अलौकिक रूप को देखकर बादल भी उसकी ओर आकर्षित होकर प्रेमी नायक की भांति झुकते ही चले आते हैं। और रसमय होकर उसे सरस बना देते हैं। जैसे ही पृथ्वी पर बूँदें पड़ने लगती है वैसे ही पृथ्वी से अद्भुत भीनी-भीनी सुगंध उठने लगती है। वृक्षों में नया जीवन आ जाता है और वे हरे-भरे हो जाते हैं। पक्षी गण कलरव करने लगते हैं। इस प्रकार वर्षा के आगमन से वातावरण ही बदल जाता हैं।
आखिरकार सभी के द्वारा वर्षा ऋतु को बहुत पसंद किया जाता है। हर तरफ हरियाली ही दिखाई देती है। पेड़, पौधे और लताओं में नयी पत्तियाँ आ जाती है। फूल खिलना शुरु हो जाते है। हमें आकाश में इन्द्र धनुष देखने का बेहतरीन मौका मिलता है। इस मौसम में सूरज भी लुका-छिपी खेलता है। मोर और दूसरे पक्षी अपने पंखों को फैलाकर झूमने लगते है। हम सभी वर्षा ऋतु का आनन्द स्कूल और घर दोनों जगह लेते है।
FAQs: Frequently Asked Questions
उत्तर – वर्ष भर में एक बार आने वाली वह ऋतु जिसमें वायुमंडलीय तापमान और आर्द्रता सामान्यतः उच्च रहते हैं, वर्षा ऋतु कहलाती है।
उत्तर – वर्षा ऋतु जून-जुलाई के महीने में आती है।
उत्तर – वर्षा ऋतु में अरहर, चावल, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलें बोई जाती हैं।
उत्तर – वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली फसलों को खरीफ फसल कहते हैं।
सम्बंधित जानकारी:
Rainy Day Essay in Hindi
10 Lines on Rainy Day in Hindi
बारिश/वर्षा ऋतु पर कविता
वर्षा जल संचयन पर निबंध
संबंधित पोस्ट
मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)
धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)
समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)
शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)
बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)
वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi
Essay on Rainy Season in Hindi : दोस्तों आज हमने वर्षा ऋतु पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है.
वर्षा ऋतु जन जीवन का आधार है, इस समय मौसम सुहावना हो जाता है सभी जीव जंतुओं और मनुष्यों का मन प्रफुल्लित हो उठता है. बच्चों को बारिश बहुत अच्छी लगती है इसलिए अक्सर परीक्षाओं में वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने को दिया जाता है.
Get Some Essay on Rainy Season in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.
Best Essay on Rainy Season in Hindi 100 Words
हमारा देश कृषि आधारित देश है इसलिए आप वर्षा का होना बहुत जरूरी है. बारिश के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है क्योंकि बारिश से ही हमें पीने योग्य अमृत समान जल प्राप्त होता है.
भीषण गर्मी और लू चलने के बाद जब मानसून आता है तो चारों ओर खुशहाली और हरियाली छा जाती है. हर तरफ ठंडी-ठंडी हवाएं चलती है, खेतों में फसल लहरा उठती है, किसानों के चेहरे खिल उठते है, बच्चे भी बारिश और ठंडी हवा का आनंद लेते है.
बारिश का मौसम सबसे सुहाना मौसम होता है यह मौसम मुझे सबसे प्रिय और अच्छा लगता है.
Varsha Ritu Essay in Hindi 250 Words
वर्षा ऋतु हमारे देश में जुलाई माह से प्रारंभ होती है और सितंबर माह तक वर्षा होती है. गर्मियों की झुलसा देने वाली गर्मी के बाद सभी लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार करते है. हमारे देश के किसान तो हर समय आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखते रहते है.
वर्षा ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस समय किसानों खरीफ की फसल बोते है और बारिश आते है फसल लहरा होते है चारों ओर खेतों में हरी भरी फसल लहराते देखकर मन प्रशंसा पूर्वक हर्षा उठता है
गर्मी के कारण सूखे हुए पेड़ पौधे भी नव अंकुरित हो उठते है, सूखी हुई नदियां, तालाब, बावड़िया, बांध पानी से लबालब भर जाते है धरती की प्यास बुझती है और भूजल स्तर ऊंचा उठ जाता है. सभी जीवो को बारिश से राहत की सांस मिलती है.
बारिश के आगमन पर मोर छम-छम करके नाचता है , कोयल मीठी राग सुनाती है, मेंढक टर्र-टर्र करके अपनी खुशी जाहिर करता है. वर्षा ऋतु बहुत ही मनोरम ऋतु होती है इस ऋतु में सभी का मन ऐसा होता है क्योंकि चारों तरफ हरियाली, ठंडी हवा और सुख शांति फैल जाती है.
मानसून के दिनों में आसमान में काले सफेद बादल पानी लेने के लिए दौड़ते नजर आते है, काली घटाओं में बिजली का चमकना बहुत अच्छा लगता है.
गर्मियों के कारण जो बच्चे घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं बारिश के मौसम में वे बाहर निकल कर खूब खेलते नाचते गाते है और बारिश का भरपूर आनंद उठाते है.
बारिश का मौसम पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव को नया जीवन प्रदान करता है इसलिए मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है.
Latest Essay on Rainy Season in Hindi 500 Words
भूमिका –
भारत में मुख्य रूप से वर्षा सावन और भादो माह में होती है यह वह समय होता है जब मानसून सबसे सक्रिय रूप में होता है. ग्रीष्म काल की झुलसाती हुई गर्मी से राहत बारिश के कारण ही मिलती है.
गर्मियों के कारण भारत के प्रत्येक प्रांत का तापमान इतना अधिक बढ़ जाता है कि दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाती है.
सभी नदी, नालों, तालाबों का पानी सूख जाता है जिसे जीव-जंतुओं का जीवन बहुत कठिन हो जाता है. लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है.
ऐसा लगता है मानो बारिश की बूंदों के रूप में धरती पर अमृत की बौछार कर दी गई हो, बारिश के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है.
वर्षा ऋतु का महत्व –
वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे अच्छे ऋतु मानी जाती है, जब भी वर्षा आती है तब धरती का कण कण उमंग से प्रफुल्लित हो उठता है. जब धरती पर प्रचंड गर्मी के बाद मानसून की पहली बारिश होती है तो धरती से सोंधी सोंधी खुशबू आती है जिसके आगे दुनिया का सबसे खुशबूदार इत्र भी कम पड़ता है.
हमारा देश गर्म प्रांतीय क्षेत्र में आता है इसलिए यहां पर सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, नदियों में पानी का अभाव है इसलिए पानी की उपलब्धता कम है. इसीलिए हमारे देश में वर्षा ऋतु का महत्व और भी बढ़ जाता है वर्षा ऋतु जब भी आती है तो सभी के मन को भा जाती है.
हमारा भारत देश के प्रधान देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर खेती ही की जाती है और खेती के लिए पानी की आवश्यकता होती है इस आवश्यकता की पूर्ति सावन और भादो माह में आने वाली बारिश ही करती है. किसानों के लिए तो यह अमृत के समान है क्योंकि उनकी फसल बारिश पर ही निर्भर करती है.
जब बारिश अच्छी होती है तो देश के हर प्रांत में खेतों में फसल लहरा उठती है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है ऐसा लगता है मानो धरती ने हरी चुनरी ओढ़ ली हो.
बारिश के कारण सभी नदी नाले और तालाब पानी से लबालब भर जाते हैं जिसके कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को मीठा जल पीने को मिलता है.
और धरती का भू-जल स्तर भी बढ़ जाता है जिससे गर्मी का प्रकोप कम हो जाता है और चारों तरफ ठंडी ठंडी हवाएं चलती है जो कि प्रत्येक प्राणी की मन को खुशहाली से ओतप्रोत कर देती है.
वर्षा के कारण फसल अच्छी होती है इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज मिलता है साथ ही किसानों को इससे अच्छी पूंजी भी मिल जाती है.
जिससे उनका जीवन यापन थोड़ा सरल हो जाता है. बारिश अच्छी होती है तो देश की प्रगति भी तेजी से होती है. वर्तमान में जल की कमी का ज्यादातर भाग मानसून की बारिश से ही पूरा होता है इसलिए बारिश का महत्व हमारे जीवन में अतुल्य है.
निष्कर्ष –
हमारे जीवन में सभी ऋतुओं का महत्व है लेकिन सबसे अधिक महत्व वर्षा ऋतु का है जिसके कारण पृथ्वी की संपूर्ण जीवन प्रणाली चलती है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ हानि भी हो जाती है लेकिन इसके महत्व के आगे यह नगण्य है.
वर्षा हमारी धरती के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए में इसके जल को सहेज कर रखना चाहिए और अधिक वर्षा हो इसलिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए.
Full Essay on Rainy Season in Hindi
प्रस्तावना –
हमारा भारत देश बहुत सारी विभिन्नताओं वाला देश है इसलिए हमारे देश में ऋतुओं में भी विभिन्नता पाई जाती है. हमारे देश में कुल छ: ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा, शीत ऋतु, हेमन्त, शिशिर और बसंत है जो कि हर दो महीने के अंतराल में बदल जाती है.
ऋतुओं के नाम के हिसाब से पृथ्वी का वातावरण बदलता रहता है, इन्हीं में से एक वर्षा ऋतु है जोकि संपूर्ण पर्यावरण में जीवन रेखा का काम करती है.
वर्षा ऋतु में बहुत तेज और अधिक बारिश होती है कई बार तो हफ्तों तक लगातार रिमझिम बारिश होती रहती है. वर्षा ऋतु में जुलाई में प्रारंभ होती है और अगस्त माह तक इसका पूरा जोर रहता है.
वर्षा ऋतु का आगमन –
जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ खुशहाली और हरियाली छा जाती है, भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से जनजीवन को राहत मिलती है. बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी में खुशी की लहर दौड़ जाती है. बारिश के समय बच्चे खूब नहाते और खेलते है अपनी कागज की नाव पानी में तैराते है.
किसान भी समय बहुत खुश होता है क्योंकि उसकी फसल लहरा उठती है. वर्षा के समय सूख चुके जंगल के पेड़ पौधे फिर से नव अंकुरित हो उठते है. सूखी काली पहाड़ियों पर हरियाली की चादर बिछ जाती है हर तरफ रंग बिरंगे फूल दिखाई देते है.
नदियां, ताल तलैया, नाले, बांध इत्यादि सभी पानी से भर जाते है, पूरा वातावरण ठंडा हो जाता है. पशु पक्षियों को खाने के लिए हरी घास और पेड़ पौधे मिल जाते है. वर्षा ऋतु का आगमन पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के लिए खुशियों की चाबी है.
वर्षा का आगमन सभी को भाता है यह प्रकृति की काया पलट कर रख देता है प्रकृति के सारे रंग हमें बारिश के मौसम में देखने को मिल जाते है यह दृश्य किसी स्वर्ग लोक से कम नहीं होता है.
वर्षा ऋतु के लाभ –
वर्षा ऋतु का लाभ संपूर्ण पर्यावरण को मिलता है बारिश के कारण ही पर्यावरण का पूरा चक्कर चल पाता है इसके मुख्य लाभ हमने नीचे पॉइंट के माध्यम से समझाएं है.
(1) किसानों को –
किसानों के लिए तो वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि वर्षा ऋतु से पहले किसान अपने खेतों में निराई गुड़ाई और खाद डालकर फसल के लिए तैयार करते है. यह सब इतना आसान नहीं होता क्योंकि उस समय भयंकर गर्मी और लू चलती है.
किसान प्रचंड गर्मी में दिन भर मेहनत करता है और फिर आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखता रहता है कि कब बादल आए और बारिश होगी. हमारे देश के ज्यादातर किसान मानसून आधारित बारिश पर ही अपनी फसल बोते है.
इसलिए जब बारिश का मौसम आता है तो किसानों के मुंह की मुस्कान देखते ही बनती है. उनके द्वारा लगाई गई फसल, फल, सब्जियां इत्यादि सभी भरपूर मात्रा में होती है.
(2) पर्यावरण –
हमारी पृथ्वी की पर्यावरण के चक्कर को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्षा ऋतु का अहम महत्व है अगर यह रितु नहीं होगी तो संपूर्ण पर्यावरण तंत्र बिगड़ जाएगा. चारों तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाएगी फिर पृथ्वी पर जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा.
इसलिए जब बारिश आती है तो जीव जंतुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था हो जाती है और इंसानों के लिए भी पानी और अन्य फसल की व्यवस्था हो जाती है. पृथ्वी का पर्यावरण में फिर से एक बार जान आ जाती है. इसलिए वर्षा ऋतु का हमारे पर्यावरण के लिए अहम महत्व है.
(3) जीव – जंतुओं –
भयंकर गर्मी के कारण सभी पेड़ पौधे और घास सूख जाती है साथ ही पानी के तालाब और नदियां सूख जाती हैं जिससे जीव जंतुओं को खाने के लिए कुछ नहीं मिलता और पीने के लिए पानी भी बहुत कम मिलता है. इसके कारण धीरे-धीरे जीव जंतु और पशु पक्षी पानी और खाने की कमी के कारण मृत्यु के आगोश में चले जाते है.
लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है तब फिर से पानी और खाने की कमी दूर हो जाती है इसलिए वर्षा ऋतु जीव जंतुओं के लिए अमृत के समान कार्य करती है.
(4) भू-जल स्तर बढ़ना –
गर्मी और अत्यधिक तापमान के कारण पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है, और मानव द्वारा भूजल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भू-जल स्तर कम हो जाता है जिसके कारण पृथ्वी गरम रहती है और हमें स्वस्थ जल पीने को भी नहीं मिलता है.
जब वर्षा ऋतु आती है तब बारिश के कारण ही भू-जल स्तर बढ़ता है जिससे पृथ्वी के तापमान में भी कमी आती है और स्वच्छ जल भी हमें प्राप्त होता है.
(5) व्यापार में तेजी –
हमारा भारत देश कृषि आधारित देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए जिस साल अच्छी वर्षा नहीं होती उस साल सभी वस्तुओं के दाम बढ़ जाते है और व्यापार धीमी गति से चलता है.
अगर अच्छी बारिश होती है तो किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त होती है और वे बाजार में आकर नई नई वस्तुएं खरीदते हैं जिससे व्यापार तेजी से बढ़ता है.
(6) देश की प्रगति –
हमारे देश आज भी 70% से अधिक आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए हमारे देश के ज्यादातर लोग आज भी किसान है. इसलिए जिस वर्ष भी अधिक वर्षा होती है और फसल अच्छी हो जाती है तो हर प्रकार के व्यापार में तेजी देखने को मिलती है.
इस कारण सभी को खर्च करने के लिए पैसे मिल जाते है और सभी लोग नई नई वस्तुएं खरीदते है जिससे देश की प्रगति होने लग जाती है.
वर्षा से हानि –
वर्षा ऋतु से कुछ हानियां भी होती है लेकिन ज्यादातर मानव जनित कार्यों के कारण उनके घातक परिणाम देखने को मिलते है. वर्षा ऋतु से होने वाली कुछ प्रमुख हानियां निम्नलिखित है –
(1) बाढ़ – अत्यधिक बारिश होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण फसल जन-धन की हानि होती है. लेकिन बाढ़ भी मानव जनित कार्य से ही आती है क्योंकि मानव द्वारा जंगलों की कटाई कर दी गई है जिससे पानी का बहाव तेजी से होता है.
और जनधन की हानि भी मानव के कारण ही होती है क्योंकि मानव ने अपने रहने का स्थान नदियों के पास बना लिया है और उनके बहने के क्षेत्र को रोक दिया है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. अगर मानव अपनी सीमा में रहे तो बाढ़ की स्थिति इतना भयानक रूप नहीं ले सकती है.
(2) मौसमी बीमारियां –
वर्षा ऋतु में मौसमी बीमारियां बहुत अधिक होती है जैसे हैजा, मलेरिया, त्वचा संबंधी रोग, खांसी जुकाम इत्यादि हो जाती है. लेकिन इनमें से ज्यादातर बीमारियां मानव द्वारा फैलाए गए प्रदूषण के कारण ही उत्पन्न होती है. अगर मानव पर्यावरण का ख्याल रखें तो वर्षा ऋतु से बीमारियां नहीं होंगी.
(3) भू-कटाव –
अत्यधिक तेज वर्षा के कारण भूमि का कटाव होने लग जाता है जिसे उपजाऊ मिट्टी बह कर चली जाती है. जो कि पर्यावरण और फसलों के लिए अच्छा नहीं होता है.
भू-कटाव की स्थिति वर्तमान में बहुत अधिक देखने को मिलती है क्योंकि मानव द्वारा अत्यधिक पेड़ों की कटाई कर दी गई है जिससे भूमि का कटाव हो रहा है इसलिए मैं अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे और भू-कटाव को रोकना होगा.
वर्षा ऋतु के त्योहार –
वर्षा ऋतु आने के बाद भारत देश में जैसे त्योहारों की झड़ी लग जाती है, भारत में वर्षा से वैसे ही सभी को खुशी मिलती हैं और पूरा वातावरण ठंडा और मनमोहक हो जाता है इन खुशियों में चार चांद लगाने के लिए भारत देश के लोग त्योहारों का आयोजन करते है.
अगर ऐसा कहा जाए कि भारत में त्योहारों की शुरुआत वर्षा ऋतु से ही प्रारंभ होती है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि ज्यादातर त्यौहार वर्षा ऋतु के बाद ही आते है.
वर्षा ऋतु के बाद प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले त्योहार निम्न है – तीज, रक्षाबंधन, गणगौर, दिवाली इत्यादि है.
उपसंहार –
वर्षा ऋतु के कारण संपूर्ण जन जीवन में हर्षोल्लास की लहर दौड़ जाती है, सच में वर्षा ऋतु पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के प्राण के लिए अमृत का कार्य करती है.
खेतों में लहराती हुई फसल का मनमोहक दृश्य बहुत सुहाना लगता है. चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखकर सबके मन को शांति मिलती है.
चहु और पशु पक्षी अपना नया राग सुनाते है यह वाक्य में ही बहुत मनोरम दृश्य होता है और वर्षा ऋतु के कारण भयंकर गर्मी से जो राहत मिलती है उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
इसीलिए वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे ऊंचा स्थान रखती है. हमें भी वर्षा ऋतु में जल का संग्रह करके वर्षा ऋतु का आदर करना चाहिए.
यह भी पढ़ें –
शीत ऋतु पर निबंध – Essay on Winter Season in Hindi
बाढ़ पर निबंध – Essay on Flood in Hindi
Poems on Rain in Hindi – सर्वश्रेष्ठ वर्षा ऋतु पर 10 कविताएँ
इंटरनेट पर निबंध – Essay on Internet in Hindi
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Rainy Season in Hindi पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है
तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
7 thoughts on “वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi”
वर्षा ऋतु पर निबंध
very good letters
Thank you Arnav for appreciation, keep visiting Hindi yatra.
आप का निबंध हमें बहुत अच्छा लगा।
सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अंशिका जी ऐसे ही और रोचक जानकारी लेने के लिए हिंदी यात्रा पर आते रहे धन्यवाद
आपका निबंध बहुत अच्छा लगा । धन्यवाद
करन राणा आप का बहुत बहुत आभार
Leave a Comment Cancel reply
वर्षा ऋतु पर निबंध
भारत में मुख्य रूप से तीन ऋतु है, जिसमें वर्षा ऋतु लोगों की प्रिय ऋतु होती है। वर्षा ऋतु शुरू होते ही विद्यालयों में बच्चों को वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखने के लिए दिया जाता है।
निबंध के जरिए बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु में उत्पन्न धरती के अनुपम सौंदर्य से अवगत हो सके।
वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh)
इस लेख में हम अलग-अलग शब्द सीमा में वर्षा ऋतु निबंध हिंदी (varsha ritu essay in hindi) शेयर कर रहे हैं, जिससे हर कक्षा के विद्यार्थियों को सहायता मिलेगी।
वर्षा ऋतु पर निबंध 100 शब्द
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसके कारण यहां पर वर्षा ऋतु का बहुत ही ज्यादा महत्व है। किसान वर्षा पर ही निर्भर होते हैं, इसीलिए वे साल भर बहुत बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार करते हैं। क्योंकि वर्षा ऋतु शुरू होते ही किसान हल लेकर अपने खेत फसल बुवाई के लिए चले जाते हैं।
वर्षा ऋतु भारत में जून महीने में प्रारंभ होती है और सितंबर महीने तक यह मौसम रहता है। वर्षा ऋतु के दौरान चारों तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़-पौधे भी लगते हैं, खुशी के मारे झूम रहे होते हैं। वर्षा ऋतु में मोर अपने पंख फैला कर नाचते हैं।
आकाश में उत्पन्न इंद्रधनुष बहुत खूबसूरत दृश्य उत्पन्न करते हैं। बाजार में केला, जामुन, अनानास, सीताफल और अनार जैसे वर्षा ऋतु के फल बिकने लगते हैं। चारों तरफ मेढ़क के टरटराने की आवाज आती है। आसमान घने काले बादल से घिर जाता हैं।
वर्षा ऋतु में बच्चे कागज का नाव बनाकर पानी में खेलते हैं। पहली बारिश की बूंद जब मिट्टी पर पड़ती है तो उसकी खुशबू लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। वर्षा ऋतु हर किसी का पसंदीदा मौसम होता है।
वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द
भारत में तीन प्रमुख ऋतु है, जिसमें से एक है वर्षा ऋतु। भारत में जुलाई महीने में शुरू होती है और फिर सितंबर महीने तक रहती है। वर्षा ऋतु का आगमन होते ही आसमान पूरी तरीके से काले बादल से ढक जाता है।
फिर बादल की गरज और बिजली की चमक के साथ वर्षा की बूंदे धरती पर अपना कदम रखती है। बारिश की बूंदे जैसे ही मिट्टी पर गिरती है, उसकी खुशबू वातावरण को मनमोहन बना देती है। सूरज की जब किरण वर्षा की बूंदों पर पड़ती है तो नीले आसमान में रंग-बिरंगे इंद्रधनुष से देखने लायक दृश्य उत्पन्न होता है।
वर्षा ऋतु का इंतजार न केवल इंसान बल्कि जीव-जंतु, पेड़-पौधे सभी उत्सुकता से करते हैं। जब वर्षा ऋतु शुरू होती है तब पेड़-पौधे भी खुशी से झूम उठते हैं। वर्षा ऋतु के खुशी में मोर भी अपने खूबसूरत रंग-बिरंगे पंख फैला कर नाचने लगता है, मेंढक भी टरटराने लगता है। चारों तरफ हरे-भरे घास उग आते हैं, जिससे गाय भैंस के लिए चारा आ जाता है।
वर्षा ऋतु के कारण पानी के हर एक स्त्रोत में पानी का स्तर बढ़ जाता है। नदी नाले, कुंवे सब में पानी भर जाता हैं। वर्षा ऋतु में लोग पके हुए आम को खाने का आनंद लेते हैं।
वर्षा ऋतु मानव जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है लेकिन कभी कबार अत्यधिक वर्षा के कारण भयंकर बाढ़ भी आ जाता है, जिससे जानमाल का बहुत नुकसान होता है।
वहीं कभी कबार बहुत कम वर्षा होती है, जिसके कारण सूखा भी पड़ जाता है। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, ओणम, गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार वर्षा ऋतु में ही आते हैं।
वर्षा ऋतु पर निबंध 250 शब्द
वर्षा ऋतु भारत की ऋतुओं में से वर्ष की सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक है। पूरे भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत गर्मी के बाद जुलाई से होकर सितम्बर तक चलती है। ये ऋतु असहनीय गर्मी से परेशान हो रहे जीव-जन्तु, लोग आदि के लिए एक राहत की फुहार लेकर आती है।
इस ऋतु का इंतजार लोगों के साथ ही जानवरों, पेड़-पौधों, पक्षियों को भी रहता है। सभी इसका उत्सुकता से इंतजार करने के साथ ही इसके स्वागत के लिए तैयार रहते हैं।
गर्मी की ऋतु में अधिक गर्मी होने के कारण नदी, तालाब, महासागर आदि से जल आकाश में वाष्प के रूप में चला जाता है और वहां पर बादल का निर्माण करता है। फिर जब बादल चलते है तो आपस में टकराते या फिर घर्षण करते हैं तो आकाशीय बिजली गरजती है और वर्षा होती है।
वर्षा ऋतु में वर्षा होने से सभी को आनंद और सुकून की अनुभूति होती है और वातावरण को खुशनुमा बना देती है। आसमान में नीले रंग के चमकदार बादल और सात रंगों से भरा हुआ इन्द्रधनुष दिखाई देता है। जिसका सभी लोग बेसब्री से इन्तजार करते हैं।
भारत देश में गर्मी का तापमान 45 डिग्री से भी ऊपर चला जाता है, जिसके कारण नदी और तालाब सूख जाते हैं और जिसके कारण जानवर आदि भी प्यास से मरने लग जाते हैं। वर्षा ऋतु आने आने पर सभी के चहरे खिल उठते हैं।
वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द
3 से 4 महीने तक भीषण गर्मी और तपती ज्वाला में जलने के बाद मनुष्य सहित हर एक जीव जंतु और पेड़ पौधों को बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार रहता है। वर्षा ऋतु हर ऋतु की तरह ही मनुष्य और प्राणी के लिए बहुत महत्व रखता है।
हालांकि पूरी दुनिया में हर जगह पर वर्षा ऋतु के आगमन का समय अलग-अलग होता है। इसके साथ ही इसका अंतराल भी कम ज्यादा होता है। कुछ जगह तो ऐसी भी है, जहां पर साल भर वर्षा होती रहती हैं।
वर्षा ऋतु का आगमन
दुनिया के हर जगह अलग-अलग समय पर वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बात करें भारत में तो भारत में वर्षा ऋतु का आगमन जून महीने में होता है और सितंबर महीने तक यह रहता है।
भारत में वर्षा ऋतु का आगमन अरब सागर से होते हुए पहले केरल राज्य की ओर बढ़ता है, उसके बाद यह उत्तर भारत की ओर आता है।
वर्षा ऋतु का आगमन होते ही कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोग अपने घर की मरम्मत करने लगते हैं और किसान खेती की तैयारी करने लगते हैं।
प्रकृति का दृश्य
वर्षा ऋतु में धरती का श्रृंगार होते हुए नजर आता है। चारों तरफ हरे-भरे घास और पेड़ पौधे वातावरण में हरियाली भर देते हैं। रंग बिरंगे फूल प्रकृति को और भी खूबसूरत बना देते हैं। वर्षा ऋतु में मानो धरती खिल उठती है।
पेड़ पौधे झूम उठते हैं, बागों में लगी अमिया पक्कर आम बन जाते हैं। प्रकृति और भी खूबसूरत और मनमोहक हो जाता है। चारों तरफ मिट्टी की मनमोहक सुगंध वातावरण को और भी प्रफुल्लित बना देती है।
वर्षा ऋतु का महत्व
वर्षा ऋतु मानव जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। भारत एक कृषि प्रधान देश होने के कारण यहां पर वर्षा ऋतु हर एक किसानों के लिए सबसे खास ऋतु होता है। क्योंकि इस ऋतु में ही वे खेती करना शुरू करते हैं और हर किसी को अन्य मिल पाता है।
वर्षा ऋतु के कारण सूखी नदियों में दोबारा पानी आ जाता है। पेड़ पौधों को फिर से नया जीवन मिल जाता है।
वर्षा ऋतु का नुकसान
वर्षा ऋतु मनुष्य के लिए जरूरी है लेकिन अत्यधिक वर्षा के कारण मनुष्य को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। आवश्यकता से ज्यादा बारिश होने के कारण नदियों के पानी का स्तर बढ़ जाता है जिससे बाढ़ आ जाती है और बाढ़ के कारण कई जान माल का नुकसान होता है।
अत्यधिक बारिश होने के कारण फसलें भी खराब हो जाती हैं। नदी नाले गड्ढों में गंदा पानी इक्कठा होने के कारण मच्छर का उपद्रव बढ़ जाता है और कई तरह की बीमारी फैलने लगती हैं।
जल ही जीवन है और जल के स्त्रोतों में पानी बरसा के कारण ही आ पाता है। अगर वर्षा ऋतु ना हो तो पीने के पानी की कटौती हो जाएगी। वर्षा ऋतु ना हो तो किसान फसल नहीं पैदा कर पाएगा और फिर अन्न की कमी हो जाएगी।
इस तरह वर्षा ऋतु हर तरह से मनुष्य के लिए बहुत ही जरूरी है। यह मनुष्य के साथ ही जीव जंतु सभी के लिए जरूरी है।
यह भी पढ़े: भारत में ऋतुएँ पर निबंध
वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द
तपती और चिलचिलाती हुई गर्मी को दूर करने के लिए वर्षा ऋतु का आगमन हमारे देश में जुलाई में होता है, जो सितम्बर तक चलता है। वर्षा ऋतु मनुष्य के साथ पेड़, पौधों और जीव जगत को एक नया उत्साह दे जाता है।
वर्षा ऋतु में गर्मी के कारण सूखे पड़े नदी, तालाब और महासागर फिर खिल उठते हैं और पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है। जब तपती जमीन पर जल की बूंदे गिरती है और फिर कुछ दिन बाद पूरा वातावरण हरा भरा हो जाता है।
किसान वर्ग को वर्षा ऋतु का बेशब्री से इंतजार रहता है। इस ऋतु के आने के पश्चात किसान अपने खेत में नई फसल की पैदावार करते हैं। वर्षा होने के कारण धूल भरी आंधियों से निजात मिल जाती है।
हमारे जीवन में वर्षा ऋतु का महत्व उतना ही है, जितना अन्य ऋतुओं का है। यह ऋतु जब शुरू होती है तो हमें तेज गर्मी से राहत मिलती है और इससे पेड़ पौधों को बहुत फायदा होता है। ऐसा मान सकते हैं कि सभी को एक नया जीवन मिल गया हो।
गर्मी अधिक पड़ने के कारण सभी तालाब, नदियां आदि सूख जाते हैं जिसके कारण वातावरण गर्मी से भर जाता है और सभी को परेशानी होने लग जाती है। जब वर्षा ऋतु आती है तो वर्षा होने से ठंडी हवा चलने लग जाती है और चारों ओर पानी से भरे तालाब, हरे भरे पेड़ पौधे और हरियाली छा जाती है, जो सबको उत्साह से भर देती है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है। इसके लिए वर्षा ऋतु अपना अहम योगदान अदा करती है। वर्षा ऋतु में सभी किसानों के चहरे खिल उठते हैं।
सभी किसान खुशी ख़ुशी अपने खेतों में फसल की पैदावार करते हैं और उसे अच्छे दामों में बेचते हैं। जिसके कारण उनकी आमदनी हो जाती है।
वर्षा ऋतु के फायदे
वर्षा ऋतु के कई सारे फायदे है, जो कुछ इस प्रकार है:
- इसके कारण हमें चिलचिलाती और कड़कड़ाती धूप से निजात मिलती है।
- चारों ओर वातावरण हराभरा हो जाता है। पेड़ और पौधे खिल उठते हैं।
- नदी और तालाब पानी से भर जाते हैं, जिसके कारण वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती है।
वर्षा ऋतु के नुकसान
वर्षा ऋतु के कुछ नुकसान भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
- वर्षा आने के कारण चारों और कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है।
- वर्षा ऋतु में बाढ़ आने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
- गढ़ों में पानी भर जाने के कारण अधिक संख्या में मच्छर पैदा हो जाते हैं।
- रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
वर्षा ऋतु के आने का सभी लोग इंतजार करते हैं और इसके स्वागत के अपनी तैयारियां शुरू कर देते हैं। वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली और आकाश में नीले बादलों में इन्द्रधनुष दिखाई देता है, जो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार करता है।
सुहाने मौसम में पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनने को मिलती है और मोर के पंख फैलाकर झुमने लग जाते हैं। चारों तरफ आनंद और उल्लास छा जाता है।
यह भी पढ़े: बारिश पर निबंध
वर्षा ऋतु पर निबंध 1000 शब्द
ग्रीष्म ऋतु के बाद में आने वाली वर्षा ऋतु प्रकृति में बहुत बदलाव कर जाती है। ग्रीष्म ऋतु में तेज कड़कड़ाती धूप से सभी लोग, जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं।
लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार होने लग जाता है। सभी इसके आने से पहले अपनी तैयारियों में लग जाते हैं।
वर्षा ऋतु के आने पर सभी ओर नया दृश्य देखने को मिलता है, जो मन को भाने वाला और रोमांचित करने वाला होता है। लोगों के साथ पेड़-पौधे और जीव-जन्तु भी इसका बेशब्री से इन्तजार करते हैं।
वर्षा ऋतु का समय
मई-जून में जब ग्रीष्म ऋतु अपने पूरे प्रकोप में होती है तो फिर वर्षा ऋतु उसके प्रकोप को भंग करने के लिए उसके पश्चात आती है।
इसके आने का समय जून के मध्य का होता है और यह लगभग दो महीने तक सक्रिय रहती है। हिंदी महीनों में इसका समय सावन भदो का होता है।
मई और जून के महीने में गर्मी अपने पूरे प्रभाव में होती है। इसके कारण नदी, तालाब, महासागर आदि सूख जाते हैं और धरती पर पानी की कमी होने लगती है। इसके कारण प्रकृति में मौजूद पेड़-पौधे सूखने लगते हैं और जीव-जन्तु प्यास से बिलखने लगते है।
तेज गर्म हवाएं आंधियों के रूप में चलने लगती है। तापमान अधिक होने के कारण नदियों, तालाबों आदि का पानी भाप के रूप में आसामान में बादल के रूप में जमा होने लगता है।
जब हवाओं के साथ बादल चलते है तो आपस में एक दूसरे से टकराते है या फिर आपस घर्षण करते हैं तो तेज गर्जनाहट होती है और आकाशीय बिजली कड़कड़ाती है। फिर वर्षा होनी शुरू होती है।
वर्षा होने के बाद सभी ओर पानी ही पानी हो जाता है। सभी नदी, तालाब, महासागर के साथ पूरी जमीन अपनी प्यास बुझाती है। फिर कुछ ही दिनों बाद पूरा वातावरण नए रूप में हमारे सामने आता है।
वर्षा ऋतु का दृश्य
जब वर्षा ऋतु प्रारंभ होती है तो पूरे नीले आसमान में चमकदार और सफेद बादल आ जाते हैं। वर्षा ऋतु के दौरान इन्द्रधनुष भी आसमान में दिखाई देने लगता है।
वर्षा होने के बाद पूरे वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती है और चारों ओर पेड़-पौधों पर हरियाली अपना कब्ज़ा जमा लेती है। सभी खेत फसलों से लहराने लगते हैं।
सभी ओर पक्षियों की चहचहाट सुनने को मिलती है और मोर इस मौसम में पंख फैलाकर नाचने लगते है। सभी पक्षियों के साथ ही सभी जानवरों में वर्षा ऋतु की खुशी देखने को मिलती है।
वर्षा ऋतु का महत्त्व
सभी ऋतुओं का अपना अपना महत्व है। इसी प्रकार वर्षा ऋतु का महत्त्व भी अलग है। यह तो हम जानते ही है कि “जल है तो जीवन है” और “जल ही जीवन है” हमारे जीवन में जल सबसे महत्वपूर्ण चीज है।
यदि यह नहीं होगा तो जीवन संभव नहीं है। इसलिए यदि वर्षा नहीं होगी तो धरती पर पानी की कमी हो जाएगी और अकाल का सामना करना पड़ेगा।
जंगलों में रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए वर्षा ऋतु बहुत ही अहम योगदान देती है। उनके लिए पीने के लिए पानी और खाने के लिए पेड़-पौधे, झाड़ियां आदि वर्षा से ही संभव है।
भारत कृषि प्रधान देश है, भारत की अधिकतर जनसंख्या कृषि पर आश्रित है। इसके लिए वर्षा का होना बहुत ही जरुरी है। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का विशेष योगदान है। यदि फसल की अच्छी पैदावार होगी तो सभी को किसानों को अधिक आमदनी होगी। यह सभी वर्षा से ही संभव है।
- वर्षा ऋतु आने से पूरे वातावरण से गर्मी दूर हो जाती है और पूरा वातावरण ठंडा और शांत हो जाता है।
- वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली, पेड़-पौधों और नदी, तालाब खिल उठते हैं।
- वर्षा ऋतु में सभी खेत फसलों से लहराने लगते है।
- सभी जानवरों के लिए खाने के लिए हरी घास आ जाती है।
- चोरों तरफ हरियाली ही हरियाली हो जाती है।
- भूमिगत जल में काफ़ी सुधार हो जाता है।
- पेड़ों पर पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनाई देने लग जाती है।
- वर्षा आने से चारों तरफ पानी ही पानी हो जाता है, जिससे आवागमन बाधित हो जाता है।
- वर्षा ऋतु में वर्षा अधिक हो जाने के कारण बाढ़ आने की संभावना अत्यधिक हो जाती है।
- अधिक वर्षा हो जाने के कारण फसलें भी ख़राब हो जाती है।
- गड्ढों में पानी इकठ्ठा हो जाने के कारण मच्छर पैदा हो जाते है, जो कई सारी बीमारीयों को अंजाम देते है।
- चारों ओर कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है।
वर्षा ऋतु के दौरान आने वाले त्योहार
भारत एक ऐसा देश है, जहां पर हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। विश्व में सबसे अधिक त्यौहार भारत देश में मनाये जाते है। कई त्यौहार ऋतुओं के आधार पर भी मनाये जाते हैं।
जन्माष्टमी, तीज, रक्षाबंधन, ईद उल जुहा, मुहर्रम, ओणम, गणेश पूजा, प्रकाश वर्ष आदि त्यौहार वर्षा ऋतु के दौरान मनाये जाने वाले त्यौहार है। इसलिए वर्षा ऋतु को तीज-त्योहारों का मौसम भी कहा जाता है।
वर्षा का होना हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है। यदि वर्षा नहीं होगी तो हमारा पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।
अधिक वर्षा के होने के काफी सारे नुकसान तो होते ही है लेकिन हमारे जीवन के लिए वर्षा का होना बहुत ही जरूरी है। इससे काफी लोगों की आमदनी होती है और यह देश की अर्थव्यवस्था में भी सहयोग करती है।
यहां पर हमने अलग-अलग शब्द सीमा में वर्षा ऋतु हिंदी निबंध (varsha ritu nibandh in hindi) शेयर किये है, जो हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
ग्रीष्म ऋतु पर निबंध
वसंत ऋतु पर निबंध
शीत ऋतू पर निबंध
हेमंत ऋतु पर निबंध
शरद ऋतु पर निबंध
बाढ़ पर निबंध
Leave a Comment जवाब रद्द करें
Hindi Essay on “Varsha Ritu”, “वर्षा ऋतु”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.
Varsha ritu.
निबंध नंबर :- 01
हर व्यक्ति को अलग-अलग ऋतु पसंद आती है। मेरी प्रिय है – वर्षा ऋतु । मई-जून की चुभती गरमी से धरती तप जाती है, पौधे और जीव झुलस जाते हैं। ऐसे में जुलाई माह में वर्षा सबको प्रसन्न करती है। बादलों की सेना गरजते हुए आकाश में छा जाती है और ठंडी हवाएँ गीत सुनाने लगती हैं। ऐसे में मोर की आवाज़ और उसका नाच देखते ही बनता है।
वर्षा के आने से पूरी धरती नहा उठती है। चारों ओर हरियाली छा जाती है। सड़के भी धुली हुई लगती हैं। तालाबों, नदियों में उमड़-उमड़ कर पानी बहने लगता है। पेड़ों में नए अंकुर फूटते हैं। मेंढक टर्राते हैं और कई प्रकार के कीड़े भी नजर आने लगते हैं।
वर्षा के बाद सात रंगों का इंद्रधनुष भी आकाश में नज़र आता है। वर्षा में चाय-पकौड़े बहुत स्वादिष्ट लगते हैं।
वर्षा नए जीवन का संदेश ले कर आती है। अधिक वर्षा से कई स्थानों में बाढ़ आ जाती है। कई बीमारियाँ जैसे हैजा भी फैलने लगता है। अत: वर्षा में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
मुझे वर्षा में भीगना बहुत अच्छा लगता है।
निबंध नंबर :- 02
भूमिका- सूर्य देवता आग बरसा रहे थे। भूमि गर्मी से जल रही थी। गर्मी के कारण सांस लेना कठिन हो रहा था। वन को झुलसाने वाली लू चल रही थी। पुरवैया चली। कलियों ने आँखें खोली। मोर शोर मचाने लगे। आसमान काले-काले बादलों से घिर गया। वर्षा की बूदें टपकने लगी। देखते-देखते नदी नाले सभी जल से भर गए। वृक्षों पर धूल नजर नहीं आती थी, चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देने लगी। रात की रानी अपनी मधुर महक से मानव मात्र के मन को मोहित करने लगी। वर्षा का आगमन हो गया। आमों में रस भर गया। जामुन भी रस से भर गई।
वर्षा ऋतु का आरम्भ- वर्षा ऋतु का आरम्भ आषाढ़ मास से होता है। इसे चौमासा भी कहते हैं। ड्रेस ऋतु में लोग यात्रा पर जाना अच्छा नहीं मानते। प्राचीनकाल में साधुजन और राजा आदि भी इस ऋतु में देश भ्रमण या आक्रमण के लिए प्रस्थान नहीं करते थे। यह सत्य है कि यदि वसन्त ऋतुराज है तो वर्षा ऋतुओं की रानी है। वर्षा के बिना जीवन असम्भव है। वर्षा ही खेतों में अनाज पैदा करती है। व, ऋतु का अपना महत्त्व है। वर्षा होने से खेतों की सिंचाई होगी और फसल पैदा होगी। अनाज पैदा होगा, लोग खुशी से झूमेंगे, भरपेट खाएंगे। महंगाई कम होगी। नदी-नाले, सर-सरोवर जल से भर जाएंगे। धरती धुल जाएगी तथा कूड़ा-कचरा बह जाएगा। जलवायु स्वच्छ और पवित्र होगी। आमों में मीठास आ जाएगी। वर्षा न हो तो किसान की सब योजनाएं धरी रह जाती है। विद्युत तो भी पानी से ही उत्पन्न की जाती है। गर्मियों में पानी ही जिन्दगी है और खेती बूड़ी के लिए भी जल परम आवश्यक है। जल के अभाव से खेती हरी भरी नहीं रह सकती। समय पर यदि वर्षा हो जाए तो देश में अन्न का संकट टल जाता है। अच्छी फसल किसान के लिए वरदान सिद्ध होती है।
वर्षा ऋतु जहाँ प्राणी मात्र के लिए वरदान सिद्ध हुई है, वहाँ वर्षा के कारण नगरों, गाँवों में बाढ़ का पानी भर जाता है। जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। यहाँ तक कि यातायात भी प्रभावित हो जाता है। अधिक वर्षा फसलों के लिए हानिकारक है। चारों तरफ गन्दगी फैल जाती है। जल के स्थिर रहने से दुर्गन्ध आती है और अनेक रोग फैलने का भय रहता है।
वर्षा में प्रकृति की रमणीयता- वर्षा ऋतु के आने पर गर्मी का प्रकोप शान्त होता है। किसान बैलों को लेकर खेत में हल जोतने के लिए जाते हैं। वर्षा का स्वागत सभी लोग खुशियों से करते हैं। बच्चे वर्षा ऋतु में गलियों में निकलकर नहाते हैं। वर्षा ऋतु भी चचला जैसी है। वर्षा ऋत में प्रकृति की शोर देखने योग्य होती है। अभी चमकती धूप थी और देखने ही देखने आकाश बादलों से घिर जाता है और छम-छम बारिश होने लगती है। आकाश में बादलों को देखर मोर भी नाचना आरम्भ कर देता है। वर्षा को कारण सब जगह जल ही जल दिखाई देता है। लोग बरसात में बिना छतरी के नहीं निकलते। धूल खतम हो जाती है और ठंडी-ठंडी हवा बहनी शुरू हो जाती है। वर्षा में जुगनू चमकने लगते हैं। वर्षा ऋतु में बादलों से भरे आकाश में सात रंगों का इन्द्र धनुष देखकर चित प्रसन्न हो उठता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि वर्षा ऋतु का भारतवर्ष में अत्यन्त महत्त्व है। बच्चे उस दिन मां को कहकर खीर और मालपुए बनवाते हैं। वर्षा में खीर खाने का बड़ा महत्त्व है। तीज का त्योहार भी इसी ऋतु में मनाया जाता है। इस त्योहार में स्त्रियां नाचती हैं और बोलियां गाती हैं। परन्तु जैसे ही वर्षा खत्म होती है तो धूप निकल आती है, उमस बढ़ जाती है। शरीर पर चिनगिया सी फूटने लगती हैं जिसे पित्त कहते हैं। ज्येष्ठ-आषाढ़ के दिन घर में बिताने चाहिए और सावन भादों के दिन नदी के किनारे वृक्षों की छाया में। सावन और भादों के इन दो महीनों में झूले पड़ जाते हैं और युवतियां झूला झूलती हुई मधुर कण्ट में गाने लगती हैं। ऋतुओं की रानी वर्षा बच्चों को विशेष प्रसन्नता देती है। वर्षा में चाहे कितने भी दोष हों पर लोग बहुत खुशी मनाते हैं।
उपसंहार- वर्षा में प्रकृति भी नयी दुल्हन के समान सजी हुई होती है (नीला आकाश जोबादलों से घिरा हुआ है, मानो प्रकृति की नीली साड़ी है। इस ऋतु से सब प्रसन्न होते हैं, नहीं प्रसन्न होती तो केवल वियोगिनी। वर्षा ऋतु में पहाड़ों का दृष्य सुन्दर और सुहावना होता है। एक ओर वर्षा और उसके आने से अनेक लोग व्याकुल भी हो जाते हैं। फुटपाथ, सड़कों, जोंपड़ियों और झुग्गियों में जीवन व्यतीत करने वाले निर्धन लोग कठिनाई से अपना जीवन व्यतीत करते हैं। वर्षा के कारण कीचड़ भी हो जाता है और इससे मच्छर भी पैदा होते हैं। अनेक प्रकार के रोग फैलने का भय बना रहता है। अधिक वर्षा से मकान टूटते हैं, पुल बह जाते हैं, सड़कें टूट जाती हैं, यातायात में रुकावट पड़ती है तथा बाढ़ आने से बहुत नुकसान होता है। फसल बह जाती है। पशु मर जाते हैं। घरों की छतें गिर जाती हैं जिससे काफी जानी नुकसान भी होता है।
Related Posts
Hindi essay on “manch par mera pahla anubhav”, “मंच पर मेरा पहला अनुभव”, for class 5, 6, 7, 8, 9 and class 10 students, board examinations..
Absolute-Study
Hindi Essay, English Essay, Punjabi Essay, Biography, General Knowledge, Ielts Essay, Social Issues Essay, Letter Writing in Hindi, English and Punjabi, Moral Stories in Hindi, English and Punjabi.
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
वर्षा ऋतु पर निबंध- Rainy Season Essay in Hindi
दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Rainy Season Essay in Hindi ( Varsha Ritu Par Nibandh ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 600 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.
In this article, we are providing information about Rainy Season in Hindi | 4 well written essay on Rainy Season in Hindi Language. वर्षा ऋतु पर पूरी जानकारी जैसे की सामान्य परिचय, प्राकृतिक शोभा, जन-जीवन, लाभ-हानि अदि के बारे बताया गया है।
वर्षा ऋतु पर निबंध | Rainy Season Essay in Hindi
10 Lines Essay on Rainy Season ( 100 words )
1. वर्षा ऋतु का समय मुख्य रूप से श्रावण-भाद्रपद मास में होता है।
2. वर्षा ऋतु के आते ही आकाश में काले-काले मेघ छा जाते हैं।
3. वर्षा के बरसने से वनों और बागों में हरियाली छा जाती है।
4. वर्षा ऋतु किसानों के लिए वरदान है।
5. वर्षा ऋतु से पहले ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी पड़ती है
6. इसी ऋतु में खरीफ की फसल बोई जाती है।
7. वर्षा हमें नव जीवन देती है।
8. अधिक वर्षा से नदियों में बाढ़ आ जाती है।
9. वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं।
10. वर्षा प्राणि-मात्र के लिए वरदान है।
Read Also- 10 Lines on Rainy Season in Hindi
वर्षा ऋतु पर निबंध | Short Essay on Rainy Season in Hindi ( 200 words )
गर्मी के बाद वर्षा ऋतु आती है। तेज गर्मी के बाद आसमान बादलों से ढंक जाता है। बिजली चमकने लगती है और बारिश होने लगती है। सभी जीव-जन्तु प्रसन्न हो जाते हैं।
वर्षा ऋतु चार महीने जून से सेप्टेंबर तक रहती है। वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली छा जाती है। नदी, नाले पानी से भर जाते हैं। मेंढ़क टर्र-टर्र करने लगते हैं। मोर खुशी से नाचने लगता है।
इस मौसम में लोग छाते, रेनकोट में इधर-उधर जाते नज़र आते हैं। बच्चों को पानी में भीगना और खेलना बहुत अच्छा लगता है। वे कागज की नाव बनाकर पानी में तैराते हैं।
वर्षा ऋतु में सबसे ज्यादा किसान खुश रहता है। वर्षा होते ही वह खेतों में बीज बो देता है। अच्छी वर्षा होती है, तो फसल भी अच्छी होती है।
लेकिन इस ऋतु में कुछ नुकसान भी होता है। तेज वर्षा से बाढ़ आ जाती है। गाँव-नगर पानी में डूब जाते हैं। सामान बह जाता है। अनेक लोग और पशु मर जाते हैं।
लेकिन फिर भी यह मौसम खुशहाली लाता है । इस ऋतु को जीवन देने वाली ऋतु कहते हैं।
जरूर पढ़े- Summer Season Essay in Hindi
Varsha Ritu Par Nibandh Hindi me ( 300 words )
मनमोहिनी प्रकृति के अनेक रूप हैं। उसके अनेक रूपों में वर्षा ऋतु का रूप विशेष रूप से आनन्ददायक और मन-भावन है। वर्षा ऋतु का आगमन ग्रीष्म ऋतु के अनन्तर होता है।
भारत में वर्षा ऋतु का समय मुख्य रूप से श्रावण-भाद्रपद मास में होता है। यद्यपि वर्षा का आरम्भ आषाढ़ मास में हो जाता है और आश्विन मास तक रहता है। इसी कारण इसे चौमासा भी कहते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने के कारण जो भीषण गर्मी पड़ती है, उसी के कारण जल भाप बनकर आकाश में उड़ जाता है। उसी से बादल बनते हैं; वे बादल ही पानी बरसाते है।
वर्षा ऋतु के आते ही आकाश में काले-काले मेघ छा जाते हैं, शीतल वायु बहने लगती है, बिजली चमकने लगती है और मेघों का गर्जन प्रारम्भ हो जाता है। तदनन्तर झम-झम करके बादल बरसने लगते हैं। वर्षा के बरसने से वनों और बागों में हरियाली छा जाती है। धरती की प्यास बुझ जाती है। नदी-नाले, ताल-तलैया पानी से भर जाते हैं। प्राणि-मात्र आनन्द से भर जाता है। वनों में पपीहा पीहू-पीहू स्वर करने लगता है तो मेघों की काली घटा को देखकर मोर भी नाचने लगते हैं तो मेंढक टर्राने लगते हैं। बागों में वृक्षों पर झूला डालकर उन पर स्त्रियाँ झूलने लगती हैं। बरसात की अंधेरी रात में चमकते जुगनू तारों सी शोभा देते हैं।
वर्षा ऋतु किसानों के लिए वरदान है। वर्षा से खेतों में हरियाली छा जाती है। धान, ज्वार, बाजरा, मक्का और तरह-तरह के दानों के पौधे अन्न से भर जाते हैं। यही अन्न मानवों को नव जीवन देता है।
अत्यधिक वर्षा होने पर जब बाढ़ आती है तो वर्षा ऋतु हानिकारिणी भी बन जाती है; पर जल रूपी जीवन का दान करने के कारण तथा ग्रीष्म की तपन से रक्षा करने के कारण यह वन्दनीय ही है।
Varsha Ritu Nibandh
वर्षा ऋतु पर निबंध | Long Rainy Season Essay in Hindi ( 500 to 600 words )
भूमिका
प्रकृति अपना स्वरूप लगातार बदलती रहती है। कभी बहुत गर्मी पडती है कभी अधिक वर्षा होती है तो कभी अधिक जाड़ा पड़ता है। हमारे देश में चार मौसम और छ: ऋतुएँ होती हैं- बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर। हर ऋतु का समय दो महीने का होता है। हर ऋतु में प्राकृतिक शोभा अलग-अलग होती है। वर्षा ऋतु सावन और भादों में मानी जाती है।
प्राकृतिक अवस्था
वर्षा से पहले ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी पड़ती है, किन्त इस ऋतु के आने के बाद बदलाव आता है। आकाश में बादल उमड़ने-घुमड़ने लगते हैं। पहले हल्की वर्षा होती है जिसे “दौंगरा” कहते हैं। धीरे-धीरे वर्षा अधिक होने लगती है। प्रायः कई दिनों तक वर्षा होती रहती है। आकाश में बादल छाए रहते हैं जिसके कारण सूर्य का दर्शन नहीं होता है। रह-रह कर बादल दिखाई पड़ता है। खेत, मैदान, बाग-बगीचे हरे-भरे हो जाते हैं। जिसे देखकर सब का मन प्रसन्न हो जाता है। प्रकृति की शोभा बढ़ जाती है। जलाशय पानी से लबालब भर जाते हैं। चारों ओर छातों और बरसातियों की घूम मच जाती है।
जन-जीवन
वर्षा का प्रभाव जन-जीवन पर बहुत पड़ता है। इस समय लोग अधिक प्रसन्न रहते हैं। किसानों के लिए यह ऋतु वरदान है। वे अपने हल-बैल के साथ निकल पड़ते हैं और खेतों की जुताई-बुआई करते हैं। इसी ऋतु में खरीफ की फसल बोई जाती है। अन्य प्राणी भी इस समय आनंदित होते हैं। झींगुरों की झंकार, कोयल की कूक, मेढ़कों की टर्र-टर, मयूर की क्याऊँ-क्याऊँ से वातावरण मुखरित हो जाता है। जन-जीवन में नयापन आ जाता है। लोग तरह-तरह के गीत गाने लगते हैं- जैसे ‘आल्हा, कजली, मल्हार आदि। इस सुखद समय में पेड़ों की डालियों पर लोग झूले डालकर झूलते हैं।
वर्षा में शहरों की अवस्था भिन्न होती है। अधिक वर्षा से सड़कें डूब जाती हैं, आवागमन ठप हो जाता है। जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। शहरों के बच्चे वर्षा का आनंद लेने के लिए सड़कों पर निकल आते हैं।
वर्षा ऋतु के लाभ
वर्षा हमें नव जीवन देती है। ग्रीष्म काल की गर्मी से व्याकुल लोगों को इससे राहत मिलती है। हवा में ठंडापन आ जाता है। इस समय थोड़ी बहुत उमस रहती है। हमारा देश कृषि प्रधान है। कृषि पूरी तरह बरसात पर निर्भर है। यदि वर्षा न हो तो खेती का काम होना असम्भव हो जाए। खेत की फसलें सूख जाएँ और लोग भूखों मर जाएँ। वर्षा के कारण खेती होती है, पशुओं को चारा मिलता है। वर्षा के अभाव में बाग-बगीचे उजड़ जाते हैं। सूखा पड़ने से अकाल पड़ जाता है। जिसके कारण जन-धन की बहुत हानि होती है। जल को जीवन कहते हैं। जल की कमी से जीवन सुरक्षित नहीं रह सकता है।
वर्षा ऋतु की हानियाँ
वर्षा से जहाँ इतने लाभ हैं, वहीं इससे कुछ हानियाँ भी हैं। अधिक वर्षा से नदियों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ की चपेट में अनेक गाँव डूब जाते हैं। इसके कारण पशु बह जाते हैं। कहीं-कहीं जन-धन की भी हानि होती है। बाढ़ से हरी-भरी फसलें तबाह हो जाती हैं। अधिक वर्षा से शहर के लोगों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके कारण गाँवों की दशा अधिक खराब हो जाती है। चारों और कीचड़ और पानी के कारण कहीं आना-जाना कठिन हो जाता है। तालाबों, गड्ढों, पोखरों में भरा जल सड़ने लगता है, जिसमें तरह-तरह के मच्छर पैदा हो जाते हैं। इन मच्छरों के काटने से रोग फैलने लगता है। मलेरिया का प्रकोप इसी मौसम में होता है। साँप, बिच्छु जैसे विषैले जीव वर्षा में अधिक पैदा होते हैं। गाँवों के कच्चे मकान वर्षा में गिर जाते हैं।
उपसंहार
थोड़ी बहुत हानि के बाद भी वर्षा से लाभ अधिक है। हमारी सरकार बाढ़ पर काबू पाने के लिए बाँधों का निर्माण कर रही है, जिससे बाढ़ पर नियंत्रण लग रहा है। इससे बिजली पैदा की जा रही है। नदियों से नहरें निकाल कर सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है। हमें वर्षा का स्वागत करना चाहिए। वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। लोग आनंद से आल्हा और कजली गाते हैं। वर्षा प्राणि-मात्र के लिए वरदान है।
ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Rainy Season Essay in Hindi article आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।
Leave a Comment Cancel Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Hindi Essay and Paragraph Writing – Rainy Season (वर्षा ऋतु) for classes 1 to 12
वर्षा ऋतु पर निबंध – इस लेख में हम वर्षा ऋतु कब होती है, वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु से क्या लाभ है के बारे में जानेंगे। भारत की ऋतुओं में से वर्ष की सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक वर्षा ऋतु है। इसे ‘मानसून सीजन’ भी कहते है। वर्षा होने से ही किसानों के लिए खेती हेतु पानी मिलता है और फसलें विकसित होती हैं। वर्षा होने से चारों तरफ हरियाली छा जाती है। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में वर्षा ऋतु पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में वर्षा ऋतु पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।
- वर्षा ऋतु पर 10 लाइन 10 lines
- वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
- वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
- वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
- वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में
वर्षा ऋतु पर 10 लाइन 10 lines on Rainy Season in Hindi
- वर्षा ऋतु भारत की चार प्रमुख ऋतुओं में से एक है।
- वर्षा ऋतु का आगमन ग्रीष्म ऋतु के बाद होता है।
- आषाढ़, सावन, भादो और आश्विन (जून से लेकर सितंबर तक) चार महीने वर्षा ऋतु के होते हैं।
- वर्षा ऋतु के आगमन से लोगो को गर्मी से राहत मिलती है।
- वर्षा ऋतु से भूमि का जल स्तर वापस से सामान्य होता है।
- वर्षा ऋतु से कृषि में फसलों की सिंचाई में मदद मिलती है।
- वर्षा ऋतु के दौरान सभी जगह हरियाली ही हरियाली हो जाती है और भूमि से नए-नए पौधे उगते है।
- वर्षा ऋतु में नदी-नाले, तालाब-कुएँ, पोखर आदि वर्षा के जल से भर जाते हैं।
- वर्षा ऋतु का मौसम बहुत ही सुहावना और आनंद दायक होता है।
- वसंत ऋतु यदि ऋतुओं का राजा है तो वर्षा ऋतुओं की रानी होती है।
Top
Short Essay on Rainy Season in Hindi वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में
वर्षा ऋतु पर निबंध – वर्षा ऋतु भारत की ऋतुओं में से वर्ष की सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक है। पूरे भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत गर्मी के बाद जुलाई से होकर सितम्बर तक चलती है। ये ऋतु असहनीय गर्मी से परेशान हो रहे जीव-जन्तु, लोग आदि के लिए एक राहत की फुहार लेकर आती है और सभी के लिए पूरे वातावरण को खुशनुमा बना देती है।
वर्षा ऋतु पर निबंध /अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
गर्मी ऋतु के बाद वर्षा ऋतु आती है। जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर चार महीने वर्षा ऋतु के हैं। इस ऋतु के दौरान बादल गरजते हैं, बिजली कड़कती है, और फिर वर्षा होती है। पानी बरसने की रिमझिम आवाज बहुत अच्छी लगती है। वर्षा के कारण चारों तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं। बागों में मोर नाचते हैं और कोयल कूकती है। किसान खेती के काम में जुट जाते हैं। वर्षा के जल से नदी-नाले, तालाब-कुएँ, पोखर आदि सब भर जाते हैं। रात्रि में वर्षा के कारण घना अंधकार हो जाता है। जिसके कारण चांद और तारे दिखाई नहीं पड़ते है।
वर्षा ऋतु पर निबंध /अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
वर्षा ऋतु, जो ग्रीष्म ऋतु के बाद आती है, भारत की चार प्रमुख ऋतुओं में से एक है। यह ऋतु पर्यावरण में अनेक प्रकार के परिवर्तन लाती है। यह जून-जुलाई की भीषण गर्मी से राहत देती है, क्योंकि इस मौसम में भारी वर्षा होती है। जिसके कारण वातावरण का तापमान कुछ हद तक गिर जाता है, जिससे सभी को गर्मी से राहत मिलती है। वृक्षों में नए पत्ते और फूल आने लगते हैं। खेत खलियान हरे-भरे हो जाते हैं। वर्षा के कारण प्रकृति का रूप निखर जाता है। वायु में शीतलता छा जाती है, प्राणियों में एक नया उत्साह और नयी उमंग भर जाती है। जैसे-जैसे तापमान घटता है, मौसम और भी सुहावना हो जाता है। इस मौसम में अच्छी वर्षा होती है, तो फसलें अच्छी हो जाती है। पशुओं के लिए चारा मिल जाता है। तालाब, नदी, नालों में पानी भर जाता है जो सारे वर्ष मनुष्यों के काम आता है। ग्रीष्म का प्रचंड ताप दूर हो जाता है। ऋतु सुखद और स्वास्थ्यवर्धक हो जाती है।
वर्षा ऋतु पर निबंध /अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
वर्षा ऋतु साल का एक अनमोल समय है जो आनंद, राहत और ताजगी लाता है। इसके आगमन से मौसम में बदलाव का संकेत मिलता है, क्योंकि प्रकृति खुद को फिर से जीवंत कर लेती है। साथ ही यह पिछले गर्मी के महीनों में पड़ने वाली चिलचिलाती गर्मी से राहत देती है। जैसे ही पहली बारिश की बूंदे आसमान से गिरती है, हवा में तुरंत राहत और ताजगी का एहसास होता है। तापमान में गिरावट आ जाती है। आकाश धूल रहित हो जाता है। वृक्ष धुल जाते है, वायु में शीतलता छा जाती है, सभी प्राणियों में एक नया उत्साह और नयी उमंग भर जाती है। वनों, पहाड़ों, घाटियों और उद्यानों की शोभा तो सहस्त्र गुनी हो जाती है। खेतों में मकई, ज्वार, बाजरा, तिल और धान की फसलें लहलहा जाती हैं। सभी जगह हरियाली ही हरियाली हो जाती है। इसके अलावा, इस ऋतु में खुशी में मोर भी अपने खूबसूरत रंग-बिरंगे पंख फैला कर नाचने लगता है, मेंढक भी टरटराने लगता है। चारों तरफ हरे-भरे घास उग आते हैं, जिससे पशुओं के लिए चारा मिल जाता है। इस ऋतु के कारण पानी के हर एक स्रोत में पानी का स्तर बढ़ जाता है। नदी नाले, कुंए सब में पानी भर जाता है। लोग पके हुए आम को खाने का आनंद लेते हैं। कुल मिलाकर, बरसात का मौसम एक बहुप्रतीक्षित अवधि है जो अपने साथ जीवन और प्रेरणा का एक नया एहसास लेकर आती है।
वर्षा ऋतु पर निबंध /अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में
मनमोहिनी प्रकृति के अनेक रूप हैं। अपने इन रूपों से वह मानव मन को हर्षित करती है, उमंग से भर देती है और नवीन स्फूर्ति से प्रेरित करती है। प्रकृति के इन रूपों में वर्षा ऋतु का रूप विशेष आनंदप्रद और मनभावन है। वसन्त यदि ऋतुओं का राजा है तो वर्षा ऋतुओं की रानी है। वर्षा ऋतु को ‘चौमासा’ भी कहते हैं; क्योंकि इसका आरम्भ आषाढ़ मास में हो जाता है और यह आश्विन तक रहती है। जिस प्रकार कठिन तपस्या, कठोर संयम तथा त्याग से किसी व्यक्ति को महत्ता और गौरव आदि प्राप्त होते हैं, उसी प्रकार वसुंधरा ग्रीष्म सूर्य के असह्य ताप को सहन कर इस ऋतु को प्राप्त करती है। जब संसार के प्राणी ग्रीष्म ऋतु की विकरालता से व्यथित हो, आकाश की ओर टकटकी लगाकर बादलों के दर्शनों के लिए तड़पते हैं; तब प्राणियों की व्यथा से दुःखी बादल की गर्जना सुनाई पड़ती है। आँधी के साथ-साथ बड़ी-बड़ी बूंदे टप-टप करके गिरने लगती है और बड़े जोर से मेघ बरसने लगता है। आकाश धूल रहित हो जाता है। वायु में शीतलता छा जाती है, प्राणियों में एक नया उत्साह और नयी उमंग भर जाती है। कभी नन्ही-नन्ही बौछार पड़ती है तो कभी घनघोर वर्षा होती है। वर्षा के कारण प्रकृति का रूप निखर जाता है। जिधर देखो उधर ही हरी मखमल जैसे कोमल घास से आच्छादित पृथ्वी दृष्टिगोचर होती है। वर्षा ऋतु में पपीहे की ‘पी-पी’ और मोर का नाच वरबस हृदय को आकृष्ट कर लेते हैं। वनों, पहाड़ों और उद्यानों की शोभा तो सहस्त्रगुणी हो जाती है। खेतों में लगी फसलें लहलहा जाती हैं। वर्षा में रात्रि का अन्धकार घना हो जाता है। चंद्रमा और तारे दिखाई नहीं पड़ते। जब वर्षा की झड़ी लगती है और घनघोर घटाएँ उमड़-उमड़ कर आकाश में छा जाती हैं, यह ऋतु प्रत्येक के हृदय में मस्ती, उमंग और आनन्दमयी स्फूर्ति का संचार कर देती है। ऐसी सुन्दर सुखद वर्षा-ऋतु भी कुछ दोषों का कारण होती है। वर्षा के कारण अनेक विषैले कीड़े-मकोड़े उत्पन्न हो जाते हैं, जो मनुष्यों को बड़ी हानियाँ पहुंचाते हैं। इसी प्रकार बाढ़ आने से नदियों का रूप उग्र और भयंकर हो जाता है। इसके कारण फसलें नष्ट हो जाती हैं। फिर भी यह ऋतु आनन्द और अन्त-धन से समृद्ध करने के कारण स्वागत योग्य है।
Submit a Comment Cancel reply
You must be logged in to post a comment.
Hindi Writing Skills
- Formal Letter Hindi
- Informal Letter Hindi
- ई-मेल लेखन | Email Lekhan in Hindi Format
- Vigyapan Lekhan in Hindi
- Suchna lekhan
- Anuched Lekhan
- Anuchchhed lekhan
- Samvad Lekhan
- Chitra Varnan
- Laghu Katha Lekhan
- Sandesh Lekhan
HINDI GRAMMAR
- 312 हिंदी मुहावरे अर्थ और उदाहरण वाक्य
- Verbs Hindi
- One Word Substitution Hindi
- Paryayvaachi Shabd Class 10 Hindi
- Anekarthi Shabd Hindi
- Homophones Class 10 Hindi
- Anusvaar (अनुस्वार) Definition, Use, Rules,
- Anunasik, अनुनासिक Examples
- Arth vichaar in Hindi (अर्थ विचार),
- Adverb in Hindi – क्रिया विशेषण हिंदी में,
- Adjectives in Hindi विशेषण, Visheshan Examples, Types, Definition
- Bhasha, Lipiaur Vyakaran – भाषा, लिपिऔरव्याकरण
- Compound words in Hindi, Samaas Examples, Types and Definition
- Clauses in Hindi, Upvakya Examples, Types
- Case in Hindi, Kaarak Examples, Types and Definition
- Deshaj, Videshaj and Sankar Shabd Examples, Types and Definition
- Gender in Hindi, Ling Examples, Types and Definition
- Homophones in Hindi युग्म–शब्द Definition, Meaning, Examples
- Indeclinable words in Hindi, Avyay Examples, Types and Definition
- Idioms in Hindi, Muhavare Examples, Types and Definition
- Joining / combining sentences in Hindi, Vaakya Sansleshan Examples, Types and Definition
- संधि परिभाषा, संधि के भेद और उदाहरण, Sandhi Kise Kehte Hain?
- Noun in Hindi (संज्ञा की परिभाषा), Definition, Meaning, Types, Examples
- Vilom shabd in Hindi, Opposite Words Examples, Types and Definition
- Punctuation marks in Hindi, Viraam Chinh Examples, Types and Definition
- Proverbs in Hindi, Definition, Format, मुहावरे और लोकोक्तियाँ
- Pronoun in Hindi सर्वनाम, Sarvnaam Examples, Types, Definition
- Prefixes in Hindi, Upsarg Examples, types and Definition
- Pad Parichay Examples, Definition
- Rachna ke aadhar par Vakya Roopantar (रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण) – Types , Example
- Suffixes in Hindi, Pratyay Examples, Types and Definition
- Singular and Plural in Hindi (वचन) – List, Definition, Types, Example
- Shabdo ki Ashudhiya (शब्दों की अशुद्धियाँ) Definition, Types and Examples
- Shabdaur Pad, शब्द और पद Examples, Definition, difference in Shabd and Pad
- Shabd Vichar, शब्द विचार की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Hindi Vyakaran Shabad Vichar for Class 9 and 10
- Tenses in Hindi (काल), Hindi Grammar Tense, Definition, Types, Examples
- Types of sentences in Hindi, VakyaVishleshan Examples, Types and Definition
- Voice in Hindi, Vachya Examples, Types and Definition
- Verbs in Hindi, Kirya Examples, types and Definition
- Varn Vichhed, वर्ण विच्छेद Examples, Definition
- Varn Vichar, वर्ण विचार परिभाषा, भेद और उदाहरण
- Vaakya Ashudhhi Shodhan, वाक्य अशुद्धिशोधन Examples, Definition, Types
- List of Idioms in Hindi, Meaning, Definition, Types, Example
Latest Posts
- Exercises on Prepositions Rules (True or False), Prepositions Exercises
- New Year Wishes in Hindi | नववर्ष की शुभकामनाएँ
- Meadow Surprises Summary, Explanation, Word Meanings Class 7
- My Financial Career Question Answers Maharashtra State Board Class 9
- My Financial Career Summary, Explanation, Theme | Maharashtra State Board Class 9 English Lesson
- Intellectual Rubbish Summary, Explanation, Theme | Maharashtra State Board Class 9 English Lesson
- CBSE Board Exams 2025 Date Sheet Released
- Mystery of the Talking Fan Question Answers (Important)| Class 7 English Honeycomb Book
- New Year Wishes in Hindi
- Diwali Wishes in Hindi
- Friendship Day Wishes in Hindi
- Dussehra wishes in Hindi
- Navratri Wishes in Hindi
- Hindi Diwas Quotes in Hindi
- Congratulations Message in Hindi
- Teacher’s Day Wishes in Hindi
- Ganesh Chaturthi Wishes in Hindi
- Janmashtami Messages in Hindi
- Raksha Bandhan Wishes in Hindi
- Birthday Wishes in Hindi
- Anniversary Wishes in Hindi
- Father’s Day Quotes and Messages
- Father’s Day quotes in Hindi
- International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस Slogans, Quotes and Sayings
- Good Morning Messages in Hindi
- Good Night Messages in Hindi | शुभ रात्रि संदेश
- Wedding Wishes in Hindi
Important Days
- National Space Day Quiz| National Space Day MCQs
- World Soil Day – Date, History, Significance
- International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings by Famous people 2024
- Calendar MCQ Quiz for Various Competitive Exams
- CUET 2024 MCQ Quiz on Important Dates
वर्षा ऋतु पर निबंध – Varsha Ritu Par Nibandh
वर्षा ऋतु पर निबंध बारिश के मौसम की विशेषताओं को समेटे है। इसमें वर्षा ऋतु का हर पहलू भली-भाँति समाहित किया गया है। विद्यार्थियों के लिए यह निबंध निश्चित ही बहुत उपयोगी रहेगा। पढ़ें “वर्षा ऋतु पर निबंध”–
चिलचिलाती धूप और अधिक गर्मी के बाद जून महीने के आरंभ में ही वर्षा ऋतु का प्रारंभ हो जाता है, इस मौसम के आगमन से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलती है और वातावरण खुशनुमा बना रहता है। यह एक सुहावना मौसम है जिसके आने से किसानों को अधिक राहत मिलता है साथ ही लाभ प्राप्त होता है क्योंकि अधिकतर अच्छी फसल वर्षा पर ही निर्भर करती है। आज भी बहुत से ऐसे गाँव है जहाँ पानी की कमी है और वहाँ वर्षा के पानी से पूर्ती संभव हो पाती है, तलाबों और नहरों में पानी भरने के बाद ही लोग पानी का इस्तेमाल अपने अनुसार कर पाते है।
इस ऋतु में पेड़-पौधे तेज़ी से अपना विकास करते है जिसके कारण चारों तरफ हरे-भरे पेड़ नज़र आते है ऐसा दृश्य मनुष्य के मन को आनंदित करता है। वर्षा ऋतु केवल खुशियाँ ही लेकर नहीं आता अपितु कभी-कभी अपने विकराल रूप में भी दस्तक देता है अत्यधिक वर्षा बाढ़ जैसे संकट का कारण बनती है जिसका सबसे अधिक प्रभाव ग्रामीण जनता पर पड़ता है साथ ही लगातार होने वाली बारिश के कारण गाँव के गाँव डूब जाते है और मनुष्य को प्रकृति के साथ-साथ बहुत बड़े स्तर पर जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तथा अनेक प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। इस मौसम में रोगों के फैलने की अधिक संभावना होती हैं इसलिए सभी मनुष्य को इस ऋतु में सावधान रहने की भी आवश्यकता होती है।
यह भी पढ़ें – गणतंत्र दिवस पर निबंध
वर्षा ऋतु का आरंभ
भारत देश में मुख्य चार ऋतुओं में से वर्षा ऋतु अपना एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है इसका आरंभ जून माह में हो जाता है। यह अधिकतर लोगों का पसंदीदा तथा प्रिय समय होता है क्योंकि इस मौसम में धरती पर चारों ओर हरियाली ही हरियाली देखने को मिलती है, आसमान साफ-साफ एवं स्वच्छ दिखता है तथा मिट्टी की खुशबू पूरे वतावरण में फैल जाती है जो मनुष्य के मन को आनंद प्रदान करती है इसके साथ ही इस मौसम की प्रियता का कारण यह भी है कि इसका प्रारंभ शरीर को झुलसा देने वाली धूप तथा परेशान करने वाली गर्मी के बाद होता है जो लोगों को अधिक राहत प्रदान करता है।
यह भी पढ़ें – दीपावली पर निबंध
इस मौसम में बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी बचपना उभरने लगता है, शहर की गलियों में लोग काग़ज की नाव बनाकर बारिश के बहते पानी में छोड़ते हुए नज़र आते है। इस मौसम से होने वाले नुकसान से बचने के लिए भी लोग पहले से अपने घरों की मरम्मत कराते है। यह ऋतु सभी प्राणियों के लिए नव जीवन लेकर आता है, इस मौसम में राष्ट्रीय पक्षी मोर को बरसात में नाचते हुए देखा जा सकता है जो कि बेहद सौंदर्य भरा दृश्य होता है।
साथ ही इस मौसम में कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में लोकगीत गाने की परंपरा भी देखी जाती है। भीषण गर्मी के कारण जो नदी, झील, नालें, तालाब आदि सुख जाते हैं वे सब लगातार होने वाली बारिश के कारण भरने लगते हैं और आगामी समय में लोगों के लिए अधिक उपयोगी साबित होते है। खेतों के लिए तथा फसल लगाने के लिए जल की अधिक मात्रा में आवश्यकता है और वर्षा ऋतु इस आवश्यकता की पूर्ति पूर्ण रूप से करता है।
यह भी पढ़ें – अनुशासन पर निबंध
वर्षा ऋतु में इंद्रधनुष का सौंदर्य
यह एक ऐसा ऋतु है जिसमें इंद्रधनुष के सौंदर्य को अनेक बार देखा जा सकता है। सात रंगों का यह दृश्य अत्यधिक मनभावन होता है जिसे हर उम्र के मनुष्य देखना पसंद करते हैं और प्रकृति के इस मनभावन दृश्य को देखने के लिए अनेक लोग वर्षा के दिनों का इंतज़ार करते है। वातावरण तो खुशनुमा होता ही है लेकिन जिस-जिस दिन इंद्रधनुष का सतरंगी दृश्य साफ-साफ दिखाई देता है उस दिन के सौंदर्य में मानो चार चाँद लग जाता है और लोगों के जीवन में खुशियों के रंग भर जाते है।
मनुष्य के साथ-साथ पशु-पक्षी भी इस मौसम का बेसब्री से इंतज़ार करते और राहत की साँस लेते है। इन दिनों असमान भी साफ-साफ और आसमानी चमक के साथ दिखाई देता है। कभी-कभी इंद्रधनुष के सातों रंग दिखाई देते जिसे मनुष्य अपने कैमरे में कैद कर लेते है। आज-कल पेड़-पौधों की लगातार कटाई और बढ़ते प्रदूषण के कारण यह दृश्य भी बहुत कम देखने को मिलता है। यह भी पढ़ें – परोपकार पर निबंध
वर्षा ऋतु और त्योहार
इस मौसम में मनमोहक वातावरण के साथ-साथ त्योहारों के आने की ख़ुशी भी लोगों के मन में होती है। इस ऋतु के आने के बाद ही भारत देश में त्योहारों की कतार लग जाती है और वातावरण में मौजूद नमी मनुष्य के शरीर को राहत प्रदान करती है जो लोगों के त्योहारों की ख़ुशी को और भी बढ़ा देता है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत देश में त्योहारों का आगमन वर्षा ऋतु के बाद होता है क्योंकि अधिकतर त्योहार इसी मौसम के बाद आते है। इस मौसम के बाद ही भारत देश में तीज, रक्षा बंधन, ओणम जैसे आदि प्रसिद्ध त्योहार भारतवासियों द्वारा हर्ष के साथ मनाए जाते है। यह कहा जा सकता है कि वर्षा ऋतु सभी महत्त्वपूर्ण त्योहारों के स्वागत की तैयारी करता है और धरती को हरा-भरा बनाकर मनुष्य के त्योहार तथा उनकी ख़ुशियों में चार चाँद लगा देता है।
यह भी पढ़ें – कोविड 19 पर निबंध
वर्षा का दृश्य – वर्षा ऋतु पर निबंध
इस ऋतु के आते ही सर्वत्र उल्लास छा जाता है और जीव-जंतु के अंदर आनंद के बीज फूटने लगते है। चारों ओर वर्षा का पानी भरा होता है और उसमें मेंढकों की भरमार होती जिनकी टर-टर सुबह-शाम कानों में गूँजती रहती है इस जीव की ऐसी ध्वनि केवल बरसात के मौसम में ही अधिक सुनने को मिलती है। एक तरफ चमकती हुई बिजली आसमान की शोभा को बढ़ाती है तो दूसरी ओर बरसात की बूँदों के साथ पेड़-पौधें झूमते हुए नज़र आते है।
गाँव के तालाबों और नहरों में पानी लबालब भरा होता है जिसका आस-पास के लोग भरपूर उपयोग करते है। इस मौसम में अनेक रंग-बिरंगे फूल खिलते है जो इस मौसम को और भी रोमांचित बना देते है। धरती का ऐसा सौंदर्य रूप देखकर बादल भी प्रेमी के समान धरती पर अपना प्रेम रूपी जल बरसाने लगते है तथा पृथ्वी को और भी अधिक शोभायमान बना देते है। सूरज की गर्मी से जल रहे खेतों को जल मिलता है, इस मौसम में पहली बरसात को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे धरती की प्यास समाप्त हो रही हो।
इस मौसम में वर्षा के समय का निर्धारण मौसम विभाग के सदस्य भी नहीं कर पाते कभी तो बिना काले बादलों के ही अचानक बरसात होने लगती है और कभी-कभी तेज़ आँधी-तूफ़ान के साथ-साथ काले-काले बादल हो तब भी बरसात नहीं होती साथ ही कभी-कभी लगातार घंटों तक वर्षा होती रह जाती है। इसके कारण मौसम संबंधित आकाशवाणी तथा दूरदर्शन की ख़बरें कभी-कभी गलत सिद्ध हो जाती है। कभी-कभी बरसात के रुकने ही वाली होती है कि फिर से झमाझम बारिश होने लगती है। इस प्रकार इस मौसम में वातावरण बदलता है।
यह मौसम आम जनता के लिए कई प्रकार की परेशानियाँ भी साथ ले आता है जिसका सामना करना कभी-कभी सरल नहीं होता साथ ही बाढ़ जैसी भयानक प्राकृतिक आपदा को भी मनुष्य तथा सरकार को झेलना पढ़ता है।
यह भी पढ़ें – विद्यार्थी जीवन पर निबंध
वर्षा ऋतु किसानों के लिए वरदान
यह ऋतु किसान तथा फसलों के लिए एक वरदान माना जाता है, इस मौसम में मुख्य रूप से ख़रीफ़ फसलों को बोया जाता है। ऐसी फसलों के लिए पानी की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है इसलिए यह मौसम किसानों के लिए अधिक महत्त्व रखता है। किसान वर्षा के जल को तालाबों तथा कुछ बड़े-बड़े गड्ढों में जमा करते है जिसका प्रयोग भविष्य में ज़रूरत पड़ने पर कर सके। इस मौसम के आगमन से किसानों की फसले हरी-भरी और मनभावन हो जाती है साथ ही सभी फसल धीरे-धीरे वृद्धि करने लगती है इसलिए अधिकतर खेत चारों ओर फसलों से भरे हुए नज़र आते हैं।
वर्षा ऋतु के आने से प्रकृति की सुंदरता में चार चाँद लग जाता है और अधिकतर मनुष्य को हरियाली बहुत पसंद होती जो कि इस मौसम में अधिक देखने को मिलती है इसलिए यह मौसम अनेक लोगों का प्रिय मौसम भी है। किसान को इस मौसम में अपने फसलों की सिंचाई के लिए भरपूर जल प्राप्त होता है जिसके कारण उनकी फसल बिना किसी रुकावट के फलती और फूलती है।
भारत देश के ज्यादातर किसान मानसून आधारित बारिश पर ही अपनी फसल बोते है। किसान तपती गर्मी में खेतों में निराई, गुड़ाई, करते है जो कि अत्यधिक मेहनत का काम होता है इसके बाद खेतों में बीजों को डालने का काम करते है। भीषण गर्मी के बाद किसान आसमान में देखते हुए बरसात होने के राह देखते है और जब वर्षा होती है तब किसान हर्ष से भर जाते इसके बाद किसानों के खेतों में मानो रौनक आ जाती है; सभी खेतों में फल, सब्जियाँ, आदि फसल भरपुर मात्रा में उगने लगती है जिसका लाभ किसान और आम जनता को मिलता है।
बारिश का सबसे अधिक महत्त्व किसानों के लिए है क्योंकि किसान ही मनुष्य की पेट की भूख को समाप्त करने के लिए फल, सब्जियाँ और अनाज उगाते है तथा स्वयं इस उत्पादन के बदले में धन राशी प्राप्त करते हैं और अपनी आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करते है। किसानों के लिए वर्षा ईश्वरीय वरदान के रूप में माना जाता है जो कि शरीर को जला देने वाली धूप में खड़े होकर खेतों में की गई उनकी कड़ी मेहनत को सफल बनाता है।
यह भी पढ़ें – “समय का महत्व” निबंध
वर्षा के दिनों प्रकृति का सौंदर्य
इन दिनों प्राकृतिक सौंदर्य भी निखरने लगता है, सभी फल-फूल गर्मी से झुलसने के बाद वर्षा के जल से राहत प्राप्त करते है और हवा के साथ झूमते है। इस मौसम में नैनीताल आदि सभी पहाड़ी इलाकों का सौंदर्य देखते बनता है जो कि मनुष्य को अपनी ओर अधिक आकर्षित करता है। ऐसे मौसम में लोग अधिक से अधिक वृक्ष लगाते है जो कि एक सराहनीय कार्य है एवं वर्षा ऋतु में बारिश का जल तलाबों, कुओं, नहरों में पानी लबालव भर जाता है जिसका उपयोग ग्रामीण इलाकों में बसे हुए मनुष्य भविष्य में करते है और अपने रोज़मर्रा के कार्यों को पूर्ण करते हैं।
इस मौसम में कभी हल्का नीला-नीला साफ आसमान दिखता है तो कभी गहरे काले बादल साथ ही कभी-कभी दोपहर में अंधेरा छाने लगता है आदि प्रकृति के यह सभी दृश्य बच्चों को आश्चर्यजनक लगने लगते हैं साथ ही आनंद देने वाले भी; बच्चे और युवा इस मौसम का खूब आनंद लेते है और बरसात में भीगते है तथा गीली मिट्टी से खेलते है। इस प्रकार इस ऋतु में लोग मनोरजंन भी करते है।
ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु का आगमन होने के कारण प्रकृति लहलहा उठती है और चारों ओर हरियाली ही हरियाली नज़र आने लगती है, अनेक पक्षियों की भिन्न-भिन्न प्रकार की ध्वनियाँ सुनायी देने लगती है और मेंढकों की टर-टर से शहरों तथा गाँव की गलियाँ गूँज उठती है। सब मैदान तथा उद्यान हरी-हरी घासों से भर जाते है और पेड़-पौधों पर कोमल-कोमल नयी-नयी पत्तियाँ दिखने लगती है और उन पत्तियों पर वर्षा की बूँदें मोती के समान प्रतीत होती है। इस मौसम में प्रकृति स्वयं को हरियाली से सँवारती हुई दिखती है और अपने सौंदर्य के निखार को प्रस्तुत करती है जो कि प्रत्येक मनुष्य को राहत प्रदान करता है।
यह भी पढ़ें – दहेज प्रथा पर निबंध
संक्रामक बीमारियों के फैलने की अधिक संभावना
वर्षा ऋतु हमेशा खुशियाँ ही नहीं लाती कभी-कभी संक्रामक बीमारियाँ भी फैलती है, जिनकी चर्चा वर्षा ऋतु पर निबंध में ज़रूरी है। इस मौसम में बीमारियाँ बहुत तेज़ी से फैलती है इसलिए दिन प्रतिदिन लोग अधिक बीमार पड़ने लगते है। एक तरफ तो यह मौसम मनुष्य को भीषण गर्मी से राहत प्रदान करती है तो दूसरी ओर कई संक्रामक बीमारियों को वायु तथा जल के माध्यम से फैलता है।
इस मौमस में मनुष्य को अधिक असुविधा का सामना करना पड़ता है, जगह-जगह पानी भर जाता है साथ ही सड़कों पर कीचड़ तो कभी अत्यधिक पानी भर जाता है जिसके कारण लोगों का घर से बाहर निकल पाना जोखिम भरा हो जाता है तथा उनके आवश्यक कार्य भी नहीं हो पाने, न ही रोज़-रोज़ चिकित्सालय जाना संभव हो पाता है जिसकी वजह से मनुष्य और अधिक बीमार होने लगते है। वर्षा ऋतु के दिनों में डेंगू, डायरिया, तेज़ ज्वर आदि बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है इसके साथ-साथ यह मौसम बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा का कारण भी बनता है जिसमें कई गाँव डूब जाते है तथा लोगों के घर-परिवार उजड़ जाते है।
इस ऋतु में रोगों के फैलने की सम्भावना अधिक हो जाती है तथा लोग पहले से अधिक बीमार होने होने लगते है इसलिए इस मौसम में लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और वर्षा का आनंद लेते हुए बारिश के जल को एकत्रित करना चाहिए| संक्रामक बीमारियों से मनुष्य स्वयं ही बच सकता है अन्यथा ऐसे बीमारियों के परिणाम भयानक रूप में सामने आते है, इसका सबसे बेहतर उपचार सावधानी बरतना और स्वयं को सुरक्षित तथा स्वस्थ रखना है।
यह भी पढ़ें – “मेरा विद्यालय” निबंध हिंदी में
वर्षा ऋतु के फायदे
- वर्षा ऋतु असहनीय गर्मी को कम कम करता है और वातावरण को शीतलता प्रदान करता है। छोटे से छोटे सभी जीव को इस मौसम में गर्मी से राहत मिलती है।
- इस ऋतु में किसानों को खेती करने के लिए अनुकूल वातावरण प्राप्त होता है और सिंचाई के लिए भरपूर जल भी किसानों को मिल जाता है जिसके कारण खेती करने में अधिक सहायता मिलती है।
- नदी, तालाब, नहर आदि जो अत्यधिक गर्मी के कारण सूख जाते है या जिनमें बहुत कम जल बचते है वे सब इस मौसम में बारिश के पानी से पूरा-पूरा भर जाते है।
- इस मौसम में बारिश के जल का संचयन करके वर्ष भर के लिए जल बचाया जा सकता है तथा भविष्य में उसका उपयोग किया जा सकता है, अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी यह प्रक्रिया अपनायी जाती है और जल की कमी को पूर्ण किया जाता है।
- बर्षा ऋतु में सबसे अधिक भू-जल के स्तर में सुधार होता है अर्थात् यह मौसम भूमि के अंदर जल की मात्रा को बढ़ाता है।
- प्रकृति इस मौसम में खिली-खिली नज़र आती है एवं चारों ओर हरियाली ही हरियाली होती है, पेड़-पौधे हरी-हरी पत्तियों से भरे होते है।
- किसान अपने मवेशियों के लिए आसानी से हरा और ताज़ा चारा इकट्ठा कर पाते है और अपने पशुओं को हष्ट-पुष्ट बनाते है।
- वर्षा के मौसम में सूखी और उजाड़ भूमि पर बारिश का जल पड़ने से ऐसे खेतों में खेती करना आसान हो जाता है।
- यह ऋतु सभी जीव-जंतुओं को नवजीवन प्रदान करता है, इस मौसम में नव-जीवन को प्राप्त कर सभी अत्यधिक आनंद लेते ही।
- इस मौसम में मनुष्य को सभी प्रकार के ताज़े-ताज़े फल, सब्जियाँ और भरपूर अनाज मिलता है जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध होता है।
- बारिश होने से ही जंगल के जीव-जंतुओं को जल और भरपूर खाद्य पदार्थ प्राप्त हो पाता है।
- वर्षा ऋतु में बारिश के कारण वायु में स्थित प्रदूषण कम हो जाता है और इस समय की बरसात वायु को स्वच्छ करती है।
- वर्षा ऋतु पर्यावरण तंत्र को बनाए रखता है अगर वर्षा न हो तो चारों ओर पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा मनुष्य बूँद-बूँद को तरसने लगेंगे।
- अगर वर्षा अच्छी होती है तो किसानों को अधिक आमदनी प्राप्त होती है एवं किसानों के व्यापर में वृद्धि होती है वे अपने व्यापार को और अधिक बड़े स्तर तक बढ़ाते है।
- आज भी भारत देश में अधिकतर आमदनी कृषि से प्राप्त होती है अगर वर्षा फसलों की आवश्यकता के अनुकूल होती है तो देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होता है अर्थात् देश तथा देश के लोगों को लाभ प्राप्त होता है।
- वर्षा ऋतु का एक साहित्यिक लाभ भी है कि इस मौसम में लेखक तथा लेखिकाओं को प्रकृति के सौंदर्य को अपनी रचनाओं में चित्रात्मक रूप में उकेरने का अवसर मिलता है।
वर्षा ऋतु के नुकसान
वर्षा ऋतु पर निबंध में हमने इस मौसम के सभी पहलुओं को समेटने की कोशिश की है। अतः इस ऋतु के नुक़सान पर भी चर्चा आवश्यक हो जाती है। आइए, देखते हैं कि इसके क्या संभव नुक़सान हैं।
- लगातार बारिश होने के कारण जगह-जगह पानी तथा कीचड़ जमा हो जाते है जिसके कारण संक्रामक बिमारियों के फैलने का डर बना रहता है।
- भीषण बारिश होने से कई बार बाढ़ आ जाती है जिसमें कई गाँव डूब जाते है जिसके फलस्वरूप मानव और जीव-जंतुओं को भारी क्षति पहुँचती है लेकिन कही न कही मनुष्य स्वयं इसके लिए ज़िम्मेदार है क्योंकि मनुष्य ने जंगलों की कटाई कर दी और पत्थरों की बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी कर ली दूसरी ओर मानव नदियों के किनारे बसते जा रहे है।
- अत्यधिक बारिश भूमि के कटाव का कारण बनती है जिससे उपजाऊ मिट्टी बहकर चली जाती है जो न तो पर्यावरण और फसलों के लिए हानिकारक साबित होता है।
- लगातार बारिश के कारण आम जनता को आवागमन में सबसे अधिक परेशानी होती है और छोटे-छोटे गड्ढों में पानी जमा हो जाता जिसमें मच्छर पैदा होते है जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते है।
- लगातार बारिश होने के कारण अधिकतर फसलें डूब जाती है जिससे किसानों को अधिक नुकसान झेलना पड़ता है साथ ही तेज़ आँधी, तूफान, बारिश लोगों के घरों को कई प्रकार से हानि पहुँचाता है जिसके परिणामस्वरूप घरों की मरम्मत में दूबारा धन खर्च करना पड़ जाता है।
- इस ऋतु में लगातार बारिश में भीगने से ज़्यादातर मनुष्य को खाँसी, बुखार आदि का सामना करना पड़ता है।
- वर्षा ऋतु से केवल लाभ ही प्राप्त नहीं होता है कुछ समस्याओं को भी झेलना पड़ता है, शहरों में सड़कें जल से भर जाती है और लोगों को यातायात की असुविधा का सामना करना पड़ता है।
वर्षा ऋतु पर निबंध – निष्कर्ष
इस ऋतु में संपूर्ण जनजीवन में हर्षोल्लास की लहर दौड़ उठती है। बारिश का पानी पृथ्वी पर रहने वाले लोगों को नव-जीवन प्रदान करता है और यह जल सभी जीव-जंतुओं के लिए अमृत सिद्ध होता है। इस ऋतु में चारों ओर हरियाली ही हरियाली देखकर मनुष्य के मन को शांति मिलती है। वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा जाता है अगर इस ऋतु के अनेक फायदें भी है तो नुकसान भी कम नहीं है लेकिन इसके बाद भी बारिश जनता के लिए जीवनदायिनी बनी रही है।
इस समय लोग हल्की-हल्की बारिश की कल्पना करते है लेकिन कभी-कभी लगातार बारिश लोगों के लिए गंभीर समस्या बन जाती है। मनुष्य के लिए एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि वर्षा ऋतु के समय धरती के जल स्तर को बढ़ाया जा सकता है और जल की कमी को पूर्ण किया जा सकता है। इस मौसम के कुछ नुकसानों से बचते हुए मनुष्य को वर्षा ऋतु का आनंद लेना चाहिए।
यह भी पढ़ें – मेरा प्रिय मित्र
हमें आशा है कि वर्षा ऋतु पर निबंध आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा। विशेषतः छात्र-छात्राएँ इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। यदि आप पाते हैं कि वर्षा ऋतु पर निबंध में कोई पहलू छूट गया जिसे सम्मिलित किया जाना चाहिए, तो हमें टिप्पणी करके अवश्य बताएँ।
आशा है कि हिंदीपथ पर निबंध की श्रृंखला में वर्षा ऋतु का निबंध आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। हमने इस विषय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी निबंध के माध्यम से विस्तृत रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश है। आइये वर्षा ऋतु के निबंध का सार संकलित करते हैं।
- वर्षा ऋतु की शुरुआत ग्रीष्म ऋतु के बाद होती है। इसकी शुरुआत जून/ जुलाई महीने से होती है और सितम्बर/ अक्टूबर महीने तक चलती है।
- इस ऋतु में आसमान में नीले चमकदार रंग के बादल छा जाते हैं और सात रंगों से भरा हुआ इंद्रधनुष दिखाई देता है।
- कृषक वर्ग बेसब्री से वर्षा ऋतु के आगमन के लिए लालायित रहता है।
- इस ऋतू में सड़क गीली होने की वजह से धूल भरी आँधियों से मुक्ति मिल जाती है।
- वातावरण बेहद हरा भरा और हरियाली से ओतप्रोत रहता है।
- नदी, तालाब, नाले पानी से भर जाते हैं और वातावरण में ठंडी हवा के झोंखे फ़ैल जाते हैं।
- पक्षी सुहाने मौसम में बेहद खुश होकर चहचहाने लगते हैं और मोर पंख फैलाकर झूमने लगते हैं।
- वर्षा ऋतु में खेतों में हरियाली छा जाती है और फसलें लहराने लगती हैं।
- जानवर भी खाने के लिए हरी घास पाकर बहुत खुश हो जाते हैं।
हिंदी में अन्य विषयों पर निबंध और हिंदी में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए हिंदीपथ पर बने रहें। हमने कई और विषयों पर निबंध आपके साथ साझा किया है। आप हमारी निबंध के भण्डार में उन्हें पढ़ सकते हैं। हमारा यह प्रयास है कि आप तक हिंदी में महत्वपूर्ण और रोचक जानकारियों में कभी कमी न हो।
- कोविड 19 पर निबंध – Essay on Covid-19 in Hindi
- अनंतनाथ चलीसा – Bhagwan Anantnath Chalisa
Leave a Reply Cancel reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *
वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध
समय समय पर हमें छोटी कक्षाओं में या बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने को दिए जाते हैं। निबंध हमारे जीवन के विचारों एवं क्रियाकलापों से जुड़े होते है। आज hindiamrit.com आपको निबंध की श्रृंखला में वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध प्रस्तुत करता है।
इस निबंध के अन्य शीर्षक / नाम
(1) बरसात पर निबंध (2) वर्षा वैभव पर निबंध (3) वर्षा वर्णन पर निबंध (4) बरसात का दृश्य पर निबंध
पहले जान लेते है वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध की रूपरेखा ।
निबंध की रूपरेखा
(1) प्रस्तावना (2) वर्षा का आगमन (3) वर्षा के विविध हृदय (4) एक दिन की घटना (5) उपसंहार
भारतवर्ष प्रकृति की रमणीय क्रीड़ास्थली है। प्रकृति के जैसे मनोरम दृश्य भारत में देखने को मिलते हैं, वे संसार के किसी अन्य देश में दुर्लभ हैं ।
यहाँ छः ऋतुएँ क्रमशः आती और जाती है, जबकि संसार के अन्य किसी भी देश में छः ऋतुएँ नहीं होती हैं। इन छः ऋतुओं में वर्षा ऋतु अपना विशेष स्थान रखती है।
दिनकर जी के शब्दों में-
“है बसन्त ऋतुओं का राजा। वर्षा ऋतुओं की रानी॥”
वर्षा का आगमन
जेठ का महीना बीत रहा था। ग्रीष्म ऋतु अपने पूर्ण उत्कर्ष पर थी। जेठ की दोपहरी ऐसी तपती थी कि संसार के सभी जीव-जन्तु वृक्षों की छाया में हॉपते हुए समय काटते थे।
मनुष्य लूओं से बचने के लिए कहीं अँधेरे घरों में छिप जाना चाहते थे। धीरे-धीरे आया आषाढ़ का पहला दिन, आकाश में बादल दिखाई दिया। यह वही दिन था जिस दिन कालिदास के प्रिया-विरह से संतप्त यक्ष ने मेघ को अपना दूत बनाया था।
धीरे-धीरे आकाश बादलों से ढक गया। किसानों की जान में जान आ गयी। बादलों को देखकर उनकी आँखें ठंडी होने लगी। एक-दो दिन तक बादल जमते गये।
आखिर बादलों ने धरती की प्यास बुझाई। संसार को चैन मिला। चींटी से लेकर हाथी तक, जड़ से लेकर चेतन तक सभी प्राणियों और वनस्पतियों में नवजीवन का संचार हो गया। चारों ओर हर्षोल्लास छा गया।
वर्षा के विविध दृश्य
वर्षा के विविध दृश्य भी कैसे विचित्र होते हैं? आकाश बादलों से ढका रहता है। कभी-कभी तो कई-कई दिन तक सूर्य के दर्शन नहीं होते। शस्यश्यामला धरती का सौन्दर्य देखते ही बनता है।
वादलों को देखकर वन-उपवन में मोर आनन्दमग्न होकर नाचते हैं। नदी-नालों में उफान आ जाता है। पोखर और सरोवर का पानी सीमा लॉघ जाता है।
नदियाँ जल से तटों को डुबाकर घमंड से इतराने लगती हैं। सब ओर पानी ही पानी दिखाई देता है। मेंढकों की टर्र-टर्र और झींगुरों की झनकार एक विचित्र समा बाँध देती है।
एक दिन की घटना
वर्षा ऋतु अपने चरम उत्कर्ष पर थी। एक दिन एक विचित्र दृश्य उपस्थित हुआ। यह था-श्रावण का एक दिन! आकाश बादलों से ढका हुआ था।
रात बीती, प्रभात हुआ। सूर्य के तो कई दिनों से दर्शन न हुए थे। प्रभात हो जाने पर भी अंधेरा बढ़ता चला आ रहा था। घड़ी साढ़े छः बजा रही थी। हम लोग स्कूल जाने की तैयारी में थे कि अचानक वर्षा आरम्भ हो गयी।
मूसलाधार वर्षा, रुकने का नाम नहीं। थोड़ी देर में सब ओर पानी ही पानी हो गया। गलियों और सड़कों पर पानी की नदियाँ सी बह रही थीं। कुछ देर बाद तो हमारे घर में में भी पानी।
सारे मुहल्ले में शोर मचा था। लगता था जैसे प्रलय आ जायेगी। तीन घंटे की लगातार वर्षा ने सब ओर त्राहि-त्राहि मचा दी। उस दिन स्कूल जाने की किसी में हिम्मत न थी।
सुबह को जलपान हुआ था तत्पश्चात पोखर की तरह जलपूर्ण रसोई में भोजन बनने का प्रश्न ही नही था। उस दिन लाचारी का व्रत हुआ। दिनभर घरों का पानी उलीचते रहे, घरों की सफाई करते रहे ।
हाँ, वर्षा रुकने पर हम लोग घर से बाहर निकले और पानी में छप-छप करते फिरे । बाग में गये, आमों के ढेर लगे थे। खूब छक कर आम खाये। तीसरे पहर घर लौट कर आये।
उस समय पानी साफ हो गया था। धूप निकल आयी थी। भोजन तैयार था और मम्मी-पापा मेरी ही प्रतीक्षा कर रहे थे। सबने भोजन किया। धीरे-धीरे सूर्य अस्ताचल पर पहुँच गया।
इस प्रकार यह बरसात का दिन बीता। आज भी वह दिन मुझे जब याद आता है, देर तक सोचता रहता हूँ।
वर्षा भारत के लिए वरदान बनकर आती है। कभी-कभी बाढ़ और तूफानों से यह प्रलय का दृश्य भी उपस्थित कर देती है।
प्रायः धन-जन की भी क्षति हो जाती है, तथापि वर्षा के द्वारा ही उस विनाश की क्षतिपूर्ति भी हो जाती है।
वर्षा अन्न और जल देने वाली शक्ति है। यह जीवनदायिनी सुन्दर ऋतु है।
यही मानव जीवन का आधार है। इसके आते ही बच्चे गा उठते हैं-
“जीवन-धन-सुखदाई लाई। वर्षा आई, वर्षा आई ॥ पशु-पक्षी मानव हरषाने। जड़-चेतन की प्यास बुझाने ॥ सघन घटाएँ संग में लाई। बर्षा आई, वर्षा आई॥”
अन्य निबन्ध पढ़िये
दोस्तों हमें आशा है की आपको यह निबंध अत्यधिक पसन्द आया होगा। हमें कमेंट करके जरूर बताइयेगा आपको वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध कैसा लगा ।
आप वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।
सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण पढ़िये ।
» भाषा » बोली » लिपि » वर्ण » स्वर » व्यंजन » शब्द » वाक्य » वाक्य शुद्धि » संज्ञा » लिंग » वचन » कारक » सर्वनाम » विशेषण » क्रिया » काल » वाच्य » क्रिया विशेषण » सम्बंधबोधक अव्यय » समुच्चयबोधक अव्यय » विस्मयादिबोधक अव्यय » निपात » विराम चिन्ह » उपसर्ग » प्रत्यय » संधि » समास » रस » अलंकार » छंद » विलोम शब्द » तत्सम तत्भव शब्द » पर्यायवाची शब्द » शुद्ध अशुद्ध शब्द » विदेशी शब्द » वाक्यांश के लिए एक शब्द » समानोच्चरित शब्द » मुहावरे » लोकोक्ति » पत्र » निबंध
सम्पूर्ण बाल मनोविज्ञान पढ़िये uptet / ctet /supertet
प्रेरक कहानी पढ़िये।
हमारे चैनल को सब्सक्राइब करके हमसे जुड़िये और पढ़िये नीचे दी गयी लिंक को टच करके विजिट कीजिये ।
https://www.youtube.com/channel/UCybBX_v6s9-o8-3CItfA7Vg
Tags –
essay on rainy season in hindi in 150 words,essay on rainy season in hindi 100 words,essay on rainy season in hindi language,essay on rainy season in hindi for class 8th,एस्से व रािनय सीजन इन हिंदी,essay on rainy season in hindi for class 1,write a essay on rainy season in hindi,a short essay on rainy season in hindi,short essay on rainy season in hindi,essay on rainy season,a paragraph on rainy season in hindi,write a paragraph on rainy season in hindi,a short paragraph on rainy season in hindi,वर्षा ऋतु पर निबंध,बरसात का मौसम पर निबंध, वर्षा ऋतु पर निबंध for class 4,वर्षा ऋतु पर निबंध in hindi,वर्षा ऋतु पर निबंध for class 6,वर्षा ऋतु पर निबंध for class 8,वर्षा ऋतु पर निबंध for class 9,वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी,वर्षा ऋतु पर हिंदी निबंध,varsha ritu par nibandh,वर्षा ऋतु nibandh in hindi,वर्षा ऋतु एस्से,वर्षा ऋतु पर हिंदी में निबंध,वर्षा ऋतु पर एक निबंध,
Leave a Comment Cancel reply
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
Notify me of follow-up comments by email.
Notify me of new posts by email.
COMMENTS
क्या आप वर्षा ऋतु पर निबंध लिखना चाहते हैं? Essay on Rainy Season in Hindi आपके लिए short essay जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। 100 शब्दों में, 250, 300, 400 words.
वर्षा ऋतु पर छोटा व बड़ा निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए। Short and Long Essay on Rainy Season in Hindi Language.
Essay on Rainy Season in Hindi : दोस्तों आज हमने वर्षा ऋतु पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. वर्षा ऋतु जन जीवन का आधार है, इस समय मौसम सुहावना हो जाता है सभी जीव जंतुओं और मनुष्यों का मन प्रफुल्लित हो उठता है.
वर्षा ऋतु का समय चार महीने का होता है। जुलाई से प्रारंभ होकर अक्टूबर मास तक बरसात रहती है। इन चार महीनों में बरसात से इतना पानी मिल जाता है कि वर्ष भर हम उसका उपयोग करते रहते हैं। खेतों में फसल बरसात पर ही निर्भर रहती है। यदि पर्याप्त मात्रा में वर्षा न हो तो हमें भोजन भी नहीं मिले।.
Varsha Ritu Par Nibandh निबंध के जरिए बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु में उत्पन्न धरती के अनुपम सौंदर्य से अवगत हो सके।
हर व्यक्ति को अलग-अलग ऋतु पसंद आती है। मेरी प्रिय है – वर्षा ऋतु । मई-जून की चुभती गरमी से धरती तप जाती है, पौधे और जीव झुलस जाते हैं। ऐसे में जुलाई माह में वर्षा सबको प्रसन्न करती है। बादलों की सेना गरजते हुए आकाश में छा जाती है और ठंडी हवाएँ गीत सुनाने लगती हैं। ऐसे में मोर की आवाज़ और उसका नाच देखते ही बनता है।.
In this article, we are providing information about Rainy Season in Hindi | 4 well written essay on Rainy Season in Hindi Language. वर्षा ऋतु पर पूरी जानकारी जैसे की सामान्य परिचय, प्राकृतिक शोभा, जन-जीवन, लाभ-हानि ...
वर्षा ऋतु पर निबंध – इस लेख में हम वर्षा ऋतु कब होती है, वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु से क्या लाभ है के बारे में जानेंगे। भारत की ऋतुओं में से वर्ष की सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक वर्षा ऋतु है। इसे ‘मानसून सीजन’ भी कहते है। वर्षा होने से ही किसानों के लिए खेती हेतु पानी मिलता है और फसलें विकसित होती हैं। वर्षा होने से चारों तरफ हरियाली ...
वर्षा ऋतु पर निबंध बारिश के मौसम की विशेषताओं को समेटे है। इसमें वर्षा ऋतु का हर पहलू भली-भाँति समाहित किया गया है। विद्यार्थियों के लिए यह निबंध निश्चित ही बहुत उपयोगी रहेगा। पढ़ें “वर्षा ऋतु पर निबंध”–.
भारतवर्ष प्रकृति की रमणीय क्रीड़ास्थली है। प्रकृति के जैसे मनोरम दृश्य भारत में देखने को मिलते हैं, वे संसार के किसी अन्य देश में दुर्लभ हैं ।. दिनकर जी के शब्दों में- जेठ का महीना बीत रहा था। ग्रीष्म ऋतु अपने पूर्ण उत्कर्ष पर थी। जेठ की दोपहरी ऐसी तपती थी कि संसार के सभी जीव-जन्तु वृक्षों की छाया में हॉपते हुए समय काटते थे।.